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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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THE_PHENOM

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dev ne ek ganw ki sidhi sadhi ladki ke sath shadi ki thi , use kya pata tha ki uski saheliya kya karti hai
kajal abhi tak shamil hui hai ya nahi ye abhi tak clear nahi hai ... wo apne saheli ke sath ghum bas rahi thi ...to kisi ki bat manne ya na manne ka prashn hi nahi hai
ye bhi ho sakta hai :approve:

dhanywad phenom bhai :)


Gaav ki seedhi-sadhi ladki ? ,

Par aapne sayad ye likha tha ki wo college me sath thi, ab gaav ki ladki college me ho, to dev jaisa policewala kuch to pata kiya hoga na, saadi karte waqt, sahi hai na

Aur saheli ke sath ghoomne wali baat, to wo saheli ke alawa kuch aur logo ke sath bhi ghoomi, manik ke sath bhi, kahi bahar bhi gai thi, ek khatarnaak ya kahe ki ghatiya ilaake me bhi gai thi, usne waha ki bast bhi ki thi saayad apne pati se,


To mana ki bas ghoom rahi thi, to fir pati ko sach kyo nhi bola , ki kaha ghoomi ?

Ab jhooth bolne ya sach na batane ki koi to wajah jaroor hogi, kuch aisa, jo wo pati ko batane se dar rahi ho, ya use ye dar ho, ki sach jaan kar pati gussa hoga

Aur sabse badi baat to ab hai, wo chhipi kyo hai, kyo wo apne pati par bharosha kar ke uske paas nhi aai, yaha tak ki baat bhi nhi ki ?

Aur pati bhi kamaal, mobile tracking se sab pata chala, to bhi nhi pucha, darta to nhi hoga, to yaha golu ji ki baat thoda sahi lagi, ki saayad dev hi use push karne laga ho

Chaliye, agle update me dekhte hai, saayad kuch saaf ho

Lage raho doctor
 
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THE_PHENOM

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अध्याय 14

“मानिक “

उस शख्स को देखते ही मेरे मुह से निकला

वही चांदनी उसे देख कर मुस्कुराने लगी , और अपने पैर की उंगली को जमीन पर गिरे हुए मानिक के होठो पर ठिका दिया ..

“अरे वाह मानिक भैया ... अपनी बहन की चूत चटाने आये हो या मूत पीने “

चांदनी की बात में एक अजीब सा व्यंग था , ऐसा व्यंग जो खुद में कई कहानिया कह रहा था , क्या मानिक ने कभी चांदनी का शोषण किया था ???

मेरे दिमाग में चलते हुए कई सवाल मेरे चहरे में स्पष्ट रूप से देख रहे थे ..

“इनसे मिलो देव बाबु ये है मेरा सौतेला भाई मानिक “

“भाई ..??”

“हमारी माँ एक ही थी “

चांदनी ने ठन्डे स्वर में कहा

“वो रंडी मेरी माँ नहीं थी “

निचे पड़ा हुआ मानिक बोल उठा लेकिन उसके इस बात से जैसे चांदनी गुस्से से भर गयी थी ...

उसने एक जोर का लात मानिक को लगा दिया

“साले तुम दोनों बाप बेटा दल्ले ही हो .. पहले तेरे बाप ने नीलिमा जी की दलाली की फिर मेरी माँ की और अब तू काजल की दलाली कर रहा है “

एक जोरदार लात फिर से मानिक के पेट में पड़ा वो दर्द से वही लेटा रहा ..

मुझे उसकी कोई भी बात समझ नहीं आ रही थी ..

“त्तुम लोग ये क्या बात कर रहे हो चांदनी “

“इसका बाप बनवारी , नीलिमा जी का पति था और हम दोनों की माँ शांति देवी नीलिमा की सहेली , बनवारी और मेरी माँ ने गांव में लव मेरिज की , मेरी माँ एक संपन्न परिवार से आती थी वही नीलिमा और बनवारी एक छोटे किसान के बच्चे थे , बनवारी जानता था की शांति एक सीधी साधी लड़की है , उसने उसे प्यार के जाल में फंसा लिया, शांति ने बनवारी के प्रेम के खातिर अपने ही घर में चोरी की , सोने और जेवरात लेकर बनवारी और नीलिमा के साथ गांव छोड़कर यंहा आ गयी , उस बेचारी को क्या पता था की जिसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ छोड़ा है उस हरामी की मनसा क्या है ...

यंहा आकर बनवारी ने जो पहला काम किया वो था शांति की दलाली , उसने नीलिमा को हीरोइन बनाने के चक्कर में शांति को नीलाम कर दिया , फिल्म के प्रोडूसर के पास वो शांति को भेजता ताकि नीलिमा को काम मिल सके ...

और फिर इनके जीवन में आया शरद कपूर जो की एक बड़ा फ़िल्मी हीरो था, बनवारी ने पहले नीलिमा को आगे किया , नीलिमा और शरद में प्रेम की खबर जब बाजार में फैली तो नीलिमा के पास काम का अम्बार लग गया और देखते ही देखते वो एक फिल्म स्टार बन गयी , लेकिन नीलिमा को शरद से सच में पयर हो गया था , वो बनवारी के जाल से छूटकर अपनी जिंदगी शरद के साथ बिताना चाहती थी. लेकिन ऐसा होने से सबसे ज्यदा नुक्सान बनवारी का ही होता, नीलिमा जी की शादी का सीधा मतलब था की उनका करियर ख़त्म और वो घर गृहस्थी में लिप्त हो जाती , और एक सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बनवारी के हाथो से निकल जाती ... बनवारी ने एक चाल चली और फिर से शांति को शरद को सौप दिया ...

बनवारी शरद की फितरत को जानता था , एक हसीन लड़की से बड़ी शरद की कोई कमजोरी नहीं थी , और इसी का फायदा उठाकर बनवारी ने नीलिमा जी के दिमाग से शरद का भुत निकाल दिया , लेकिन बेचारी मेरी माँ अब भी बनवारी और शरद के जाल में फंसी रही , अब वो भी अपने जीवन से तंग आ चुकी थी , जिसे उन्होंने प्रेम किया अपना सब कुछ जिसके लिए सौप दिया वो उसके साथ ऐसा सिला करेगा उन्होंने सोचा भी नहीं था , शांति को एक ही उम्मीद दिखी शरद ..

अगर वो शरद को किसी तरह काबू कर पाती तो वो देश के एक अजीम अदाकार की पत्नी होती,दोलत शोहरत के साथ साथ उसे इज्जत भी नशीब होती जिससे वो अभी तक महरूम ही रही थी , सबसे बड़ी बात थी उसकी आजादी , उस कैद से जो बनवारी ने उसके इर्द गिर्द बना दिया था , पत्नी नहीं तो शरद की रखैल होना भी शांति के लिए बनवारी की बीवी होने से ज्यदा अच्छा था , वो बनवारी के घटिया खेल से उब चुकी थी , उसका मन और जमीर इसकी गवाही नहीं देते ...

बनवारी ने ऐसे तो नीलिमा का भी उपयोग किया लेकिन नीलिमा की बात अलग थी उसके पास खुद का नाम था शोहरत, दौलत और समाज में इज्जत थी , वो आजाद थी और अपने मन का कर पाने का सामर्थ उसने जुटा लिया था , बनवारी उसे भी अपने काबू में रखना चाहता लेकिन बनवारी भी जानता था की नीलिमा को अगर उसके असली मंसूबो की भनक भी लगी तो वो उसे अर्श से फर्श में लाने के लिए एक बार भी नहीं सोचेगी ..

शांति को अपने समस्या का समाधान दिखा जब उसके पेट में शरद का बच्चा था , लेकिन शरद तो शरद था कलियों से खेलकर उसे छोड़ देना उसकी आदत थी ..

और शांति को नीलिमा तो थी नहीं की शरद उसके बारे में सोचता, बनवारी को जो करना था वो बनवारी कर चूका था , शरद और नीलिमा को जो करना था वो कर चुके थे लेकिन शांति ... पेट में शरद का बच्चा लिए वो कहा जाती ..

बनवारी जिसने शरद के पास शन्ति को पहुचाया था वो भी इस बच्चे को अपनाने के लिए तैयार् नहीं था , लेकिन शांति अपने पेट में पल रहे बच्चे को नहीं मारना चाहती थी और इसलिए वो गायब हो गई , नीलिमा चाहे शांति से जितना भी गुस्सा रहे आखिर थी तो वो उसकी सहेली ..

नीलिमा ने आगे बढ़कर शांति को ढूंढा और उसे सहारा दिया , बनवारी इसके खिलाफ था लेकिन नीलिमा ने बनवारी की एक ना सुनी ..

और ऐसे मैं दुनिया में आई ... लेकिन मेरी मुसीबते कम नही थी , कुछ ही दिनों में माँ दुनिया में नहीं रही और मैं नीलिमा देवी के सहारे पलती रही ..

मैं माँ पर हुए हर अत्याचारों का बदला लेना चाहती थी लेकिन ....

बनवारी की नजरो में मैं हमेशा ही कांटे की तरह चुभती रही थी , इसलिए नीलिमा ने मुझे बोर्डिंग में भेज दिया, मैंने कभी माँ बाप का सुख नहीं देखा , एबीएस पैसे पहुच जाते थे ..

जब बड़ी हुई तो समझ आया की नीलिमा ने जो मेरे लिए इतना किया है वो भी शायद कोई नहीं करता इसलिए उनके लिए दिल में एक इज्जत हमेशा रही , मैं अपना रास्ता खुद ही बनाना चाहती थी और जब मैं जवान होकर वापस आई तो बनवारी की आंखे फिर से मुझपर टिक गई वो मुझे दूसरी नीलिमा या शांति बनाने की कोशिस में लग गया, लेकिन मैं ना तो नीलिमा थी ना ही शांति ... उसका साथ दिया उसके इस कमीने बेटे ने मानिक ...

बहुत कोशिस की इन्होने , लेकिन आखिर हार ही गए और मैं इन सबसे दूर निकल गयी ...”

“तुम्हे किसने बताया की तुम शरद का खून हो ...”

मैंने चांदनी से कहा , चांदनी ने एक गहरी साँस लेकर मानिक की ओर देखा जो की अब मुह छिपा रहा था ..

“मुझे बार बार, बनवारी और उसके इस सुपुत्र के द्वारा ये अहसास दिलाया गया की मैं एक नाजायज ओलाद हु, मेरी माँ ने मुझे अपनी गलती के बारे में बताया था , नीलिमा जी ने मुझसे इसका जिक्र नहीं किया लेकिन जब मैं बड़ी होने लगी तो उन्होंने मुझे समझाया था की दुनिया कितनी कुत्ती चीज है ..”

मैंने चांदनी के कंधे में हाथ रखा और उसे सांत्वना दिया ...

“अब काजल का क्या होगा ??”

मैंने अपनी चिंता जाहिर की

“फिक्र मत करो मैं और सबा उसे इन पचड़ो से निकाल लेंगे , लेकिन मुझे ये समझ नहीं आ रहा है की ये दल्ला यंहा क्या कर रहा है “

चांदनी ने जैसे आँखों से ही मानिक को चीरने वाली नजरो से देखा

“मैं यंहा देव के पीछे आया था मुझे लगा की ये काजल से मिलने जा रहा है ..”

मानिक ने घबराते हुए कहा ..

मैं जानता था की यंहा मानिक के अलावा भी कोई होगा जो मेरे पीछे लगा होगा, मैं चांदनी को इसके बारे में आगाह करना चाहता था लेकिन चाँदनी तो खुद ही माहिर खिलाडी थी ...

“ऐसे क्या तुम कबीर को पकडवाने में मेरी कोई मदद कर सकती हो ??”

मैं जानता था की भले ही चांदनी ने ब्यूरो छोड़ दिया है लेकिन वो कबीर को पकडवाने पर गुप्त रूप से काम जरुर कर रही होगी, शायद सबा की मदद के लिए ..

चांदनी हँस पड़ी ..

“इस दल्ले से पूछ लो ये भी तो उसका गोटा ही है ..”

चांदनी की बात से मानिक थोडा घबरा गया था ,जरुर मानिक और कबीर के बीच कुछ लिंक होगा , मैं मानिक से आराम से पुछ्ताज करना चाहता था , जिसके लिए वो भी मान गया था, मैं उसे कल मिलने का बोलकर वंहा से निकल गया ..

रात हो चली थी बिस्तर में गिरते ही मैं नींद के आगोस में चला गया ...

सुबह न्यूस चेनल खोलते ही मेरी आँखे बड़ी हो गई ...

‘पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर निशा कपूर ने शरद कपूर की बेटी होने का दावा किया , डीएनए टेस्ट पुष्टि की जाएगी , अगर निशा सही हुई तो वो शरद कपूर के 750 करोड़ के जायजाद की अकेली अधिकारी होगी.....निशा कपूर की माँ का नाम शांति कपूर था जो की नीलिमा जी की भाभी भी थी ... आखिर निशा की बात में इतनी है सच्चाई , क्या कहते है शरद के करीब जानने के लिए देखते रहिये .....’

“निशा कपूर .... “

मैंने एक गहरी साँस लेते हुए कहा था ...... ये नाम सुनते ही मुझे अपने पुलिस पोस्टिंग के दौर के कई किस्से याद आ गये, तो चांदनी ही निशा कपूर है , निशा कपूर जिसकी चर्चा करते लोग थकते नहीं थे , अपने मादक जिस्म का उपयोग जो किसी जाल की तरह करती थी जिसमे ना जाने कितने क्रिमिनल्स फंस गए , मैंने एक गहरी साँस ली और मानिक से पुछ्ताज करने ऑफिस निकल गया ........

Is update me jo bhi aapne bataya, wo saauad pahle hi samjh aa chuka tha, bas ek baat samjh nhi aai

Manik ne kajal ki dalali kab kar di, neelima ki mout ke pahle hi, ya baad me ?

Aur agar aisa hai, tab to kajal ne bada dhokha de diya apne pati ko

Dekhte hai aage kya dikhate ho

Lage raho doctor
 
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Studxyz

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वाह भाई डॉ जी क्या जाल बुना है कि हर कोई शरद का क़ातिल नज़र आता है और ये मणिक साला दलाल है वो तो मालूम ही था लेकिन काजल की चुदाई करवाया पाया की की नहीं ? वैसे है तो वो भी छिनाल ही चुदवा तो ली होगी :D

अब ज़रा देव में भी मर्दानगी जगा दो साले ने हाथ आये माणिक को फिर से छोड़ दिया और कुछ काली दुनिया की मालकिन काजल के भी हाल चाल सुनवा दो
 
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Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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वाह भाई डॉ जी क्या जाल बुना है कि हर कोई शरद का क़ातिल नज़र आता है और ये मणिक साला दलाल है वो तो मालूम ही था लेकिन काजल की चुदाई करवाया पाया की की नहीं ? वैसे है तो वो भी छिनाल ही चुदवा तो ली होगी :D

अब ज़रा देव में भी मर्दानगी जगा दो साले ने हाथ आये माणिक को फिर से छोड़ दिया और कुछ काली दुनिया की मालकिन काजल के भी हाल चाल सुनवा दो
:roflol: :lol: :lotpot:
Is review ko padhne ke Kajal bhi baar baar yehi soch rahi hogi ki as a heroine is story pe aake bahot badi galti kar di hai usne aur mann hi mann writer sahab ko gariya de rahi hogi ki ushe kahe phir se heroine banaya unhone :roflol:
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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अध्याय 2
Ye maanik to ek no ka tharki hai sala,,,:bat1:
Ise apni bua ke marne ka koi dukh nahi hai balki ye to kajal par dore daal raha hai aur usko apni hawash ka shikaar banana chahta hai. Dev ne sahi kiya jo time se kajal ko le gaya warna maanik to dusra kaand karne ki firaaq me hi tha. Neelam devi ki hatya kahi isi ne na ki ho aur maamla suicide ka bana diya ho,,,,:dazed:
 

Chutiyadr

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