अध्याय 15
जिस रात देव चांदनी से बाते कर रहा था उसी रात वंहा से कही दूर एक मकान में ...
एक लड़की नग्न अवस्था में बिस्तर में उल्टे लेटी हुई थी और उसके पीछे खड़ा एक छः फुट पांच इंच लम्बा और चौड़ी छाती वाला शख्स उसे वासना से भरी निगाहों से घुर रहा था , उसके आंखे वासना के आवेग में लाल हो चुकी थी , वो भी पूरी तरह से नग्न अपने छाती में उगे हुए बाल को सहलाते हुए उस लड़की के कोमल जिस्म को देख रहा था ,
वो पास आया और उसके हाथ लड़की के कोमल उठे हुए कुलहो को हलके हाथो से सहलाने लगे और फिर अचानक से मानो उसे कुछ हुआ और उसने एक जोरदार चमचा लड़की के कुल्हे पर मार दिया ..
“आह कबीर दर्द होता है , तुम पुरे जानवर हो “
लड़की ने अपना चहरा उस आदमी की तरफ किया , उसके कुलहो की गोरी त्वचा कबीर के मारने से लाल हो चुकी थी , लेकिन कबीर को उसकी इस दशा को देख ख़ुशी ही हुई ...
“तू है ही ऐसी की मेरा जानवर जगा देती है “
कबीर ने उसके कमर को किसी खिलौने की तरह उठा लिया और अपनी ओर खिंच लिया ..
कबीर का खड़ा लिंग उस लड़की के योनी से टकराने लगा ..
“आह अम्मी “
लिंग के योनी में प्रवेश करते ही वो सिसकी और पास पड़े तकिये को कस कर पकड़ लिया ...
“साली कुतिया “
कबीर ने फिर से एक जोरदार तमाचा उसके पीछे मारा और अपनी गति बड़ा दी ...
“आह कबीर “
लड़की मजे में सिसकिया ले रही थी , तभी कबीर अपने शरीर को उस लड़की के उपर डाल कर उसके गले को अपने हाथो में दबोच लिया ..
“साली कुतिया तेरे नर्म चुतडो को आज मैं फाड़ दूंगा , साली ..”
कबीर उत्तेजित हो रहा था और लड़की को पूरी तरह से अपने काबू में कर चूका था , लड़की भी खुद को मानो उसे सौप चुकी थी ...
कबीर के शरीर के भार के कारण वो हिल भी नहीं पा रही थी ...
कबीर ने उसका गला दबा दिया और उसके होठो को अपने दांतों से हल्के हल्के कटाने लगा ..
“काजल .. काजल “
कबीर की सांसे बहुत ही तेज हो चुकी थी शरीर ऐसा गर्म जैसे की बुखार आया हो ..
“कबीर ..”
लड़की उसकी उत्तेजना से खुद को भी उत्तेजित महसूस कर रही थी ..
“साली रंडी तू मेरी रंडी है ,”
कबीर ने उसके गालो को एक तमाचा जड़ दिया
लड़की के आँखों से आंसू आ गए
“बोल तू मेरी रंडी है ...”
“हा हु “
“नाम क्या है तेरा “
कबीर के उत्तेजना सी सीमा बढ़ने लगी
“परवीन ..”
“साली तेरा नाम बोल “
कबीर ने अपनी कमर को जोरो से लड़की के चूतडो में चला दिया , और जैसे लड़की को कुछ समझ आ गया
“आह काजल ..”
“तू कौन है ??“
“तुम्हारी रंडी हु “
“हा तू मेरी रंडी है ...साली “
कबीर पुरे ताकत में लड़की को भोगता रहा जब तक की वो उसके अंदर पूरी तरह से नही गिर गया ...
कबीर हांफता हुआ परवीन के उपर गिर गया
“तुम काजल का नाम सुनकर पागल क्यों हो जाते हो “
जब कबीर थोडा शांत हुआ तो परवीन उर्फ़ सबा ने कहा , कबीर पसीने से तर हुआ सबा के बाजु में पड़ा हुआ था ...
“उस साली का चहरा याद करके ही कुछ हो जाता है , इस मादरचोद शरद को भी अभी मरना था, पूरी सेटिंग हो चुकी थी आज तेरे जगह तेरी वो सहेली मेरे बगल में लेटी होती “
कबीर की बात सुनकर सबा मुस्कुराने लगी
“तुमने सिर्फ एक चूत के चक्कर में इतना बड़ा रिस्क ले लिया , यंहा आ गये “
सबा को हँसता हुआ देख कबीर का दिमाग गर्म हो गया उसने सबा का मुह दबा लिया
“साली किसमे इतनी ताकत है की मुझे पकड सकता है , अंदर तक मेरे लोग है , तो मेरी फिक्र छोड़ और पता कर की वो साली रंडी आखिर छिपकर कहा बैठी है “
सबा की आँखों में कबीर के इस रूप को देखकर एक डर आ गया .. उसने बस हां में सर हिलाया
कबीर उठकर नंगा ही वंहा से निकल गया ..
वो कमरे से बाहर ही आया था की उसकी नजर नीचे पड़ी , निचे सोफे में एक 45-50 साल का शख्स बैठा हुआ शराब पि रहा था , वो सोफे में ऐसे बैठा था की सोफे भी थोडा दब गया था , शरीर से भारी वो शख्स कबीर को देखते ही मुस्कुरा उठा ..
“अबे लाला तू कब से आया हुआ है “
कबीर नंगा ही निचे उतरने लगा , लाला अभी भी वही जमा हुआ शराब के जाम को बड़े ही चाव से पि रहा था ..
“बहुत देर हो गया , तेरे और तेरे रांड की चुदाई की आवाज सुन रहा था बैठे बैठे “
लाला बोलते हुए हँस पड़ा और उसकी गंदे दांतों की पंक्तिया सामने आ गयी , उसके कमीनेपन को देखकर कबीर भी मुस्कुराने लगा और वो भी आकर दुसरे सोफे में पसर गया ..
“कबीर तुझे नहीं लगता की तू आग से खेल रहा है “
लाला की बात सुनकर कबीर उसके चहरे को देखने लगा
“मतलब “
“मतलब तेरी ये रांड , सबा उर्फ़ परवीन ... तूने इसके बाप को मारा था फिर रशीद से इसे अलग करके तू इसे अपने साथ ले गया , तुझे भी पता है की ये एक सीक्रेट एजेंट है , और आज भी तुझे पकडवाने के लिए ही काम कर रही है फिर भी तू इसे अपने साथ रखे हुए है , और साथ ही रशीद , इसका प्रेमी , क्या उसकी गांड नहीं जलती होगी जब तू उसकी माशूका को अपनी पर्सनल रंडी की तरह खेलता है , और तूने उसे अपना आधा धंधा दे दिया है ... ये साले तो बस मौके के तलाश में है की कब तेरे पीठ पर छुरा भोंग दे “
लाला की बात सुनकर कबीर जोरो से हँसने लगा
“दुश्मनों की गांड जलाने में और उन्हें अपने लंड के निचे रखने में जो मजा है न लाला वो किसी भी चीज में नहीं है , मुझे पता है की ये लोग कौन है और क्या चाहते है और इसलिए मुझे इनसे कोई दिक्कत नहीं है , इन्हें लगता है की ये मेरे साथ खेल रहे है लेकिन मैं इनके साथ खेल रहा हु , और ऐसे भी जब तक पुलिस, सीक्रेट सर्विस और पॉलिटिक्स में मेरे कनेक्शन जिन्दा है मुझे कोई नहीं पकड़ सकता , ये तो साले बस बलि के बकरे है जिन्हें लगता है की एक दिन ये मुझे पकडवा लेंगे या मार डालेंगे “
कबीर की बात सुनकर लाला हँसने लगा ..
“बात तो तेरी सही है लेकिन तू तो ३ रांड चाहता था एक तो तुझे मिल गयी लेकिन बाकि की दो , “
“शरद की मौत से मुझे बहुत नुकसान हो गया लाला ,साला मरता नहीं तो डील भी हो जाती और वो रंडी काजल भी मेरे नीचे होती और वो दूसरी लड़की निशा कपूर वो साली तो शरद की बेटी निकली ... हमें कैसे पता नहीं चला “
“वो साला शरद का चमचा था न उसे सब कुछ पता था उस लड़की के बारे में , लेकिन हमने उतना ध्यान नहीं दिया “
“कौन मानिक ??”
“हा वही नीलम का भतीजा “
कबीर थोडा गंभीर दिख रहा था ...
“लाला ये हो क्या रहा है ??? नीलम जी मारी गई , शरद मर गया , हमारे दो पहुच वाले लोग चले गए वो भी हमारे ही ड्रग्स को बनाने में लगने वाले जहर से ...??? काजल गायब हो गयी और ये निशा रातो रात करोडो की मालकिन बन गयी , शरद के पास हमारा भी बहुत पैसा पड़ा था सब डूब गया , और किसी को कुछ पता ही नहीं “
“हा सब इतने तेजी से हुआ की कुछ समझ भी नहीं आया, सब कुछ हमारे हाथो में ही था , नीलम की मौत से एक झटका जरुर लगा लेकिन फिर सब कंट्रोल में चल रहा था , वो काजल भी हमारे जाल में फंस चुकी थी , उसका पति भी किसी काम का नहीं है , वो तो बस अँधेरे में ही हाथ पैर मार रहा है अभी तक , सब कंट्रोल में था लेकिन फिर शरद की मौत ???”
“पता कर लाला की वो कहा है और आखिर शरद की मौत हुई कैसे ??”
“मैं तो अपनी आंखे कान पूरी तरह से खोलकर रखा हु , लेकिन सुना है की वो साली रंडी किसी बहुत ही पावरफुल लोगो के प्रोटेक्शन में है ...”
कबीर गंभीर होकर दारू की चुसकी लगाने लगा ...
“इस केस में लगे SP मनोज से बात कर और उसे बोल की काजल को इस केस से बाहर निकाले , किसी को भी पकड कर फंसा दे , लेकिन उसे बाहर निकाले , वरना उस तक पहुचना मुस्किल हो जायेगा “
लाला बड़े ही गोर से कबीर को देखने लगा
“तुम्हारे ही कहने पर हमने मनोज को इस केस में लगाया, और काजल को मुख्य मुजरिम बनवाया , अब तू बोल रहा है की उसे केस से बाहर निकालो ??”
“उस टाइम की बात अलग थी , तब लगा था की शरद की मौत में फंसकर काजल को अपने काबू में कर लूँगा , लेकिन साली वो तो गायब ही हो गयी और ऐसे गायब हुई की ना तो पुलिस उसे ढूंढ पा रहे है और ना ही हम लोग और ना ही उसका पति भी ... सबा को भी उसका कोई पता नहीं ... अगर केस रफा दफा नहीं हुआ वो तो बाहर ही नहीं आएगी , और ना ही उसका वो राज पता चल पायेगा जो वो छिपा कर बैठी है , जो उसने सबा से कहा था और फिर शरद से .... शरद तो गया अब नया डील करने वाला भी जल्द से जल्द ढूंढ लो ”
लाला ने उसकी बात सुनकर बस हां में सर हिला दिया ........