• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest काली पहाड़ी की जंगल यात्रा

dreamboy2902

Member
270
548
94
अपडेट १

"राघव यार, इस बार फिर से लड़के वाले मेरी दीदी का रिश्ता ठुकरा कर चले गए"

"सत्यम भाई, मेरी मम्मी एक बड़े ज्ञानी पंडित को जानती हैं तू कहे तो मैं अपनी मम्मी से बात करूं"

"अच्छा ठीक है इस बारे में मैं मम्मी से पूछ कर तुझसे बात करूंगा" कहकर सत्यम ने कॉल काट दिया।

दरअसल बात ये थी कि सत्यम की दीदी हंसिका २६ साल की हो चुकी थी देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन उसके साथ कोई शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था इसलिए कई बार लड़के वाले हंसिका का रिश्ता ठुकरा कर चले गए थे।

सत्यम की मम्मी पार्वती ४६ वर्ष की विधवा औरत थी, ५ साल पहले हार्ट अटैक की वजह से पार्वती के पति की मौत हो गई थी, पार्वती अपने पति धर्मवीर का ज्वैलरी बिजनेस चला रही थी उसकी कंपनी का नाम राधाकृष्ण ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड था।

सत्यम एक एवरेज सा लड़का है उम्र २३ वर्ष है जिसकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और अपनी मम्मी के साथ अपने पापा की कंपनी में काम करता था और फ्री टाइम में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करता है।

पार्वती की पर्सनल सेक्रेटरी उसके बचपन की सहेली सविता थी, सविता की उम्र ४६ वर्ष थी, सविता का पति अशोक एक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गया था, अशोक के जीवन के कुछ दिन ही रह गए हैं उसकी धड़कन चल रही है बाकी शरीर ने काम करना लगभग बंद कर दिया है।

सविता का बेटा राघव (२३) सत्यम का अच्छा दोस्त है, लेकिन ये छुपारुस्तम टाइप का लड़का है, अपने दिल की बातें किसी से भी नहीं कहता है, ये सत्यम के साथ उसकी कंपनी में ही काम करता है।

राघव के कहने पर सत्यम अपनी मम्मी से बात करता है लेकिन पार्वती मना कर देती है क्योंकि ये बात सविता पार्वती से ऑफिस में कह–कहकर थक चुकी थी पर सत्यम काफी ज्यादा दबाव डालकर कहता है कि मम्मी एक बार कोशिश करके देख लेते हैं क्या पता सच में हंसिका दीदी की कुंडली का दोष हट जाए तो काफी देर तक सोचने के बाद आखिर पार्वती अपने बेटे की बात मान जाती है।

फिर सत्यम अपने दोस्त राघव को कॉल करके बता देता है कि उसकी मम्मी मान गई हैं और राघव अपनी मम्मी सविता को बता देता है, उसके अगले दिन सविता एक पंडित जी को लेकर पार्वती के घर पहुंच जाती है।

पंडित जी पार्वती से उसकी बेटी हंसिका की कुंडली मांगते हैं और कुंडली देखने के बाद चिंतित हो जाते हैं।

पार्वती– क्या बात है पंडित जी ? आप परेशान क्यों हो गए

पंडित जी– हंसिका बेटी की कुंडली में बड़ा खतरनाक दोस्त है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

पार्वती डर जाती है और रोने लगती है– पंडित जी ऐसा मत बोलिए कोई तो रास्ता होगा जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए।

पंडित जी– केवल एक रास्ता है बेटी!

पार्वती– क्या?

पंडित जी– काली पहाड़ी पर कालभैरव की पूजा विधि अनुसार पूरी करनी होगी तभी तुम्हारी बेटी की जान बच सकती है।

पार्वती– मैं तैयार हूं पंडित जी, मैं कल ही चली जाऊंगी।

पंडित जी– पूजा में तुम्हारा पूरा परिवार उपस्थित होना चाहिए बाकी पूजा की विधि तुम्हें काली पहाड़ी के कालभैरव मंदिर में ही पता चलेगी वहां के तांत्रिक विधि अनुसार पूजा करवा देंगे।

पार्वती– ठीक है पंडित जी मैं अपने बेटे और बेटी के साथ कालभैरव के मंदिर पहुंच जाऊंगी लेकिन ये काली पहाड़ी कहां है ?

सविता– पार्वती मुझे पता है कि काली पहाड़ी कहां है , राघव जब छोटा था तो हमेशा बीमार रहता था उसकी स्वास्थ के लिए मैंने काली पहाड़ी पर कालभैरव के मंदिर में पूजा करवाई थी और फिर राघव बिलकुल ठीक हो गया।

पार्वती– फिर तुम और राघव दोनों हमारे साथ चल लेना।

सविता– क्यूं नही पार्वती,,,,

पार्वती– दक्षिणा कितना देना है पंडित जी

पंडित जी– हिहिही आप अपने मन अनुसार दे दीजिए।

तभी पार्वती १० लाख का चेक काट के पंडित जी को दे देती है और पंडित जी कांपते हुए हाथ से उस चेक को अपनी पॉकेट में रख लेते है। फिर पंडित जी और सविता कार में बैठकर निकल जाते हैं।

शाम को ऑफिस से जब सत्यम और हंसिका घर आते हैं तो पार्वती उन्हें सब कुछ बता देती है और वह दोनों कल के लिए जाने की तैयारी करने लगते हैं।

इधर सविता और पंडित जी गाड़ी से एक कच्ची सड़क से होकर जा रहे थे।

पंडित जी– देखिए मैने आपका काम कर दिया, अब आप मुझे १० लाख रुपिया दीजिए।

सविता– साले तुझे १० लाख मिल तो गए,,,,

पंडित जी– ये तो पार्वती जी ने दक्षिणा दी है, आप भी दीजिए नही तो मैं पार्वती जी को सब कुछ बता दूंगा।

सविता गाड़ी रोकती हुई– आप तो गुस्सा हो गए पंडित जी, पीछे डिक्की में रखे हुए हैं पूरे १० लाख कैश, उतरिए और निकाल लीजिए।

पंडित जी मुस्कुराए हुए गाड़ी से बाहर आते है और जैसे ही डिक्की खोलते हैं तो वहां उन्हें कुछ नहीं मिलता है।

पंडित जी गुस्से में कार की विंडो के पास आकर बोले– ये क्या बेहूदा,,,,,,, पंडित जी इतना ही बोल पाए कि तभी बंदूक से एक गोली निकलकर पंडित जी के खोपड़ी के आर पार चली गई।

एक पेड़ के पीछे राघव पिस्टल लिए खड़ा था और उसका निशाना बिलकुल सटीक बैठा था। सविता ने गाड़ी से बाहर उतरकर पंडित जी की पॉकेट में से १० लाख का चेक निकाल के अपने पास रख लिया, फिर राघव और सविता गाड़ी में बैठकर अपने घर निकल गए।
 
Last edited:

dreamboy2902

Member
270
548
94
ये स्टोरी एक शॉर्ट स्टोरी है मुश्किल से १०० पेजेस के अंदर खत्म हो जाएगी।
 
  • Like
Reactions: Napster

Abhishek Kumar98

Well-Known Member
8,330
9,079
188
अपडेट १

"राघव यार, इस बार फिर से लड़के वाले मेरी दीदी का रिश्ता ठुकरा कर चले गए"

"सत्यम भाई, मेरी मम्मी एक बड़े ज्ञानी पंडित को जानती हैं तू कहे तो मैं अपनी मम्मी से बात करूं"

"अच्छा ठीक है इस बारे में मैं मम्मी से पूछ कर तुझसे बात करूंगा" कहकर सत्यम ने कॉल काट दिया।

दरअसल बात ये थी कि सत्यम की दीदी हंसिका २६ साल की हो चुकी थी देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन उसके साथ कोई शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था इसलिए कई बार लड़के वाले हंसिका का रिश्ता ठुकरा कर चले गए थे।

सत्यम की मम्मी पार्वती ४६ वर्ष की विधवा औरत थी, ५ साल पहले हार्ट अटैक की वजह से पार्वती के पति की मौत हो गई थी, पार्वती अपने पति धर्मवीर का ज्वैलरी बिजनेस चला रही थी उसकी कंपनी का नाम राधाकृष्ण ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड था।

सत्यम एक एवरेज सा लड़का है उम्र २३ वर्ष है जिसकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और अपनी मम्मी के साथ अपने पापा की कंपनी में काम करता था और फ्री टाइम में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करता है।

पार्वती की पर्सनल सेक्रेटरी उसके बचपन की सहेली सविता थी, सविता की उम्र ४६ वर्ष थी, सविता का पति अशोक एक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गया था, अशोक के जीवन के कुछ दिन ही रह गए हैं उसकी धड़कन चल रही है बाकी शरीर ने काम करना लगभग बंद कर दिया है।

सविता का बेटा राघव (२३) सत्यम का अच्छा दोस्त है, लेकिन ये छुपारुस्तम टाइप का लड़का है, अपने दिल की बातें किसी से भी नहीं कहता है, ये सत्यम के साथ उसकी कंपनी में ही काम करता है।

राघव के कहने पर सत्यम अपनी मम्मी से बात करता है लेकिन पार्वती मना कर देती है क्योंकि ये बात सविता पार्वती से ऑफिस में कह–कहकर थक चुकी थी पर सत्यम काफी ज्यादा फोर्स करके कहता है कि मम्मी एक बार कोशिश करके देख लेते हैं क्या पता सच में हंसिका दीदी की कुंडली का दोष खत्म हो जाए तो काफी देर तक सोचने के बाद आखिर पार्वती मान जाती है।

फिर सत्यम अपने दोस्त राघव को कॉल करके बता देता है कि उसकी मम्मी मान गई हैं और राघव अपनी मम्मी सविता को बता देता है, उसके अगले दिन सविता एक पंडित जी को लेकर पार्वती के घर पहुंच जाती है।

पंडित जी पार्वती से उसकी बेटी हंसिका की कुंडली मांगते हैं और कुंडली देखने के बाद चिंतित हो जाते हैं।

पार्वती– क्या बात है पंडित जी ? आप परेशान क्यों हो गए

पंडित जी– हंसिका बेटी की कुंडली में बड़ा खतरनाक दोस्त है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

पार्वती डर जाती है और रोने लगती है– पंडित जी ऐसा मत बोलिए कोई तो रास्ता होगा जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए।

पंडित जी– केवल एक रास्ता है बेटी!

पार्वती– क्या?

पंडित जी– काली पहाड़ी पर कालभैरव की पूजा विधि अनुसार पूरी करनी होगी तभी तुम्हारी बेटी की जान बच सकती है।

पार्वती– मैं तैयार हूं पंडित जी, मैं कल ही चली जाऊंगी।

पंडित जी– पूजा में तुम्हारा पूरा परिवार उपस्थित होना चाहिए बाकी पूजा की विधि तुम्हें काली पहाड़ी के कालभैरव मंदिर में ही पता चलेगी वहां के तांत्रिक विधि अनुसार पूजा करवा देंगे।

पार्वती– ठीक है पंडित जी मैं अपने बेटे और बेटी के साथ कालभैरव के मंदिर पहुंच जाऊंगी लेकिन ये काली पहाड़ी कहां है ?

सविता– पार्वती मुझे पता है कि काली पहाड़ी कहां है , राघव जब छोटा था तो हमेशा बीमार रहता था उसकी स्वास्थ के लिए मैंने काली पहाड़ी पर कालभैरव के मंदिर में पूजा करवाई थी और फिर राघव बिलकुल ठीक हो गया।

पार्वती– फिर तुम और राघव दोनों हमारे साथ चल लेना।

सविता– क्यूं नही पार्वती,,,,

पार्वती– दक्षिणा कितना देना है पंडित जी

पंडित जी– हिहिही आप अपने मन अनुसार दे दीजिए।

तभी पार्वती १० लाख का चेक काट के पंडित जी को दे देती है और पंडित जी कांपते हुए हाथ से उस चेक को अपनी पॉकेट में रख लेते है। फिर पंडित जी और सविता कार में बैठकर निकल जाते हैं।

शाम को ऑफिस से जब सत्यम और हंसिका घर आते हैं तो पार्वती उन्हें सब कुछ बता देती है और वह दोनों कल के लिए जाने की तैयारी करने लगते हैं।

इधर सविता और पंडित जी गाड़ी से एक कच्ची सड़क से होकर जा रहे थे।

पंडित जी– देखिए मैने आपका काम कर दिया, अब आप मुझे १० लाख रुपिया दीजिए।

सविता– साले तुझे १० लाख मिल तो गए,,,,

पंडित जी– ये तो पार्वती जी ने दक्षिणा दी है, आप भी दीजिए नही तो मैं पार्वती जी को सब कुछ बता दूंगा।

सविता गाड़ी रोकती हुई– आप तो गुस्सा हो गए पंडित जी, पीछे डिक्की में रखे हुए हैं पूरे १० लाख कैश, उतरिए और निकाल लीजिए।

पंडित जी मुस्कुराए हुए गाड़ी से बाहर आते है और जैसे ही डिक्की खोलते हैं तो वहां उन्हें कुछ नहीं मिलता है।

पंडित जी गुस्से में कार की विंडो के पास आकर बोले– ये क्या बेहूदा,,,,,,, पंडित जी इतना ही बोल पाए कि तभी बंदूक से एक गोली निकलकर पंडित जी के खोपड़ी के आर पार चली गई।

एक पेड़ के पीछे राघव पिस्टल लिए खड़ा था और उसका निशाना बिलकुल सटीक बैठा था। सविता ने गाड़ी से बाहर उतरकर पंडित जी की पॉकेट में से १० लाख का चेक निकाल के अपने पास रख लिया, फिर राघव और सविता गाड़ी में बैठकर अपने घर निकल गए।
Bahut jabardast start hai bhai bas hero Satyam hi rahe please
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
6,057
6,392
173
अपडेट १

"राघव यार, इस बार फिर से लड़के वाले मेरी दीदी का रिश्ता ठुकरा कर चले गए"

"सत्यम भाई, मेरी मम्मी एक बड़े ज्ञानी पंडित को जानती हैं तू कहे तो मैं अपनी मम्मी से बात करूं"

"अच्छा ठीक है इस बारे में मैं मम्मी से पूछ कर तुझसे बात करूंगा" कहकर सत्यम ने कॉल काट दिया।

दरअसल बात ये थी कि सत्यम की दीदी हंसिका २६ साल की हो चुकी थी देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन उसके साथ कोई शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था इसलिए कई बार लड़के वाले हंसिका का रिश्ता ठुकरा कर चले गए थे।

सत्यम की मम्मी पार्वती ४६ वर्ष की विधवा औरत थी, ५ साल पहले हार्ट अटैक की वजह से पार्वती के पति की मौत हो गई थी, पार्वती अपने पति धर्मवीर का ज्वैलरी बिजनेस चला रही थी उसकी कंपनी का नाम राधाकृष्ण ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड था।

सत्यम एक एवरेज सा लड़का है उम्र २३ वर्ष है जिसकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और अपनी मम्मी के साथ अपने पापा की कंपनी में काम करता था और फ्री टाइम में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करता है।

पार्वती की पर्सनल सेक्रेटरी उसके बचपन की सहेली सविता थी, सविता की उम्र ४६ वर्ष थी, सविता का पति अशोक एक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गया था, अशोक के जीवन के कुछ दिन ही रह गए हैं उसकी धड़कन चल रही है बाकी शरीर ने काम करना लगभग बंद कर दिया है।

सविता का बेटा राघव (२३) सत्यम का अच्छा दोस्त है, लेकिन ये छुपारुस्तम टाइप का लड़का है, अपने दिल की बातें किसी से भी नहीं कहता है, ये सत्यम के साथ उसकी कंपनी में ही काम करता है।

राघव के कहने पर सत्यम अपनी मम्मी से बात करता है लेकिन पार्वती मना कर देती है क्योंकि ये बात सविता पार्वती से ऑफिस में कह–कहकर थक चुकी थी पर सत्यम काफी ज्यादा फोर्स करके कहता है कि मम्मी एक बार कोशिश करके देख लेते हैं क्या पता सच में हंसिका दीदी की कुंडली का दोष खत्म हो जाए तो काफी देर तक सोचने के बाद आखिर पार्वती मान जाती है।

फिर सत्यम अपने दोस्त राघव को कॉल करके बता देता है कि उसकी मम्मी मान गई हैं और राघव अपनी मम्मी सविता को बता देता है, उसके अगले दिन सविता एक पंडित जी को लेकर पार्वती के घर पहुंच जाती है।

पंडित जी पार्वती से उसकी बेटी हंसिका की कुंडली मांगते हैं और कुंडली देखने के बाद चिंतित हो जाते हैं।

पार्वती– क्या बात है पंडित जी ? आप परेशान क्यों हो गए

पंडित जी– हंसिका बेटी की कुंडली में बड़ा खतरनाक दोस्त है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

पार्वती डर जाती है और रोने लगती है– पंडित जी ऐसा मत बोलिए कोई तो रास्ता होगा जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए।

पंडित जी– केवल एक रास्ता है बेटी!

पार्वती– क्या?

पंडित जी– काली पहाड़ी पर कालभैरव की पूजा विधि अनुसार पूरी करनी होगी तभी तुम्हारी बेटी की जान बच सकती है।

पार्वती– मैं तैयार हूं पंडित जी, मैं कल ही चली जाऊंगी।

पंडित जी– पूजा में तुम्हारा पूरा परिवार उपस्थित होना चाहिए बाकी पूजा की विधि तुम्हें काली पहाड़ी के कालभैरव मंदिर में ही पता चलेगी वहां के तांत्रिक विधि अनुसार पूजा करवा देंगे।

पार्वती– ठीक है पंडित जी मैं अपने बेटे और बेटी के साथ कालभैरव के मंदिर पहुंच जाऊंगी लेकिन ये काली पहाड़ी कहां है ?

सविता– पार्वती मुझे पता है कि काली पहाड़ी कहां है , राघव जब छोटा था तो हमेशा बीमार रहता था उसकी स्वास्थ के लिए मैंने काली पहाड़ी पर कालभैरव के मंदिर में पूजा करवाई थी और फिर राघव बिलकुल ठीक हो गया।

पार्वती– फिर तुम और राघव दोनों हमारे साथ चल लेना।

सविता– क्यूं नही पार्वती,,,,

पार्वती– दक्षिणा कितना देना है पंडित जी

पंडित जी– हिहिही आप अपने मन अनुसार दे दीजिए।

तभी पार्वती १० लाख का चेक काट के पंडित जी को दे देती है और पंडित जी कांपते हुए हाथ से उस चेक को अपनी पॉकेट में रख लेते है। फिर पंडित जी और सविता कार में बैठकर निकल जाते हैं।

शाम को ऑफिस से जब सत्यम और हंसिका घर आते हैं तो पार्वती उन्हें सब कुछ बता देती है और वह दोनों कल के लिए जाने की तैयारी करने लगते हैं।

इधर सविता और पंडित जी गाड़ी से एक कच्ची सड़क से होकर जा रहे थे।

पंडित जी– देखिए मैने आपका काम कर दिया, अब आप मुझे १० लाख रुपिया दीजिए।

सविता– साले तुझे १० लाख मिल तो गए,,,,

पंडित जी– ये तो पार्वती जी ने दक्षिणा दी है, आप भी दीजिए नही तो मैं पार्वती जी को सब कुछ बता दूंगा।

सविता गाड़ी रोकती हुई– आप तो गुस्सा हो गए पंडित जी, पीछे डिक्की में रखे हुए हैं पूरे १० लाख कैश, उतरिए और निकाल लीजिए।

पंडित जी मुस्कुराए हुए गाड़ी से बाहर आते है और जैसे ही डिक्की खोलते हैं तो वहां उन्हें कुछ नहीं मिलता है।

पंडित जी गुस्से में कार की विंडो के पास आकर बोले– ये क्या बेहूदा,,,,,,, पंडित जी इतना ही बोल पाए कि तभी बंदूक से एक गोली निकलकर पंडित जी के खोपड़ी के आर पार चली गई।

एक पेड़ के पीछे राघव पिस्टल लिए खड़ा था और उसका निशाना बिलकुल सटीक बैठा था। सविता ने गाड़ी से बाहर उतरकर पंडित जी की पॉकेट में से १० लाख का चेक निकाल के अपने पास रख लिया, फिर राघव और सविता गाड़ी में बैठकर अपने घर निकल गए।
Interesting start of story. Will have lot of suspense.
 

Motaland2468

Well-Known Member
3,603
3,760
144
अपडेट १

"राघव यार, इस बार फिर से लड़के वाले मेरी दीदी का रिश्ता ठुकरा कर चले गए"

"सत्यम भाई, मेरी मम्मी एक बड़े ज्ञानी पंडित को जानती हैं तू कहे तो मैं अपनी मम्मी से बात करूं"

"अच्छा ठीक है इस बारे में मैं मम्मी से पूछ कर तुझसे बात करूंगा" कहकर सत्यम ने कॉल काट दिया।

दरअसल बात ये थी कि सत्यम की दीदी हंसिका २६ साल की हो चुकी थी देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन उसके साथ कोई शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था इसलिए कई बार लड़के वाले हंसिका का रिश्ता ठुकरा कर चले गए थे।

सत्यम की मम्मी पार्वती ४६ वर्ष की विधवा औरत थी, ५ साल पहले हार्ट अटैक की वजह से पार्वती के पति की मौत हो गई थी, पार्वती अपने पति धर्मवीर का ज्वैलरी बिजनेस चला रही थी उसकी कंपनी का नाम राधाकृष्ण ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड था।

सत्यम एक एवरेज सा लड़का है उम्र २३ वर्ष है जिसकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और अपनी मम्मी के साथ अपने पापा की कंपनी में काम करता था और फ्री टाइम में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करता है।

पार्वती की पर्सनल सेक्रेटरी उसके बचपन की सहेली सविता थी, सविता की उम्र ४६ वर्ष थी, सविता का पति अशोक एक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गया था, अशोक के जीवन के कुछ दिन ही रह गए हैं उसकी धड़कन चल रही है बाकी शरीर ने काम करना लगभग बंद कर दिया है।

सविता का बेटा राघव (२३) सत्यम का अच्छा दोस्त है, लेकिन ये छुपारुस्तम टाइप का लड़का है, अपने दिल की बातें किसी से भी नहीं कहता है, ये सत्यम के साथ उसकी कंपनी में ही काम करता है।

राघव के कहने पर सत्यम अपनी मम्मी से बात करता है लेकिन पार्वती मना कर देती है क्योंकि ये बात सविता पार्वती से ऑफिस में कह–कहकर थक चुकी थी पर सत्यम काफी ज्यादा फोर्स करके कहता है कि मम्मी एक बार कोशिश करके देख लेते हैं क्या पता सच में हंसिका दीदी की कुंडली का दोष खत्म हो जाए तो काफी देर तक सोचने के बाद आखिर पार्वती मान जाती है।

फिर सत्यम अपने दोस्त राघव को कॉल करके बता देता है कि उसकी मम्मी मान गई हैं और राघव अपनी मम्मी सविता को बता देता है, उसके अगले दिन सविता एक पंडित जी को लेकर पार्वती के घर पहुंच जाती है।

पंडित जी पार्वती से उसकी बेटी हंसिका की कुंडली मांगते हैं और कुंडली देखने के बाद चिंतित हो जाते हैं।

पार्वती– क्या बात है पंडित जी ? आप परेशान क्यों हो गए

पंडित जी– हंसिका बेटी की कुंडली में बड़ा खतरनाक दोस्त है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

पार्वती डर जाती है और रोने लगती है– पंडित जी ऐसा मत बोलिए कोई तो रास्ता होगा जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए।

पंडित जी– केवल एक रास्ता है बेटी!

पार्वती– क्या?

पंडित जी– काली पहाड़ी पर कालभैरव की पूजा विधि अनुसार पूरी करनी होगी तभी तुम्हारी बेटी की जान बच सकती है।

पार्वती– मैं तैयार हूं पंडित जी, मैं कल ही चली जाऊंगी।

पंडित जी– पूजा में तुम्हारा पूरा परिवार उपस्थित होना चाहिए बाकी पूजा की विधि तुम्हें काली पहाड़ी के कालभैरव मंदिर में ही पता चलेगी वहां के तांत्रिक विधि अनुसार पूजा करवा देंगे।

पार्वती– ठीक है पंडित जी मैं अपने बेटे और बेटी के साथ कालभैरव के मंदिर पहुंच जाऊंगी लेकिन ये काली पहाड़ी कहां है ?

सविता– पार्वती मुझे पता है कि काली पहाड़ी कहां है , राघव जब छोटा था तो हमेशा बीमार रहता था उसकी स्वास्थ के लिए मैंने काली पहाड़ी पर कालभैरव के मंदिर में पूजा करवाई थी और फिर राघव बिलकुल ठीक हो गया।

पार्वती– फिर तुम और राघव दोनों हमारे साथ चल लेना।

सविता– क्यूं नही पार्वती,,,,

पार्वती– दक्षिणा कितना देना है पंडित जी

पंडित जी– हिहिही आप अपने मन अनुसार दे दीजिए।

तभी पार्वती १० लाख का चेक काट के पंडित जी को दे देती है और पंडित जी कांपते हुए हाथ से उस चेक को अपनी पॉकेट में रख लेते है। फिर पंडित जी और सविता कार में बैठकर निकल जाते हैं।

शाम को ऑफिस से जब सत्यम और हंसिका घर आते हैं तो पार्वती उन्हें सब कुछ बता देती है और वह दोनों कल के लिए जाने की तैयारी करने लगते हैं।

इधर सविता और पंडित जी गाड़ी से एक कच्ची सड़क से होकर जा रहे थे।

पंडित जी– देखिए मैने आपका काम कर दिया, अब आप मुझे १० लाख रुपिया दीजिए।

सविता– साले तुझे १० लाख मिल तो गए,,,,

पंडित जी– ये तो पार्वती जी ने दक्षिणा दी है, आप भी दीजिए नही तो मैं पार्वती जी को सब कुछ बता दूंगा।

सविता गाड़ी रोकती हुई– आप तो गुस्सा हो गए पंडित जी, पीछे डिक्की में रखे हुए हैं पूरे १० लाख कैश, उतरिए और निकाल लीजिए।

पंडित जी मुस्कुराए हुए गाड़ी से बाहर आते है और जैसे ही डिक्की खोलते हैं तो वहां उन्हें कुछ नहीं मिलता है।

पंडित जी गुस्से में कार की विंडो के पास आकर बोले– ये क्या बेहूदा,,,,,,, पंडित जी इतना ही बोल पाए कि तभी बंदूक से एक गोली निकलकर पंडित जी के खोपड़ी के आर पार चली गई।

एक पेड़ के पीछे राघव पिस्टल लिए खड़ा था और उसका निशाना बिलकुल सटीक बैठा था। सविता ने गाड़ी से बाहर उतरकर पंडित जी की पॉकेट में से १० लाख का चेक निकाल के अपने पास रख लिया, फिर राघव और सविता गाड़ी में बैठकर अपने घर निकल गए।
Mast story hai.story me pics or gif bhi dalo to or maza aa jaye
 

Napster

Well-Known Member
5,322
14,501
188
अपडेट १

"राघव यार, इस बार फिर से लड़के वाले मेरी दीदी का रिश्ता ठुकरा कर चले गए"

"सत्यम भाई, मेरी मम्मी एक बड़े ज्ञानी पंडित को जानती हैं तू कहे तो मैं अपनी मम्मी से बात करूं"

"अच्छा ठीक है इस बारे में मैं मम्मी से पूछ कर तुझसे बात करूंगा" कहकर सत्यम ने कॉल काट दिया।

दरअसल बात ये थी कि सत्यम की दीदी हंसिका २६ साल की हो चुकी थी देखने में बला की खूबसूरत थी लेकिन उसके साथ कोई शादी करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था इसलिए कई बार लड़के वाले हंसिका का रिश्ता ठुकरा कर चले गए थे।

सत्यम की मम्मी पार्वती ४६ वर्ष की विधवा औरत थी, ५ साल पहले हार्ट अटैक की वजह से पार्वती के पति की मौत हो गई थी, पार्वती अपने पति धर्मवीर का ज्वैलरी बिजनेस चला रही थी उसकी कंपनी का नाम राधाकृष्ण ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड था।

सत्यम एक एवरेज सा लड़का है उम्र २३ वर्ष है जिसकी कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो चुकी है और अपनी मम्मी के साथ अपने पापा की कंपनी में काम करता था और फ्री टाइम में बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करता है।

पार्वती की पर्सनल सेक्रेटरी उसके बचपन की सहेली सविता थी, सविता की उम्र ४६ वर्ष थी, सविता का पति अशोक एक एक्सीडेंट में पैरालाइज हो गया था, अशोक के जीवन के कुछ दिन ही रह गए हैं उसकी धड़कन चल रही है बाकी शरीर ने काम करना लगभग बंद कर दिया है।

सविता का बेटा राघव (२३) सत्यम का अच्छा दोस्त है, लेकिन ये छुपारुस्तम टाइप का लड़का है, अपने दिल की बातें किसी से भी नहीं कहता है, ये सत्यम के साथ उसकी कंपनी में ही काम करता है।

राघव के कहने पर सत्यम अपनी मम्मी से बात करता है लेकिन पार्वती मना कर देती है क्योंकि ये बात सविता पार्वती से ऑफिस में कह–कहकर थक चुकी थी पर सत्यम काफी ज्यादा फोर्स करके कहता है कि मम्मी एक बार कोशिश करके देख लेते हैं क्या पता सच में हंसिका दीदी की कुंडली का दोष खत्म हो जाए तो काफी देर तक सोचने के बाद आखिर पार्वती मान जाती है।

फिर सत्यम अपने दोस्त राघव को कॉल करके बता देता है कि उसकी मम्मी मान गई हैं और राघव अपनी मम्मी सविता को बता देता है, उसके अगले दिन सविता एक पंडित जी को लेकर पार्वती के घर पहुंच जाती है।

पंडित जी पार्वती से उसकी बेटी हंसिका की कुंडली मांगते हैं और कुंडली देखने के बाद चिंतित हो जाते हैं।

पार्वती– क्या बात है पंडित जी ? आप परेशान क्यों हो गए

पंडित जी– हंसिका बेटी की कुंडली में बड़ा खतरनाक दोस्त है जिससे उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

पार्वती डर जाती है और रोने लगती है– पंडित जी ऐसा मत बोलिए कोई तो रास्ता होगा जिससे मेरी बेटी की जान बच जाए।

पंडित जी– केवल एक रास्ता है बेटी!

पार्वती– क्या?

पंडित जी– काली पहाड़ी पर कालभैरव की पूजा विधि अनुसार पूरी करनी होगी तभी तुम्हारी बेटी की जान बच सकती है।

पार्वती– मैं तैयार हूं पंडित जी, मैं कल ही चली जाऊंगी।

पंडित जी– पूजा में तुम्हारा पूरा परिवार उपस्थित होना चाहिए बाकी पूजा की विधि तुम्हें काली पहाड़ी के कालभैरव मंदिर में ही पता चलेगी वहां के तांत्रिक विधि अनुसार पूजा करवा देंगे।

पार्वती– ठीक है पंडित जी मैं अपने बेटे और बेटी के साथ कालभैरव के मंदिर पहुंच जाऊंगी लेकिन ये काली पहाड़ी कहां है ?

सविता– पार्वती मुझे पता है कि काली पहाड़ी कहां है , राघव जब छोटा था तो हमेशा बीमार रहता था उसकी स्वास्थ के लिए मैंने काली पहाड़ी पर कालभैरव के मंदिर में पूजा करवाई थी और फिर राघव बिलकुल ठीक हो गया।

पार्वती– फिर तुम और राघव दोनों हमारे साथ चल लेना।

सविता– क्यूं नही पार्वती,,,,

पार्वती– दक्षिणा कितना देना है पंडित जी

पंडित जी– हिहिही आप अपने मन अनुसार दे दीजिए।

तभी पार्वती १० लाख का चेक काट के पंडित जी को दे देती है और पंडित जी कांपते हुए हाथ से उस चेक को अपनी पॉकेट में रख लेते है। फिर पंडित जी और सविता कार में बैठकर निकल जाते हैं।

शाम को ऑफिस से जब सत्यम और हंसिका घर आते हैं तो पार्वती उन्हें सब कुछ बता देती है और वह दोनों कल के लिए जाने की तैयारी करने लगते हैं।

इधर सविता और पंडित जी गाड़ी से एक कच्ची सड़क से होकर जा रहे थे।

पंडित जी– देखिए मैने आपका काम कर दिया, अब आप मुझे १० लाख रुपिया दीजिए।

सविता– साले तुझे १० लाख मिल तो गए,,,,

पंडित जी– ये तो पार्वती जी ने दक्षिणा दी है, आप भी दीजिए नही तो मैं पार्वती जी को सब कुछ बता दूंगा।

सविता गाड़ी रोकती हुई– आप तो गुस्सा हो गए पंडित जी, पीछे डिक्की में रखे हुए हैं पूरे १० लाख कैश, उतरिए और निकाल लीजिए।

पंडित जी मुस्कुराए हुए गाड़ी से बाहर आते है और जैसे ही डिक्की खोलते हैं तो वहां उन्हें कुछ नहीं मिलता है।

पंडित जी गुस्से में कार की विंडो के पास आकर बोले– ये क्या बेहूदा,,,,,,, पंडित जी इतना ही बोल पाए कि तभी बंदूक से एक गोली निकलकर पंडित जी के खोपड़ी के आर पार चली गई।

एक पेड़ के पीछे राघव पिस्टल लिए खड़ा था और उसका निशाना बिलकुल सटीक बैठा था। सविता ने गाड़ी से बाहर उतरकर पंडित जी की पॉकेट में से १० लाख का चेक निकाल के अपने पास रख लिया, फिर राघव और सविता गाड़ी में बैठकर अपने घर निकल गए।
कहानी का प्रारंभ बहुत ही जबरदस्त हैं भाई मजा आ गया
ये साली सविता और राघव बडे ही मादरचोद लगते हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
Top