Ajju Landwalia
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Update ki pratiksha he Shetan Sahiba
रात को आएगा साहेब. अभी लिखना शुरू है.Update ki pratiksha he Shetan Sahiba
रात को आएगा साहेब. अभी लिखना शुरू है.
चलो इंतजार कर रहे हो तो अपडेट भी बड़ा मिलेगा. और रोमांचक कुछ नया मिलेगाDhanywad...........
Pratiksha rahegi
लो अभी ही अपडेट दे रही हु. आधे. आधे कल.Update ki pratiksha he Shetan Sahiba
चलो इंतजार कर रहे हो तो अपडेट भी बड़ा मिलेगा. और रोमांचक कुछ नया मिलेगा
Bohot badhiya update tha, shetan devi ji komal dr. Ke sath jane ko maan gai, or to or wo balbir ko bhi hawai yatra karwa rahi hai, aurto ko dil bada hota hai waise back to the update,: wo neebu,mirchi or laal kapde ka kya chakkar hai? Ye sabhi pathak jaan na jaroor chahenge.Update 20A
डाइनिंग टेबल पर बैठे बलबीर और डॉ रुस्तम गरमा गरम खाने का लुफ्त उठा रहे थे. तब ही किचन से कोमल आई और डॉ रुस्तम की थाली मे गरमा गरम रोटी डाल देती है.
डॉ रुस्तम : अरे बस बस हो गया.
कोमल : अरे खाइये ना डॉ साहब.
डॉ : मै ज्यादा नहीं खाता. तुम तो मुजे ऑलरेडी 5 रोटी खिला चुकी हो.
कोमल : ये लास्ट है.
कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. जो चुप चाप खा रहा था.
कोमल : बलबीर तुम कुछ लोगे???
बलबीर : नहीं. तुम भी आ जाओ ना.
कोमल : हा बस अभी आई.
कोमल भी कुछ देर मे अपनी थाली लेकर आ गई. और उन दोनों के साथ अपना खाना खाने लगी. वो दोनों खा चुके थे. बस कोमल को कंपनी देने के लिए बैठे हुए थे. डॉ रुस्तम भी सोच ही रहे थे की अपनी फिल्ड मे काम करने के लिए कोमल से कैसे पूछे. कोमल भी अपना डिनर ख़तम कर लेती है. बाकि बचा हुआ काम भी वो जल्द ही कम्पलीट कर देती है. और वो भी उनके सामने आकर बैठ गई.
डॉ : तो कोमल क्या सोचा आप ने????
कोमल : किस बारे मे.
डॉ : हमारे साथ पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेशन और रिसर्च के बारे मे. क्या आप हमारे साथ मे काम करना चाहोगी???
कोमल ने तुरंत ही बलबीर की ओर देखा. कोमल इन सब चीजों से इस लिए दूर रहना चाहती थी. क्यों की बलबीर के बच्चों को वो एक माँ की तरह प्यार कर रही थी. इसी लिए कही कोई बला उनके साथ आ गई. और उन बच्चों को पजेश करने की कोसिस करेंगी तो बलबीर से किया वादा पूरा नहीं हो पाएगा. कोमल बलबीर के बच्चों के एजुकेशन के लिए बहोत बड़ा पैसा खर्च कर रही थी.
कोमल : वो...... दरसल. मै अपने सोख के खातिर अपने लोगो को प्रॉब्लम मे नहीं डाल सकती. आप सायद समझ गए होंगे की मै कहना क्या चाहता हु.
कोमल बोलने के बाद बलबीर की आँखों मे देखती है. जैसे कहना चाहती हो की फ़िक्र मत करो.
डॉ : अगर बात सिक्योरिटी की है तो गजबराओं नहीं. हम अपने लोगो को कभी मुशीबत मे नहीं डालते. लोगो की मदद करते है. और जहा ऐसी कोई बात होती है तो हम खुद आगे रहते है..
कोमल को भले ही भूतिया किस्सों मे बहोत दिलचस्पी थी. मगर बच्चों और अपनी माँ बहन के मामले मे वो बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहती थी.
कोमल : माफ करना डॉ साहब. मेरी तरफ से साफ ना है. आप जानते है की मै खुद अभी क्या क्या भोग चुकी हु. आप प्लीज....
डॉ रुस्तम ने कोमल की बात बिच मे ही काट दीं.
डॉ : वही तो. मै तुमसे यही तो कहना चाहता हु.
आप खुद कितना कुछ सह चुकी हो. अपने अपने एक्स हसबैंड का अंजाम देखा ना. आप जैसे कितने लोग है. जिसने अपना एक्स नहीं फ्यूचर को गवा दिया. नजाने कितनी माँ ने बच्चों को गवा दिया. कितने परिवार इन जादू टोन और बहोत सी ऐसी चूजों से खो दिया. हम लोगो की मदद करते है.
ऐसी दिल को छू लेने वाली बातो से कोमल नहीं पिघली. क्यों की वो एक बेरहेम वकील थी. पर बलबीर बहोत जल्दी भावुक हो गया. क्यों की वो बेचारा गांव का सीधा सादा इंसान था.
बलबीर : ये तो भलाई का काम है कोमल. सायद तुम्हे करना चाहिये. और मै तो तुम्हारे साथ हार वक्त हु ही.
कोमल अब फस गई. वैसे तो ऐसे कोई मामले मे बलबीर के राज़ी हो जाने के बाद भी वो साफ मना कर देती. बलबीर को भी चुप करा देती. पर खुद की दिलचस्पी ही एक अलग ही रोमांच पैदा करने लगी. कोमल मुश्कुराते हुए अब भी यही सोच रही थी की क्या ये फेशला सही होगा.
डॉ : हम परसो शाम इलाहबाद जा रहे है. एक स्कूल है. जिसकी छत गिर जाने से कई बच्चे मर चुके थे. अगर तुम आना चाहो तो...???
डॉ रुस्तम भी बोलते बोलते रुक गए.
कोमल कुछ पल सोचने के बाद बोलती है.
कोमल : ठीक है. पर मुजे अपने काम के लिए जरुरत हुई तो मै बिच मे से ही चली जाउंगी. प्लीज इसके लिए आप को भी समझना होगा.
डॉ रुस्तम ने तुरंत ही स्माइल करते हुए अपना हाथ कोमल की तरफ बढ़ाया. कोमल भी खुश होकर डॉ रुस्तम से हाथ मिलती है. बलबीर भी खुश था की कोमल मान गई. वक्त आ गया सोने का. डॉ रुस्तम पहले की तरह ड्रॉइंगरूम मे ही सो गए. बलबीर कोमल के बेडरूम मे कोमल का इंतजार कर रहा था. उसके हाथ मे कोमल का मोबाइल था. वो कोमल के ही फोटोज देख रहा था.
वैसे तो कोमल ने पलकेश और शादी के सारे फोटोज डिलीट कर दिये थे. पर अपने सिंगल फोटोज को सेव रखा हुआ था. कोमल के साड़ी मे कई फोटोज थे. बहोत सारे फोटोज स्लिवलेस और डीप नेक ब्लाउज वाले थे. ब्रा जैसे दिखने वाले हॉट ब्लाउज मे कोमल बहोत हॉट लग रही थी. और भी कई फोटोज थे.
जिसमे कोमल ने वनपीस गाउन पहना हुआ था. जिसमे टांगो की तरफ लम्बा कट था. बलबीर सिर्फ कोमल की फोटोज देख कर ही अकर्षित हुआ जा रहा था. वो ऊँगली घुमाते हर एक फोटोज को बड़ी गौर से देख रहा था. तभि कोमल के कॉलेज टाइम के फोटोज भी आ गए. जिसमे कोमल की छोटी छोटी ड्रेस मे फोटोज थे.
उस वक्त कोमल भरी हुई महिला नहीं एक टीन गर्ल थी. कोमल तो पहले से ही लम्बी हाईट वाली लड़की थी. कोमल कभी झंगो तक या उस से भी छोटे ड्रेस मे. तो कभी छोटी स्कर्ट मे दिखाई देती. इंडियन आउटफिट मे भी कोमल के फोटोज थे. कोमल बहोत ब्यूटीफुल और हॉट थी. उन फोटोज को देखने के कारण बलबीर का प्यार और अरमान दोनों ही जाग गए. तभि कोमल अंदर आई.
उसके हाथ मे तौलिया था. और वो फुल ढीली ढली मैक्सी मे थी. बलबीर के एक हाथ मे अपना मोबाइल और दूसरे हाथ पाजामे के ऊपर से ही अपने खूंटे पर देख के कोमल के फेस पर भी स्माइल आ गई.
कोमल : (स्माइल) क्या देख रहे हो???
बलबीर ने तुरंत ही मोबाइल साइड रखा. और कोमल को लेटने की जगह दीं.
बलबीर : सब तुम्हारी ही फोटू(फोटोज) देख रहा था.
कोमल भी बलबीर के बगल मे लेट कर बलबीर की तरफ झूक गई. उसकी चेस्ट पर अपना हाथ रख कर हलका हलका साहलाते हुए बलबीर की आँखों मे देखने लगी.
कोमल : (स्माइल) अच्छा??? तो कैसे लगे मेरे..... फोटू(फोटोज)????
कोमल ने जानबुचकर फोटू कहा. उसे बलबीर का देहाती होना और साफ हिंदी बोलते वक्त कुछ ऐसे शब्दो को सुन ना बहोत अच्छा लगता था. वो जानती थी की बलबीर उसकी जब भी तारीफ करता है. जो फील करता है. वही बोलता है.
बलबीर : तुम ना किसी फ़िल्म की हीरोइन की तरह लगती हो.
बस कोमल को और क्या चाहिये था. जब इसे पता हो की वो किसी के लिए कितनी स्पेशल है. उसे केसी लगती है. तब उसे और क्या चाहिये. बलबीर का उस तरह देखना कोमल को मदहोश ही कर रहा था.
कोमल : (स्माइल) अब तो ये हीरोइन तुम्हारी है.
बलबीर कुछ बोलने ही वाला था. की कोमल ने लपक कर उसके होठो से अपने होंठ ही जोड़ दिये. और लिप्स को लॉक कर के उसके ऊपर ही चढ़ गई. पर बलबीर से इतनी जबरदस्त तारीफ मिली की कोमल कुछ ज्यादा ही एक्सएटमेंट फील कर रही थी. मस्ती मे आकर कोमल ने बलबीर की गंजी को ही दोनों हाथो से पकड़ा और जोर से झटका लगाकर फाड़ दिया.
बलबीर : ममममम... (किस तोड़ते) (सॉक) ये क्या किया. फाड़ दीं??? 4 दिन पहले ही तो लाया था. साला नई बनियान फाड़ दीं.
कोमल को हसीं आ रही थी. और बलबीर की हलत पर वो बड़ी जोरो से हस रही थी.
कोमल : अरे यार नई ले लेना. अभी छोडो.
कोमल ने बलबीर को अफ़सोस करने का बाद मे मौका नहीं दिया. और वो उसपर टूट पड़ी. बलबीर भी कोमल के फोटोज देख कर मस्त हो चूका था. आखिर वो उसके सपनों की सहेजादी थी. और सहेजादी भी उसकी खुद की बाहो मे. ब्यूटी और बिस्ट का मिलन हुआ. तंदुरस्त और सुंदरता के समागम मे दोनों ने ही खूब आनंद लेते खुशियाँ बटोरी. प्रेम और वासना के संगम मे कब नींद आई.
कब रात गुजरी पता ही नहीं चला. सुबह 8 बजे खट पट की आवाज से कोमल की नींद खुली तब कोमल बेड पर अकेली थी. कोमल ने एक बेडशीट ओढ़ रखी थी. जिसमे वो अंदर से नंगी थी. कोमल ने दए बाए देखा. उसे अपनी ब्रा तो मिल गई. पर पैंटी नहीं मिली. कोमल फटाफट ब्रा और ऊपर वही ढीली ढली मैक्सी पहन कर बहार आई.
वो दोनों की भी नजरें कोमल पर गई. कोमल के बिखरे हुए बाल हालत बहोत खुबशुरत भूतनी ही लग रही थी.
डॉ : कोमलजी अब मुजे जाना है. बलबीर मुजे छोड़ने जा रहा है.
कोमल : ओह गोड. बलबीर तुम्हे मुजे जगाना चाहिये था ना. डॉ साहब को कम से कम मै एयरपोर्ट तक ड्राप करने तक तो जा सकती थी ना.
बलबीर : हा तो अभी कोनसा ज्यादा टाइम बीत गया. जल्दी तैयार हो जाओ.
कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो फटाफट बाथरूम की तरफ भागी. बलबीर ने डॉ रुस्तम को बहोत बढ़िया नास्ता करवाया. और सही टाइम पर तीनो एयरपोर्ट के लिए निकल पड़े.
बलबीर कार ड्राइव कर रहा था. और डॉ रुस्तम उसके बगल मे ही आगे की फ्रंट शीट पर था. कोमल अकेली पीछे बैठी हुई थी. बलबीर शहर के ट्रैफिक को काट ते हुए कार एयरपोर्ट तक पहोंचा रहा था.
डॉ : कोमल मुंबई से हमारी कल दोपहर 3 बजे की फ्लाइट है. हम सायद 04:30 तक इलाहबाद एयरपोर्ट पहोच जाएंगे.
कोमल : मै यही से डाइरेक्ट पहोच जाउंगी. आप फ़िक्र ना करें.
डॉ रुस्तम ने अपने बैग से पहले से ही कुछ सामान निकला हुआ था. जो उसके हाथ मे ही था. वो पीछे मुड़कर कोमल को वो सामान देता है. कोमल ने उसे हाथ मे लिया. एक लाल कपडे मे कुछ 6 किले थी. एक विलचैंग था जो बंधा हुआ था. इसके आलावा नीबू और मिर्ची की छोटी सी मला थी.
डॉ : मेने बलबीर को सब समझा दिया है. वो सब अच्छे से कर लेगा. इसे संभल के रख दो.
कोमल और बलबीर डॉ साहब को एयरपोर्ट छोड़ देते है. और वो मुंबई के लिए निकल जाते है. कोमल और बलबीर घर के लिए वापिस जाने लगे.
बलबीर : तुम पागल तो नहीं हो. ट्रैन से ही 38,40 घंटे लग जाएंगे.
कोमल का मूड शारारत करने का हो रहा था. वो बलवीर के कंधे पर हाथ रख कर हलके हलके सहलाने लगी.
कोमल : (स्माइल) कोई बात नहीं ये परी तुम्हे उड़ाकर ले जाएगी.
बलबीर समझ गया की कोमल हवाइजहाज की बात कर रही है.
बलबीर : उसमे कितना पैसा लगता है.
कोमल समझ गई की बलबीर पैसा जान गया तो जाने को तैयार नहीं होगा.
कोमल : वो बॉयफ्रेंड के लिए फ्री होता है.
बलबीर : (स्माइल) एहहह... बस सुबह सुबह तुम्हे मे ही मिलता हु.
कोमल को भी हसीं आने लगी.
कोमल : (स्माइल) अरे सच मे. अगर कोई लड़की जाती है तो उसके बॉयफ्रेंड की टिकिट फ्री.
बलबीर : (स्माइल) और पति हुआ तो.
कोमल : नहीं उसका उल्टा है. पति के साथ पत्नी फ्री. और लड़की के साथ उसका बॉयफ्रेंड फ्री.
कोमल को बलबीर से ऐसा मज़ाक करना पसंद आ रहा था.
बलबीर : तो अगर जैसे की मै अपनी बीवी को लेजाऊंगा तो फ्री. और अगर गर्लफ्रेंड को ले गया तो???
कोमल : नई तो तो तुमसे डबल पैसा लेगा.
बलबीर : (स्माइल) ये क्या बात हुई. लड़की बॉयफ्रेंड को ले जाए तो बॉयफ्रेंड फ्री. और लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को ले जाए तो डबल पैसे...
कोमल : (स्माइल) हा तुम्हे नहीं पता. ये सरकार की योजना है यार. लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए.
बलबीर : ये कोनसी योजना है??? लड़का पटाओ योजना या लड़का घुमाओ योजना.
अपने मज़ाक से ज्यादा कोमल को बलबीर का मज़ाक ज्यादा मज़ेदार लगा. दोनों ही खिल खिलाकर हसने लगे. कोमल ने झट से मोबाइल निकला और 2 टिकिट बुक करने लगी. एक टिकिट की कॉस्ट 8500 रूपये थी. कोमल ने बिलकुल परवाह नहीं की और झट से टिकिट बुक कर दीं. एक तो कोमल को बलबीर के लिए कुछ करना अच्छा लगता था. और दूसरा अब भी कोमल के पास जमीन की दलाली वगेरा हराम के पेसो का बेलेंस था.
पर बलबीर पेसो की कीमत समाजता था. उसे अपनी गरीबी का एहसास था. उसके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा कोमल दे रही है. उसके लिए यही बहोत था.
बलबीर : पर मेरे पास वो नहीं है.
कोमल को हसीं आ गई.
कोमल : (स्माइल) क्या वो नहीं है??
बलबीर : (स्माइल) अरे वो फिल्मो मे बोलते हेना वो पास पासपोट(पासपोर्ट).
कोमल को हसीं आ गई. बलबीर डोमेस्टिक ट्रेवल के लिए पासपोर्ट की बात कर रहा था. कोमल को उसके भोलेपन पर प्यार आने लगा. पर शारारत करने का मान बिलकुल काम नहीं हुआ.
कोमल : (स्माइल) देखो वो मेरे पास है तो तुम्हारी जिम्मेदारी मेरी हुई. वहां कोई कुछ भी पूछेगा तो बोलना की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. समझे??? क्या बोलोगे????
बलबीर : क्यों सुबह सुबह मेरी खिंचाई कर रही हो.
कोमल : अरे बाबा नहीं बोलोगे तो वो तुमसे पैसे ले लेंगे.
बलबीर : कितना????
कोमल : सायद 2,3 लाख ले ले. पर तुम बोलोगे की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. तो तुम्हे उल्टा अच्छे से बात भी करेंगे.
बलबीर : हा बाबा बोल दूंगा. पर देख लो. वहां मेरे पास हवाइजहाज वाले अच्छे कपडे नहीं है. फिर कुछ बोलना मत.
कोमल को एहसास हो गया की अब तक उसने क्या नहीं किया. वैसे तो बलबीर कैसा भी दिखे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था. पर सब कोमल का मूड कुछ और ही प्लानिंग करने लगा.
कोमल : हा बाबा नहीं बोलूंगी. वहां उस मॉल मे ले चलो.
कोमल ने जैसे ही हाथो का इशारा दिया बलबीर ने एक मॉल की तरफ कार मोड़ दीं. कार पार्क करने के बाद कोमल निकली और मॉल के अंदर जाने लगी. पर बलबीर वही खड़ा रहा. तो कोमल को 4 कदम चल कर रुकना पड़ा. वो घूम कर बलबीर को देखती है.
कोमल : यहाँ क्यों खड़े हो गए. चलो अंदर.
बलबीर को मॉल मे अच्छा नहीं लगता था. अपने सिंपल पहनावे और जेब की हालत के कारण उसे बहोत छोटा महसूस होता. इस लिए वो अंदर नहीं जाना चाहता था.
बलबीर : तुम....... जाओ. मुजे अच्छा नहीं लगता अंदर.
कोमल : चुप चाप चलो अंदर. वरना.....
बलबीर : अरे यार वो इंग्लिश मे बाते करते है. मुजे कुछ तो समझ आता नहीं.
कोमल : (स्माइल) तो तुम्हे सिखाया तो है. जब कुछ समझ नहीं आए तो वही बोल देना.
बलबीर को भी हसीं आ गई. और सर खुजलता हुआ वो भी कोमल के साथ अंदर चलने लगा.