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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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Update 21/B

डॉ रुस्तम को आते आते बहोत देर हो गई. कोमल और बलबीर दोनों ही डॉ रुस्तम का एयरपोर्ट पर ही इंतजार कर रहे. कुछ शाम के 5 बजे कोमल के मोबाइल पर डॉ रुस्तम का फ़ोन आया.


कोमल : हेलो डॉ साहब आप कब पहोचोगे???


डॉ : फ्लाइट लैंड हो चुकी है. बस जल्दी ही. तुम इंट्रेस्ट पर आ जाओ. मै तुम्हे वही मिलूंगा.


कोमल और बलबीर दोनों एंट्रेंस तक पहुंचे. बस कुछ ही देर मे डॉ रुस्तम दिखाई दिये. उनके साथ पटनायक भी था. आते ही दोनों ने कोमल और बलवीर से हाथ मिलाया. पर डॉ रुस्तम बलबीर को देखते ही रहे गए.


डॉ रुस्तम : (स्माइल) वाह बलबीर मेने तो तुम्हे पहचाना ही नहीं. काफ़ी हैंडसम लग रहे हो.


डॉ रुस्तम ने सारा अरेंजमेंट पहले से ही करवा रखा था. उनको लेने के लिए एक मिनी बस पहले से ही खड़ी थी. वो चारो उस बस मे आराम से बैठ गए. और उनका एक नया ही सफर शुरू हो गया.


कोमल : डॉ साहब हम सिर्फ 4 ही. आप की बाकि टीम???


डॉ : मेरी टीम पहले ही पहोच चुकी है. वो पहले से ही सारा अरेंजमेंट कर के रखेंगे.


इस बार कोमल को इनफार्मेशन पटनायक देता है. सायद डॉ रुस्तम ने उसे पहले से कहे रखा हो.


पटनायक : हम जिस लोकेशन पर काम करने वाले है. वो इलाहबाद से कुछ 20 km दूर है. एक हिलोरी गांव मे आज से 5 साल पहले एक हादसा हुआ. जिसमे 35 बच्चे मर गए.


कोमल : क्या हुआ था???


पटनायक : स्कूल की छत गिर गई थी. मामला गंभीर था. स्कूल बंद हो गई. मगर एक साल बाद उस स्कूल को दोबारा से शुरू किया. सरकार ने बच्चों के माँ बाप को मुआवजा दिया. और स्कूल की नई छत भी डलवाई. फिर भी वो स्कूल कभी चालू नहीं हो पाई


कोमल : क्यों???


इस बार बिच मे डॉ रुस्तम आए.


डॉ : क्यों की वहां अजीबो गरीब घटना होने लगी.

ये सब मुजे उस स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया. वहां दिन मे ही पैरानॉर्मल एक्टिविटीज होने लगी. कभी स्कूल का फैन अचानक से गिर जाता. तो कभी चालू क्लास का डोर विंडो अचानक से धड धड बंद हो जाते. बच्चों का ही नहीं बड़ो का तक टॉयलेट जाना मुश्किल हो गया. स्टाफ रूम मे टीचर परेशान हो गए. उनके साथ भी कई घटनाए हो गई. लोगो ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना छोड़ दिया.


कोमल : ओहह तो मामला बहोत गंभीर है.


पटनायक : सिर्फ इतना ही नहीं. उस स्कूल के दोबारा बंद होने के बाद कुल 12 लोगो ने सुसाइड भी अटेंम किया.


कोमल ये सुनकर सॉक थी???


कोमल : तो क्या उन 12 को किसी एंटीटी ने मारा होगा???


डॉ : (स्माइल) वाह रे पटनायक कोमल तो अपनी भाषा बोलने लगी.


कोमल भी मुस्कुरा देती है. बलबीर उनकी बस बाते सुन रहा था.


डॉ : उन 12 का एक दूसरे से कोई वास्ता नहीं था. और तक़रीबन 7 से 8 लोग तो बहोत सुखी जीवन जी रहे थे. पर ये कैसे हुआ. ये तो वही जाकर पता चलेगा. हमें रुकने के लिए जगह भी बढ़िया मिल गई है.


कोमल : कहा??? होटल मे??


डॉ : नहीं एक आश्रम है.


कोमल : पर आश्रम मे क्यों???


डॉ : क्यों की वहां कोई होटल नहीं है. हा अगर इमरजेंसी में तुम्हे कही जाना पड़े तो ये बस तुम्हे ड्राप कर देगी.


कोमल को थोड़ी राहत हुई. क्यों की अगले दिन उसके 2 केस थे. साथ ही एक कंपनी के साथ मीटिंग भी थी. किसी प्रॉपर्टी पेपर्स की लीगल एडवाइस के लिए. वो लोग पहले सीधा उस लोकेशन पर ही पहोचे. स्कूल एक भूतिया खंडर जैसी ही लग रही थी. वो दो मंज़िला स्कूल थी. बहार स्कूल के भूतपूर्व प्रिंसिपल भी खड़े थे.


होरी लाल श्रीवास्तव : आई ये डॉ साहब.


कोमल उन सब को ध्यान से देख रही थी. डॉ रुस्तम और होरी लाल बाते कर रहे थे. पटनायक कोमल के पास आया.


पटनायक : हम अभी सिर्फ काम देखने आए है.

आज रात हमारी पहेली रिसर्च होंगी. पर ध्यान रहे. अंदर कोई भी इनविटेशन देने वाले वर्ड्स नहीं बोलना. जैसे चलो. कोई मेरे साथ चलेगा. और हा कोई बात या कुछ सुनाई दे तो उसपर कोई रिएशन मत देना. हमने कैमरा और एकम्युलेट सेट किये हुए है.



कोमल ने पहले बलबीर को देखा और फिर पटनायक की तरफ देख कर हा मे गर्दन हिलाई. डॉ रुस्तम ने पीछे मुड़कर कोमल पटनायक बलबीर सभी को देखा. और हाथो से अंदर चलने का हिशारा किया. अंदर जाते गेट से ही कोमल और बलवीर हार चीज देख रहे थे. सेटअप तैयार था. गेट से ही कैमरे लगे हुए थे. स्कूल के अंदर का माहोल कुछ अलग ही था. बहार हवा चल रही थी. गरम लू.

और स्कूल के अंदर एकदम ठंडक थी. एकदम चिल्ड मौसम. जब की लकड़ी की विंडो और डोर भी टूटे हुए थे. कइयों के तो थे ही नहीं. मगर फिर भी विंडो और डोर से कोई हवा ही नहीं आ रही थी. हेरत की बात ये थी की अंदर का वातावरण इतना ज्यादा ठंडा था की कोमल तो अपने बाजुओं को मसलने लगी.

कोई बदबू वगेरा कुछ भी नहीं. फिर भी अजीब सी घुटन हो रही थी. कोमल और बलबीर दोनों ने चारो तरफ देखा. कई चीजों को तो कोमल दुखते ही समझ गई की ये इक्विपमेंट्स किस काम आते हैं. पर बलबीर के लिए समाजना मुश्किल था. वहां सेंसरस कैमरा बहोत कुछ था. कई अचीवमेंट्स तो आर्मी भी इस्तेमाल करती थी. जैसे कोई स्पीड नापने वाला तो कोई फिकवंशी नापने वाला इक्विपमेंट.

ऐसी चीजों जो इंसान नरी आँखों से ना देख पाए पर वो अब उन इक्विपमेंट्स के जरिए कैमरा मे कैद हो जाए. उन सब ने मिलकर पूरा स्कूल देखा. पहले निचे वाली मंज़िल.


डॉ : ये वो क्लास रूम हे.


सभी समझ गए की ये वही क्लास रूम हे जहा छत गिरने से बच्चे दब के मर गए थे. कोमल आगे बढ़ी और उस रूम मे टहलते हुए सब कुछ देखने लगी. एक खंडर जैसा क्लास रूम जो सालो से बंद पड़ा हुआ था. देखने मे तो कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था. पर बार बार कोमल को ऐसा महसूस हुआ की उसके पीछे कोई है.

सभी उस क्लास रूम से बहार निकल गए. उसके बाद उपरी मंज़िल पर भी गए. लेजिन ऊपरी मंज़िल पर कुछ भी ऐसा किसी को महसूस नहीं हुआ. जब की सारे सुसाइड अटेम्प्ट वही ऊपर से ही हुए थे. सारी टीम डॉ रुस्तम के पीछे पीछे बहार आ गई.


डॉ : किसो को कुछ महसूस हुआ????


पटनायक : ना कुछ नहीं.


डॉ ने बलबीर की तरफ देखा. उसने ना मे सर हिलाया. फिर उसने कोमल की तरफ देखा.


कोमल : मुजे ऐसा तो कुछ नहीं लगा. पर उस क्लास रूम मे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई पीछे खड़ा है


डॉ रुस्तम ने जेब से एक रेडियो सेट निकला.


डॉ : डॉ टू नवीन रिपोर्ट ओवर.


रेडियो सेट पर रिप्लाई मिला.


नवीन : ओके रोजर.


डॉ : क्या कुछ नोटे हुआ क्या???


नवीन : अभी तक कुछ भी नहीं. नो एनी फ्रीक्वेंसी.


डॉ ने कोमल और बाकि सभी को बस की तरफ चलने का हिशारा किया. सारे बस मे बैठ गए. वो बस ही उनके आराम करने के लिए बेस्ट थी. इस बार और भी कुछ डॉ रुस्तम के टीम मेम्बर्स थे. डॉ रुस्तम, पटनायक, कोमल बलबीर के आलावा और 7 लोग. वो सारे male ही थे.


डॉ : हम तक़रीबन एक एक घंटा स्कूल मे अकेले बिताने वाले है. और फील करना चाहते है की क्या फील होता है.


पटनायक : पर जो वालंटियर हो उसी को.


कोमल : क्या मुजे मौका मिलेगा.


डॉ : तुम ये कर सकती हो पर इस बार रहने दो. वैसे भी तुम हमारे साथ 1st टाइम आई हो.


पटनायक : 11 बजे से स्टार्ट करेंगे. 3 बजे तक.


डॉ : 11 बजे नवीन को भेज देंगे. फिर उसे कैमरा भी संभालना है.


पटनायक : 12 बजे मै चले जाता हु.


डॉ : एक बजे सतीश तुम.


सतीश : ओके.


कोमल तुरंत बोल पड़ी.


कोमल : तो फिर मै भी जाउंगी.


डॉ : ये तुम्हारा 1st टाइम है. प्लीज तुम देखो. एक्सपीरियंस लो.


कोमल : मेने लाइफ टाइम खुद खुदके ही एक्सपीरियंस की है. मै उसके बाद जाउंगी.


डॉ पटनायक का मुँह देखने लगा.


पटनायक : 12 सुसाइड एटम हो चुके है वहां. और इसे अभी इस रिसर्च का कोई आईडिया नहीं है.


कोमल : एक बार मौका तो दो. कई दिन मै खुद भूतों के बिच काट चुकी हु.


सभी हस पड़े. पर कोमल के वॉलिंटियर होने से बलवीर को डर लगने लगा.


डॉ : (स्माइल) पता नहीं पर मुजे कोमल पर भरोसा हो रहा है. वो आसानी से कर लेगी.


बलबीर : फिर मै भी करूँगा.


डॉ : नहीं तुम नहीं. या तो तुम या कोमल. अब आपस मे डिसाइड कर लो तुम.


कोमल ने बलबीर का हाथ पकड़ा.


कोमल : (धीमी आवाज) प्लीज बलबीर... तुम नहीं प्लीज.


बलबीर मान गया. कोमल ने घूम कर डॉ रुस्तत्म की तरफ देखा. और हा मे हिशारा किया.


डॉ : एक से दो कोमल जाएगी. और दो बजे मै जाऊंगा. Thats it.


सभी एक दूसरे को देखने लगे. डॉ ने सब से कोमल और बलबीर का इंट्रोडक्शन करवाया.


डॉ : आप लोग यही बस मे ही कुछ देर आराम कर लो. फिर हम अपना काम शुरू करेंगे.


डॉ रुस्तम बस से उतर गए. कुछ तो शीट पर ही लम्बे हो गए. कोमल बलबीर की गोद मे अपना सर रख कर लेट गई. कोमल को हलकी सी ज़बकी भी आई. उसकी नींद रात 9 बजे खुली. बलबीर भी बैठे बैठे ही सो गया था.


कोमल : बलबीर बलबीर उठो.


उन दोनों ने एक गलती ये की की पूरा दिन रेस्ट नहीं किया. अब उन्हें रात जगनी थी. बलबीर उठा. बस मे सिर्फ वो दोनों ही थे. वो दोनों बहार आए. डॉ रुस्तम और उनकी टीम के सब के पास टोर्च लाइट थी. उनके पास नाईटविजन एक्यूमैंट्स भी थे. टोर्च लिए डॉ रुस्तम कोमल और बलबीर के पास आए.


डॉ : ये लो टोर्च हमारे पास सिर्फ एक ही एक्स्ट्रा है.


कोमल ने टोर्च ले ली.


डॉ : आओ मेरे पास वहां.


कोमल और बलबीर स्कूल की दीवार से सटे एक वान के पास गए. वो एक मोबाइल वान थी. जिसमे छोटी छोटी कुछ स्क्रीन और कुछ रिसीवर लगे हुए थे. ये सारा डॉ रुस्तम की टीम का सेटअप था.


डॉ : हमारे पास टाइम है. अभी कुछ डेढ़ घंटा है हमारे पास.


डॉ ने कोमल की तरफ देखा.


डॉ : कोमल तुम पटनायक के साथ यही मोबाइल मे बैठो.


डॉ रुस्तम वहां से थोडा साइड मे खड़े बाते करने लगे. कोमल पटनायक के साथ बैठ गई. पटनायक सभी स्क्रीन और बाकि जानकारिया देने लगा. नेवीगेशन, फ्रीक्वेंसी वगेरा वगेरा. और तब टाइम हो गया.


डॉ : दोस्तों यहाँ क्लोज हो जाओ सारे.


टेक्निकल काम कर रहे लोगो के सिवा सारे डॉ रुस्तम के पास चले गए.


डॉ : दोस्तों टाइम हो गया है. कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए. पहले पटनायक जाएगा. ये सभी जो अंदर जाने वाले है. वो खास ध्यान दे.

ऊपर कोई भी बुरे ख्याल आता है. डर लगता है. तो सीधा बहार आ जाए. और हमारी नजर के सामने वहां उस विंडो पर ही खड़े खड़े वक्त बिताना है. जैसे ही आप को रेडिओ सेट पर वापस लौटने का मैसेज मिले तुरंत वापस आ जाए. ऊपर कुछ दिखे तो कोई बात नहीं करेगा. कोई जवाब नहीं देगा.


डॉ रुस्तम की स्पीच ही डरवानी थी. ऊपर क्या होगा. कोमल यही सोच रही थी.






 

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Update 21A


नया दिन निकल गया. कोमल को डॉ रुस्तम के टाइम से मैच होने वाली कोई फ्लाइट नहीं मिली. अहमदाबाद की सिर्फ 2 ही फ्लाइट थी. एक अर्ली मॉर्निंग के लिए. और दूसरी 12:30 के लिए. कोमल ने दोपहर 12:30 की फ्लाइट बुक की थी. कोमल तो सुबह उठी नहीं मगर बलबीर एक्सीइटेड था. आखिर पहेली बार हवाई जहाज मे जो बैठ रहा था. उसकी नींद सुबह चार बजे ही खुल गई.


कोमल की नींद 5 बजे टूटी. और उसने देखा बलबीर बाथरूम से टावल लपेटे बहार आ रहा है. कोमल ने तुरंत मोबाइल मे टाइम देखा. वो हालत समझ गई. और वापस सो गई. उसकी नींद सुबह 7 बजे खुली. बलबीर ने सारी तैयारी कर ली थी. घर भी साफ कर दिया था. दिया बत्ती भी कर दीं थी. दाई माँ ने तैयार की हुई वो किले भी बताए हुई जगहों पर लगा दीं थी. डोर पर वही छोटी सी नीबू मिर्ची की मला भी लगा दीं. इन सब लगाने पर बलबीर को ठोका पीटी भी करनी पड़ी. जिसकी वजह से कोमल की नींद भी बहोत टूटी.

मगर कोमल मे बदलाव आ चूका था. अब वो चिड़चिड़ी नहीं रही थी. जब कोमल उठी और उसने देखा सारा काम हो चूका है. घर एकदम साफ है. मंदिर मे दिया जल रहा है. वो खुश हो गई. उसे गरमा गरम परठो की खुसबू भी आ रही थी. कोमल ने बलबीर से कोई शिकायत नहीं की. वो सीधा बाथरूम मे घुस गई. कोमल ने भी सब काम कम्पलीट कर दिया. नहाना धोना फ्रेश होना.

इन सब काम कम्पलीट होने के बाद कोमल का भी मन पूजा करने का होने लगा. कोमल भगवान की मूर्ति के आगे खड़ी हो गई. ग*** भगवान के आगे हाथ जोड़े. और प्रार्थना की. हे भगवान मुजे और बलबीर को सारी बुराइयों से बचाना. भगवान के आगे साफ सच्चे मन से ये पहेली प्रार्थना थी. उसके बाद बलबीर से बाते करते उसने नास्ता भी किया. बलबीर को जल्दी थी.

वो समझ सकती थी. पर पेकिंग अब भी बाकि थी. कोमल ने देखा बलबीर ने अपने पुराने बैग को भर रखा था. कोमल सोच मे पड़ गई.


कोमल : ये क्या किया. हमें क्या वहां बसने जाना है. सिर्फ दो दिन लगेंगे.


बलबीर बेचारा क्या बोलता. वो बस कोमल को देखता ही रहा.


कोमल : तुम चुप चाप बैठो. मै सब कर लुंगी.


कोमल ने एक ट्रॉली बैग निकला. उसमे अपने और बलबीर के कपडे और जरुरी सामान डालने लगी. जब वो अपनी ब्रा और पैंटी डाल रही थी. तब उसकी नजरें निचे थी. कोमल नजरें निचे किये मुस्कुरा भी रही थी. वो जानती थी की बलबीर उसे देख रहा है. कोमल को शर्म भी आ रही थी और उसे मझा भी आ रहा था. कोमल सारी पेकिंग करने के बाद सबसे पहले खुद बलबीर को तैयार करती है.

उसे इसी पल का तो इंतजार था. बलबीर के लिए उसने जो नए कपडे ख़रीदे थे. वही कपडे उसने बलबीर को पहेन ने दिये. ब्राडेड वाइट शर्ट, क्रीम पेंट, ब्लेक ब्रांडेड जूते, बेल्ट पर्स सब कुछ बढ़िया. बलबीर उस लुक मे कोई अमीरजादा ही लग रहा था. जब कोमल ने उसे तैयार कर दिया और बाथरूम के मिरर के सामने खड़ा कर दिया.

वो अपने आप को फुल तो नहीं देख सकता था. मगर खुद के लुक को देख कर बलबीर हैरान था. तभि कोमल उसके पीछे आकर खड़ी हो गई. बलबीर की नजर मिरर से ही कोमल से मिली. कोमल ने एक मोटी गोल्डीचैन बलबीर के गले मे डाली. ऐसे सीन अक्सर पत्नी या प्रेमिका को प्रेमी या पति करता है. पर यहाँ उल्टा था.

यहाँ प्रेमिका प्रेमी को इस तरह से तोफे दे रही थी. कोमल ने गोल्ड चेन के बाद उसका हाथ पकड़ा. और महंगी घड़ी उसके हाथ मे बांध दीं. कोमल वहां से चली गई. बलबीर आईने मे अपने आप को कई देर देखता ही रहा. उसे भरोसा ही नहीं हो रहा था. वही कोमल ने अपने लिए साड़ी ही चुनी. एक हॉट ग्रीन नेट महंगी साड़ी और बहोत छोटा ब्लाउज. कोमल को थोडा टाइम लगा. बलबीर कोमल को भी देखता ही रहे गया. वो परफेक्ट मैरिड वुमन लग रही थी.

कोमल ने टेक्सी बुक की हुई थी. वो दोनों साथ एयरपोर्ट आ गए. बलबीर बहोत एक्साइटिड था. वो पहेली बार एयरपोर्ट को अंदर से देख रहा था. वो कोमल के साथ चलते हुए सब जगह देख रहा था. कोमल उसकी एक्साइटमेंट समझ सकती थी. कोमल ने खुद ही दोनों का बोर्डिंग पास लिया. पर कोमल को शारारत करने का मन होने लगा. वो चलते हुए बलबीर से जान बुचकर चिपक जाती है. वो जाताना चाहती थी की ये हैंडसम मेरे साथ है.


बलबीर : (धीमे से) क्या कर रही हो. ऐसे सब के सामने कोई क्या सोचेगा.


बलबीर बेचारा गांव का सीधा. और कोमल शहर की शरारती. देखने से तो दोनों हस्बैंड वाइफ ही लग रहे थे. क्यों की बलबीर का गेटप चेंज हो चूका था.


कोमल : (धीमी आवाज) ससससस.... तुम्हे बताया नहीं था. गर्लफ्रेंड के साथ बॉयफ्रेंड फ्री होता है. वरना उन्हें सक हो जाएगा.
आगे चेकिंग है.


बलबीर कुछ नहीं बोल पाया. वो कोमल की बातो को सच मान ने लगा. अब अंदर एंट्री लेने के लिए सिक्योरिटी चेकिंग स्टार्ट होने वाली थी. कोमल अपना मुँह घुमाकर बिना आवाज किये मुस्कुरा रही थी. उसे हंसी भी आ रही थी. पर उसे बालवीर को पता नहीं चलने देना था.


कोमल : (धीमी आवाज) देख लो. तुम्हे पता हेना कोई पूछे तो क्या बोलना है.


बलबीर थोडा डर गया. उसका थूक निगलना भी मुश्किल हो गया.


बलबीर : (घबराहट) ह ह हा हा..


कोमल मुश्कुराई वो दोनों साथ साथ चल रहे थे. ट्रे मे दोनों ने अपना अपना मोबाइल डाला, बेल्ट और पर्स भी. कोमल आगे गई. उसका मेटल डिटेक्टर से चेकिंग हुआ. कोमल ने जानबूकर दोनों बोर्डिंग पास अपने हाथ मे रखा. जब बलबीर आगे आया और उसके होलिये को देख कर सिक्योरिटी चेकिंग ऑफिसर ने उस से उसका बोर्डिंग पास माँगा.



सिक्योरिटी ऑफिसर : सर प्लीज शो योर बोर्डिंग पास???


अब बलबीर की फट गई. उस तरफ कोमल बलबीर की हालत पर खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी. बलबीर कभी उस सिक्योरिटी देखा तो कभी कोमल को देखने की कोसिस करता. बालवीर ने सामने कोमल को देख लिया. और डरते हुए तुरंत ही बोल गया.


बलबीर : (डर) वो वो वो मेरी गर्लफ्रेंड हे.


कोमल तुरंत आगे आई. और दोनों बोर्डिंगपास ऊपर हाथ किये दिखाने लगी.


कोमल : yesh sir. This is their boarding pass.


सिक्योरिटी ऑफिसर ने तुरंत ही बालवीर को चेकिंग करके जाने दिया. बलबीर की हालत पर कोमल इस बार जोरो से हस पड़ी. कोमल बलबीर से एकदम चिपक कर चलने लगी. बलबीर की मजबूत बाजु मे हाथ डालकर चलना कोमल को बहोत रौनचक लग रहा था.

बलबीर ने पहेली बार एयरप्लेन को टेक ऑफ करते देखा. वो वो हैरान रहे गया. इतना बड़ा एरोप्लेन कैसे हवा मे उड़ गया. पर उसकी गति आवाज सुनकर बलबीर को थोडा डर भी लगा. कोमल सब सनाझती थी. जब वो फ्लाइट से पहेली बार ट्रैवलिंग किया.

उसे भी कुछ ऐसा ही फील हुआ था. पर मझा तब आया जब वो दोनों एरोप्लेन के अंदर गए. क्योंकि अंदर जाते ही सुंदर बालास से सामना हुआ. अंदर जाते ही एयर होस्टेस स्माइल किये सब को वेलकम कर रही थी. बलबीर को देखते ही एक एयर होस्टेस के फेस की स्माइल डार्क हो गई. बलबीर का लुक ही इतना जबरदस्त था.

वो एयर होस्टेस बलबीर से अट्रैक्ट हो गई. वो बहोत हॉट थी. छोटी सी स्क्रिट और ब्यूटीफुल फेस था. एक औरत इन चीजों को बहोत जल्दी भाप लेती है. कोमल ने भी ये सब भाप लिया. उसे बुरा ही नहीं लगा. उस एयर होस्टेस पर गुस्सा भी आने लगा. कोमल ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. मगर हमारे बलबीर भाईसाहब तो नजरें चुराने लगे. जैसे ही एयर होस्टेस बलबीर को देख कर स्माइल करती है. बलबीर के पसीने छूटने लगे.



एयर होस्टेस : (स्माइल) वेलकम सर. गुड आफ्टरनून सर.


बलबीर तुरंत निचे देखने लगा. कोमल ने जताने के लिए तुरंत बलबीर का हाथ पकड़ लिया. कोमल और बलबीर दोनों अपनी शीट तक पहोच गए. कोमल ने जानबुचकर बलबीर को विंडो शीट पर बैठाया. ताकि वो उस खुबशुरत नज़ारे को देख सके. सारे पैसेंजर्स बैठ गए थे. एयर होस्टेस बार-बार चक्कर लगा रही थी. और चक्कर लगाते उसकी नजर बार-बार बालवीर पर भी जा रही थी.

कुमार को एयर होस्टेस की हरकत पर गुस्सा भी बहुत आ रहा था. कोमल शरारत किये बिना रहे नहीं पाई. वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर बहोत धीमे से बोली.


कोमल : देख रहे हो ना. उसे सक है की हम गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नहीं है. अगर पूछेगी तो बता देना.



तभी वह अरेस्ट आई. बलबीर को देख कर स्माइल करती है. और वही खड़ी होकर अपनी रटी रटाई स्पीच देने लगी. हिंदी और फिर इंग्लिश मे.


यात्रीगण कृपया ध्यान दें........


कोमल ने तुरंत ही अपनी और बलबीर दोनों की शीतबेल्ट लगा दिया. जब प्लेन टेक ऑफ हुआ तब बलबीर को बहोत डर लगा. उसने कस कर कोमल का हाथ पकड़ लिया.


कोमल : बलबीर छोडो. अब ठीक है. बलबीर बलबीर ससस.... मुजे दर्द हो रहा है.


जब कोमल का दर्द सुना तो बलबीर ने तुरंत उसका हाथ छोड़ दिया. बाद मे उसे अच्छा लगने लगा. विंडो से कुछ देर तो बदल भी दिखे. बलबीर के लिए ये सफर बड़ा रोमांचक रहा. और कुछ ही देर मे वो दोनों इलाहबाद एयरपोर्ट पर पहोच गए. ठीक फिर से वैसी ही हालत बलबीर की दोबारा भी हुई. जब प्लेन ने लेंड किया.


कोमल : (स्माइल) हम पहोच गए बलबीर. कैसा लगा??


बलबीर जैसे थक गया हो.


बलबीर : बहोत अच्छा. पर दोबारा नहीं बैठूंगा.


कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. वो दोनों बहार जाने लगे. जाते हुए कोमल और बलबीर दोनों ने देखा एयर होस्टेस सब को गुड बाय ट्रीट कर रही थी.


कोमल : (धीमी आवाज) देखा ये कितना सक कर रही थी?? पुरे रास्ते तुम पर ही नजर रख रही थी.


बलबीर सोच मे पड़ गया. जब वो एयर होस्टेस के पास पहोंचा तो वो बलबीर से बात करने की कोसिस करती है.



एयर होस्टेस : (स्माइल) hello sir. How did you like our service???


बलबीर बेचारा इंग्लिश सुनकर डर गया. उसने कोमल का हाथ पकड़ा और हकलाते हुए बोल गया.


बलबीर : ये ये ये ये मेरी ग.. ग... गर्लफ्रेंड है.


कोमल बहोत जोरो से हसीं. उस एयर होस्टेस का मुँह देखने लायक था. स्माइल तो थी पर बहोत फीकी. कोमल बलबीर के साथ एरोप्लेन से बाहर आ गई. वो बहोत खुश थी. लड़कियों को भी लड़कों की तरह अपने वाले का शॉ अप करना पसंद है. पर उससे भी ज्यादा अपने वाले से सब के सामने एक्सेप्ट करवाना ज्यादा पसंद आता है. कोमल ने भी वही किया. वह दोनों डॉक्टर रुस्तम से पहले आ चुके थे. इसलिए उन दोनों को वेट करना पड़ा.

Bohot hi umda update shetan ji 👌🏻👌🏻maja aagaya👌🏻 koi din ba din aapki lekhan kala me or bhi pari-pakvta aarahi hai, kisse to chalte rahenge, lekin ye jo hasi thitholi ka sama bandha aapne beech-2me wo la jabaab tha👌🏻👌🏻😘 superb update and great writing 👌🏻👌🏻👌🏻❣️❣️❣️🔥🔥🔥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥
 
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डॉ रुस्तम को आते आते बहोत देर हो गई. कोमल और बलबीर दोनों ही डॉ रुस्तम का एयरपोर्ट पर ही इंतजार कर रहे. कुछ शाम के 5 बजे कोमल के मोबाइल पर डॉ रुस्तम का फ़ोन आया.


कोमल : हेलो डॉ साहब आप कब पहोचोगे???


डॉ : फ्लाइट लैंड हो चुकी है. बस जल्दी ही. तुम इंट्रेस्ट पर आ जाओ. मै तुम्हे वही मिलूंगा.


कोमल और बलबीर दोनों एंट्रेंस तक पहुंचे. बस कुछ ही देर मे डॉ रुस्तम दिखाई दिये. उनके साथ पटनायक भी था. आते ही दोनों ने कोमल और बलवीर से हाथ मिलाया. पर डॉ रुस्तम बलबीर को देखते ही रहे गए.


डॉ रुस्तम : (स्माइल) वाह बलबीर मेने तो तुम्हे पहचाना ही नहीं. काफ़ी हैंडसम लग रहे हो.


डॉ रुस्तम ने सारा अरेंजमेंट पहले से ही करवा रखा था. उनको लेने के लिए एक मिनी बस पहले से ही खड़ी थी. वो चारो उस बस मे आराम से बैठ गए. और उनका एक नया ही सफर शुरू हो गया.


कोमल : डॉ साहब हम सिर्फ 4 ही. आप की बाकि टीम???


डॉ : मेरी टीम पहले ही पहोच चुकी है. वो पहले से ही सारा अरेंजमेंट कर के रखेंगे.


इस बार कोमल को इनफार्मेशन पटनायक देता है. सायद डॉ रुस्तम ने उसे पहले से कहे रखा हो.


पटनायक : हम जिस लोकेशन पर काम करने वाले है. वो इलाहबाद से कुछ 20 km दूर है. एक हिलोरी गांव मे आज से 5 साल पहले एक हादसा हुआ. जिसमे 35 बच्चे मर गए.


कोमल : क्या हुआ था???


पटनायक : स्कूल की छत गिर गई थी. मामला गंभीर था. स्कूल बंद हो गई. मगर एक साल बाद उस स्कूल को दोबारा से शुरू किया. सरकार ने बच्चों के माँ बाप को मुआवजा दिया. और स्कूल की नई छत भी डलवाई. फिर भी वो स्कूल कभी चालू नहीं हो पाई


कोमल : क्यों???


इस बार बिच मे डॉ रुस्तम आए.


डॉ : क्यों की वहां अजीबो गरीब घटना होने लगी.

ये सब मुजे उस स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया. वहां दिन मे ही पैरानॉर्मल एक्टिविटीज होने लगी. कभी स्कूल का फैन अचानक से गिर जाता. तो कभी चालू क्लास का डोर विंडो अचानक से धड धड बंद हो जाते. बच्चों का ही नहीं बड़ो का तक टॉयलेट जाना मुश्किल हो गया. स्टाफ रूम मे टीचर परेशान हो गए. उनके साथ भी कई घटनाए हो गई. लोगो ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना छोड़ दिया.


कोमल : ओहह तो मामला बहोत गंभीर है.


पटनायक : सिर्फ इतना ही नहीं. उस स्कूल के दोबारा बंद होने के बाद कुल 12 लोगो ने सुसाइड भी अटेंम किया.


कोमल ये सुनकर सॉक थी???


कोमल : तो क्या उन 12 को किसी एंटीटी ने मारा होगा???


डॉ : (स्माइल) वाह रे पटनायक कोमल तो अपनी भाषा बोलने लगी.


कोमल भी मुस्कुरा देती है. बलबीर उनकी बस बाते सुन रहा था.


डॉ : उन 12 का एक दूसरे से कोई वास्ता नहीं था. और तक़रीबन 7 से 8 लोग तो बहोत सुखी जीवन जी रहे थे. पर ये कैसे हुआ. ये तो वही जाकर पता चलेगा. हमें रुकने के लिए जगह भी बढ़िया मिल गई है.


कोमल : कहा??? होटल मे??


डॉ : नहीं एक आश्रम है.


कोमल : पर आश्रम मे क्यों???


डॉ : क्यों की वहां कोई होटल नहीं है. हा अगर इमरजेंसी में तुम्हे कही जाना पड़े तो ये बस तुम्हे ड्राप कर देगी.


कोमल को थोड़ी राहत हुई. क्यों की अगले दिन उसके 2 केस थे. साथ ही एक कंपनी के साथ मीटिंग भी थी. किसी प्रॉपर्टी पेपर्स की लीगल एडवाइस के लिए. वो लोग पहले सीधा उस लोकेशन पर ही पहोचे. स्कूल एक भूतिया खंडर जैसी ही लग रही थी. वो दो मंज़िला स्कूल थी. बहार स्कूल के भूतपूर्व प्रिंसिपल भी खड़े थे.


होरी लाल श्रीवास्तव : आई ये डॉ साहब.


कोमल उन सब को ध्यान से देख रही थी. डॉ रुस्तम और होरी लाल बाते कर रहे थे. पटनायक कोमल के पास आया.


पटनायक : हम अभी सिर्फ काम देखने आए है.

आज रात हमारी पहेली रिसर्च होंगी. पर ध्यान रहे. अंदर कोई भी इनविटेशन देने वाले वर्ड्स नहीं बोलना. जैसे चलो. कोई मेरे साथ चलेगा. और हा कोई बात या कुछ सुनाई दे तो उसपर कोई रिएशन मत देना. हमने कैमरा और एकम्युलेट सेट किये हुए है.



कोमल ने पहले बलबीर को देखा और फिर पटनायक की तरफ देख कर हा मे गर्दन हिलाई. डॉ रुस्तम ने पीछे मुड़कर कोमल पटनायक बलबीर सभी को देखा. और हाथो से अंदर चलने का हिशारा किया. अंदर जाते गेट से ही कोमल और बलवीर हार चीज देख रहे थे. सेटअप तैयार था. गेट से ही कैमरे लगे हुए थे. स्कूल के अंदर का माहोल कुछ अलग ही था. बहार हवा चल रही थी. गरम लू.

और स्कूल के अंदर एकदम ठंडक थी. एकदम चिल्ड मौसम. जब की लकड़ी की विंडो और डोर भी टूटे हुए थे. कइयों के तो थे ही नहीं. मगर फिर भी विंडो और डोर से कोई हवा ही नहीं आ रही थी. हेरत की बात ये थी की अंदर का वातावरण इतना ज्यादा ठंडा था की कोमल तो अपने बाजुओं को मसलने लगी.

कोई बदबू वगेरा कुछ भी नहीं. फिर भी अजीब सी घुटन हो रही थी. कोमल और बलबीर दोनों ने चारो तरफ देखा. कई चीजों को तो कोमल दुखते ही समझ गई की ये इक्विपमेंट्स किस काम आते हैं. पर बलबीर के लिए समाजना मुश्किल था. वहां सेंसरस कैमरा बहोत कुछ था. कई अचीवमेंट्स तो आर्मी भी इस्तेमाल करती थी. जैसे कोई स्पीड नापने वाला तो कोई फिकवंशी नापने वाला इक्विपमेंट.

ऐसी चीजों जो इंसान नरी आँखों से ना देख पाए पर वो अब उन इक्विपमेंट्स के जरिए कैमरा मे कैद हो जाए. उन सब ने मिलकर पूरा स्कूल देखा. पहले निचे वाली मंज़िल.


डॉ : ये वो क्लास रूम हे.


सभी समझ गए की ये वही क्लास रूम हे जहा छत गिरने से बच्चे दब के मर गए थे. कोमल आगे बढ़ी और उस रूम मे टहलते हुए सब कुछ देखने लगी. एक खंडर जैसा क्लास रूम जो सालो से बंद पड़ा हुआ था. देखने मे तो कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था. पर बार बार कोमल को ऐसा महसूस हुआ की उसके पीछे कोई है.

सभी उस क्लास रूम से बहार निकल गए. उसके बाद उपरी मंज़िल पर भी गए. लेजिन ऊपरी मंज़िल पर कुछ भी ऐसा किसी को महसूस नहीं हुआ. जब की सारे सुसाइड अटेम्प्ट वही ऊपर से ही हुए थे. सारी टीम डॉ रुस्तम के पीछे पीछे बहार आ गई.


डॉ : किसो को कुछ महसूस हुआ????


पटनायक : ना कुछ नहीं.


डॉ ने बलबीर की तरफ देखा. उसने ना मे सर हिलाया. फिर उसने कोमल की तरफ देखा.


कोमल : मुजे ऐसा तो कुछ नहीं लगा. पर उस क्लास रूम मे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई पीछे खड़ा है


डॉ रुस्तम ने जेब से एक रेडियो सेट निकला.


डॉ : डॉ टू नवीन रिपोर्ट ओवर.



रेडियो सेट पर रिप्लाई मिला.


नवीन : ओके रोजर.


डॉ : क्या कुछ नोटे हुआ क्या???


नवीन : अभी तक कुछ भी नहीं. नो एनी फ्रीक्वेंसी.


डॉ ने कोमल और बाकि सभी को बस की तरफ चलने का हिशारा किया. सारे बस मे बैठ गए. वो बस ही उनके आराम करने के लिए बेस्ट थी. इस बार और भी कुछ डॉ रुस्तम के टीम मेम्बर्स थे. डॉ रुस्तम, पटनायक, कोमल बलबीर के आलावा और 7 लोग. वो सारे male ही थे.


डॉ : हम तक़रीबन एक एक घंटा स्कूल मे अकेले बिताने वाले है. और फील करना चाहते है की क्या फील होता है.


पटनायक : पर जो वालंटियर हो उसी को.


कोमल : क्या मुजे मौका मिलेगा.


डॉ : तुम ये कर सकती हो पर इस बार रहने दो. वैसे भी तुम हमारे साथ 1st टाइम आई हो.


पटनायक : 11 बजे से स्टार्ट करेंगे. 3 बजे तक.


डॉ : 11 बजे नवीन को भेज देंगे. फिर उसे कैमरा भी संभालना है.


पटनायक : 12 बजे मै चले जाता हु.


डॉ : एक बजे सतीश तुम.


सतीश : ओके.


कोमल तुरंत बोल पड़ी.


कोमल : तो फिर मै भी जाउंगी.


डॉ : ये तुम्हारा 1st टाइम है. प्लीज तुम देखो. एक्सपीरियंस लो.


कोमल : मेने लाइफ टाइम खुद खुदके ही एक्सपीरियंस की है. मै उसके बाद जाउंगी.


डॉ पटनायक का मुँह देखने लगा.


पटनायक : 12 सुसाइड एटम हो चुके है वहां. और इसे अभी इस रिसर्च का कोई आईडिया नहीं है.


कोमल : एक बार मौका तो दो. कई दिन मै खुद भूतों के बिच काट चुकी हु.


सभी हस पड़े. पर कोमल के वॉलिंटियर होने से बलवीर को डर लगने लगा.


डॉ : (स्माइल) पता नहीं पर मुजे कोमल पर भरोसा हो रहा है. वो आसानी से कर लेगी.


बलबीर : फिर मै भी करूँगा.


डॉ : नहीं तुम नहीं. या तो तुम या कोमल. अब आपस मे डिसाइड कर लो तुम.


कोमल ने बलबीर का हाथ पकड़ा.


कोमल : (धीमी आवाज) प्लीज बलबीर... तुम नहीं प्लीज.


बलबीर मान गया. कोमल ने घूम कर डॉ रुस्तत्म की तरफ देखा. और हा मे हिशारा किया.


डॉ : एक से दो कोमल जाएगी. और दो बजे मै जाऊंगा. Thats it.


सभी एक दूसरे को देखने लगे. डॉ ने सब से कोमल और बलबीर का इंट्रोडक्शन करवाया.


डॉ : आप लोग यही बस मे ही कुछ देर आराम कर लो. फिर हम अपना काम शुरू करेंगे.


डॉ रुस्तम बस से उतर गए. कुछ तो शीट पर ही लम्बे हो गए. कोमल बलबीर की गोद मे अपना सर रख कर लेट गई. कोमल को हलकी सी ज़बकी भी आई. उसकी नींद रात 9 बजे खुली. बलबीर भी बैठे बैठे ही सो गया था.


कोमल : बलबीर बलबीर उठो.


उन दोनों ने एक गलती ये की की पूरा दिन रेस्ट नहीं किया. अब उन्हें रात जगनी थी. बलबीर उठा. बस मे सिर्फ वो दोनों ही थे. वो दोनों बहार आए. डॉ रुस्तम और उनकी टीम के सब के पास टोर्च लाइट थी. उनके पास नाईटविजन एक्यूमैंट्स भी थे. टोर्च लिए डॉ रुस्तम कोमल और बलबीर के पास आए.


डॉ : ये लो टोर्च हमारे पास सिर्फ एक ही एक्स्ट्रा है.


कोमल ने टोर्च ले ली.


डॉ : आओ मेरे पास वहां.


कोमल और बलबीर स्कूल की दीवार से सटे एक वान के पास गए. वो एक मोबाइल वान थी. जिसमे छोटी छोटी कुछ स्क्रीन और कुछ रिसीवर लगे हुए थे. ये सारा डॉ रुस्तम की टीम का सेटअप था.


डॉ : हमारे पास टाइम है. अभी कुछ डेढ़ घंटा है हमारे पास.


डॉ ने कोमल की तरफ देखा.


डॉ : कोमल तुम पटनायक के साथ यही मोबाइल मे बैठो.


डॉ रुस्तम वहां से थोडा साइड मे खड़े बाते करने लगे. कोमल पटनायक के साथ बैठ गई. पटनायक सभी स्क्रीन और बाकि जानकारिया देने लगा. नेवीगेशन, फ्रीक्वेंसी वगेरा वगेरा. और तब टाइम हो गया.


डॉ : दोस्तों यहाँ क्लोज हो जाओ सारे.


टेक्निकल काम कर रहे लोगो के सिवा सारे डॉ रुस्तम के पास चले गए.


डॉ : दोस्तों टाइम हो गया है. कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए. पहले पटनायक जाएगा. ये सभी जो अंदर जाने वाले है. वो खास ध्यान दे.

ऊपर कोई भी बुरे ख्याल आता है. डर लगता है. तो सीधा बहार आ जाए. और हमारी नजर के सामने वहां उस विंडो पर ही खड़े खड़े वक्त बिताना है. जैसे ही आप को रेडिओ सेट पर वापस लौटने का मैसेज मिले तुरंत वापस आ जाए. ऊपर कुछ दिखे तो कोई बात नहीं करेगा. कोई जवाब नहीं देगा.


डॉ रुस्तम की स्पीच ही डरवानी थी. ऊपर क्या होगा. कोमल यही सोच रही थी.
Bohot hi umda update tha komal ji🤭
Mera matlab hai Shetan ji, 👌🏻👌🏻👌🏻 komal ko first time kewal dekhna hi chahiye tha👍 aisa mujhe lagta hai,
Is update ko padhne ke baad kaiyo ko daravne sapne aasakte hai to pathak gan kripya sayam banaye rakhe, school hadsa wakai me tagda tha, to multiple kache kalue honge waha, is liye bhi sab ko jyada saavdhan rehne ki jarurat hai, awesome update and mind blowing writing ✍️.
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️🔥🔥🔥🔥
🔥🔥
 

Shetan

Well-Known Member
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बहोत बहोत शुक्रिया पंडितजी. आगे लिख रही हु. सायद शाम तक अपडेट आ जाए
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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बहोत बहोत शुक्रिया पंडितजी. आगे लिख रही हु. सायद शाम तक अपडेट आ जाए
Intzaar rahega shaam ka sarkaar :hi:
 

Raj_sharma

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दिल ने कहा कोई याद कर रहा है
मैंने सोचा दिल मज़ाक कर रहा है
फिर आईं हिचकी मैंने सोचा
अपना ही कोई मैसेज का इंतज़ार कर रहा है :thank_you:
 

Shetan

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Raj_sharma

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इस बार बताना हॉरर लेवल कितना अप लगा
Pehle se hi lag raha hai ki update daravna hoga :D Wo alag baat hai ki apan darta nahi hai👍 per agar laga to jaroor bataonga.
 

Shetan

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Pehle se hi lag raha hai ki update daravna hoga :D Wo alag baat hai ki apan darta nahi hai👍 per agar laga to jaroor bataonga.
भुत भी भूतों की कहानी से डरने लगे तो हो लिया फिर.
 

Raj_sharma

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भुत भी भूतों की कहानी से डरने लगे तो हो लिया फिर.
:haha:
Waise bhoot se apan nahi balki wo darte hai hum se:D
 
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