sunoanuj
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Intenha ho gayi Intezar ki … aayi kuch khabar agle update ki …. 
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Ye dono update mahsoos kia jay to bhot he dangerous the ab tk ke jin ke bare me maine suna he hai ab tk khas kr bs itna suna hai jada maine ki ye pyar ke bhookhe jada hote hai lekin sath ye jisse bi pyar krte hai to use door krdete hai sbse fir chahe family he Q na ho uski isse jada jankari ni mujhe is bare me kher Palkesh thik hai or apni family ke sath haiUpdate 13A
एक जबरदस्त सेटअप तैयार हो चूका था. हवनकुण्ड तो रेडिमेंट था. ब्लैक कलर लोहे का बना हुआ. हवन कुंड के पास सामने ही एक आसान पर डॉ रुस्तम बैठ गए. कुंड से बस डेढ़ हाथ पीछे. उनके आस पास कई चीजे ऐसी थी.
जो कोमल और बलबीर दोनों ने पागले कभी नहीं देखि थी. कई तो जदिबुटिया थी. और कई मृतक जानवर के अवशेष. हवन कुंड की दूसरी तरफ पलकेश था. जो बेहोश पड़ा हुआ था. कोमल और बलबीर उनके दए साइड कुछ दस पंद्रह कदम दूर थे.
जो दोनों की प्रतिक्रिया देख सकते थे. 2 कैमरामैन कैमरा लेकर सब कवर भी कर रहे थे. डॉ रुस्तम ने कोमल की तरफ देखा.
डॉ : देख रहे होना कोमलजी. मै उस NTT को बुला रहा हु.
कोमल : पर आप ने तो कहा था की कोई NTT यहाँ अंदर नहीं आ सकती.
डॉ रुस्तम ने अपना माथा पीटा.
डॉ : है भगवान.... ये लड़की एडवोकेट है या मीडिया रिपोर्टर.
इस बार तो कोमल को भी हसीं आ गई. उसने अपने मुँह पर अपना हाथ रख लिया. और नजरें घुमाकर कही और देखने लगी.
डॉ : वो नहीं आ सकती. पर हम उसे बुलाएंगे तो वो आएगी. हम उस NTT को आदेश दे रहे है.
एक लड़का आया और पलकेश के चारो तरफ एक बड़ा गोल दायरा बना ने लगा. कोमल बड़े ध्यान से उन्हें देख रही थी. डॉ मन्त्रजाप कर रहा था.
डॉ : अरे यार..... कोई इसे होश मे तो लाओ यार. क्या यार तुम इतने टाइम से काम कर रहे हो. और इतना भी ध्यान नहीं तुम्हे.
डॉ जिस तरह अपनी टीम को डांट रहा था. उस से लग ही रहा था की ऐसे काम वो और उसकी टीम कई बार कर चुकी होंगी. पटनायक आया. और पलकेश को होश मे लाने की कोसिस करने लगा. फेस पर पानी डाला थपकी मारी. पर वो होश मे नहीं आया.
पटनायक : नहीं उठ रहा. ऐसे ही शुरू कर दो ना. वो आएगा तो अपने आप उठ जाएगा.
डॉ तुरंत ही भड़क गया.
डॉ : ओय.... तू पागल है क्या. अगर कोई पावरफुल चीज हुई तो इसे सोए सोए मे ही ले जाएगी.
कोमल ये सुनकर हैरान हुई. पटनायक ने बहोत महेनत की. और तब जाकर पलकेश होश मे आया. वो जैसे शराब पी हो. और नशे मे हो. ऐसे बिहेव कर रहा था. वो बैठ गया. बदन झूल रहा था. बाल बिखर गए थे. वो कभी दए देखता फिर बाए देखता. और वो रोने लगा.
डॉ रुस्तम ने तो मंत्रो का जाप शुरू ही कर दिया. पलकेश की नजर रोते हुए कोमल पर गई. वो कोमल को ऐसे रोते हुए पुकारता है की कोमल के साथ साथ बलबीर का भी दिल बैठ गया.
पलकेश : हाआआआ..... कोमलललललल........
पलकेश की हालत पर कोमल को दया तो आ गई. फिर भी वो रोइ नहीं. कोमल बहोत कठोर दिल की थी. वो भी कोई ऐसे ही क्राइम स्पेशलिस्ट और प्रॉपर्टी डीलिंग स्पेशलिस्ट नहीं बनी थी. अपने पेशे मे उसने गलत काम भी किये थे.
गलत मालूम होने के बावजूद भी. काफ़ी देर हो गई. मगर पलकेश पर कोई भी पैरानॉर्मल एक्टिविटीज की असर नहीं दिख रही थी. खुद डॉ रुस्तम भी परेशान होकर रुक गए. और लम्बी शांस लेने लगे.
डॉ : ऐसे काम नहीं बन रहा है.
कोमल : क्या हुआ???
डॉ : वो NTT जो भी है. वो आ ही नहीं रही. हमें चीजे चाहिये.
कोमल : केसी चीजे???
डॉ : ऐसी चीजे जो उस NTT से जुडी हुई हो. या इस्तेमाल की हुई हो. जैसे की वो मांस का टुकड़ा. जिसे तुमने खाते देखा था. या फिर वो कपडे. जो उस वक्त पलकेश ने पहने हो. जो उस NTT ने इस्तेमाल मे ली हो.
कोमल : नहीं.... मेने सब साफ कर दिया. वो सारे गंदे कपडे और नॉनवेज मेने सब डस्टबिन मे फेक दिये थे.
डॉ : हमें उसे यहाँ लाना होगा.
कोमल बोलना तो नहीं चाहती थी. पर उसके पास एक चीज ऐसी थी. जो पलकेश की नहीं. उसी NTT की थी. वो सिक्के. जिन्हे पलकेश ने तो हाथ भी नहीं लगाया था.
कोमल : मेरे पास एक चीज है.
डॉ रुस्तम हैरानी से कोमल की तरफ देखते है. कोमल ने अपने बैग से एक बड़ी पॉलीथिन निकला. जिस से आर पर उन सिक्कों को देखा जा सकता था. ऐसी कुछ चीजे NTT से जुडी होती है. ऐसी जानकारी डॉ रुस्तम को थी.
वो खिलोने कॉइन, या कोई और सामान खास कर गुड्डा गुड़िया ज्यादा जिस से NTT जुडी हुई होती है. ऐसे केस का सामना डॉ रुस्तम कर चुके थे. पर इसके भी कोई कारण होते है. कभी कभी किसी केस मे वो कारण भी जान ना जरुरी होता है.
डॉ : (सॉक) ये क्या है???
कोमल : ये सिक्के उस भुत या NTT जो भी हो. उसके है.
डॉ : पर ये तुम्हारे पास कैसे है.
कोमल : क्या बताना जरुरी है???
डॉ : अगर ये सामान उस NTT का है. तो जरुरी है की मै उस कारण को जानू. तुम्हारे पास कैसे है. कहा मिले. सब कुछ.
कोमल : ये मै सब के सामने नहीं बता सकती.
डॉ रुस्तम की ऑफिस एक बड़ा सा हॉल था. जिसमे कसी कामों की अलग अलग केबिन थी. उसकी खुद की भी. पर सब ओपन ही थी. बस एक बड़ा सा हॉल जैसा किस्सा.
जो केबिन के सामने ही था. डॉ रुस्तम के हिसारे पर सब दूर हो गए. हलाकि सब देख सकते थे. पर सुन ना मुश्किल था. डॉ रुस्तम भी वापस खड़े होकर वापस अपने केबिन मे कोमल के पास आ गए.
कोमल ने बलबीर के कंधे पर हाथ रखा. और उसने भी कोमल की तरफ अपना सर घुमाया.
कोमल : बलबीर... प्लीज तुम भी जाओ.
कोमल वो बात बलबीर के सामने भी नहीं बोलना चाहती थी. जब की उसने वो किस्सा बलबीर को भी सुनाया हुआ था. कोमल और बलबीर दोनों आमने सामने बैठ गए. वो दोनों एक दूसरे के सामने देख रहे थे.
डॉ : अब बताओ??
वैसे तो कोमल ये किस्सा किसी को बताना नहीं चाहती थी. पर उसे लगा अगर नहीं बताएगी और बाद मे उसे ही कोई प्रॉब्लम हो गई तो. पर कोमल बोलने से पहले ही सर निचे कर लेती है. डॉ रुस्तम शांत ही रहा. और कोमल के बोलने का इंतजार करने लगा.
कोमल : वो सिक्के फेकने का एक मकशद है.
डॉ : पहले वही बताओ???
कोमल : वो जो भी NTT है. वो चाहती है की मै उन सिक्के के बदले मे अपने कपडे उतारू. नंगी हो जाऊ उसके सामने. उसके लिए. जैसे एक वेश्या करती है. पेसो के लिए.
डॉ : मतलब वो NTT मेल है. पुरुष.
कोमल हैरानी से डॉ की तरफ देखती है.
डॉ : देखो कई NTT बहोत बुरी होती है. इन्हे हर बुरी चीज चाहिये. अल्कोहल, नॉन वेज हवस बहोत कुछ. NTT एक नेगेटिव एनर्जी है. ये मनहूशीयत फैलाती है. ऐसे मे जो पाजेश है उनमे ये सारी बुराई आ जाती है. वो उस पाजेश इंसान से डील भी करने लगती है. उसकी बात ना मान ने पर वो उसे मार भी देती है. कैसे भी.
तो उसने तुमसे ये एक्सपेक्ट किया तो कई बड़ी बात नहीं. NTT की ब्लैक एनर्जी इतनी ज्यादा पवरफुल होती है की वो किसी का भी पास्ट फ्यूचर बता देती है. उसने तुम्हारे भी कोई पास्ट को जानकर ही ऐसा किया होगा. मुजे वो नहीं जान ना. बस तुम्हारे पास ये कैसे आए. और क्या हुआ वो बताओ.
कोमल को लगा सायद सब बताना ही ठीक होगा. वैसे भी वो दोनों बहोत धीमे बात कर रहे थे तो किसी के सुन ने का भी कोई डर नहीं था. कोमल सब कुछ बता ही देती है.
कोमल : ये सब मै पलकेश के लिए करती थी. आखिर वो मेरा पति था. वो एक कॉइन फेकता और मै उसके लिए. पर कल रात.....
कोमल ने रात का पूरा किस्सा डॉ रुस्तम को बताया. कैसे उसके सामने बारी बारी लगातार वो कॉइन फेके जा रहे थे. उसने पलकेश को भी चेक किया. पर वो सो रहा था. उसके बाद वो किचन वाला सीन भी.
डॉ : देखो ये जो पैसे है. ये उसने तुम्हे दिए है. ये तुम्हारे लिए तो कोई नुकशान नहीं पहोंचाएंगे. पर ये जिस किसी के भी पास जाएंगे. उसे बर्बाद कर देंगे. ये पैसा मनहूस है. पर इस पेसो मे ब्लैक एनर्जी बहोत ज्यादा है. ये तुम्हे धनवान बना देगा. पर हम पहले पलकेश को देखते है.
डॉ रुस्तम ने उन सिक्कों वाले पॉलीथिन को हाथो मे लिया. और वापस उस हवन वाले एरिया मे चले गया. कोमल सब बड़े ध्यान से देख रही थी. एक बार फिर डॉ रुस्तम अपने कम मे लग चुके थे. पलकेश को सोने नहीं दिया जा रहा था.
वो दोनों टांगे पसारे निचे सर किये बस रोए जा रहा था. उसकी रोने की आवाज जैसे उसकी सांसे उखाड़ रही हो. पर डॉ रुस्तम लगातार मंत्रो का जाप किये जा रहे थे. हवन कुंड मे आग को थोड़ी तेज़ किया गया. उन सिक्कों को भी डॉ रुस्तम ने सामने ही रखे.
एक ताम्बे के बर्तन मे उन सिक्कों को रख कर लाल कुमकुम और कुछ चीजों को उनपर डाला गया. मंत्रो के जाप को लगातार चालू रखा गया. उन मंत्रो के उच्चारण मे एक अलग ही एनर्जी थी. जो मन मे पॉजिटिविटी बढ़ा रही थी.
ये तो उन मंत्रो के शब्दो की पॉजिटिविटी थी. जो वो ब्लैक एनर्जी बरदास नहीं कर पा रही थी. और उसे सामने आना ही पड़ा. पलकेश को जैसे कोई दौरा पड़ने लगा हो. जैसे मिर्गी का स्टॉक आया हो.
सायद वहां हर किसी को ऐसी चीजे देखने की आदत थी. पर कोमल पलकेश को ऐसे देख कर थोडा घबरा गई. क्यों की पलकेश अपने आप को ऐसे झटक रहा था की जैसे उसकी गर्दन टूट जाएगी या फिर हाथ पाऊ की कोई हड्डी ही टूट जाएगी.
डॉ रुस्तम ने एक कलश से पानी हाथो मे लिया और पलकेश के ऊपर जोरो से छिंटे मारे. तब जाकर कोमल को पलकेश का चहेरा नजर आया. बहोत ही अजीब और डरावना चहेरा.
आंखे एकदम काली. पूरा डार्क सर्किल बना हुआ. चहेरे की त्वचा बिलकुल ही सुख गई. चहेरे पर कोई मॉइसचर नहीं. होंठ भी सुख कर सफ़ेद पड़ गए थे. पर जोश इतना की हाथी की ताकत आ गई हो. जैसे ही डॉ रुस्तम ने उसपर पानी के छींटे मारे पलकेश एकदम से एक टांग आगे फॉल्ट और दूसरी पीछे की तरफ फॉल्ट कर के बैठ गया. थोडा सा आगे झूक कर जोर से चिल्लाया.
पलकेश : (चिल्लाकर) क्यों बुलाया मुझे......
डॉ रुस्तम भी थोडा मुश्कुराए. अब बारी थी उस NTT से बात करने की.
पलकेश : कौन है तू??? और इस लड़के के अंदर क्यों आया है.
पलकेश के अंदर की NTT कोई जवाब नहीं देती. डॉ रुस्तम फिर उसपर एक बार और पानी की बौछार की. वो बड़ी जोर से चिल्लाया. इतना जोर से की वहां डॉ रुस्तम की टीम के कई लोग कांप गए. वैसी ही ध्रुजारी कोमल को भी हुई.
NTT (पलकेश) : (बहोत जोर से चिल्लाकर) मत डालो मुझपर.
डॉ रुस्तम भी उसपर दबाव बनाते है.
डॉ रुस्तम : तो बता कौन है तू. और इसे क्यों परेशान कर रहा है.
NTT (पलकेश) : (गुस्सा) ये तू भी जानता है. मै एक जिन हु. और इसने मेरी बात नहीं मानी तो इसे मै अपने साथ ले जाऊंगा. जिन्दा नहीं बचेगा ये.
सायद डॉ रुस्तम का इतना एक्सपीरियंस होगा की वो समझ गया था. वो NTT एक जिन्न ही है. क्यों की डॉ रुस्तम को पलकेश की एक्टिविटी मे सारे लक्षण दिख रहे थे. जो एक जिन्न मे होते है. कोमल ने बताए किस्से मे भी आभास हो गया था की वो कोई जिन्न ही हो सकता है. कोमल भी हैरान थी. उसने तो कभी जिन्न जैसे शब्दो को भी नहीं सुना था. कोमल सारे किस्से को बड़े गोर से देख रही थी.
डॉ रुस्तम : तू इसके अंदर कैसे आया. कहा से आया है तू.
NTT (पलकेश) : मै इसके साथ थोड़ी ना आया. मुजे तो वो लाई है.
NTT (पलकेश) ने कोमल की तरफ हाथ बढाकर ऊँगली की. डॉ रुस्तम समझ गए की वो जिन्न कोमल के पीछे आया. पर कोमल के अंदर नहीं आया मतलब कोमल का aura स्टॉरंग होगा. तभी वो बस पीछे पीछे ही आ पाया. ये बार डॉ रुस्तम को तुरंत ही समझ आ गई.
डॉ : ये तुझे कहा मिली??? कहा से इसके पीछे लगा तू???
NTT (पलकेश) बहोत ही कामिनी हसीं से हसने लगा. और बलबीर की तरफ हाथ बढाकर हिशारा किया.
NTT (पलकेश) : ये उसके साथ सो रही थी.
NTT (पलकेश) ने कोमल की तरफ देखा. और बहोत कामिनी घिनौनी स्माइल की.
NTT (पलकेश) : मुजे इसकी खुसबू बहोत अच्छी लगी. मै इस से निकाह करूँगा. इसके साथ रहूँगा.
कोमल का गुस्सा सातवे आष्मान पर पहोच गया. उस NTT ने कोमल को सब के सामने बेपर्दा ही कर दिया. बलबीर के साथ किये सेक्स के बारे मे बता दिया. तब तक तो कोमल कंट्रोल कर गई. पर आगे जो उस NTT ने कोमल से शादी करने की और साथ रहने की मंशा जाहिर की तो कोमल भड़क ही गई.
कोमल : (गुस्सा) साले चप्पल से मरूंगी तुझे. भगजा साले. तू जानता नहीं मुजे अभी.
डॉ रुस्तम कोमल को देख कर दंग रहे गया. ऐसी औरत जो भुत से डरने की बजाय उसे ही धमकी दे रही हो. डॉ रुस्तम सोचने लगे की सायद जिन्न का मतलब कोमल को पता नहीं होगा. नहीं तो जिन्न को ऐसी धमकी ना देती. NTT (पलकेश) वैसी ही घिनौनी हसीं से हसने लगा. और जो धमकी उसने कोमल को दी. वो सुनकर कोमल की ही आंखे फटी रहे गई.
NTT (पलकेश) : (घिनौनी स्माइल) तेरी माँ रोज पंछियो को दाना डालने के लिए अपनी छत पर जाती है. कही वो सीडीयों से गिर गई तो??? तेरी बहन बड़े से हवाई जहाज को ठीक करती है. कही.....
डॉ : चुप हो जा..
डॉ रुस्तम ने तुरंत ही पानी के छींटे उसपर मारे. ताकि वो आगे धमकी ना दे सके. डॉ रुस्तम जानते थे की जब इन्शानि मनोबल मजबूत हो तो भविस्य दिखाकर वो इंसान को डरते है. कोई भी अपने परिवार या प्रियजनों पर बात आ जाए तो इंसान समझोते के लिए मान ही जाते है. वो NTT सिर्फ धमकी नहीं देती.
ऐसा कर भी देती है. बारी बारी पुरे परिवार को ख़तम तबाह कर देती है. और जो इंसान जिसे वो पाजेश करना चाहती हो. वो ब्लैकमेल होते होते उस NTT के जाल मे बुरी तरह फस चूका होता है. कोमल भी जब अपने परिवार की बात आई तो. वो चुप हो गई. बल्कि सॉक हो गई. जब डॉ रुस्तम ने उस जिन्न पर पानी के छींटे मारे तो वो फिर तड़प उठा. पलकेश के अंदर का जिन्न एकदम से भड़क गया.
NTT (पलकेश) : मत परेशान करो मुजे.
डॉ : जब मशला तेरा इस से (कोमल) है. तो तूने इस(पलकेश)
को क्यों तंग कर रहा है. उसने तेरा क्या बिगाड़ा???
NTT (पलकेश) फिर कनिनी हसीं से हसने लगा.
NTT (पलकेश) : (कामिनी हसीं) बिगाड़ा थोड़ी है. मदद की है. और वो जब तक मेरी मदद करेगा. तब तक ही वो मुझसे बचे रहेगा. वरना मै उसे मार डालूंगा.
डॉ : उसे छोड़ दे. और यहाँ से चले जा. तुझे और कुछ चाहिये तो बोल.
उस NTT(पलकेश) ने गर्दन घुमाकर कोमल की तरफ बड़ी घिनौनी तरीके से मुश्कुराकर देखा. और उसकी तरफ हाथ बढ़ा दिया. जैसे कहे रहा हो. मुजे वो चाहिये. कोमल भी परेशान बस उसे आंखे फाडे टेंशन मे देखती रही. जब परिवार को बचाने बात आई तो कोमल ने उस NTT के सामने हथियार डाल दिये. सायद परिवार के लिए वो खुद को कुर्बान कर देती. डॉ रुस्तम ने भी इस बार चिल्लाया. और चिल्लाते हुए पानी के छींटे बड़ी जोर से उस NTT(पलकेश) के मुँह पर मारे.
डॉ : (गुस्सा) वो नहीं मिलेगी तुझे. और नहीं मै इस लड़के को कुछ होने दूंगा.
पानी के छिटो से वो NTT (पलकेश) बहोत ज्यादा तिल मिला गया.
NTT (पलकेश) : (गुस्सा) मै कहता हु मत करो ये.....
अब तक तो डॉ रुस्तम अपना पवार दिखा रहा था. पर आगे उस NTT (पलकेश) ने अपना पावर दिखाया. हवन कुंड की आग एकदम से तेज़ हो गई. और इतनी उची की छत को टच कर गई. छत का वो हिस्सा काला पड़ने लगा. वो NTT(पलकेश) मुश्कुराने लगी.
NTT (पलकेश) : तुझे पता होना चाहिये की तेरे सामने एक जिन्न है. जिन्न. मुजे वो लड़की दे दो. मै तुम सब की जान बक्श दूंगा. और यहाँ से चले जाऊंगा.
कोमल ने पहेली बार घबराहट और डर दोनों एक साथ महसूस किया. वो एकदम से बलबीर के कंधे पर हाथ रख देती है. डर के कारण उसने बलबीर का कन्धा एकदम से मसल दिया. बलबीर ने भी कोमल के हाथ पर अपना हाथ रख कर ये जता दिया की वो उसके साथ है.
पर डॉ साहब भी जानते थे की ये नौबत आएगी. अब तक तो वो सिर्फ बाते करने के लिए प्रकोषण युस कर रहे थे. इस बार एक अलग की थाली से कुछ रई( सरसों ) के दाने को हाथ पर लिया. और उसे उस NTT (पलकेश) पर जोर से मारा. NTT (पलकेश) बुरी तरह से झल्ला गई.
NTT (पलकेश) : एएए.... तू भी मरेगा मेरे हाथो.
डॉ रुस्तम जानते थे की जिन्न मे बहोत ताकत होती है. पर ऐसे दावे वो नजाने कितनी NTT से सुन चुके थे. अब बारी थी पक्का इलाज करने की. डॉ रुस्तम ने हवन क्रिया तेज़ की. पहले तो गोले के आस पास कुछ रई और लॉन्ग के दाने फेके.
डॉ रुस्तम ने उस NTT को पलकेश के शरीर मे ही बांध लिया. ताकि वो वापिस ना जा सके. और फिर मंत्रो उच्चारण से उस जिन्न को मजबूर किया एक नारियल की नोक पर बैठने के लिए. वो NTT को डॉ रुस्तम ने मंत्रो उच्चारण से नारियल के साथ बांध दिया.
पलकेश एक बार फिर बेहोश हो गया. सारा कार्य संपन्न करने के बाद डॉ रुस्तम उस नारियल को एक लाल कपडे मे बाँधने लगे. उस जिन्न को निकलने की प्रक्रिया ताकरबन 4 घंटा चली.
डॉ : बहोत नुकसान कर दिया कोमल जी. इसने मेरा.
डॉ रुस्तम अपनी जगह से खड़े हुआ. कोमल रहे ना सकी और पूछ ही लेती है.
कोमल : (घबराहट) क्या ये अब ठीक है???
डॉ : (स्माइल) हा.... अब ये ठीक है. आप चाहो तो इसे लेजा सकते हो. पर याद रहे. इसे डॉक्टर के पास जरूर ले जाना.
कोमल ने राहत की सांस लेते हुए बलबीर की तरफ देखा. चहेरे पर अब भी लाचारी के भाव थे. बलबीर ने बस हलकी सी गर्दन हिलाकर ये जाहिर कर दिया की वो उसके साथ है. इतना ही कोमल को हिम्मत देने के लिए काफ़ी था.
डॉ : कोमलजी आप बैठिये. मै आपके साथ कुछ बाते करना चाहता हु.
कोमल बलबीर का चहेरा देखने लगी. वो उठकर जाने लगा तो डॉ रुस्तम ने उसे रोका.
डॉ : अरे नहीं नहीं. आप बैठिये. ऐसी कोई बात नहीं है. आप भी हमारे साथ ही बैठिये.
वो तीनो वापस अपनी उसी जगह पर बैठ गए. टेबल की एक तरफ डॉ रुस्तम और दूसरी तरफ बलबीर और कोमल.
डॉ : जब उस NTT ने आप को धमकी दी तो आप कमजोर क्यों पड़ गई. ये हमेशा याद रखिये. कभी भी इन पैरानार्मल NTTes के साथ कोई डील नहीं करना चाहिये. मेने आप जैसी हिम्मत वाली लड़की नहीं देखि. जो जिन्न को धमकी दे दे.
कोमल : मै क्या करती. मेरी माँ और सिस्टर्स के आलावा मेरा है ही कौन.
डॉ : क्या आप के घर पूजा पाठ होती है??? क्या भगवान को आप मानते हो???
कोमल : हा... मेरी मोम तो हर रोज पूजा पाठ करती है.
डॉ : आप उन्हें काल करिये. मै आप की मोम और आप का घर देखना चाहता हु.
कोमल को पता था की इस वक्त उसकी सिस्टर घर ही होंगी. कोमल ने अपनी बहन हेमा को वीडियो काल किया. कोमल ने फ़ोन के जरिये घर का पूरा नक्शा डॉ रुस्तम को दिखाया. कोमल की माँ जयश्री और हेमा को भी डॉ रुस्तम ने देखा. Call कट हुआ और वह वापिस चर्चा मे लग गए.
डॉ : आप के घर मे ज्यादा नहीं सिर्फ 3 बेडरूम है. घर का वास्तु बहोत बढ़िया है. सबसे खास आप के घर का एंट्रेंस है. ऊपर जो घोड़े की नल लटक रही है. वो अद्भुत है. आप के घर मे कोई भी नेगेटिव एनर्जी नहीं आ सकती. क्यों की सारी प्रिकॉशन वास्तु से ही बन रही है.
घर मे धुप उजाला कुदरती आ रहा है. और रही बात तुम्हारी बहन. तो उसके हाथो मे जो कलाई पर दाई माँ का जो धागा बंधा हुआ है. वो उसे हर बुरी चीज से बचाएगा.
कोमल हैरान रहे गई. दाई माँ के धागे को डॉ रुस्तम ने पहचान लिया.
कोमल : उसके गले मे भी तविज भी है. और मेरे पास.
बोलते हुए कोमल का हाथ अपने गले पर गया. मगर वो तविज उसके गले मे नहीं था. जो दाई माँ ने पुरे परिवार को पहेन ने के लिए दिया था. डॉ रुस्तम समझ गए की NTT ने पहले उस धागे को दूर किया होगा. और फिर पलकेश के जरिये कोमल को पाजेश करने की कोसिस की होंगी.
डॉ : कोई बात नहीं. हम दाई माँ से तुम्हारे लिए और बनवा देंगे. पर आप ये बताइये. क्या आप हमारे साथ काम करना चाहोगी??? इन पैरानॉर्मल एक्टिविटीज नोट करने मे.
कोमल : अममम... अभी मेरी हालत कुछ ठीक नहीं है. मै सोचकर बताउंगी.
डॉ : कोई बात नहीं. मेरा कार्ड है आप के पास. आप पलकेश जी को डॉ के पास जरूर लेजाना.
कोमल और बलबीर को बेहोशी की हालत मे ही वहां से ले गए. कोमल ने एक गलती की. उसने डॉ रुस्तम को वो घर दिखाया. जिसमे उसकी माँ और बहन रहते है. वो नहीं दिखाया जिसमे वो खुद रहती थी. जब पलकेश को डॉ के पास ले गए तो उसे हॉस्पिटल मे भर्ती करवाना पड़ा.
और पता चली की पलकेश को ब्लड कैंसर हो गया था. उस बुरी NTT उस जिन्न की ब्लैक एनर्जी के इफेक्ट के कारण सब हुआ. पलकेश की फॅमिली मुंबई मे ही रहती थी. कोमल ने उन्हें भी बुला लिया. उसकी फैमली कोमल से ही लड़ पड़ी.
कोमल वहां से निकाल गई. क्यों की वो अब पलकेंस की बीवी नहीं थी. वो कोमल की पलकेश से आखरी ही मुलाक़ात थी. फिर कभी कोमल पलकेश से नहीं मिली
*) दोस्तों कहानी मे अभी बहोत सी चीजे अभी भी क्लियर नहीं हुई. पर वो सारी भूतिया जानकारी आगे और अपदटेस जाएंगे. तब क्लियर होंगी. कृपया धीरज बनाए रखियेगा.
*) अब तक की कहानी मेरे पास लिखी हुई थी. आगे लिखना शुरू करुँगी. अभी मुजे saya 2 के भी अपडेट लिखने है. अब अपडेट देर से आएँगे. पर आधे किस्से नहीं. पुरे पुरे किस्से मिलेंगे. तों दोस्तों धीरज रखियेगा. और साथ बने रहिएगा.
*) ये कहानी हकीकत पे आधारित भूतिया किस्से से बनाई गाइ है. आप चाहो तों मेरी काल्पनिक भूतिया कहानी saya 1 भी पढ़ सकते हो. जिसे दिलचस्पी हो वो saya ट्राय करें.
Shetan DeviiShetan devi ji kripya kahani ka agla update likh kar hume kritaath karen.Anyatha hum koi kavita chipka denge yaha
![]()
Maine apni story ka update bi likh dia post krne se pehle ye comment read ky kia mai update Dena bhol gyaअरे लिख तो लू. तभी तो पोस्ट करूंगी. अब तक saya 2 के अपडेट लिख रही थी. उसे पोस्ट कर दिया कल. अब कल से चालू किया लिखना
Bhai Kamal ki line likhi aapneइक रात वो गया था जहाँ बात रोक के ।
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।
(ईतजार मे पलके बिछाए बैठे है, कब सुबह होगी, कब अपडेट आएगा)![]()
Ye dukh kai logo ko ho chuka hai bhaiShetan Devii
Mtlb ye FEMALE hai
Or
Mai abi tk Male smj ke har comments me bhai bhai bolta ja rha tha inko
Jane ye life bi kaise kaise jhatke deti hai hum ky sochte hai or samne wala ky nikl jata hai
photoupload
Yahi tere wale me chipka deta huBhai Kamal ki line likhi aapne
Ha bhaiYe dukh kai logo ko ho chuka hai bhai![]()
Bilkul sahi baat haiHa bhai
Wo kehte hai na ki
Ab pachtaay ky fayda
Jb chidiyaa chuggg gy khet
Bilkul sahi baat haiHa bhai
Wo kehte hai na ki
Ab pachtaay ky fayda
Jb chidiyaa chuggg gy khet