बहुत-बहुत शुक्रिया RazzakAre wah bhai itne sare update maza aayega padhne mai
आगे अपडेटेड लेट और ज्यादा बड़े होंगे. पुरे पुरे किस्से. थैंक्यू सो मच.Story me maza to aa raha h but update thore se long hote to jyada maza aata
A
फ्लाइट मे बैठी कोमल को एहसास था की उसने क्या किया. उसने पहेली बार किसी पराए मर्द के साथ सेक्स किया. वो भी जान बुचकर. पर वो सोच रही थी की उसे गिल्टी क्यों फील नहीं हो रहा है.
उल्टा उसे माझा आ रहा था. एक हाथ से अपनी बुक को अपनी गोद मे दबोचे कोमल मंद मंद मुस्कुरा रही थी. बहोत जल्द वो अहमदाबाद पहोच गई. वो अपनी माँ के घर नहीं गई. सीधा अपने फ्लेट पर ही गई. डोर पर लॉक था.
वो लॉक खोलकर अंदर आई. उसे शावर की आवाज आ रही थी. कोमल समझ गई की उसका हस्बैंड पलकेश आ चूका है.
कोमल : क्या पलकेश तुम हो???
पलकेश : हा मे हु.
कोमल : मुजे तुमसे कुछ बात करनी है पलकेश.
पलकेश : बस 5 मिनिटस.
कोमल जाकर सोफे पर बैठ गई. और पलकेश का इंतजार करने लगी. कुछ देर मे पलकेश आया. वो सिर्फ टावल लपेटे हुए था. अब भी उसका बदन गिला था. वो आकर कोमल के सामने सोफा चेयर पर बैठ गया.
पलकेश : हा अब बताओ क्या बात है.
कोमल कुछ पल शांत रही.
कोमल : देखो पलकेश मे जान ना चाहती हु की क्या तुम मुझसे खुश हो???
पलकेश : (सॉक) हा मे खुश हु. ये केसा सवाल है???
कोमल : देखो मुजे लगता है की हम कई महीनों से फिजिकल नहीं हुए. हमने एक दूसरे को कब आई लव यू कहा???
पलकेश : (सोचते हुए) हा ये बात सही है. हम एक दूसरे को अब टाइम नहीं देते पर...
कोमल : अब बोल दो पलकेश. मेने कई बार तुम्हारे शूट से लेडी परफ्यूम को नोट किया है.
पलकेश के होश उड़ गए.
कोमल : देखो कोई बात नहीं. मुजे कोई इस से फर्क नहीं पड़ता. अगर अभी हम ख़ुशी से अलग हो जाए तो आई थिंक सही होगा. फ़िक्र मत करो. अगर अलग होना चाहते हो तो बोलो??? मुजे तुम्हारी प्रॉपर्टी मे से कुछ नहीं चाहिए.
पलकेश जैसे मौका ही ढूढ़ रहा हो. पर उसे डर लग रहा था.
पलकेश : पर फिर तुम...???
कोमल : यार प्लीज.... मुजे कोई फर्क नहीं है. मुजे तुमसे कोई गिला सिकवा नहीं है. ना ही मै तुमसे नफरत करती हु. हम जरुरी थोड़ी है की लड़ाई झगड़ा कर के अलग हो. ख़ुशी ख़ुशी अलग हो सकते है ना.
पलकेश : ओके. मै तैयार हु.
कोमल ने अपना हाथ बढ़ाया.
कोमल : (स्माइल) तो पलकेश सिर्फ आज ही हम दो हस्बैंड वाइफ है. हम कल ही डायवोर्स के लिए अप्लाई कर देंगे.
पलकेश के फेस पर भी स्माइल आ गई. उसने भी अपना हाथ बढ़ाया. पर कोमल ने उस से हाथ मिलाने के बजाय थोडा और आगे होते हुए पलकेश का टावल जाटके से खिंच लिया. और वो खड़ी हो गई. पलकेश थोडा घबरा गया.
उसके होश उड़ गए. लेकिन कोमल तो स्माइल कर रही थी. कोमल भी अपनी साड़ी उतरने लगी.
कोमल : (शारारत स्माइल) हमें अपना लास्ट दिन सेलिब्रेट करना चाहिए.
बहोत वक्त के बाद कोमल को देख कर पलकेश के लिंग मे तनाव आया था. उसे कोमल ने नंगा तो कर ही दिया था. और इसके सामने कोमल ब्रा जैसे ब्लाउज पेटीकोट(घाघरे मे खड़ी थी. पलकेश भी झटकेसे खड़ा हुआ. और कोमल पर टूट पड़ा. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. आंखे बंद हो गई.
कोमल : (आंखे बंद स्माइल शारारत) ससससस अह्ह्ह्ह... (हसना) हा हा हा....
दोनों एक दूसरे को सहयोग कर रहे थे. लिप टू लिप किश का दौर चल गया. शाम होने वाली थी. और कोमल ने कुछ ऐसा कहा. पलकेश एक पल तो एकदम से रुक गया.
कोमल : मेने आज किसी और के साथ सेक्स किया. पहेली बार.
पलकेश सॉक था. और उसे झटका लगना लाज़मी था. वो अब भी कोमल का पति था.
कोमल : पलकेश प्लीज यार. अब हम अलग हो रहे है. प्लीज ऐसे मुँह मत बनाओ यार.
पलकेश : नहीं वो बात नहीं है. तुमने कहा पहेली बार किसी और के साथ. मतलब...
पलकेश को दुख हुआ. उसने कई बार कइयों के साथ अफेयर किये. और सेक्स भी किया. उसे ऐसा लगता था की कोमल भी ऐसा कही कुछ कर रही होंगी. वो कोमल से बस इस लिए डायवोर्स नहीं ले रहा था. क्यों की उसकी प्रॉपर्टी के हिस्से ना हो जाए. पर कोमल ने तो खुद ही ना कहे दिया. की वो प्रॉपर्टी मे से कुछ भी नहीं लेगी. कोमल बस हलका सा मुश्कुराई.
कोमल : (स्माइल) हा यार. मै कोसिस कर रही थी. हमारे रिश्ते को बचाने के लिए. पर हम बस बोझ ही ढो रहे थे. सायद हम अलग हो जाए वही सही है.
पलकेश : ऍम सॉरी कोमल. मेने तुम्हे कई बार चिट किया. पर तुम अब जाकर. और और और वो भी मुजे बता ही दिया. सायद तुमने ये फैसला लेने का पहले ही सोच लिया होगा. नहीं तो तुम इस बार भी ये सब नहीं करती.
कोमल : अगर मै कहु की तुम अब भी सोच लो तो??? क्या तुम आगे रिश्ता निभाना चाहोगे???
पलकेश जैसे दुविधा मे फस गया हो.
पलकेश : पता नहीं. पर नजाने क्यों आज मुजे तुम पर प्यार आ रहा है. दिल कहता है की तुम ही बेस्ट हो.
कोमल : एक काम करते है. हम डायवर्स लेकर सिक्स मंथ्स अलग रहते है. अगर लगेगा की हम ही एक दूसरे के लिए बेस्ट है. तो हम दोबारा शादी कर लेंगे ओके???
कोमल सुलझ चुकी थी. वो अब अलग ही होना चाहती थी. इस लिए उसने डायवोर्स को नाकारा नहीं.
पलकेश : पर हम हमेशा ही फ्रेंड्स तो रहेंगे ही. और ये फ्लेट तुम्हे ही रखना होगा. प्लीज.
कोमल ने बाते सुनते हुए अपना ब्लाउज और घाघरा उतर दिया था. और वो पैंटी उतर रही थी. उसकी खूबसूरत योनि पर बलबीर का प्यार(वीर्य) सुख के चिपका हुआ था.
कोमल : (स्माइल शारारत) हा अगर तुम आज मुजे अच्छे से खुश करोगे तो हम दोस्त जरूर रहेंगे.
कोमल नंगी होकर होनी दोनों टांगो को खोल चुकी थी. उस सोफे पर जैसे कछुआ उल्टा पड़ा हो. पलकेश भी अपना मुँह कोमल की दोनों टांगो के बिच घुसा देता है. कोमल की आंखे एकदम से बंद हुई. और लम्बी शांस छोड़ते हुए वो लम्बा सा सिसकती है.
कोमल : (बंद आंखे मदहोश) सससससस अह्हह्ह्ह्ह.......
पलकेश को थोड़ी देर तक कोमल की योनि को चाटने के बाद
याद आया. और वो अपना मुँह ऊपर उठाता है.
पलकेश : तुमने इसे बाद मे धोया तो था ना????
कोमल कुछ बोलती नहीं बस शारारत से हसने लगी. पलकेश नाराज हो गया.
पलकेश : (नाराज) तुम मेरे साथ ऐसा करोगी मेने सोचा नहीं था.
वो खड़ा होने गया. तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया.
कोमल : अरे मै मज़ाक कर रही थी. कोई ऐसे गन्दा रहता है क्या.
कोमल पलकेश की आँखों मे शारारत से देखने लगी. उसे मुँह पर साफ झूठ बोलने पर माझा आ रहा था. पर कोमल का इस तरह से देखना पलकेश को भी अस मंजस मे डाल रहा था. जैसे जता रही हो की मै जुठ ही बोल रही हु. लेकिन कोमल का ऐसे देखना पलकेश को भी रोमांच और दिल की धड़कनो को बढ़ा रहा था. पलकेश की भी आंखे बड़ी हो गई.
पलकेश : (स्माइल) क्या????
कोमल : (स्माइल शारारत) चूतिये..... (हसना)
पलकेश हैरान था. क्या इसने सही सुना?? उसने कोमल के मुँह से खुद के लिए चुतिया शब्द सुना. वो हैरान भी था. और माझा भी आ रहा था. यही सब से वो ज्यादा उत्तेजित भी हो रहा था.
कोमल : (स्माइल शारारत) मुजे पता है तुमने वो सुना है.
इस बार पलकेंस कोमल पर झटके से टूट पड़ा. लिप्स से लिप्स जुड़ गए. दोनों पागलो की तरह एक दूसरे को किश करने लगे. अपने पति से कोमल ने एक बार और झूठ बोला. पर उसे इसमें माझा आया. उस रात कोमल और पलकेश ने खूब घामशांड सम्भोग किया. शाम रात मे बदल गई. और वो खूबसूरत रात भी बीत गई.
Vo to seen mene shararat se create kiya. Par aage bhi mene update diye. Aur Haunted update diye. Uspar to kuchh bolo.Oh ho.. Komal ne bichadte hue bhi Palkesh ko acha gift diya...... ufff apne yaar Balbir ka maal apne pati se chatwaya...
.. Maza aa gaya padhkarr...
A
कोमल पलकेश से तलाख ले चुकी थी. उसकी माँ जयश्री ने बहोत समझाया. पर कोमल पे कोई असर नहीं हुआ. माँ बार बार एक ही बात बोलती रहती थी. की कारण क्या है. वो समझा बुज़ा कर टाल देती. लेकिन कोमल को अब अकेले रहने की आदत हो गई. इस लिए वो उसी फ्लेट मे अकेली रहती.
8 मंथस से वो अकेली ही थी. 8 महीना बीत जाने के बावजूद भी बलबीर का call नहीं आया. कोमल को ऐसा नहीं था की बलबीर की याद नहीं आई. वो उसके साथ हुए सेक्स को भूल ही नहीं पाई. पर अपने केस की वजह से इन बातो को नजर अंदाज़ करने लगी थी. पर एक दोपहर अचानक एक call आया. वो call बलबीर का था.
कोमल : हेलो...
बलबीर : हेलो. मै बोल रहा हु. बलबीर.
कोमल के फेस पर एकदम से स्माइल आ गई.
कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) तुम्हे अब मेरी याद आई. आठ महीने बाद. बोलो कब आ रहे हो यहाँ???
बलबीर : मै यहाँ आ चूका हु. अहमदाबाद मे.
कोमल की तो मानो खुशियों का ठिकाना ही नहीं रहा. वो एक साथ कई सारे सवालों की बरसात बलबीर पर कर देती है.
कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) यहाँ अहमदाबाद मे?? कब?? और अभी तुम हो कहा??? और आए तो मुजे पहले फ़ोन क्यों नहीं किया. अभी कहा हो???
बलबीर : (स्माइल) अरे अरे रुको तो. बस अभी ही पहोंचा हु. रेलवे स्टेशन पर ही हु.
कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल)तुम वही रुको. मै तुम्हे लेने आ रही हु.
कोमल तुरंत ही अपनी कार लेकर रेलवे स्टेशन निकाल गई. जब वो बलबीर से मिली तो तुरंत उसने बलबीर को बांहो मे भर लिया. बाद मे देखा तो उसके दोनों बच्चे भी थे. कोमल ने उन दोनों बच्चों को भी प्यार किया. उन्हें चूमा भी गले लगाया. ये सब करते उसके अंदर की ममता जाग गई. वो उन तीनो को अपने घर ले आई. उसका फ्लेट तीसरी मंजिल पर था.
कोमल : (एक्ससिटेड स्माइल) : अरे आओ ना अंदर वहां क्यों खड़े हो गए.
पर अंदर आते बलबीर को कुछ अलगसा महसूस हुआ. कुछ घुटन सी महसूस होने लगी. वो बच्चों को लेकर बाहर हो गया. बच्चों का भी मुँह उतर गया. कोमल ये सब देख कर सॉक हो गई.
कोमल : क्या हुआ??? बाहर क्यों चले गए??? अंदर आओना. ये मेरा ही घर है.
पर बलबीर कुछ बोलने के बजाय घुटनो पर बैठते हुए दोनों बच्चों को बांहो मे भर लेता है. दोनों के सर पर हाथ रख कर अपनी आंखे बंद कर लेता है. वो कुछ बड़बड़ा रहा था. जैसे कोई मन्त्र जाप कर रहा हो. कोमल समझ नहीं पाई. और उन्हें देखती रही. बलबीर खड़ा हुआ. और दोनों बच्चों के हाथ पकड़ कर खड़ा हो गया. वो उस फ्लेट के बाहर ही था.
बलबीर : माफ करना कोमल. अगर हमें यहाँ रहना है तो मै इन बच्चों के साथ यहाँ नहीं रहे सकता. ये घर मुजे कुछ ठीक नहीं लग रहा.
कोमल सोच मे पड़ गई. ऐसा क्या उसे महसूस हुआ. जो वो ऐसा बोल रहा है.
कोमल : तुम क्या बोल रहे हो. मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा. मै यहाँ 7 सालो से रहे रही हु. मुजे तो सब ठीक लग रहा है.
बलबीर : सायद तुम्हे ना लग रहा हो. पर अंदर आते ही मुजे घुटन सी महसूस होने लगी. सर भरी हो गया. मै खुद की बात होती तो समझोता कर लेता. पर मेरे बच्चे छोटे है. उन्हें यहाँ....
बलबीर बोल कर चुप हो गया. पर कोमल को अब भी समझ नहीं आया. इतनी दूर से वो यहाँ आया. और पता नहीं क्या कारण होगा. वो यहाँ से ऐसे ही चले जाएगा. ऐसे खयाल कोमल के मन मे आने लगे.
कोमल : अच्छा चलो. मै तुम्हे मम्मी के पास ले चलती हु.
कोमल बलबीर और उसके दोनों बच्चों को लेकर अपनी माँ के घर लेकर गई. वहां कोमल की मम्मी और उसकी छोटी बहन को बहोत अच्छा लगा. उन दोनों का दिल बच्चों से लग गया. रास्ते मे ही डिसाइड हो गया था की बलबीर के बच्चे अब वही रहेंगे.
उनका स्कूल मे दाखिला करवाना है. ये सब जब कोमल की मम्मी जयश्री को बताया तो वो ज्यादा खुश हुई. कोमल ने बताया की बलबीर को वो नौकरी दिलवाने वाली है. पर उसने ये नहीं बताया की कोमल उसे अपना ही ड्राइवर रखने वाली है.
बच्चों को छोड़ कर वो दोनों वहां से निकाल गए. अब तक कोमल ने ही कार ड्राइव की और अब भी वही ड्राइव कर रही थी. पर सारा प्लान उसने बलबीर को नहीं बताया.
बलबीर : तुमने ये नहीं बताया की मै कहा रहूँगा???
कोमल थोड़ासा मुश्कुराई. उसकी मुश्कान मे शारारत थी.
कोमल : क्यों मेरे साथ वहां मेरे फ्लेट मे रहने मे तुम्हे क्या दिक्कत है. वैसे भी मे अकेली रहती हु वहां.
बलबीर : क्यों तुम्हारा पति???
कोमल : हम अब साथ नहीं है.
बलबीर : साथ नहीं मतलब???
कोमल : (लम्बी सांसे) हम्म्म्म... डाइवोर्स तलाक...
बलबीर कुछ नहीं बोला.
कोमल : क्यों खामोश हो गए. कुछ पूछना है तो पूछो.
बलबीर : मुजे ये सही नहीं लग रहा है कोमल.
कोमल ने बलबीर को चुप करवा दिया. उसे डांट दिया. पर किसी प्रेमिका या बीवी की तरह नहीं. कोसी बॉस की तरह.
कोमल : सब सही है बलबीर. तुम चुप रहो. तुम मेरे ही साथ रहोगे. और तुम मेरी ही कार चलाओगे. मै तुम्हे नौकरी दे रही हु. अब मै ही तुम्हारी बॉस हु समझे.
बलबीर को बुरा लगा. पर वो कुछ कहे नहीं सका. उसने महसूस किया की कोमल मे थोडा बदलाव है. वो लोग वापस वही फ्लेट पर आ गए. इस बार भी बलबीर को अच्छा तो नहीं लग रहा था. कोमल अंदर आते ही डोर क्लोज करती है.
और बलबीर पर टूट पड़ी. सीधा उसे बांहो मे लेकर होठो से होंठ जोड़ दिये. लम्बी सांसे लेते आंखे बंद. वो पागलो की तरह बलबीर को किश कर रही थी. वैसे तो बलबीर भी उसे रोकना चाहता था. पर पता नहीं क्यों वो अपने आप को रोक नहीं पा रहा था. वो दोनों नंगे भी हो गए और बेड पर भी पहोच गए. बलबीर लगातार बड़ी जोरो से धक्के लगा रहा था.
कोमल : (आंखे बंद मदहोश) अह्ह्ह्हह.... ससससस...
दोनों लीन हो गए. और सब कुछ भूल गए. पर जो काम वो पूरा करने की कोसिस कर रहे थे. वो पूरा ना हो पाया. कोमल के मोबाइल पर रिंग बजने लगी.
कोमल : अह्ह्ह ससससस... अब इस वक्त कौन चुतिया मुजे call कर रहा है.
कोमल ने हाथ बढाकर बलबीर के निचे ही रहे फोन खिंचा. और देखा. Call पलकेश का था. वो तलाक के बाद एक भी call नहीं कर रहा था. और ना ही कोमल ने भी किया.
कोमल : इस चूतिये को अब मेरी याद आई है.... कुछ बोलना मत.
कोमल ने call पिक किया.
कोमल : हा पलकेंस बोलो???
पलकेश का नाम सुनते ही बलबीर समझ गया की वो उसका पति है. जिस से कोमल ने तलाक ले लिया था. पर पलकेश की आवाज सुनकर कोमल के होश जरूर उड़ गए.
पलकेश : हेलो कोमल. क्या तुम ठीक हो???
कोमल ने महसूस किया की पलकेश की आवाज के साथ एक और आवाज का इको हो रहा था. और दूसरी आवाज किसी अन नॉन की थी. जैसे की
हेलो कोमल. हेलो कोमल( अन नॉन वॉइस). क्या तुम ठीक हो??? क्या तुम ठीक हो(अन नॉन वॉइस)???
कोमल को गड़बड़ लगी. पर मामला समझने से पहले वो कोई रियेक्ट नहीं करती.
कोमल : (सॉक) हा मै ठीक हु.
पसकेश : पर मै ठीक नहीं हु. पर मै ठीक नहीं हु(अन नॉनवॉइस) क्या तुम यहाँ आ सकती हो??? क्या तुम यहाँ आ सकती हो(अन नॉन वॉइस)???
कोमल पलकेश की दोहरी आवाज में एक डर भी महसूस कर रही थी.
कोमल : क्या हो गया तुम्हे. तुम ठीक तो हो.
पलकेश रोने लगा. उसके साथ में जो दूसरी आवाज थी. वो भी वैसे ही रोते हुए पलकेश के आवाज की कॉपी कर रही थी.
पलकेश : (रोते हुए) नहीं मै ठीक नहीं हु. नहीं मै ठीक नहीं हु(अन नॉन वॉइस). तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ. तुम प्लीज जल्दी यहाँ आ जाओ(अन नॉन वॉइस). वो तुमसे बात करना चाहता है. वो तुमसे बात करना चाहता है(अन नॉन वॉइस).
कोमल सॉक हो गई.
कोमल : (सॉक ) कौन बात करना चाहता है???
पलकेश : (रोते हुए) तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज. तुम प्लीज यहाँ आ जाओ प्लीज(अन नॉन वॉइस) मेरी मदद करो...
मेरी मदद करो...(अन नॉन वॉइस)
तभी अपने आप फ़ोन कट गया. कोमल पलकेश के लिए परेशान हो गई. चाहे भले ही उसने पलकेश से तलाख ले लिया था. वो उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गई. उसने तुरंत मोबाइल पर चेक किया की फ्लाइट अवलेबल है या नहीं.
पर उसे फ्लाइट ही नहीं मिली. जो थी वो फुल थी. तक़रीबन ट्रैन से भी 12 से 14 घंटे का रन था. अगर वो ट्रैन से जाती तो. उसमे भी रिजर्वेशन मिलना मुश्किल हो गया. बलबीर का भी मूड चेंज हो गया. वो भी उठ कर बैठ गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा.
कोमल : क्या तुम मुजे कार से मुंबई तक पहोंचा सकते हो???
बलबीर ने अपने कीपैड वाले मोबाइल में देखा. दोपहर के 4 बज रहे थे. कोमल कुछ मांगे. और बलबीर ना दे. ऐसा तो ना मुमकिन है. बलबीर ने हा मे गर्दन हिलाई. वो दोनों शाम के 6 बजे तक मुंबई के लिए बाय रोड निकाल गए.
Bahot had tak tum sawal se pahele jawab tak pahoch gai. Aaj rat update post kar dungi. Thankyou very very much.Ab Komal ke ghar mei kya aa gaya!!... yeh Palkesh leke aaya.. ya khud Komal!!!
Gaun mein woh pehle dai maa ke ghar ke paas se guzri thi... uske baad Balbir se milne gayi thi... aur tabhi se woh jyada open
ho gayi thi... usne palkesh ko gaali bhi di..
... Ab Palkesh pe bhi koi chipak gaya...
... Mein toh sach mei baawri ho gayi padh ke...
![]()
Bohot hi kamuk or hasyaspad update tha shetan jiA
फ्लाइट मे बैठी कोमल को एहसास था की उसने क्या किया. उसने पहेली बार किसी पराए मर्द के साथ सेक्स किया. वो भी जान बुचकर. पर वो सोच रही थी की उसे गिल्टी क्यों फील नहीं हो रहा है.
उल्टा उसे माझा आ रहा था. एक हाथ से अपनी बुक को अपनी गोद मे दबोचे कोमल मंद मंद मुस्कुरा रही थी. बहोत जल्द वो अहमदाबाद पहोच गई. वो अपनी माँ के घर नहीं गई. सीधा अपने फ्लेट पर ही गई. डोर पर लॉक था.
वो लॉक खोलकर अंदर आई. उसे शावर की आवाज आ रही थी. कोमल समझ गई की उसका हस्बैंड पलकेश आ चूका है.
कोमल : क्या पलकेश तुम हो???
पलकेश : हा मे हु.
कोमल : मुजे तुमसे कुछ बात करनी है पलकेश.
पलकेश : बस 5 मिनिटस.
कोमल जाकर सोफे पर बैठ गई. और पलकेश का इंतजार करने लगी. कुछ देर मे पलकेश आया. वो सिर्फ टावल लपेटे हुए था. अब भी उसका बदन गिला था. वो आकर कोमल के सामने सोफा चेयर पर बैठ गया.
पलकेश : हा अब बताओ क्या बात है.
कोमल कुछ पल शांत रही.
कोमल : देखो पलकेश मे जान ना चाहती हु की क्या तुम मुझसे खुश हो???
पलकेश : (सॉक) हा मे खुश हु. ये केसा सवाल है???
कोमल : देखो मुजे लगता है की हम कई महीनों से फिजिकल नहीं हुए. हमने एक दूसरे को कब आई लव यू कहा???
पलकेश : (सोचते हुए) हा ये बात सही है. हम एक दूसरे को अब टाइम नहीं देते पर...
कोमल : अब बोल दो पलकेश. मेने कई बार तुम्हारे शूट से लेडी परफ्यूम को नोट किया है.
पलकेश के होश उड़ गए.
कोमल : देखो कोई बात नहीं. मुजे कोई इस से फर्क नहीं पड़ता. अगर अभी हम ख़ुशी से अलग हो जाए तो आई थिंक सही होगा. फ़िक्र मत करो. अगर अलग होना चाहते हो तो बोलो??? मुजे तुम्हारी प्रॉपर्टी मे से कुछ नहीं चाहिए.
पलकेश जैसे मौका ही ढूढ़ रहा हो. पर उसे डर लग रहा था.
पलकेश : पर फिर तुम...???
कोमल : यार प्लीज.... मुजे कोई फर्क नहीं है. मुजे तुमसे कोई गिला सिकवा नहीं है. ना ही मै तुमसे नफरत करती हु. हम जरुरी थोड़ी है की लड़ाई झगड़ा कर के अलग हो. ख़ुशी ख़ुशी अलग हो सकते है ना.
पलकेश : ओके. मै तैयार हु.
कोमल ने अपना हाथ बढ़ाया.
कोमल : (स्माइल) तो पलकेश सिर्फ आज ही हम दो हस्बैंड वाइफ है. हम कल ही डायवोर्स के लिए अप्लाई कर देंगे.
पलकेश के फेस पर भी स्माइल आ गई. उसने भी अपना हाथ बढ़ाया. पर कोमल ने उस से हाथ मिलाने के बजाय थोडा और आगे होते हुए पलकेश का टावल जाटके से खिंच लिया. और वो खड़ी हो गई. पलकेश थोडा घबरा गया.
उसके होश उड़ गए. लेकिन कोमल तो स्माइल कर रही थी. कोमल भी अपनी साड़ी उतरने लगी.
कोमल : (शारारत स्माइल) हमें अपना लास्ट दिन सेलिब्रेट करना चाहिए.
बहोत वक्त के बाद कोमल को देख कर पलकेश के लिंग मे तनाव आया था. उसे कोमल ने नंगा तो कर ही दिया था. और इसके सामने कोमल ब्रा जैसे ब्लाउज पेटीकोट(घाघरे मे खड़ी थी. पलकेश भी झटकेसे खड़ा हुआ. और कोमल पर टूट पड़ा. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. आंखे बंद हो गई.
कोमल : (आंखे बंद स्माइल शारारत) ससससस अह्ह्ह्ह... (हसना) हा हा हा....
दोनों एक दूसरे को सहयोग कर रहे थे. लिप टू लिप किश का दौर चल गया. शाम होने वाली थी. और कोमल ने कुछ ऐसा कहा. पलकेश एक पल तो एकदम से रुक गया.
कोमल : मेने आज किसी और के साथ सेक्स किया. पहेली बार.
पलकेश सॉक था. और उसे झटका लगना लाज़मी था. वो अब भी कोमल का पति था.
कोमल : पलकेश प्लीज यार. अब हम अलग हो रहे है. प्लीज ऐसे मुँह मत बनाओ यार.
पलकेश : नहीं वो बात नहीं है. तुमने कहा पहेली बार किसी और के साथ. मतलब...
पलकेश को दुख हुआ. उसने कई बार कइयों के साथ अफेयर किये. और सेक्स भी किया. उसे ऐसा लगता था की कोमल भी ऐसा कही कुछ कर रही होंगी. वो कोमल से बस इस लिए डायवोर्स नहीं ले रहा था. क्यों की उसकी प्रॉपर्टी के हिस्से ना हो जाए. पर कोमल ने तो खुद ही ना कहे दिया. की वो प्रॉपर्टी मे से कुछ भी नहीं लेगी. कोमल बस हलका सा मुश्कुराई.
कोमल : (स्माइल) हा यार. मै कोसिस कर रही थी. हमारे रिश्ते को बचाने के लिए. पर हम बस बोझ ही ढो रहे थे. सायद हम अलग हो जाए वही सही है.
पलकेश : ऍम सॉरी कोमल. मेने तुम्हे कई बार चिट किया. पर तुम अब जाकर. और और और वो भी मुजे बता ही दिया. सायद तुमने ये फैसला लेने का पहले ही सोच लिया होगा. नहीं तो तुम इस बार भी ये सब नहीं करती.
कोमल : अगर मै कहु की तुम अब भी सोच लो तो??? क्या तुम आगे रिश्ता निभाना चाहोगे???
पलकेश जैसे दुविधा मे फस गया हो.
पलकेश : पता नहीं. पर नजाने क्यों आज मुजे तुम पर प्यार आ रहा है. दिल कहता है की तुम ही बेस्ट हो.
कोमल : एक काम करते है. हम डायवर्स लेकर सिक्स मंथ्स अलग रहते है. अगर लगेगा की हम ही एक दूसरे के लिए बेस्ट है. तो हम दोबारा शादी कर लेंगे ओके???
कोमल सुलझ चुकी थी. वो अब अलग ही होना चाहती थी. इस लिए उसने डायवोर्स को नाकारा नहीं.
पलकेश : पर हम हमेशा ही फ्रेंड्स तो रहेंगे ही. और ये फ्लेट तुम्हे ही रखना होगा. प्लीज.
कोमल ने बाते सुनते हुए अपना ब्लाउज और घाघरा उतर दिया था. और वो पैंटी उतर रही थी. उसकी खूबसूरत योनि पर बलबीर का प्यार(वीर्य) सुख के चिपका हुआ था.
कोमल : (स्माइल शारारत) हा अगर तुम आज मुजे अच्छे से खुश करोगे तो हम दोस्त जरूर रहेंगे.
कोमल नंगी होकर होनी दोनों टांगो को खोल चुकी थी. उस सोफे पर जैसे कछुआ उल्टा पड़ा हो. पलकेश भी अपना मुँह कोमल की दोनों टांगो के बिच घुसा देता है. कोमल की आंखे एकदम से बंद हुई. और लम्बी शांस छोड़ते हुए वो लम्बा सा सिसकती है.
कोमल : (बंद आंखे मदहोश) सससससस अह्हह्ह्ह्ह.......
पलकेश को थोड़ी देर तक कोमल की योनि को चाटने के बाद
याद आया. और वो अपना मुँह ऊपर उठाता है.
पलकेश : तुमने इसे बाद मे धोया तो था ना????
कोमल कुछ बोलती नहीं बस शारारत से हसने लगी. पलकेश नाराज हो गया.
पलकेश : (नाराज) तुम मेरे साथ ऐसा करोगी मेने सोचा नहीं था.
वो खड़ा होने गया. तो कोमल ने उसका हाथ पकड़ लिया.
कोमल : अरे मै मज़ाक कर रही थी. कोई ऐसे गन्दा रहता है क्या.
कोमल पलकेश की आँखों मे शारारत से देखने लगी. उसे मुँह पर साफ झूठ बोलने पर माझा आ रहा था. पर कोमल का इस तरह से देखना पलकेश को भी अस मंजस मे डाल रहा था. जैसे जता रही हो की मै जुठ ही बोल रही हु. लेकिन कोमल का ऐसे देखना पलकेश को भी रोमांच और दिल की धड़कनो को बढ़ा रहा था. पलकेश की भी आंखे बड़ी हो गई.
पलकेश : (स्माइल) क्या????
कोमल : (स्माइल शारारत) चूतिये..... (हसना)
पलकेश हैरान था. क्या इसने सही सुना?? उसने कोमल के मुँह से खुद के लिए चुतिया शब्द सुना. वो हैरान भी था. और माझा भी आ रहा था. यही सब से वो ज्यादा उत्तेजित भी हो रहा था.
कोमल : (स्माइल शारारत) मुजे पता है तुमने वो सुना है.
इस बार पलकेंस कोमल पर झटके से टूट पड़ा. लिप्स से लिप्स जुड़ गए. दोनों पागलो की तरह एक दूसरे को किश करने लगे. अपने पति से कोमल ने एक बार और झूठ बोला. पर उसे इसमें माझा आया. उस रात कोमल और पलकेश ने खूब घामशांड सम्भोग किया. शाम रात मे बदल गई. और वो खूबसूरत रात भी बीत गई.
Bahut khubकोमल : (स्माइल) अरे सिर्फ मिलना है. मै भी तो देखु. मेरे आशिक ने अपना जीवन साथी किसे चुना है.
कोमल ने जिगर कर के बेशर्मी से बोल दिया. शुक्र था की बलबीर के आलावा किसी और ने वो नहीं सुना. बलबीर ने बस हलका सा सर हिलाकर उसे अपने साथ चलने का हिशारा दिया.
आगे की कहानी
कोमल और बलबीर दोनों एक साथ चल रहे थे. कोमल के फेस पर स्माइल थी. उसे मझा आ रहा था. क्यों की बलबीर का फेस डाउन था. कोमल को लग रहा था. गाउ की औरते थोड़ी शक्की किसम की होती है. इस लिए बलबीर डर रहा है. कोमल बलबीर को छेड़ते हुए मज़ाक करती है.
कोमल : (स्माइल शरारत) अरे फ़िक्र मत करो. तुम्हारी बीवी के सामने मै तुम्हे भैया बोल दूंगी.
बलबीर ने कोमल की तरफ देखा. वो मुस्कुरा जरूर रहा था. पर उसकी स्माइल मे जैसे गम छुपा हुआ हो. कोमल को कुछ समझ ही नहीं आया.
बलबीर : (फीकी स्माइल) जो मर्जी बोल देना. वो कभी बुरा नहीं मानेगी.
कोमल को बलबीर का चहेरा देख कर लगा की ज्यादा मज़ाक नहीं करना चाहिए. वो चुप हो गई. वो लोग बलबीर के घर पहोच गए. बलबीर का घर पक्का था. लेकिन प्लास्टर नहीं था. इट और सीमेंट दीवारों पर नजर आ रहा था. कोमल ने देखा बाहर एक छोटी सी खटिया पर एक 5 साल के आस पास का लड़का और उसकी गोद मे एक और छोटा सा बच्चा दिखा. वो समझ गई की ये बलबीर के बच्चे है. कोमल की एक प्रॉब्लम थी की वो माँ नहीं बन पा रही थी. इस लिए बच्चों को देख कर उसमे ममता जाग गई.
बलबीर : (स्माइल) ये मेरे बच्चे है. बेटा राजू 5 साल का है. और बेटी नीरा अभी 3 महीने की होने वाली है.
कोमल खुश हो गई. वो उन बच्चों के पास पहोच गई. उसे बच्चे बहोत प्यारे लगे. उनकी मिट्ठी मिट्ठी बाते बचपना कोमल की ममता जगा रहा था. कोमल उन बच्चों के पास ही बैठ गई. और खेलने लगी. बलबीर अंदर से पानी लेकर आया और कोमल को दिया. कोमल ने नोट किया की उसने अब तक बलबीर की वाइफ को नहीं देखा.
कोमल : (स्माइल) तुम्हारी बीवी कहा है. यार उनसे भी मिलवाओ. कही बाहर तो नहीं है???
कोमल को लगा बच्चे अकेले है. इस लिए सायद कोई काम से या आस पास पड़ोस मे गई होंगी. बलबीर ने स्माइल किये घर के अंदर की तरफ हिशारा किया.
बलबीर : (स्माइल) नहीं अंदर ही है. वो थोडा शर्माती है ना. इस लिए बाहर नहीं आती. जाओ मिल लो.
कोमल थोडा एक्सक्टेड हो गई. थोड़ी शर्म थोडा डर. वो खड़ी हुई. और अंदर जाने लगी. पानी का ग्लास उसके हाथ मे ही था. मकान के अंदर का प्लास्टर था. दीवारों पर चुना पता हुआ था. कुछ भगवान की ताशवीरे कुछ बच्चों की पेंटिंग दीवारों पर बनी हुई. पर घर सम्भला हुआ नहीं था. अचानक कोमल के हाथ से पानी का ग्लास छूट गया. उसने देखा एक जवान औरत का फोटो. जिसपर हार चढ़ा हुआ था. बड़ी कलरिंग फोटो थी. कोमल समझ गई की उसकी बीवी हाल ही मे गुजर चुकी है. कोमल को मानो सदमा ही लग गया हो.
उसकी आँखों से अंशू निकाल गए. उसे अंदाजा हो गया की बलबीर का फेस क्यों उतर गया जब कोमल ने उसे अपने बीवी बच्चों से मिलवाने को कहा था. तभी उसे पीछे से बलबीर की आवाज आई.
बलबीर : (भावुक) अभी 2 महीने पहले ही शारदा का इंतकाल हुआ. वो तो चली गई. इन छोटे छोटे बच्चों को मेरे भरोसे छोड़ कर.
कोमल रो पड़ी. और झट से बलबीर को बाहो मे भर लिया. कोमल ने तो शारदा को देखा तक नहीं था. पर बलबीर की ऐसी हालत देख कर वो बहोत ज्यादा दुखी हो गई. कभी कोमल ने भी बलबीर से बहोत ज्यादा प्यार किया था. वो समझ चुकी थी की बलबीर पर क्या गुजर रही होंगी. कुछ पल वो शांत हुई. और दोनों अलग हुए. दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोल पाया. कोमल ने एक बार फिर शारदा के फोटो की तरफ देखा. कोमल ने उस फोटो की तरफ हाथ जोड़ लिए. और घर के बाहर निकाल गई. बाहर निकाल कर उसने उन बच्चों की तरफ देखा.
एक बार तो कोमल को ख्याल आया की वो उन बच्चों को अपने साथ ही ले जाए. पर ये सब इतना आसान भी नहीं. ये कोमल भी जानती थी. कोमल से रहा ही नहीं गया. और वो वहां से बिना कुछ बोले ही चली गई. उस रात कोमल यही सोचती रही की उसके दुख से ज्यादा दुनिया का दुख है. कोमल की निजी जिंदगी कुछ ठीक नहीं चल रही थी. उसने अपने पसंद के लड़के से शादी तो कर ली. पर उसके वैवाहिक जीवन से वो खुश नहीं थी. कोमल भी इस बात के लिए सोचने लगी की कही उसकी जिंदगी बलबीर से किये उस डंप की वजह से तो ऐसी नहीं. सायद ये कर्मा का दिया फल हो. कोमल को बलबीर भी याद आने लगा. वो बीते हुए पुराने वक्त को याद करने लगी.
दिल मे कुछ गुदगुदी सी होने लगी. जब की वो पलकेंस से शादी कर चुकी थी. वो सोचने लगी की अगर वो बलबीर की बीवी होती तो वो कैसे लगती. उसने शारदा का फोटो देखा था. वो उस फोटो मे खुद को इमेजिन करने लगी. अपने खयालो मे ही खुद को देहाती रूप मे कल्पना कर के उसे हसीं आ गई.
फिर उसने पलकेंस की जगाह पर बलबीर को इमेजिन किया. उसे वो भी थोडा अजीब ही लगा. खयालो मे ही बलबीर अच्छे कपड़ो मे भी देशी ही लग रहा था. कोमल को फिर हसीं आ गई. अब एक बार फिर वही देहाती बलबीर अच्छा लगने लगा. कास्ट के हिसाब से बलबीर की कोमल से शादी हो सकती थी.
क्यों की बलबीर उस गाउ का नहीं था. वो उस गाउ का भांजा लगता था. वो तो बचपन से ही अपने मामा के घर मे रहे रहा था. मामा के कोई बेटा नहीं था. और वो अपनी माँ का चौथा बेटा था. बलबीर के लिए तो मामा का गाउ ही अपना गाउ अपना घर बन चूका था.
वही खटिये पर पड़े बलबीर की आंखे भी रात मे खुली हुई थी. वो पल भूल ही नहीं पा रहा था. जब कोमल एकदम से उसकी बाहो मे आ गई. सुंदर दिखने वाली कोमल महंगी साड़ी मे उसे बहोत आकर्षक भी लग रही थी.
बलबीर ने भी कुछ ऐसी ही कल्पना की थी. पर बलबीर को अपनी गरीबी भी याद आ गई. सायद नींद तो उसे नहीं आई. पर अपने अपने घर दोनों ने ही अपनी आंखे बस इसी सोच से बंद कर ली की ये सोच गलत है.