भी मेरा नाम फ़ैज़ है और मैन कोई शाजिश नही करी अपनी अममी को चुदवाने की, बल्कि मैन दो बार अममी की चुदाई देखी है 2 अलग अलग लैंड से, एक तो मेरे अब्बू से और दूसरा मेरे खालू मौसा जी , वो अममी को चोदते थे। अब्बा के साथ तो मैंने अममी की चुदाई सिर्फ 8 मीन देख जब मैं 8वे में था रात 2 बजे थे। हम मुस्लिम में तो गांड का छेद मारे का रिवाज नही है तो बास चुत मारी जाती है। उस रात अब्बा अम्मी के टांगों के बीच थे, कमरे में तो रोशनी थी पर अम्मी की चुत न देख सके पर अब्बा है आधा लैंड और बड़े टट्टे ज़रूर देखे। और खालू तो अम्मी के साथ सॉफ्ट सेक्स करते देखा था।