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NSFW किस किसने अपनी माँ, बेहेन या किसी और नजदीकी रिश्तेवाली औरत या लड़की को चोदा है?

deepactivehell

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किस किसने अपनी माँ, बेहेन या किसी और नजदीकी रिश्तेवाली औरत या लड़की को चोदा है?

किसको चोदा,
कहाँ चोदा,
कैसे पटाया,
कैसे चोदा,
सब जानकारी देना
 
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deepactivehell

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भाई कौन कौन है जिन्दा? किस किस ने किस किसको चोदा?
 

deepactivehell

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भाई कोई जिन्दा नहीं है क्या?
 

Parallel lund

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Kisko kisko genuinely ghar ke aurto ki baat karni hai aur long term friendship karni hai..

Mai bahut khule vichar ka hu aur sharm laaj se parey hu toh jisko mere sath permanent aisa relationship rakhna hai msg karo turant apna xforum I'd ya insta id
 

deepactivehell

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Kisko kisko genuinely ghar ke aurto ki baat karni hai aur long term friendship karni hai..

Mai bahut khule vichar ka hu aur sharm laaj se parey hu toh jisko mere sath permanent aisa relationship rakhna hai msg karo turant apna xforum I'd ya insta id
भाई यहाँ हर कोई लंड ताने खड़ा है चुत के इंतज़ार में
 

rahulg123

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मैं मेरी माँ को पटाने के पीछे लगा हूँ.. मेरी माँ रोज नहाने के बाद उनके बैडरूम में जाके साड़ी पहेनती है दरवाजा बंद करके.. लेकिन मैं जान बुझ कर कई बार किसी ना किसी बहाने दरवाजा खोल के अंदर चला जाता हूँ.. वो कुछ नहीं बोलती क्युकी बाथरूम से ही वो पेटीकोट और ब्रा पहलेसेही पेहेनके साड़ी लपेटके रूम में जाती है तो जब भी मैं रूम में जाता हूँ वो ब्लाउज़ पेहेन चुकी होती है और साड़ी बांध रही होती है तो ज्यादा कुछ देख नहीं पाता मैं.. ये सिलसिला काफी टाइम से चल रहा था.. आज कल माँ दरवाजा बंद नहीं करती तो १-२ बार जैसे ही वो रूम में घुसी मैं तुरंत १ मिनट में अंदर चला गया तो वो ब्लाउज़ पेहेन रही थी और आगे से हुक लगा रही थी तो लगभग आधी ब्रा में दिख गई.. लेकिन फिर भी उसने वैसे ही हुक लगाते हुए मुझसे बिना झिझग बात की..

दोस्तों आपको क्या लगता है मैं अभी आगे कैसे प्लान करू की माँ मेरे सामने खुल के रहे और मैं उसको पटा सकू कोई सुझाव मेरे लिए ?
Same m bhi lga hu xforum ke alawa khi ho to bt krte h
 

deepactivehell

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deepactivehell

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$Chaudhary@

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हर घर में व्यभिचार पनपता है। औरत और मर्द दोनों का रिश्ता ही ऐसा है कि, दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते जाते हैं। विज्ञान इसे अपनी भाषा में हार्मोन्स का रिसाव कहता है। टेस्टोस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन का खेल। जब इनका रिसाव होता है तो दोनों मर्द और अविरत एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं,अब साधारण भाषा में इसे प्रेम कहते हैं। एक दूजे के प्रति इसी आकर्षण से दोनों करीब आकर शारीरिक संबंध बनाते अर्थात साधारण भाषा में चुदाई करते हैं या बूर में लण्ड घुसाकर मज़े करते हैं। ये संसार का स्वाभाविक नियम है, जिससे शायद ही कोई भी शिक्षित व्यक्ति आस्वीकार कर सके। परंतु जब यही चीज़ घर के अंदर होने लगे तो उसे यही लोग व्यभिचार कहने लगते हैं। समाज में इससे बहुत बदनामी होती है जिसके डर से लोग इन चीजों को बाहर आने आने नही देते। जो इसमें संलिप्त हो जाते हैं वो इसे गोपनीय रखने की चेष्टा करते हैं। ये बात हर कोई जानता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, किन्तु विज्ञान ने हमें जानवर की श्रेणी में ही रखा है। जानवरों में प्रजनन की प्रक्रिया के लिए संभोग/ समागम/ चुदाई की जाती है। ये शरीर की आवश्यकता है, और प्रकृति के लिए नए प्राणी का मार्ग भी है। केवल मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो मज़े के लिए चुदाई करता है। अन्य बाकी जीव केवल एक खास मौसम में प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं। आदमी की जरूरत होने पर वो भी स्त्री को संसर्ग/ चुदाई के लिए ढूंढता है। पहले घरों में बेटीयों बहनों की शादी जल्दी हो जाती थी, तो उन्हें समय से चुदाई सुख मिलता था। बूर में लंड घुसवाके वो भी मस्त हो जाती थी और उन्हें खूब बच्चे भी होते थे। आजकल बेटीयों, बहनों की शादी में काफी विलंब हो जाता है। इस कारण बेटों और भाइयों की शादी भी देर से हो रही है। ज़माने की भाग दौड़ में लोग इनकी शारीरिक जरूरतों को अनदेखा कर रहे हैं। जिस कारण फलस्वरूप ये एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो कर चुदाई में लिप्त हो जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के सामने बूर खोलके लेट जाती हैं और भाइयों का कड़ा लंड लेकर मस्ती से चुदवाती हैं। बाहर का बॉयफ्रेंड तो बस उन्होंने खर्चों के लिए बना रखा है। वो बस ऊपर से मज़े लेते हैं, असली मज़ा तो घर के भाई, देवर, ससुर, बेटा देता है। इससे घर की बात अंदर ही रहती है, और बदनामी का डर भी नहीं। ना जाने कितनी बहनें आजकल रात भाइयों के बिस्तर में बिताती है और कितनीं भाभियाँ खुद ही देवर को अपने कमरे में बुलाकर चुदाई का आनंद ले रही हैं। जिनके पति बाहर हैं, उन बेचारी स्त्रियों का क्या दोष, बूर में लंड की जरूरत तो बनी ही रहती हैं। ऐसे में उनकी मदद घर के देवर, जेठ, ससुर, भाई, बाप ही करते हैं। बेटियां भी अपने विधुर बाप के साथ संभोग की क्रीड़ा में सम्मिलित होती जा रही है। नौजवान बेटीयाँ अपनी रिसती हुई बूर में बाहर के लण्ड के बदले घर का अनुभवी लंड लेना ज़्यादा पसंद कर रही हैं। बाप भी जवान बेटी की गंदी हरकतों को घर में ही सहमति दे देते हैं। इन पापा की परियों के लिए तो बाप ही सर्वोपरि होता है। सुहागरात के दिन पवित्र होने का नाटक करती हैं, पर सच्चाई कुछ और ही होती हैं। असल में ये घर की औरतें भी नहाते और मूतने के समय खूब अंग प्रदर्शन करती हैं, और अपने अंदर के तूफान को शांत करने के लिए, लण्डों को रिझाती हैं।
 
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