मैं अपने मम्मी और पापा की चुदाई कई बार देख चूका था और चुदाई के बाद दोनों नंगे ही सो जाते थे। अपनी नंगी मम्मी के अंगो के दर्शन मैं कई बार कर चूका था पर छूने की कभी हिम्मत नहीं हुई। एक दिन अपनी शादी की वर्षगाठ पर पापा और मम्मी ने पहले जिन (अंग्रेजी शराब) पी, फिर नशे में चुदाई की और नंगे सो गए। चुदाई देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया था, मैं वापस अपने कमरे में आ कर अपनी मम्मी की चूचियों और चूत के बारे में सोच कर अपना लन्ड हिला रहा था। तभी मेरे को ख़याल आया कि आज तो दोनों ने शराब पी है और नशे में सो रहे है नींद गहरी होगी। मैंने कमरे के बाहर वाली लाइट जलाई और उनके कमरे में गया मेरी मम्मी सीधी लेटी थी, मैं उनके बगल में बैठ गया और धीरे से अपने कांपते हाथों को उनकी दोनों चूचियों पर रखा। मेरे अंदर 440 वोल्ट का करंट लगा और मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया। में धीरे-धीरे उनकी चिकनी चूँचियो पर अपने हाथ फिराने लगा, फिर बहुत धीरे से अपनी मम्मी कि चूँचियो को दबाया। मम्मी वैसे ही मस्त सो रही थी, अब मेरा डर थोड़ा कम हो गया था। मैंने झुक कर धीरे से अपनी मम्मी कि चूँचियो पर चुम्मा लिया, फिर उनके पेट पर चुम्मा लिया और उनकी जांघो को छुआ और चुम्मा लिया। फिर धीरे से टाँगे फैलाई और अपने जन्मस्थान (मम्मी कि चूत) पर चुम्मा लिया। मेरी मम्मी हिली तो मैं डर कर जल्दी से अपने कमरे में आ गया। तभी याद आया कि कमरे के बाहर वाली लाइट तो मैंने बंद नहीं की तो वापस उठ कर आया और उनके कमरे में अपनी सोती हुई नंगी मम्मी को फिर से देखा और लाइट बंद करके अपने कमरे में आ कर मुठ मार कर सो गया। उसके बाद कई दिन तक अपनी मम्मी की चूँचिया नहीं दबा पाया।
जब 11वी में पढ़ रहा था तब पापा एक हफ्ते के लिए बाहर गए तो मैंने रात में उनके खाने में नींद कि गोली मिला कर उनके पूरे बदन को चूमा और चाटा, फिर चूँचियों को दबाया और चूसा और गांड और चूत भी चाटी। जब मेरी मम्मी काँप कर झड़ जाती थी तो उनकी चूँचियों से खेलते हुए मुठ मारता था और अपना माल उनके पेट पर गिराता था। फिर ऊँगली से अपना थोड़ा माल लगा कर उनके मुंह में अपनी ऊँगली डाल कर लगा देता था। उसके बाद से मेरे को बहुत कम मौका मिलता था और मम्मी को चूम और चाट पाता था मेरे पापा कही बाहर जाते थे। मैं काफी निराश रहने लग गया कि मुझे अपनी मम्मी को चूम और चाट नहीं पा रहा हूँ और सिर्फ उनके साथ बीते अच्छे समय को याद करके कल्पना करके मुठ मारनी पड़ती थी। एक बार एक दोस्त ने मुझे भांग खिलाई और उसके नशे में मम्मी को चूमते और चाटते सोच कर बहुत अच्छा लगा और मुठ मरने में और ज्यादा मजा आया। अब मैं कॉलेज से लौटते समय भांग खाने लग गया था फिर घर आता था और भांग के नशे में मुझे मेरी मम्मी हूर कि परी नज़र आती थी और उनको अब चूमने और चाटने के बारे में कल्पना करने में बहुत मजा आता था। अब मेरा मन उनको लगभग होश में चूमना और चाटना चाहता था। तब मैंने तय किया कि अपनी मम्मी को भांग खिला कर उनके साथ मजा करूंगा।मैंने उसी दिन कॉलेज से लौटने के बाद खाने में भांग मिला दी और खुद भी भांग अलग से खाई, जब भांग चढ़ने लग गयी तो मैंने अपनी मम्मी को बोला कि आप काफी थकी हुई लग रही है मम्मी बोली हाँ आज कुछ थकान लग रही है। मैंने उन्हें पीठ के बल लेटने को बोला और उनकी नाइटी घुटने के काफी ऊपर तक कर दी और उनके पैर दबाने लगा। मुझे अपनी मम्मी कि मोटी, गोरी और चिकनी जांघो को देखने और छूने में बहुत अच्छा लग रहा था। इतना तो मैं जानता था कि मम्मी ने पैंटी नहीं पहनी होगी, मैंने मम्मी का एक पैर घुटने से मोड़ कर उठा दिया तो उनकी नाइटी नीचे से खुल गयी और मुझे अपनी मम्मी की हजामत की हुई चूत साफ़ दिखाई पड़ी। तो मैंने उनके पैर रूखे होने के बहाना किया कि तेल लगवा लो रूखापन भी दूर होगा और थकान भी।मैं जल्दी से एक तौलिया और एक पुरानी चादर लाया और मम्मी को बोला कि आप नाइटी उतार दो, यह चादर नीचे बिछा कर पेट के बल लेट कर तौलिया से अपना बदन ढक लो तब तक मैं तेल लेकर आता हूँ। जब लौटा तो मम्मी की नाइटी पलंग के एक कोने में पड़ी थी और मम्मी तौलिया अपने ऊपर डाले लेटी हुई है। अब मैंने उनकी टांगो की मालिश शुरू कर दी थोड़ी देर में ऊपर उनकी जांघो पर तेल लगाने के लिए तौलिया को ऊपर कर दिया उनके आधे चूतड़ और निचे चूत दिखाई पड़ रही थी। मैंने जांघो पर तेल लगाना शुरू किया और जब नीचे जाता तो उनकी चूत में ऊँगली जरूर छू जाती थी। फिर मैंने उनकी पीठ पर तेल लगाना शुरू किया और उनकी चूँचियो के साइड में भी लगाता था। फिर मैंने उनके हाथों मैं तेल लगाया। फिर वापस पीठ पर आया और धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लग गया फिर मैंने तौलिये के नीचे उनकी मोटी गांड पर तेल लगाने लग गया। थोड़ी ही देर में मैंने उँगलियों पर तेल लगाया और मम्मी के चूतड़ की दरार में अपनी उँगलियाँ घुसा कर ऊपर से नीचे तक तेल लगाया और जब उनकी चूत पर ऊँगली लगी तो मुझे लगा उनकी चूत गीली है। मैंने मम्मी को पीठ के बल लेटने को बोला जब वो पलट कर लेट रही थी तो उनकी चूत के ऊपर तौलिया डाल दिया, और अब मम्मी की नंगी चूँचियाँ देख कर उन्हें चूसने और दबाने का मन कर रहा था पर मैंने सब्र से काम लेते हुए, उनके पैरो पर ध्यान लगाया और तेल लगाने लग गया और फिर मम्मी के दोनों पैर घुटनो को मोड़ कर उठा दिए और जांघो पर तेल लगाते समय उनकी चूत तक ऊँगली पहुँचा देता था तो मम्मी की सिसकी निकल जाती थी, तौलिया को हटा कर चूत पर ऊपर-ऊपर से तेल लगा दिया। मैं उठ कर दूसरी तौलिया गीली कर के ले आया और मम्मी का बदन ऊपर से नीचे तक पहले गीले तौलिया से फिर सूखे तौलिया से पोछ दिया और तौलिये को उनकी चूत के ऊपर डाल दिया। मैं फिर उनके बगल में लेट गया और मम्मी से पुछा कि उन्हें कैसा लगा थकान कम हुई? तो मेरी मम्मी धीरे से अपना सर हाँ में हिला दिया। मैंने उनको चूचियां कि तरफ देख कर कहा कि मम्मी बहुत दिन हो गए तुम्हारे दुद्धू पिए हुए आज मेरी मेहनत के बदले में पीने दो और यह कह कर उनकी एक चूँची सहलाने लग गया और उसे चिपक कर उनके गालों पर प्यार करने लगा।
मुझे पता था की मेरी मम्मी भांग के नशे में गरम हो चुकी है , मैं मम्मी की चूत पर एक हाथ से सहलाने लगा , फिर उठ कर मम्मी की टांगे फैलाई और उनकी चूत को चाटने लगा , थोड़ी देर में मम्मी मेरे सर को सहलाने लगी और बीच बीच में मेरा मुँह अपनी चूत में दबाने लगी , फिर मम्मी की टांगे कॉपी और मम्मी झाड़ गयी। मैं फिर ऊपर आकर उनको प्यार करने लगा। मैंने धीरे से मम्मी से पुछा की कैसा लगा तो मम्मी boli अच्छा लगा पर यह गलत है तो मैंने कहा की मुझे भी बहुत अच्छा लगा और जब अच्छा लगा तो क्या गलत है। थोड़ी देर में मैं फिर मम्मी की टांगे फैलाई और अपना लण्ड ुकि चूत पर रगड़ने लगा फिर जैसे मम्मी की चूत के छेद में रखा तो मम्मी ने मुझे धक्का दे कर हटा दिया की यह नहीं। मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो मैं ही थोड़ी देर में झाड़ गया।
मेरा रास्ता मम्मी की चूचिया पीने का, चूत और गांड चाटने का तो खुल गया पर वह मुझे चोदने नहीं देती थी। मैं भी इंतज़ार करता रहा फिर आयी मम्मी पापा की शादी की वर्षगांठ मैंने भी प्लान बना लिया था। खाने में भांग मिला दी , जब मम्मी और पापा दारू पी रहे थे तो मौका देख कर पापा की दारू में दो नींद की गोली मिला दी। जब वह दोनों सोने गए तो मैं भी थोड़ी देर मैं उनके कमरे के बाहर चला गया , खिड़की से झाँक कर देखा तो दोनों नंगे हो कर एक दुसरे को चूम रहे थे , मेरा बाप मेरी मम्मी की चूँचिया दबा रहे थे और मम्मी के ओंठ चूस रहे थे। ता मेरी मम्मी उठी और मेरे बाप का लण्ड चूसने लगी , मेरे बाप की आंखे बंद हो गयी थी और उनका लण्ड मम्मी के चूसने के बावजूद खड़ा नहीं हो रहा था , मैं समाज गया की दारू , भांग और नींद की गोली का असर हो चूका है और मेरा बाप सो चूका है। तब मैं कमरे में धीरे से गया और पीछे से मम्मी की चूत में मुँह लगा दिया और चाटने लगा। मम्मी ने मुझे अपने कमरे में जाने को कहा तो मैं अपने कमरे में आ गया। थोड़ी देर में मम्मी बिलकुल नंगी मेरे कमरे में आ गयी और मुझे डाटने लगी की अगर बाप देख लेते तो , मैंने कहा की फिर मैं उनके सामने ही तुम्हारी चूत चाटता। फिर मम्मी लेट गयी और बोली आज इतना मन हो गया था चुदने का , चलो मेरी चूत चाटो और मैं उनकी चूत चाटने लग गया थोड़ी देर में मम्मी झाड़ गयी , अब मैं उनके बगल में लेट कर उनकी चूची पीने लगा और दूसरी दबाने लगा। थोड़ी ही देर में मम्मी मुझे चूमने लगी जिसका मतलब था की वह फिर से तैयार हो गयी , मैं उठ कर उनकी टांगे फैला कर उनकी चूत में अपना लण्ड रगड़ने लगा , मम्मी के कंधो को पकड़ कर अपना लण्ड मम्मी की छेद में डाल दिया , मम्मी ने आह भरी तो मैंने अपना पूरा लण्ड उनकी चूत में घुसा दिया , मम्मी मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी पर हटा नहीं पायी , अब मैंने धीरे धीरे धक्के मरने शुरू कर दिए थोड़ी देर में वह झड़ी और मैं भी उनकी चूत में झाड़ गया। अब मेरा मम्मी को चोदने का रास्ता भी खुल गया था।