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Incest कैसे कैसे परिवार

prkin

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TharkiPo

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छठा घर: दिया और आकाश पटेल
अध्याय ६.३
भाग ५

*********

अब तक:

दो नगरों के चार कमरों में चुदाई की पूरी भूमिका बन चुकी थी. चलिए देखें किस किस कमरे में क्या क्या खेल चल रहे हैं.
धीरे चलते हुए आलोक ने कनिका को बिस्तर पर लिटाया और फिर उसकी चूत में अपना मुंह डालकर उसे चाटने लगा.
कुछ ही क्षण में अब आकाश और आकार के लंड दिया की सेवा करने के लिए उपयुक्त हो चुके थे.
पर अब सिया और हितेश, माँ और बेटा एक दूसरे के साथ मिलन के लिए बेचैन हो रहे थे.
नीलम समझ गयी कि चंद्रेश और प्रकाश के साथ एक लम्बी रात का आरम्भ हो चुका है.

*******

अब आगे:

*******

दिया का घर:

आलोक और कनिका:


कनिका ने भी अपनी टाँगे फैलते हुए आलोक के लिए अपनी चूत का रास्ता सुलभ कर दिया. आलोक का लंड भी अब तन चूका था पर वो कनिका की चूत को पहले भली भांति चाटना चाहता था. चाटते हुए उसने अपनी एक ऊँगली कनिका की चूत में डाली और अपनी जीभ और ऊँगली के समंजस्य से कनिका को जल्दी ही कामोटजीत कर दिया. अपने मुंह को हटाने से पहले आलोक ने कनिका के भग्न को अपनी उँगलियों से मसला तो कनिका की आनंदकारी सिसकारी ने उसका मन मोह लिया. उसने कनिका को बिस्तर पर सही रूप से लिटाया और फिर अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रखा.

“भैया, आज मुझे अच्छे से चोदना और फिर मेरी गांड भी मारना। ताईजी की तो डबल चुदाई हो रही होगी, उस दिन पापा और ताऊजी ने मेरी भी डबल चुदाई की थी. सच में बहुत मजा आया था. उसके बारे में सोचकर ही मेरी गांड में फुरफुरी होने लगती है. इसीलिए गांड में भी मुझे तुम्हारा लंड चाहिए.” कनिका बोले जा रही थी.

आलोक ने उसका मुंह अपने मुंह से बंद कर दिया और कनिका की आँखों में आँखें डालकर उसे चूमने लगा.

“हितेश भी आने ही वाला है दो चार दिन में. फिर उसके साथ मैं तेरी इस डबल चुदाई की इच्छा भी पूरी कर दूंगा. और ऐसा सोचना भी मत कि आज तेरी गांड बचने वाली है. तेरी गांड मारे बिना मुझे भी चैन नहीं मिलने वाला.” इतना कहते हुए आलोक ने एक धक्का लगाया और उसके लंड ने कनिका की चूत में अपना पदापर्ण किया. कनिका ने अपनी टाँगे जोड़कर अपनी चूत को और तंग कर दिया. आलोक को उसकी कसी चूत में अब लंड पेलने में कुछ अधिक घर्षण मिलने लगा. उसने लंड को कुछ देर अंदर बाहर किया और फिर एक तीव्र झटके के साथ पूरा लंड अंदर पेल दिया. कनिका की टाँगे खुल गयीं और उसकी आँखें भी. पर उन आँखों में वासना की डोरियाँ लहरा रही थीं. पूरा लंड अंदर जाने के बाद आलोक ने कनिका की चुदाई करनी आरम्भ की और कनिका ने अपनी टाँगों को कभी खोलकर तो कभी बंद करते हुए आलोक को अपनी फैलती सिकुड़ती चूत के द्वारा एक नया ही अनुभव कराया.

आलोक ने भी अपनी ओर से परिश्रम में कोई कमी नहीं की और वो भी पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ कनिका को चोदने लगा. दोनों एक दूसरे को देखते हुए एक दूसरे में खोने का प्रयास कर रहे थे. दोनों के जुड़े हुए शरीर क्षण भर के ही लिए पृथक होते और फिर नयी शक्ति के साथ फिर मिल जाते. कमरे में चुदाई का संगीत बज रहा था और दोनों की आहों और सिसकारियों ने उस संगीत में नए सुर जोड़ दिए थे.

कोई दस मिनट की इस चुदाई के बाद दोनों एक दूसरे को देखकर झड़ने लगे. आलोक ने कनिका की चूत में ही अपना रस छोड़ दिया और फिर उसे चूमते हुए उसके ऊपर ही लेट गया. कनिका और आलोक के मिलन का रस अब बिस्तर को गीला कर चुका था. कनिका ने धीरे से आलोक को ऊपर से हटाया और अपनी चूत में उँगलियों से मिलन रस को लिया और अपने मुंह में डाल लिया. आलोक उसके पास में लेटे हुए ये देख रहा था. कनिका ने फिर उठकर आलोक के मुरझाते हुए लंड को मुंह में लिया और उसपर लगे प्रेम रस के मिश्रण को चाट लिया.

“इसका स्वाद अलग ही होता है. और सुगंध भी.” कनिका ने संतुष्टि से आह भरते हुए कहा.

कनिका आलोक के पास लेट गयी और दोनों अन्य बातों में व्यस्त हो गए. पर अलोक और कनिका को अपने प्रेम का अगला चरण भी याद था. कनिका की गांड मारने का. पर उसके लिए दोनों ने कुछ देर विश्राम करना उपयुक्त समझा था.

*********

दिया, आकाश और आकार:

दिया ने दोनों लौंड़ों को देखा और फिर आकाश की ओर देखा. पति होने के कारण वो किस छेद में जाना चाहता था इसपर उसका पहला अधिकार था. आकाश भी उसकी इस बात को समझ गया.

“आकार, जिस प्रकार से तुमने आज अपनी भाभी की सेवा की है, उसके लिए मैं तुम्हें उनकी गांड पहले मारने का न्योता देता हूँ. वैसे तुम्हारी क्या इच्छा है?”

“भाई, अपने जैसा कहा है, बस वही मेरी भी इच्छा बन गई है.” आकार ने चतुराई से उत्तर दिया.

दिया: “आप दोनों ही तय करोगे या मुझसे भी कुछ पूछोगे?”

आकाश: “ये तो मैंने सोचा नहीं था. तुम्हारी क्या इच्छा है दिया?”

दिया हंसकर बोली, “जो आपकी है. हालाँकि मुझे इतना कोई भेदभाव नहीं करना है. मैं जानती हूँ कि आप भी मेरी गांड अवश्य ही मारने वाले हैं. बस अपने भाई को पहला स्वाद दे रहे हैं.”

“बिल्कुल, अब ये बेचारा अपनी बीवी के बिना इतने दिनों से कितना तड़प रहा है.” आकाश ने कहा.

दिया: “ऐसा तो नहीं लगता. ऑफिस में तो आज अपनी सेक्रेटरी की गांड मारी ही होगी। है न देवर जी?”

आकार: “और क्या, उसे वापिस काम पर बुलाया तो वो मुझे धन्यवाद करने की इच्छुक थी. मैं भला कैसे मना करता?”

आकाश बिस्तर पर लेट गया, “अब बातें बंद करो, देखो मेरा लंड अब चुदाई के लिए कैसे तड़प रहा है.”

दिया ने उसे देखा और अपने मुंह में लेकर कुछ क्षणों के लिए चूसा और फिर उसके ऊपर चूत रखकर बैठती चली गयी. पूरे लंड को अंदर लेकर उसने कुछ देर उछलकूद की और फिर आगे झुकते हुए अपनी गांड को दोनों हाथों से फैला लिया. आकार के लिए ये खुला निमंत्रण था और वो इस अस्वीकार नहीं करने वाला था. उसने अपने लंड के ऊपर थूक लगाया और उसे सहलाते हुए दिया की गांड के छेद पर लगा दिया. दिया ने उसे मुड़कर देखा और सहमति में सिर हिलाया. आकार ने एक तगड़ा धक्का लगाया और अपने पूरे लंड को दिया की गांड में अंत तक गाड़ दिया. दिया की पीड़ा और आनंद से मिश्रित चीख ने कमरे को थर्रा दिया.

दोनों भाइयों के बीच में दिया इस समय एक गुड़िया ही बनी हुई थी. दिन में हुई चुदाई से उसकी वासना और भड़की हुई थी और इसका ही प्रभाव था कि उसे आज दो दो लौड़े एक साथ लेने का मन था. उसे ये भी पता था कि उसके घर आने के पश्चात् रमोना की भी ऐसी ही घनघोर चुदाई की गई होगी. पर अभी जो लौड़े उसकी चूत और गांड को खंगाल रहे थे वे भी कम नहीं थे. दोनों भाइयों की इस प्रकार की चुदाई का अनुभव उन्हें दिया की हर इच्छा को पूर्ण करने के लिए समर्थ था.

पहले तो आकाश बिना कुछ किये हुए यूँ ही लंड उसकी चूत में पेल कर पड़ा रहा था, पर जब आकार ने उसकी गांड में अपने लंड से लम्बे धक्के लगाने आरम्भ किये तो आकाश ने भी उसमे ताल मिलाकर नीचे से उसकी चूत में भी उसी गति से धक्के दे मारे। दिया अब सातवें आकाश पर थी, उसकी आँखों के सामने तारे नाच रहे थे. उसके दोनों छेद इस समय तीव्र और बलशाली धक्कों की आपदा का सामना कर रहे थे परन्तु इसमें भी वे आनंद का अनुभव कर रहे थे.

धक्कों की बढ़ती शक्ति और गति के आगे दिया अब बेबस थी. उसकी चूत से अवश्य पानी बहा जा रहा था, और गांड में एक पूर्व परिचित सी खुजली भी होने लगी थी. और उसे मिटाने का एक ही उपाय था. गांड की और भीषण चुदाई. और उसने चिल्लाकर आकार को अपनी इच्छा बताई। आकार ने अपनी स्थिति कुछ बदली और वो पीछे के स्थान पर दिया की गांड के ठीक ऊपर आ गया. इस स्थिति में उसके लंड के आघात अब और लम्बे और गहरे हो गए क्योंकि अब लंड के नीचे का हिस्सा निर्विरोध हो गया था.

दिया अब आकाश के सीने से चिपकी हुई थी और आकाश भी अपनी पत्नी की निर्ममता से चूत को चोद रहा था. नीचे से वो इतनी शक्ति के साथ चुदाई कर पा रहा था वो यही दर्शाता था कि वो शारीरिक रूप से कितना सक्षम था. उसके धक्कों की गति बढ़ने का एक कारण और भी था. आकार के नए आसान को लेने के कारण उसके ऊपर से बोझ कम हो गया था और वो अब अपनी कमर को अधिक तेजी से चला पा रहा था. और इसका पूरा आनंद उन दोनों के बीच में सैंडविच के समान फंसी हुई दिया ले रही थी. आकार के लंड से जहां एक ओर उसकी गांड की गहराई नपी जा रही थी, वहीं उसके पति ने उसकी चूत की दुर्दशा करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी थी.

कमरा बंद होने के बाद भी उसकी चीखें बाहर तक सुनी दे रही थीं, परन्तु उन्हें सुनने वाला कोई न था. और सुनता थो भी आश्चर्य ही करता कि ये पीड़ा से उभरी हैं या आनंद से. दोनों भाई अपनी पूरी शक्ति के साथ दिया को चोदते हुए अब कुछ थकने से लगे थे. एक दूसरे के लंड के कारण कसे हुए छेद अब उन्हें अपने गंतव्य की और शीघ्रता से ले जा रहे थे. और जैसा कि होता है, गांड मारने वाला पहले झड़ता है. आकार ने भी अपने स्खलन की घोषणा की और फिर बिना कुछ और कहे उसका शरीर जड़ हो गया. शरीर तो जड़ था पर उसकी कमर अप्राकृतिक रूप से हिल रही थी. और उसके लंड से वीर्य की धार उसकी भाभी दिया की गांड की तंग गली को सींच रही थी.

उसके इस प्रकार से रुकने के कारण आकाश की भी ताल टूट गयी और साथ ही साथ दिया का हिलना भी कुछ असामान्य हो गया. इसी कारण उसके लंड ने भी अपने रस से दिया की चूत के भीतर अपना फौवारा छोड़ा और उसकी अंदरूनी घाटी को ओतप्रोत कर दिया. उसके ठहरते ही दिया उसपर निढाल सी होकर लेट गयी. आकार ने अपना लंड बाहर खींचा और हट गया. दिया आकाश के ऊपर से हटती हुई एक ओर ढुलक गयी. उसका शरीर थका था पर आत्मा तृप्त थी.

कुछ देर बाद उठकर दिया ने दोनों लौंड़ों को चाटकर साफ किया. फिर बाथरूम में जाकर अपनी चूत और गांड को भी अच्छे से स्प्रे के द्वारा अंदर से साफ किया। अपने मुंह को धोकर वो कमरे में लौटी तो आकार ने सबके लिए पेग बना रखे थे. उसके बाद आकाश फिर आकार भी बाथरूम में जाकर साफ सफाई किये और फिर बैठकर अपने पेग पीने लगे.

और अभी रात शेष थी.

क्रमशः
Diya ka to double tabla baja Diya..
 

prkin

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ससुराल की नयी दिशा
update kal milega.
Par lagta hai kisi ko pasand nahin aa rahi hai kahani
 
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Yahan bhi keval ek hi comment hai, like tak nahin hai,
 
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आज इसका नंबर है.

ससुराल की नयी दिशा
update kal milega.
Par lagta hai kisi ko pasand nahin aa rahi hai kahani
 

prkin

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प्रिय पाठक मित्रों,

आशा है आप सभी सुरक्षित एवं स्वस्थ हैं. हम यहाँ इस फोरम की उन्नति हेतु कुछ चर्चा के लिए कुछ विचार रख रहे हैं.

आप सभी जानते हैं कि जो भी लेखक यहाँ अपनी कहानी प्रेषित करते हैं उन्हें किस भी प्रकार का कोई पारश्रमिक नहीं मिलता है. वे केवल सबके मनोरंजन एवं आनंद के लिए अपना समय देते हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि कहानी लिखना कोई सरल कार्य नहीं है, विशेषकर लम्बी उपन्यास जैसी कथाएं. और हमारा कथन किसी विशेष लेखक के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है.

इसी कारण हम कहना चाहते हैं कि पाठक उनके इस परिश्रम और कला की प्रशंसा के लिए कुछ प्रयास करें.

हमारे कुछ सुझाव यहाँ लिख रहे हैं :

१. अपडेट के बारे में कुछ अवश्य लिखें. अगर आपको उसमें कुछ अच्छा लगा तो बताएं, और अगर कुछ ठीक नहीं लगा वो भी बताएं. परन्तु भाषा की मर्यादा बनाये रखें. अगर आप लेखक को अपनी अरुचि नहीं बताएंगे तो सम्भव है वो उसे चालू रखें और आप केवल एक इस कारण से उस कहानी से दूर हो जाएँ.

२. अगर लेखक एक अपडेट के लिए 2000 से 15000 शब्द लिख सकता है तो क्या उसे केवल “Nice Update” “waiting for next”, “Excellent Update”, or “next update please” के सिवाय हम और कुछ भी नहीं लिख सकते?

३. जो पाठक मूक रहकर पढ़ते हैं और चल देते हैं, क्या आपको लगता है कि ये आप लेखकों के साथ उपयुक्त कर रहे हैं. कम से कम उन्हें ये तो बताइये कि आप उनकी कहानी पढ़ रहे हैं और पढ़ते रहना चाहते हैं.

४. कृपया इस बात पर ध्यान दीजिये कि फोरम में कई कहानियां अधूरी हैं. इनके मुख्यतः दो कारण हैं.

अ. लेखक अपने कथानक को आगे बढ़ाने में असमर्थ रहे. इसका कारण हो सकता है उनके अन्य कार्य रहे हों, परन्तु ये भी हो सकता है कि उन्हें लिखना कितना कठिन कार्य है इसका अनुभव हो गया हो.
ब. लेखक पाठकों की उदासीनता से खिन्न होकर लिखना छोड़ दिया हो.

इसीलिए हमारी आपसे ये विनती है कि इन बिंदुओं पर कृपया ध्यान दें और फॉर्म को उन्नत करें. लेखकों से संवाद करें जिनसे उन्हें भी ये आभास हो कि कोई उनके परिश्रम की सराहना भी कर रहा है.

आप सभी का धन्यवाद,

स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें.
 
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Update for Disha ki Sasural Posted.
 
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