• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest कैसे कैसे परिवार

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Last edited:
  • Like
Reactions: Desitejas

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189

This has been very weakening.
Almost no strength in the body.

Thank you for your patience. But will post as soon as I am well enough.
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Bade din baad update padhe maza aa gaya. Keep writing…

Thanks Bhai.
Ab jaldi jaldi ana.
 

TharkiPo

I'M BACK
4,782
15,653
159
आठवाँ घर: स्मिता और विक्रम शेट्टी
अध्याय ८.३.४


************

अब तक:

जहाँ मेहुल का आज दिंची क्लब में परीक्षण था, वहीँ रूचि मैडम की माँ राशि ने अपनी एक सहेली सोनी को भी सदस्यता के लिए प्रेरित किया था. रूचि मैडम के जुड़ने के बाद क्लब में अब लाभ का अंश बढ़ रहा था. मेहुल और सोनी अपने कमरों में साक्षात्कार लेने वालों की प्रतीक्षा कर रहे थे.

अब आगे:

************

दिंची क्लब में शोनाली और मेहुल:


शोनाली अपनी सैंडल चटखाते हुए निर्धारित कमरे तक पहुंची और दरवाजा खोला. मेहुल जो बहुत देर से उसी ओर देख रहा था अंदर आई महिला को देखकर चौंक गया. वहीँ शोनाली भी स्तब्ध रह गई.
शोनाली: “तुम! मेहुल!”
मेहुल: “शोनाली आंटीजी आप! ओह शिट!”
शोनाली: “हम्म्म, पार्थ ने मुझे बताया नहीं कि आज तुम्हारा साक्षात्कार है. उसे तो मैं बाद में ठीक करुँगी.”
मेहुल: “आंटीजी, मुझे भी सचिन ने ये नहीं बताया कि आप यहाँ की संचालिका हैं. अगर आप चाहें तो मैं अभी यहाँ से चला जाता हूँ.” ये कहते हुए मेहुल उठने लगा.
शोनाली ने मेहुल को देखा, “नहीं, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. जो भी है हम अब एक दूसरे के विषय में जान ही चुके हैं. तो क्लब के लिए मैं इसे यूँ ही नहीं जाने दे सकती. और फिर तुम भी मेरे विचार से जाना नहीं चाहोगे. तुम बैठो, मैं स्नान करके आती हूँ.”
शोनाली स्नान करने घुस गई और सोचने लगी कि निखिल और पार्थ के साथ उनके ही आठ परिवारों के समूह में तीन तीन बड़े लंड वाले कैसे हो सकते हैं? नितिन को मिला लें तो चार हो जायेंगे. स्नान करने के बाद उसने गाउन डाला और कमरे में आ गई. मेहुल ने उसके भीगे शरीर को देखा और बालों से चूते पानी को देखकर उसका लंड खड़ा हो गया. अब उसका जाना सम्भव नहीं था.
“तो मेहुल, मैं पहले यहाँ के कुछ नियम बता देती हूँ. फिर तुम्हारा नाप लिया जायेगा, तुम्हें विश्वास है कि तुम्हारा लंड दस इंच से अधिक बढ़ा है.”
मेहुल उनके मुंह से लंड सुनकर चकित हुआ, “जी, विश्वास है.”
इसके बाद मेहुल को भी शोनाली ने नियम बताये.

शोनाली: “मेहुल, यहाँ पर हमारी सदस्य महिलाएं अपने शरीर की प्यास मिटाने के लिए आती है. वो यहाँ प्यार ढूंढने नहीं बल्कि छुड़ने के लिए आती हैं. इस बात को सदा याद रखना. कभी कभी किसी सदस्या अगर अधिक निकट आने का प्रयास करे तो पार्थ या मुझे इसके बारे में बता देना.”

इसके बाद उसने कमरे में रखे फोन से नूतन को बुलाया. नूतन ने अपने हाथ में फीता लिया और कमरे में चली आई.
“नूतन, तुम्हें मेहुल के लंड को खड़ा करने के बाद नापना है. ये कार्य तुम्हारे लिए नया नहीं है, तो मुझे अधिक कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है.” शोनाली ने नूतन से कहा.
नूतन मेहुल के पैरों के बीच बैठी और गाउन को हटाया. मेहुल के आधे खड़े लंड को देखते ही नूतन और शोनाली को पता चल गया कि नापना व्यर्थ है, पर नियम की अनदेखी भी नहीं की जा सकती थी. नूतन ने लंड को चाटा और फिर मुंह में लेकर चूसने लगी. शोनाली का कहना सही था, नूतन इस कार्य में विशेष रूप से निपुण थी और कुछ ही देर में मेहुल का लंड पूर्ण रूप से तन गया.
शोनाली भी देख रही थी. उसे कालिया का लंड याद आ गया. आज मेरी गांड फटेगी!
“ठीक है नूतन, अब नापो।”
नूतन ने मेहुल को खड़े होने के लिए कहा और फिर उसके लंड को थामकर उसे नापा।
“११. ८ इंच है.” नूतन ने हकलाते हुए बताया.
“हम्म्म, बहुत सही. हमारे यहाँ का रिकॉर्ड क्या है अब तक का?”
“मुझे याद नहीं है मैडम, पर ये अवश्य पता है कि १२ इंच तक कोई भी नहीं है.”
“मेरा भी यही विचार है. कालिया भी मेहुल के आसपास ही है. ठीक है तुम जा सकती हो.”
नूतन चली गई और कुछ ही देर में फोन बजा.
“मैडम कालिया का लंड ११. ७ इंच है.”
“धन्यवाद, नूतन.”
“हाँ तो मेहुल, अब बताओ कि क्या तुम अगले चरण पर जाना चाहोगे?”
“जी, बिलकुल.”

“अगर यहाँ आये हो तो अवश्य तुम्हें चुदाई की तकनीकें पता हिंगी. तो क्यों नहीं तुम मुझे अपने मुंह और जीभ का कौशल दिखाओ.” शोनाली ने मेहुल से कहा.
“अवश्य।” मेहुल ने कहा और उसे बाँहों में लेकर होंठ चूमने लगा. शोनाली का अर्थ कुछ भिन्न था परन्तु मेहुल ने ये जानकर भी इस प्रकार से हो आगे बढ़ने का निर्णय लिया. कुछ ही पलों में शोनाली उसकी बाँहों में कसमसाने लगी और मेहुल ने दोनों के शरीर पर लदे गाउन उतार दिए. एक दूसरे से यूँ ही लिपटे हुए चूमते हुए मेहुल सधे पाँवों से शोनाली को बिस्तर की ओर ले गया. बिस्तर के पास जाकर उसने चुंबन तोड़ा और शोनाली को बिस्तर पर लेटने का संकेत दिया.
शोनाली कंपकंपाते हुए बिस्तर पर लेटी तो मेहुल ने उसके पैरों को फैलाया और फिर उसकी चूत के पास नाक लगाकर एक गहरी साँस ली. शोनाली की चूत की सुगंध उसके नथुनों से होते हुए उसके फेफड़ों में समै गई. फिर उसने जीभ से केवल भग्नाशे को छेड़ा और कुछ देर तक बस यही करता रहा. शोनाली की साँसे अब और तीव्र हो चली थीं. इसके बाद मेहुल चूत के बाहरी भाग को चाटने लगा. हर छिद्र को उसने चाटा और इस पूरे समय शोनाली केवल आहें और सिसकारियां ही लेती रही. जैसे ही मेहुल की जीभ ने शोनाली की चूत में प्रवेश किया, शोनाली का संयम टूट गया और वो मेहुल के मुंह में ही झड़ गई. मेहुल ने कोई आपत्ति नहीं की, न ही अपने सिर को गंतव्य से हटाया.
मेहुल अपनी लय में शोनाली की चूत चाटता और चूसता रहा. जब शोनाली फिर झड़ने के निकट पहुंची तो अचानक मेहुल ने अपनी जीभ बाहर निकाल ली. शोनाली छटपटा उठी. पर मेहुल ने उसकी गांड के नीचे हाथ रखते हुए उसके कूल्हे उठाये और अपनी जीभ को शोनाली की गांड की गोलाई पर फिराने लगा. शोनाली की छटपटाहट और बढ़ गई. उसने भी अपने कूल्हे और उठा लिए और मेहुल के लिए अब गांड का स्वाद लेने में सरलता हो गई.
मेहुल ने भी इस सुगमता का लाभ उठाया और गांड के छेद को भरपूर चाटा। फिर जब उसे लगा कि शोनाली स्वयं को संभाल पायेगी तो उसने कूल्हे के नीचे से हाथ हटाकर गांड को खोला और जीभ अंदर कर दी. शोनाली की सिसकारी ने उसे बता दिया कि वो सही पथ पर है. पर इस आसन में ये कार्य अत्यधिक कठिन था, इसीलिए मेहुल ने इसे बाद में पूर्ण करने का निर्णय लिया और लौट कर चूत पर ध्यान लगाया. कुछ ही देर में शोनाली एक बार और झड़ी और उसके चेहरे पर तृप्ति का भाव आ गए.
“बहुत अच्छा, अति उत्तम. अब मुझे तुम्हारे लंड की शक्ति का परीक्षण करना है. तो आओ मुझे अपना लंड चूसने के लिए दो.”
मेहुल ने शोनाली को बैठाया और वो जब बिस्तर के किनारे आ गयी तो उसे अपना लंड प्रस्तुत कर दिया.

शोनाली ने मेहुल के लंड को चाटने और चूसने में अपना पूरा परिश्रम लगाया. लंड बड़ा होने के कारण उसे कुछ असहजता अवश्य हुई, पर इस क्लब में बड़े लंड वाला वो पहला नहीं था तो शोनाली ने शीघ्र ही अपनी ताल पकड़ ली. मेहुल उसके सिर पर हाथ रखे हुए था और शोनाली के इस परिश्रम का आनंद ले रहा था. परन्तु उसके मन में एक विचार और चल रहा था.
उसकी तीव्र बुद्धि ने शीघ्र ही ये समझ लिया कि अगर पार्थ और उसकी बुआ इस प्रकार के क्लब के संयोजक हैं तो उनके परिवार में भी कौटुम्बिक व्यभिचार परम्परा होगी. अब उसे ये पता था कि राणा परिवार इसमें संलिप्त था. वहीं कल के रहस्योद्घाटन के बाद नायक परिवार में भी यही प्रथा थी. शोनाली की बेटी सागरिका का विवाह समर्थ सिंह के परिवार में तय हुआ था, तो सम्भव है कि वहां भी इस प्रकार का ही वातावरण होगा. अर्थात, इन आठ घरों में से पाँच घरों में पारिवारिक चुदाई चलती थी. ये कितना अविश्वसनीय संयोग था? क्या अन्य तीनों परिवार बजाज, डिसूजा और पटेल भी?
क्या इस विषय में उसे कुछ छानबीन करना चाहिए? अगर पता चल भी गया तो क्या अंतर पड़ेगा? फिर उसकी आँखों में उन परिवारों की स्त्रियों के चेहरे और भरेपूरे शरीर घूमने लगे. अवश्य, अंतर तो पड़ेगा. उसने इसके लिए अपने नए मित्र सचिन की सहायता लेने का निश्चय किया. सचिन भी अपनी माँ की चुदाई करता था और माँ बेटे इस क्लब का हिस्सा थे, माँ सदस्या के रूप में तो सचिन रोमियो की भूमिका में. इस योजना के बारे में आगे सोचने का निश्चय करने के बाद उसने शोनाली के मुंह में अपने लंड के धक्के लगाने आरम्भ किये. शोनाली जो अब तक अकेली ही सारा परिश्रम कर रही थी, इस सहायता से प्रसन्न हो गई. शोनाली के मुंह में झड़ने के बाद शोनाली ने उसके वीर्य को पीने में कोई कोताही नहीं की.
शोनाली के मेहुल के रस में कुछ नया ही स्वाद आया. उसे अपनी नन्द सुमति के भाग्य पर जलन हुई जो गांड में छोड़े हुए रस का स्वाद पहले लेने वाली थी. पर शोनाली ईर्ष्या करने वाली स्त्रियों में तो थी नहीं, उसने अपने इन विचारों को शीघ्र ही मन से दूर कर दिया.
“तुम्हें कितना समय लगेगा?” शोनाली ने मेहुल से पूछा फिर उसके लंड को देखा. लंड अभी भी उसी स्थिति में था, हाँ कुछ कड़ापन कम हुआ था पर उसका आकार अभी भी यथावत था.
“अधिक नहीं, बस कुछ ही मिनट.” मेहुल ने घड़ी की ओर देखा तो उन्हें अभी २५ मिनट ही लगे थे, अर्थात अन्य दो चरणों के लिए पर्याप्त समय था.
शोनाली उससे कुछ इधर उधर की बात करने लगी. इतना अनुभव कैसे है, कितनी स्त्रियों को चोदा है, इत्यादि. उसे आश्चर्य हुआ कि मेहुल का लगभग सम्पूर्ण अनुभव मध्यम आयु या उनसे बड़ी स्त्रियों के साथ ही था. क्लब के लिए इसका ये अनुभव बहुत मूल्यवान होने वाला था, अगर वो उत्तीर्ण होता. पर मेहुल के लंड की वर्तमान स्थिति को देखकर शोनाली को विश्वास था कि ऐसा न होने की संभावना नगण्य थी.

शोनाली की अपेक्षा के अनुसार अधिक देर प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी. अपने हाथ से इस पूरे समय वो मेहुल के लौड़े को सहलाती रही थी. जब उसे लगा कि वो अंगड़ाइयाँ लेने लगा है तो अपने मुंह से कुछ देर चाटकर उसे गीला किया.
“मेरे विचार से अब चुदाई की परीक्षा की जा सकती है. तुम मुझे जिस प्रकार से भी चाहो चोद सकते हो. क्लब में हर लौड़े से चुदवा चुकी हूँ तो मुझे नहीं लगता कि कोई कठिनाई होगी. पर पहले मेरी चूत को चाटकर समुचित रूप से गीला कर दो.”
शोनाली ने लेटते हुए अपने पैर खोल दिए. मेहुल ने कुछ समय उसकी चूत को चाटा और फिर अपने लंड को उसपर रखते हुए घिसने लगा. चूत से हल्का पानी रिसा और मेहुल ने सही अवसर जानकर एक अच्छा धक्का लगाया और उसके लंड का आधा भाग शोनाली की चूत में प्रविष्ट हो गया. शोनाली को आनंद की अनुभूति होने लगी. उसे विश्वास हो गया कि मेहुल की माँग क्लब में बहुत अच्छी रहने की आशा थी. मेहुल ने शोनाली के चेहरे को देखा और किसी प्रकार की व्यथा को न देखकर लंड को बाहर निकाला और इस बार के धक्के ने उसे लगभग पूरी गहराई तक पहुंचा दिया.
“ओह! सचमुच बड़ा है. कुछ बचा है क्या?” शोनाली को लगा कि अब लंड पूरा घुस चुका होगा.
मेहुल ने कोई उत्तर नहीं दिया। वो अपने पाशविक रूप में लौटने लगा था. उसने लंड को फिर से बाहर निकाला और इस बार के धक्के की शक्ति इतनी अधिक थी कि न केवल लंड पूरा अंदर समा गया, बल्कि इतना सुगठित पलंग भी हिल गया. शोनाली की भी स्थिति एकदम परिवर्तित हो गई. उसकी चूत में मानो कोई चाकू चल गया हो. इतने लौड़े लेने के बाद भी मेहुल के शक्तिशाली धक्के ने उसकी नींव हिला दी.
मेहुल अब कहाँ रुकने वाला था. वो लम्बे धक्कों के साथ शोनाली की चुदाई करने लगा. एक बार लंड की ताल सही बैठे के बाद उसने शोनाली के मम्मों पर हाथ रखे और उन्हें मसलते हुए उसकी भीषण चुदाई करने लगा. शोनाली को इस सब से संतुलित होने में कुछ समय लगा पर फिर उसने भी मेहुल का साथ देना प्रारम्भ कर दिया. मेहुल का लंड शोनाली की हर गहराई को छू रहा था और शोनाली को भी इसमें पूर्ण आनंद मिल रहा था.
मेहुल की शक्ति और सामर्थ्य से वो बहुत प्रभावित हुई. क्लब की कुछ विशिष्ट महिलाएं जो इस प्रकार की चुदाई के लिए लालायित रहती थीं उनके लिए तो मेहुल एक वरदान होने वाला था. विशेषकर उसकी क्षमता और तीव्रता जो किसी इंजन के पिस्टन के समान द्रुत गति से चलायमान था. शोनाली भी इस चुदाई से आल्हादित होकर पानी छोड़ रही थी. उसकी जलमग्न चूत में मेहुल के लंड के चलने से ऐसी ध्वनि आ रही थी मानो कोई नौका चल रही हो.
“छप, छप, छप, छप, छप, छप.”
शोनाली की चुदाई करते समय मेहुल के सामने उस महिला की भी छवि आ रही थी जिसे उसने रिसेप्शन पर देखा था. उसकी आयु पचपन की रही होगी, पर चुदाई में पूरा आनंद देगी. उसकी गांड मारने में क्या आनंद आएगा. पर उसके पहले उसे शोनाली आंटी की गांड का फालूदा बनाना था. और इसके लिए भी वो उत्सुक था. उसकी तीव्र गति से चुदाई और मन में चल रहे अनेक कलुषित विचारों के ही कारण उसके लंड में अब उबाल आने लगा था. शोनाली भी अब सम्भवतः दो बार झड़ चुकी थी तो उसे अब झड़ने में कोई समस्या नहीं दिखी. उसने शोनाली को बताया कि वो झड़ने वाला है और शोनाली ने उसे उत्साह से झड़ने के लिए आमंत्रित किया. कुछ ही पलों में मेहुल का वीर्यरस शोनाली की चूत को सींच रहा था. अपने लंड से अंतिम बून्द निकलने तक मेहुल ने लंड को अंदर ही जमाये रखा और फिर बाहर निकाल लिया.
शोनाली ने उसे पास बुलाया और लेटे हुए उसके लंड को स्वछता प्रदान की. इसके बाद उसने मेहुल को हटने के लिए कहा और फिर वैसे ही लेटे हुए अपनी चूत में से मिश्रित रस को निकालकर चाटा। बस यही मिल सकता है. गांड वाला मिश्रण तो सुमति दीदी के लिए सुरक्षित रखना होगा. कुछ देर लेटे रहने के बाद वो उठी और टेबल में से गांड बंद करने वाला प्लग निकाला। उसे ढूंढकर एक मोटा प्लग निकाला क्योंकि उसकी गांड का फैलाव छोटे प्लग को रोक नहीं पाता और सुमति के लिए उसकी गांड में कुछ नहीं बचता.

शोनाली ने मेहुल को समझाया कि उसकी गांड में झड़ने के पश्चात उसे उसकी गांड को उस प्लग से बंद करना है. मेहुल ने इसके लिए हामी भरी. पर इसके साथ ही उसे ये भी विश्वास हो गया कि इस परिवार में भी चुदाई की प्रथा है. क्या सच में इतने परिवार इस प्रकार से लिप्त हैं? आंटी किसके लिए उसके वीर्य को संभाल रही हैं? पार्थ के परिवार के बारे में सोचा तो उसे सुमति पर सबसे अधिक संशय हुआ. उसका लंड अब फिर से अपने रौद्र रूप में आ रहा था. शोनाली उसकी इस प्रतिक्रिया से मुस्कराई. मेहुल का लंड कालिया से किंचित ही बड़ा था, इसीलिए समस्या कोई नहीं थी. पर एक अनावश्यक सी झुनझुनी उसकी गांड में हो रही था. सम्भवतः ये सोचकर कि जब सुमति को पता लगेगा कि उसका आज का भोग पड़ोस के ही लड़के का है तो उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी।
शोनाली ने घड़ी देखी, अब केवल ४५ मिनट ही शेष थे. “पर्याप्त हैं.” ये सोचकर वो उठी और मेहुल को पीछे आने के लिए कहा.
बिस्तर पर जाकर घोड़ी बन गई और टेबल की ओर संकेत करके मेहुल को जैल की ट्यूब लेने के लिए कहा.
“क्या मैं कुछ समय इस सुंदर गांड की सराहना कर सकता हूँ?” मेहुल ने प्रश्न किया तो शोनाली ने उसे अनुमति दे दी.
“वाओ आंटीजी. आपकी गांड बहुत ही मस्त है और क्या गोलाई है.” मेहुल ने उसके नितम्ब पर हाथ से सहलाते हुए कहा.
कुछ देर यूँ ही हाथों से सहलाने के बाद उसके गांड के दोनों और के गोलार्धों को अलग किया तो लुपलुप करती गांड का छेद उसके सामने खुल गया. अपनी जीभ से गांड की बाहरी झुर्रीदार त्वचा को चाटा तो शोनाली सिहर गई. मेहुल ने अपनी जीभ से बाहर के हर छिद्र हर रोम को चाटकर लाल कर दिया. फिर गांड के अंदर जीभ से कुरेदना आरम्भ किया. जब उसे लगा कि गांड अब लौड़े के लिए उतावली हो रही है तो उसने ट्यूब से जैल निकाला और गांड में अच्छे से भर दिया. दो उँगलियों की सहायता से गांड पूर्ण रूप से चिकनी हो गई. अपने लंड पर भी जैल चिपड़ने के बाद उसने घड़ी देखी, ३५ मिनट.
“आंटीजी, मैं आ रहा हूँ.” मेहुल ने चेताया.
“स्वागत है.” शोनाली ने उत्तर दिया, “अपने ढंग से मारो. गांड मेरी बहुत मारी गई है, इसीलिए हर प्रकार के आक्रमण के लिए सदैव उत्सुक रहती है.”
मेहुल ने गांड में सुपाड़ा डाला, जो बिना किसी अड़चन के अंदर चला गया. इतने बड़े लौडों से मरवाती है, खुली तो होनी ही थी. तीन इंच तक लंड को अंदर डालने के बाद मेहुल रुका, फिर लंड को बाहर खींचा और एक तीव्र धक्के के साथ पूरे लंड को अंदर पेल दिया. शोनाली की चीख निकली और वो औंधे मुंह बिस्तर पर गिर गई. इस कारण उसकी गांड में लंड और तंग हो गया. मेहुल ने शोनाली को उठने या सम्भलने का अवसर नहीं दिया. इस प्रकार उसे गांड में कुछ अधिक घर्षण मिल रहा था और वो लम्बी थापों के साथ शोनाली की गांड मारने में जुट गया.
तीन चार मिनट तक इस प्रकार से गांड मारने के बाद उसने गति कम की और शोनाली को घोड़ी के आसन में लौटने में सहायता की.
“बड़े निर्मम हो, मेहुल.” शोनाली ने कहा तो सही पर इसमें अभियोग का अभिप्राय नहीं था.
एक बार सही स्थिति में आने के बाद मेहुल ने फिर से शोनाली की गांड का बैंड बजाना आरम्भ कर दिया. शोनाली अब तक मेहुल की अद्भुत शक्ति और सामर्थ्य की प्रशंसक बन चुकी थी. उसने भी गांड हिला हिला कर, उछाल उछाल कर मेहुल की ताल से ताल मिलाई।

मेहुल को शोनाली की ये प्रतिक्रिया बहुत भा गई. अधिकतर उससे गांड मरवाने वाली आंटियां उसे ही पूरा परिश्रम करने देती थीं और बस ऊह आह वाह के अतिरिक्त कोई और अन्य प्रतिक्रिया कम ही देती थीं. इसका अर्थ ये नहीं की उन्हें गांड में उसका लौड़ा अच्छा नहीं लगता था, बस वो इतनी उन्मुक्त होकर नहीं चुदवाती थीं.
“आंटीजी, क्या गांड है आपकी, और आपकी ये थिरकते हुए गोल गोल नितम्बों का तो कोई सानी नहीं. सच में आपकी गांड मारने में जो मजा आ रहा है उतनी किसी और गांड में नहीं आया. यू आर टू गुड ए फक.” मेहुल प्रशंसा किये बिना न रह सका.
शोनाली ने भी अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसका उत्तर दिया, “लौड़ा तेरा भी मस्त है. क्या गांड की सिलाई खोल रहा है. सच में तुझसे गांड मरवाने के लिए मुझे अपना कलेंडर बनाना पड़ेगा. पार्थ के साथ भी इतना…” शोनाली झोंक में बोल तो गई पर रुक कर भी उसने सच्चाई को उजागर कर ही दिया. वो चुप हो गई.
“आंटीजी, मैं बच्चा नहीं हूँ, मैं समझ चुका हूँ कि पार्थ आपकी चुदाई करता ही होगा. अन्यथा इस प्रकार से आप दोनों इस क्लब का प्रबंधन नहीं कर रहे होते. पर मुझे कोई अंतर नहीं पड़ता है. ये आपके बीच का विषय है. बस मुझे बीच बीच में अपनी गांड मारने का अवसर देती रहना.”
शोनाली ने गहरी श्वास भरी और अपनी गांड को फिर उछालने लगी, मेहुल ने भी निर्भीक होकर गति और गहराई दोनों को चपल कर दिया. कमरे में गूंजती थापों का संगीत सुरीला हो चला था. उसमे शोनाली की सिसकारियां और मेहुल के हू हू के स्वरों ने नया ही रंग भर दिया था. दो बार झड़ चुकने के कारण अब मेहुल बहुत देर से शोनाली की गांड मार रहा था. परन्तु इस गति ने उसे भी अब अपने अंत तक ला ही दिया था.
“आंटीजी, मैं झड़ने ही वाला हूँ. प्लग से आपकी गांड बंद क्र दूँगा जैसा अपने कहा है.”
“ओके ओके. भर दे मेरी गांड और बंद कर दे उसे. मेरा भी अब और झड़ने का संबल नहीं है.” शोनाली ने एक प्रकार से चैन की साँस ली.
मुझ और तेज धक्कों के बाद मेहुल ने अपना लंड जड़ तक गाढ़ दिया और झड़ने लगा. प्लग को उसने अपने हाथ में लिया और उसे शोनाली की चूत से झरते पानी से गीला किया. झड़ने के बाद उसने अपने लंड के सुकड़ने तक लंड को पूरा अंदर गाड़े रखा. फिर अत्यंत सावधानी से लंड को बाहर निकाला. और प्लग से शोनाली की गांड को बंद कर दिया. कुछ बूँदे अवश्य बाहर छूट गयीं. शोनाली ने हाथ पीछे कर के प्लग की जाँच की. जो कुछ बूँदे उसकी उँगलियों के सम्पर्क में आयीं उन्हें इकट्ठा करके चाट लिया. मेहुल ने घड़ी देखी. दो घंटे पूरे होने में बस दो ही मिनट शेष थे. शोनाली ने भी ये देखा और मुस्कुरा दी.
“अब तुम हटो पाँच मिनट के लिए.” शोनाली ने कहा.
उसके बाद उसने अपने बैग से एक बेल्ट निकली जिसे कमर में बाँधा। उस बेल्ट में एक और बेल्ट थी जो नीचे की ओर जाती थी. उस बेल्ट को भी बाँधा और मेहुल को उसका अभिप्राय समझ आ गया. दूसरी बेल्ट के बाँधने से अब प्लग गांड से निकल नहीं सकता था. पर इससे शोनाली को अवश्य असुविधा हो रही होगी. मेहुल ने उस स्त्री के प्रति शोनाली के प्रेम को देखकर उसके मन में शोनाली के प्रति आदर और बढ़ गया.
इसके बाद शोनाली ने कपड़े पहने और मेहुल से कहा कि वो चाहे तो स्नान कर सकता है. मेहुल ने झटपट स्नान किया और कमरे में आकर अपने कपड़े पहन लिए.
“मैं दिंची क्लब के रोमियो के रूप में तुम्हारा स्वागत करती हूँ. फिर मिलेंगे. अब मुझे निकलना होगा.” ये कहते हुए शोनाली ने फॉर्म पर उत्तीर्ण लिखकर हस्ताक्षर किये और सैंडल चटकाती हुई चली गई.

मेहुल का प्रस्थान:
मेहुल कपड़े पहनकर बाहर आया तो देखा कि उसके बगल वाले कमरे से सोनी निकल रही हैं. उसने उन्हें नमस्ते कहा.
“हैलो, मैडम.”
“हैलो यंग मैन, क्या नाम है तुम्हारा?”
“जी मेहुल. आज मेरा इंटरव्यू था यहाँ काम के लिए.” मेहुल सोनी के साथ चलते हुए बोला।
“गुड़, इसका अर्थ हम मिलते रहेंगे. मैं भी आज सदस्य बनी हूँ.”
“जी बहुत अच्छा. अवश्य ही मिलना होगा तब तो. आप संतुष्ट हैं?” मेहुल ने पूछा तो सोनी ने उसकी ओर देखा.
मेहुल को लगा उसने गलत प्रश्न कर दिया, “मेरा अर्थ है क्लब से, वातावरण इत्यादि.”
“हाँ संतुष्ट हूँ. क्लब से भी, वातावरण से भी और इत्यादि से भी. इत्यादि से सबसे अधिक.” ये कहते हुए सोनी हंस दी. मेहुल ने भी उसके हंसी में साथ दिया. रिसेप्शन पर पार्थ और शोनाली खड़े थे. शोनाली ने सोनी की बिगड़ी चाल को देखा तो मुस्कुरा पड़ी.
धीरे से पार्थ के कान में फुसफुसाई, “इसकी चाल बदल दी तुमने.”
“आइये सोनी जी, मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूँ.” पार्थ ने सोनी से कहा तो सोनी ने अपने पर्स से कार की चाबी उसे थमा दी.
फिर नूतन की ओर देखकर बोली, “नूतन धन्यवाद.”
नूतन का चेहरा खिल उठा. उसे इस प्रकार से कम ही लोग धन्यवाद करते थे, “आपका स्वागत है, मैडम. क्लब की सदस्य बनने के लिए आपका आभार और बधाई.”
“फिर मिलते हैं, नूतन.” ये कहकर सोनी पार्थ के साथ बाहर चली गई.
“तुम कैसे आये हो, मेहुल?”
“जी, अपनी कार से.”
“हम्म्म, नूतन क्या कोई अन्य कार्य है आज?”
“नो, मैडम. आल डन फॉर द डे.”
“तो चाहो तो मेहुल के साथ चली जाओ, सिक्युरिटी को लॉक करने का आदेश दे देते हैं.”
“धन्यवाद, मैडम.” ये कहते हुए नूतन ने सिक्युरिटी को बुला भेजा.
“मेहुल, मैं चलती हूँ. तुम नूतन का ध्यान रखना.” ये कहते हुए शोनाली ने मेहुल को आँख मारी और अपनी कार की ओर चली गई.
सिक्युरिटी के आने के बाद उसे प्रभार देकर नूतन ने अपनी पुस्तक, पर्स इत्यादि लिया और मेहुल के साथ निकल गई.

क्रमशः
Bahut khoob prkin bhai aage dekhte hain Mehul kya kya gul khilata hai... Shandar update
 
  • Like
Reactions: Evanstonehot

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Best story

Thanks Buddy.
Feeling a bit better now. May start work on story soon as other matters in life are also delayed.
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Have edited the first post with some pictures.

Read or view it here:

 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Best story

Thanks for your wishes.
I have started writing. But it is slow. Hopefully one update will come tomorrow for Disha.
 
Last edited:

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Get well soon

Thanks for your wishes.
I have started writing. But it is slow. Hopefully one update will come tomorrow for Disha
 

prkin

Well-Known Member
5,394
6,131
189
Bahut khoob prkin bhai aage dekhte hain Mehul kya kya gul khilata hai... Shandar update

Thanks for your wishes.
I have started writing. But it is slow. Hopefully one update will come tomorrow for Disha
 
Top