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पार्ट ४ - मेरा और माँ का हनीमून
नींद खुली तब माँ मेरे सामने नँगी अभी भी सो रही थी।
माँ का बदन माँ की मखमली आवाज़ चुदाई के दौरान, सब मुझे मोहित कर रहा था। वैसे माँ मेरे कब्जे में थी, पर ऐसा लग रहा था के मैं माँ के बदन का गुलाम बनते जा रहा हूँ। मैंने माँ को सोने दिया और कपडे पहन कर मैं बाहर निकल गया। बाहर निकलते ही मुझे मेनेजर मिला
मैनेजर: सर सब ठीक रहा?
मैं: हां सब ठीक रहा मजा आ गया बहुत
मैनेजर: सर गद्दा भी ठीक था न?
मैं: हां दोस्त मखमली मुलायम गद्दा था। ठोकते वक़्त भी बहुत मजा आया। कुछ होगा तो बता दूंगा चिंता मत करो। और हां इधर बाहर खुले में चोदना हो तो छोड़ सकते है? मैं इसे नँगी घुमाउ इधर रिसोर्ट में
मेनेजर थोड़ा हिचकिचाया पर फिर बोला
मेनेजर: देखिए सर आपकी बीवी है आपको जो करना हो कर सकते है। हमारा स्टाफ कही नहीं जाएगा। वो इधर ही रहेगा
मैं: अरे मैं कहा बोला के स्टाफ को जाने दो
मेनेजर: नहीं मैं बता रहा हु
मैं: डोंट वरी आप सब इधर ही रहो। देखो हमें। मस्त माल है मेरी बीवी। मजे करो! बस हमे मत रोकना
मेनेजर: अब तो ये 7 दिन आपका ही है जो करना है करो
मैं: बस एक रिकेस्ट है। आप लोग कोई रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे
मेनेजर: हमने सर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाया आप भी चिंता न करके आनंद लीजिए
चलो ये चिंता तो गई मेरे सर से। माहौल अच्छा था रिसोर्ट का। मैंने ऐसे ही रिसोर्ट का चक्कर लगा के देख लिया। पीछे के साइड थोड़ा सा ही वाक कर के देखो तो मस्त दरिया किनारा था। वहां से व्यू बहुत अच्छा लग रहा था। यहाँ माँ और मैं शांति से बैठ कर बात चित कर सकते है। रिसोर्ट काफी भव्य था। मुझे काफी अच्छा लगा। पर नाइट करीब डेढ़ लाख रूपया था। फिर मैं वापस रूम में आया तो माँ मुझे सोई हुई ही मिली
मैं: उठो माँ चलो बाहर वाक पर चलते है
माँ ने अंगड़ाई ले कर अपने मम्मो को रजाई से ढक दिया। आधे नँगे मम्मे कातिल लग रहे थे।
माँ: सोने दो न? फिर रात भर सोने नही देने वाले तुम
माँ मुझे अच्छे से जानती थी
मैं: पर माँ इधर हम सोने थोड़ी आये है। चलो बाहर चलते है। मस्त रिसोर्ट है
माँ: रुको मैं आती हु
मैं: नहीं कपडे नहीं पहनने है
माँ: अरे इधर सब देखेंगे
मैं: माँ मैं सब पूछ कर आया हु। कोई नहीं टोकेगा रोकेगा। इधर मैं ही अकेला ठोकेगा।
माँ मेरे सामने स्माइल के साथ देख रही थी
मैं: क्या हुआ
माँ: कुछ नहीं। मुह तो धो के आउ।
मैं: हां मुह धो के आ। कपडे मत पहनना
फिर माँ मुह धो के आई पर बाहर जाने से शर्मा रही थी।
मैं: मैं हु न माँ खुल के मजे लो। देखो फिर मुझे बुरा लग जायेगा क्रूज़ में तुम नँगी ही घूमी थी। तो ये भी उसी टाइप है
ये बात माँ के गले में उतर गई के वैसे तो ये क्रूज़ नहीं है बाकी तो सब एक ही बात है। फिर माँ ने मेरे हाथ में हाथ डाला और मेरे साथ बाहर आई। सब तिरछी नजर से माँ को देख रहे थे। मम्मो का उभार, छोटी सी बच्ची जैसी चूत, बड़ी मस्त गांड, चूत पर मेरे वीर्य की गीलापन, पतली कमर। हम स्विमिंग पूल की और गए। उधर मैं बैठा। और माँ को मैंने तैरने जाने का बोला
मैं: जाओ पानी में
माँ: नहीं अभी नहीं
मैं: अभी जाओगी तो पानी के अंदर चुदाई करूँगा सोच लो
माँ: तुम हर बात पर मुझे पटा ही लेते हो। पक्का चोदोगे न?
मैं: हां माँ पक्का स्विमिंग पूल में चुदाई करेंगे
तो माँ तुरंत पानी में धीरे धीरे अंदर जाने ही वाली थी के स्विमिंग पूल के जो केअर टेकर होते है वो आए
केर टेकर: मैडम आप नँगी नहीं जा सकते आपको कॉस्च्यूम पहनना पड़ेगा
अरे ये दिमाग से पैदल है क्या? कॉस्च्यूम पहनना आवश्यक है का मतलब है के आप दूसरे कोई कपडे पहन कर नहीं जा सकते। मैं टीशर्ट लोअर पहना था तो मुझे स्विमिंग कॉस्च्यूम पहनना चाहिए। माँ तो नँगी ही है। दिमाग से पैदल साला।
मैं: ओ भाई जा तेरे मैनेजर को बुला कर ला।
अब इस दौरान माँ तो स्विमिंग पूल में तैरने लगी थी। फिर मेनेजर आया तब जा के केर टेकर माना। पर बातों से लग रहा था के वो दिमाग से पैदल है। इसके साथ मजा आएगा आगे जा के। मैंने फिर मेनेजर से पूछा
मैं: मैं अभी मेरी बीवी को स्विमिंग पूल में चोदने वाला हूँ। तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न?
मेनेजर: सर फिर आपका और मैडम का माल गिरेगा स्विमिंग पूल का पानी गंदा हो जायेगा। थोड़ी देर चुदाई कर लो पर माल गिरने के टाइम इधर बाहर आ जाना
मैं: क्या यार एक्स्ट्रा ले लेना। हम लोग ही तो है इधर और हा बदल लेना पानी सुबह तक
मेनेजर फिर मान गया। पता नहीं मैंने इससे बहस ही क्यों की। माँ अंदर तैर रही थी नँगी और फिर मैं भी कपडे निकाल कर खड़े लंड को ले कर पानी में उतरा। माँ और मैंने स्विमिंग पूल में जम के किस किया। मैं माँ को अपनी बाहों में भर के खूब दबा रहा था। गीली माँ को बाहों में लेना भी एकदम सुकून भरा लग रहा था।
मैं: उफ़ माँ तुम तो बिलकुल मस्त हो
माँ: तूने अभी मेरी चूत के अलावा मुझे इस्तेमाल ही कहा किया है
मैं: कर लूंगा माँ
माँ: इसिलए तो तेरे साथ गोवा चली आई
स्विमिंग पूल के गीले बड़े बड़े मम्मे चूसने लगा था। माँ मेरे लंड को मुठिया रही थी। फिर मैंने माँ की चूत में ऊँगली डाली। पहली बार। मिडल फिंगर। माँ आह कर गई
मैं: डाल दू न
माँ: हां हां
मैं: तू ऊपर नीचे हो गई तो पूछा
माँ: वो तो मजा आया इसलिए। जाने दे पूरी अंदर
मैंने एक ही झटके में मिडल फिंगर माँ की चूत में डाल दी। और अंदर बाहर कर के माँ को उकसाने लगा। माँ जोर जोर से आह कर रही थी। पूरा स्टाफ माँ को देख रहा था। और माँ जोर से आह करे जा रही थी। मैं रुक गया
माँ: आह बेटे रुक क्यों गया। उफ़्फ़ क्या हुआ
मैं: अरे मादरचोद मुठिया मुठिया कर लंड का क्या करेगी। चूत में देना पड़ेगा न
माँ: हां बेटा दाल दे जल्दी से। इधर अंदर देगा?
मैं: हां चल पैर एक थोड़ा ऊपर कर
जैसे कुतिया एक पैर ऊपर करती है न वैसे ही माँ ने एक पैर थोड़ा ऊपर किया। हम बीचो बिच थे स्विमिंग पूल के। मैंने माँ को अच्छे से पकड़ा और फिर चूत पर लंड को टिका कर धक्का दिया। पर खड़े खड़े इतना मजा नहीं आया और पहले धक्के में तो घुस भी नहीं पाया। इधर सब मुझे देख रहे थे। मेरे ऊपर परफॉरमेंस प्रेशर आ गया। माँ समझ गई
माँ: बेटे देख चूत को हल्का सा फैलाती हु तू ज्यादा सोच मत और घुसा दे
मैं: दर्द होगा तो?
माँ: मेरी तो सुहागरात हो चुकी है। तेरी पहली बार है। तुजे मजा आना चाहिए।
माँ ये सेंटेंस पूरा करती तब तक तो मैंने माँ की चूत में लण्ड जोर से घुसा दिया। और माँ जोर से चिल्ला पड़ी आह कर के। और मैं फिर खड़े खड़े पानी में स्विमिंग पूल के अंदर दे धना धन पेलने लगा। कोई सपोर्ट नहीं था तो माँ को ऐसे ही ले कर स्विमिंग पूल के किनारे तक आया और फिर माँ को टीका के फिर धनाधन पेलने लगा। औरत को सहारा दे दो तो वो सारा पहाड़ झेल लेती है देख लिया।
एक औरत को चोदने के लिए कितने सारे काम करने पड़ते है। मुह को मुह पर लगाओ किस करो, एक हाथ से मम्मो को दबाओ। दूसरे हाथ का इस्तेमाल चूत में घुसे हुए लंड को प्रेसर देने के लिए कमर को धक्का लगाने के लिए। धक्के मारने के लिए वैसे औरत के बाल भी होते है। करीब 10 मिनिट में माहौल में इतनी ऊँह आह चल ने लगी के मैं चूत में झड़ ही गया। थोड़ा माल बाहर निकला और पानी के ऊपर तैरने लगा। हमारी चुमा छाती चल रही थी। और फिर हम अलग हुए। फिर थोड़ी देर स्विमिंग किया और फिर डिनर टाइम हुआ। मैंने कपड़े पहने पर माँ को पहनने नहीं दिया
माँ को मेरी गोदी में बिठाया नँगी और माँ को बोला के वो मुझे खिलाये। खाना खाने के वक़्त हम बाते कर रहे थे
माँ: ये तो बेस्ट ही है हनीमून
मैं: माँ अभी पीछे से लेना है
माँ: गांड में?
मैं: अरे डौगी स्टाइल बहनचोद
तब वेटर रोटी देने आया और मैंने उसे पूछा
मैं: भैया ये बताओ। इसे डौगी स्टाइल में इधर चोद दू?
वेटर: सर वो आपको जैसा ठीक समझे
मैं: इसे कुतिया बना कर ठोकना चाहिए के नहीं
वेटर: (डरते डरते) हां
तब मेनेजर भी आ गया
मेनेजर: कुछ हुआ क्या सर
मैं: मेनेजर साहब बताओ के इसे कुतिया कहा बनाऊ
मेनेजर: सर पहली बार है अगर तो इसे सब के सामने कीजिये। इधर ही। हमे भी मजा आये
मेनेजर की ठरक अब बातों में भी आ रही थी। मेनेजर चला गया
माँ: बेटा तू भी न बहुत ही... क्या बोलू में
मैं: क्या हुआ
माँ: इधर सब के सामने ठोकेगा?
मैं: नहीं माँ अभी नहीं। अभी मेरा लंड थोड़ा दर्द करने लगा है। कब से चोदे जा रहा हु। अब तो माल भी नहीं निकल रहा ऐसा लग रहा है। मैं सोच रहा आज रात मैं आराम करूँगा
माँ: अरे इतना सब कुछ पूछा मेनेजर से और.. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती
मुझे माँ को और तड़पाना है। मजा तभी मुझे और आता है।
मैं: चल ठीक है। एक शर्त पर
माँ: क्या शर्त
मैं: कल गोवा घूमने जायेंगे
माँ: हां ठीक है। मैं मस्त सेक्सी कपड़े पहनूँगी बस?
मैं: नहीं। तू नँगी आएगी
माँ: हट बदमाश। मैं गोवा में नँगी नहीं घूमने वाली
मैं: तो मैं भी तुजे अभी कुतिया नहीं बनाऊंगा
माँ: कल बना लेना
मैं: मादरचोद आज चुदाई खत्म। अब ये हनीमून कुछ नहीं
माँ: समीर प्लीज
मैं: कल तू बाइक में मेरे साथ नँगी आ। तो गोवा से जाने पे पहले चूत का भोसड़ा बना दूंगा। सोच ले। भोसड़ा बनवाना है या नहीं
माँ मेरी और देखे जा रही थी
मैं: सोच ले। पूरा गोवा तेरी खूबसूरती देखेगा। तुजे जहा मन करेगा तू जहा बोलेगी तब ही तुजे चोद दूंगा। तेरे पति के पास जायेगी तब तक तेरी चूत भोसड़ा बन जायेगी
माँ तो आहे भरने लगी। माँ को ऐसा पसन्द आया।अब क्या ही करे। माँ ऐसी ही है!
माँ: पक्का न?
मैं: हां बोले और खाना खा लिया हो तो चल मेरा लण्ड मुह में ले कर टाइट कर दे
माँ ने तुरंत खाना छोड़ मेरे लण्ड को टाइट करने में टाइम इन्वेस्ट कर दिया। आआहा मादरचोद कितनी सेक्सी रंडी है साली
मैं: मादरचोद कहीं की रंडी साली। अभी तेरे को सब के सामने कुतिया बना कर निचोड़ दूंगा। साली भोसडीकी...
मैं साथ साथ माँ को मुह पर चपेट भी मारे जा रहा था। मेरे अंदर का हैवान जाग उठा था।
मैं: किधर गया मेनेजर? इधर गद्दा बिछाओ
सब फटाफट इधर उधर हो कर एक्साइटमेंट में 2 3 गद्दा ले कर आ गए। मेनेजर भी आ गया।
मेनेजर: सर यहाँ बिछा दिया है। आप यहाँ पर मेडम को चोद सकते हो। और कुछ?
मैं: लाइट्स हलकी हलकी कर दो रोमेंटिक गाना लगाओ। अबे सुन डांस कर थोड़ा ये सब देखने को आये है। ठुमके मार...
माँ फिर भी लंड चूसने में व्यस्त थी। तो मैं मेनेजर को हँसते हुए बोला
मैं: साली को लण्ड मिले न तो कोई चांस नहीं छोड़ती
मेनेजर: लकी है आप साहब वरना आजकल की लड़कियां कहाँ लण्ड चुस्ती भी है
मेनेजर ने अपने दिल की बात बोल दी। बेचारा लगता है उसकी बीवी उसका लंड चुस्ती नहीं होगी। देखते है अगर वक़्त रहा गोवा में तो माँ से मेनेजर का लंड चुसवा देंगे। पर अभी तो मेरा लंड खड़ा है और अभी ये जायेगा माँ को कुतिया बना कर माँ की चूत में
मैं: ये आवाज़ करे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न?
मेनेजर: जी सर बिलकुल भी नहीं है पर आपको प्रॉब्लम न हो तो मेरा स्टाफ थोड़े दूर बैठ कर मुठ मारना चाहता है। और मैं भी। तो मुठ मारे?
मैं: है बेशक मारो मुठ। और मुझे आप बताते जाना के आपको लाइव कैसा पोर्न देखने है। अबे ओ मादरचोद बस कर साली डंडा हो गया चल इधर गांड उठा कर पहले तो कुतिया बन जा चल बे...
नींद खुली तब माँ मेरे सामने नँगी अभी भी सो रही थी।
माँ का बदन माँ की मखमली आवाज़ चुदाई के दौरान, सब मुझे मोहित कर रहा था। वैसे माँ मेरे कब्जे में थी, पर ऐसा लग रहा था के मैं माँ के बदन का गुलाम बनते जा रहा हूँ। मैंने माँ को सोने दिया और कपडे पहन कर मैं बाहर निकल गया। बाहर निकलते ही मुझे मेनेजर मिला
मैनेजर: सर सब ठीक रहा?
मैं: हां सब ठीक रहा मजा आ गया बहुत
मैनेजर: सर गद्दा भी ठीक था न?
मैं: हां दोस्त मखमली मुलायम गद्दा था। ठोकते वक़्त भी बहुत मजा आया। कुछ होगा तो बता दूंगा चिंता मत करो। और हां इधर बाहर खुले में चोदना हो तो छोड़ सकते है? मैं इसे नँगी घुमाउ इधर रिसोर्ट में
मेनेजर थोड़ा हिचकिचाया पर फिर बोला
मेनेजर: देखिए सर आपकी बीवी है आपको जो करना हो कर सकते है। हमारा स्टाफ कही नहीं जाएगा। वो इधर ही रहेगा
मैं: अरे मैं कहा बोला के स्टाफ को जाने दो
मेनेजर: नहीं मैं बता रहा हु
मैं: डोंट वरी आप सब इधर ही रहो। देखो हमें। मस्त माल है मेरी बीवी। मजे करो! बस हमे मत रोकना
मेनेजर: अब तो ये 7 दिन आपका ही है जो करना है करो
मैं: बस एक रिकेस्ट है। आप लोग कोई रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे
मेनेजर: हमने सर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाया आप भी चिंता न करके आनंद लीजिए
चलो ये चिंता तो गई मेरे सर से। माहौल अच्छा था रिसोर्ट का। मैंने ऐसे ही रिसोर्ट का चक्कर लगा के देख लिया। पीछे के साइड थोड़ा सा ही वाक कर के देखो तो मस्त दरिया किनारा था। वहां से व्यू बहुत अच्छा लग रहा था। यहाँ माँ और मैं शांति से बैठ कर बात चित कर सकते है। रिसोर्ट काफी भव्य था। मुझे काफी अच्छा लगा। पर नाइट करीब डेढ़ लाख रूपया था। फिर मैं वापस रूम में आया तो माँ मुझे सोई हुई ही मिली
मैं: उठो माँ चलो बाहर वाक पर चलते है
माँ ने अंगड़ाई ले कर अपने मम्मो को रजाई से ढक दिया। आधे नँगे मम्मे कातिल लग रहे थे।
माँ: सोने दो न? फिर रात भर सोने नही देने वाले तुम
माँ मुझे अच्छे से जानती थी
मैं: पर माँ इधर हम सोने थोड़ी आये है। चलो बाहर चलते है। मस्त रिसोर्ट है
माँ: रुको मैं आती हु
मैं: नहीं कपडे नहीं पहनने है
माँ: अरे इधर सब देखेंगे
मैं: माँ मैं सब पूछ कर आया हु। कोई नहीं टोकेगा रोकेगा। इधर मैं ही अकेला ठोकेगा।
माँ मेरे सामने स्माइल के साथ देख रही थी
मैं: क्या हुआ
माँ: कुछ नहीं। मुह तो धो के आउ।
मैं: हां मुह धो के आ। कपडे मत पहनना
फिर माँ मुह धो के आई पर बाहर जाने से शर्मा रही थी।
मैं: मैं हु न माँ खुल के मजे लो। देखो फिर मुझे बुरा लग जायेगा क्रूज़ में तुम नँगी ही घूमी थी। तो ये भी उसी टाइप है
ये बात माँ के गले में उतर गई के वैसे तो ये क्रूज़ नहीं है बाकी तो सब एक ही बात है। फिर माँ ने मेरे हाथ में हाथ डाला और मेरे साथ बाहर आई। सब तिरछी नजर से माँ को देख रहे थे। मम्मो का उभार, छोटी सी बच्ची जैसी चूत, बड़ी मस्त गांड, चूत पर मेरे वीर्य की गीलापन, पतली कमर। हम स्विमिंग पूल की और गए। उधर मैं बैठा। और माँ को मैंने तैरने जाने का बोला
मैं: जाओ पानी में
माँ: नहीं अभी नहीं
मैं: अभी जाओगी तो पानी के अंदर चुदाई करूँगा सोच लो
माँ: तुम हर बात पर मुझे पटा ही लेते हो। पक्का चोदोगे न?
मैं: हां माँ पक्का स्विमिंग पूल में चुदाई करेंगे
तो माँ तुरंत पानी में धीरे धीरे अंदर जाने ही वाली थी के स्विमिंग पूल के जो केअर टेकर होते है वो आए
केर टेकर: मैडम आप नँगी नहीं जा सकते आपको कॉस्च्यूम पहनना पड़ेगा
अरे ये दिमाग से पैदल है क्या? कॉस्च्यूम पहनना आवश्यक है का मतलब है के आप दूसरे कोई कपडे पहन कर नहीं जा सकते। मैं टीशर्ट लोअर पहना था तो मुझे स्विमिंग कॉस्च्यूम पहनना चाहिए। माँ तो नँगी ही है। दिमाग से पैदल साला।
मैं: ओ भाई जा तेरे मैनेजर को बुला कर ला।
अब इस दौरान माँ तो स्विमिंग पूल में तैरने लगी थी। फिर मेनेजर आया तब जा के केर टेकर माना। पर बातों से लग रहा था के वो दिमाग से पैदल है। इसके साथ मजा आएगा आगे जा के। मैंने फिर मेनेजर से पूछा
मैं: मैं अभी मेरी बीवी को स्विमिंग पूल में चोदने वाला हूँ। तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न?
मेनेजर: सर फिर आपका और मैडम का माल गिरेगा स्विमिंग पूल का पानी गंदा हो जायेगा। थोड़ी देर चुदाई कर लो पर माल गिरने के टाइम इधर बाहर आ जाना
मैं: क्या यार एक्स्ट्रा ले लेना। हम लोग ही तो है इधर और हा बदल लेना पानी सुबह तक
मेनेजर फिर मान गया। पता नहीं मैंने इससे बहस ही क्यों की। माँ अंदर तैर रही थी नँगी और फिर मैं भी कपडे निकाल कर खड़े लंड को ले कर पानी में उतरा। माँ और मैंने स्विमिंग पूल में जम के किस किया। मैं माँ को अपनी बाहों में भर के खूब दबा रहा था। गीली माँ को बाहों में लेना भी एकदम सुकून भरा लग रहा था।
मैं: उफ़ माँ तुम तो बिलकुल मस्त हो
माँ: तूने अभी मेरी चूत के अलावा मुझे इस्तेमाल ही कहा किया है
मैं: कर लूंगा माँ
माँ: इसिलए तो तेरे साथ गोवा चली आई
स्विमिंग पूल के गीले बड़े बड़े मम्मे चूसने लगा था। माँ मेरे लंड को मुठिया रही थी। फिर मैंने माँ की चूत में ऊँगली डाली। पहली बार। मिडल फिंगर। माँ आह कर गई
मैं: डाल दू न
माँ: हां हां
मैं: तू ऊपर नीचे हो गई तो पूछा
माँ: वो तो मजा आया इसलिए। जाने दे पूरी अंदर
मैंने एक ही झटके में मिडल फिंगर माँ की चूत में डाल दी। और अंदर बाहर कर के माँ को उकसाने लगा। माँ जोर जोर से आह कर रही थी। पूरा स्टाफ माँ को देख रहा था। और माँ जोर से आह करे जा रही थी। मैं रुक गया
माँ: आह बेटे रुक क्यों गया। उफ़्फ़ क्या हुआ
मैं: अरे मादरचोद मुठिया मुठिया कर लंड का क्या करेगी। चूत में देना पड़ेगा न
माँ: हां बेटा दाल दे जल्दी से। इधर अंदर देगा?
मैं: हां चल पैर एक थोड़ा ऊपर कर
जैसे कुतिया एक पैर ऊपर करती है न वैसे ही माँ ने एक पैर थोड़ा ऊपर किया। हम बीचो बिच थे स्विमिंग पूल के। मैंने माँ को अच्छे से पकड़ा और फिर चूत पर लंड को टिका कर धक्का दिया। पर खड़े खड़े इतना मजा नहीं आया और पहले धक्के में तो घुस भी नहीं पाया। इधर सब मुझे देख रहे थे। मेरे ऊपर परफॉरमेंस प्रेशर आ गया। माँ समझ गई
माँ: बेटे देख चूत को हल्का सा फैलाती हु तू ज्यादा सोच मत और घुसा दे
मैं: दर्द होगा तो?
माँ: मेरी तो सुहागरात हो चुकी है। तेरी पहली बार है। तुजे मजा आना चाहिए।
माँ ये सेंटेंस पूरा करती तब तक तो मैंने माँ की चूत में लण्ड जोर से घुसा दिया। और माँ जोर से चिल्ला पड़ी आह कर के। और मैं फिर खड़े खड़े पानी में स्विमिंग पूल के अंदर दे धना धन पेलने लगा। कोई सपोर्ट नहीं था तो माँ को ऐसे ही ले कर स्विमिंग पूल के किनारे तक आया और फिर माँ को टीका के फिर धनाधन पेलने लगा। औरत को सहारा दे दो तो वो सारा पहाड़ झेल लेती है देख लिया।
एक औरत को चोदने के लिए कितने सारे काम करने पड़ते है। मुह को मुह पर लगाओ किस करो, एक हाथ से मम्मो को दबाओ। दूसरे हाथ का इस्तेमाल चूत में घुसे हुए लंड को प्रेसर देने के लिए कमर को धक्का लगाने के लिए। धक्के मारने के लिए वैसे औरत के बाल भी होते है। करीब 10 मिनिट में माहौल में इतनी ऊँह आह चल ने लगी के मैं चूत में झड़ ही गया। थोड़ा माल बाहर निकला और पानी के ऊपर तैरने लगा। हमारी चुमा छाती चल रही थी। और फिर हम अलग हुए। फिर थोड़ी देर स्विमिंग किया और फिर डिनर टाइम हुआ। मैंने कपड़े पहने पर माँ को पहनने नहीं दिया
माँ को मेरी गोदी में बिठाया नँगी और माँ को बोला के वो मुझे खिलाये। खाना खाने के वक़्त हम बाते कर रहे थे
माँ: ये तो बेस्ट ही है हनीमून
मैं: माँ अभी पीछे से लेना है
माँ: गांड में?
मैं: अरे डौगी स्टाइल बहनचोद
तब वेटर रोटी देने आया और मैंने उसे पूछा
मैं: भैया ये बताओ। इसे डौगी स्टाइल में इधर चोद दू?
वेटर: सर वो आपको जैसा ठीक समझे
मैं: इसे कुतिया बना कर ठोकना चाहिए के नहीं
वेटर: (डरते डरते) हां
तब मेनेजर भी आ गया
मेनेजर: कुछ हुआ क्या सर
मैं: मेनेजर साहब बताओ के इसे कुतिया कहा बनाऊ
मेनेजर: सर पहली बार है अगर तो इसे सब के सामने कीजिये। इधर ही। हमे भी मजा आये
मेनेजर की ठरक अब बातों में भी आ रही थी। मेनेजर चला गया
माँ: बेटा तू भी न बहुत ही... क्या बोलू में
मैं: क्या हुआ
माँ: इधर सब के सामने ठोकेगा?
मैं: नहीं माँ अभी नहीं। अभी मेरा लंड थोड़ा दर्द करने लगा है। कब से चोदे जा रहा हु। अब तो माल भी नहीं निकल रहा ऐसा लग रहा है। मैं सोच रहा आज रात मैं आराम करूँगा
माँ: अरे इतना सब कुछ पूछा मेनेजर से और.. जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती
मुझे माँ को और तड़पाना है। मजा तभी मुझे और आता है।
मैं: चल ठीक है। एक शर्त पर
माँ: क्या शर्त
मैं: कल गोवा घूमने जायेंगे
माँ: हां ठीक है। मैं मस्त सेक्सी कपड़े पहनूँगी बस?
मैं: नहीं। तू नँगी आएगी
माँ: हट बदमाश। मैं गोवा में नँगी नहीं घूमने वाली
मैं: तो मैं भी तुजे अभी कुतिया नहीं बनाऊंगा
माँ: कल बना लेना
मैं: मादरचोद आज चुदाई खत्म। अब ये हनीमून कुछ नहीं
माँ: समीर प्लीज
मैं: कल तू बाइक में मेरे साथ नँगी आ। तो गोवा से जाने पे पहले चूत का भोसड़ा बना दूंगा। सोच ले। भोसड़ा बनवाना है या नहीं
माँ मेरी और देखे जा रही थी
मैं: सोच ले। पूरा गोवा तेरी खूबसूरती देखेगा। तुजे जहा मन करेगा तू जहा बोलेगी तब ही तुजे चोद दूंगा। तेरे पति के पास जायेगी तब तक तेरी चूत भोसड़ा बन जायेगी
माँ तो आहे भरने लगी। माँ को ऐसा पसन्द आया।अब क्या ही करे। माँ ऐसी ही है!
माँ: पक्का न?
मैं: हां बोले और खाना खा लिया हो तो चल मेरा लण्ड मुह में ले कर टाइट कर दे
माँ ने तुरंत खाना छोड़ मेरे लण्ड को टाइट करने में टाइम इन्वेस्ट कर दिया। आआहा मादरचोद कितनी सेक्सी रंडी है साली
मैं: मादरचोद कहीं की रंडी साली। अभी तेरे को सब के सामने कुतिया बना कर निचोड़ दूंगा। साली भोसडीकी...
मैं साथ साथ माँ को मुह पर चपेट भी मारे जा रहा था। मेरे अंदर का हैवान जाग उठा था।
मैं: किधर गया मेनेजर? इधर गद्दा बिछाओ
सब फटाफट इधर उधर हो कर एक्साइटमेंट में 2 3 गद्दा ले कर आ गए। मेनेजर भी आ गया।
मेनेजर: सर यहाँ बिछा दिया है। आप यहाँ पर मेडम को चोद सकते हो। और कुछ?
मैं: लाइट्स हलकी हलकी कर दो रोमेंटिक गाना लगाओ। अबे सुन डांस कर थोड़ा ये सब देखने को आये है। ठुमके मार...
माँ फिर भी लंड चूसने में व्यस्त थी। तो मैं मेनेजर को हँसते हुए बोला
मैं: साली को लण्ड मिले न तो कोई चांस नहीं छोड़ती
मेनेजर: लकी है आप साहब वरना आजकल की लड़कियां कहाँ लण्ड चुस्ती भी है
मेनेजर ने अपने दिल की बात बोल दी। बेचारा लगता है उसकी बीवी उसका लंड चुस्ती नहीं होगी। देखते है अगर वक़्त रहा गोवा में तो माँ से मेनेजर का लंड चुसवा देंगे। पर अभी तो मेरा लंड खड़ा है और अभी ये जायेगा माँ को कुतिया बना कर माँ की चूत में
मैं: ये आवाज़ करे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है न?
मेनेजर: जी सर बिलकुल भी नहीं है पर आपको प्रॉब्लम न हो तो मेरा स्टाफ थोड़े दूर बैठ कर मुठ मारना चाहता है। और मैं भी। तो मुठ मारे?
मैं: है बेशक मारो मुठ। और मुझे आप बताते जाना के आपको लाइव कैसा पोर्न देखने है। अबे ओ मादरचोद बस कर साली डंडा हो गया चल इधर गांड उठा कर पहले तो कुतिया बन जा चल बे...