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औरत को अगर अधिकार सम्मान प्यार देना हैं तो उन्हें बचपन से ही आत्म निर्भर बनाए ! उन्हे अपनी सुरक्षा के लिए बाप या भाई की जरूरत न पड़े और सब मर्द उन्हे सम्मान दे लेकिन पुरुष प्रधान समाज ऐसा नही कर सकता
Bilkul sahi kaha aapne hasrato ko pura karna chahiye lekin shaadi ke pahle yaa shaadi hone ke 10 saal baad time lagta hai lekin hasrate puri ho hi jati hai jo puri karna chahta hai uski ho jati hai aur jo halat se ladta nahi uski nahi hoti....सभी अपने विचार व्यक्त करे
hasraten bhi ajib hoti hai kaise kya bataye char diwari ander koi kood ke bhi aa sakta hai...सभी अपने विचार व्यक्त करे
Bilkul sahi kaha aapne hasrato ko pura karna chahiye lekin shaadi ke pahle yaa shaadi hone ke 10 saal baad time lagta hai lekin hasrate puri ho hi jati hai jo puri karna chahta hai uski ho jati hai aur jo halat se ladta nahi uski nahi hoti....
Yaha kya chal raha he kisko kya chahiyeसिर्फ औरत को समान अधिकार देने की बात होती हैं जबकि पुरुष खुद सदियों से उसके अधिकारों का हनन करता रहा है! एक बेटी को बचपन से ही फूल की तरह पाला जाता हैं और बड़ी होने तक वो अपने भाई और बाप की छत्रछाया में पलती हैं और भरोसा दिलाया जाता हैं कि वो उनके साथ सुरक्षित है! उसके बाद जीवन भर अपने पति के सहारे जीना पड़ता हैं! कुछ अगर खुद से अलग रहने की हिम्मत करे तो उसे सब हवस की नजरो से देखते है और कटी पतंग समझकर हर कोई लूटना चाहता हैं!