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Adultery क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी

Shikari_golu

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Nice start......i think wo sofiya hi ammi niklegi.....usne galat naam se pataya hoga aadmi ko....bali writter jane.....

Keep going......
 

Mastramkabeta

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०२ .

मेरा हाल बहुत ख़राब हो गया था उस कार वाले घटना को देख के, मैंने पहले सेक्स चुदाई की बातें सुनी बहुत थी, लेकिन आज तक सिर्फ ब्लू फिल्म देखा था, और मुझे ये पहली बार देखने का मौका मिला था, लेकिन मुठ मर लेने के बाद मेरा दिमाग हल्का हो गया था, और मुझे अपने जरुरी काम करना था, और मैं अपनी अम्मी के तरफ का बस पकड़ के निकल गया, और मेरे दिमाग में वो बुर्के वाली औरत आने लगी,

..क्या ऐसे पूरा बुरका वाली औरत ऐसे हरकत कर सकती है, वो तो उसका।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। चूस रही थी, मुझे यकीं नहीं हुआ जो मैंने देखा, और मैं अपना सर हिलने लगा, और अचानक ही मेरे आँखोने के सामने मेरी अम्मी आयी जो उसी कार में लण्ड चूस रही थी, और मेरा खून ठंडा हो गया।

कुछ देर में मेरा बस मेरे ननिहाल के चौक पे पहुंचा दिया, और मैं तेज कदमो के साथ अपने नानी के घर के तरफ जाने लगा , ये एक मामूली सा छोटे सहर का कॉलोनी था, और मैं अपनी अम्मी को घर वापस लाने को और तेज़ हो गया, और मैं अपने नानी के घर पहुँच गया, और वह भी वैसे ही सन्नाटा था जैसे मुझे अपने घर पे उसे पिछली रात मिला था, और मैं थोड़ा घबरा गया, मुझे मालूम था की कल मेरे अम्मी के परिवार और अब्बू के वालिद वालिदा से बहुत झगड़ा भी हुआ था, मैं डरते हुए अपने अम्मी के कमरे में गया और वहा पे मेरी अम्मी बैठी हुई थी, और उन्हें देखकर मैंने चैन की साँस ली, मेरे अम्मी बिस्तर पे किसी मुर्दे की तरह लेती हुई थी, उनका चेहरा दूसरी तरफ था और मुझे दिख नहीं रहा था,

'अम्मी अम्मी' मेरी अम्मी वही के वही किसी मुर्दे की तरह पारी हुई थी, और अचानक मुझे डर लगा की कहीं खुदखुशी तो नहीं कर लिया, ये सोच मेरे सरीर को झकझोर दिए और मैं अम्मी के पास जा उन्हें जोर जोर से हिलने लगा,

'अम्मी अम्मी उठो अम्मी '

'क्या हुआ ' अम्मी चीखते हुए मुझे बोलती है, मैं उनकी आवाज़ सुन खुस हो गया और उन्हें गले लगा लिया, और अम्मी भी मुझे गले लगा लिया, और मैं इसी से खुस हो गया, जब मैं अम्मी को छोरा तो मेरा नज़र उनके चेहरे पे गयी, ऐसा लग रहा था उनके चेहरे का नूर किसी जिन्न ने निकल लिया हो, और उनके चेहरे में अंशु के बहुत गहरे निशान थे,

'मेरा शेरा बीटा ' और मेरी अम्मी मेरा सर पे हाँथ फेरने लगी,

'अम्मी मैं आपको ले जाने आया हूँ, अभी अपना सामान पैक कीजिये और अभी निकलते हैं अपने घर के लिए '

'क्यों रे ये तेरा घर नहीं है क्या ' और अम्मी मेरे सर पे अपना हाँथ फेरेना जारी रखती है ,

'अम्मी चलो ना'

'नहीं बीटा मैं अब उस घर में कभी कदम नहीं रखूंगी' मैं ये सुन चौंक गया,

'अम्मी ये क्या बोल रही हो, वो अपना घर है, अब्बू हैं वह पे ' अब्बू का नाम सुनते ही मैंने अपने अम्मी के आँखों में एक गुस्से से भरा चमक आ जाता है,

'नहीं बीटा अब मेरा उस जगह से कोई रिस्ता नहीं है, और वैसे भी तेरे अब्बू तो तेरे लिए नहीं अम्मी ला ही रहे हैं '

'अम्मी मैंने अब्बू से बात कर ली हैं, कोई दूसरा निकाह नहीं होने वाला, आप चलिए न सब सही हो गया है ' मेरी आवाज़ टूटने के कगार पे थी,

'तू अभी बच्चा है रे, तेरे अब्बू को बोलने से क्या होगा उन्होंने कांड ही ऐसा किया है, तू कुछ खाएगा बीटा ' मेरी अम्मी उठ के रसोई के तरफ जाने लगती

'अम्मी आप एक बार अब्बू से बात तो करो, अब्बू ने वालिद साहब को मना कर दिया है निकाह से ' लेकिन अम्मी मेरे बात को अनसूना कर रसोई में घुस जाती है, और मैं सोचने लगता हूँ की मेरे अब्बू ने ऐसा क्या कर दिया है की अम्मी बात भी नहीं करना चाहती है, और तो और वो इतना पक्का कैसे कह सकती है की दूसरा निकाह होगा जब अब्बू ने खुद उसे बोलै है की वो दूसरा निकाह नहीं करेंगे, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, उधर मेरी अम्मी मेरे लिए खाना लेके आ गयी, और मुझ खाना देके वहा से बाहर निकल जाती है, और मैं अपने अम्मी के पीछे खाना चोर के भागता हूँ,

'अम्मी प्लीज अम्मी चलो न घर प्लीज आप वह चलोगे तो बातचीत से सब सही हो जायेगा, प्लीज अम्मी ' मेरे आँखों में आँशु आने लगे थे, और मेरी अम्मी ने मुझे देखा और और मेरे सर को अपने सीने में लगा लिया,

'बेटा मैं नहीं चल सकती, तू समझ नहीं रहा है'

'तो आप समझाओ न अम्मी, आप इतना पक्के से कैसे कह सकती हैं की अब्बू दूसरा निकाह करेंगे जब उन्होंने मन कर दिया है ' ,ैमे अम्मी को ये चीख के बोलै और मेरी अम्मी फिर रोने लगी और मुझे बहुत बुरा लगा की मैं ेबेवजह होना आवाज उठाया, तभी पीछे से एक तेज आवाज़ आती है,

'पेट से हैं वो,' पीछे मेरा मामा जान खड़ा था, और मुझे उसकी बात समझ में नहीं आयी,

'क्या मतलब '

'भाई आप संत हो जाओ, प्लीज खुदा के लिए ' मेरी अम्मी गिड़गड़े लगाती है, और मैं भी वही अम्मी के साथ बैठ जाता हूँ,

'क्यों सांत हो जाऊ, ये अब १८ का है, बच्चा नहीं है, तेरे बाप ने उस लड़की को पेट से कर दिया है, प्रेग्नेंट है वो,' मैं ये सुन चौंक गया ,मुझे ये मालूम ही नहीं था, और मेरी अम्मी रोते हुए अपने बिस्तर पे रोने लगाती है, और मैं वाही स्तब्ध खड़ा था, और मैं क्या बोलता मैं भी अपनी अम्मी के साथ अंशु बहाने लगा, और मेरा मामा गुस्से से बाहर चला गया, मेरी अम्मी वही पे रोटी रही और मैं बगल में लेता रहा, कुछ देर में मेरी अम्मी नींद में चली जाती ै, और मैं भी सफर से थक गया था और मुझे नींद आ जाती हैं,

 

mahadev31

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story kuch alag hi hai ,, abbu kehta hai me biwi ko sambhal nahi pata aur maa kehti hai abbu ne kisi ladki ko pregnent kar diya hai ( koi to jhootha hoga ) aur hero ne ammi ko car me jaate dekha clearly par baad me wo ghar pe mili aisa kaise ?? agar wo ammi nahi hoti to itna derr peechha kyu kiya ??
 

mahadev31

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story ke title se ammi ke upar pura shak jaata hai ki galat ammi hi hogi ...waiting for next update....
 

Mastramkabeta

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३.

मेरी आँखें खुली, और मैं जगाने लगा, और मैंने अपना आँख चारो तरफ दौड़ाया, मैं खुद भूल गया था की, मैं हूँ कहाँ और मुझे याद आया दिन का सारा घटना, लेकिन मुझे अम्मी कहीं नहीं दिखी, जहा अम्मी रो रहीं थी उस जगह पे कोई नहीं था, मैं वहां से ामणि अम्मी को ढूंढने को निकला, पूरा घर में सन्नाटा था, और मुझे अम्मी कहीं नहीं थी, और न ही अम्मी के परिवार वाले लोग, मैं ऐसे ही सरे कमरे छान लिए, और मेरे अंदर फिर डर बैठ गया की मेरी अम्मी कुछ गलत न कर ले, और मैं ढूंढते हुए घर से निकल जाता हूँ, सामने घर के एक औरत घर के बहार पानी पता रही थी, और मैं जाली से उसके पास जाता हूँ,

'आंटी अपने मेरी अम्मी को देखा है, क्या उनका नाम आयशा है, यहीं सामने रहती हैं,' वो मेरी तरफ घूमती है, और उसे देख मेरा सर चकरा जाता है, ये वही खातून थी जिसे मैंने गलती से अम्मी समझ के पीछा किया था, जिसे मैंने कार में किसी का लुंड चूसते हुए देखा था,

'बाबू आप कौन हो और आयेशा को कैसे जानते हो '

'आंटी मैं उनका बेटा हूँ ' वो मुझे घूर के देखने लगाती है,

'तुम रेहान हो क्या। है कितना बड़ा हो गए हो,मुझे भूल गए न , मैंने तुम्हे गोस में खिलाया है ' और मेरा सर सहलाने लगाती है, मैं उन्हें हुए के देखता हूँ, लेकिन मुझे उनके बारे में कुछ याद नहीं था और मैं बात बदल देता हूँ,

'आंटी आप मेरी अम्मी के बारे में कुछ जानती हो तो बता दो, मैं काफी जल्दी में हूँ ' वो मुझे चिंतित देख खुद चिंतित हो जाती है,

'बेटा मैं तो सिर्फ इतना जानती हूँ की पूरा परिवार आज कार से निकले थे, बहार से भी कुछ कार आये थे, लेकिन मेरी किसी से बात नहीं हुई '

'अच्छा आंटी ' और मैं वहां से निकल गया, और मुझे ऐसा लग रहा था की बात के सिलसिले में वो वापस मेरे अब्बू से सायद मिलाने गए हैं, और मैं यही सोंचते सोचते मैं घर के फ़ोन से अपने धार का फ़ोन मिलाने लगता हूँ, उधर पठान बाबा फ़ोन उठाते हैं, और फ़ोन के स्पीकर से बहुत तेज झगड़ा का आवाज़ आ रहा था, और मेरी आंखें नाम होने लगी, मेरी जलती हुई संसार को देख कर,

'बाबा अम्मी हैं वहां , आप उन्हें फ़ोन दीजिये '

'नहीं बाबा , आपकी अम्मी तो नहीं आयी है, बस आपके ननिहाल वाले आये हैं,'

'क्या सिर्फ परिवार वाले, तो अम्मी कहाँ है,'

'मुझे नहीं पता बाबा, मैं बाद में बात करूँगा अभी बहुत तना तानी चल रही है ' और पठान काका फ़ोन काट देता है, और मैं दुविधा में पद जाता हूँ, आखिर मेरी अम्मी गयी कहाँ, और वही हॉल में बैठ जाता हूँ, कुछ देर बाद चिंता में बहार अपने अम्मी को खोजने निकल जाता हूँ, लेकिन मैं लोगो को बताना नहीं चाहता था की मेरे घर के हालत कैसे हैं, और इसी वजह से मैं अम्मी के पड़ओसिओ से पूछ टाच नहीं किया, और बाजार घूमने लगा, कुछ ही देर में डर उदासी मेरे ऊपर हावी हो गयी और मैं बाज़ार में एक कुड़सी पे बैठ गया, और मेरी आंखें नाम होने लगी, पिछले २४ घंटे में मेरा पूरा संसार रख बनाने के कगार पे था, मेरा गम बहुत बढ़ गया था, और मुझे अब ये डर लग रहा थी की कहीं मैं न कुछ कर लूँ, और मैं उस बाजार से अपने अम्मी के घर चला जाता हूँ, और अपने सर झुका के बैठ जाता हूँ, तभी बिजली की तेज करकराहट होती है, और देखते ही देखते बारिश विकराल रूप ले लेती है, और मेरे दिल के साथ आसमान भी रोने लगता है,

-

उसी जगह पे बैठे बैठे रात के दस बज गए थे, बारिश की वजह से बिजली चली गयी थी और पूरी तरह से अँधेरा तह, और बारिश और तेज़ हो गयी थी और पुरे घर में सन्नाटा फैला हुआ था, और मैं किसी भुत की तरह घर में बैठा हुआ था, और मुझे दरवाजा खुलने की आवाज़ आयी, और मैं बहार जाने लगा और वह पे कोई बाउंडरी के गेट को खोलने की कोसिस कर रहा था, बारिश अभी भी काफी तेज़ हो रही थी, और जैसे ही मैं बारिश में आगे बढ़ा गेट खोलने के लिए मुझे एक आवाज़ आय और मैं इस आवाज़ को पहचानता था, और मैं चौंक गया,

'साला कसिए मर्द है, गेट भी नहीं खुल रहा ' और उसका जवाब आता है,

'साली तू कितनी बड़ी रंडी है, जो घर के दरवाजे पे भी लुंड नहीं छोड़ रही है ' मैं वही पे किसी लकड़ी की तरह खड़ा हो गया, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर बिजली गिर गयी हो, और उसी वक़्त खर खर करते हुए गेट खुल जाता है, और बारिश के पानी में गिरने की आवाज़ आती है, रात के अंधेरे मे कुछ दिख तो नहीं रहा था लेकिन मुझे एक चीज़ का साया आ गया था, अम्मी किसी के कंधे पे थी,


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'हय मुझे चोट लगा दिया ' धम से गिरने की आवाज़ आई, और मेरी अम्मी चिक्खी, मैं वही खड़ा अंधेरे मे देखने की कोसिस कर रहा था की वह हो क्या रहा है,

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'कहा लगा है मेरी रंडी '

'यहाँ'

'यहाँ कहाँ मेरी रांड '

'यहाँ मेरे गांड पे '

'हाहाहाहाहा साली गज़ब है तू, साली तुझे पूरा यकीं है न की तेरे घर पे कोई नहीं, कोई लफड़ा न हो जाये ममममममममम ' और बारिश के आवाज़ में भी मैं चूमने कहते की आवाज़ सुन पा रहा था, और मेरा हालत बिलकुल ख़राब हो गया, मेरे अंदर का जानवर मुझे बोल रहा था की मैं इस आदमी को मर डालूं, लेकिन मैं चुप चाप वही खड़ा रहा, और मेरे सामने मेरी अम्मी बारिश में किसी गैर मर्द के साथ चुम्मा चाटी कर रही थी, पनि की आवाज़ चालक रही थी, और वो दोनों ज़मीन पे पनि मे एक दूसरे से जैसे कुसती कर रहे हो,

'खा जा मेरे मम्मे को, आह है अल्लाह और जोड़ से'


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'आह क्या मुँह है तेरा, एकदम किसी जलेबी जैसा मीठा ' और वह पानी के उछलने की आवाज़े आने लगी और मेरे आंखें नम होने लगी, और मैं भी बारिश में आ गया लेकिन बारिश ने मेरे एक कदम के आवाज़ को दबा दिया, मेरे सामने अँधेरे में मेरी अम्मी किसी गैर मर्द के बाँहों में थी, लगभग २० मीटर का फैसला पे मेरी अम्मी अपना मुँह काला करवा रही थी, और थाआआअआप थाआआअआप थाआआअआप छाआआआप छाआआआप का आवाज़ वह बारिश में भी मेरे कानों में आने लगी,

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'और जोड़ से आआआआह, साला उसे क्या लगा की अगर वो कर सकता है तो मैं नहीं कर सकती ' थाआआअआप थाआआअआप

'तू फिर अपने सौहार को सोचने लगी, अरे मेरी जानू मेरा लुंड खा और भूल जा उस गांडू को' और मेरे आखों में आशु आने लगे, और मुझे मेरे सामने मेरी अम्मी को रोने की आवाज़ आटी है,

'कैसे भूल जाऊ मादरचोद, कितना प्यार किया मैंने उन्हें कितना उनके लिए उनके वालिदा को झेला ' थाआआअआप थाआआअआप

'पिछले १९ सालो से उनकी इबादत की, और उन्होंने मुझे किसी माखी की तरह मसल दिया मेरा दिल को चूर कर दिया ' मेरी अम्मी की रोने की आवाज़ मेरे कानों तक आ रही थी, और मैं एक चीज़ समझ गया की ये कदम अम्मी ने गुस्से में लिया है, और मैने अपने आप को मजबूत किया, और अपने अंशु पोछे,

'अरे तू तो सेंटी कर दी, साली मेरा लण्ड झुका दी, साली मैं जा रहा हूँ, '

'शाले मादरचोद अगर तू मुझे मेरे सौहार की तरह छोड़ के गया तो जान ले लुंगी, छोड़ तू मुझे'

'पागल है तू , वैसे भी साली तू खुद छलके आई है हमारे पास, साली रांड' मैंने जब ये सुना की वो हमारे बोला मैं और गुस्सा हो गया, मेरी अम्मी के कमजोरी का फायदा उठाया जा रहा था और मेरा दिमाग खराब हो रहा था,

'खाजा मेरे छूट को पूरा, मदरचोद अपना लौरा दे, मदरचोद मेरा सौहर मेरे सामने महजब का ढोग करता है, और अपने ही चाचा की बेटी को पेट से कर देता है, साले तू ला अपना लौरा'

'हाई मेरी रांड, क्या गजब चीज़ है तू '


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'पागल मुझे बना दिया है किसी ने, तू अपना लण्ड मेरे कोख़ में दुबारा डाल' मैंने अपने आप को संभल लिया था, और मैं दरवाजे के लटके एक दंडा उठा लिया था, और मैं वापस वही जाने लगा जहा मेरे अम्मी का बलात्कार हो रहा था, और उसी वक़्त बिजली कड़की और अम्मी का पूरा सरीर वो आदमी और वो दृस्य मेरे सामने था, और उस आदमी का नजर भी मेरे ऊपर पड़ा,

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'अरे बाप रे भूत' और मुझे उस आदमी के वह से भागने की आवाज़ आयी, मेरी अम्मी वही पानी में पड़ी हुई थी, और मैं चारि लेके अम्मी के पास आया, अँधेरे की वजह से कुछ दिख नहीं पा रहा था, लेकिन मैं जब आगे दरवाजा बंद करने गया तो मेरी अम्मी का बुरका वही फसा हुआ था,

'साला कोई बहुत नहीं हा ' मैं वही दरवाजे से अपने अम्मी को देखने लगा, कुछ दिख नहीं रहा था, लेकिन मुझे एक बात पता चल गयी की उन्होंने बहुत पि रखी थी, और वो बहुत मुश्किल से अपना सर जमीं से थोड़ा ऊपर की हुई थी, और जब मैं करीब गया तो मुझे अहसास हुआ वो पूरी तरह से नग्न अवस्था में थी, मैंने अपना सर दूसरी तरफ कर उन्हें उठा लिया, और उन्होंने अपने हाँथ मेरे गले में दाल दिया,

'क्या कर रहा है, थक गया क्या, ला अभी लंड खड़ा कर देती हूँ,' ये सनते ही मेरे अंदर हवस आ गया जिसे मैंने बहुत मुश्किल से दबा अपने अम्मी को उनके कमरे में पहुंचा दिया, वो नशे में बिस्तर पे आते ही सो जाती हैं, और मैं अल्लाह का नाम लेते हुए वहां से भाग के अपने मामाँ के कमरे में चला जाता हूँ,

मुझे रात भर नीं नहीं आती हैं, और मैं सबेरे अपने ननिहाल से निकल जाता हूँ, और सीधे अपने सहर का बस पकड़ लेता हूँ, क्युकी मुझमे हिम्मत नहीं थी होने अम्मी का चेहरा देखने की,

-

मैं अपने करीबी मित्र आकाश के घर चला जाता हूँ, आकाश मेरा अच्छा दोस्त तो था ही, वो मेरे जैसे ही अपने काम में काम रखने वाला था, लेकिन वो मुझसे पढ़ने में काफी ज्यादा तेज था, और हमारी दोस्ती स्कूल में हुई थी, लेकिन आकाश में लोगो को पढ़ लेने की खास ताकत थी, और जब मैं उसके घर गया तो वो मुझे देख समझ गया की कोई दिक्कत है, और मुझसे बात निकलवाने के लिए तरह तरह के उपाए लगाने लगा, लेकिन मैं अपने अम्मी और अब्बू की बातें उसे नहीं बताना चाहता था, और किसी दोस्त का गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड का परेशानी बना के बताने लगा,

'साले ये दोनों चूतिए हैं, दूर रहा करो इनसे ' आकाश ये बोल अपने काम में लग गया, और मैं भी उसी के कमरे में लेट के सोचने लगा ,

'मेरे अम्मी अब्बू चूतिए हैं'

'अब्बू के चाचा की बेटी, उज़्मा, ' और अब मुझे एक बात समझ में आ गया की अम्मी क्यों बोली थी, निकाह होकर रहेगा।
 
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Shikari_golu

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bhai log ye mera pehala story hai, please give feedback

Likhte raho.....feedback apne aap aane lagege.. .

koi bhi suruwat karta hai to jaroori nhi ki suru se hi use attention milne lage....like mainr bhi kabhi suruwat ki hi thi....

Tum aage likho....accha content pesh karo to sab theek hota jayga.....ok

aur starting me updates jyada do.....tab intrest banna suru hoga....

Keep going......
 
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Shikari_golu

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नोट - ये एक काल्पनिक कहानी है, और इसका किसी मृत या जीवित से कोई सम्बन्ध नहीं है|

मेरी अम्मी आयेशा खान एक पाकीज़ा औरत हैं, और दुनिया उन्हें एक बहुत ही साफ़ दिल, और महज़बी समझते हैं, लेकिन ये सिर्फ मुझे ही पता है की मेरी अम्मी जो दुनिया को दिखाती है, वो असलियत नहीं है, लेकिन मेरी अम्मी को सीधे रंडी कहना भी सही नहीं होगा क्युकी मैंने उनकी जिंदगी की सफर देखि है, भले उन्होंने बहुत गलत काम किये हैं, मैं रेहान खान आपके समक्ष अपने अम्मी की यात्रा रखूँगा, और आप खुद ही फैशला कीजिये की क्या मेरी अम्मी एक रंडी है या मजबूरी में दफन एक मजबूर औरत |

नोट - एक कहानी में इन्सेस्ट, अडुल्टेरी, और जबरदस्ती से रिलेटेड चीज़े होंगी, आप अगर इन सब को पसंद नहीं करते हैं, तो आप इसी वक़्त रुक जाएये |

आयेशा खान - उम्र अभी ४६ साल है


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Ammi ki age jyada na dikha di....

i mean jitna hot and horny ammi ko dikha rahe ho....like khule mr bhi chidne ko ready......

To 46 yr ki kitni lady itni hot hogi...eo bhi saadi ke 19 saal baad...uper se 18 saal ka beta bhi hai....uski v fikr na hai...hmm..
 
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