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Fantasy खट्टा मीठा गांव

seemachachi

Aunty boob lover
353
830
109
भाग १

कैलास ने अभी-अभी नौकरी शुरू की थी। एक प्रोजेक्ट पर काम खत्म करने के बाद बॉस ने सभी को एक महीने की छुट्टी दे दी। अतः कैलास कुछ दिनों के लिए विश्राम करने के लिए अपने चाचा के गाँव आ गया।
कैलास के समर चाचा 45 साल के थे। हालांकि इनकी शादी 3 साल पहले ही हुई थी। उनकी पत्नी नंदिता चाची महज 32 साल की थीं। साड़ी में वह बेहद हॉट लगती थीं। लगातार 2 साल तक अपने बच्चे को दूध पिलानेसे उसके स्तन दूध से बहुत भरे रहते थे। वह खूबसूरत होने के साथ-साथ प्यारी और मजाकिया भी थी।
कैलास के दादाजी अब सत्तर साल हो गए थे। तो नंदिता चाची उन पर चिल्लाती रहती थी कि इतना गलत कुछ मत खाया करो। उन्हें चाय पीने की बहुत लत लग गई थी। वो दिन में कमसे कम 4-5 कप चाय तो पी ही लेते थे। चाची उनके इस लत को छुड़वाने के लिए बहुत प्रयास करती थीं लेकिन वो उसको नजर अंदाज कर लेते थे।
उस दिन जब कैलास घर पहुंचा तो समर चाचा खेत पर गया था। पूरे परिवार का एक बहुत बड़ा पुश्तैनी खेत था। दोपहर होने के कारण कैलास के दादा हॉल में चटाई बिछाकर सो रहे थे। नंदिता चाची अपने बेटे के साथ उनके ही पास थोड़ा आराम कर रही थीं। उसने आज गुलाबी साड़ी और काला ब्लाउज पहन रखा था। ब्लाउज में उसके मुम्मे उठकर दिख रहे थे। उनको देखते ही कैलाश के मुँह में पानी आ रहा था। चाची अभी भी जगी हुई थी तो उसने चटाई से उठकर कैलास को हाथ-पैर धोने के लिए घर के पीछे वाले बाथरूम भेज दिया। जब वह बाहर से रसोई में आया तो नंदिता चाची ने उसके लिए खाना परोस दिया। जब वह जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहा था, तो वह उसके सामने बैठ गई और उससे बातें करने लगी। कैलास को उसका खुलापन पसंद था। बार-बार उसकी नजर उसके सीने पर जा रही थी। वह सोच रहा था कि समर चाचा कितने भाग्यशाली हैं! उसे हर दिन इतने सुडौल स्तन चूसने मिलते थे। और अब उसे दूध भी आ रहा था, तो चाचा के तो मजे ही थे!
खाना खाने के बाद कैलास एक कमरे में सोने चला गया। अभी दोपहर के तीन ही बज रहे थे, इसलिए नंदिता चाची भी हॉल में चटाई पर सोने चली गईं।

चूंकि कैलास का परिवार खानदानी था, हॉल की एक दीवार में फायरप्लेस थी जो की अब ठंड के मौसम में काम आती थी। इसलिए रात को परिवार के सब लोग हॉल में ही सोते थे। समर चाचा ने हॉल में सभी के लिए एक के ऊपर एक ऐसे दो बेड शीट फेर दिए। और कैलास को फायरप्लेस के पास सोने को कहा क्योंकि बाहर बहुत ठंड थी। कैलाश के दादा उसके पास और नंदिता चाची उनके दूसरी तरफ सो गई । उसने अपने बेटे को अपने और समर चाचा के बीच रखा। समर चाचा आखिरी थे तो उन्होंने अपने शरीर पर एक मोटा कंबल ओढ़ लिया। कैलास, उसके दादा और चाची ने कम्बल जैसा कुछ भी नहीं लिया क्योंकि फायरप्लेस की आग काफी उबाऊ थी। आज दोपहर बहुत ज्यादा सोने के कारण कैलास को जल्दी नींद नहीं आ रही थी तो वह फायरप्लेस की जलती लकड़ियों को देखता रह गया था। पहले तो उसके चाचा-चाची और दादा बातें कर रहे थे। थोड़ी देर बाद चाची अपने ससुर की ओर पलट गई और उन्हें बच्चे की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। फिर भी वे कुछ कह रहे थे तो उसने उन्हें डाट ते हुए कहा,
"अब सो जाओ। बहुत देर हो चुकी है। क्या आपको कल जल्दी उठना नही है?" दादाजी चुप हो गए और एक बच्चे की तरह उसकी बाहों में सो गए। कैलास अपनी चाची के इस खुलेपन से बहुत प्रभावित हो गया। फिर वह भी सपने में सोचते हुए सो गया कि एक दिन वह भी ऐसेही उसकी गोद में सो पाएगा।


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Pitaji

घर में मस्ती
1,301
3,902
159
Kahani to theek hai Magar thoda Lamba kijiega isko bahut jaldi Baji mat dikhaiyega platform Achcha hai carry on
 

malikarman

Well-Known Member
3,119
2,530
158
भाग १

कैलास ने अभी-अभी नौकरी शुरू की थी। एक प्रोजेक्ट पर काम खत्म करने के बाद बॉस ने सभी को एक महीने की छुट्टी दे दी। अतः कैलास कुछ दिनों के लिए विश्राम करने के लिए अपने चाचा के गाँव आ गया।
कैलास के समर चाचा 45 साल के थे। हालांकि इनकी शादी 3 साल पहले ही हुई थी। उनकी पत्नी नंदिता चाची महज 32 साल की थीं। साड़ी में वह बेहद हॉट लगती थीं। लगातार 2 साल तक अपने बच्चे को दूध पिलानेसे उसके स्तन दूध से बहुत भरे रहते थे। वह खूबसूरत होने के साथ-साथ प्यारी और मजाकिया भी थी।
कैलास के दादाजी अब सत्तर साल हो गए थे। तो नंदिता चाची उन पर चिल्लाती रहती थी कि इतना गलत कुछ मत खाया करो। उन्हें चाय पीने की बहुत लत लग गई थी। वो दिन में कमसे कम 4-5 कप चाय तो पी ही लेते थे। चाची उनके इस लत को छुड़वाने के लिए बहुत प्रयास करती थीं लेकिन वो उसको नजर अंदाज कर लेते थे।
उस दिन जब कैलास घर पहुंचा तो समर चाचा खेत पर गया था। पूरे परिवार का एक बहुत बड़ा पुश्तैनी खेत था। दोपहर होने के कारण कैलास के दादा हॉल में चटाई बिछाकर सो रहे थे। नंदिता चाची अपने बेटे के साथ उनके ही पास थोड़ा आराम कर रही थीं। उसने आज गुलाबी साड़ी और काला ब्लाउज पहन रखा था। ब्लाउज में उसके मुम्मे उठकर दिख रहे थे। उनको देखते ही कैलाश के मुँह में पानी आ रहा था। चाची अभी भी जगी हुई थी तो उसने चटाई से उठकर कैलास को हाथ-पैर धोने के लिए घर के पीछे वाले बाथरूम भेज दिया। जब वह बाहर से रसोई में आया तो नंदिता चाची ने उसके लिए खाना परोस दिया। जब वह जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहा था, तो वह उसके सामने बैठ गई और उससे बातें करने लगी। कैलास को उसका खुलापन पसंद था। बार-बार उसकी नजर उसके सीने पर जा रही थी। वह सोच रहा था कि समर चाचा कितने भाग्यशाली हैं! उसे हर दिन इतने सुडौल स्तन चूसने मिलते थे। और अब उसे दूध भी आ रहा था, तो चाचा के तो मजे ही थे!
खाना खाने के बाद कैलास एक कमरे में सोने चला गया। अभी दोपहर के तीन ही बज रहे थे, इसलिए नंदिता चाची भी हॉल में चटाई पर सोने चली गईं।

चूंकि कैलास का परिवार खानदानी था, हॉल की एक दीवार में फायरप्लेस थी जो की अब ठंड के मौसम में काम आती थी। इसलिए रात को परिवार के सब लोग हॉल में ही सोते थे। समर चाचा ने हॉल में सभी के लिए एक के ऊपर एक ऐसे दो बेड शीट फेर दिए। और कैलास को फायरप्लेस के पास सोने को कहा क्योंकि बाहर बहुत ठंड थी। कैलाश के दादा उसके पास और नंदिता चाची उनके दूसरी तरफ सो गई । उसने अपने बेटे को अपने और समर चाचा के बीच रखा। समर चाचा आखिरी थे तो उन्होंने अपने शरीर पर एक मोटा कंबल ओढ़ लिया। कैलास, उसके दादा और चाची ने कम्बल जैसा कुछ भी नहीं लिया क्योंकि फायरप्लेस की आग काफी उबाऊ थी। आज दोपहर बहुत ज्यादा सोने के कारण कैलास को जल्दी नींद नहीं आ रही थी तो वह फायरप्लेस की जलती लकड़ियों को देखता रह गया था। पहले तो उसके चाचा-चाची और दादा बातें कर रहे थे। थोड़ी देर बाद चाची अपने ससुर की ओर पलट गई और उन्हें बच्चे की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। फिर भी वे कुछ कह रहे थे तो उसने उन्हें डाट ते हुए कहा,
"अब सो जाओ। बहुत देर हो चुकी है। क्या आपको कल जल्दी उठना नही है?" दादाजी चुप हो गए और एक बच्चे की तरह उसकी बाहों में सो गए। कैलास अपनी चाची के इस खुलेपन से बहुत प्रभावित हो गया। फिर वह भी सपने में सोचते हुए सो गया कि एक दिन वह भी ऐसेही उसकी गोद में सो पाएगा।


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Lovely story., pics bhi add kijiye
 
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G goraya g

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भाग १

कैलास ने अभी-अभी नौकरी शुरू की थी। एक प्रोजेक्ट पर काम खत्म करने के बाद बॉस ने सभी को एक महीने की छुट्टी दे दी। अतः कैलास कुछ दिनों के लिए विश्राम करने के लिए अपने चाचा के गाँव आ गया।
कैलास के समर चाचा 45 साल के थे। हालांकि इनकी शादी 3 साल पहले ही हुई थी। उनकी पत्नी नंदिता चाची महज 32 साल की थीं। साड़ी में वह बेहद हॉट लगती थीं। लगातार 2 साल तक अपने बच्चे को दूध पिलानेसे उसके स्तन दूध से बहुत भरे रहते थे। वह खूबसूरत होने के साथ-साथ प्यारी और मजाकिया भी थी।
कैलास के दादाजी अब सत्तर साल हो गए थे। तो नंदिता चाची उन पर चिल्लाती रहती थी कि इतना गलत कुछ मत खाया करो। उन्हें चाय पीने की बहुत लत लग गई थी। वो दिन में कमसे कम 4-5 कप चाय तो पी ही लेते थे। चाची उनके इस लत को छुड़वाने के लिए बहुत प्रयास करती थीं लेकिन वो उसको नजर अंदाज कर लेते थे।
उस दिन जब कैलास घर पहुंचा तो समर चाचा खेत पर गया था। पूरे परिवार का एक बहुत बड़ा पुश्तैनी खेत था। दोपहर होने के कारण कैलास के दादा हॉल में चटाई बिछाकर सो रहे थे। नंदिता चाची अपने बेटे के साथ उनके ही पास थोड़ा आराम कर रही थीं। उसने आज गुलाबी साड़ी और काला ब्लाउज पहन रखा था। ब्लाउज में उसके मुम्मे उठकर दिख रहे थे। उनको देखते ही कैलाश के मुँह में पानी आ रहा था। चाची अभी भी जगी हुई थी तो उसने चटाई से उठकर कैलास को हाथ-पैर धोने के लिए घर के पीछे वाले बाथरूम भेज दिया। जब वह बाहर से रसोई में आया तो नंदिता चाची ने उसके लिए खाना परोस दिया। जब वह जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहा था, तो वह उसके सामने बैठ गई और उससे बातें करने लगी। कैलास को उसका खुलापन पसंद था। बार-बार उसकी नजर उसके सीने पर जा रही थी। वह सोच रहा था कि समर चाचा कितने भाग्यशाली हैं! उसे हर दिन इतने सुडौल स्तन चूसने मिलते थे। और अब उसे दूध भी आ रहा था, तो चाचा के तो मजे ही थे!
खाना खाने के बाद कैलास एक कमरे में सोने चला गया। अभी दोपहर के तीन ही बज रहे थे, इसलिए नंदिता चाची भी हॉल में चटाई पर सोने चली गईं।

चूंकि कैलास का परिवार खानदानी था, हॉल की एक दीवार में फायरप्लेस थी जो की अब ठंड के मौसम में काम आती थी। इसलिए रात को परिवार के सब लोग हॉल में ही सोते थे। समर चाचा ने हॉल में सभी के लिए एक के ऊपर एक ऐसे दो बेड शीट फेर दिए। और कैलास को फायरप्लेस के पास सोने को कहा क्योंकि बाहर बहुत ठंड थी। कैलाश के दादा उसके पास और नंदिता चाची उनके दूसरी तरफ सो गई । उसने अपने बेटे को अपने और समर चाचा के बीच रखा। समर चाचा आखिरी थे तो उन्होंने अपने शरीर पर एक मोटा कंबल ओढ़ लिया। कैलास, उसके दादा और चाची ने कम्बल जैसा कुछ भी नहीं लिया क्योंकि फायरप्लेस की आग काफी उबाऊ थी। आज दोपहर बहुत ज्यादा सोने के कारण कैलास को जल्दी नींद नहीं आ रही थी तो वह फायरप्लेस की जलती लकड़ियों को देखता रह गया था। पहले तो उसके चाचा-चाची और दादा बातें कर रहे थे। थोड़ी देर बाद चाची अपने ससुर की ओर पलट गई और उन्हें बच्चे की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। फिर भी वे कुछ कह रहे थे तो उसने उन्हें डाट ते हुए कहा,
"अब सो जाओ। बहुत देर हो चुकी है। क्या आपको कल जल्दी उठना नही है?" दादाजी चुप हो गए और एक बच्चे की तरह उसकी बाहों में सो गए। कैलास अपनी चाची के इस खुलेपन से बहुत प्रभावित हो गया। फिर वह भी सपने में सोचते हुए सो गया कि एक दिन वह भी ऐसेही उसकी गोद में सो पाएगा।


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Bai English word my likho
 

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कहानी का प्रारंभ तो धमाकेदार हैं मजा आ गया
 

Manju143

New Member
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भाग १

कैलास ने अभी-अभी नौकरी शुरू की थी। एक प्रोजेक्ट पर काम खत्म करने के बाद बॉस ने सभी को एक महीने की छुट्टी दे दी। अतः कैलास कुछ दिनों के लिए विश्राम करने के लिए अपने चाचा के गाँव आ गया।
कैलास के समर चाचा 45 साल के थे। हालांकि इनकी शादी 3 साल पहले ही हुई थी। उनकी पत्नी नंदिता चाची महज 32 साल की थीं। साड़ी में वह बेहद हॉट लगती थीं। लगातार 2 साल तक अपने बच्चे को दूध पिलानेसे उसके स्तन दूध से बहुत भरे रहते थे। वह खूबसूरत होने के साथ-साथ प्यारी और मजाकिया भी थी।
कैलास के दादाजी अब सत्तर साल हो गए थे। तो नंदिता चाची उन पर चिल्लाती रहती थी कि इतना गलत कुछ मत खाया करो। उन्हें चाय पीने की बहुत लत लग गई थी। वो दिन में कमसे कम 4-5 कप चाय तो पी ही लेते थे। चाची उनके इस लत को छुड़वाने के लिए बहुत प्रयास करती थीं लेकिन वो उसको नजर अंदाज कर लेते थे।
उस दिन जब कैलास घर पहुंचा तो समर चाचा खेत पर गया था। पूरे परिवार का एक बहुत बड़ा पुश्तैनी खेत था। दोपहर होने के कारण कैलास के दादा हॉल में चटाई बिछाकर सो रहे थे। नंदिता चाची अपने बेटे के साथ उनके ही पास थोड़ा आराम कर रही थीं। उसने आज गुलाबी साड़ी और काला ब्लाउज पहन रखा था। ब्लाउज में उसके मुम्मे उठकर दिख रहे थे। उनको देखते ही कैलाश के मुँह में पानी आ रहा था। चाची अभी भी जगी हुई थी तो उसने चटाई से उठकर कैलास को हाथ-पैर धोने के लिए घर के पीछे वाले बाथरूम भेज दिया। जब वह बाहर से रसोई में आया तो नंदिता चाची ने उसके लिए खाना परोस दिया। जब वह जमीन पर बैठे हुए खाना खा रहा था, तो वह उसके सामने बैठ गई और उससे बातें करने लगी। कैलास को उसका खुलापन पसंद था। बार-बार उसकी नजर उसके सीने पर जा रही थी। वह सोच रहा था कि समर चाचा कितने भाग्यशाली हैं! उसे हर दिन इतने सुडौल स्तन चूसने मिलते थे। और अब उसे दूध भी आ रहा था, तो चाचा के तो मजे ही थे!
खाना खाने के बाद कैलास एक कमरे में सोने चला गया। अभी दोपहर के तीन ही बज रहे थे, इसलिए नंदिता चाची भी हॉल में चटाई पर सोने चली गईं।

चूंकि कैलास का परिवार खानदानी था, हॉल की एक दीवार में फायरप्लेस थी जो की अब ठंड के मौसम में काम आती थी। इसलिए रात को परिवार के सब लोग हॉल में ही सोते थे। समर चाचा ने हॉल में सभी के लिए एक के ऊपर एक ऐसे दो बेड शीट फेर दिए। और कैलास को फायरप्लेस के पास सोने को कहा क्योंकि बाहर बहुत ठंड थी। कैलाश के दादा उसके पास और नंदिता चाची उनके दूसरी तरफ सो गई । उसने अपने बेटे को अपने और समर चाचा के बीच रखा। समर चाचा आखिरी थे तो उन्होंने अपने शरीर पर एक मोटा कंबल ओढ़ लिया। कैलास, उसके दादा और चाची ने कम्बल जैसा कुछ भी नहीं लिया क्योंकि फायरप्लेस की आग काफी उबाऊ थी। आज दोपहर बहुत ज्यादा सोने के कारण कैलास को जल्दी नींद नहीं आ रही थी तो वह फायरप्लेस की जलती लकड़ियों को देखता रह गया था। पहले तो उसके चाचा-चाची और दादा बातें कर रहे थे। थोड़ी देर बाद चाची अपने ससुर की ओर पलट गई और उन्हें बच्चे की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। फिर भी वे कुछ कह रहे थे तो उसने उन्हें डाट ते हुए कहा,
"अब सो जाओ। बहुत देर हो चुकी है। क्या आपको कल जल्दी उठना नही है?" दादाजी चुप हो गए और एक बच्चे की तरह उसकी बाहों में सो गए। कैलास अपनी चाची के इस खुलेपन से बहुत प्रभावित हो गया। फिर वह भी सपने में सोचते हुए सो गया कि एक दिन वह भी ऐसेही उसकी गोद में सो पाएगा।


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बहुत अच्छी शुरुआत की। अगला भाग पढ़ना पसंद करेंगे
 
Last edited:

seemachachi

Aunty boob lover
353
830
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भाग २

अगले दिन जब कैलास के दादा उठे तो अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी। तो समर चाचा उन्हे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा मीठी चाय वगैरह पीने की वजह से उनके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ गई थी. उन्होंने उनको इंजेक्शन द्वारा कुछ दवा दी और उन्हें चाय कम करने या पूरी तरह से बंद करने के लिए कहा।
जब उसके ससुर खाना खा रहे थे तब नंदिता चाची उन्हें बहुत डाट रही थी । खाना खाने के बाद कैलास अपने मोबाइल पर गेम खेल रहा था, जबकि उसकी चाची अपने ससुर से कुछ कह रही थी, लेकिन गेम की आवाज के कारण उसे ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था। जब उसके दादा गोलियां खाकर सो गए तब जाकर वह चुप हो गई।
भोजन करके कैलास फिर उसी स्थान पर सो गया जहाँ कल सोया था। लेकिन इस बार उसके दादा सबसे आखिर में सोए और उनसे पहले कैलाश की नंदिता चाची। चाचा कैलास के पास सो गया और फिर चाचा-चाची के बीच उन्होंने अपने बेटे को सुलाया। उसके बेटे के सो जाने के बाद, चाची अपने ससुर की ओर मुड़ी और उन्हें कल की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। अब भी वह उन्हें खूब सुना रही थी।
"मैने आपको इस उम्र में चाय नहीं पीने के लिए कहा था।"
"हाँ बहुरानी। हुआ ये हज़ार बार बताकर।"
थोड़ी देर बाद नंदिता चाची ने उनसे कहा,
"मैं कब से कह रही हूँ कि रोजाना मेरा दूध पी लिया करो। वैसे भी बच्चा अब नही पिता है। आप सुनते ही नहीं।"
"लेकिन बहु, मैंने तुम्हें यह बताया था की वह केवल बच्चे ही पीते हैं। तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हो? क्या मैं अब एक बच्चा हूँ?"
लेकिन चाची ने उनका पीछा छोड़ा नही। तब चाचा ने भी उनसे कहा,
"इतना कह रही है तो एक बार पी लो ना पिताजी। पसंद न आए तो दोबारा मत पीना।"
दोनों के बहुत आग्रह के बाद आखिरकार कैलास के दादा तैयार हुए।
नंदिता चाची ने अपने हाथ को पल्लू के नीचे डालकर अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और फिर पल्लू को अपने ससुर के सिर के उपर से ओढ लिया । फिर ब्लाउज को एक तरफ से उठाकर उन्हें अपना दूध पिलाने लगी। लेकिन महज थोड़ी ही पलो बाद कैलास के दादा ने दूध पीना रोक दिया और बहू से कहा,
"दूध थोड़ा खट्टा है।"
लेकिन चाची,
"बेटे ने कुछ दिनों पहिले दूध पीना बंद कर दिया इसलिए यह थोड़ा खट्टा होगा। बाद में मीठा हो जायेगा।" यह कहते हुए, उसने उसके स्तन को वापस ससुर के मुँह में घुसा दिया और उसे दो उंगलियों के बीच कस कर पकड़ लिया। चाचा मुस्कुराए और उससे बोले,
"नखरे बहुत करते है पिताजी।"
चाची भी हसते हुए बोलीं,
"हाँ जी।"
उसने ससुर को दोनों स्तनों पर बारी-बारी से पीला दिया। अब उन्हें बहुत नींद आ रही थी इसलिए चाची ने अपने ब्लाउज के बटन लगाकर उन्हें वापस अपनी बाहों में ले लिया और फिर वो भी सो गई।
 
Last edited:

Abhishek Kumar98

Well-Known Member
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9,073
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भाग २

अगले दिन जब कैलास के दादा उठे तो अचानक उनकी तबीयत खराब होने लगी। तो समर चाचा उन्हे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा मीठी चाय वगैरह पीने की वजह से उनके शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ गई थी. उन्होंने उनको इंजेक्शन द्वारा कुछ दवा दी और उन्हें चाय कम करने या पूरी तरह से बंद करने के लिए कहा।
जब उसके ससुर खाना खा रहे थे तब नंदिता चाची उन्हें बहुत डाट रही थी । खाना खाने के बाद कैलास अपने मोबाइल पर गेम खेल रहा था, जबकि उसकी चाची अपने ससुर से कुछ कह रही थी, लेकिन गेम की आवाज के कारण उसे ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था। जब उसके दादा गोलियां खाकर सो गए तब जाकर वह चुप हो गई।
भोजन करके कैलास फिर उसी स्थान पर सो गया जहाँ कल सोया था। लेकिन इस बार उसके दादा सबसे आखिर में सोए और उनसे पहले कैलाश की नंदिता चाची। चाचा कैलास के पास सो गया और फिर चाचा-चाची के बीच उन्होंने अपने बेटे को सुलाया। उसके बेटे के सो जाने के बाद, चाची अपने ससुर की ओर मुड़ी और उन्हें कल की तरह अपनी बाहों में लेकर सुलाने लगी। अब भी वह उन्हें खूब सुना रही थी।
"मैने आपको इस उम्र में चाय नहीं पीने के लिए कहा था।"
"हाँ बहुरानी। हुआ ये हज़ार बार बताकर।"
थोड़ी देर बाद नंदिता चाची ने उनसे कहा,
"मैं कब से कह रही हूँ कि रोजाना मेरा दूध पी लिया करो। वैसे भी बच्चा अब नही पिता है। आप सुनते ही नहीं।"
"लेकिन बहु, मैंने तुम्हें यह बताया था की वह केवल बच्चे ही पीते हैं। तुम मेरे पीछे क्यों पड़े हो? क्या मैं अब एक बच्चा हूँ?"
लेकिन चाची ने उनका पीछा छोड़ा नही। तब चाचा ने भी उनसे कहा,
"इतना कह रही है तो एक बार पी लो ना पिताजी। पसंद न आए तो दोबारा मत पीना।"
दोनों के बहुत आग्रह के बाद आखिरकार कैलास के दादा तैयार हुए।
नंदिता चाची ने अपने हाथ को पल्लू के नीचे डालकर अपने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिए और फिर पल्लू को अपने ससुर के सिर के उपर से ओढ लिया । फिर ब्लाउज को एक तरफ से उठाकर उन्हें अपना दूध पिलाने लगी। लेकिन महज थोड़ी ही पलो बाद कैलास के दादा ने दूध पीना रोक दिया और बहू से कहा,
"दूध थोड़ा खट्टा है।"
लेकिन चाची,
"बेटे ने कुछ दिनों पहिले दूध पीना बंद कर दिया इसलिए यह थोड़ा खट्टा होगा। बाद में मीठा हो जायेगा।" यह कहते हुए, उसने उसके स्तन को वापस ससुर के मुँह में घुसा दिया और उसे दो उंगलियों के बीच कस कर पकड़ लिया। चाचा मुस्कुराए और उससे बोले,
"नखरे बहुत करते है पिताजी।"
चाची भी हसते हुए बोलीं,
"हाँ जी।"
उसने ससुर को दोनों स्तनों पर बारी-बारी से पीला दिया। अब उन्हें बहुत नींद आ रही थी इसलिए चाची ने अपने ब्लाउज के बटन लगाकर उन्हें वापस अपनी बाहों में ले लिया और फिर वो भी सो गई।
Shayad hero ke chacha namard hai aur bacche paida nahi kar sakte isliye uske baap ne yani dada ne apni bahu ko bache diye hai isliye wo itni open hai unse dekhte hai aage kya hota bahut jabardast chal Rahi hai story
 
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