अपने भाई के आफिस जाते ही गजाला थोड़ी देर युही घर का काम करती है
उसके बाद वो अपने बेडरूम में आराम करने चली जाती है
बेड पे लेट ते ही वो अपनी आँखे बंद कर ते हे उसके आँखों के सामने उसके छोटे भाई का काला लम्बबा लंड आजाता हे
एक बार फिर वो अपने भाई के द्वारा की गयी सारी अश्लील हरकतों को याद करने लगती
के कैसे साहिल मेरी ब्रा के अंदर अपना पूरा मुह दाल के सूँघ रहा था मेरी चड्डी की चूत वाली जगह पर कैसे मेरा छोटा भाई अपने हॉट लगा कर चूम रहा था
कैसे मेरी उतारी हुई चड्डी की चूत वाली जगह को वो अपनी जुबान से चाट रहा था
ये सब सोचते सोचते एक बार फिर उसकी चूत पनियाय जाती हे
और गजाला को अपने भाई मुँह से निकले हुवे आखरी शब्द याद आजाते जो वो लंड को हिलाते हुवे बोल रहा था
आह गजाला तेरी चूत आह आह आह आपा तेरी चूत में मेरा मोटा लंड
उसके भाई की कही गयी बातों को याद कर के गजाला की चूत किसी भट्टी की तरह गरम हो जाती हे जिसको संभाल ना अब गजाला की बस की बात नहीं थी
अब उसके गरम बदन को संबाहल ने के लिए एक मोटे लंड की जरुरत थी जो उसके छोटे भाई के पास था
और गजाला का दिल और दिमाग आपस में बात करने लगते हे
देख गजाला तेरे बदन जिसको अब तक आफ़ताब भी शान्त नहीं कर पाया
और अपने भाई के लंड को देख केसा मोटा
लंबा
हे अगर एक बार तू अपने भाई का लंड.अपनी चूत में ले लेगी तो जिंदगी भर तुझे किसी और के लंड की जरुरत नहीं पड़े गी
वो रात रात भर तेरे गदराये बदन पे चढ़ के तुझे हुमच हुमच के चोदे गा
और तो और तुझे शादी करके अपने छोटे भाई को छोड़ के जाने की ज़रूरर भी नहीं पड़े गी
तेरा छोटा भाई तेरी चूत में इतना पानी भर देगा के तू एक ही महीने में गाभिन हो जाये गी
और वैसे भी तुम दोनों को रोकने वाला कोई भी नहीं हे
रात रात भर तेरा छोटा भाई तेरी गांड और चूत को अपने होठो से चूस चूस के चाट चाट के तुझे हरी भरी कर देगा
सोच ले गजाला सोच ले तेरा भाई इसी बिस्तर में रगड़ रगड़ के तुझे हर रात चरम सुख देगा और जब तू कहे गी तब वो तेरे ऊपर चढ़े गा
सोच ले गजाला सोच ले इतना लम्बा मोटा गधे जैसा लंड तुझे कहीं नहीं मिले गा
इस तरह की बात होते होते
गजाला की आँख लग जाती हे और वो सो जाती हे
शाम को गजाला की आँख खुलती हे और गजाला अपना मोबाइल
चलाने
लगती
उसकी शारी नाइटी ख़राब हो चुकी थी इस लिए वो मोबाइल से ही एक शॉप पे एक नाइटी आर्डर कर के पैक करवा देती हे
और अपने भाई को फ़ोन लगाती हे अपने भाई के फ़ोन उठाते ही गजाला अपने भाई को बाजार से सब्जी लाने के लिए कहती है और उस उसको अपने कपडे लाने के लिए केहती है
शाम को छे बजे साहिल अपनी ऑफिस से निकल कर सीधा बाजार जाता हे और अपनी आपा के कहे मुताबिक
शारी सब्जिया ले लेता है और उस शॉप पर चला जाता है जहां गजाला ने अपनी नाइटी का आर्डर किया था
बहार लेटेस्ट लेटेस्ट ब्रा पेन्टी देख के साहिल की आँखे बड़ी बड़ी हो जाती है ये देख के साहिल
समझ जाता हे मेरी आपा ब्रा पेन्टी भी यही से लेती होगी
वो अपनी गाड़ी को बाहर खड़ी कर के शॉप में चला जाता है अंदर जाते ही
(शॉप कीपर )जी कहिये सर क्या चाहिए आप को
(साहिल) सर वो गजाला नाम की साहिल इतना ही कहता हे की
(शॉप कीपर ) हा सर लीजिये गजाल मेम का सामान
और साहिल जेब से पैसे निकल कर दुकान वाले को दे देता है पैसे देने के बाद साहिल जैसे ही बाहर निकल ने वाला होता है
के शॉप कीपर साहिल को कहता है आपकी बीवी की चॉइस काफी लाजवाब हे सर
ये सुनते ही साहिल उस से कुछ नहीं कहता है और हस् के बहार निकल जाता है
थोड़ी ही देर में साहिल घर पे आजाता हे और दरवाज़ा खट खटा ता हे
दरवाज़े की आवाज़ सुन के
गजाला दरवाज़ा खोलती है साहिल अपनी आपा को सारा सामान दे देता हे और बाथरूम में फ्रेश होने चला जाता
और गजाला सारा सामान लेके किचेन में चली जाती है थोड़ी देर में साहिल हॉल में टीवी देखने लगता है जहाँ गजाला अपने भाई को चाय देने आती है
अपने भाई को चाय देने के लिए वो जैसे ही झुकती है एक बार फिर साहिल की नज़र अपनी आपा के बड़े बड़े पपीते पे चले जाती
गजाला ने अभी भी सुभा वाला ही ड्रेस पहना होता हे जिसमे से उसके आधे से ज्यादा बोल साफ़ दिख रहे थे और उसकी काली ब्रा की गोलाई भी
जिसको साहिल अपनी आँखों से पिने लगता है
एक बार फिर अपने भाई को अपने पपीते को घूरता देख गजाला की'चूत' से काम सर टपकने लगता है
अपने भाई को ऐसी खा जाने वाली नज़रों से घूरता देख गजाला अपनी आंखें नीचे कर के चाय रख के वहा से किचेन में चली जाती है रात के खाने की तैयारी करने
अपनी आपाको जाते देख साहिल उसकी बड़ी बड़ी गाँड को देख अपना लंड कपडे के ऊपर से ही एक बार मसल देता हे
और चाय की चुस्की लेते लेते टीवी देखने लगता हे
थोड़ी देर युही बैठने के बाद दोनों भाई बहन खाना खा के अपने अपने कमरे में चले जाते हैं
कमरे में जाते ही गजाला अपनी नयी नाईट को पहन लेती हैं वो नाईट गजाला के जांघ तक आरही थी
उसकी नयी नाईट में उसके बदन का हर अंग साफ़ दिखाई दे रहा था
उसके बड़े बड़े पपीते जो बिना ब्रा के उस नाईट में आधे से जादा नंगे दिखाइ दे रहे थे
उसके बड़े बड़े बोल की गहरी खाई जो उसमे साफ़ दिख रही थी
नीचे उसकी पतली कमर उस कमर पे छोटी सी पैंटी की बॉर्डर लाइन जो साफ़ दिख रही थी
उसके निचे उसकी बड़ी सी फैली हुई गांड
इस मादक रूप में अगर साहिल अपनी आपा को देख ले तो आँखों से उसको चोद दे
नाईट पहेन के गजाला पलंग पर लेट जाती है और सुभा वाला द्रस्य को याद करने लगती है
एक बार फिर अपने भाई के लंम्बे काले मोटे लंड को याद करके उसकी चूत से मादक रस बहने लगता है
और वो अपनी चूत में अपनी मंझली ऊँगली डाल कर धीरे धीरे उस ऊँगली से अपनी चुदाई करने लगती है
गजाला अपनी छोटी सी ऊँगली से अपनी तड़प मिटा नहीं पाती हे इस लिए वो उठ के एक बार बहार चले जाती हे और अपने भाई के कमरे लाइट बंद देख के
सीधा किचेन में चली जाती है वहां से वो एक खीरा लेकर अपने रूम में आजाती है
रूम में आकर वो पलंग पर लेट के अपनी नाइटी को जाँघ से ऊपर कमर तक उठा लेती हे
और उस खिरी को चड्डी के ऊपर से ही अपनी चुत के फांको के बिच रगड़ने लगती हे
रगड़ते रगड़ते उसकी प्यास और बढ़ने लगती है
और वो अपनी चड्डी को अपने दूसरे हाथ से पकड़ के साइड में कर देती है और खीरे को अपनी लप लापति चुत के
होंठों
पर रखकर उसको अपनी चूत में डालने लगती हे जेसे ही खीरा
गजाला की नाजुक सी चूत के
होंठों को
फैला ते हुवे आधा इंच अनदर घुसता
हे
गजाला की चूत किसी छल्ले की तरह उस खीरे को कस के जकड़ लेती है
गजाला धीरे धीरे कर के उस खीर को दो इंच जितना अपनी चूत में डाल कर अपनी चुदाई करने लगती है
उसका एक हाथ उसकी बड़ी बड़ी चूचि पे आजाते हे
और वो अपनी नाइटी के ऊपर से ही उसको कस कस के भीच ने लगती हे और उसके मुँह से आह आह आह्ह ओह्ह कर के शिस्कारिया निकलने लगती है
रात के बारा बज चुके थे साहिल की नींद तूट ती हे और वो बिस्तर से उठ के किचेन में पानी पीने चले जाता पानी पि के जैसे ही वो अपने रूम में जाने के लिए मुड़ता है
उसकी नज़र अपनी आपा के कमरे की तरफ चले जाती है कमरे की लाइट चालू देखके वो धीरे धीरे अपने आपा के कमरे की तरफ जाने लगता है
जेसे जेसे साहिल अपनी आपा के कमरे के पास पहोचता हे उसको गजाला की चीखें सुनाई देती है
आह आह आउच हां हा ओह अपनी आपा के रूम से आती हुई आवाज़ से उसका लंड धीरे धीरे अकड़ने लगता हे
जैसे ही साहिल दरवाज़े की ओट से अपनी आपा के कमरे में झांकता है उसकी आँखे फ़ैल जाती हे उसका रोम रोम खडा होजाता
और उसका 10 इंच का लंड किसी सांप की तरह पजामे में फन फैलाए खड़ा हो जाता है
कमरे में उसकी आपा बिस्तर पे दोनो पैर फैला के अपनी चूत में खीरा दाल कर अंदर बहार कर रही होती है जिसे देख के साहिल अपने लंड को पाजामे ऊपर से ही कस के पकड़ लेता है
और अंदर गजाला अपनी आंखे बंद कर के खीरा अपनी चूत में डाल कर
बड़बड़ाना
लगती है
जिसको सुन के साहिल दंग रह जाता हे
आह ओह्ह ओह्ह ये चुत मुझे बहुत परेशान करती हे पर मज़ा भी येही देती हे ओह्ह्ह आह साहिल संभाल ले मुझे मेरे छोटे भाई
अपने काले मोटे लंड से मुझे बिस्तर पे पटक पटक के चोद मेरे भाई मेरी प्यास बुझा दे
इतना सुनते ही साहिल दंग रह जाता हे और अपने पजामे मेंसे अपना काला लंड बाहर निकल के हिलने लगता हे
गजाला के मुँह से ये बात सुन के साहिल समझ जाता हे मेरी आपा मेरे लंड को याद कर के अपनी चूत से पानी बहा रही हे
और एक बार फिर अपनी आपा की चूत को देख ने लगता है जिसका आज ही सुबह गजाला ने बाल नि काले थे चूत के होठ एक दम गुलाबी उसके ऊपर गजाला की चूत का पानी लगा होने के वाजा से
गजाला की चूत एक दम रसीली दिख रही थी जिसको देख के साहिल मन ही मन में सोच रहा था काश एक बार इस चूत को मैं अपनी जुबान से चाट पाउ
उतने में
ही
बर्तन गिरने की आवाज आती है, जिस को सुन के गजाला
चोक
जाती है, और अपनी चूत से खिरा निकल के साइड में रख देती है।
और साहिल अपने लंड को पजामे में वापिश दाल के अपने कमरे में भाग जाता हे
और यहां गजला सोचती है कि साहिल ने मुझे देख तो नहीं लिया उसके इतने सोचते ही उसके माथे पे पसीना आजाता हे
और गजाला अपने कपड़े ठीक कर के कमरे के बाहर निकल कर अपने भाई के कमरे की तरफ झांकती हे
अपने छोटे भाई के कमरे की लाइट बंद होने के कारण उसकी जान में जान आती है और वो एक चेन की सांस लेती है
और कमरे से बहार निकल कर वो किचन में जाती हे जहां बहुत सारा दूध गिरा हुवा देखती हे और खिड़की पे
बिल्ली
बैठी हुई रहती हे
और वो समझ जाति हे के ये सारा काम बिल्ली के वाजा से हुवा हे और किचन में गिरा हुवा दूध साफ कर के गजाला
अपने भाई के कमरे के तरफ चले जाती हैं उसके कमरे की डिम लाइट से गजला देखती है के उसका छोटा भाई सो गया और वो अपने कमरे में आजाती है
जेसे हि गजाला अपने कमरे में आती है, और पलंग पर लेटती है के लाइट चली जाती है
और साहिल के कमरे में कोई खिड़की ना होने के वाजा से उसका पूरा बदन पसीना पसीना वाला हो जाता है
साहिल अपने कमरे से बाहर निकल के अपनी आपा के कमरे की तरफ चल पड़ता है
दरवाजे के बहार से ही साहिल अपनी बहन को कहता है आपा लाइट चली गई हे
गजाला अपने भाई की आवाज़ सुनते ही अपने छोटे भाई को कहती आजा राजा मेरे कामरे में आजा
और साहिल अपनी आपा के कमरे चले जाता हे जहां एक बड़ी सी खिड़की होने के कारण वहां से अच्छी हवा आती थी और वो अपनी आपा के बगल में जाके लेट जाता हे
थोड़ी देर यूही लेट ते ही लाइट वापिश अजाती हे लाइट के आते ही साहिल की नजर
बिस्तर के बाजू में जाति हे जहां एक बड़ा सा 5 इंच का खीरा रखा हुवा था जिसको देख के साहिल मन ही मन प्लान बना लेता हे
और अपने हाथ से खिरे को उठा ता हे जिसपे अभी भी गजाला की चूत का पानी लगा होता है
ख़िरे को उठा कर साहिल गजाला को दिखा कर कहता हे आपा में इसे खा लू
अपने भाई के हाथो में खीरे को देख के उसकी आँखे एक दम बहार को अजाती हे जिस पे अभी भी उसकी चूत का पानी लगा हुवा था
वो अपने मुँह से कुछ कहने ही वाली होती है, उस से पहले साहिल जान बुज़ के उस खीरे को अपने मुँह में दाल कर खाने लगता है
अपने भाई को खीरे को खाते देख गजाला की बात जुबान पे ही अटक जाती है
खीरा खाते हुवे साहिल को अपनी बहन के मुँह से निकली हुई बात याद आती है जो वो बिस्तर पे अपनी चूत में खीरे को डाल कर बड़बड़ा रही थी
आह भाई अपने काले मोटे लंड से मुझे पटक पटक के चोद
और साहिल के बदन में एक चिंगारी खड़कती है
और साहिल जान बुझ के अपनी आपा को दिखा कर उस खीर को अपनी जुबान से चाटने लगता हे
अपने भाई को अपनी चूत के पानी से सने हुवे खीरे को इस तरह से चाट ते देख गजाला की आग फिर से एक बार भड़क जाती हे और वो अपने भाई को घूर घूर कर देखने लगती हे
एक बार
अच्छे से अपनी आपा की चूत के पानी से
पूरा सना हुवा खीरा चाट ने के बाद वो अपनी आपा से कहता हे
आपको पता है आप वो शॉप कीपर मुझे आपका सोहर समझ रहा था
गजाला अपने भाई की बातें सुन के गजाला के गाल एक दम लाल हो जाते हैं और वो शर्मा जाती है
और केहती (क्या सच में तुझे वो मेरा सोहर समझ रहा
था)
हा आपा और नजाने मुझे क्या क्या दिखाने लगा था
अपने भाई को चूत के पानी से सना हुवा खीरा खाते देख उसकी बदन में आग लग चुकी थी
इस लिए अपने छोटे भाई से कहती हे इधर आ और.
दोनों आमने सामने हो जाते हैं जिस से दोनों मैं अब थोड़ी सी ही दूरी रह जाती है
और साहिल अपनी आपा की नाइटी के ऊपर से ही उसके निप्पल घूर घूर कर देखने लगता हे
अपने भाई को यु अपने बड़े बड़े पपीते को घूरता देख गजाला से अब रहा नहीं जाता इस लिए वो अपने भाई की आँखों में आँखे डाल कर
साहिल से कहती हे बता वो क्या क्या बोल रहा था और साहिल अपनी बात पे नमक मिर्च लगा के बताने लगता हे
पहले तो वो मुझसे कहने लगा के आपकी बीवी की चॉइस बड़ी अछि हे और मुझे तरह तरह के कपडे दिखने लगा
(कोनसे कपडे राजा ठीक से बता ना )
नहीं आपा मुझे बताने में शर्म आती हे
अच्छा ठीक हे रुक और गजाला अपने कमरे की लाइट बंद कर देती हे और जान बूझ कर साहिल को अपनी बाहों में कस लेती हे
जिसकी वजह से उसकी आपा के बड़े बड़े पपीते के निप्पल साहिल को अपने सीने में चुभने लगते
और साहिल गजाला की कमर पे अपना हाथ रख देता है
और गजाला अपने भाई को बेशर्मी दिखाते हुवे केहती अब बता कोनसे कपडे
आपा वो मुझे अलग अलग ब्रा दिखा रहा था और मुझ से कह रहा था ये आपकी बीवी की 40 इंच की साइज की ही है
और मुझे अलग अलग जालीदार ब्रा दिखने लगा
गजाला अपने भाई के मुंह से ब्रा सुनते ही उसकी चूत से पानी रिसने लगता हे
और वो अपने भाई की जांघ के उपर अपना पैर दाल
देती है और अपनी चूत को अपने भाई की जांघ से चिपका देती हे
साहिल को भी अपनी आपा की चूत की गरमी अपनी जंघा पे अच्छे से महसूस होती है जिसकी वजह से उसका लंड अब बग़ावत पे आचुका था और वो अपनी आपा की कमर पे जोर देके उसको एक दम अपने आप से सटा लेता है जिसे गजाला कसमसाने लगती है
और कहती है
और क्या क्या बतया तुझे उसने राजा
साहिल को अब पता चल गया था की मेरी आपा अब
चुदासी हो चुकी है इसके लिए वो अब सारी बात खुल के करने लगता है
इस लिए वो कहता है
आपा वो मुझे नयी नयी चड्ढी दिखने लगा था वो भी पूरी जालीदार और कह रहा था ये आपकी बीवी को सही से आये र्गी
इतना कहते ही साहिल अपना हाथ गजाला की कमर से हटा कर सीधे उसकी मोटी मोटी जांघ पे रख देता है
जिसे गजला के बदन में एक चिंगारी की लहर दौड़ जाति हे
और वो अपनी चूत को अपने छोटे भाई की जांघ पे रगड़ ने लगती है
अपनी बहन को इस तरह से अपनी जांघ पे चूत को रगड़ता देख
साहिल फिर कहता है
आप ही बताओ आपा वो कोई चड्ढी होती है जिस में से सब कुछ आर पार दिखाई देता हो
गजाला अपनी चूत को अपने छोटे भाई की जांघ पे रगड़ते हुवे कहती है क्या तुझे नहीं पसंद वेसी चड्डी
अपनी आपा के मुँह से ऐसा सवाल सुन के अब उसे
भी रहा नहीं जाता अब वो पूरी बेशर्मी पे उतरा आता हे
मुझे तो वो चड्डी अछि लगी थी जो उसने आखरी में बताई थी
(कोनसी चड्डी राजा)
वो चड्डी आपा जिसकी की चुत वाली जगह. पे फूल बना हुवा था
इतना कहने के साथ ही साहिल अपना हाथ आपा की जांघ से सीधा उठा कर अपनी आपा की बड़ी बड़ी फ़ैली हुवी गांड पे रख देता है
अपनी गांड पे अपने छोटे भाई का हाथ रखते ही गजाला की चूत से पानी बहना शुरू हो जाता हे
और पहली बार अपने भाई के मुंह से चुत सुन के गजाला को भी रहा नहीं जाता हे वो पहले से ही चुदाई के लिए तड़प रही रही इस लिए वो भी अपने भाई से खुल के बात करने लगती है
(चुत के पास केसा फूल राजा और तुझे बड़ा पता हे चड्ढी ओ के बारे में) वो तो आपा वो दुकान वाला बता रहा था तो मैंने देख लि
इतना कह के साहिल अपनी आपा की गांड के पट में अपना हाथ डाल कर गजाला की गांड को अपने हाथों से मसलने लगता हे
साहिल का लंड अब पूरी औक़ात में आचुका था और पूरी तरह तन तन कर खड़ा हो चुका था
गजाला अपने भाई के फौलादी लंड को
अच्छे से अपनी चूत के ऊपर मेह सुसु कर के गंगना जाती हे
और साहिल धीरे धीरे अपनी आपा की गांड को मसलते मसलते गजाला के ऊपर चढ़ जाता है
अपने भाई को इस तरह अपने ऊपर चढ़ता देख गजाला भी बिना सरम किया अपने दोनों पैर केंची बना कर अपने भाई की कमर पे रख देती है
और अपने हाथ को अपने भाई के बगल से डालते हुवे उसको कास के भींच लेती हे
साहिल भी अब कहा पीछे रहने वाला था अपनी बहन को इस तरह करते देख वो अपने
होंठों
को अपनी बहन की कान लो के पास लेजाकर उसको चाट ने और चूसने लगता हे
और उसके कान में गरम गरम
सांसों को छोडता हुवा केहता हे हा आपा मुझे चड्डी के ऊपर चुत वाली जगह पे फूल बना होता हे वेसी पसंद हे
गजाला भी निचे से अपनी कमर को धीरे धीरे अपने छोटे भाई के लंड पे रगड़ते हुवे कहती है तू लाये गा अपनी आपा के लिए वेसी चड्डी
अब साहिल भी बौखला जाता है और दोनों हाथ नीचे ले जाकर अपनी बहन की बड़ी बड़ी गाँड को अपने हाथों से जकड कर उसकी चूत पे अपना लंड रगड ते हुवे केहताहे हा आप में लाऊंगा अपनी आपा के लिए वेसी चड्डी
अपनी आपा को यु गर्माते देख साहिल निचे से अपना पजामा खींच देता है जिस से उसका पूरा लंड बहार आजा ता हे
और गजाला की चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत पे रगड़ खाने लगता
जब गजाला को पता चलता हे के उसके भाई का पूरा लंड बहार आ चुका हे उसकी चूत फड़फड़ाने लगती है और गजाला बेकाबू हो
के अपने भाई के कंधो को चूमने और चाटने लगती हे
और साहिल अपने बहन की इस तरह से गरम होता और चूमते चाट ते देख
अपनी आपा की चड्डी के ऊपर से ही अपने लंड को दो तीन बार झटका देके कहता हे हा गजाला में लाऊँगा
और ये कह के साहिल जोर जोर से गजाला की चड्डी के ऊपर से ही चुत को कस कस झटके मारने लगता हे
अपने भाई को इस तरह से अपने लंड से झटके मारते देख और जोर जोर से अपने भाई को चूमने और चाटने लगती हे
और साहिल भी अपनी गांड से ताकत लगा लगा चूत पे जोर जोर से झटके मारने लगता हे और झटके मारने की वजह से गजाला की चड्डी में छेद हो जाता हे
और साहिल का लंड का सूपड़ा उस चड्ढी के छेद में से बहार निकाला कर सीधा गजाला की चूत छेद पे
आलगता हे
अपनी चुत के छेद पे अपने भाई के लंड का सुपडे का एहसास पाते ही गजाला झड़ने लगती हे
और साहिल भी अपनी बहन की नंगी चुत पे अपना लंड
पटक
ते
पटक
ते
झड़ने की कगार पर आजाता हे जेसे उसका लंड पानी छोड़ने लगता है साहिल जान बुझ के गजाला के कान के पास अपना मुँह लाके कहने लगता हे
आह गजाला तेरी चूत आपा तेरी चुत तेरी चूत
में
मेरा लंड गज़ाला तेरी कैसी हुई चूत में मेरा मोटा लंड
और अपने लंड का सारा पानी गजाला की चूत के ऊपर छोड़ने लगता हे
गजाला को अपनी चूत पे छोटे भाई के लंड का पानी गिरते हुवा
अच्छे से पता चल रहा था और दोनों भाई बहन एक साथ झडते हुवे सो जाते हे