(UPDATE 4)
हर सुबह की तरह गजाला आज भी अपने छोटे भाई के उठने से पहले उठ जाती हे
सुबह सुबह उसके मन में आज कुछ और ही चल रहा होता है
अपने बिस्तर से उठ के सीधा वो बाथरूम में चली जाती है
और अपने कपड़े उतार कर नंगी हो के अपनी बड़ी बड़ी गुब्बारे जैसी गाँड को फैला कर हग ने बैठ जाती है
जैसे हगने बैठती है गजाला की झांटे दार चुत से सुबह की मूत की पहली धार सूउऊररर की आवाज करती हुवी बहार आती है जिसकी आवाज पूरे बाथरूम में गूंजती है
मूत निकल जाने के बाद गजाला की गद्देदार गांड से हगवास का एक टुकड़ा निकलता है
और वो हगते हुवे अपनी आँखे बंद कर के कुछ सोचने लगती है
कुछ देर
यूँही सोचने के बाद उसके होठों पर एक मादक हसि आजाती हे
तब तक वो हग लेती है अपनी गांड धोने के लिए वो नल चालू कर के मग्गे में पानी भरती है
मग्गे के भरते ही वो मग्गा उठा कर अपना बाया हाथ गाँड के बीचों बीच लेजाती है गाँड धोने के लिए मग्गे के पानी को धीरे धीरे अपने हाथ पे गिरते हुवे
वो अपनी गांड पे लगी हुई हगवास अछेसे धोती है
जब उसकी गांड धुल जाती हे तब वो अपनी बिच वाली मँझली ऊँगली को अपनी बड़ी बड़ी गाँड के छेद पे
ले जाकर गोल गोल इर्द गिर्द घुमती हे गजाला को ये करने में एक अजीब सा नशा चढ़ने लगता हे
वो अपनी ज़ुबान को बहार निकाल कर अपने होठों पर फेरने लगती हे
और अपनी ऊँगली जो गांड छेड पे घुमा रही थी उसको धीरे धीरे से अपनी बड़ी गांड के छेद में डालने लगती है
जब उसकी ऊँगली एक इंच उसकी गांड में घुस जाती तब उसके चेहरे पर एक अलग ही चुदासी छाने लगते हे वो अपने रसीले निचले होतो को अपने दांतो में फसा कर चबा ने लगती
और दो तीन बार अपनी गांड में पूरी ऊँगली डाल कर वो अपनी ऊँगली बहार निकल लेती उसकी उंगली पे उसका हगवास लगा हुवा होता है जिसको वो एक बार
अपनी आँखों से देखती है और अपनी गांड सहित उंगलिको अच्छे से फिर धो के वो उठ जाती हे
और बाथरूम में बनी खिड़की के ऊपर से एक छोटी से केचि निकालती है अपने झांटो
के बाल काटने के लिए
निचे बैठ के उश केंची से अपने झाँटो के बाल काट ने लगती है और उन झांटो के बाल को साइड में रखते जाती हे
एक बार अच्छे से वो अपनी चूत के सारे बाल काट लेती है और उस केचि को वही साइड में जान बूझ कर रख देती हे
फिर वो अपने सारे झांटो के बाल को एक जूड़ा जैसे बना लेती हे
और उसको खिड़की पे रख के वो नाहाने लगती हे नाहा ने के बाद गजाला अपने कपड़े पहन लेती है और अपनी उतरी हुई कप वाली लाल ब्रा और चड्डी को वही
साबुन की टिक्की के पास रख देती है
और अपनी चूत
के बाल जो उसने अभी अभी काटे थे उसको ब्रा की कप में रख कर
अपने होठों पर कातिल मुश्कान लाती हुई बहार चले जाती हे
और अपने छोटे भाई के लिए नाश्ता बना ने मैं लग जाती है
कुछ देर युही काम करने के बाद वो अपने छोटे भाई को उठा ने के लिए उसके बेडरूम में जाती है
जहां साहिल रात को अपने लंड से ढेर सारा पानी निकलने के बाद गहरी नींद में सो रहा होता है
जिसको देख के गजला अपने दोनों हाथों के पंजो को ड्रेस के ऊपर से ही अपने बड़े बड़े पके हुवे पपीते जेसे बोल के ऊपर रख के उनको थोड़ा और बाहर की तरफ निकलती है
वैसे तो उसको ये करने की ज़रूरत नहीं थी क्यू की गजाला ने आज जान बुज कर अपने छोटे भाई को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए एषा ड्रेस पेहना हुवा था जिसमें से उसके दोनों बड़े बड़े बोल साफ़ दिख रहे थे
और दोनों पहाड़ों के बीच की गहरी खाई भी
उसके आधे से ज्यादा चुचक साफ दिखाई दे रहे थे और उसे भी बड़ी चोकने वाली बात ये थी उस ड्रेस में
की उस्की काली ब्रा का शेप आज साफ दिखाई दे रहा था
अपने भाई के बगल में रोज़ की तरह बैठ के गजाला उसका हाथ छोटे भाई के सर पर फेरती हुई कहती है उठ जा राजा सुबह हो गई
अपनी आपा की आवाज़ सुन के साहिल की आँख खुलती हे
आँखे खुलते ही उसकी नज़र सबसे पहले अपनी आपा की बड़ी बड़ी छाती पे जाती जिसको वो घुर ने लगता है
अपने भाई को यू अपने बड़े बड़े चूचो को घूरता देख
गजाला सोच में पड़ जाती है आज से पहले तो मेरे
भाई ने मुझे ईश तरहा घूर के कभी नहीं देखा
दअरसल रात भर चुदाई वाली कहानी पढ़ के उसका औरत के प्रति नजरिया हि बदल जाता है एक ही रात में वो हवसी और चुदक्कड़ किसम का बन जाता है हर औरत में अब उसको वासना ही दिखाइ देती है
उसकी आँखे और भी बड़ी हो जाती है जब उसकी नज़र आपा की काली ब्रा पे पड़ती है
उसकी ब्रा का शेप साहिल को साफ दिख रहा था और वो एक तक अपनी आपा की गोल गोल ब्रा के आकार को देखे जा रहा था
गजाला एक औरत होने के नाते अपने छोटे भाई की नज़र को भाप लेती हे
इस तरह अपने छोटे भाई को अपनी बड़ी बड़ी चुची को घुरता हुवा देख गजाला के तब बदन में आग लग जाती है उसकी चिकनी चूत से पानी रिसियाने लगता है
और वो अपना हाथ अपने भाई के सर से हटा कर उसकी नंगी छाती पे रख के सहलाते हुवे केहती चल नाहा ले जल्दी से अपनी बहन की आवाज़ सुन के
साहिल हड़बड़ाता हुवा हा आपा कह के साहिल अपनी नज़र बड़े बड़े पपीतों से हटा लेता है
और गज़ाला अपने होठों को छोटे भाई के सर चूमने के लिए पास लाती हे
उसके बड़े बड़े आधे नंगे चुचक उसके भाई के चेहरे पे आ लगते
एक बार के लिए साहिल का मन
करता है के जुबान निकल कर आपा के बड़े बड़े बोल चाट लू
पर बड़ी बहन होने के नाते उसकी हिम्मत नहीं होती ये करने की
और वो एक गहरी सांस अनदर खिचता हुवा अपनी बड़ी बहन की मादक अंग की गंध सूंघ लेता है
उसकी आपा की
ठोस चुचियो की मादक गंध की वजह से उसका लंड बार-बार ठुन्नी मारने लगता है
गज़ाला अपने भाई के सर को चूम कर खड़ी होजति हे और बेडरूम से बहार जाने लगती हे
अपनी बहन को जाते हुवे देख उसकी नज़र पहली बार बहन की फेल हुई गांड पर चली जाती है
जिसको देख के उसका मन गदगद हो जाता है
इतनी बड़ी और भराव दार गांड उसने आज तक नहीं देखी थी
उसका हाथ अपने आप उसके लंड पे चला जाता है अपनी आपा की गांड को घूरते हुए अपने लंड को कस के मुट्ठी में दबोच लेता है
और मन ही मन सोचता हे काश ऐसी बड़ी गाँड मिल जाए तो रात भर घोड़ी बना के रगड रगड चोदु
ये सब सोचते हुए वो बिस्तर से उठ के बाथरूम में चला जाता है और दरवाजा बंद कर देता है
जेसे दरवाजे बंद होने की आवाज गजाला के कानों में पड़ती है
वो धीरे-धीरे चलते हुवे बाथरूम की ओट में आकर खड़ी होजती हे
आज सुबह से जो उसके मन में चल रहा था वो घड़ी आचुकी थी
दरसल गज़ाला की चूत मैं से उस दिन से आग लगी हुई थी जिस दिन उसके छोटे भाई ने उसकी उतारी हुई चड्ढी और ब्रा रस्सी पे टांगी थी
वो देखना चाहती थी उसका छोटा भाई उसकी चड्ढी और ब्रा के साथ पहले क्या करता है
बाथरूम का दरवाजा बंद कर के साहिल अपनी ट्रैक पैंट उतार ने लगता है और यहां गजाला दरवाजे में बने छोटे से होल में अपनी आंख लगा कर एक तक अपने भाई को देखती हे
साहिल अपनी पेंट जेसे कमर के निचे अपनी गांड तक लता हे
बहार गज़ाला की साशे तेज होने लगती है
जेसे ही साहिल की पेंट गांड से होते हुए उसकी पतली सुकड़ी झांग तक आती है
गज़ाला की आँखे पूरी बहार अजाती हे
क्यूकी अंडरवियर में भी साहिल का सोया हुवा लंड का टोपा ऐसा लग रहा था के मानो वो इंसान का ना होके किसी गधे का हो
जब साहिल अपने पेंट को पूरी निकाल कर बाथरूम की रस्सी पे डाल ने के लिये आगे बढ़ता है तब उसके पैर मैं कुछ चुभता है
जेसे ही वो नीचे झुक के देखता है उसको एक केंची मिलती है
जो गजाला ने अपनी चूत के बाल काट के वही जान बुज कर छोड़ दी थी
साहिल उस केंची पे जादा दिमाग नहीं लगता और उसको साइड मे बनी छोटी सी खिड़की पे रख देता है
और अंडरवियर की लास्टिक में अपने अंगुठे को डाल कर एक झटका में अपना अंडरवियर निकाल देता है
बदकिस्मती से साहिल की गांड दरवाजे की तरफ होती है उसके लिए गजाला उसके लंड को नहीं देख पाती
जब साहिल दरवाजे की तरफ शावर चालू करने के लिए घुमता है तब गजाला के पसिन छूट जाते हैं
उसका हाथ अपने मुँह पर आजाता है
और अपने मन में ही कहती हे बापरे इतना बड़ा लंड मेरे राजा का ये तो किसी गधे के लंड जितना हे
अभी भी साहिल का लंड सोया हुआ था जिसको देख के गजाला की चूत
कभी बाहर को खुलती तो कभी अंदर शिकुड जाती उसकी चूत
से चिप चिपा रस बहना चालू हो जाता है
शॉवर चालू कर के साहिल जेसे सबुन उठाने के लिए नीचे झुकता
उसकी नज़र नीचे पड़ी हुई अपनी आपा की लाल चड्ढी और ब्रा पे जाती है
ब्रा चड्ढी को देखते ही आज उसके लंड किसी सांप की तरह फुल ने लग ता हे
और बहार गजाला की धड़कन और बढ़ने लगती है उसके माथे से पसीने की बूंद चेहरे तक अजाती हे
और यहाँ साहिल अपनी आपा की ब्रा को उठा लेता हे
ब्रा के कप के अंदर उसको बाल का छोटा सा गुच्छा मिलता है
जिसको वो गोर से देख ने के लिए
अपनी आपा की ब्रा की दो इंच वाली बड़ी स्ट्रेप को अपने दांतों में फंसा लेता
गज़ाला बहार से ये देख के गद गद हो जाती है हे केसे उसके छोटे भाई ने उसकी उतारी हुई ब्रा को अपने दांतों में फासा कर टांग रखा है और हाथ में उसके झांटे के बाल लेके खड़ा है
साहिल उन बाल के गुच्छे में से एक बाल खिच के बहार निकलता है और उस दो इंच जितने लम्बे बाल
और नीचे मिली केंची
से उसको समझने में देर नहीं लगती के ये किस जगा के बाल हे वो समझ जाता हे के ये मेरी आपा के चूत के बाल हे
और इतना चुदासा हो जाता हे की
उसका आधा लंड खड़ा हो के इधर उधर लहराने लगता है और रह-रह के ठुन्नी मारने लगता है
गज़ाला को बहार से अपने छोटे भाई के लंड को ऐसा झटके खाते देख बर्दाश नहीं होता हे
और वो अपने एक हाथ को अपनी चूत पे रख के पूरी की पूरी चूत को मुट्ठी में दबोच लेती हे
और साहिल बाथरूम में अपनी आपा की झाँट को
अपनी नाख के पास ला कर उसको सूंघने लगता हे
झाँट के अन्दर से गज़ाला की मूत की महक से साहिल पागल हो जाता है और खूब ज़ोर ज़ोर से
सांस अंदर खींचने लगता है
अपनी आपा की झाँट की और झाँट में से आती हुई मुत की महक को वो अपने सीने के अंदर उतार लेता है
गज़ाला अपने छोटे भाई को
कीसी हवसि की तरह
ये सब करते देख उसकी आँखे पूरी लाल हो जाती हे
और वो इतनी चुदासी हो जाती हे के बाहर खड़े खड़े अपनी चुत को
खुरेदने लगती है
और मन ही मन में बात- करती है बाहर से कितना भोला है मेरा छोटा भाई और अंदर से कितना हवसी और चुद्दकड़ कैसे अपनी मां समान आपा के
चुत के बाल को सूंघ रहा हे
और अंदर साहिल अपनी आपा के चुत के बालों को एक बार अच्छे से सूँघ के साइड में फेंक देता हे
और अपनी दांतो में फसा के रखी लाल ब्रा को देखने लगता हे
ब्रा की बड़ी बड़ी गोल गोल कटोरी
को देख के साहिल अंदाज़ा नहीं लगा पाता के उसकी बहन के चुचे आखिर है कितने बड़े
और वो अपना मुँह सीधा उस ब्रा की कटोरी में डाल देता हे
अब उसका आधा मुंह अपनी बहन की ब्रा में होता हे और आधा मुह ब्रा के बाहर होता
ब्रा को अपने मुँह पे रखते उसको सुबह सुबह जो अपनी बहेन के बदन की जो मादक गंध सूंघने को मिली थी वैसी ही गंध गज़ाला की ब्रा में से भी आरही थी
जिसको सूंघके साहिल मस्त हो जाता है उसका लंड टन टना कर खड़ा हो जाता हे
बहार गजाला अपने भाई के पूरी ताकत से खड़ा होता लंड देख एक दम भौचक रह जाती हे
क्योंकि उसका लंड अब पूरी औकात में आचुका था उसके लंड की लम्बाई और मोटाई किसी गधे से कम नहीं थी
और उसके लंड का सूपड़ा किसी आलू बुखार की तरह पूरा गोल और लाल रंग का था
जिसको देख के गजला समझ जाती है जिसकी भी चूत में इसके लंड का टोपा घुसे गा उसकी चूत चार इंच तक फेल के भोसड़ा बन जाएगी
अंदर साहिल अपनी बड़ी आपा की
ब्रा को सुंघ सुंघ के एक दम हवसी हो जाता है और अपने लंड को अपने हाथों की मुट्ठी के पकड़ कर
धीरे-धीरे लंड को आगे पीछे करके हिलाने लगता है
बहार अपने छोटे भाई को किसी हवसी की तरह लंड हिलाते देख गजाला की चूत में चिट्टी या रेंगने लगती है
और वो अपना हाथ अपनी सलवार में दाल देती है
और अपनी चूत को अपनी उंगली यो से खुजलाने लगती है
अंदर साहिल अपनी बहन की ब्रा की गंध को सुंघ के एसा हो जाता हे के जेसे उसने चार बोतल का नशा कर लिया हो
ब्रा को अपने मुंह से हटा कर साहिल उसके आकार को देखता हे
जहा गोल गोल ब्रा की कटोरी के बीचों बीच में एक पॉइंट जैसा बना होता है
जिसको देख के साहिल समझ जाता हे के इस के अंदर मेरी आपा अपने मुंग फली जैसे निप्पले रखती हे
और उसको अपने होतो के पास लाकर अपनी लम्ब्बी जुबान बाहर निकाल के
ब्रा के उस पॉइंट के ऊपर फेर देता जैसे के वो उसकी आपा के बड़े बड़े चुचो के निप्पल को अपनी जुबां से चाट रहा हो
बहार अपने भाई को ऐसा करते देख ग़ज़ाला के तन बदन में एक आग सी लग जाती है
और वो अपना हाथ कपडे के ऊपर से ही अपने बड़े बड़े पपीतों पे रख कर कस के भींच लेती हे
उधर ब्रा को चाट ते हुवे साहिल की नज़र अपनी आपा की लाल रंग की चड्डी पे चले जाती हे
जिसको देख के साहिल का रोम रोम खड़े हो जाते हे
साहिल ब्रा को अपने खड़े लंड के ऊपर टांग देता है
बहार से अपने छोटे भाई के लंड पे अपनी ब्रा को टंगी हुई देख गजाला एक दम
चुदासी
हो जाती हे और अपनी चूत में एक ऊँगली डाल देती है
साहिल निचे झुक के अपनी आपा की चड्डी को उठा ता
है
चड्ढी की चूत वाली जगह पर एक बड़ा गुलाबी रंग का फूल बना होता है जिसको देख के उसका लंड एक जोर दार झटका खाता है
साहिल अपनी आपा की लाल चड्डी को घुमा घुमा के चारो तरफ से देखता हे आखरी में उसकी नज़र उस गुलाबी फूल के ऊपर आके रुक जाती हे
अपने छोटे भाई को अपनी चड्डी की चूत वाली जगह इस तरह से घूरता देख ग़ज़ाला अपनी उंगली से चूत को चोदने लगती हे
साहिल उस चड्ढी पे बने फूल को अपनी नाख के पास लाता हे और चड्डी को अपने पुरे चेहरे पे रख देता
और ज़ोर ज़ोर अपनी आपा की चड्डी को सूंघता हुवा अपने लंड को हिलाने लगता हे
अपने भाई को इस तरह अपनी चड्डी को सूंघता देख गजाला मन ही सोचती हे जब मेरी चड्डी को इतनी बुरी तरह हवसी की तरह सूंघ रहा हे
अगर में इसके सामने बिस्तर पर नागि होक अपनी दोनों टांगे फैला के मेरी चूत इसके सामने खोल
के रख दूँ तब तो ये किसी भूखे कुत्ते की तरह मेरी चूत को सूंघे गा
उधर साहिल अपनी आपा की चड्डी की इस तरीके की गंध सूंघ सूंघ के एक दम बावला सा हो जाता है
और अपने चेहरे से अपनी आपा की चड्डी को उठा कर फिर एक बार देखता है और सोचता हे
इतनी छोटी सी चड्डी में मेरी आपा की इतनी बड़ी फैली हुई गाँड कैसे आजाती होगी
और वो चड्डी को उल्टा कर देता है जिस से चड्डी का अंदर का भाग सामने आजाता हे जहाँ चूत वाली जगह के पास एक छोटा कपडा होता हे
साहिल से अब एक पल भी बर्दास्त नहीं होता हे और अपनी बहन की चूत वाली जगह को अपनी नाख से सत्ता के सूँघने लगता है
बहार खड़ी गजाला ये देख के गदगद होजाती हे उसको ऐसा लगता है उसका छोटा भाई चड्ढी की चुत वाली जगह को नहीं बल्कि उसकी चूत दोनों फांको के बीच अपना नाख घुसा के उसकी चूत को सूंघ रहा हे
चड्डी की चूत वाली जगा को अच्छे से सूंघने के बाद साहिल चूत वाली जगह पे एक जोर दार चुम्मा लेते हे
अपने भाई को अपनी चड्ढी की चूत वाली जगह को चुम्मा लेते देख
गजाला इतनी तेज़ी से अपनी चूत को ऊँगली से चोदने सुरु करदेती हे
और उसकी चूत झड़ने की कगार पर आजाती हे
चुम्मा लेने के बाद साहिल अपनी जुबान को बाहर लाता हे और अपनी आपा की चड्डी की चूत वाली जगह को जुबान से चाटते हुवे अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगता है
लंड को हिलाते हुए अन्यसहि उसके मुँह से निकलता हे ओह्ह गजाला तेरी चूत आह आह आपा तेरी चूत में मेरा मोटा लंड
कहते हुवे अपने लंड से पानी की एक एक करके पांच पिचकारी मारते हुवे झड़ने लगता हे
वहा गजाला अपनी चड्डी को
इस तरह से अपने भाई को चाट ता देख
और इस तरह से अपने भाई के मुँह से अपने लिए बाते सुनके उससे भी रहा नहीं जाता
और गजाला भी अपने मनमें बड़बड़ा देति है आह राजा मेरी चूत मे तेरा गधे जैसा लंड
आह राजा मेरे भोसड़े मे तेरा मोटा लम्बा लंड कहते हुवे भल भला कर झड़ने लगती हे
अपने छोटे भाई के लंड से इतना सारा वीर्य निकलते देख वो समझ जाती हे मेरा छोटा भाई जिस किसी औरत को एक बार अपने लंड से चोद दे
नौ महीने बाद उसका माँ बन ना निश्चिंत है
साहिल अपने लंड से लम्ब्बी लम्ब्बी पिचकारी छोड़ ने के बाद नहाने लग जाता हे
और गजाला झड़ने के बाद अपने रूम में जाकर अपनी चड्डी बदल कर फिर से घर के कामों में लग जाती है
नहाने के बाद साहिल तैयार होके नास्ता करने के लिए बाहर हॉल में आके बैठ जाता है
अपने भाई को बैठा देख गजाला चाय नाश्ता लेके आती हे और उसको देती हे
अपने भाई की रंगीन करतूत की वजह से गजाला की आँखे सरम से निचे होजाती
और साहिल फटा फट नाश्ता करके ऑफिस के लिए निकल ने से पहले अपनी बहन को गले लगाता है
गले लगते ही गजाला की बड़ी बड़ी चूचि उसके सीने में धस जाती हे जिसको वो अच्छे से महसूस करता है
और घर के बहार ऑफिस के लिए निकल जाता है