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Incest गलती से पोर्न

tharepist07

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📖 अध्याय 1 – गलती से पॉर्न तक पहुँच

रात का टाइम था।
घर के सब लोग सो चुके थे।
बस हॉल में राहुल (19 साल) और उसकी चचेरी बहन नेहा (22 साल) लैपटॉप लेकर मूवी ढूँढ रहे थे।

नेहा बोली —
"यार राहुल, कोई हल्की-फुल्की कॉमेडी या रोमांटिक मूवी ढूँढ... पढ़ाई से दिमाग़ पक गया है।"

राहुल नेट पर सर्च कर रहा था, टाइप करते-करते उसने गलती से कोई अजीब लिंक खोल दिया।
स्क्रीन पर अचानक एक औरत के बूब्स और नंगे लंड वाला वीडियो चल पड़ा।

नेहा चौंककर बोली —
"अरे ये क्या खोल दिया तूने? साला ये तो... पॉर्न है!"

राहुल हड़बड़ाकर बोला —
"ओहो... सॉरी दीदी, गलती से क्लिक हो गया।"

लेकिन दोनों ने लैपटॉप बंद नहीं किया।
स्क्रीन पर एक जवान लड़की को चूत मारते दिखाया जा रहा था।
उसकी चीखें और कराहें हॉल में गूंज गईं।

"आह्ह्ह... और जोर से... फाड़ दे मेरी चूत...!"

नेहा के गाल लाल हो गए।
उसने सोचा बंद कर दे, लेकिन आँखें स्क्रीन पर जमी रह गईं।
उधर राहुल का लंड हिलने लगा, पजामे के अंदर से हल्की सी फूलावट दिखने लगी।

नेहा ने उसे देखा और मुस्कुरा दी —
"तू तो बड़ा गंदा है रे... अभी से खड़ा हो गया क्या?"

राहुल झेंप गया —
"नहीं... कुछ नहीं है... बस ऐसे ही..."

लेकिन उसकी आँखें स्क्रीन से हट नहीं रही थीं।
नेहा भी बार-बार होंठ दबा रही थी।
वीडियो में आदमी औरत की गांड मार रहा था, “ठप-ठप-ठप” की आवाज़ आ रही थी।

नेहा का गला सूखने लगा।
उसकी चूत में हल्की सी गर्मी फैलने लगी।
सोफे पर बैठी-बैठी उसने पैर जोड़ लिए ताकि भाई को उसकी हालत न दिखे।

राहुल ने धीरे से आवाज़ में कहा —
"दीदी... ये लोग सच में ऐसा करते होंगे? मतलब... ये सब मज़ाक नहीं है?"

नेहा थोड़ी देर चुप रही, फिर बोली —
"अरे पागल, ये सब रियल होता है... औरतें भी मज़े लेती हैं... मर्द भी... तभी तो इतना शोर मचाती हैं।"

राहुल हँसते हुए बोला —
"मतलब तूने भी कभी ऐसा सोचा है?"

नेहा की आँखें फैल गईं, उसने गुस्से में कहा —
"चुप हरामी... मुझसे गंदे सवाल मत कर... बस मूवी देख।"

लेकिन दोनों जानते थे कि अब उनके बीच कुछ बदलने लगा है।
उस रात वीडियो खत्म होने के बाद भी दोनों देर तक चुप बैठे रहे।
मन में बस वही आवाजें गूंज रही थीं —
"आह्ह्ह... जोर से... और अंदर डाल... फाड़ दे मेरी चूत...!"

नेहा का दिल धड़क रहा था, और राहुल का लंड अब भी आधा खड़ा था।
दोनों ने लैपटॉप बंद कर दिया, लेकिन नज़रें मिलते ही हल्की सी शरारती मुस्कान आ गई।

यही वो शुरुआत थी... जो आने वाले दिनों में उन्हें धीरे-धीरे अपनी सबसे गंदी हदों तक ले जाएगी।
 

tharepist07

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📖 अध्याय 2 – जिज्ञासा

पहली रात के बाद नेहा और राहुल, दोनों के दिमाग़ में वो पॉर्न वाली आवाज़ें और सीन घूमते रहे।
नेहा अकेले अपने कमरे में गई तो बार-बार वही कराहें उसके कानों में गूँज रही थीं —
"आह्ह्ह... ओह्ह्ह्ह... फाड़ दे मेरी चूत..."

उसने आईने में खुद को देखा।
बूब्स भारी-भारी लग रहे थे, निप्पल सख़्त।
उसके हाथ बार-बार पैंटी के ऊपर जाने लगे, लेकिन उसने खुद को रोक लिया।

"नहीं-नहीं... ये गलत है... मैं पागल हो रही हूँ क्या?" — नेहा ने खुद से कहा।





उधर राहुल भी अपने बिस्तर पर लेटा था।
पजामे के नीचे उसका लंड खड़ा था, और बार-बार उसका हाथ उसे छूने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन जैसे ही नेहा का चेहरा याद आता, वो घबरा जाता।

"भोसड़ीके... मैं अपनी बहन के बारे में क्यों सोच रहा हूँ?"

फिर भी दिमाग़ में नेहा की हँसी, उसका झेंपना, और वीडियो के दौरान उसके लाल गाल घूम रहे थे।





🔹 दूसरी रात

अगले दिन फिर वही हुआ।
रात के खाने के बाद सब लोग सो गए।
नेहा और राहुल फिर हॉल में आ गए, इस बार बहाना लगाया —
"चल कोई मूवी देखते हैं... टाइम पास हो जाएगा।"

लैपटॉप खुला, और इस बार राहुल ने सीधे वही साइट खोल दी।

नेहा ने ताने के अंदाज़ में कहा —
"तू तो बड़ा गंदा निकला... सीधे पॉर्न ही लगाएगा?"

राहुल ने मुस्कुराकर कहा —
"दीदी, कल तो तूने भी पूरा देखा था... आज क्यों नाटक कर रही है?"

नेहा थोड़ी झेंपी, लेकिन उसके मन की जिज्ञासा अब और बढ़ चुकी थी।
उसने हाथ से इशारा किया —
"ठीक है, चला... देखते हैं।"





🔹 स्क्रीन पर नज़ारा

इस बार वीडियो में एक जवान लड़की अपने ब्वॉयफ़्रेंड के लंड को मुँह में ले रही थी।
"चप-चप-चप... स्लर्प-स्लर्प..." की आवाज़ हॉल में गूँज रही थी।

राहुल की साँसें तेज़ होने लगीं।
उसकी आँखें बहन के चेहरे पर गईं — नेहा पूरी तल्लीनता से देख रही थी, उसकी जीभ होंठों पर बार-बार घूम रही थी।

नेहा के अंदर गड़बड़ होने लगी।
"ये औरत कितनी बेझिझक चूस रही है... लंड चूसना सच में इतना मज़ेदार होता होगा क्या?"

उसका दिल धड़क रहा था, और पैंटी के अंदर चूत गीली होने लगी।





🔹 अजीब माहौल

राहुल का पजामा टेंट की तरह खड़ा हो चुका था।
नेहा ने उस पर नज़र डाली और मुस्कुराकर बोली —
"ओहो... फिर से खड़ा हो गया तेरी पैंट में? साला, कितनी जल्दी गरम हो जाता है!"

राहुल हड़बड़ा गया, बोला —
"अरे... ये तो अपने-आप... कुछ कंट्रोल नहीं होता।"

नेहा हँस दी, लेकिन उसका खुद का बदन भी काँप रहा था।
बूब्स कसकर ब्रा में उभर रहे थे।

दोनों को अब समझ आ गया था कि ये सिर्फ़ “मूवी” देखने की बात नहीं रही।
उनके बीच कुछ नया और खतरनाक पनप रहा था।





उस रात दोनों ने लैपटॉप बंद किया, लेकिन मन की आग और तेज़ हो चुकी थी।
नेहा अपने कमरे में जाकर पैंटी उतारकर लेट गई और तकिये को कसकर दबा लिया।
राहुल भी बिस्तर पर करवटें बदलता रहा, लंड बार-बार फड़क रहा था।

दोनों जानते थे कि अगली रात वे और ज़्यादा खुलकर देखने वाले हैं।
 

tharepist07

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📖 अध्याय 3 – दोनों की चुप्पी

सुबह का वक्त था।
नेहा रसोई में चाय बना रही थी, और राहुल अख़बार पढ़ने का नाटक कर रहा था।
लेकिन दोनों की नज़रें जैसे ही टकरातीं, तुरंत ही झट से इधर-उधर हो जातीं।

राहुल के दिमाग़ में रात वाला सीन बार-बार घूम रहा था —
वो लड़की कैसे झुककर लंड मुँह में ले रही थी, चूस रही थी, “चप-चप-चप” की आवाज़ें...
और साथ ही उसे नेहा का चेहरा भी याद आ रहा था, जब वो ध्यान से स्क्रीन देख रही थी, होंठ भींच रही थी।

"भोसड़ीके... अगर दीदी भी ऐसा करे तो कैसा लगेगा?" — राहुल का लंड अंदर ही अंदर खड़ा हो जाता।





नेहा भी चैन में नहीं थी।
वो कप धुल रही थी, लेकिन उसके मन में वो लड़के का मोटा लंड घूम रहा था।
"इतना बड़ा लंड... जब वो लड़की के मुँह में था... और जब उसकी गांड में घुसा... आह्ह्ह... मैं क्यों इतना सोच रही हूँ?"

उसने खुद को झटक दिया, लेकिन पैंटी के अंदर उसकी चूत गीली हो चुकी थी।





🔹 दिनभर का माहौल

दिनभर दोनों जैसे अनजान बने रहे।
माँ-बाप से बात करते, छोटे-मोटे काम करते।
लेकिन जैसे ही एक-दूसरे को अकेले कमरे में देखते, आँखें झुक जातीं।

नेहा कभी राहुल के पजामे के टेंट की झलक पकड़ लेती, तो राहुल उसकी टी-शर्ट के नीचे से झाँकते बूब्स पर नज़र डाल लेता।
लेकिन दोनों चुप रहते।





🔹 रात की बेचैनी

उस रात नेहा कमरे में अकेली थी।
उसने बत्ती बुझाई और चुपचाप बिस्तर पर लेट गई।
दिमाग़ में वही पॉर्न के सीन, वही "ठप-ठप-ठप" की आवाज़ें गूँजने लगीं।

उसका हाथ अपने आप नीचे गया, पैंटी पर दबाव डाला।
"उफ़्फ्फ... इतनी गीलापन क्यों है... मैं पागल हो जाऊँगी..."

लेकिन फिर अचानक राहुल का चेहरा याद आया।
वो पजामे में खड़े लंड के साथ, शर्माते हुए।
नेहा हड़बड़ाकर हाथ पीछे खींच लिया —
"नहीं... ये ग़लत है... भाई है मेरा..."





उधर राहुल अपने कमरे में लेटा था।
लंड पूरा खड़ा हो चुका था, पजामा तंग।
वो करवटें बदलता रहा, खुद को रोकता रहा।

"नहीं... दीदी के बारे में नहीं सोचना चाहिए... लेकिन जब वो हँस रही थी, उसके बूब्स कैसे हिल रहे थे... भोसड़ीके... क्या माल लग रही थी..."

उसका हाथ धीरे-धीरे पजामे के ऊपर जाने लगा।
लेकिन उसने कसकर मुठ्ठी भींच ली और आँखें बंद कर लीं।
आज उसने मुठ नहीं मारी, लेकिन अंदर ही अंदर जलता रहा।





🔹 नई शुरुआत का बीज

दोनों ने उस रात एक-दूसरे से सीधे नज़रें नहीं मिलाईं।
लेकिन दोनों को यकीन हो गया था —
ये “मूवी देखने” वाला खेल अब वहीं नहीं रुकेगा।
आगे कुछ बड़ा होने वाला है।
 
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tharepist07

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📖 अध्याय 4 – दूसरी रात

रात के दस बज चुके थे।
माँ-बाप अपने कमरे में सो चुके थे।
हॉल में बस राहुल और नेहा थे।

नेहा बोली —
"राहुल, चल... कल वाली मूवी पूरी नहीं हुई थी... आज देखते हैं।"

राहुल हँसकर बोला —
"मूवी? या फिर वही गंदगी?"

नेहा झेंप गई, मगर होंठ दबाकर बोली —
"तेरे हाथ में है लैपटॉप... तू ही खोल।"





🔹 लैपटॉप खुलते ही

राहुल ने कुछ देर ऐसे दिखाया जैसे नॉर्मल मूवी ढूँढ रहा है।
फिर अचानक वही साइट खोल दी।
स्क्रीन पर सीधे एक लड़की का नंगा बदन चमक उठा।

नेहा ने नकली गुस्से से कहा —
"हरामी... तू तो बड़ा ही गंदा निकला।"

राहुल मुस्कुराया —
"दीदी, तू चाहती तो रोक सकती थी... लेकिन तू खुद देख रही है।"

नेहा चुप हो गई।
वो स्क्रीन से नज़र नहीं हटा पा रही थी।





🔹 स्क्रीन पर सीन

वीडियो में अब एक लड़का लड़की को बेड पर पलटकर उसकी गांड मार रहा था।
"ठप-ठप-ठप... आह्ह्ह... ओह्ह्ह्ह... मेरी गांड फट गई...!"

पूरा हॉल उस आवाज़ से गूंजने लगा।

नेहा के गाल लाल हो गए।
उसके पैर अपने आप हिल रहे थे।
टी-शर्ट के नीचे से बूब्स तेजी से उठ-गिर रहे थे।

राहुल के पजामे का टेंट पहले से बड़ा हो चुका था।
उसने बार-बार पैर क्रॉस करके छुपाने की कोशिश की, मगर खड़ा लंड साफ़ दिख रहा था।





🔹 पहला मज़ाकिया टच

नेहा ने हँसकर कहा —
"अबे... तेरी पैंट तो फिर से खड़ी हो गई... सच में तू बहुत गंदा है।"

राहुल झेंप गया —
"कुछ नहीं है... तू भी तो गंदा देख रही है।"

नेहा ने उसके कंधे पर हल्का धक्का मारा।
उस धक्के से उसका हाथ राहुल की जांघ से टकरा गया।

दोनों एक पल के लिए रुक गए।
नेहा का हाथ वहीं ठहरा रहा, फिर धीरे से उसने खींच लिया।

राहुल अंदर से पागल हो गया।
"भोसड़ीके... उसका हाथ मेरी जांघ से टच हुआ... आह्ह्ह..."





🔹 माहौल और गरम

वीडियो में अब लड़का लड़की की चूत चाट रहा था।
"चप-चप-चप... स्लर्प-स्लर्प..."

नेहा ने ध्यान से देखा, उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
उसका हाथ बार-बार अपनी जांघों पर जा रहा था।

राहुल ने उसे घूरा और हँसते हुए बोला —
"दीदी... तू भी गरम हो रही है क्या?"

नेहा ने नकली गुस्से से कहा —
"चुप बे... मैं तुझे थप्पड़ मार दूँगी...!"
लेकिन उसके गाल और लाल हो गए, आँखें चमक रही थीं।





🔹 चुप्पी में आग

वीडियो चलता रहा, दोनों बिना पलक झपकाए देखते रहे।
लैपटॉप की रोशनी में उनकी आँखों की भूख साफ़ दिख रही थी।

राहुल का लंड अब पूरी तरह पजामे को फाड़ने पर उतारू था।
नेहा की चूत गीली हो चुकी थी, लेकिन वो अपने पैर कसकर दबाए बैठी थी।

दोनों ने लैपटॉप बंद नहीं किया।
उस रात वीडियो तब तक चलता रहा जब तक उनके अंदर की भूख और जिज्ञासा पागलपन की हद तक नहीं पहुँच गई।
 

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📖 अध्याय 5 – पहली गर्माहट

रात का वही माहौल था।
हॉल की बत्ती हल्की थी, लैपटॉप सामने रखा था।
नेहा और राहुल सोफे पर पास-पास बैठे थे।

स्क्रीन पर एक और वीडियो चालू था।
इस बार लड़की पूरी तरह नग्न थी, उसके बूब्स उछल रहे थे, और लड़का उसके ऊपर झुका उसकी चूत में लंड डाल रहा था।

"ठप-ठप-ठप... आह्ह्ह... जोर से बे... मेरी चूत फाड़ दे...!"

वीडियो की आवाज़ें दोनों के कानों में सीधी आग की तरह उतर रही थीं।





🔹 बहन की हालत

नेहा का गला सूख रहा था।
उसने अपने होंठ दबाए, लेकिन पैंटी के अंदर गीलापन इतना बढ़ गया कि उसे खुद महसूस होने लगा।
उसके पैर अनजाने में कांप रहे थे।

"ओह्ह्ह... ये औरत इतनी चीख क्यों रही है... क्या सच में इतना मज़ा आता है?" — नेहा ने सोचा।

उसका हाथ धीरे-धीरे अपनी जांघों पर आ गया, और वो बार-बार उन्हें कसकर दबा रही थी।





🔹 भाई की हालत

राहुल के लिए ये सब बर्दाश्त से बाहर हो रहा था।
उसका लंड पजामे को पूरी तरह टेंट बना चुका था।
हर बार जब स्क्रीन पर “ठप-ठप” की आवाज़ आती, उसका लंड और उछल जाता।

नेहा ने उसकी तरफ़ देखा और हल्की हँसी दबा दी।
"ओहो... तेरी पैंट तो पूरा तंबू बन गई है।"

राहुल झेंपते हुए बोला —
"क्या करूँ... अपने-आप खड़ा हो जाता है।"

नेहा ने उसकी आँखों में झाँका, फिर स्क्रीन की तरफ़ देखने लगी।
लेकिन उसके गाल और लाल हो चुके थे।





🔹 एक पल का टच

वीडियो में लड़का अब लड़की के बूब्स दबा रहा था, और मुँह से उसके निप्पल चूस रहा था।
"चप-चप... आह्ह्ह..."

नेहा ने अजीब सी बेचैनी से अपना हाथ आगे बढ़ाया, और सोफे पर सरकते हुए उसका हाथ हल्के से राहुल की जांघ से टकरा गया।

राहुल का दिल जोर से धड़क उठा।
उसने आँखें घुमा कर नेहा की ओर देखा।
नेहा ने हाथ तुरंत हटा लिया, मगर उसकी साँसें तेज़ हो गईं।

"भोसड़ीके... उसका हाथ मेरी जांघ से टच हुआ... अगर थोड़ा और नीचे होता तो सीधा लंड पकड़ लेती..." — राहुल के दिमाग़ में यही चल रहा था।





🔹 चूत और लंड की गर्मी

वीडियो चलता रहा।
नेहा अब अपने होंठ चाट रही थी, उसके निप्पल ब्रा के अंदर से ही सख़्त हो गए थे।
उसने पैर कसकर दबा लिए ताकि भाई उसकी चूत की हालत न समझ पाए।

राहुल भी बार-बार पजामा एडजस्ट कर रहा था, लेकिन जितना छुपाता, लंड उतना ही ऊपर उठकर दिखता।

दोनों की आँखें स्क्रीन पर थीं, लेकिन उनके दिमाग़ में अब खुद का शरीर घूम रहा था।





🔹 अंत का सन्नाटा

आख़िरकार नेहा ने लैपटॉप बंद कर दिया और उठ गई।
"सो जा राहुल... बहुत हो गया आज।"

राहुल ने उसे जाते हुए देखा —
उसकी कमर हिल रही थी, और पैंटी की लाइन शॉर्ट्स के नीचे साफ़ नज़र आ रही थी।
उसका लंड फिर से जोर से फड़क उठा।

नेहा अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गई।
उसने पैंटी उतारी और अपनी चूत पर हाथ रखा।
"उफ़्फ्फ... गीली क्यों हो गई हूँ मैं...?"

राहुल भी अपने कमरे में जाकर पजामा उतार चुका था।
लंड सीधा खड़ा था, हाथ बार-बार उसके ऊपर जा रहा था, मगर वो खुद को रोक रहा था।
"अभी नहीं... अगर मैंने एक बार शुरू कर दी तो रुकूँगा नहीं..."

दोनों अपने-अपने कमरे में तड़पते रहे।
अब उनके शरीर ने साफ़ इशारा दे दिया था कि ये खेल जल्द ही मुठ और चूत-सहलाने तक पहुँचेगा।
 

tharepist07

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📖 अध्याय 6 – नज़रें और मुस्कान

अगले दिन सुबह का वक्त था।
नेहा रसोई में खड़ी दूध उबाल रही थी, और राहुल चुपचाप टेबल पर बैठा था।
उसकी आँखें अख़बार पर थीं, मगर बार-बार नेहा के हिलते बूब्स पर जा रही थीं।

नेहा ने गौर किया और मुस्कुरा दी।
"कितनी देर से झाँक रहा है हरामी... अख़बार पढ़ रहा है या मेरी छाती?"

राहुल झेंपकर बोला —
"न... नहीं दीदी, कुछ नहीं।"
लेकिन उसके गाल लाल हो गए।





🔹 नज़रें जो बोल रही थीं

दिनभर जब भी दोनों आमने-सामने होते, नज़रें टकरा जातीं।
नेहा हँसकर नज़रें हटा लेती, और राहुल शर्माकर।
लेकिन दोनों जानते थे कि मन में सिर्फ़ वही पॉर्न और कल रात की गर्मी घूम रही है।

राहुल जब नेहा को झुकते देखता, तो उसकी पैंट में हल्की सी फूलावट हो जाती।
नेहा नोटिस करती और हल्की मुस्कान दबा देती।

उधर नेहा जब रसोई में खड़ी होकर चम्मच से कुछ मिलाती, तो उसकी कमर हिलती।
राहुल उसे घूरता रह जाता।
नेहा मुड़कर उसकी नज़र पकड़ लेती, और बिना कुछ बोले मुस्कुरा देती।





🔹 शाम का छोटा इशारा

शाम को टीवी चालू था, दोनों साथ बैठे थे।
राहुल ने रिमोट उठाने के लिए झुकते हुए नेहा की जांघ को हल्का सा छू लिया।
नेहा ने देखा, लेकिन कुछ बोली नहीं।
बस मुस्कान के साथ उसकी आँखों में घूरती रही।

राहुल का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा।
"भोसड़ीके... ये तो कुछ कह भी नहीं रही... मुस्कुरा क्यों रही है? क्या सच में इसे भी मज़ा आ रहा है?"





🔹 रात का सन्नाटा

उस रात दोनों फिर से लैपटॉप लेकर हॉल में बैठे।
राहुल ने कुछ कहे बिना वही पॉर्न साइट खोल दी।
इस बार किसी ने "गलती" का नाटक नहीं किया।

स्क्रीन पर लड़की अपने ब्वॉयफ़्रेंड का लंड हाथ में पकड़कर मुठ मार रही थी।
"चप-चप-चप... आह्ह्ह... और जोर से..."

राहुल ने नेहा की तरफ़ देखा।
उसकी आँखें स्क्रीन पर जमी थीं, होंठ हल्के खुले थे।
उसकी जांघें कसकर दबाई हुई थीं।

नेहा ने भी अचानक राहुल के पजामे में खड़े लंड की तरफ़ देखा और फिर उसकी आँखों में।
दोनों एक पल के लिए चुप रहे, फिर हल्की मुस्कान आ गई।





🔹 बिना बोले समझौता

कोई कुछ नहीं बोला।
वीडियो चलता रहा, कमरे में कराहें गूंजती रहीं।
लेकिन अब दोनों समझ चुके थे कि उनके बीच की चुप्पी और मुस्कान ही आने वाले तूफ़ान की निशानी है।
 

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अध्याय 7 – तीसरी रात – अब दोनों खुलकर पॉर्न देखने लगते हैं

रात के साढ़े दस बजे।
घर के बाकी लोग अपने-अपने कमरों में सो चुके थे।
नेहा ने हल्की मुस्कान के साथ राहुल की तरफ़ देखा और बोली —
"चल, लैपटॉप निकाल... आज फिर मूवी देखते हैं।"

राहुल समझ गया कि ये मूवी कोई “आम” मूवी नहीं होगी।
उसका दिल ज़ोर से धड़कने लगा।





🔹 सीधे पॉर्न साइट

इस बार राहुल ने बिना घुमाए-फिराए ब्राउज़र खोला और सीधा पॉर्न साइट पर चला गया।
नेहा ने उसे रोका भी नहीं।
बल्कि वो खुद स्क्रीन के पास झुककर बोली —
"ये वाला चला... लड़की बड़े मज़े से चूस रही है।"

राहुल की आँखें फटी की फटी रह गईं।
उसने बहन को कभी इतने खुले अंदाज़ में बात करते नहीं सुना था।





🔹 वीडियो चालू

स्क्रीन पर लड़की अपने ब्वॉयफ़्रेंड का मोटा सा लंड पकड़कर घुटनों पर बैठ गई।
वो मुँह खोलकर धीरे-धीरे उसे चूसना शुरू कर देती है।
"चप-चप-चप... स्लर्प... आह्ह्ह... गटक-गटक..."

राहुल का लंड पजामे में तड़प उठा।
उसने पाँव एडजस्ट किए ताकि उभार छुप जाए।

नेहा के गाल गर्म हो चुके थे।
उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
उसने धीरे से अपनी जांघें रगड़नी शुरू कीं।





🔹 अब कोई झिझक नहीं

वीडियो में लड़की मुँह से लंड बाहर निकालकर बोल रही थी —
"तेरा लंड गजब है बे... मेरी गले तक जा रहा है...!"

नेहा ने हल्की हँसी दबाकर राहुल की तरफ़ देखा।
"तेरा भी वैसे ही खड़ा हो जाता है क्या...?"

राहुल की धड़कनें तेज़ हो गईं।
"हाँ... मतलब... हाँ दीदी..."

नेहा ने फिर स्क्रीन पर नज़रें टिकाईं, लेकिन उसकी मुस्कान सब कह रही थी।





🔹 माहौल और गरम

वीडियो अब आगे बढ़ा।
लड़का लड़की को सोफे पर लेटा देता है और उसकी चूत पर मुँह रख देता है।
"चप-चप-चप... आह्ह्ह... मेरी चूत चाट बे..."

नेहा ने अपनी साँसें रोकीं, पैर सिकोड़ लिए।
उसका दिमाग़ चीख रहा था — “काश कोई मेरी चूत भी ऐसे ही चाटता...!”

राहुल पजामे को कसकर दबाए बैठा था।
"भोसड़ीके... अगर मैंने अभी हाथ डाला तो यहीं मुठ मार दूँगा।”





🔹 मुस्कान और इशारे

वीडियो खत्म हुआ।
दोनों कुछ देर खामोश रहे।
फिर नेहा ने मुस्कराकर कहा —
"कल और देखेंगे... अभी तो मज़ा आना शुरू हुआ है।"

राहुल ने उसकी आँखों में देखा और सिर हिलाया।
अब दोनों जानते थे — तीसरी रात ने सब बदल दिया है।
अब ये सिर्फ़ "पॉर्न देखना" नहीं रहा... ये खेल जल्द ही आगे बढ़ेगा।
 

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📖 अध्याय 8 – पहला टच

रात का सन्नाटा।
कमरा आधा अंधेरे में था।
नेहा आराम से सोफ़े पर बैठी थी, बस एक ढीली-सी टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने हुए।
बिना ब्रा के उसके बूब्स टी-शर्ट के नीचे हल्के-हल्के हिल रहे थे।

राहुल ने स्क्रीन की तरफ़ देखने का नाटक किया, लेकिन उसकी आँखें बार-बार दीदी के बूब्स पर अटक रही थीं।
उसकी साँसें भारी हो रही थीं।





🔹 नज़र का खेल

नेहा ने अचानक उसकी आँखें पकड़ लीं।
वो मुस्कुराई और बोली —
"कहाँ देख रहा है हरामी...?"

राहुल झेंप गया —
"नहीं तो... बस ऐसे ही..."

नेहा ने टी-शर्ट के गले को खींचकर और नीचे कर दिया, मानो जानबूझकर छुपाने के बजाय और दिखा रही हो।
"अरे, शर्म मत कर... पता है तू घूर रहा है।"

राहुल का दिल जोर से धड़कने लगा।
उसका लंड पजामे में और सख़्त हो गया।





🔹 पहला टच

वीडियो में लड़का लड़की के बूब्स दबा रहा था।
नेहा ने टीवी स्क्रीन की तरफ़ इशारा करके कहा —
"देख, ऐसे पकड़ते हैं निप्पल... दर्द होता होगा क्या?"

राहुल ने हिम्मत करके हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन बीच में ही रोक लिया।
उसका हाथ नेहा की जांघ से हल्का सा टकराया।

नेहा ने उसकी तरफ़ देखा, और बिना कुछ कहे बस हँस दी।
उसकी हँसी में शरारत भी थी और इशारा भी।

"भोसड़ीके... उसने मेरा हाथ हटाया नहीं... इसका मतलब इसे भी मज़ा आ रहा है..." — राहुल के दिमाग़ में यही चल रहा था।





🔹 गहरी साँसें

नेहा ने अब कंधे से अपनी टी-शर्ट थोड़ा खिसकाई।
उसका आधा बूब्स का उभार साफ़ दिखने लगा।
राहुल की नज़र वहीं अटक गई।

नेहा ने फिर मुस्कुराते हुए बोला —
"तू देख-देख के मेरा बूब्स खा जाएगा क्या?"

राहुल हँसने लगा, मगर उसके पजामे में लंड की हालत और बुरी हो चुकी थी।





🔹 अंत का इशारा

वीडियो बंद हुआ।
नेहा उठकर अपने कमरे की ओर गई।
दरवाज़े पर रुककर पीछे मुड़ी और बोली —
"कल से तू मुझे इतना घूर रहा है... संभालकर वरना पकड़ लूँगी।"

राहुल का दिल धक से रह गया।
उसकी आँखों के सामने बस नेहा के हिलते बूब्स घूम रहे थे।

वो कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गया, और हाथ अपने लंड पर रखते ही सोचा —
"अगर उसने सच में पकड़ लिया तो? भोसड़ीके... मज़ा आ जाएगा।"
 
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