अपडेट-2
तो स्टोरी शुरू होती है गर्मियों का समय है।
विकी अपना रोज का रूटीन फॉलो करके अपने दोस्त यानी अनूप के साथ स्कूल के लिए निकल गया। अनूप शुरू से थोड़ा गुंडा गर्दी और रौब में रहने वाला लड़का है।
विक्की और अनूप दोनो एक साथ स्कूल पैदल जाते हैं, मस्ती करते हुए।
घर से स्कूल जाने के दो रास्ते हैं एक बीच गांव से जबकी दूसरा थोड़ा जंगली इल्का है वहां ज्यादा कोई आता नहीं है। लेकिन हम दोनों जाते पहले रास्ते से और लौट का दूसरे रास्ते से ही आते हैं।
विक्की और अनूप की दोस्ती के किस्से पूरे स्कूल में मशहूर हैं दोनों एक दूसरे के लिए, जान देने तक को तैयार रहते हैं। इनके और भी दोस्त हैं लेकिन bff यहीं दोनों हैं।
स्कूल से घर जाते वक्त अनूप विक्की से,
अनूप- और विक्की अब तो होली की स्कूल में हफ़्ते भर की छुट्टी है, कुछ प्लान वघेरा है क्या? इतना कहते अनूप ने विक्की के गले में हाथ डाल लिया।
विक्की- नहीं यार हम लोगों का क्या प्लान है, हर बार की तरह 2 दिन पहले घर की साफ सफाई फिर होली बाले दिन रंग खेलो रात में मिलन समारोह बस खत्म छुट्टियाँ।
अनूप- अबे यार तेरा हर बार का यही है. कुछ अलग कोशिश कर। देख अबकी मैंने मिनी होली पार्टी रखी है। जिसके हम 4-5 दोस्त लोग हैं। मैं चाहता हूं की तुभी शामिल हो।
विक्की- पार्टी, हम्म अच्छी बात है यार तुम वैसे भी अमीर खानदान का है तेरी मेरी कहा की बाराबरी है।
अनूप- देख विकी दोस्ती के बीच में अबकी बार पैसे लाया। तो मैं तेरे से बात नहीं करुंगा.
और रही बात पार्टी की तो भाई तुम कब तक बच्चा बना रहोगे कभी तो बड़ा हो।(इतना कहते ही अनूप ने अपने बैग से सिगरेट निकाली और जला कर पीने लगा।
विक्की - यार तुझे कितनी बार मना किया है कि मेरे साथ हुआ कर तो ये सब मत किया कर। मेरा घर बालों को और शक होने लगा है मेरे ऊपर।
अनूप- विक्की भाई यहीं जिंदगी है और कुछ नहीं और मैं तो कहता हूं तू भी एक बार ट्राई करके देख। जब जिम्मेदरियों में पड़ जाएगा तो यही सोचेगा कि काश अनूप की बात मन ली होती। तो मैंने भी अपनी जवानी जी ली होती।
विक्की- हां मुझे दिख रहा है कि तेरे ऊपर ये सही में असर कर रही है। जो मुझे ज्ञान दे रहा है।
चलते चलते हम लोग बाग के पास पहुंच गया थे।(हम दोनो लोग बाग के अंदर चल दिए)
बाग के थोडा अंदर हम दोनों लोग नदी के किनारे पेड़ के नीचे आराम से लेट कर बातें करने लगते हैं।
अनूप - विक्की यार, क्या तू कभी भी जिंदगी में ये सब नहीं करेगा।
विक्की- नहीं यार ये सब गलत है।
अनूप हस्ते में - अब यार तू तो ऐसे सीधे बन रहा है जैसे सुहागरात पर अपनी म्हेरिया की लेगा भी नहीं। तेरा खड़ा भी होता है हां नहीं।
विकी गुस्से में - तेरे पास और बात नहीं है इसके अलावा।
अनूप- अच्छा चल ठीक है कोई बात नही, तो फिर तू पार्टी आएगी ना. देख पूरा इंतज़ाम है दारू, सिगरेट डीजे और रात को 2 रंडी भी आएगी नचने के लिए और बजाने के लिए अगर तू आएगा तो याद रखेगा पार्टी अपनी जिंदगी भर।
विक्की- तू ये सब अपने घर पर करेगा।और कोई तुझसे कुछ कहेगा भी नहीं, तेरे सही है यार.
अनूप- नहीं वे, वो फार्महाउस पर ये सब इंतज़ाम है. और घर वालों को ये थोड़ी ना मालूम है कि मैं दारु और रंडीबाजी करूंगा। वो तो झूठ बोल के परमिशन मिली है।
विक्की- यार तेरा सही है तेरे घर वाले तुझे बहुत छूट देते हैं। मेरे घर वाले तो मेरी मारे ही रहते हैं कहीं ये करो वो करो पढ़ाई करो नंबर नहीं आ रहे। दुनिया भर की बातें सुनते रहते हैं।
अनूप- तभी तो कहे रहा हुआ भाई यहीं 3-4 साल जिंदगी जीने के फिर वही जिम्मेदरिया ही है। फिर तू अपनी खिचड़ी में पड़ जाएगा, मैं अपनी में, की क्या करे क्या नही,
फिर हम दोनों इतना टाइम आपस में कहा बिता पाएंगे।
और फिर यहीं बीते हुए पल तो याद आएंगे।
विक्की- नहीं यार अनूप मेरी मजबूरी समझ कर तेरे मम्मी-पापा कूल हैं लेकिन सबके एक जैसे नहीं होते ना।
अनूप- देख भाई अब मैं आखिरी बार बोल रहा हूं। तुझे अपनी दोस्ती की कसम तू पार्टी में आ रहा है। बस और कोई बात नहीं करनी मुझे। नहीं आया तो मैं समझूंगा कि अपनी दोस्ती थी नहीं आज तक।
(फिर अनूप ने सिगरेट निकाली और पीने लगा)
विक्की- यार देख ये सब कसम वसम मत दिया कर, ठीक है मैं अपनी तरफ से कोशिश करूंगा आने की
और अब घर चल शाम होने का आ रही है।
अनूप- यार तू एक बार सिगरेट ट्राई करके क्यो नही देखता मजा आएगी।
विक्की- ना मेरे माँ बाप ने ये सिखाया और नहीं मुझसे ये सब हो पाएगा। और सिगरेट सिर्फ बुरे लोग ही पीते हैं।
अनूप- हां सही कह रहा है जैसे मेरे घर वाले तो मुझे ट्रेनिंग देते हैं कि ये सब करो। और मैं तो गुंडा हूं तभी तो ये सब करता हूं।
देख विकी मजा लेना है तो रिस्क लेना ही पड़ेगा समझे।
और अनूप ने अपनी सिगरेट विकी को दे दी और बोला अब भाई तेरे हाथ में है कि मर्द बनाना है तो सिगरेट मुहूं लगा और एक कश खीच या ऐसे ही कुंद रहना है तो नीचे फेंक दे।
और मैं ज्यादा नहीं सिर्फ एक कश फुकने के लिए कह रहा हूं।
विक्की को अब समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। वो एक तारिके से दलदल में फंस गया था। लेकिन अनूप की कड़वी बातें कहीं ना कहीं विक्की के मान ने आग लगा रही थी।
विक्की ने जैसे ही सिगरेट का कश खींचा विक्की जोर जोर से खसने लगा और अनूप खुशी से ताली बजाने लगा ये हुई ना बात और जोश में आके उसने विक्की के गाल पर किस कर दिया। और अब यह हुई मर्दों वाली बात,
विक्की होश संभालते हुए ये क्या कर रहा था तू।
अनूप- अबे अब हुए हम पक्के जोड़ीदार और पगले ये दोस्ती की किस हो हम लोग कोई गे थोड़ी ना पागल।
और ये चिगुम खा ले तेरे मुंह से महक नहीं आएगी। और अगर घर पे नशा सा लगे तो निम्बू चाट लेना तो सही हो जाएगा।
और अँधेरे भी हो रहा है अब हमें घर भी चलना चाहिए।
विक्की- हां भाई काफी देर हो गई. और दोनो अपना घर निकल गये।
अनूप – अगर कोई दिक्कत समझ में आए तो कॉल कर लेना।
और हम दोनो वहा से निकल गए।
विक्की जिसने आज तक एक सुपारी तक नही खाई थी। उसने दोस्ती के कारण आज सीधे सिगरेट को पिया है।अब आगे देखते है क्या क्या होता विक्की के साथ मिलते है।
अगले अपडेट में,