- 808
- 2,836
- 139
Mast story hai bhai"हा मामी, दिखा दो बस एक बार, किसी की नही देखी" munna का एक हाथ जो अभी तक उर्मिला देवी की चुचियों पर ही था उसको अपने हाथो से दबाते हुए और अपनी चुचियों को थोड़ा और उचकाते हुए उर्मिला देवी बोली "मैने नई ब्रा भी पहनी हुई, उसको नही देखेगा क्या"
"हाँ मामी उसको भी ….."
"चल दिखा दूँगी मगर एक शर्त पर"
"बताओ मामी, मैं आपकी हर बात मानूँगा"
"ठीक है फिर जा और मूत कर के अपना अंडरवेर उतार के आ" munna को एक दम से झटका लग गया. उसकी स्मझ में नही आ रहा था की क्या जवाब दे. मामी और उसके बीच खुल्लम खुल्ला बाते हो रही थी मगर मामी अचानक से ये खेल इतना कुल्लम खुल्ला हो जाएगा, ये तो munna ने सोचा भी ना था. कुच्छ घबराता और कुच्छ सकपकाता हुआ वो बोला " पर मामी अंडरवेर…….."
"हा जल्दी से अंडरवेर उतार के मेरे बेडरूम में आ जा फिर दिखाउन्गी" कह कर उर्मिला देवी उस से अलग हो गई और टी.वी. ऑफ कर के अपने बेडरूम की तरफ चल दी. मामी को बेडरूम की तरफ जाता देख जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा.अंडरवेर उतार कर जब munna मूतने लगा तो उसके लंड से पेशाब की एक मोटी धार कमोड में छर छर कर गिरने लगी. जल्दी से पेशाब कर अपने फन्फनाते लंड को काबू में कर munna मामी के बेडरूम की तरफ भागा. अनादर पहुच कर देखा की मामी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हो कर अपने बालो का जुड़ा बना रही थी.munna को देखते ही तपाक से बोली चल बेड पर बैठ मैं आती हू और अटॅच्ड बाथरूम में चली गई. बाथरूम से मामी के मूतने की सिटी जैसी आवाज़ सुनाई दे रही थी. कुच्छ पल बाद ही मामी बाथरूम से अपनी नाइटी को जाँघो तक उठाए हुए बाहर निकली. munna का लंड एक बार फिर से सनसानया. उसका दिल कर रहा था की मामी की दोनो जाँघो के बीच अपने मुँह को घुसा दे और उनकी रसीली चूत को कस के चूम ले. तभी उर्मिला देवी जो कि, बेड तक पहुच चुकी थी की आवाज़ ने उसको वर्तमान में लौटा दिया " तू अभी तक अंडरवेर पहने हुए है, उतारा क्यों नही" munna थोड़ा सरमाया
" मामी शरम आ रही है……….तुम तो दिखाने को बोल रही थी"
"धात बेवकूफ़, चल अंडरवेर उतार"
"पर मामी अंडरवेर उतार के क्या होगा,,,,,,"
"असली गेंदो का मज़ा चखाउन्गी" कह कर हल्के से अपनी चुचियों पर हाथ फेरा. राजू का लंड और भी ज़यादा ख़ड़ा हो गया.
"पर मामी मैं पूरा नंगा हो जाउन्गा"
"तो क्या हुआ, मुझे पॅंटी खोल के दिखाने के लिए बोलता है उसमे शर्म नही आती तुझे, खोल ना अंडरवेर फिर मैं तुझे बताउन्गी की तेरी मामी को कहा कहा खुजली होती है और खुजली मिटाने की दूसरी दवा भी बताउन्गी"
" मामी, दूसरी कौन से दवा है "
"बताउन्गी बेटा, पहले ज़रा अपना बेलन तो दिखा". munna ने थोड़ा सा शरमाने का नाटक करते हुए अपना अंडरवेर धीरे धीरे सरका दिया. उर्मिला देवी की आँखो की चमक बढ़ती जा रही थी. आज दस इंच मोटे तगड़े लंड का दर्शन पहली बार खुल्लम खुल्ला ट्यूब लाइट की रोशनी में हो रहा था. नाइटी जिसको अब तक एक हाथ से उन्होने उठा कर रखा हुआ था नीचे छूट कर गिर गयी. munnaके आँखो को गर्मी देने वाली चीज़ तो ढक चुकी थी मगर उसकी मामी के मज़े वाली चीज़ अपने पूरे औकात पर आ के फुफ्कार रही थी.उर्मिला देवी ने एक बार अपनी नाइटी के उपर से ही अपनी चूत को दबाया और खुजली करते हुए बोली "इसस्स्स्स्सस्स बड़ा हथियार है तेरा, देख के तो और खुजली बढ़ गई"
munna जो की थोड़ा बहुत शर्मा रहा था बोला "खुजली बढ़ गई तो पॅंटी उतार लो ना मामी, वो काम तो करती नही हो, पर अंडरवेर बेकार में उतरवा दिया"
"अभी उतारती हू, फिर तुझे बताउन्गी अपनी खुजली की दवाई, हाई कैसा मूसल जैसा है तेरा" फिर उर्मिला देवी ने अपनी नाइटी के बटन खोलने शुरू कर दिए. नाइटी को बड़े आराम से धीरे कर के पूरा उतार दिया. अब उर्मिला देवी के बदन पर केवल एक काले रंग ब्रा और नाइटी के अंदर पहनी हुई पेटिकोट थी.गोरी मैदे के जैसा मांसल पेट, उसके बीच गहरी गुलाबी नाभि, दो मोटी मोटी चुचियाँ, जो की ऐसा लग रहा था की ब्रा को फाड़ के अभी निकल जाएगी उनके बीच की गहरी खाई,ये सब देख कर तो munna एक दम से बेताब हो गया था. लंड फुफ्कार मार रहा था और बार-बार झटके ले रहा था. munna एक दम से पागल हो कर अपने हाथो से अपने लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. उर्मिला देवी ने जब उसकी बेताबी देखी तो आगे बढ़ कर खुद अपने हाथो से उसके लंड को पाकर लिया और मुस्कुराती हुई बोली "मैं कहती थी ना की तेरे बस का नही है, तू रह नही पाएगा, अभी तो मैने पूरा खोला भी नही है तू शुरू हो गया" बाहर खूब जोरो की बारिश शुरू हो रही थी. ऐसे मस्ताने मौसम में मामी-भानजे का मस्ताना खेल अब शुरू हो गया था.
ना तो अब उर्मिला देवी रुकने वाली थी ना ही munna. उर्मिला देवी ने munna का हाथ अपने ब्रा में क़ैद चुचियों के उपर रख दिया और बोली "तू ऐसे तो मानेगा नही इधर मैं खोल के दिखाती रहूंगी इधर तू मूठ मारता रहेगा, ले अब खुद ही खोल के देख" munna ने काँपते हुए हाथो से अपनी मामी के ब्रा के स्ट्रॅप खोलने की कोशिश की मगर ब्रा इतनी टाइट थी की खुल नही रही थी. उर्मिला देवी ने हस्ते हुए अपने बदन को थोड़ा ढीला किया खुद अपने हाथो को पीछे ले जा कर अपनी ब्रा के स्ट्रॅप को खोल दिया और हस्ते हुए बोली "ब्रा भी नही खोलना जानता है, चल कोई बात नही मैं तुझे पूरा ट्रेंड कर दूँगी, ले देख अब मेरी नंगी चुचिया जिनको देखने के लिए इतना तरसता था" मामी के कंधो से ब्रा के स्ट्रॅप को उतार कर munna ने जल्दी से ब्रा को एक झटके में निकाल फेंका. उर्मिला देवी हस्ते हुए बोली "बड़ी जल्दी है, आराम से उतार, अब जब बोल दिया है तो दिखा दूँगी तो फिर मैं पीछे नही हटने वाली". मामी के उठे हुए मोटे मोटे मम्मे देख कर munna तो जैसे पागल ही हो गया था. एक टक घूर घूर कर देख रहा था उनकी मलाई जैसे चुचो को. एक दम बेल के जैसी ठोस और गुदाज चुचिया थी. निपल भी काफ़ी मोटे मोटे और और हल्का गुलबीपन लिए हुए थे उनके चारो तरफ छ्होटे छ्होटे दाने थे.मामी ने जब munna को अपने चुचियों को घूरते हुए देखा तो munna का हाथ पकड़ कर अपनी चुचियों पर रख दिया और और मुस्कुराती हुई बोली "कैसा लग रहा है, पहली बार देखी है ना"................comments please