मेडम – सच्चा मर्द मतलब जितनी बड़ी तुम्हारी मुट्ठी है उतना बड़ा उसके लंड का सुपाडा है....उसका लंड कोई लंड नहीं है बल्कि तीसरा पैर है..पता नहीं क्या खाता है क्या करता है...लेकिन मादरचोद जब चोदना शुरू करता है की तो दुनिया भुला देता है....शुरू शुरू की शर्म और दर्द के बाद मुझे धीरे धीरे उससे चुदने में मजा आने लगा..यहाँ तक की कई बार मैं सोचती थी की अच्छा किया जो मेरा पति मुझे धोका दे गया...वो पैसों से भरी वो तीनो बोरियां भी मेरी चूत में ठूंस देता तो भी वो मजा नहीं मिलता जो नेता के लंड से मिलता था..मैं दिन भर राह देखती थी की कब रात हो और नेता की गाडी मुझे लेने आये...मैं सजने लगी थी...सँवारने लगी थी उससे चुदने के लिए मैं चाहती थी की वो मुझे रोज चोदे....सारी सारी रात चोदे,,,,बस चोदे रहे हर समय...और बहुत जल्दी ही नेता भी ये बात समझ गया की मैं उससे चुद के खुश हो रही हूँ.....मेरी ख़ुशी उससे देखि नहीं गयी..वो तो मुझे जलील करने के लिए चोद रहा था..मुझे खुश करने के लिए......फिर उसने मुझे जलील करने के और कई रास्ते निकाल लिए...उसने पहले ये बात छुपा राखी थी की वो मुझे पेल रहा है फिर उसने अपने आदमियों से कह के ये बात पूरे शहर में फैलवा दी की कॉलेज की प्रिंसिपल नेता की रखैल है...
उसी कॉलेज का स्टाफ जो मेरे सामने नजर नहीं उठा सकता था मुझे देख के मेरे सामने लंड मसलता था...नेता ने रात का समय न देख के दिन में कभी भी मुझे लेने के लिए गाडी भेजना शुरू कर दिया...मैं कॉलेज में होती तो उसका आदमी गाड़ी ले के आता और सबके सामने कहता की नेता जी ने बुलाया है चल साथ में...वो लोग मुझे जानबूझ के सबके सामने जलील करते थे...पूरे शहर में आग की तरह बात फ़ैल गयी की मैं चुदैल हूँ...और सच में इस तरह से जलील होना मुझे बहुत दुःख देता था...मैंने तो कई बार अपनी जिंदगी ख़त्म करने की भी सोची लेकिन फिर अपनी बेटी का ख्याल आता और मैं रुक जाती...नेता ने जब देखा की मैं इस तरह जलील होने की भी आदि हो गयी हूँ और उससे अभी भी ख़ुशी ख़ुशी चुदवा रही हूँ तो उसने मुझे चोदना बंद कर दिया...वो बस मुझे अपने घर बुला लेता और कमरे में बैठाये रखता...फिर घर भेज देता...मेरी बुर कुलबुला जाती...कई बार तो मैं उससे भीख जैसा मांगती थी की मुझे चोद दे...लेकिन मुझे ऐसे भीख मांगते देख उसे बहुत तसल्ली मिलती थी...
मैं – आपको चोदना नहीं था तो वो फिर बुलाता ही क्यों था...शहर में बदनाम तो कर ही चूका था...
मेडम – उसने मुझे अपने दोस्तों के लिए गिफ्ट बना दिया था...कई बार उसके साथ का कोई बड़ा अफसर आता या कोई और नेता आता तो मैं उसे रात भर के लिए दे दी जाती थी...दुसरे लोगों से चुदने में मुझे बुरा लगता था..मैं नेता से कहती भी की आपको जो करना हो करिए मेरे साथ लेकिन आप ही करिए कोई और नहीं...वो मुझे जलील करने के लिए अपने बंगले में नंगी घुमाता था...उसकी मीटिंग चल रही होती और मैं नंगी सब मेहमानों को पानी चाय सर्व करती थी.....मैं ये सब भी करती गयी और फिर भी उससे मिन्नत करती रही की मुझे चोदे...उसके लंड की मुझे ऐसी आदत लग गयी थी की उसके साथ के दुसरे लोग मुझे चोदा करते तो मुझे कुछ पता ही नहीं चलता था...दुसरे लोगों से चुदने के कारण दो तीन बार मेरा पेट भी ठहर गया..नेता ने ही साफ़ करवाया...और फिर मुझे अपने दोस्तों को देना बंद कर दिया...फिर उसने नया तरीका खोज लिया...नेता अपने चोदने के लिए दुसरे शहरों से लड़कियां मांगता था...
उन लड़कियों को वो मेरे सामने चोदा करता था...मेरी ड्यूटी रहती थी की मैं पहले उन लड़कियों की चूत और गांड चाट के उन्हें गीला करूँ और फिर वो आके उन्हें चोदा करता था...मैं सोचती की शायद इनके बाद किसी दिन मुझे भी चोदेगा लेकिन नेता ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया...मैं उसके सामने उसकी रंडियों की झांट बनाती..उनकी चूत चाट चाट के गीली करती और फिर नेता मेरे सामने चोदा करता..मैं देख देख के पागल सी हो जाती थी..उसने मुझे पिचले कई महीनो से सिर्फ इसी काम में लगाया हुआ है...मुझे तो ठीक से याद भी नहीं की अंतिम बार कब मेरी बुर में किसी ने लंड ठेला था...
मैं – इसलिए आप फिल्मे देखा करती हैं ?