पूजा – फ़िल्मी बातें न करो. पढ़े लिखे तो हो नहीं. खुश क्या घंटा रखोगे,....अभी से बहुत लार न बहाव तुम...ध्यान रहे ये सब बात मैं इसलिए कर रही हूँ की अभी की टेंशन कुछ कम हो...माँ को पता नहीं कितनी देर लगेगी...आज ही हमारी जिंदगी का फैसला हो जाना है,.,...या तो आजादी या हमेशा का नरक..और इस बार तो तुम्हारी गांड भी दांव पे लगी है....तुम ये मत समझ लेना की लौंडिया तो खुल के लंड चुदाई की बात करती है तो तुम मजे लोगे मेरे....ज्यादा ऊँचे सपने मत देखना..जब तक तुम अपना वादा पूरा नहीं करते तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा...
मुझे लगा की खड़े पे चोट करना दोनों माँ बेटी का पसंदीदा काम है..मैं तो सच में सोचने लगा था की शायद आज ही उद्घाटन का मौका मिल जायेगा...लेकिन उसने फिर से मेरा मन पढ़ लिया और फिर खड़े पे चोट कर दी...हम लोग कुछ देर और ऐसे ही बात करते रहे,......मैंने देखा की पूजा जी भर के गंदे गंदे शब्द बोलती...चुदाई की बात शुरू करती और फिर जैसे ही मेरा मूड बनता मेरा लंड खड़ा होता वैसे ही वो बात पलट देती और मुझे फिर से ज्ञान देने लगती...उस रात न जाने कितनी बार उसने मेरा खड़ा किया और फिर पानी फेर दिया..लेकिन इस सबके चक्कर में हम ये भूल गए की टाइम कब बीता...सुबह के करीब चार बजे होंगे..जब दरवाजे पर दस्तक हुई....हम जल्दी से बाहर आये और दरवाजा खोला...
उसकी माँ खड़ी हुई थी...हमने देखा की बाहर और कोई नहीं था,...जल्दी से दरवाजा बंद किया...मेडम के कपडे सब उलटे सीधे थे,..बाल बिखरे हुए थे...और आँखें देख के लग रहा था जैसे बहुत रोई हो...कुछ बोल नहीं रही थी,...हम अन्दर ले के आये उन्हें...पानी दिया और उनके संयत होने का वेट करने लगे...वो रोये जा रही थी...हम दोनों की हालत खराब हो रही थी उन्हें ऐसे देख कर..हमारे ट्रेन पकड़ने का टाइम भी आ रहा था..हमें अँधेरा छटने के पहले ही निकलना जरुरी थी जिससे हमें कोई देखे न...सामान तो सारा बंधा ही हुआ था..मेडम का कुछ हाल ठीक होता तो बात करते...पूजा ने उनसे पूछा की सब ठीक से हुआ? तो मेडम ने धीरे से सर हिलाया...हाँ में....हमें थोड़ी राहत मिली...फिर भी समझ नहीं आ रहा था की सब ठीक से हुआ तो रो क्यों रही हैं....पूजा ने थोड़ी देर के बाद फिर से बात करने की कोशिश की...लेकिन उनसे ज्यादा कुछ बोला नहीं जा रहा था...पूजा ने याद दिलाया की ट्रेन का टाइम हो रहा है..आप जल्दी से ठीक हो जाईये कपडे बदल लीजिये हमें जाना होगा....
लेकिन मेडम बस रो रही थी और बीच बीच में कराह रही थी...मुझे डर लगा की कहीं उसने मार पीट तो नहीं की मेडम के साथ....जब पूजा से नहीं रहा गया तो उसने थोडा तेज आवाज में कहा की माँ बताओ क्या हुआ है...अब हमें निकलना होगा नहीं तो पूरा प्लान चौपट हो जायेगा..बताओ क्या हुआ है...मेडम ने कुछ नहीं कहा..बिस्तर पर लेटी रही...रोटी रही..और फिर धीरे से अपनी एक हथेली आगे की...हम दोनों ने देखा...लेकिन हथेली तो खाली थी..उस पर कुछ नहीं था...फिर मेडम ने अपना मुंह छुपा लिया और हथेली पलट दी....मुझे कुछ समझ नही आया...लेकिन पूजा समझ गयी...उसे बुरा भी लगा और हंसी भी आई,...ये देख के मेडम थोडा और रो दी...उन्हें रोता देख के पूजा थोडा और हंस दी...अब मेरा भी सबर टूट रहा था...टाइम भी निकल रहा था मैंने पूजा से कहा की बताओ भी की क्या हुआ है....पूजा ने अपनी हंसी रोकी...और बोली की जो अभी तक नहीं हुआ था वो आज हो गया...मेडम ने लेटे लेटे ही पूजा को एक थप्पड़ मारा...लेकिन ये गुस्से का थप्पड़ नहीं था...पूजा थोडा मचली और फिर हंसने लगी..अब मेरा दिमाग ख़राब हो रहा था की ये क्या नौटंकी चल रही है.....पूजा ने मुझसे धीरे से कहा...आज नेता ने माँ की गांड मार दी.......और खिलखिलाकर हंसने लगी....