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Adultery गुलाम

Mohini Gupta

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रजिया तेज तेज कदमों के साथ चलती हुई शाही बगीचे की तरफ बढ़ रही थी! रात के करीब दो बजे हुए थे और तेज चलने के उसके कदमों की आवाज दूर जा रही थी लेकिन उसका ध्यान इस तरफ था ही नहीं क्योंकि उसके दिमाग में इस समय बलदेव की कहीं हुई बाते घूम रही थी कि आखिर बलदेव उसके बारे में इतना कुछ कैसे जान सकता हैं ? जिस बात को शाही परिवार के लोग भी नहीं जानते हैं और उसने आज तक किसी के सामने भी मीर जाफर के नामर्द होने का जिक्र तक नहीं किया ये बात बलदेव को कैसे मालूम हुई ये सोच सोचकर रजिया परेशान हुई जा रही थी!

रजिया बगीचे से अभी काफी दूर थी और अंधेरी रात में जैसे ही दाई तरफ मुड़ी तो उस पर हमला हो गया और दो शक्तिशाली मर्दों ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसके मुंह पर हाथ रखते हुए एक पुराने घर में उठा ले गए जो पूरी तरह से अंधकार में डूबा हुआ था और रजिया की आवाज नहीं निकल पा रही थी! उसके मुंह से बस गूं गूं गूं की आवाज निकल रही थी और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके राज्य में किसी की इतनी हिम्मत भी हैं जो शाही बेगम के ऊपर हाथ डाल सके! रजिया किसी तरह उनकी कैद से आजाद होना चाह रही थी और उसने उस आदमी के हाथ में जोर से अपने दांत गड़ा दिए तो वो दर्द से बिलबिलाते हुए तड़प उठा और रजिया बोली:"

" हमे जाने दो! तुम नहीं जानते हम कौन हैं अगर हमें हाथ भी लगाया तो तुम्हे पूरे परिवार के साथ फांसी पर लटका दिया जाएगा!

रजिया के बोलते ही एक जोरदार थप्पड़ उसके मुंह पर पड़ा और रजिया दर्द से तड़प उठी तो एक आदमी ने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और दूसरे ने उसके मुंह पर उसी का दुपट्टा कसकर बांध दिया और बोला:"

" धमकी देती हैं हरामजादी! अंधेरी रात में अपने यार के साथ मुंह काला करती फिरती हैं और हमें नखरा कर रही हैं!

रजिया को समझ नहीं आया कि क्या करे क्योंकि अंधेरे में उसे पहचान नहीं पा रहे थे और अब तो बोल भी नहीं सकती थी तो अपने आपको छुटाने की कोशिश करने लगी लेकिन जल्दी ही उसे एहसास हो गया कि इनकी कैद से छुटना आसान नहीं होगा और उसे कुछ और दूसरा उपाय सोचना पड़ेगा! रजिया कुछ सोचती उससे पहले ही दोनो के उसकी एक एक चूची को पकड़ लिया और कपड़ों के ऊपर से ही कसकर दबाने लगे तो रजिया के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और एक आदमी बोला:"

" अरे रियाज मजा आ गया आज तो क्या मस्त माल हाथ लगा हैं! साली की चूचियां कितनी बड़ी बड़ी और सख्त हैं! कसम से दोनो हाथों में भी एक ठीक से नहीं आ रही है!

रजिया को हल्का हल्का दर्द हो रहा था और दूसरा आदमी उसकी पीछे आ गया और खड़े लन्ड को कपड़ों के ऊपर से ही उसकी गांड़ में पीछे से घुसाते हुए बोला :"

" सच में यार बिलाल साली की चूचियां इतनी सख्त है कि जितना दबा रहा हु उससे कहीं उछल कर वापिस आ रही हैं!
साली को सुबह तक तसल्ली से पेलेंगे!

रजिया दोनो मर्दों की बांहों के बीच में फंसी हुई कसमसा रही थी और एक ने उसके बुर्के को बीच में से फाड़ दिया तो रजिया डर के मारे कांप उठी और छटपटाने लगी लेकिन छूट न सकी! वो समझ गई थी कि आज उसकी इज्जत तार तार हो जाएगी क्योंकि ये दोनों दरिंदे मुझे छोड़ने वाले नहीं हैं तो मन ही मन दुआ करने कि कोई करिश्मा हो जाए ताकि वो बच सके! इसी बीच दूसरे वाले ने रजिया के सूट को भी पकड़ कर बीच में से फाड़ दिया तो रजिया बुरी तरह से तड़प उठी और जोर जोर से हाथ पैर चलाने लगी तो दोनों ने उसे पूरी ताकत से कस लिया और रियाज ने उसकी ब्रा के हुक को पकड़ते हुए एक झटके से तोड़ दिया वो उसकी दोनों बड़ी बड़ी सख्त चूचियां उछल कर सामने आ गई और दोनो ने बिना देर किए अपने हाथ उसकी चूचियों पर जमा दिए और कसकर मसलने लगे तो रजिया दर्द से तड़पने लगी और अपने जिस्म को इधर उधर पटकने लगी लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली तो उसकी आंखों में आंसु आ गए और उसने यकीन हो गया कि आज उसकी बर्बादी निश्चित हैं!

रियाज ने उसकी सलवार का नाड़ा पकड़ा और रजिया की सांसे उसके मुंह में आ गई क्योंकि वो पूरी तरह से नंगी होने जा रही थी ये सोचकर उसकी रूह तक कांप उठी और रियाज ने जैसे ही उसके नाडे को खींचना चाहा तो अचानक रजिया को बदबू का एहसास हुआ और रजिया समझ गई कि कौन आया हैं उसकी मदद करने के किए!

बलदेव ने रियाज और बिलाल दोनो को किसी छोटे बच्चे की तरह उठा लिया और दोनों को जोर से जमीन पर पटक दिया और उनके सिर पर अपने पैरों को रख दिया और जोर से दबा दिया तो दोनों के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और बलदेव की ताकत से दोनों के सिर फट गए और दोनों के जिस्म कुछ पल के लिए छटपटाए और फिर हमेशा के लिए शांत हो गए!

रजिया अभी तक खड़ी हुई कांप रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे! डर के कारण वो ये भी भूल गई थी कि ऊपर से पूरी तरह से नंगी हो चुकी है और कांपते हुए बोली:"

" हमे माफ कर दो बलदेव! तुमने हमें आज फिर से बचा लिया वरना हम किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहते!

इतना सुनकर रजिया फफक फफक कर रो पड़ी और बलदेव बोला:"

" आपकी रक्षा कदम इस गुलाम का कर्तव्य हैं बेगम साहिब!

बलदेव के मुंह से गुलाम शब्द सुनकर रजिया तड़प उठी और बिना कुछ सोचे समझे भावावेश में बलदेव से लिपट गई और जोर से रोते हुए बोली:"

" तुम गुलाम नहीं मेरे दोस्त हो बलदेव! हम अपने किए पर शर्मिंदा हैं!

अंधेरे में बलदेव कुछ देख नहीं पा रहा था जिससे उसे एहसास नहीं था कि रजिया की चूचियां नंगी हैं लेकिन जैसे ही वो उसके गले लगी तो बलदेव को उसकी नंगी चूचियों का एहसास हुआ और बलदेव के पूरे बदन में तेज सनसनाहट सी दौड़ गई और रोती हुई रजिया को तसल्ली देने के लिए दोनो हाथों को उसकी कमर पर रखा तो नंगी कमर पर हाथ पड़ते ही बलदेव समझ गया कि दोनो रजिया को ऊपर से नंगी कर चुके थे तो बलदेव उसकी कमर सहलाते हुए बोला:"

" रजिया संभालिए अपने आपको ! एक शाही बेगम को ऐसे रोना शोभा नहीं देता!

रजिया को बलदेव के हाथ अपनी कमर पर पड़ते ही नंगे होने का एहसास हुआ तो अगले ही पल उसे अपनी चूचियों का ख्याल आया और एकाएक रोती हुई रजिया चुप हो गई और अब उसका बदन कांप उठा और धीरे से बोली:"

" बलदेव तुम्हे कैसे पता चला कि हम मुसीबत में फंस गए हैं?

रजिया अब बलदेव से सटी हुई कसमसा तो रही थीं लेकिन उससे छुटने की अभी तक कोई कोशिश नहीं की थी तो बलदेव की हिम्मत बढ़ गई और उसकी कमर पर अपनी उंगलियों को कामुक अंदाज में फेरते हुए बोला:"

" मैं आपकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखे हुआ था! मैं हर रोज किले की छत से आपको वापिस जाते हुए देखता था और आज जैसे ही अंधेरे में आपकी परछाई गायब हुई तो मैं समझ गया कि आप किसी मुसीबत में फंस गई लेकिन ये सोचकर रुक गया कि मैं गया तो बदबू आएगी और लोगों को लगेगा कि मैं अंदर क्यों आया तो कई सवाल खड़े होंगे लेकिन अंत में मैने आने का फैसला किया!

बलदेव के बोलने से अब रजिया को बदबू का एहसास हुआ और उसकी नंगी कमर पर घूमती रही बलदेव की उंगलियां उसे मदहोश कर रही थी! रजिया बलदेव की बात सुनने के बाद बोली:"

" तुमने अच्छा किया बलदेव! वरना हम आज मर ही जाते! अब तुम्हे वापिस जाना ही होगा बलदेव क्योंकि इधर सच में बदबू फैल गई है!

बलदेव को रजिया की बात से एहसास हुआ कि रजिया सच कह रही है और अब जाना होगा लेकिन जाने से पहले उसने रजिया की नंगी कमर को अपनी मुट्ठी में दबोचते हुए जोर से अपनी तरफ खींचा तो उसकी छाती रजिया की चुचियों से टकरा गई और रजिया दर्द और मस्ती से सिसक उठी

" उफ्फ हाय क्या करते हो बलदेव! हाय कोई आने ही वाला होगा यहां!

रजिया की सिसकी ने बलदेव को एहसास करा दिया कि रजिया फिर से बहक रही हैं और बोला:"

" ओह रजिया ! जालिमों ने तुम्हे आधा नंगा की कर दिया था! अच्छा पूरा मैं सही वक्त पर आ गया नहीं तो तुम्हे पूरी नंगी करके चो.....

इससे आगे बलदेव नहीं बोला पाया क्योंकि रजिया ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और कांपते हुए बोली:"

" हाय आह्ह्ह्ह नहीं बलदेव! इतनी गंदी बात नहीं बोलते! तुम जाओ अब!

बलदेव ने रजिया के हाथ को चूम लिया और उसकी एक उंगली को मुंह में भरते हुए बोला:"

" बताओ न रजिया मैने सच कहा था न कि आप अभी बिलकुल कच्ची कली हैं!

बलदेव की नुकीली और खुरदरी जीभ का एहसास करते हुए रजिया सिसका उठी और बलदेव की बदबू के एहसास से तड़पते हुए बोली:

" आह्ह्ह्ह हमे कुछ नहीं पता! तुम जाओ अब खुदा के किए बलदेव!

बलदेव ने अपने एक हाथ रजिया की कमर में डालते हुए उसे पूरी ताकत से अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती को सख्ती से उसकी चूचियों पर रगड़ दिया और मस्ती से बोला:"

" ओह्ह्ह्ह रजिया तुम्हारी चूचियों को भी नंगा कर दिया था सालों ने! वादा करो कल आओगी न मिलने के लिए चारों शाही चिराग लेकर !

बलदेव के मुंह से चूचियां सुनकर रजिया शर्म से पानी पानी हो गई और अपनी चूचियों पर बलदेव की सख्त पत्थर जैसी छाती की रगड़ महसूस करके वो मस्ती से सिसक उठी और बोली

" आह बलदेव हमे जाने दो इस हालत में हमे किसी ने देख लिया तो तुम्हे अच्छा लगेगा क्या ! तुम्हे हमारी कसम! हम कल आने की कोशिश करेंगे!

बलदेव को लगा कि ज्यादा देर करना भी सही नहीं है क्योंकि उसकी बदबू से सच में कोई भी आ सकता था और बलदेव ने रजिया की उंगली को अपनी नुकीली जीभ से सख्ती से सहला दिया तो रजिया जोर से उससे कसकर लिपट गई तो बलदेव ने उसकी हालत और मौके की नजाकत को समझते हुए रजिया को आजाद किया और धीरे से बोला:"

" चारों शाही चिराग लेकर आना रजिया! उससे हमारे बदन की बदबू दूर हो जाएगी धीरे धीरे!

रजिया बिना कुछ कांपती हुई अपने फटे हुए कपड़े हाथ में लेकर आगे बढ़ी तो पीछे से बलदेव के पैर में कुछ लगा तो रजिया की ब्रा उसके हाथ लग गई और बलदेव रजिया की ब्रा लेकर रियाज और बिलाल की लाश उठाकर वापिस किले की तरफ लौट पड़ा और रजिया कांपती हुई मचलती हुई आगे मुड़कर शाही बगीचे मे घुस गई और उसे पीछे लोगो की आवाज सुनाई पड़ी जो बदबू की वजह से बाहर निकल आए थे!

एक आदमी:" ये बलदेव की बदबू भी राज्य के लिए अभिशाप ही हैं! नींद ही टूट गई उसकी वजह से मेरी तो!

दूसरा:" लेकिन आज कुछ ज्यादा हो बदबू आ रही है! इसका बलदेव इधर आया होगा!

तीसरा:" असंभव !! बलदेव गुलाम हैं तो वो बिना शाही परिवार की आज्ञा के अंदर नहीं घुस सकता!

पहला:" कुछ भी हो यार लेकिन बलदेव की बदबू जानलेवा हैं यार! कैसे भी करके इसकी बदबू दूर होनी ही चाहिए!

दूसरा:" ध्यान से देखो आज हवा उत्तर दिशा की तरफ से चल रही है जिस कारण बदबू थोड़ा ज्यादा हुई है! वक्त आने पर अगर कुदरत को मंजूर हुआ तो बलदेव की बदबू भी कम हो जाएगी!

पहला:" उत्तर की तरफ से हवा पहले भी चलती रही है लेकिन आज जैसी बदबू कभी नहीं आई ! जरूर बलदेव ने अपनी सीमाएं लांघी हैं और अंदर घुसा हैं वो जरूर कोई कारण तो रहा ही होगा! कल नवाब साहब के दरबार में फैसला हो ही जाएगा!

चारों आपस में बात कर ही रहे थे कि अचानक से एक को उल्टी आई और घरों से बाहर निकल कर औरते भी उल्टियां करने लगी और देखते ही देखते ये बात पूरे राज्य में फैल गई कि बलदेव ने आज पहली बार अपनी सीमाएं लांघी हैं !

रजिया बगीचे की दीवार के पास खड़ी ये सब सुन रही थी और उसे लगा कि सच में बलदेव की बदबू दूर होनी ही चाहिए! लेकिन कल क्या होगा राजदरबार में ये सोचकर वो परेशान हुए जा रही थी क्योंकि बलदेव अगर मुजरिम साबित हुआ तो उसे मौत की सजा मिलना तय हैं! डर के मारे रजिया सो नहीं पाई और उसने सोच लिया कि वो किसी भी हालत में बलदेव को बचाकर रहेगी और फिर वो बलदेव की बदबू हार हाल में दूर करेगी
लेकिन कैसे होगी ये सोचकर उसे शर्म आ गई क्योंकि इसके लिए तो उसे रात को बलदेव के पर चिराग लेकर जाना होगा!

अगले दिन सुबह राज दरबार लगा हुआ था और एक आदमी बोला:"

" नवाब साहब सारे राज्य में रात आई बदबू इस बात का सुबूत हैं कि बलदेव अंदर आया था लेकिन किसलिए ये समझ नहीं आया और अंदर आ कैसे सकता हैं जबकि वो नियमों से बंधा हुआ है अपने कबीले के!

मीर जाफर:" बेशक बदबू इस बात का सुबूत हैं कि बलदेव आया था और हमें उससे पूछताछ करनी ही होगी! तुम एक सैनिक के पास जाओ जो बलदेव के पास रहता है और बलदेव से सब मालूम करो क्योंकि बलदेव को राज दरबार में तो नहीं बुला सकते!

वो आदमी चला गया और थोड़ी देर बाद वापिस आया और बोला:" नवाब साहब बलदेव ने स्वीकार हैं किया कि वो रात अंदर तक आया था लेकिन क्यों आया था ये बताने से उसने साफ मना कर दिया है!

मीर जाफर:" बलदेव की इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है? जाओ एक बार और उसे बताओ कि उसकी खामोशी उसकी मौत भी बन सकती हैं!

आदमी फिर से थोड़ी देर बाद वापिस लौट आया और बोला:"

" बलदेव ने बोलने के बजाय खामोश रह कर मौत को चुनना पसंद किया हैं!

मीर जाफर:" ठीक हैं फिर कबीले में संदेश भिजवा दो कि बलदेव ने राज्य को धोखा दिया हैं और उसे नियमों के अनुसार फांसी जी जाएगी और उन्हें अपना दूसरा आदमी राज्य की सेवा के लिए देना पड़ेगा!

पूरे दरबार में शांति छाई हुई थी और सब लोग आपस में खुसर पुसर कर रहे थे! रजिया ने अमीना को राज दरबार की खबर बताने के लिए कहा हुआ था और जैसे ही अमीना ने रजिया को जानकारी दी तो रजिया का दिल तो पड़ा और वो समझ गई कि बलदेव ने उसकी इज्जत बचाने के लिए अपनी जान को बलिदान करने का फैसला किया हैं!

नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगी,! मेरे होते हुए कोई बलदेव का बाल भी बांका नहीं कर सकता है ये सब सोचते हुए उसने एक योजना बनाई और जान बूझकर ऐसे फटे हुए पुराने कपड़े पहने जिनमें वो एक गरीब मजदूर खातून लग रही थी और अपना चेहरा नकाब में ढककर राज दरबार में पहुंच गई तो सब गौर से उसे देखने लगे और मीर जाफर बोले:"

" कौन हो तुम और क्या चाहती हो हमसे ? आप नहीं जानती हैं क्या कि दरबार में औरतों का आना सख्त मना है!

रजिया ने अपनी आवाज को बड़ी भारी बनाया और बोली:"

" मैं आपको कुछ सच्चाई बताना चाहती हूं लेकिन पहले मुझसे वादा कीजिए कि आप बिना मेरी पहचान जाने मुझे जाने देंगे!

मीर जाफर:" पहला गुनाह तो आपको मर्दों के दरबार में आकर किया और अब हमसे सौदा भी करना चाहती हो? मानना पड़ेगा कि तुम्हारे अंदर बड़ी हिम्मत हैं!

औरत:" मैं आना तो नहीं चाहती थी लेकिन इंसाफ की आवाज को दबाना मेरे जमीर ने गंवारा नहीं किया ! लेकिन हमें पहले आपसे वादा चाहिए ?

मीर जाफर:" क्या चाहिए तुम्हे साफ साफ बोलो ? मीर जाफर के दरबार में वैसे भी औरतों नही आती और तुम आ भी गई हो तो अपनी समस्या बोलो! अगर तुमने सही बात रखी तो हम तुम्हे जाने देंगे!

रजिया ने सुकून की सांस ली और बोली:" मैं आपके राज्य की एक खातून हु और रात मुझे तबियत खराब होने के कारण नहीं आ रही थी तो मैने खुली हवा में घूमने का फैसला किया लेकिन मुझे रात को दो मर्दों बिलाल और रियाज ने पकड़ लिया और मेरे कपड़े फाड़कर मुझे बे-आबरू करने की कोशिश करी लेकिन वो तो अच्छा वो उस बदबू वाले इंसान का जिसने हमें बचाया और उन्हें सजा भी दी! वो आदमी मेरी इज्जत के चलते कुछ नहीं बोला होगा कि आप मुझे गवाही के लिए यहां बुलाएंगे और मुझ पर हजार तरह के इल्ज़ाम लगेने और उसने मौत को चुनना पसंद किया लेकिन मुझसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ और आपको सच बताने आई हु! आप पता कीजिए कि रियाज और बिलाल नाम के दोनों दरिंदे जिंदा हैं या मर गए और बलदेव से ही पूछिए तो ही सच आपके सामने आ जायेगा और आपको एहसास होगा कि जिस इंसान को ईनाम मिलना चाहिए उसे मौत की सजा मिलने वाली हैं!

मीर जाफर बड़ी सावधानी से रजिया की बाते सुन रहा और
एक मंत्री को हुक्म दिया और जाओ ये बिलाल और रियाज कौन हैं पता करो और तुम फिर से बलदेव के पास जाओ और उससे भी सच्चाई पता करो!

थोड़ी देर बाद ही सैनिक वापिस आ गया और बोला:"

" पहले तो बलदेव मना करता रहा लेकिन मेरे बताने के बाद बलदेव ने स्वीकार किया हैं कि उसने रात को एक औरत को दो लोगों से बचाया था लेकिन वो औरत की बदनामी की चलते कुछ नहीं बोला! रियाज और बिलाल दोनो की लाशे भी मिल गई है नवाब साहब!

मीर जाफर ने सुना तो उसके कदमों तले से जमीन निकल गई क्योंकि उसे लगता था कि उसके राज्य में सब सुरक्षित हैं लेकिन आज उसे एहसास हुआ कि ये इसका वहम था ! थोड़ी देर बाद ही मंत्री भी वापिस आ गया और नवाब साहब सारी सच्चाई जानकर गुस्से से भर गए और बोले:"

" बलदेव को माफ किया जाता हैं ! और खातून आप सुरक्षित जाए लेकिन आपसे गुजारिश है कि आगे से ऐसे रात में न निकले और जो आपके साथ हुआ उसके लिए हम आपसे माफी चाहते हैं! हम सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे!

रजिया ने चैन की सांस ली और धीरे से पलटकर वापिस चल पड़ी और फिर मौका देखते हुए वापिस महल में दाखिल हो गई और गुप्त रास्ते से होती हुई अपने कक्ष में आई और कपड़े निकाल कर उन्हें छुपा दिया और फिर से अपने नहा धोकर रजिया बेगम बन गई!!

शाम को रजिया अपने कक्ष में लेटी हुई बलदेव के बारे मे सोच रही थी कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसने दरवाजा खोला तो सामने दाई माता खड़ी हुई थी जिसे देखते ही रजिया समझ गई कि उसकी बुढ़िया दादी रुकसाना ने उसकी राहों में नए कांटे बो दिए हैं लेकिन फिर भी उसने खुशी खुशी दाई माता का इस्तकबाल किया और बोली:"

" आपको इस उम्र में आने की क्या जरूरत थी दाई माता! हमे ही बुला लिया होता आपने!

दाई माता अंदर आई और नीचे ही बैठते हुए बोली:"

" शाही बेगमों का एक आम दाई माता के घर जाना उचित नहीं होता!

रजिया उसकी बातों से आहत हुई और उसका हाथ पकड़कर उसे बेड पर बिठा कर बोली:"

" ऐसा हम तो नहीं सोचते दाई माता! खैर कहिए हम आपकी क्या सेवा कर सकते हैं?

दाई माता शाही बेड पर आज पहली बार बैठ रही और बेहद खुश थी! अब से पहले वो तीन शाही बेगम की देखभाल करती थी लेकिन किसी ने भी उसे इतना सम्मान नहीं दिया था जितना रजिया ने दिखा था तो बोली मुस्कुरा कर बोली:"

" सेवा तो मैं आपकी करनी आई हु रजिया बेगम! माँ बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी हैं और उससे आप अभी तक महरूम हो! मैं जो भी पुछूं आपसे उसका सच सच जवाब देना! सबसे पहले तो तुम्हे अपने सूट को उतारना ही पड़ेगा!

रजिया ने हैरानी से उसकी तरफ देखा लेकिन रजिया नहीं चाहती थी कि किसी भी वजह से उस पर इल्ज़ाम लगे कि वो ही राज्य को वारिस नहीं दे पा रही है तो इसलिए उसने धीरे से अपना सूट उतार दिया और अब उसने छाती पर एक ब्रा के जैसा बेहद खुशबूरत लाल रंग का वस्त्र पहना हुआ था और उसकी बड़ी बड़ी गोल मटोल ठोस चूचियां देखकर दाई माता बोली:"

" आपका जिस्म तो सच में बेहद खूबसूरत हैं बेगम! देखने से तो नहीं लगता कि आपको कोई जिस्मानी समस्या होगी!

रजिया को दाई माता की बात सुनकर पहले शर्म महसूस होता तो अगले ही पल वो खुशी से मुस्करा उठी लेकिन कुछ बोली नहीं तो दाई माता ने उसके पेट पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाते हुए अपनी उंगलियों से कुछ एहसास करने लगी! रजिया को बेहद गुदगुदी हो रही थी और दाई माता आंखे बंद किए हुए किसी सोच में डूबी हुई थी और थोड़ी देर बाद बोली:"

" वैसे तो कोई दिक्कत नहीं हैं रजिया लेकिन एक बात मैने आज पहली बात महसूस करी है कि आप दूसरी औरतों से बिल्कुल अलग हो! आमतौर पर औरत की बच्चेदानी पेट में बाहर की तरफ ही होती हैं लेकिन ऊपरवाले का करिश्मा देखो कि आपकी बच्चेदान न केवल दूसरी औरतों के मुकाबले बड़ी हैं बल्कि बल्कि अंदर की तरफ स्थित हैं!

रजिया ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और उदास मन से बोली:"

" इसका क्या मतलब हुआ दाई माता? क्या मैं कभी मा नहीं बन सकती हूं क्या ?

दाई माता:" ऐसा नहीं हैं रजिया! बिल्कुल बनोगी लेकिन इतना आसान भी नहीं होगा! आमतौर पर आदमी का औजार और वीर्य इतने अंदर तक नहीं पहुंच पाता तो आपको थोड़ी दिक्कत तो आएगी ही न! अच्छा मैं कुछ दवाई लेकर आई हूं तो ये खाओ और फिर मैं कुछ और आपको बताऊंगी!

रजिया ने हां में सिर हिलाया और एक प्लेट में दवाई देती हुई दाई माता बोली:"

" रजिया आपको एक राज की बात बताती हु किसी से कहना मत नहीं हो मुझे फांसी ही जाएगी !

रजिया समझ गई कि जरूर दाई माता के पास कोई बड़ा राज दफन है तो उसको अपने जाल में लेते हुए उसका हाथ पकड़ कर बोली:"

" मैं आपकी बेटी जैसी हु! आप जो कहना चाहती हैं बेफिक्र होकर कहिए! आपके और मेरे सिवा ये बात किसी और तक कभी नहीं जायेगी!

दाई माता को तसल्ली हुई तो धीरे से बोली:"

" पिछली दो पीढ़ियों में शाही बेगम तो हमेशा स्वस्थ रही हैं लेकिन सुल्तान हमेशा से कमजोर रहे हैं! मेरी बात का बुरा मत मानना लेकिन ये सच है कि सुल्तान इतने कमजोर रहे हैं कि ठीक से बेगम को संतुष्ट तक नहीं कर पाए और फिर पता नहीं कैसे शाही परिवार आगे बढ़ रहा हैं ऊपरवाला ही जाने उसका करिश्मा!

रजिया ने थोड़ी दवा खाई और उसकी तरफ हैरानी से देखकर बोली:"

" क्या आप ये बात सच कह रही हों माता ? ये तो आपने बहुत बड़ी बात कह दी हैं आज!

दाई माता:" सच कहूँ तो रजिया बेगम कभी कभी तो मुझे यकीन नहीं होता क्योंकि आपसे पहले मैने दोनो बेगम को अच्छे से चेक किया था और पाया था कि उनके आगे के छेद में तो कभी उंगली तक नहीं घुसी थी उसकी शादी के कई सालों तक भी और मेरे शौहर मुझे बताते थे कि नवाब साहब तो संभोग करने में सक्षम नहीं है फिर बच्चे कैसे हुए कुदरत की ही मर्जी है सब!

रजिया को मानो यकीन ही नहीं हुआ और ये एहसास हुआ कि आज तक उसकी चूत में भी तो लन्ड तो दूर की बात उंगली भी नहीं घुस पाई है! ये सोच कर उसकी सांसे थोड़ा सा तेज हो गई और रजिया के बदन में सनसनी सी उठना शुरू हो गई और फिर धीरे से बोली:"

" सच में ये तो कुदरत का करिश्मा ही हैं माता!

दाई माता उसे थोड़ी और दवा देती हुई बोली:"

" रजिया बुरा न मानो तो एक पूछूं आपसे ? सच नहीं बताओगी तो मुझे चेक करना पड़ेगा!

रजिया मन ही मन परेशान हुई कि पता नहीं दाई माता क्या पूछने वाली है लेकिन सिर हिलाते हुए बोली:"

" ठीक हैं दाई माता आप बोलिए मैं सच ही बताऊंगी आपको!

दाई माता ने उसकी प्लेट में अंतिम चम्मच दवाई की डाली और रजिया पर अब दवाई अपना असर दिखा रही थी और उसकी सांसे तेज हो गई थीं जिससे रजिया अपने जिस्म में गर्मी महसूस कर रही थीं और उसकी चूचियों में कंपन बिना शुरू हो गया था! बूढ़ी दाई माता की आंखों में चमक आ गई थी क्योंकि ब्रा में कैद रजिया की चुचियों की कसावट ये बयान कर रही थी कि उनकी सख्ती अभी पूरी तरह से बरकरार है और दाई माता धीरे से बोली:"

" रजिया देखो जिस तरह से आपके बदन में मेरी बातों से कंपकपी हो रही है वो इस बात का सुबूत हैं कि आपको मेरी बाते पसंद आ रही है!

रजिया कुछ नहीं बोली और बस सिर झुकाकर हल्की सी मुस्कुरा दी तो दाई माता समझ गई कि रजिया अब उसके रंग में रंग गई हैं और बोली:"

" देखो आपकी चूचियों का हर पल बढ़ता हुआ तनाव इस बात का सुबूत है कि नवाब साहब इनकी सख्ती को ठीक से संभाल नहीं पाए हैं! मैं सच कह रही हु न रजिया बेगम ?

दाई माता की बात सुनकर रजिया के बदन में तेज सनसनाहट हुई और एक झटके के साथ उसकी चूचियां उछल पड़ी मानो रजिया से पहले वो दाई माता की बात का जवाब खुद दे रही थी और रजिया की सांसे अब बेकाबू हो गई थी तो दाई माता उसकी चूचियों को देखते हुए बोली:"

" ये अंतिम चम्मच दवाई भी खा लो रजिया उसके बाद में कुछ और सवाल करूंगी आपसे!

रजिया ने आखिरी चम्मच भी खाई और प्लेट को एक खाली करने के बाद एक तरफ रख दिया और रजिया को अब लग रहा था कि मानो उसके बदन में आग लग गई है और उसकी चूचियों में कड़ापन और कंपन इस बात का सुबूत था! दाई माता धीरे से उसके पास आ गई और उसकी प्लेट में फिर से कुछ रखते हुए बोली:"

" रजिया आपकी ये गोल गोल मटोल पपीते की कंपन और अकड़ाहट इस बात का सुबूत हैं कि आज तक आपके आगे के छेद में भी उनकी तक नहीं घुसाई गई हैं कभी!

ये सुनकर रजिया पूरी तरह से बेचैन हो उठी और उसकी चूचिया एक जोरदार झटके के साथ उछल पड़ी और रजिया के मुंह से एक शब्द नहीं निकला!


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दाई माता उसकी सब हालत समझ गई और बोली:"

" रजिया खुद से सच बोल पाओगी या मुझे खुद नीचे से चेक करना पड़ेगा?

रजिया कांप उठी और उसकी आंखे लाल सुर्ख हो गई और दाई माता को उनमें प्यास साफ नजर आई और रजिया की जांघ पर अपना एक हाथ रख दिया और आगे की तरफ बढ़ाने लगी तो रजिया मचल और उसका हाथ पकड़ लिया तो दाई माता धीरे से फिर से बोली:"

" बोलो न रजिया आखिर सच ही तो बोलना है और मैं जानती भी हूं लेकिन आपके मुंह से सुनना चाहती हूं!

रजिया शर्म के मारे फिर से मुंह नहीं खोल पाई और दाई माता का हाथ आगे बढ़कर उसकी चूत के करीब पहुंच गया तो रजिया बेचैन हो उठी और सिसक पर अपना सिर दाई माता के कंधे पर रख दिया तो दाई माता धीरे से प्यार से दूसरे हाथ से उसकी पीठ सहलाती हुई बोली:"

" अच्छा ठीक हैं बोल नहीं पा रही है तो इशारे से ही समझा दो मुझे रजिया!

रजिया इतना सुनते ही अपनी दोनों चुचियों को उसके सीने से रगड़ दी और उसकी गर्दन खुद ही इकरार में हिल गई तो दाई माता ने अपना हाथ वापिस खींच लिया और बोली"

" मैं पहले से ही जानती थी रजिया लेकिन आपके मुंह से सच सुनना चाहती थी! मेरी सलाह मानो तो आप माँ बनने के लिए नवाब साहब के भरोसे मत रहना क्योंकि उनसे कुछ नहीं हो पायेगा! पुरुष प्रधान इस समाज में लोग आपके ही अंदर कमियां निकलने लग जाएंगे और एक दिन फिर वारिस के लिए नवाब की दूसरी शादी कर दी जाएगी!


ये सुनते ही रजिया परेशान हो गई और बोली:" फिर मुझे क्या करना चाहिए दाई माता ?

दाई माता उसका हाथ पकड़ कर धीरे से बोली:" देखो रजिया पिछली दोनों पीढ़ियों की तरह आपको भी ऊपर वाले का करिश्मा ही मां बना सकता हैं और मेरी बातों का मतलब समझ जाओगी तो खुश रहोगी! अच्छा मैं अब चलती हु! मैं आपकी दादी रुकसाना को फिलहाल के लिए मैं बता दूंगी कि आप बहु खरा सोना हैं और उसमें कोई कमी हैं लेकिन ध्यान अपना जीवन अब आपके अपने हाथ में हैं क्योंकि ज्यादा दिन तक दादी रुकसाना आराम से नहीं बैठने वाली हैं!

इतना कहकर दाई माता बाहर निकल गई और पीछे रजिया हैरान परेशान सी सोच में डूबी रह गई कि उसे आगे क्या करना सही होगा!!
क्या ही शानदार और रोमांचक कहानी है! आपकी रचनाएँ वाकई बहुत ही जोशीली और रोमांचक हैं!
 
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KingKong

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रजिया तेज तेज कदमों के साथ चलती हुई शाही बगीचे की तरफ बढ़ रही थी! रात के करीब दो बजे हुए थे और तेज चलने के उसके कदमों की आवाज दूर जा रही थी लेकिन उसका ध्यान इस तरफ था ही नहीं क्योंकि उसके दिमाग में इस समय बलदेव की कहीं हुई बाते घूम रही थी कि आखिर बलदेव उसके बारे में इतना कुछ कैसे जान सकता हैं ? जिस बात को शाही परिवार के लोग भी नहीं जानते हैं और उसने आज तक किसी के सामने भी मीर जाफर के नामर्द होने का जिक्र तक नहीं किया ये बात बलदेव को कैसे मालूम हुई ये सोच सोचकर रजिया परेशान हुई जा रही थी!

रजिया बगीचे से अभी काफी दूर थी और अंधेरी रात में जैसे ही दाई तरफ मुड़ी तो उस पर हमला हो गया और दो शक्तिशाली मर्दों ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसके मुंह पर हाथ रखते हुए एक पुराने घर में उठा ले गए जो पूरी तरह से अंधकार में डूबा हुआ था और रजिया की आवाज नहीं निकल पा रही थी! उसके मुंह से बस गूं गूं गूं की आवाज निकल रही थी और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके राज्य में किसी की इतनी हिम्मत भी हैं जो शाही बेगम के ऊपर हाथ डाल सके! रजिया किसी तरह उनकी कैद से आजाद होना चाह रही थी और उसने उस आदमी के हाथ में जोर से अपने दांत गड़ा दिए तो वो दर्द से बिलबिलाते हुए तड़प उठा और रजिया बोली:"

" हमे जाने दो! तुम नहीं जानते हम कौन हैं अगर हमें हाथ भी लगाया तो तुम्हे पूरे परिवार के साथ फांसी पर लटका दिया जाएगा!

रजिया के बोलते ही एक जोरदार थप्पड़ उसके मुंह पर पड़ा और रजिया दर्द से तड़प उठी तो एक आदमी ने उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया और दूसरे ने उसके मुंह पर उसी का दुपट्टा कसकर बांध दिया और बोला:"

" धमकी देती हैं हरामजादी! अंधेरी रात में अपने यार के साथ मुंह काला करती फिरती हैं और हमें नखरा कर रही हैं!

रजिया को समझ नहीं आया कि क्या करे क्योंकि अंधेरे में उसे पहचान नहीं पा रहे थे और अब तो बोल भी नहीं सकती थी तो अपने आपको छुटाने की कोशिश करने लगी लेकिन जल्दी ही उसे एहसास हो गया कि इनकी कैद से छुटना आसान नहीं होगा और उसे कुछ और दूसरा उपाय सोचना पड़ेगा! रजिया कुछ सोचती उससे पहले ही दोनो के उसकी एक एक चूची को पकड़ लिया और कपड़ों के ऊपर से ही कसकर दबाने लगे तो रजिया के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और एक आदमी बोला:"

" अरे रियाज मजा आ गया आज तो क्या मस्त माल हाथ लगा हैं! साली की चूचियां कितनी बड़ी बड़ी और सख्त हैं! कसम से दोनो हाथों में भी एक ठीक से नहीं आ रही है!

रजिया को हल्का हल्का दर्द हो रहा था और दूसरा आदमी उसकी पीछे आ गया और खड़े लन्ड को कपड़ों के ऊपर से ही उसकी गांड़ में पीछे से घुसाते हुए बोला :"

" सच में यार बिलाल साली की चूचियां इतनी सख्त है कि जितना दबा रहा हु उससे कहीं उछल कर वापिस आ रही हैं!
साली को सुबह तक तसल्ली से पेलेंगे!

रजिया दोनो मर्दों की बांहों के बीच में फंसी हुई कसमसा रही थी और एक ने उसके बुर्के को बीच में से फाड़ दिया तो रजिया डर के मारे कांप उठी और छटपटाने लगी लेकिन छूट न सकी! वो समझ गई थी कि आज उसकी इज्जत तार तार हो जाएगी क्योंकि ये दोनों दरिंदे मुझे छोड़ने वाले नहीं हैं तो मन ही मन दुआ करने कि कोई करिश्मा हो जाए ताकि वो बच सके! इसी बीच दूसरे वाले ने रजिया के सूट को भी पकड़ कर बीच में से फाड़ दिया तो रजिया बुरी तरह से तड़प उठी और जोर जोर से हाथ पैर चलाने लगी तो दोनों ने उसे पूरी ताकत से कस लिया और रियाज ने उसकी ब्रा के हुक को पकड़ते हुए एक झटके से तोड़ दिया वो उसकी दोनों बड़ी बड़ी सख्त चूचियां उछल कर सामने आ गई और दोनो ने बिना देर किए अपने हाथ उसकी चूचियों पर जमा दिए और कसकर मसलने लगे तो रजिया दर्द से तड़पने लगी और अपने जिस्म को इधर उधर पटकने लगी लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली तो उसकी आंखों में आंसु आ गए और उसने यकीन हो गया कि आज उसकी बर्बादी निश्चित हैं!

रियाज ने उसकी सलवार का नाड़ा पकड़ा और रजिया की सांसे उसके मुंह में आ गई क्योंकि वो पूरी तरह से नंगी होने जा रही थी ये सोचकर उसकी रूह तक कांप उठी और रियाज ने जैसे ही उसके नाडे को खींचना चाहा तो अचानक रजिया को बदबू का एहसास हुआ और रजिया समझ गई कि कौन आया हैं उसकी मदद करने के किए!

बलदेव ने रियाज और बिलाल दोनो को किसी छोटे बच्चे की तरह उठा लिया और दोनों को जोर से जमीन पर पटक दिया और उनके सिर पर अपने पैरों को रख दिया और जोर से दबा दिया तो दोनों के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और बलदेव की ताकत से दोनों के सिर फट गए और दोनों के जिस्म कुछ पल के लिए छटपटाए और फिर हमेशा के लिए शांत हो गए!

रजिया अभी तक खड़ी हुई कांप रही थी और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे! डर के कारण वो ये भी भूल गई थी कि ऊपर से पूरी तरह से नंगी हो चुकी है और कांपते हुए बोली:"

" हमे माफ कर दो बलदेव! तुमने हमें आज फिर से बचा लिया वरना हम किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहते!

इतना सुनकर रजिया फफक फफक कर रो पड़ी और बलदेव बोला:"

" आपकी रक्षा कदम इस गुलाम का कर्तव्य हैं बेगम साहिब!

बलदेव के मुंह से गुलाम शब्द सुनकर रजिया तड़प उठी और बिना कुछ सोचे समझे भावावेश में बलदेव से लिपट गई और जोर से रोते हुए बोली:"

" तुम गुलाम नहीं मेरे दोस्त हो बलदेव! हम अपने किए पर शर्मिंदा हैं!

अंधेरे में बलदेव कुछ देख नहीं पा रहा था जिससे उसे एहसास नहीं था कि रजिया की चूचियां नंगी हैं लेकिन जैसे ही वो उसके गले लगी तो बलदेव को उसकी नंगी चूचियों का एहसास हुआ और बलदेव के पूरे बदन में तेज सनसनाहट सी दौड़ गई और रोती हुई रजिया को तसल्ली देने के लिए दोनो हाथों को उसकी कमर पर रखा तो नंगी कमर पर हाथ पड़ते ही बलदेव समझ गया कि दोनो रजिया को ऊपर से नंगी कर चुके थे तो बलदेव उसकी कमर सहलाते हुए बोला:"

" रजिया संभालिए अपने आपको ! एक शाही बेगम को ऐसे रोना शोभा नहीं देता!

रजिया को बलदेव के हाथ अपनी कमर पर पड़ते ही नंगे होने का एहसास हुआ तो अगले ही पल उसे अपनी चूचियों का ख्याल आया और एकाएक रोती हुई रजिया चुप हो गई और अब उसका बदन कांप उठा और धीरे से बोली:"

" बलदेव तुम्हे कैसे पता चला कि हम मुसीबत में फंस गए हैं?

रजिया अब बलदेव से सटी हुई कसमसा तो रही थीं लेकिन उससे छुटने की अभी तक कोई कोशिश नहीं की थी तो बलदेव की हिम्मत बढ़ गई और उसकी कमर पर अपनी उंगलियों को कामुक अंदाज में फेरते हुए बोला:"

" मैं आपकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखे हुआ था! मैं हर रोज किले की छत से आपको वापिस जाते हुए देखता था और आज जैसे ही अंधेरे में आपकी परछाई गायब हुई तो मैं समझ गया कि आप किसी मुसीबत में फंस गई लेकिन ये सोचकर रुक गया कि मैं गया तो बदबू आएगी और लोगों को लगेगा कि मैं अंदर क्यों आया तो कई सवाल खड़े होंगे लेकिन अंत में मैने आने का फैसला किया!

बलदेव के बोलने से अब रजिया को बदबू का एहसास हुआ और उसकी नंगी कमर पर घूमती रही बलदेव की उंगलियां उसे मदहोश कर रही थी! रजिया बलदेव की बात सुनने के बाद बोली:"

" तुमने अच्छा किया बलदेव! वरना हम आज मर ही जाते! अब तुम्हे वापिस जाना ही होगा बलदेव क्योंकि इधर सच में बदबू फैल गई है!

बलदेव को रजिया की बात से एहसास हुआ कि रजिया सच कह रही है और अब जाना होगा लेकिन जाने से पहले उसने रजिया की नंगी कमर को अपनी मुट्ठी में दबोचते हुए जोर से अपनी तरफ खींचा तो उसकी छाती रजिया की चुचियों से टकरा गई और रजिया दर्द और मस्ती से सिसक उठी

" उफ्फ हाय क्या करते हो बलदेव! हाय कोई आने ही वाला होगा यहां!

रजिया की सिसकी ने बलदेव को एहसास करा दिया कि रजिया फिर से बहक रही हैं और बोला:"

" ओह रजिया ! जालिमों ने तुम्हे आधा नंगा की कर दिया था! अच्छा पूरा मैं सही वक्त पर आ गया नहीं तो तुम्हे पूरी नंगी करके चो.....

इससे आगे बलदेव नहीं बोला पाया क्योंकि रजिया ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और कांपते हुए बोली:"

" हाय आह्ह्ह्ह नहीं बलदेव! इतनी गंदी बात नहीं बोलते! तुम जाओ अब!

बलदेव ने रजिया के हाथ को चूम लिया और उसकी एक उंगली को मुंह में भरते हुए बोला:"

" बताओ न रजिया मैने सच कहा था न कि आप अभी बिलकुल कच्ची कली हैं!

बलदेव की नुकीली और खुरदरी जीभ का एहसास करते हुए रजिया सिसका उठी और बलदेव की बदबू के एहसास से तड़पते हुए बोली:

" आह्ह्ह्ह हमे कुछ नहीं पता! तुम जाओ अब खुदा के किए बलदेव!

बलदेव ने अपने एक हाथ रजिया की कमर में डालते हुए उसे पूरी ताकत से अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती को सख्ती से उसकी चूचियों पर रगड़ दिया और मस्ती से बोला:"

" ओह्ह्ह्ह रजिया तुम्हारी चूचियों को भी नंगा कर दिया था सालों ने! वादा करो कल आओगी न मिलने के लिए चारों शाही चिराग लेकर !

बलदेव के मुंह से चूचियां सुनकर रजिया शर्म से पानी पानी हो गई और अपनी चूचियों पर बलदेव की सख्त पत्थर जैसी छाती की रगड़ महसूस करके वो मस्ती से सिसक उठी और बोली

" आह बलदेव हमे जाने दो इस हालत में हमे किसी ने देख लिया तो तुम्हे अच्छा लगेगा क्या ! तुम्हे हमारी कसम! हम कल आने की कोशिश करेंगे!

बलदेव को लगा कि ज्यादा देर करना भी सही नहीं है क्योंकि उसकी बदबू से सच में कोई भी आ सकता था और बलदेव ने रजिया की उंगली को अपनी नुकीली जीभ से सख्ती से सहला दिया तो रजिया जोर से उससे कसकर लिपट गई तो बलदेव ने उसकी हालत और मौके की नजाकत को समझते हुए रजिया को आजाद किया और धीरे से बोला:"

" चारों शाही चिराग लेकर आना रजिया! उससे हमारे बदन की बदबू दूर हो जाएगी धीरे धीरे!

रजिया बिना कुछ कांपती हुई अपने फटे हुए कपड़े हाथ में लेकर आगे बढ़ी तो पीछे से बलदेव के पैर में कुछ लगा तो रजिया की ब्रा उसके हाथ लग गई और बलदेव रजिया की ब्रा लेकर रियाज और बिलाल की लाश उठाकर वापिस किले की तरफ लौट पड़ा और रजिया कांपती हुई मचलती हुई आगे मुड़कर शाही बगीचे मे घुस गई और उसे पीछे लोगो की आवाज सुनाई पड़ी जो बदबू की वजह से बाहर निकल आए थे!

एक आदमी:" ये बलदेव की बदबू भी राज्य के लिए अभिशाप ही हैं! नींद ही टूट गई उसकी वजह से मेरी तो!

दूसरा:" लेकिन आज कुछ ज्यादा हो बदबू आ रही है! इसका बलदेव इधर आया होगा!

तीसरा:" असंभव !! बलदेव गुलाम हैं तो वो बिना शाही परिवार की आज्ञा के अंदर नहीं घुस सकता!

पहला:" कुछ भी हो यार लेकिन बलदेव की बदबू जानलेवा हैं यार! कैसे भी करके इसकी बदबू दूर होनी ही चाहिए!

दूसरा:" ध्यान से देखो आज हवा उत्तर दिशा की तरफ से चल रही है जिस कारण बदबू थोड़ा ज्यादा हुई है! वक्त आने पर अगर कुदरत को मंजूर हुआ तो बलदेव की बदबू भी कम हो जाएगी!

पहला:" उत्तर की तरफ से हवा पहले भी चलती रही है लेकिन आज जैसी बदबू कभी नहीं आई ! जरूर बलदेव ने अपनी सीमाएं लांघी हैं और अंदर घुसा हैं वो जरूर कोई कारण तो रहा ही होगा! कल नवाब साहब के दरबार में फैसला हो ही जाएगा!

चारों आपस में बात कर ही रहे थे कि अचानक से एक को उल्टी आई और घरों से बाहर निकल कर औरते भी उल्टियां करने लगी और देखते ही देखते ये बात पूरे राज्य में फैल गई कि बलदेव ने आज पहली बार अपनी सीमाएं लांघी हैं !

रजिया बगीचे की दीवार के पास खड़ी ये सब सुन रही थी और उसे लगा कि सच में बलदेव की बदबू दूर होनी ही चाहिए! लेकिन कल क्या होगा राजदरबार में ये सोचकर वो परेशान हुए जा रही थी क्योंकि बलदेव अगर मुजरिम साबित हुआ तो उसे मौत की सजा मिलना तय हैं! डर के मारे रजिया सो नहीं पाई और उसने सोच लिया कि वो किसी भी हालत में बलदेव को बचाकर रहेगी और फिर वो बलदेव की बदबू हार हाल में दूर करेगी
लेकिन कैसे होगी ये सोचकर उसे शर्म आ गई क्योंकि इसके लिए तो उसे रात को बलदेव के पर चिराग लेकर जाना होगा!

अगले दिन सुबह राज दरबार लगा हुआ था और एक आदमी बोला:"

" नवाब साहब सारे राज्य में रात आई बदबू इस बात का सुबूत हैं कि बलदेव अंदर आया था लेकिन किसलिए ये समझ नहीं आया और अंदर आ कैसे सकता हैं जबकि वो नियमों से बंधा हुआ है अपने कबीले के!

मीर जाफर:" बेशक बदबू इस बात का सुबूत हैं कि बलदेव आया था और हमें उससे पूछताछ करनी ही होगी! तुम एक सैनिक के पास जाओ जो बलदेव के पास रहता है और बलदेव से सब मालूम करो क्योंकि बलदेव को राज दरबार में तो नहीं बुला सकते!

वो आदमी चला गया और थोड़ी देर बाद वापिस आया और बोला:" नवाब साहब बलदेव ने स्वीकार हैं किया कि वो रात अंदर तक आया था लेकिन क्यों आया था ये बताने से उसने साफ मना कर दिया है!

मीर जाफर:" बलदेव की इतनी हिम्मत कैसे हो सकती है? जाओ एक बार और उसे बताओ कि उसकी खामोशी उसकी मौत भी बन सकती हैं!

आदमी फिर से थोड़ी देर बाद वापिस लौट आया और बोला:"

" बलदेव ने बोलने के बजाय खामोश रह कर मौत को चुनना पसंद किया हैं!

मीर जाफर:" ठीक हैं फिर कबीले में संदेश भिजवा दो कि बलदेव ने राज्य को धोखा दिया हैं और उसे नियमों के अनुसार फांसी जी जाएगी और उन्हें अपना दूसरा आदमी राज्य की सेवा के लिए देना पड़ेगा!

पूरे दरबार में शांति छाई हुई थी और सब लोग आपस में खुसर पुसर कर रहे थे! रजिया ने अमीना को राज दरबार की खबर बताने के लिए कहा हुआ था और जैसे ही अमीना ने रजिया को जानकारी दी तो रजिया का दिल तो पड़ा और वो समझ गई कि बलदेव ने उसकी इज्जत बचाने के लिए अपनी जान को बलिदान करने का फैसला किया हैं!

नहीं नहीं मैं ऐसा नहीं होने दूंगी,! मेरे होते हुए कोई बलदेव का बाल भी बांका नहीं कर सकता है ये सब सोचते हुए उसने एक योजना बनाई और जान बूझकर ऐसे फटे हुए पुराने कपड़े पहने जिनमें वो एक गरीब मजदूर खातून लग रही थी और अपना चेहरा नकाब में ढककर राज दरबार में पहुंच गई तो सब गौर से उसे देखने लगे और मीर जाफर बोले:"

" कौन हो तुम और क्या चाहती हो हमसे ? आप नहीं जानती हैं क्या कि दरबार में औरतों का आना सख्त मना है!

रजिया ने अपनी आवाज को बड़ी भारी बनाया और बोली:"

" मैं आपको कुछ सच्चाई बताना चाहती हूं लेकिन पहले मुझसे वादा कीजिए कि आप बिना मेरी पहचान जाने मुझे जाने देंगे!

मीर जाफर:" पहला गुनाह तो आपको मर्दों के दरबार में आकर किया और अब हमसे सौदा भी करना चाहती हो? मानना पड़ेगा कि तुम्हारे अंदर बड़ी हिम्मत हैं!

औरत:" मैं आना तो नहीं चाहती थी लेकिन इंसाफ की आवाज को दबाना मेरे जमीर ने गंवारा नहीं किया ! लेकिन हमें पहले आपसे वादा चाहिए ?

मीर जाफर:" क्या चाहिए तुम्हे साफ साफ बोलो ? मीर जाफर के दरबार में वैसे भी औरतों नही आती और तुम आ भी गई हो तो अपनी समस्या बोलो! अगर तुमने सही बात रखी तो हम तुम्हे जाने देंगे!

रजिया ने सुकून की सांस ली और बोली:" मैं आपके राज्य की एक खातून हु और रात मुझे तबियत खराब होने के कारण नहीं आ रही थी तो मैने खुली हवा में घूमने का फैसला किया लेकिन मुझे रात को दो मर्दों बिलाल और रियाज ने पकड़ लिया और मेरे कपड़े फाड़कर मुझे बे-आबरू करने की कोशिश करी लेकिन वो तो अच्छा वो उस बदबू वाले इंसान का जिसने हमें बचाया और उन्हें सजा भी दी! वो आदमी मेरी इज्जत के चलते कुछ नहीं बोला होगा कि आप मुझे गवाही के लिए यहां बुलाएंगे और मुझ पर हजार तरह के इल्ज़ाम लगेने और उसने मौत को चुनना पसंद किया लेकिन मुझसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ और आपको सच बताने आई हु! आप पता कीजिए कि रियाज और बिलाल नाम के दोनों दरिंदे जिंदा हैं या मर गए और बलदेव से ही पूछिए तो ही सच आपके सामने आ जायेगा और आपको एहसास होगा कि जिस इंसान को ईनाम मिलना चाहिए उसे मौत की सजा मिलने वाली हैं!

मीर जाफर बड़ी सावधानी से रजिया की बाते सुन रहा और
एक मंत्री को हुक्म दिया और जाओ ये बिलाल और रियाज कौन हैं पता करो और तुम फिर से बलदेव के पास जाओ और उससे भी सच्चाई पता करो!

थोड़ी देर बाद ही सैनिक वापिस आ गया और बोला:"

" पहले तो बलदेव मना करता रहा लेकिन मेरे बताने के बाद बलदेव ने स्वीकार किया हैं कि उसने रात को एक औरत को दो लोगों से बचाया था लेकिन वो औरत की बदनामी की चलते कुछ नहीं बोला! रियाज और बिलाल दोनो की लाशे भी मिल गई है नवाब साहब!

मीर जाफर ने सुना तो उसके कदमों तले से जमीन निकल गई क्योंकि उसे लगता था कि उसके राज्य में सब सुरक्षित हैं लेकिन आज उसे एहसास हुआ कि ये इसका वहम था ! थोड़ी देर बाद ही मंत्री भी वापिस आ गया और नवाब साहब सारी सच्चाई जानकर गुस्से से भर गए और बोले:"

" बलदेव को माफ किया जाता हैं ! और खातून आप सुरक्षित जाए लेकिन आपसे गुजारिश है कि आगे से ऐसे रात में न निकले और जो आपके साथ हुआ उसके लिए हम आपसे माफी चाहते हैं! हम सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे!

रजिया ने चैन की सांस ली और धीरे से पलटकर वापिस चल पड़ी और फिर मौका देखते हुए वापिस महल में दाखिल हो गई और गुप्त रास्ते से होती हुई अपने कक्ष में आई और कपड़े निकाल कर उन्हें छुपा दिया और फिर से अपने नहा धोकर रजिया बेगम बन गई!!

शाम को रजिया अपने कक्ष में लेटी हुई बलदेव के बारे मे सोच रही थी कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसने दरवाजा खोला तो सामने दाई माता खड़ी हुई थी जिसे देखते ही रजिया समझ गई कि उसकी बुढ़िया दादी रुकसाना ने उसकी राहों में नए कांटे बो दिए हैं लेकिन फिर भी उसने खुशी खुशी दाई माता का इस्तकबाल किया और बोली:"

" आपको इस उम्र में आने की क्या जरूरत थी दाई माता! हमे ही बुला लिया होता आपने!

दाई माता अंदर आई और नीचे ही बैठते हुए बोली:"

" शाही बेगमों का एक आम दाई माता के घर जाना उचित नहीं होता!

रजिया उसकी बातों से आहत हुई और उसका हाथ पकड़कर उसे बेड पर बिठा कर बोली:"

" ऐसा हम तो नहीं सोचते दाई माता! खैर कहिए हम आपकी क्या सेवा कर सकते हैं?

दाई माता शाही बेड पर आज पहली बार बैठ रही और बेहद खुश थी! अब से पहले वो तीन शाही बेगम की देखभाल करती थी लेकिन किसी ने भी उसे इतना सम्मान नहीं दिया था जितना रजिया ने दिखा था तो बोली मुस्कुरा कर बोली:"

" सेवा तो मैं आपकी करनी आई हु रजिया बेगम! माँ बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी हैं और उससे आप अभी तक महरूम हो! मैं जो भी पुछूं आपसे उसका सच सच जवाब देना! सबसे पहले तो तुम्हे अपने सूट को उतारना ही पड़ेगा!

रजिया ने हैरानी से उसकी तरफ देखा लेकिन रजिया नहीं चाहती थी कि किसी भी वजह से उस पर इल्ज़ाम लगे कि वो ही राज्य को वारिस नहीं दे पा रही है तो इसलिए उसने धीरे से अपना सूट उतार दिया और अब उसने छाती पर एक ब्रा के जैसा बेहद खुशबूरत लाल रंग का वस्त्र पहना हुआ था और उसकी बड़ी बड़ी गोल मटोल ठोस चूचियां देखकर दाई माता बोली:"

" आपका जिस्म तो सच में बेहद खूबसूरत हैं बेगम! देखने से तो नहीं लगता कि आपको कोई जिस्मानी समस्या होगी!

रजिया को दाई माता की बात सुनकर पहले शर्म महसूस होता तो अगले ही पल वो खुशी से मुस्करा उठी लेकिन कुछ बोली नहीं तो दाई माता ने उसके पेट पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाते हुए अपनी उंगलियों से कुछ एहसास करने लगी! रजिया को बेहद गुदगुदी हो रही थी और दाई माता आंखे बंद किए हुए किसी सोच में डूबी हुई थी और थोड़ी देर बाद बोली:"

" वैसे तो कोई दिक्कत नहीं हैं रजिया लेकिन एक बात मैने आज पहली बात महसूस करी है कि आप दूसरी औरतों से बिल्कुल अलग हो! आमतौर पर औरत की बच्चेदानी पेट में बाहर की तरफ ही होती हैं लेकिन ऊपरवाले का करिश्मा देखो कि आपकी बच्चेदान न केवल दूसरी औरतों के मुकाबले बड़ी हैं बल्कि बल्कि अंदर की तरफ स्थित हैं!

रजिया ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और उदास मन से बोली:"

" इसका क्या मतलब हुआ दाई माता? क्या मैं कभी मा नहीं बन सकती हूं क्या ?

दाई माता:" ऐसा नहीं हैं रजिया! बिल्कुल बनोगी लेकिन इतना आसान भी नहीं होगा! आमतौर पर आदमी का औजार और वीर्य इतने अंदर तक नहीं पहुंच पाता तो आपको थोड़ी दिक्कत तो आएगी ही न! अच्छा मैं कुछ दवाई लेकर आई हूं तो ये खाओ और फिर मैं कुछ और आपको बताऊंगी!

रजिया ने हां में सिर हिलाया और एक प्लेट में दवाई देती हुई दाई माता बोली:"

" रजिया आपको एक राज की बात बताती हु किसी से कहना मत नहीं हो मुझे फांसी ही जाएगी !

रजिया समझ गई कि जरूर दाई माता के पास कोई बड़ा राज दफन है तो उसको अपने जाल में लेते हुए उसका हाथ पकड़ कर बोली:"

" मैं आपकी बेटी जैसी हु! आप जो कहना चाहती हैं बेफिक्र होकर कहिए! आपके और मेरे सिवा ये बात किसी और तक कभी नहीं जायेगी!

दाई माता को तसल्ली हुई तो धीरे से बोली:"

" पिछली दो पीढ़ियों में शाही बेगम तो हमेशा स्वस्थ रही हैं लेकिन सुल्तान हमेशा से कमजोर रहे हैं! मेरी बात का बुरा मत मानना लेकिन ये सच है कि सुल्तान इतने कमजोर रहे हैं कि ठीक से बेगम को संतुष्ट तक नहीं कर पाए और फिर पता नहीं कैसे शाही परिवार आगे बढ़ रहा हैं ऊपरवाला ही जाने उसका करिश्मा!

रजिया ने थोड़ी दवा खाई और उसकी तरफ हैरानी से देखकर बोली:"

" क्या आप ये बात सच कह रही हों माता ? ये तो आपने बहुत बड़ी बात कह दी हैं आज!

दाई माता:" सच कहूँ तो रजिया बेगम कभी कभी तो मुझे यकीन नहीं होता क्योंकि आपसे पहले मैने दोनो बेगम को अच्छे से चेक किया था और पाया था कि उनके आगे के छेद में तो कभी उंगली तक नहीं घुसी थी उसकी शादी के कई सालों तक भी और मेरे शौहर मुझे बताते थे कि नवाब साहब तो संभोग करने में सक्षम नहीं है फिर बच्चे कैसे हुए कुदरत की ही मर्जी है सब!

रजिया को मानो यकीन ही नहीं हुआ और ये एहसास हुआ कि आज तक उसकी चूत में भी तो लन्ड तो दूर की बात उंगली भी नहीं घुस पाई है! ये सोच कर उसकी सांसे थोड़ा सा तेज हो गई और रजिया के बदन में सनसनी सी उठना शुरू हो गई और फिर धीरे से बोली:"

" सच में ये तो कुदरत का करिश्मा ही हैं माता!

दाई माता उसे थोड़ी और दवा देती हुई बोली:"

" रजिया बुरा न मानो तो एक पूछूं आपसे ? सच नहीं बताओगी तो मुझे चेक करना पड़ेगा!

रजिया मन ही मन परेशान हुई कि पता नहीं दाई माता क्या पूछने वाली है लेकिन सिर हिलाते हुए बोली:"

" ठीक हैं दाई माता आप बोलिए मैं सच ही बताऊंगी आपको!

दाई माता ने उसकी प्लेट में अंतिम चम्मच दवाई की डाली और रजिया पर अब दवाई अपना असर दिखा रही थी और उसकी सांसे तेज हो गई थीं जिससे रजिया अपने जिस्म में गर्मी महसूस कर रही थीं और उसकी चूचियों में कंपन बिना शुरू हो गया था! बूढ़ी दाई माता की आंखों में चमक आ गई थी क्योंकि ब्रा में कैद रजिया की चुचियों की कसावट ये बयान कर रही थी कि उनकी सख्ती अभी पूरी तरह से बरकरार है और दाई माता धीरे से बोली:"

" रजिया देखो जिस तरह से आपके बदन में मेरी बातों से कंपकपी हो रही है वो इस बात का सुबूत हैं कि आपको मेरी बाते पसंद आ रही है!

रजिया कुछ नहीं बोली और बस सिर झुकाकर हल्की सी मुस्कुरा दी तो दाई माता समझ गई कि रजिया अब उसके रंग में रंग गई हैं और बोली:"

" देखो आपकी चूचियों का हर पल बढ़ता हुआ तनाव इस बात का सुबूत है कि नवाब साहब इनकी सख्ती को ठीक से संभाल नहीं पाए हैं! मैं सच कह रही हु न रजिया बेगम ?

दाई माता की बात सुनकर रजिया के बदन में तेज सनसनाहट हुई और एक झटके के साथ उसकी चूचियां उछल पड़ी मानो रजिया से पहले वो दाई माता की बात का जवाब खुद दे रही थी और रजिया की सांसे अब बेकाबू हो गई थी तो दाई माता उसकी चूचियों को देखते हुए बोली:"

" ये अंतिम चम्मच दवाई भी खा लो रजिया उसके बाद में कुछ और सवाल करूंगी आपसे!

रजिया ने आखिरी चम्मच भी खाई और प्लेट को एक खाली करने के बाद एक तरफ रख दिया और रजिया को अब लग रहा था कि मानो उसके बदन में आग लग गई है और उसकी चूचियों में कड़ापन और कंपन इस बात का सुबूत था! दाई माता धीरे से उसके पास आ गई और उसकी प्लेट में फिर से कुछ रखते हुए बोली:"

" रजिया आपकी ये गोल गोल मटोल पपीते की कंपन और अकड़ाहट इस बात का सुबूत हैं कि आज तक आपके आगे के छेद में भी उनकी तक नहीं घुसाई गई हैं कभी!

ये सुनकर रजिया पूरी तरह से बेचैन हो उठी और उसकी चूचिया एक जोरदार झटके के साथ उछल पड़ी और रजिया के मुंह से एक शब्द नहीं निकला!


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दाई माता उसकी सब हालत समझ गई और बोली:"

" रजिया खुद से सच बोल पाओगी या मुझे खुद नीचे से चेक करना पड़ेगा?

रजिया कांप उठी और उसकी आंखे लाल सुर्ख हो गई और दाई माता को उनमें प्यास साफ नजर आई और रजिया की जांघ पर अपना एक हाथ रख दिया और आगे की तरफ बढ़ाने लगी तो रजिया मचल और उसका हाथ पकड़ लिया तो दाई माता धीरे से फिर से बोली:"

" बोलो न रजिया आखिर सच ही तो बोलना है और मैं जानती भी हूं लेकिन आपके मुंह से सुनना चाहती हूं!

रजिया शर्म के मारे फिर से मुंह नहीं खोल पाई और दाई माता का हाथ आगे बढ़कर उसकी चूत के करीब पहुंच गया तो रजिया बेचैन हो उठी और सिसक पर अपना सिर दाई माता के कंधे पर रख दिया तो दाई माता धीरे से प्यार से दूसरे हाथ से उसकी पीठ सहलाती हुई बोली:"

" अच्छा ठीक हैं बोल नहीं पा रही है तो इशारे से ही समझा दो मुझे रजिया!

रजिया इतना सुनते ही अपनी दोनों चुचियों को उसके सीने से रगड़ दी और उसकी गर्दन खुद ही इकरार में हिल गई तो दाई माता ने अपना हाथ वापिस खींच लिया और बोली"

" मैं पहले से ही जानती थी रजिया लेकिन आपके मुंह से सच सुनना चाहती थी! मेरी सलाह मानो तो आप माँ बनने के लिए नवाब साहब के भरोसे मत रहना क्योंकि उनसे कुछ नहीं हो पायेगा! पुरुष प्रधान इस समाज में लोग आपके ही अंदर कमियां निकलने लग जाएंगे और एक दिन फिर वारिस के लिए नवाब की दूसरी शादी कर दी जाएगी!


ये सुनते ही रजिया परेशान हो गई और बोली:" फिर मुझे क्या करना चाहिए दाई माता ?

दाई माता उसका हाथ पकड़ कर धीरे से बोली:" देखो रजिया पिछली दोनों पीढ़ियों की तरह आपको भी ऊपर वाले का करिश्मा ही मां बना सकता हैं और मेरी बातों का मतलब समझ जाओगी तो खुश रहोगी! अच्छा मैं अब चलती हु! मैं आपकी दादी रुकसाना को फिलहाल के लिए मैं बता दूंगी कि आप बहु खरा सोना हैं और उसमें कोई कमी हैं लेकिन ध्यान अपना जीवन अब आपके अपने हाथ में हैं क्योंकि ज्यादा दिन तक दादी रुकसाना आराम से नहीं बैठने वाली हैं!

इतना कहकर दाई माता बाहर निकल गई और पीछे रजिया हैरान परेशान सी सोच में डूबी रह गई कि उसे आगे क्या करना सही होगा!!
chamatkar,mazadar aur lazzatdar story!
 
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