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Incest घरेलू जब रंडी बनी ( no pakkau only Vasna )

Tumhari mummy

Shobna kashyap
714
1,948
123
Bachho जैसे कि आने पड़ा
संजय अपनी भांजी की चुत पर अपना लंड घिस रहा था।
अब आगे..

अब संजय जोर-जोर से कुर्सी हिला रहा था जिससे चुत की घिसाई और तेज हो गई थी। अब बेचारी नन्हीं सी जान कब तक इस हमले से बच पाती, उसको पता भी नहीं चला और वो स्खलन के करीब पहुँच गई।
पूजा- आह.. आ मामू आह.. रोको आह.. प्लीज़ उफ़फ्फ़ मेरा आह.. जोर से सूसू निकल रहा है आह.. प्लीज़ आह.. नहीं..

संजय तो खिलाड़ी थी.. उसको पता था यह इस कच्ची कली का पहला मौका है, जब वो झड़ रही है, उसने उसको कस के पकड़ लिया और तेजी से उसकी चुत पे लंड घिसने लगा।

पूजा अनजानी कामुकता से सिसकती रही और संजय लंड घिसने में लगा रहा क्योंकि पूजा की चुत बहुत गर्म थी, उसने संजय के पॉवरफुल लंड को भी झड़ने के लिए मजबूर कर दिया.. उसकी साँसें तेज हो गईं- आह.. आह मामू जोर से आह.. आ रही है.. उफ़ अब नहीं रुकेगी आह.. नहीं आ..
संजय- आह.. पूजा तू कितनी अच्छी है ले आह.. उफ़ ले और तेज ले आह.. ऐसा झूला फिर नहीं मिलेगा आह.. आ..

पूजा अगर चाहती तो उठ कर भाग बाथरूम की तरफ सकती थी मगर ये सूसू नहीं उसका चुत रस आने वाला था और आप जानते हो ये मज़ा ऐसा होता है इसमें इंसान बेबस हो जाता है। वो चाहकर भी नहीं उठ पा रही थी और अब इतने करीब आकर तो सवाल ही पैदा नहीं होता था कि वो उठ जाए।
पूजा ने कस कर संजय की जाँघ पकड़ लीं और अपने दाँत भींच लिए उसकी चुत से गर्म लावा बहने लगा था।

पूजा- आह ससस्स उफ़फ्फ़ मामू आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ये क्या किया आह मेरी आह.. सूसू निकल गई उफ़फ्फ़ आ..

संजय के लंड पे जब गर्म पानी का अहसास हुआ, वो भी अपना कंट्रोल नहीं रख पाया उसके लंड से भी फव्वारा निकल गया, जो पूजा के पेट और जाँघ पर बहने लगा।

पानी निकल जाने के बाद संजय को अहसास हुआ कि उसने ये क्या कर दिया। तब उसके शैतानी दिमाग़ ने फिर नई स्कीम बनाई।
संजय- ओह शिट पूजा ये क्या किया तुमने.. उठो देखो तो क्या हो गया।

जैसे ही पूजा खड़ी हुई संजय ने फ़ौरन अपना बरमूडा पहन लिया।

पूजा- सॉरी मामू मैंने तो आपको कितना कहा मेरा सूसू आ रहा है मगर आप सुने ही नहीं और मैं रोक नहीं पाई। पूजा बहुत डर गई थी और उसकी आँखों से आँसू भी आने लगे थे। संजय ने लाइट ऑन की और पूजा को अपने गले से लगा लिया।

संजय- अरे अरे पागल रोती क्यों है मैंने डांटा थोड़े ही है.. बस ऐसे ही मजाक से कहा और बचपन में तो कितनी बार हे तूने मेरी गोदी में सूसू किया है।
पूजा- आई एम सॉरी मामू..
संजय- अरे पागल कुछ नहीं हुआ, देख मैं एकदम सूखा हूँ.. ज़रा सा निकल गया होगा।
पूजा- नहीं मामू ज़्यादा निकाला, मेरी चड्डी पूरी खराब हो गई और पेट पे भी गीला-गीला हो गया।
संजय- अरे कुछ नहीं हुआ आ इधर आ मुझे दिखा।

संजय ने पास से अपनी टी-शर्ट उठाई और पूजा की टी-शर्ट को ऊपर करके उसके पेट और जाँघ से अपना वीर्य साफ किया। फिर उसकी नज़र पैंटी पे गई जो आगे से गीली हो रही थी।

संजय- अरे अरे ये चड्डी तो गीली हो गई.. ला उतार इसको.. मैं साफ कर देता हूँ।

पूजा बेचारी इतना डर गई थी, उसको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। उसने साइड होकर अपनी पेंटी उतार कर संजय को दे दी।

संजय- तू जा बाथरूम में.. अपने आप को साफ कर ले और सुन कपड़े पूरे उतार कर अच्छे से साफ करना.. नहीं तो सूसू के दाग कपड़ों पर लग जाएंगे।
पूजा- ठीक है मामू ये टी-शर्ट भी देखो गीली हो गई अब मॉम गुस्सा करेगी।
संजय- तू एक काम कर ये टी-शर्ट भी उतार कर मुझे दे दे.. मैं इसको साफ करके अभी सुखा दूँगा। तब तक तू बाथरूम होके आ जा हाँ..!

पूजा ने बिना कुछ सोचे अपनी टी-शर्ट वहीं संजय के सामने निकाल कर रख दी।

पूजा ने अन्दर बच्चों वाली ब्रा जो एक बेल्ट टाइप की होती है, वो पहनी हुई थी जिसमें उसके संतरे जैसे गोल-गोल चूचे साफ दिख रहे थे।

पूजा के जाने के बाद संजय ने उसकी पेंटी को सूँघा.. कुँवारी चुत की खुशबू ही अलग होती है। वो पागल हो गया उसने पेंटी पर लगे पूजा के रस को जीभ से चाट कर साफ किया। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

संजय अपने लंड से बोलने लगा- अबे साले मरवाएगा क्या, अभी तो कांड किया है.. अब तो बैठ जा।

फिर उसको ख्याल आया कि घर वाले कभी भी आ सकते हैं तो उसने टी-शर्ट पर लगा अपना वीर्य साफ किया, उस जगह को पानी से अच्छी तरह साफ करके प्रेस से उसको सुखा दिया, तब तक पूजा भी बाहर आ गई थी।

पूजा- ओह मामू आप कितने अच्छे हो अपने टी-शर्ट को सुखा दिया।
संजय- चल जल्दी से तू इसको पहन ले।

पूजा ने टी-शर्ट पहन ली.. संजय उसको कुछ कहने वाला था, तभी वो बोल पड़ी- मामू प्लीज़ ये बात आप मॉम को या किसी को मत बताना कि मैंने आपके ऊपर सूसू किया.. नहीं तो मॉम गुस्सा करेगी।
संजय- अरे पगली मैं क्यों कहूँगा किसी को, बल्कि मैं तो खुद तुझे मना करने वाला था। ग़लती से भी यहाँ जो हुआ किसी को मत बताना.. नहीं सब तेरा मजाक उड़ाएंगे समझी ना तू!
पूजा भाग कर संजय के पास आई और उससे लिपट गई।

पूजा- ओह मेरे प्यारे मामू.. आप सच में बहुत अच्छे हो आई लव यू मामू।

संजय का लंड तो पहले ही कड़क था। अब तो वो फुंफकार मारने लगा और सीधा पूजा के पेट में चुभने लगा।
संजय- आई लव यू टू बेबी तू बहुत स्वीट है सच में।
पूजा- उफ़ मामू ये क्या है.. फिर से पेट में चुभने लगा है।

संजय ने उसको अलग किया और बिस्तर पे अपने पास बिठाया।

संजय- कुछ नहीं पूजा तू इस पर अभी ध्यान मत दे और ये बता झूला कैसा था?

पूजा बेचारी भोली-भाली थी, उसको क्या पता कि जो उसको चुभा है वो लंड था और संजय के सवाल ने उसको उस पल को याद करवा दिया जब वो झड़ी थी।

पूजा- ओह मामू क्या बताऊं, सच्ची आज मुझे बहुत मज़ा आया और पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मेरा सूसू निकाल गया। मगर मामू एक बात कहूँ मैं रोज सूसू करती हूँ तब कुछ नहीं होता मगर आज तो मेरे पूरे बदन में चींटियां जैसी रेंगने लगीं और नीचे सूसू की जगह बहुत जोर की खुजली हुई, फिर सूसू निकली.. तब भी बहुत मज़ा आया।

संजय कुछ कहता तभी उसको नीचे से किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई।
संजय- ओह चुप कोई आ रहा है, ये बातें अब बंद कर और हाँ याद रखना किसी को कुछ नहीं बताना है। चल मैं डोर का लॉक खोल कर आता हूँ। तू बेड पर जाकर बैठ जा।

पूजा ने कुछ नहीं कहा और बेड पर चुपचाप बैठ गई। उधर संजय ने जल्दी से लॉक खोला और खुद कुर्सी पर आकर बैठ गया।
संजय- अच्छा पूजा तूने बताया नहीं तू अब कौन सी क्लास में आ गई है।

तभी दरवाजा खुला और संजय की मॉम अन्दर आ गईं।

शारदा- अच्छा तुम दोनों यहाँ बैठे गप्पें लड़ा रहे हो। पूजा जाओ तुम्हारी मॉम बुला रही है तुमको और संजू बेटा तुम ये लिस्ट लेकर बाजार से दीदी के लिए सामान लाकर दो।
संजय- आप चलो मॉम.. मैं बस 5 मिनट में आया।
मॉम के जाने के बाद पूजा बोली- मामू आपको मालूम तो है कि मैं किस क्लास में हूँ।

पूजा की बात सुनकर संजय को हँसी आ गई.. उसने तो सिचुयेशन संभालने के लिए ऐसे ही पूछा था और पूजा समझ नहीं पाई- क्या हुआ मामू आप हंस क्यों रहे हो.. मैंने अब क्या किया?
संजय- कुछ नहीं मेरी प्यारी पूजा ऐसे ही हँसी आ गई। चल अब तू घर जा ओके।
पूजा- मामू वो मेरी चड्डी कहाँ है.. वो दे दो मुझे।
संजय- अरे वो गीली है.. अभी तू ऐसे ही चली जा और चुपके से दूसरी पहन लेना, किसी को बताना मत ओके.. मैं कल तुझे तेरी चड्डी सुखा कर दे दूँगा ठीक है ना!

पूजा ने एक बार फिर संजय को हग किया और भागती हुई वहाँ से चली गई।
संजय ने उसकी पेंटी को अपनी अलमारी में रखा और खुद भी रेडी होकर निकल गया।

ये सब टीना बड़े ध्यान से सुन रही थी।

संजय- अबे साली पहले तो बहुत चपर-चपर कर रही थी.. अब क्यों चुप बैठी है क्या हो गया तुझे?
संजय की आवाज़ सुनकर टीना का ध्यान टूटा ही नहीं, वो तो उसी कमरे में पहुँच गई थी.. जहाँ ये सब कुछ हुआ था।

टीना- ओ माय गॉड संजू यार तेरी बातें सुनकर मेरा जिस्म जलने लगा है। अगर पीरियड्स ना होते कसम से मैं अभी तेरा लंड चुत में घुसा लेती।
संजय- साली हालत तो मेरी भी खराब है मगर क्या करूँ, अब तू ही बता मैंने जो किया वो सही था या ग़लत?
टीना- देख संजू जो उम्र पूजा की है वो अब बच्ची नहीं रही है.. वो पूरा लंड ले सकती है.. मगर वो थोड़ी भोली है इन सब बातों से अनजान है, तो उस हिसाब से बच्ची ही है और रही बात सही ग़लत की, तो तुम मर्द जात हो ही ऐसे.. बस मौका मिलना चाहिए फिर नहीं देखते कि सामने कौन की चुत है।
संजय- क्या बात कर रही है साली पूरा लंड ले सकती है.. तुझे कैसे पता? और ये मर्द जात वाली क्या बात है मेरे लंड को उसी ने खड़ा किया था।

टीना- यार इससे भी एक साल छोटी थी मेरी फ्रेंड.. जब उसके चाचा ने उसको चोद दिया था। पूजा तो नादान थी साले तुम्हारे ही दिमाग़ में खुराफात आई।
संजय- चल चल ये ज्ञान बंद कर और ये बता कौन सी फ्रेंड थी जिसने इतनी छोटी उम्र में लंड ले लिया था?
टीना- अरे तू नहीं जानता यार.. थी एक चल अब देर हो रही है, मुझे घर भी जाना है।
संजय- अच्छा मत बता, जाने दे मगर ये तो बता अब इस पूजा का क्या करूँ?
टीना- हा हा हा साला पक्का रंडीबाज है तू.. अरे वो ज्ञान तो ऐसे ही था, असल बात ये है कि जहाँ चुत मिले ठोक दो साली को, बना दो उसको कली से फूल मगर प्यार से हाँ.. कहीं बेचारी की चुत फाड़ मत देना हा हा हा हा..

ये कच्ची कली की सील तोड़ने की चर्चा कितनी मधुर होती है कि साली चुत किसी की भी खुले लेकिन आप लोगों के लंड फड़कने लगते हैं।
 

Lovely lover

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संजय अपनी भांजी की चुत पर अपना लंड घिस रहा था।
अब आगे..

अब संजय जोर-जोर से कुर्सी हिला रहा था जिससे चुत की घिसाई और तेज हो गई थी। अब बेचारी नन्हीं सी जान कब तक इस हमले से बच पाती, उसको पता भी नहीं चला और वो स्खलन के करीब पहुँच गई।
पूजा- आह.. आ मामू आह.. रोको आह.. प्लीज़ उफ़फ्फ़ मेरा आह.. जोर से सूसू निकल रहा है आह.. प्लीज़ आह.. नहीं..

संजय तो खिलाड़ी थी.. उसको पता था यह इस कच्ची कली का पहला मौका है, जब वो झड़ रही है, उसने उसको कस के पकड़ लिया और तेजी से उसकी चुत पे लंड घिसने लगा।

पूजा अनजानी कामुकता से सिसकती रही और संजय लंड घिसने में लगा रहा क्योंकि पूजा की चुत बहुत गर्म थी, उसने संजय के पॉवरफुल लंड को भी झड़ने के लिए मजबूर कर दिया.. उसकी साँसें तेज हो गईं- आह.. आह मामू जोर से आह.. आ रही है.. उफ़ अब नहीं रुकेगी आह.. नहीं आ..
संजय- आह.. पूजा तू कितनी अच्छी है ले आह.. उफ़ ले और तेज ले आह.. ऐसा झूला फिर नहीं मिलेगा आह.. आ..

पूजा अगर चाहती तो उठ कर भाग बाथरूम की तरफ सकती थी मगर ये सूसू नहीं उसका चुत रस आने वाला था और आप जानते हो ये मज़ा ऐसा होता है इसमें इंसान बेबस हो जाता है। वो चाहकर भी नहीं उठ पा रही थी और अब इतने करीब आकर तो सवाल ही पैदा नहीं होता था कि वो उठ जाए।
पूजा ने कस कर संजय की जाँघ पकड़ लीं और अपने दाँत भींच लिए उसकी चुत से गर्म लावा बहने लगा था।

पूजा- आह ससस्स उफ़फ्फ़ मामू आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ये क्या किया आह मेरी आह.. सूसू निकल गई उफ़फ्फ़ आ..

संजय के लंड पे जब गर्म पानी का अहसास हुआ, वो भी अपना कंट्रोल नहीं रख पाया उसके लंड से भी फव्वारा निकल गया, जो पूजा के पेट और जाँघ पर बहने लगा।

पानी निकल जाने के बाद संजय को अहसास हुआ कि उसने ये क्या कर दिया। तब उसके शैतानी दिमाग़ ने फिर नई स्कीम बनाई।
संजय- ओह शिट पूजा ये क्या किया तुमने.. उठो देखो तो क्या हो गया।

जैसे ही पूजा खड़ी हुई संजय ने फ़ौरन अपना बरमूडा पहन लिया।

पूजा- सॉरी मामू मैंने तो आपको कितना कहा मेरा सूसू आ रहा है मगर आप सुने ही नहीं और मैं रोक नहीं पाई। पूजा बहुत डर गई थी और उसकी आँखों से आँसू भी आने लगे थे। संजय ने लाइट ऑन की और पूजा को अपने गले से लगा लिया।

संजय- अरे अरे पागल रोती क्यों है मैंने डांटा थोड़े ही है.. बस ऐसे ही मजाक से कहा और बचपन में तो कितनी बार हे तूने मेरी गोदी में सूसू किया है।
पूजा- आई एम सॉरी मामू..
संजय- अरे पागल कुछ नहीं हुआ, देख मैं एकदम सूखा हूँ.. ज़रा सा निकल गया होगा।
पूजा- नहीं मामू ज़्यादा निकाला, मेरी चड्डी पूरी खराब हो गई और पेट पे भी गीला-गीला हो गया।
संजय- अरे कुछ नहीं हुआ आ इधर आ मुझे दिखा।

संजय ने पास से अपनी टी-शर्ट उठाई और पूजा की टी-शर्ट को ऊपर करके उसके पेट और जाँघ से अपना वीर्य साफ किया। फिर उसकी नज़र पैंटी पे गई जो आगे से गीली हो रही थी।

संजय- अरे अरे ये चड्डी तो गीली हो गई.. ला उतार इसको.. मैं साफ कर देता हूँ।

पूजा बेचारी इतना डर गई थी, उसको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। उसने साइड होकर अपनी पेंटी उतार कर संजय को दे दी।

संजय- तू जा बाथरूम में.. अपने आप को साफ कर ले और सुन कपड़े पूरे उतार कर अच्छे से साफ करना.. नहीं तो सूसू के दाग कपड़ों पर लग जाएंगे।
पूजा- ठीक है मामू ये टी-शर्ट भी देखो गीली हो गई अब मॉम गुस्सा करेगी।
संजय- तू एक काम कर ये टी-शर्ट भी उतार कर मुझे दे दे.. मैं इसको साफ करके अभी सुखा दूँगा। तब तक तू बाथरूम होके आ जा हाँ..!

पूजा ने बिना कुछ सोचे अपनी टी-शर्ट वहीं संजय के सामने निकाल कर रख दी।

पूजा ने अन्दर बच्चों वाली ब्रा जो एक बेल्ट टाइप की होती है, वो पहनी हुई थी जिसमें उसके संतरे जैसे गोल-गोल चूचे साफ दिख रहे थे।

पूजा के जाने के बाद संजय ने उसकी पेंटी को सूँघा.. कुँवारी चुत की खुशबू ही अलग होती है। वो पागल हो गया उसने पेंटी पर लगे पूजा के रस को जीभ से चाट कर साफ किया। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

संजय अपने लंड से बोलने लगा- अबे साले मरवाएगा क्या, अभी तो कांड किया है.. अब तो बैठ जा।

फिर उसको ख्याल आया कि घर वाले कभी भी आ सकते हैं तो उसने टी-शर्ट पर लगा अपना वीर्य साफ किया, उस जगह को पानी से अच्छी तरह साफ करके प्रेस से उसको सुखा दिया, तब तक पूजा भी बाहर आ गई थी।

पूजा- ओह मामू आप कितने अच्छे हो अपने टी-शर्ट को सुखा दिया।
संजय- चल जल्दी से तू इसको पहन ले।

पूजा ने टी-शर्ट पहन ली.. संजय उसको कुछ कहने वाला था, तभी वो बोल पड़ी- मामू प्लीज़ ये बात आप मॉम को या किसी को मत बताना कि मैंने आपके ऊपर सूसू किया.. नहीं तो मॉम गुस्सा करेगी।
संजय- अरे पगली मैं क्यों कहूँगा किसी को, बल्कि मैं तो खुद तुझे मना करने वाला था। ग़लती से भी यहाँ जो हुआ किसी को मत बताना.. नहीं सब तेरा मजाक उड़ाएंगे समझी ना तू!
पूजा भाग कर संजय के पास आई और उससे लिपट गई।

पूजा- ओह मेरे प्यारे मामू.. आप सच में बहुत अच्छे हो आई लव यू मामू।

संजय का लंड तो पहले ही कड़क था। अब तो वो फुंफकार मारने लगा और सीधा पूजा के पेट में चुभने लगा।
संजय- आई लव यू टू बेबी तू बहुत स्वीट है सच में।
पूजा- उफ़ मामू ये क्या है.. फिर से पेट में चुभने लगा है।

संजय ने उसको अलग किया और बिस्तर पे अपने पास बिठाया।

संजय- कुछ नहीं पूजा तू इस पर अभी ध्यान मत दे और ये बता झूला कैसा था?

पूजा बेचारी भोली-भाली थी, उसको क्या पता कि जो उसको चुभा है वो लंड था और संजय के सवाल ने उसको उस पल को याद करवा दिया जब वो झड़ी थी।

पूजा- ओह मामू क्या बताऊं, सच्ची आज मुझे बहुत मज़ा आया और पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मेरा सूसू निकाल गया। मगर मामू एक बात कहूँ मैं रोज सूसू करती हूँ तब कुछ नहीं होता मगर आज तो मेरे पूरे बदन में चींटियां जैसी रेंगने लगीं और नीचे सूसू की जगह बहुत जोर की खुजली हुई, फिर सूसू निकली.. तब भी बहुत मज़ा आया।

संजय कुछ कहता तभी उसको नीचे से किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई।
संजय- ओह चुप कोई आ रहा है, ये बातें अब बंद कर और हाँ याद रखना किसी को कुछ नहीं बताना है। चल मैं डोर का लॉक खोल कर आता हूँ। तू बेड पर जाकर बैठ जा।

पूजा ने कुछ नहीं कहा और बेड पर चुपचाप बैठ गई। उधर संजय ने जल्दी से लॉक खोला और खुद कुर्सी पर आकर बैठ गया।
संजय- अच्छा पूजा तूने बताया नहीं तू अब कौन सी क्लास में आ गई है।

तभी दरवाजा खुला और संजय की मॉम अन्दर आ गईं।

शारदा- अच्छा तुम दोनों यहाँ बैठे गप्पें लड़ा रहे हो। पूजा जाओ तुम्हारी मॉम बुला रही है तुमको और संजू बेटा तुम ये लिस्ट लेकर बाजार से दीदी के लिए सामान लाकर दो।
संजय- आप चलो मॉम.. मैं बस 5 मिनट में आया।
मॉम के जाने के बाद पूजा बोली- मामू आपको मालूम तो है कि मैं किस क्लास में हूँ।

पूजा की बात सुनकर संजय को हँसी आ गई.. उसने तो सिचुयेशन संभालने के लिए ऐसे ही पूछा था और पूजा समझ नहीं पाई- क्या हुआ मामू आप हंस क्यों रहे हो.. मैंने अब क्या किया?
संजय- कुछ नहीं मेरी प्यारी पूजा ऐसे ही हँसी आ गई। चल अब तू घर जा ओके।
पूजा- मामू वो मेरी चड्डी कहाँ है.. वो दे दो मुझे।
संजय- अरे वो गीली है.. अभी तू ऐसे ही चली जा और चुपके से दूसरी पहन लेना, किसी को बताना मत ओके.. मैं कल तुझे तेरी चड्डी सुखा कर दे दूँगा ठीक है ना!

पूजा ने एक बार फिर संजय को हग किया और भागती हुई वहाँ से चली गई।
संजय ने उसकी पेंटी को अपनी अलमारी में रखा और खुद भी रेडी होकर निकल गया।

ये सब टीना बड़े ध्यान से सुन रही थी।

संजय- अबे साली पहले तो बहुत चपर-चपर कर रही थी.. अब क्यों चुप बैठी है क्या हो गया तुझे?
संजय की आवाज़ सुनकर टीना का ध्यान टूटा ही नहीं, वो तो उसी कमरे में पहुँच गई थी.. जहाँ ये सब कुछ हुआ था।

टीना- ओ माय गॉड संजू यार तेरी बातें सुनकर मेरा जिस्म जलने लगा है। अगर पीरियड्स ना होते कसम से मैं अभी तेरा लंड चुत में घुसा लेती।
संजय- साली हालत तो मेरी भी खराब है मगर क्या करूँ, अब तू ही बता मैंने जो किया वो सही था या ग़लत?
टीना- देख संजू जो उम्र पूजा की है वो अब बच्ची नहीं रही है.. वो पूरा लंड ले सकती है.. मगर वो थोड़ी भोली है इन सब बातों से अनजान है, तो उस हिसाब से बच्ची ही है और रही बात सही ग़लत की, तो तुम मर्द जात हो ही ऐसे.. बस मौका मिलना चाहिए फिर नहीं देखते कि सामने कौन की चुत है।
संजय- क्या बात कर रही है साली पूरा लंड ले सकती है.. तुझे कैसे पता? और ये मर्द जात वाली क्या बात है मेरे लंड को उसी ने खड़ा किया था।

टीना- यार इससे भी एक साल छोटी थी मेरी फ्रेंड.. जब उसके चाचा ने उसको चोद दिया था। पूजा तो नादान थी साले तुम्हारे ही दिमाग़ में खुराफात आई।
संजय- चल चल ये ज्ञान बंद कर और ये बता कौन सी फ्रेंड थी जिसने इतनी छोटी उम्र में लंड ले लिया था?
टीना- अरे तू नहीं जानता यार.. थी एक चल अब देर हो रही है, मुझे घर भी जाना है।
संजय- अच्छा मत बता, जाने दे मगर ये तो बता अब इस पूजा का क्या करूँ?
टीना- हा हा हा साला पक्का रंडीबाज है तू.. अरे वो ज्ञान तो ऐसे ही था, असल बात ये है कि जहाँ चुत मिले ठोक दो साली को, बना दो उसको कली से फूल मगर प्यार से हाँ.. कहीं बेचारी की चुत फाड़ मत देना हा हा हा हा..

ये कच्ची कली की सील तोड़ने की चर्चा कितनी मधुर होती है कि साली चुत किसी की भी खुले लेकिन आप लोगों के लंड फड़कने लगते हैं।


??
Dhanshu, jabsexy, chudasi, jab yeh complete ho jayegi to fir se ek baar padni padegi.
 
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इस स्टोरी में अब तक आपने जाना था कि संजय मोना को अपनी कमसिन भांजी की चुत की पहली रसधार निकलने के बारे में बता रहा था।

अब आगे..

संजय- ये हुई ना बात.. वैसे तू भी नहीं भी कहती तो भी मैं उसको चोद ही देता… हा हा हा हा हा..
दोनों ठहाका मार के हंसने लगे, फिर संजय ने सोचा अभी टीना को घर छोड़ आता हूँ.. कल पूजा के लिए कोई प्लान तैयार करूँगा और वो दोनों वहाँ से निकल गए।

दोस्तो, मज़ा आ रहा है ना.. आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको संजय के घर लेकर गई और वहाँ किसी का इंट्रो नहीं दिया। अब ये टीना इतनी रात को बाहर है इसके घर वाले नहीं है क्या.. या फिर ये किसके मकान में दोनों मज़े ले रहे हैं। ऐसे बहुत से सवाल होंगे तो चलो पहले आपके सारे सवालों के जबाव दे देती हूँ।

फ्रेंड संजय के घर में उनकी मॉम हैं.. मगर उनका कहानी में कोई खास रोल नहीं है, इसी लिए इंट्रो नहीं दिया। वैसे ही और भी बहुत लोग कहानी में आएँगे मगर कुछ देर के लिए.. तो उनके लिए टाइम वेस्ट करने से कोई फायदा नहीं। आप खुद समझदार हो जब किसी की ज़्यादा जरूरत होगी, मैं बता दूँगी और रही इस मकान की बात.. तो ये कल कॉलेज में आपको पता लग जाएगी। अब हमारी टीना घर से बाहर है उसके बारे में बता देती हूँ।

टीना के पापा बहुत पहले गुजर गए थे, अब वो अपनी माँ और एक छोटे भाई के साथ रहती है, उसकी माँ बेचारी बीमार रहती है तो जल्दी सो जाती है और टीना जैसी फास्ट लड़की के लिए रात को घर से निकलना क्या मुश्किल है.. ये आप समझ ही गए होंगे।

आपको बताना चाहती हूँ कि एक और फ्रेंड का मेल आया है कि कहानी की मेन हीरोइन तो सुमन है.. वो कहाँ गायब हो गई है.. और कहानी भी अपने नाम के मुताबिक नहीं चल रही है तो दोस्तों सब्र करो.. सुमन ही मुख्य किरदार है मगर ये सब छोटी-छोटी कहानियां आपस में जुड़ती चली जाएंगी.. तब असली बात समझ आएगी।

मैंने शायद आपको ज़्यादा बोर कर दिया, चलो वापस इस सेक्स स्टोरी का मजा लेते हैं।

दोस्तो, इतनी ज़बरदस्त चुदाई के बाद मोना को बहुत अच्छी नींद आ गई.. कोई एक घंटा बाद काका जब वापस आए तो मोना करवट लिए नंगी ही सोई पड़ी थी।
काका- हाय मोना रानी कितनी प्यारी है रे.. तू सोई हुई तो और अच्छी लग रही है। अब इस लंड का क्या करूँ ये कमीना मानता ही नहीं.. चल एक बार और तेरी मस्त ठुकाई कर देता हूँ, फिर मैं भी सो जाऊंगा।
ऐसे ही बड़बड़ाते हुए काका मोना के पास गए और अपने लंड को मोना के होंठों पर फिराने लगे।

मोना नींद में थी.. मगर लंड का अहसास उसको हो रहा था, उसने हल्के से होंठ खोल दिए, जिससे काका का लंड उसके मुँह में घुस गया। अब काका धीरे-धीरे मोना के मुँह को चोदने लगे। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद काका का लंड एकदम कड़क हो गया.. तब वो मोना के पैरों के पास आए और उसकी टांगें फैला कर एक ही झटके में पूरा लंड मोना की चुत में पेल दिया।

दर्द के मारे मोना की नींद हवा हो गई और वो सिसकते हुए बोली- ईईससस्स काका आह.. मार डाला रे आह.. कैसा तगड़ा लंड है, जब भी अन्दर जाता है आह.. मेरी तो जान ही निकाल देता है उफ़ आह..
काका- तेरी चुत भी तो ऐसी ही है, जितना भी चोदो.. ऐसा लगता है पहली बार चोद रहा हूँ। ले रानी अब संभाल उह उह..
काका पूरी ताक़त से झटके मारने लगे और मोना भी गांड उछाल-उछाल कर उनका साथ देने में लग गई।

काका ने कई मिनट तक अलग-अलग पोज़ बना कर मोना की चुदाई की। वो ना जाने कितनी बार झड़ी होगी तब कहीं जाकर काका के लंड का लावा फूटा।
उसके बाद काका ने उससे कहा- अब आराम से सोजा.. कल तेरी गांड भी मारनी है।
मोना- आह.. आ काका… सच्ची आप ना होते तो मेरी ये प्यास कभी ना बुझती! उफ़… चुत का चबूतरा बना दिया आज अपने अब आप भी सो जाओ और भगवान के लिए सो ही जाना.. वापस मत चढ़ जाना.. अब मेरी बिल्कुल भी चुदवाने की हिम्मत नहीं है।

काका- हा हा हा हा… नहीं आऊंगा रानी तू अब आराम से सो जा!
काका के जाने के बाद मोना ने कपड़े पहने और सुकून की नींद सो गई।

सुबह सुमन के घर में वही रोज का माहौल था। सुमन ने आज रेड एंड वाइट कॉम्बिनेशन पहना था और बाल भी खुले रखे हुए थे। आज वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी।
गुलशन- अरे वाह.. क्या बात है मेरी गुड़िया तो आज बहुत प्यारी लग रही है।
सुमन- थैंक्स पापा, आप भी स्मार्ट लग रहे हो… हा हा हा हा..
गुलशन- चल हट बदमाश कहीं की, अपने बाप से शरारत करती है.. अब चल जल्दी कर तुझे कॉलेज नहीं जाना क्या?
सुमन- सॉरी पापा आपको बताना भूल गई। मेरी फ्रेंड टीना यहीं पास में रहती है.. आज मैं उसके साथ जाऊंगी, आप जाओ।

कल टीना ने जाते टाइम सुमन को बता दिया था कि वो उसके पास ही रहने आ गई है और कल से कॉलेज साथ ही जाएगी।

गुलशन- ठीक है भाई.. ये अच्छा हुआ अब सीधा अपनी दुकान पर चला जाऊंगा।

गुलशन जी के जाने के बाद सुमन भी घर से निकल गई। आज उसकी गली के लड़के उसको बहुत घूर कर ऐसे देख रहे थे जैसे भोसड़ी के दूर से ही लंड फेंक कर उसकी चुत में डाल देंगे।
उधर सुमन तो अपनी मस्ती में चली जा रही थी। एक लंबी गली पार करके बाहर मेन रोड से दायीं ओर टीना का घर था। सुमन सीधे उसके घर के पास पहुँच गई और डोरबेल बजाई तो टीना की मॉम बाहर आ गईं।

सुमन- नमस्ते आंटी जी।
गायत्री- अरे आ गई बेटी.. टीना तेरी ही बात कर रही थी अभी.. आजा अन्दर आजा..!

सुमन उनके पीछे घर में चली गई। घर में कुछ खास साजो-सामान नहीं था.. बस नॉर्मल सा घर था। गायत्री के कहने पर सुमन सामने के कमरे में चली गई।
टीना- अरे आओ मेरी प्यारी गुड़िया.. आज क्या बात है बहुत ब्यूटीफुल लग रही हो।
सुमन- थैंक्स दीदी.. आप भी बहुत सुंदर लग रही हो।

टीना- काहे की सुंदर यार.. आज तो नहाई भी नहीं हूँ.. साले ये पीरियड्स को भी अभी आना था।
सुमन- हे राम दीदी, धीरे बोलिए, आंटी सुन लेंगी।
टीना- हा हा हा हा तू भी ना एकदम आइटम है यार.. ये तो सब को आते है इसमें शर्माना कैसा? अब तू हमारे ग्रुप की हो गई है.. पता है ना संजय ने क्या कहा था.. बदल जा अब तू.. ओके!
सुमन- ओके दीदी.. जैसा आप कहो अब चलें.. देर हो रही है?

टीना- अरे रुक मेरी जान तुझे यहाँ ऐसे ही थोड़े बुलाया मैंने.. तू पहले अपना अभी का टास्क तो पूरा कर ले।
सुमन- इस टाइम कैसा टास्क..? हम लेट हो जाएंगे दीदी।
टीना- अरे तू फिर ‘ना’ बोली? चल तू जाने दे, तुझसे कुछ नहीं होगा। अब संजय को मैं साफ-साफ मना कर देती हूँ ओके।
सुमन- सॉरी दीदी.. मेरा वो मतलब नहीं था हम शाम को कर लेंगे ना!
टीना- शाम का टास्क दूसरा है.. समझी अब करना है या जाना है?
सुमन- करना है दीदी.. जल्दी कहो क्या करूँ?
टीना- ये हुई ना बात.. रुक बताती हूँ तुझे क्या करना है?

टीना ने रूम बंद किया और अपनी अलमारी से एक 7″ का डिल्डो (नकली लंड) निकाला और सुमन के सामने कर दिया।

सुमन की तो आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसने अपने हाथ मुँह पे रख लिए।

सुमन- हे राम दीदी ये क्या है.. और आप के पास ये कहाँ से आया?
टीना- अच्छा, तुझे नहीं पता ये क्या है?
सुमन- नहीं दीदी सच में मुझे नहीं पता ये क्या है.. मगर ये तो आदमी के..
टीना- अरे चुप क्यों हो गई बोल बोल.. यही तो तेरा टास्क है.. जल्दी कर लेट अब तू कर रही है।
सुमन- दीदी मुझे शर्म आ रही है।

टीना- तुम फिर वही राग अलापने लगीं.. जल्दी बोलो.. अभी और भी काम बाकी है?
सुमन- ये वो आदमी के ल्ल..ल्लिंग जैसा लग रहा है दीदी।
टीना- गुड अच्छा वैसे तो तू बहुत भोली बनती है.. फिर तुझे इसका कैसे पता लगा?
सुमन- क्या दीदी आप भी ये तो 9वीं क्लास में ही साइन्स की किताब में था.. इसका पिक था और इसके बारे में लिखा भी था, तब से पता है।
टीना- धत तेरी की.. जानकारी भी ली तो किताबों से.. अरे पगली इसको लिंग नहीं लंड कहते हैं लंड.. समझी!
सुमन- छी दीदी, ये तो सब गाली है।
टीना- अरे सच्ची इसका यही नाम है.. अच्छा वो सब जाने दे.. इसको हाथ में लेकर देख तुझे कैसा महसूस होता है?

सुमन ने डरते-डरते नकली लंड को ऐसे पकड़ा जैसे वो कोई साँप हो।

सुमन- दीदी ये तो रबड़ का है.. कितना डरावना है ना ये!
टीना- वाह भाई वाह.. कोई तो इसको देख के कहता है.. वाउ सो बिग और तुम हो कि इसे डरावना बता रही हो।
सुमन- मुझे जैसा फील हुआ मैंने आपको बता दिया मगर एक बात समझ नहीं आई कि ये लिंग का मॉडल आपके पास कहाँ से आया.. ये तो किसी डॉक्टर के पास या लैब में होना चाहिए?
टीना- अरे मेरी भोली सुमन, कौन सी दुनिया में है तू.. ये मॉडल नहीं डिल्डो है.. इससे लड़कियां चुत की खुजली मिटाती हैं।
सुमन- दीदी आप कितने गंदे शब्दों का यूज करती हो.. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.. आप सिंपल भाषा में समझाओ ना।
टीना- ओह गॉड.. ये लड़की भी ना.. अच्छा छोड़.. ये बता तुम फिंगरिंग करती हो या किसी से सुना होगा.. करना तो तुम्हारे बस का कहाँ है?
सुमन- नहीं दीदी वो क्या होती है.. मुझे नहीं पता!
टीना- ओ माय गॉड, तू सच में पक्की आइटम है.. चल कॉलेज चल देर हो रही है.. ये डिल्डो वाला टास्क शाम को ही करना।

सुमन बेचारी असमंजस में पड़ गई, वो कुछ बोल भी नहीं पाई और चुपचाप टीना के साथ कॉलेज चली गई।

दोस्तो, आप में से कुछ लोग जरूर कहेंगे ये बकवास है.. आज के जमाने में ऐसा नहीं हो सकता कि किसी को ये भी पता ना हो तो आपको बता दूँ आप की तरह सभी इतने फास्ट नहीं है और ना ही सब नेट पर ये सब देखते हैं। मेरी खुद की जानकारी में ऐसी कई लड़कियां हैं जिनको फिंगरिंग का पता ही नहीं है। लड़की जाने दो.. कुछ लड़के भी हैं जिन्होंने आज तक मुठ नहीं मारी। भाई ये दुनिया बहुत बड़ी है.. इसमें हर किस्म के इंसान मौजूद हैं।

अब आगे चलो यहाँ क्या ज्ञान ले रहे हो आप लोग.. हा हा हा हा हा हा..
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Thanks
Aakash...?
 
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Siraj Patel

The name is enough
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Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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