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Incest घर कि गहरी गहरी चूते

क्या लगता सबको पहले किसकी चूदाई होगी


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#अपडेट:२
ज़ीनत: दिमाग़ में ये सब क्या चल रहा लन्ड के ही ख्यालों खोती जा रही हैं डाइनिंग रूम आकर बैठ जाति है उसको तो कल रात की सारी सीन आखों के हट ही नहीं रही थी उसका भाई जिब्रान भी आ जाता है जिब्रान आने के बाद अम्मी की गांड़ को घूरते जा रहा था
मैने उसपर गोर किया तो देखा जिब्रान पेंट के ऊपर से लन्ड मसल रहा था तभी अब्बू भी आ जाते है सब नाश्ता कर के उठते।

ज़ीनत और जिब्रान दोनों स्कूल के लिए निकल जाते हैं

ज़ीनत का दिमाग अभी भी वहीं अटका पड़ा था
कोलेज के अंदर प्रवेश करती हैं की ज़रा आ जाति
ज़रा: क्या हुआ ज़ीनत किस सोच में पड़ी हो।
ज़ीनत : कुछ नहीं कल रात नीद पूरी नहीं हुई तो
थोड़ा थकान महसूस हो रहा है
ज़रा : क्यू कल रात क्या कर रही थी मेरी जान
ज़ीनत : चल क्लॉस मे बाद में बताती हूं

इधर
सलमा: जिब्रान के रूम में आति और रूम को सही करने
लगती हैं
रूम सही करते करते जिब्रान कि अलमारी खोली है
देखती है कि पूरा अलमारी उथल पुथल कर रखा है
अलमारी सही करती है अलमारी के कोने में मैग्जिन दबा दिख जाता सलमा मैग्जिन को बाहर निकलती हैं
मैग्जिन की कवर पर पर लिखा था मां बेटे का सेक्स सम्बंध
कवर एक लड़के का बिना कपड़ो के एक पिक्चर थी अपना पकड़े खड़ा था
सलमा : मैग्जिन को खोलती हैं और पढ़ना शुरू करती है
बेटे ने मां को अपने लन्ड की दीवानी बनाता है
बेटा अपनी मां को चुपके चुपके नहाते देखता और
कपडे बदलते वक्त देखता फिर आ कर अपने बिस्तर में लेट जाता
मां उसे जागने आती तो देखती ये तो सो रहा है पर इसका लन्ड
खड़ा क्यू है मां उसे जगाती है ओर वहा से निकल जाति है
ऐसा लगभग रोज़ होता उसकी मां ने नोटिस किया और बेटे को जागा कर रूम छुप के खड़ी हो जाती हैं
बेटा झट से उठता अपने लन्ड को मसलता है और पेंट सरका
देता है उसका बड़ा लन्ड देख आंखे बड़ी हो जाती हैं बेटा लन्ड को हिलने लगा और धीरे धीरे उसके मुंह से आवाज़ करता है सुनीता
एक बार देदो बस एक बार अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुनकर
सन हो जाति है
फिर
सलमा: सोचने लगती हैं कहीं मेरा बेटा मेरी चूत
मरने के चक्कर में तो नहीं ह
सलमा मैग्जिन वही दबा देती हैं
अब अलमारी सही कर ज़िब्रान के रूम से बाहर निकल आति है
सोफे पे बैठ कर सोच रही थी तभी
फ़ोन बज पड़ा सलमा फ़ोन रिसिव करती हैं हा बोलिये जी क्या हुआ
नियाज़: अरे सलमा खाना बनाया कि नहीं तुमने
सलमा : अभी कहा पूरा घर फैला बिखरा था उसे सही कर रही हूं
नियाज़: अच्छा हुआ आज मैने एक नया रसोईया रखा है
तो उससे उसके सारे लज़ीज़ पकवान बनवा कर टेस्ट करना
तो आज घर पर खाना नहीं बनाओं
में रेस्टोरेंट से भेज दूंगा
सलमा : ठीक है जैसा आप को ठीक लगे।

उधर क्लास ख़त्म होने के बाद

सना : क्या हुआ मेरी जान सुबह से क्या सोच रही हैं
कही किसी से तुझे प्रपोज तो नहीं कर दिया।
ज़ीनत : नहीं यार
सना: तो फिर क्या बता ना
ज़ीनत : यार मेने एक मैग्जिन देखी
सना : तो क्या हुआ
ज़ीनत : उस मैग्जिन में बेटा मां का दीवाना और बेटी बाप की दीवानी सेक्स स्टोरी थी
सना : यार ये सब बनी बनाई कहानी होती
ज़ीनत : तुझे कैसे पता की ये सिर्फ़ बनी बनाई कहानी है
सना : मुझे ऐसा ही लगता हैं
सामने से ज़िब्रान को आता देख सना और ज़ीनत रुक जाती है
जिब्रान: सना अप्पी सालम वालेकुम
ओर अप्पी सब खैरियत तो
सना: वालेकुम सालम और सलमा चचि क्या खिला रही है जो इतना चौड़ा होते जा रहा है भाई
जिब्रान: जो ज़ीनत खाती वहीं मैं भी खाता हूं
चले अप्पी घर
ज़ीनत : हा चलो
भाई को गौर से आंखे भिचकाए देखती है तो शरीर में करेंट सा दौड़ जाता है
दोनों घर की ओर चलते हैं
नियाज़ ने अपने वेटर के हाथ लॉन्च भेजा था
बेल बजाती है
सलमा : ३ बज चुके हैं
बच्चे आ गए सायद
आप कोन है भाईजान
वेटर: जी में रेस्टोरेंट से आया हुए
ये साहब ने बोला था पहुंचा दू
सलमा : हा ठीक अंदर रख दे
तुम्हारे साहब कहा है
वेटर : जी वो रेस्टुरेंट पर ही है
आज मेनेजर नहीं आएं हैं तो काउंटर साहब ही संभाल रहे हैं
आज उनको आने में भी लेट होगा
अच्छा मैं चलता हूं।
सलमा : ठीक है
सलमा की नज़र दोनों बच्चो पर पड़ी दोनों धीरे धीरे आ रहे थे
जिब्रान: क्या हुआ अम्मी आप यहां हम लोगो का इंतज़ार कर रही है क्या।
सलमा : नहीं अब्बू ने रेस्टोरेंट से लॉन्च भेजा है
ज़ीनत: अभी भी ख्यालों में खोई थी
सलमा : जाओ दोनों चेंज कर के आओ मैं खाना लगाती हूं
ज़िब्रान: झट से रूम जाता है ओर देखता है की रुम इतना साफ़ सुधरा केसे होगया झट दिमाग़ ही जाता है कहीं अम्मी को किताबे तो नहीं मिल गई जिब्रान तकिए में देखता वहा किताब सही थी।
अचानक उसे याद आया कि अलमारी में भी है अलमारी खोली देखा ये भी पूरी सही किया गया हैं अलमारी के कोने में से किताब निकलता बोलता आज तो बच गया
किताबे वहीं वापस रख कर कपड़े चेंज करता है ओर बाहर डाइनिंग हॉल आ जाता

सलमा: आज़ बेटे को भूख जादा लगीं हैं क्या


उधर रुम में ज़ीनत कपडे चेंज करती और देखती की उसकी चूत फिर से गीली हैं
ज़ीनत : कपड़े पहन कर बाहर निकलती हैं देखती है
भाई पहले ही आ गया था जीनत के दिमाग़ आया की क्यू ना उस
किताबों की फ़ोन में फ़ोटो खींच लिया जाए
सीधे ज़िब्रान के रुम घुसती किताब की फ़ोटो खींचने लगती हैं
सारे पन्नों की फ़ोटो निकल लेती हैं
किताब वापस से रखती हैं और धीरे से बाहर आ जाति है
सलमा खाना लगा कर बैठ जाति है सब खाना खाने लगते है
ज़िब्रान : खा कर उठ जाता है हाथ धो कर रुम चला जाता हैं
जिब्रान के दोस्त ने उसे पॉर्न वीडियो दी है

ज़ीनत भी अपने रुम चली जाती हैं दरवाज़ा बंद करती हैं
अपना फ़ोन में देखने लगती हैं बेटी बाप की दीवानी पढ़ने लगती
उधर
सलमा भी सब काम छोड़ जिब्रान के रुम के पास आ जाति
कि होल से देखती है ज़िब्रान एक हाथ में फ़ोन और दूसरे हाथ में अपना मोटा लन्ड पकड़े मुठिया जा रहा था दस मिनट से यहीं देख रही हूं
तभी जिब्रान फ़ोन को साइड खड़ा करता है लन्ड जोर मुठिया जा रहा है अचानक उसने मेरी फ़ोटो फ्रेम उठाई और सारा वीर्य फ्रेम छोड़ देता है ये देख सलमा की आखें फटी की फटी रह जाति है
ओर ओ भी अपने रुम मे आ जाति सलमा सोच में पड़ जाति है
की ये तो मेरा चूत के चक्कर में है सलमा अपनी चूत गीली महसूस
होता है बाथरूम जा कर जिब्रान के बारे मे सोचने लगती हैं सलमा की बुर और तेज़ी से गीली होने लगती है ओर दो उंगली बुर चलाने लगती हैं उत्तेजना से सलमा जल्द झड़ जाति है
सलमा सोच ती है क्यू ना मै ही जिब्रान फसा लू।
ज़ीनत बेटी बाप की दीवानी पढ़ कर जोश में जाति वो भी चूत रगड़ने लगती
इधर अम्मी अपने बेटे का लन्ड लेने की तयारी करने लग जाति है
उधर ज़ीनत अब्बू का लन्ड दिख रहा
दोनों मां बेटी यहीं सोच रही थी क्या ये सही है।
सोचते सोचते दोनों की बुर बार बार गीली हो जाति है
९:४५ रात हो चुकी थी
जिब्रान : अम्मी कहा हो खाना नहीं मिले गी क्या
सलमा: हा आ रही हूं रेस्टोरेंट जो खाना आया है
अभी ओर भी बचा है मैं खाना गर्म करके लगती हु
तू जा अप्पी को बुला ले
जिब्रान : ज़ीनत की रुम तक पहुंच देखता रुम बंद हैं अंदर से
जिब्रान key hole से अंदर देखता है और दंग रह जाता
अप्पी बुर रगड़ रही थी ये देख मेरे लौड़ा खड़ा होने लगा
मैने अपना फ़ोन निकाला  होल से रिकॉड करने लगा
ज़ीनत का पानी बाहर निकल पड़ता है
ओर वो शांत हो जाती हैं
मेरा यहां हाल बुरा हो जाता है
मैं अपने कमरे की तरफ़ जाने लगता हु की अम्मी की आवाज़ आई कहा जा रहा है अप्पी को बुलाया की नहीं
अम्मी की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम घुस जाता हु
सलमा: ये इसको क्या हुआ अभी तो इसे भूख लगी थी अब रूम में चला गया सलमा भी दबे पांव रूम घुस जाति बाथरूम का दरवाज़ा बन्द करना भूल गया था
 
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50
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#अपडेट:३
सलमा भी दबे पांव रूम आ जाति हैं जिब्रान बाथरूम का दरवाज़ा बन्द करना भूल गया था।
सलमा धिरे बॉथरूम झांकने की कोशिश करती हैं
वो देखती है जिब्रान फ़ोन में कुछ देख कर अपना लन्ड मुठिया रहा है सोचने और लगती इसने अचनक से क्या देख लिया
क्या ये फ़ोन में पेली पेला देख रहा है जो इतना गरम हो गया
जिब्रान: अपना लन्ड मुठिया रहा था तभी शरीर झटका देते हुए झड़ जाता हैं
अपना लन्ड साफ़ करता है
सलमा रूम से बाहर निकल आति है
ज़ीनत डाइनिंग टेबल पर बैठ थी।
सलमा भी आकर बैठ जाति है खाना थाली में लगाने लगाती है।
आज रात के १०:५५ हो चुके थे


ज़ीनत : अम्मी से अब्बू नहीं आएं अभी तक
जिब्रान भी आ कर बैठ जाता हैं
सलमा : तुम्हारे अब्बू रेस्टोरेंट में बिजी है मेनेजर नहीं आया था आज
जिब्रान: मन खुश हो जाता हैं सोचने लगता आज अच्छा मौका मिला है अम्मी के साथ सो जाता हूं
ज़ीनत: जिब्रान को देखती ये क्या सोच कर मुस्कुरा रहा है
तभी।

डोर बेल बजाती है
सलमा: जा जिब्रान देख तेरे अब्बू आ गए क्या
ज़िब्रान : का मुंह उतर जाता हैं
मन में अब्बू को गाली देने लगता हैं बेटी चोद क्यू आ गया
अपनी अम्मी को चोदने ही चला जाता
तो मैं भी अपनी अम्मी का मज़ा ले लेता
दरवाज़ा खोलता है सही में अब्बू ही था फिर से मन मे गाली देने लगता हैं ma*******
आ कर बैठ जाता है खाना खाने लगता हैं
नियाज़ : अरे सबने अभी खाना नहीं खाया था क्या तुम सब क्या कर रहे थे बोलो

जिब्रान: फिर मन में बेटी चोद तेरे गांड़ मरवाने का ही इंतजार कर रहे थे
ज़ीनत: जिब्रान को देखती है ओर कहती है ये अचनाक से तेरा चेहरा क्यू उतर गया अभी तो मन ही मन खुश हुएं जा रहा था
सलमा: आईए आपका भी प्लेट लगा देती हूं हाथ मुंह धोकर
आ जाइए
नियाज़ : हा बेगम ये लो स्पेशल डिश आज स्पेशल मटन नली नेहरी
बनवा कर लाया हु और बॉथरूम में चला जाता हैं
ज़ीनत: सही में अब्बू
अम्मी मुझे दो पीस नली देदो आज ठोक ठोक के चूस चूस के खाऊं गी
सलमा : हा हा लेलो जिब्रान तुझे कितनी दू तू भी चुस चूस के खा लेना
ज़िब्रान : मेरा तो होगया मन सबको गाली देते हुए सब के सब
मदर choood हैं
और डाइनिंग टेबल उठता है जाने लगता हैं

सलमा : क्या हुआ जिब्रान नली खाए गा तो शरीर की मजबूती
बनी रहे गी
जिब्रान : फिर से मन में रंडी अच्छा मौका चला गया
और इनको नली की पड़ी हैं मां चूदा वहा से अपने रुम आ जाता हैं
रुम बंद करे बेड लेट जाता हैं सबको बारी बारी गाली देने लगता हैं
नियाज़ : आता हैं ये क्या जिब्रान कहा चला गया
सलमा : पता नहीं क्या हुआ उसको
ज़ीनत : ठोक ठोक चूस चूस कर खाएं जा रही हैं
नियाज़ : क्या बेटी क्या मस्त तरीके से चूस चूस कर माल निकाल रही हो।
ये बात सुनते ही
ज़ीनत : हा अब्बू अच्छी प्रैक्टिस हैं चुस के खाने का
सलमा : आपको कितने पीस दू
नियाज़: मुझे एक भी नही चाहिए मुझको तो नर्म नर्म मुलायम
डबल रोटी देदो और साथ में सफ़ेद ग्रेवी वाली मटन काली मिर्च
देदो डार्लिंग।
जीनत: ये सब बातें सुन कर मन ही मन मुस्कुरा रही हैं
सोच रही हैं आज फिर से अम्मी चूत पेली जाए गी
सलमा : हा ये लीजिए थोड़ा दबा के आज खाइए गा
नियाज़ : तिरछी इस्माइल देता है  और खाने लगता हैं
ज़ीनत: ये सब सुन कर चूत गीली होने लगी है खाना खत्म कर वो भी अपने रूम में चली आती है और सोचने लगती आज़
अब्बू अम्मी की चूत जम के चोदे गै सोचते सोचते चूत से पानी बहने लगा है ज़ीनत इंतज़ार करने लगती है कब अम्मी अब्बू अपने रूम
जाए
समय ११:३० हो चुका था
ज़िब्रान: आज जल्दी सो जाता
इधर
नियाज़ : खाना खाने के बाद सलमा को किचन में ही दबोच लेता है
ऊपर से ही चूची दबाने लगता हैं
सलमा : अरे कोई आ जाएगा छोड़िए ना
नियाज़: सलमा की कोई बात नहीं सुनता है चूची दबाएं जा रहा था
फिर एक हाथ से सलमा की गान्ड दबा रहा था
सलमा : समझ जाती हैं की आज गान्ड फटने वाली है
इधर
ज़ीनत : रूम से बाहर आती हैं तो देखती है और छुप जाती अब्बू अम्मी को किचन में ही चोद देंगे
अब्बू अम्मी की एक हाथ से चूचियां दबाएं जा रहे हैं
दूसरे से अम्मी की गान्ड दबा रहे थे
ये देख मेरी चूत फटने लगी
तभी अब्बू अम्मी को घोड़ी बना देते है और अम्मी की नाइटी उपर चढकर अम्मी की चड्डी उतार देते है फिर अम्मी की गान्ड को नाक
लगा कर सूंघते हुए मदहोशी में खो जाते है
ये देख मेरा  जोर से धड़कनें लगता हैं उधर अब्बू अपना पैजामा ढीला करते हैं लौड़ा बाहर झू जाता अब अम्मी के मुंह ठूस देते हुए
अंदर बहार करने लगते है
रात के १२:४० हो चुके थे
अब्बू अम्मी की लगा तार मुंह चूदाई करते जा रहे थे
अचानक अम्मी खांसने लगी लगता है अब्बू ने अपना लन्ड
अम्मी के गले में उतर दिया था
अब्बू रुक जाते है
अम्मी बोलती है कि लगता है आज आख़री चूदाई हो
अब्बू अम्मी को बोलते है ऐसा ना कहो तुम नही होगी तो मेरी गर्मी
केसे सांत हो गी
अम्मी मुंह तो ऐसे ही चोद रहे थे की आज़ आखरी ही है
अब्बू नहीं मेरी जाने मन थोड़ा जोश बढ़ गया था
अब्बू अम्मी के पीछे जाते है फिर घोड़ी बना देते है
अब्बू अम्मी की गान्ड पर लौड़ा सेट करते हुए झटका लगते है
आधा लौड़ा गान्ड में समा जाता है ये देख मेरा पूरा शरीर गर्मी से भींगने लगाती अम्मी की गान्ड कितनी गहरी है
दूसरे झटके में पूरा लौड़ा गान्ड मे समा जाता है ये देख मेरे मुंह से आह निकल पड़ती है अब्बू अम्मी की क़रीब १० मिनट से गान्ड मारे जा रहे है फिर दो चार झटके के बाद अब्बू शरीर टाइट होती है।
लगा अब्बू झड़ गए लौड़ा अपने आप बहार आ जाता अम्मी की गान्ड से सफ़ेद ग्रेवी बहार आने लगती तभी मेरा दिमाग़ में अब्बू
की बात याद आती हैं की आज़ डबल रोटी के साथ वाइट ग्रेवी खाना है
रात के १:३० बज चुके थे
मैं रुम आती हु रुम बंद कर बॉथरूम मे घुस जाती हु मेरी सलवार
बुर के पानी से चिपचिपी होगई थी
 
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आप सभी से निवेदन है कि (Review) ज़रूर से दे
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Sk story's dear...
Har update ki alag thread mat banao....
Sare update isi thread me reply ki tarah post karte jao..
Agar meri bat samajh na aye to dusri kisi bhi story ko padhkar dekh samajh lo
Delete option kaha hai
 
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Abhishek Kumar98

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सलमा भी दबे पांव रूम आ जाति हैं जिब्रान बाथरूम का दरवाज़ा बन्द करना भूल गया था।
सलमा धिरे बॉथरूम झांकने की कोशिश करती हैं
वो देखती है जिब्रान फ़ोन में कुछ देख कर अपना लन्ड मुठिया रहा है सोचने और लगती इसने अचनक से क्या देख लिया
क्या ये फ़ोन में पेली पेला देख रहा है जो इतना गरम हो गया
जिब्रान: अपना लन्ड मुठिया रहा था तभी शरीर झटका देते हुए झड़ जाता हैं
अपना लन्ड साफ़ करता है
सलमा रूम से बाहर निकल आति है
ज़ीनत डाइनिंग टेबल पर बैठ थी।
सलमा भी आकर बैठ जाति है खाना थाली में लगाने लगाती है।
आज रात के १०:५५ हो चुके थे


ज़ीनत : अम्मी से अब्बू नहीं आएं अभी तक
जिब्रान भी आ कर बैठ जाता हैं
सलमा : तुम्हारे अब्बू रेस्टोरेंट में बिजी है मेनेजर नहीं आया था आज
जिब्रान: मन खुश हो जाता हैं सोचने लगता आज अच्छा मौका मिला है अम्मी के साथ सो जाता हूं
ज़ीनत: जिब्रान को देखती ये क्या सोच कर मुस्कुरा रहा है
तभी।

डोर बेल बजाती है
सलमा: जा जिब्रान देख तेरे अब्बू आ गए क्या
ज़िब्रान : का मुंह उतर जाता हैं
मन में अब्बू को गाली देने लगता हैं बेटी चोद क्यू आ गया
अपनी अम्मी को चोदने ही चला जाता
तो मैं भी अपनी अम्मी का मज़ा ले लेता
दरवाज़ा खोलता है सही में अब्बू ही था फिर से मन मे गाली देने लगता हैं ma*******
आ कर बैठ जाता है खाना खाने लगता हैं
नियाज़ : अरे सबने अभी खाना नहीं खाया था क्या तुम सब क्या कर रहे थे बोलो

जिब्रान: फिर मन में बेटी चोद तेरे गांड़ मरवाने का ही इंतजार कर रहे थे
ज़ीनत: जिब्रान को देखती है ओर कहती है ये अचनाक से तेरा चेहरा क्यू उतर गया अभी तो मन ही मन खुश हुएं जा रहा था
सलमा: आईए आपका भी प्लेट लगा देती हूं हाथ मुंह धोकर
आ जाइए
नियाज़ : हा बेगम ये लो स्पेशल डिश आज स्पेशल मटन नली नेहरी
बनवा कर लाया हु और बॉथरूम में चला जाता हैं
ज़ीनत: सही में अब्बू
अम्मी मुझे दो पीस नली देदो आज ठोक ठोक के चूस चूस के खाऊं गी
सलमा : हा हा लेलो जिब्रान तुझे कितनी दू तू भी चुस चूस के खा लेना
ज़िब्रान : मेरा तो होगया मन सबको गाली देते हुए सब के सब
मदर choood हैं
और डाइनिंग टेबल उठता है जाने लगता हैं

सलमा : क्या हुआ जिब्रान नली खाए गा तो शरीर की मजबूती
बनी रहे गी
जिब्रान : फिर से मन में रंडी अच्छा मौका चला गया
और इनको नली की पड़ी हैं मां चूदा वहा से अपने रुम आ जाता हैं
रुम बंद करे बेड लेट जाता हैं सबको बारी बारी गाली देने लगता हैं
नियाज़ : आता हैं ये क्या जिब्रान कहा चला गया
सलमा : पता नहीं क्या हुआ उसको
ज़ीनत : ठोक ठोक चूस चूस कर खाएं जा रही हैं
नियाज़ : क्या बेटी क्या मस्त तरीके से चूस चूस कर माल निकाल रही हो।
ये बात सुनते ही
ज़ीनत : हा अब्बू अच्छी प्रैक्टिस हैं चुस के खाने का
सलमा : आपको कितने पीस दू
नियाज़: मुझे एक भी नही चाहिए मुझको तो नर्म नर्म मुलायम
डबल रोटी देदो और साथ में सफ़ेद ग्रेवी वाली मटन काली मिर्च
देदो डार्लिंग।
जीनत: ये सब बातें सुन कर मन ही मन मुस्कुरा रही हैं
सोच रही हैं आज फिर से अम्मी चूत पेली जाए गी
सलमा : हा ये लीजिए थोड़ा दबा के आज खाइए गा
नियाज़ : तिरछी इस्माइल देता है  और खाने लगता हैं
ज़ीनत: ये सब सुन कर चूत गीली होने लगी है खाना खत्म कर वो भी अपने रूम में चली आती है और सोचने लगती आज़
अब्बू अम्मी की चूत जम के चोदे गै सोचते सोचते चूत से पानी बहने लगा है ज़ीनत इंतज़ार करने लगती है कब अम्मी अब्बू अपने रूम
जाए
समय ११:३० हो चुका था
ज़िब्रान: आज जल्दी सो जाता
इधर
नियाज़ : खाना खाने के बाद सलमा को किचन में ही दबोच लेता है
ऊपर से ही चूची दबाने लगता हैं
सलमा : अरे कोई आ जाएगा छोड़िए ना
नियाज़: सलमा की कोई बात नहीं सुनता है चूची दबाएं जा रहा था
फिर एक हाथ से सलमा की गान्ड दबा रहा था
सलमा : समझ जाती हैं की आज गान्ड फटने वाली है
इधर
ज़ीनत : रूम से बाहर आती हैं तो देखती है और छुप जाती अब्बू अम्मी को किचन में ही चोद देंगे
अब्बू अम्मी की एक हाथ से चूचियां दबाएं जा रहे हैं
दूसरे से अम्मी की गान्ड दबा रहे थे
ये देख मेरी चूत फटने लगी
तभी अब्बू अम्मी को घोड़ी बना देते है और अम्मी की नाइटी उपर चढकर अम्मी की चड्डी उतार देते है फिर अम्मी की गान्ड को नाक
लगा कर सूंघते हुए मदहोशी में खो जाते है
ये देख मेरा  जोर से धड़कनें लगता हैं उधर अब्बू अपना पैजामा ढीला करते हैं लौड़ा बाहर झू जाता अब अम्मी के मुंह ठूस देते हुए
अंदर बहार करने लगते है
रात के १२:४० हो चुके थे
अब्बू अम्मी की लगा तार मुंह चूदाई करते जा रहे थे
अचानक अम्मी खांसने लगी लगता है अब्बू ने अपना लन्ड
अम्मी के गले में उतर दिया था
अब्बू रुक जाते है
अम्मी बोलती है कि लगता है आज आख़री चूदाई हो
अब्बू अम्मी को बोलते है ऐसा ना कहो तुम नही होगी तो मेरी गर्मी
केसे सांत हो गी
अम्मी मुंह तो ऐसे ही चोद रहे थे की आज़ आखरी ही है
अब्बू नहीं मेरी जाने मन थोड़ा जोश बढ़ गया था
अब्बू अम्मी के पीछे जाते है फिर घोड़ी बना देते है
अब्बू अम्मी की गान्ड पर लौड़ा सेट करते हुए झटका लगते है
आधा लौड़ा गान्ड में समा जाता है ये देख मेरा पूरा शरीर गर्मी से भींगने लगाती अम्मी की गान्ड कितनी गहरी है
दूसरे झटके में पूरा लौड़ा गान्ड मे समा जाता है ये देख मेरे मुंह से आह निकल पड़ती है अब्बू अम्मी की क़रीब १० मिनट से गान्ड मारे जा रहे है फिर दो चार झटके के बाद अब्बू शरीर टाइट होती है।
लगा अब्बू झड़ गए लौड़ा अपने आप बहार आ जाता अम्मी की गान्ड से सफ़ेद ग्रेवी बहार आने लगती तभी मेरा दिमाग़ में अब्बू
की बात याद आती हैं की आज़ डबल रोटी के साथ वाइट ग्रेवी खाना है
रात के १:३० बज चुके थे
मैं रुम आती हु रुम बंद कर बॉथरूम मे घुस जाती हु मेरी सलवार
बुर के पानी से चिपचिपी होगई थी
Maa toh apne bete ke liye pagal ho hi gayi hai ab behen ko bhi apne bhai ke liye pagal kardo yaar
 
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#अपडेट:४
जीनत : रुम आती है रुम बंद कर के बॉथरूम मे घुस जाती है पूरी सलवार
बुर के पानी से चिपचिपी हो गई हैं।
उधर अब्बू अम्मी अपने रूम सोने चले जाते है

जीनत अपनी चुत सहलाते -२ सोचती है कितनी आग भर गई है इस छोटे से छेद में
अब्बू के लौड़े को याद कर तेज़ी से चुत रगड़ने लगती हैं अब्बू अपनी बेटी की चुत कब चोदो गे
शरीर अंगड़ाई लेते हुए झड़ ने लगती हैं
आज अम्मी की गान्ड मराई यादगार थी
जीनत अपनी चुत साफ़ करती फ़िर अपने बेड पर आजाती हैं।
अब्बू के लौड़े को केसे ले पाए गी
रात के २:३० बज रहे थे
जीनत की आंखे नीद से बंद होने लगती है।
सो जाती है
सुबह के ६:०० बजे ज़िब्रान की नींद खुल जाती अपना फ़ोन उठता है कल की अप्पी की वीडियो देखने लगता है लन्ड पैजामे से बहार निकाल कर हिलाने लगता है अप्पी की चूत पर कितने बाल है लगता है की कभी साफ़ नहीं किया है अप्पी
जिब्रान: उस वीडियो को २० बार देख चुका होगा
समय ७:३० हो चुका है
जिब्रान: बाथरुम में जाता है लन्ड मुठियाने लगता खूब सारा वीर्य छोड़ने लगता हैं
आज की योजना बनाने लगता है आज़ स्कूल नहीं जाऊंगा
अम्मी की चूत लेकर रहूंगा
उधर सलमा की भी नींद खुल जाती है और नियाज़ को भी जागा देती है
सलमा बाथरुम चली जाती है अपने गान्ड की छेद में एक उंगली डालती सोचने लगती हैं क्या मस्त मारी थी गान्ड मस्त चिकनी हो गई है
सलमा नहा धोकर कर त्यार हो जाति है और किचन में चली आती है ज़ीनत बेटी उठ जा ८ बजने को है
ज़ीनत अभी गहरी नींद में सो रही हैं
सलमा ज़ीनत की रूम की तरफ़ आती हैं रूम अंदर से बंद है
सलमा दरवाज़ा खट खटाती है ज़ीनत गहरी नींद में थी अचानक झटके से नींद टूट जाती है हा हा अम्मी सलमा आज़ तू भी लेट तक सो रही हैं क्या
ज़ीनत दरवाज़ा खोलती है हा अम्मी आज थोड़ा तबियत ठीक नहीं लग रहा है अम्मी
सलमा : क्यू क्या हुआ हुआ मेरी बच्ची कल रात में तो ठीक थी अभी क्या हो गाया
ज़ीनत: कुछ नहीं अम्मी पूरा शरीर दर्द कर रहा है मैं नहा लेती हूं सायद कुछ आराम मिलजाए
सलमा: ठीक है तू नहा कर आ मैं नाश्ता बना लेती हु
ज़ीनत : ठीक अम्मी
सलमा: ज़िब्रान के रूम की तरफ़ आने लगती है
रुम के आती हैं जिब्रान बेटा क्या कर रहे हो
ज़िब्रान : कुछ नहीं अम्मी आज़ तबियत ठीक नहीं लग रहा अम्मी
सलमा : क्यू अब तुझे क्या हुआ
जिब्रान: हाथ पैर में दर्द है अम्मी
सलमा : अच्छा ठीक में नाश्ता बना रही हूं आजा
जिब्रान : ठीक अम्मी तुम चलो मैं फ्रेश होकर आता हूं
सुबह के ८:२० हो चुके है
इधर
नियाज़ : डाइनिंग टेबल पर बैठा है। क्या हुआ सलमा बच्चे अभी तक सो रहे हैं क्या
सलमा : दोनों की शरीर में दर्द है आज़ स्कूल कॉलेज नहीं जायेगे।
नियाज़ : हा सलमा आज़ मेरे भी शरीर में दर्द है
आज़ मैं भी घर पर ही रुकता हु
सलमा : अच्छा सब के सब एक साथ बीमार पड़ गए हैं
सलमा नाश्ता बनाने लगती हैं
ज़ीनत : बॉथरूम से बहार निकलती हैं आईने में देखती और मुश्कुरा अपने चूची हिला कर दबाती आज़ अब्बू को इसके दर्शन करा कर रिझाऊंगी अलमारी में पुरानी हल्की बड़े गले वाली समीज निकलती हैं बिना ब्रा के पहन कर देखती मस्त सेक्सी लग रही है
सोचती है अब्बू का तो लन्ड खड़ा कर के रहूंगी आज
और बहार आने लगती हैं
नियाज़ : अरे ज़ीनत क्या हुआ मेरी बेटी इधर आ मेरे पास बैठ जा
ज़ीनत : अब्बू के बगल में बैठ जाती हैं कुछ नहीं अब्बू शरीर में थोड़ा दर्द सा है
नियाज़ इस बाद से आंजन है की उसकी बेटी अपने अब्बू के लन्ड के लिए पागल हुए जा रही हैं
नियाज़ : ज़ीनत का सर आपने छाती से चिपका लेता है
तभी नियाज़ की नज़र ज़ीनत की बड़ी बड़ी चुचियों देखती है
नियाज़ बोलता है बेटी अब तुम बड़ी हों गई हो अपना ख्याल रखा करो
ज़ीनत : अपनी तिरछी नजरों से अब्बू की आखों को देखती है अब्बू की आंखे चूची को देख रही है ज़ीनत खुश होती हैं
हा अब्बू
ज़िब्रान भी आ जाता हैं
अम्मी भी नाश्ता लगाने लगाती है
ज़ीनत : अब्बू की छाती पर शरीर ढीली करती हैं अपनी चूंचियां को अब्बू के शरीर से टच कर देती है ज़ीनत नीचे की ओर देखती है की अब्बू के पैजामे में तम्बू बनने लगा है
सलमा: सबको नाश्ता देती है और बैठ जाति है
दोनों बाप बेटी अलग हो जाते है सब नाश्ता करने लगते है
सलमा : नियाज़ से आज़ बाजार चलते हैं
नियाज़ : अरे नहीं आज़ नहीं आज़ मैं कोई काम नहीं करने वाला
किसी और दिन बाज़ार चलेगे
ज़िब्रान: अम्मी मुझे भी बाज़ार से समान खरीदना है
सलमा: तुझे क्या लेना है जिब्रान वो अम्मी मेरी सारी अंडर वियर में होल होगाई हैं
ज़ीनत : जिब्रान की बात सुन कर हस पड़ी हैं ऐसा क्या करता है जो छेद होगइ है तेरे अंडर वियर में
नियाज़: तो फ़िर ठीक है सलमा जिब्रान के साथ बाईक से मार्केट चली जाना
आज तो मैं आराम करूंगा घर पर
सलमा : ना जी जिब्रान के साथ बाईक पर इसे अभी सही से बाईक चलाने कहा आती कई बार गिरने से बची हु इसके साथ बाईक पर काफी खतरा है
जिब्रान : अम्मी अब मैं अच्छे से चला लेता हूं
आप बस एक तरफा मत बैठना दोनों तरफ़ पैर करके बैठना
बात करते करते ९:४५ बज चुके थे
सलमा : चल ठीक है आज आख़री बार देख लेती हूं अगर सही से नही चलाया तो फिर कभी भी नहीं बेठू गी तेरे साथ बाईक पर
सलमा : चलो आज सब यही बैठ बाते करते रहो गै क्या
में खाना बनाने जा रही हूं
नियाज़ : मैं रेस्टोरेंट फ़ोन से कॉल कर लेता हूं आज क्या ज़रूरत है और दुकानदार को ऑडर कर देता हूं समान रेस्टोरेंट पहुंचा दे
ज़ीनत : में जा रही हूं सोने मुझे नींद आ रही है
ज़िब्रान : मन में खुश होता है मार्केट १० किलों मीटर दूर है आज बाईक में खूब ब्रेक मारूंगा।
ज़िब्रान टीबी चालू कर के सोफे पर बैठ जाता हैं
सलमा : को खाना बना कर फ्री हो जाती
नियाज़ को बोलती है जाईए ज़ीनत को बुला लाइए खाना खा ले
नियाज़: उठता है ज़ीनत की रुम के तरफ़ जाने लगता है
ज़ीनत सो रही थी ज़ीनत की उठी गान्ड देखता है
जो सलवार उसकी गान्ड में फसी थी फिर
नियाज़ धीरे से ज़ीनत को आवाज़ लगाता है जीनत बेटी
उठो तुम्हारी अम्मी बुला रही है खाना खाने को ज़ीनत की सिर के पास बैठ जाता है उसकी बड़ी बड़ी चूचियां देखने लगता है और ज़ीनत की सिर पर हाथ फिराता है सोचता है क्या मस्त सेक्सी बेटी दी है
ज़ीनत की नींद खुल जाती हैं अब्बू मेरे सिर पर हाथ फिरा रहे कितना अच्छा लग रहा है
नियाज़ बेटी उठो अब आराम है की नहीं आराम ना हाेतो डॉक्टर को दिखा कर दावा दिला दू
ज़ीनत : अब्बू के गोद में सिर रख देती है नहीं अब्बू अब आराम है
ज़ीनत को अब्बू के गोद मे एक अलग सी गर्मी महसूस होती है सायाद अब्बू का लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा था
तभी
सलमा: की आवाज़ आती है ज़ीनत उठी या नहीं
नियाज़ : उठ गई है और आ रही हैं
जीनत: अपना अब्बू की गोद से सिर हटाती हैं और बैठ जाती हैं
अब्बू की पैजामे ध्यान से देखती है पैजामे में उभरा हिसा थोड़ा सा गीला हो गया है
नियाज़ : पैजामे को एग्जास्ट करके उठता है और रुम से बहार निकाल जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है सुसु करने।
सुसु करने के लिए अपना लन्ड निकलता है उसका लौड़ा गीला रहता है अपनी बेटी की तरफ़ आकर्षित होने लगाता है
बेटी की गान्ड और चूची के बारे मे सोचने लगा है और लौड़ा हिलने लगाता है हिलते हिलते खूब सारा वीर्य झड़ने लगता है
फिर बहार आ जाता है सलमा से कहता है अभी भूख नही है बाद में खा लूंगा
सलमा : क्यू क्या हुआ।
नियाज़ : कुछ जरूरी पेपर लेकर सोफे पर बैठ जाता है
सलमा : जिब्रान आ खाना खा ले
ज़ीनत भी आ जाती
तीनों बैठ कर खाना खाने लगते है
नियाज़ : सोफे पर बैठ ज़ीनत को छुपके छुपके देख रहा था
दोपहर के १:३० बज चुके थे
तीनों खा कर उठ जाता है
सलमा : जिब्रान त्यार होजा में भी त्यार होकर आती हु
ज़िब्रान : ठीक है अम्मी जिब्रान अपने कमरे मे आता है अब क्या किया जाए की अम्मी पट जाए पेंट के अंदर अंडर वियर नहीं पहनता हूं अम्मी को बाईक पर टच करा दूंगा
इधर सलमा त्यार होकर आ जाति है पर जिब्रान त्यार होकर नही आया था
सलमा : ज़माना उल्टा हो गया है पहले औरतों को तैयार होने में टाइम लगता था अब लड़कों को लगता है
जिब्रान को आवाज़ लगाती है मेकप कर रहा है क्या आज ही जाना है और आज़ ही वापस आना है
जिब्रान : रुम से बहार आता है अम्मी को देखता अम्मी पंजाबी टाइट सूट पहन रखा था क्या मस्त सेक्सी लग रही है।
सलमा : ज़ीनत अब्बू को खाना खिला देना जिब्रान चल भी
की वही पर खड़ा रहे गा
ज़ीनत : हा अम्मी अब्बू को खिला दूंगी आप जाइए

जिब्रान और सलमा घर से बहार निकाल आते ज़िब्रान बाईक निकलता है अम्मी से बोलता है बैठो अम्मी अम्मी बैठ के लिए एक टांग उठती है और बैठ जाती हैं जिब्रान धीरे धीरे बाईक चलाने लगता है
सलमा : जिब्रान इतने धीरे चलाए गा क्या
जिब्रान: तो अम्मी कस कर पकड़ लीजिए नहीं तो कही गिर गई तो
जिब्रान झटके से बाईक की स्पीड बढ़ा देता है सलमा जिब्रान की कमर में हाथ डाल कर पकड़ लेती हैं दोनों जाने लगते है
इधर
ज़ीनत : अब्बू के पास सोफे पर बैठ जाती अब्बू कब खाइए गा
नियाज़: बेटी जल्द ही खाऊंगा
ज़ीनत : अब्बू के गोद में फिर से सिर रख देती है ठीक है अब्बू जब आप की भूख बड़ जाए तो बता देना मैं गरम कर के देदूंगी
नियाज़ : ठीक है ज़ीनत तू सो जा भूख लगी तो जागा दूंगा
उधर जिब्रान स्पीड तेज करता और झटके से ब्रेक लगाता जिससे
सलमा बड़ी बड़ी चूचियां जिब्रान की पीठ से रगड़ खाती हैं।
ऐसा करने से जिब्रान का लन्ड धीरे धीरे खड़ा होने लगा
सलमा ने जिब्रान को ऐसा पकड़ रखा था की सलमा को ज़िब्रान मोटा लौड़ा महसूस हो रहा था
सलमा : समझ जाती है की ये मेरी चूत के चक्कर में पागल हो गया है
तो सलमा भी जिब्रान की इस हरकत परेशान हो कर अपनी चूंचियां जिब्रान की पीठ से चिपका लेती हैं
और
 
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सलमा : समझ जाती है की ये मेरी चूत के चक्कर में पागल हो गया है
तो सलमा भी जिब्रान की इस हरकत परेशान हो कर अपनी चूंचियां जिब्रान की पीठ से चिपका लेती हैं
और ज़िब्रान: को मानो जन्नत मिल गया हो जिब्रान की पिचकारी निकाल जाति है सलमा का एक हाथ जिब्रान की जांघ पर था तो सलमा को गर्म चिपचिपी सी महसूस होता है
सलमा जिब्रान की जांघ सहलाती है और अपने हाथ को सूंघती है
और मदहोश होने लगी है
और चुचियों को ज़िब्रान की पीठ पर दबाओ डालने लगती है जिससे जिब्रान एक बार फिर से झड़ जाता है जिब्रान की पेंट की एक साइड पूरी गीली हो चुकी है
अचानक से जिब्रान बाइक रोकता है
सलमा क्या हुआ बेटा
ज़िब्रान: अम्मी मार्केट पहुंच गए हैं
सलमा : अच्छा
ज़िब्रान: अम्मी आप को जो भी लेना है आप खरीदी करो मैं टॉयलेट कर के आता हूं अम्मी
सलमा ठीक है बेटा
जल्दी आजाना यहां से कुछ ही समान खरीदना है
ज़िब्रान : ठीक है अम्मी ।
सलमा मन में मुस्कुरा रही थी
की बेटे की पिचकारी छुट गई है ना
ज़िब्रान टॉयलेट की ओर चल पड़ा
सलमा : ने दुकान दार को छोटी लिस्ट थमाती है
दुकान दार: आज़ छोटी लिस्ट से मैडम जी
सलमा : हा जी भाईजान इसे पैक करिए मैं १० मिनट में अति हु
दुकानदार ठीक है ये तो तुरन्त हो जाए गा
सलमा : भी वॉशरूम जाने के लिए चल पड़ती है
जिब्रान अपनी मस्ती में लौड़ा हिलाता है और मम्मी को याद करता है मी की चूची गर्माहट भरी हुई थी ओ अम्मी क्या गर्म कर दिया तुमने
सलमा भी टॉयलेट रूम में जाती है इत्तेफाक यह था कि जिब्रान उससे सटे हुए टॉयलेट में था और हल्की हल्की आवाज सलमा को सुनाई दे रही थी सलमा भी गर्म होने लगी च** को रगड़ने लगी चिकन चरम पर था और मम्मी आ कर के झड़ गया जिबान अपनी पैंट साफ करता है और बाहर निकलता है
सलमा अभी शांत होती है और बाहर निकलती हैं
जिब्रान टॉयलेट से जा चुका था इमरान ने अम्मी को फोन लगाया सलमा ने फोन उठाया हां बेटा मैं भी वॉशरूम आ गई थी बेटा वहीं पर रुको मैं आ रही हूं सलमा अभी दुकान पर पहुंचती है और सामान लेकर पेमेंट करती है
जिब्रान हां अम्मी और क्या लेना है मार्केट से
सलमा कपड़े लेना है कपड़े की मॉल में चलो देखते क्या डिस्काउंट चल रहा है
घर पर जी नाथ अब्बू के गोद में सर रखकर आप मन कर लेटी हुई अब्बू को अपनी चुचियों की हल्की-हल्की दीदार और उभरी हुई गांड़ उभार देख नियाज़ ज़ीनत की गांड़ को टच कर करने को पागल हुऐ जा रहा था
दोपहर के १: १५बज चुके थे
नियाज़ : ज़ीनत को हल्की आवाज़ देता है बेटी ज़ीनत ओ बेटी ज़ीनत उठो
ज़ीनत बीना जानबूझकर उठ नहीं रही है
नियाज़: ज़ीनत गहरी नींद में हैं
ये देख नियाज़ ज़ीनत की उभरी हुई गांड़ को सहलाता है और ज़ीनत अपनी सिर को थोड़ी घुमा लेती हैं नियाज़ का लौड़ा ज़ीनत को महसूस होता है और धीरे धीरे अपने आकार में वृद्धि करने लगता है ज़ीनत को अब्बू की लोड़े की भिनी भिनी सुगन्ध मदहोश करने लगती है
नियाज़ ज़ीनत को हिलाता है उठता है ज़ीनत झट से उठकर बैठ जाती हैं
ज़ीनत क्या अब्बू क्यू जागा दिया थोड़ा और सोने देते मुझे कितना अच्छा सपना देख रही थी
नियाज़ बेटी मुझे बाथरूम जाना है
और खाना भी लगा दो मैं आता हूं
नियाज़ डाइनिंग रूम वाली टॉयलेट में चला जाता है
जीनत खिलखिला क्यों मुस्कुराती और हंसती है आपका पूरा आकार लेने वाला था आपन जगा दिया कोई बात नहीं ज़ीनत टॉयलेट के बाहर 🗝️ होल देखने की कोशिश करती हैं
अब्बू पैजामे को घुटनों से नीचे कर रखा था अब्बू कुछ हिला रहे हैं
हलकी आवाज़ सुनाई पड़ती है ओ ज़ीनत क्या मस्त गदरा गई हो अब्बू के मुंह से अपना नाम सुनकर ज़ीनत भी गर्म होने लगती है अपनी सलवार में ऊपर से ही चूत पर सहलाती है चूत से चिपचिपी पानी रिस रही है फिर से 🗝️ होल से देखने लगती है अब्बू थोड़ा सा घूम के खड़े अपना मोटा लन्ड फेट रहे हैं ओ ज़ीनत क्या गांड़ है तुम्हारी अब्बू क़रीब पांच मिनट तक हिलाने के बाद झड़ जाते हैं
ज़ीनत भी होस मे अति है और किचन में चली जाती है
नियाज़ डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ जाता है और जीनत को आवाज लगाता है गरम हो गया खाना बेटी
ज़ीनत हा अब्बू बहोत गर्म हो गया है
नियाज़ तो ले आओ
ज़ीनत हा अब्बू लाती हूं
ज़ीनत खाना लाकर टेबल पर रख अब्बू के बगल में बैठ जाती है
नियाज़ टू भी कुछ खालो
ज़ीनत नही अब्बू मुझे भूख नही है
बहर जिब्रान और सलमा मॉल में पहुंचते हैं
सलमा तुझे जो चाहिए लेलो
जिब्रान ठीक है अम्मी
सलमा ब्रा पैन्टी और नाईटी देखने लगती हैं
जिब्रान अपने अंडर वियर ले लेता है और ट्रायल रूम में जाता है
सलमा ने भी कुछ पीस लें कर ट्रायल रूम के तरफ़ जाति है और एक-एक करके ब्रा पेंटी पहन कर देखती है ती है और नाइटी को भी पहन कर चेक करती है उसे समझ नहीं आ रहा था कौन-कौन से लू ज़ीनत होती तो चॉइस करने में आसानी होता सलमा के दिमाग में एक बात आती है कि क्यू न ज़िब्रान से ही पूछा जाए
जिब्रान बगल की ट्रायल रूम से बाहर निकलता है सलमा ट्रायल रूम के बहर इंतजार कर रही होती है बेटा जिब्रान देख तो कोन सी लू समझ नहीं आ रहा है
जिब्रान मैं केसे बताऊ अम्मी मुझे केसे पता होगा
सलमा देख तो कोन सी मूझपर अच्छी लगे गि
जिब्रान इसे केसे मैं बताऊं
सलमा तू रुक मैं पहन कर दिखती हू तब तू बताना
ये सुन कर जिब्रान का लन्ड सलामी देने लगा
ये अम्मी क्या कहे गई
खुशी के मारे पागल हो जाऊंगा मैं
सलमा ने चेंज कर थोड़ा सा दरवाज़ा खोला देख जिब्रान ये ठीक है
जिब्रान की मुंह खुली की खुली रह गई
सलमा क्या मुंह खोले देख रहा है बता तो सही
ये ठीक है या दूसरी ट्राई करू
जिब्रान अम्मी की ब्रा पैन्टी साफ़ दिख रही ये देख आपनी आंखो पर विश्वास हो रहा था
ये भी ठीक है ओर ट्राई कर लो अम्मी सयाद इसे अच्छा भी हो
सलमा ठीक है
सलमा ने नाइटी उतारी और दूसरी पहनने लगीं
जिब्रान ये देख खुशी के मारे पैंट में लन्ड फटे जा रहा था
सलमा ये देख
जिब्रान नहीं अम्मी ये नही
सलमा फिर चेंज करती हैं
ये ऐसा करते आधा घंटा बीत गया था
जिब्रान अम्मी ये अंदर वाली अच्छी नही लग रही है
सलमा क्या ब्रा पैन्टी
जिब्रान हा अम्मी
सलमा अच्छा इसे अभी चैंज करती हु
सलमा दरवाज़ा बन्द कर लेती
जिब्रान ने सोचा ये भी मेरे सामने ही उतारे गि अम्मी पर ऐसा नही हुआ।
सलमा ने चेंज कर थोड़ा सा दरवाज़ा खोल कर पुछा ये देख
ये सही है
इस बार ब्रा पैन्टी दोनो महीन जाली दार थी
जिब्रान ये देख पागल होने लगा
हा अम्मी ये क्या मस्त माल दिख रही हो अम्मी
ये सुन कर सलमा क्या बोल रहे हो जिब्रान अम्मी में माल दिख रही हू मैं तुमको
ज़िब्रान नही अम्मी ये अच्छा है ये लेलो
सलमा तूने क्या लिया
दरवाज़ा बंद कर पूरे कपडे पहन कर बाहर आती है
जिब्रान ये कुछ अंडर वियर लिया है अम्मी
सलमा तूने ट्राई किया की नही
जिब्रान हा कर लिया अम्मी।
सलमा जा फिर से ट्राई कर के दिखा सही फिट है की नहीं
जिब्रान अच्छा अम्मी फिर कर लेता हूं
सलमा कर लेता हूं नही मुझे दिखा फिट नहीं होगा तो तू पहने गा नही
जिब्रान ठीक है अम्मी
जिब्रान ट्रायल रूम में जाता है चेंज कर अम्मी को दिखता है
देखो अम्मी फिट है
सलमा तो अंडर वियर में लन्ड की उभार को देखना चाहती थीं
देख कर हा मेरा बेटा अब काफ़ी बड़ा हो गया है
चल बिल करवा लेते हैं २:३५ हो चुके हैं
और घर भी जाना है ज़ीनत और तेरे अब्बू इंतज़ार कर रहे होंगे
बिल पेड़ कर दोनो बाईक पर बैठ
सलमा ने बीच में समान रख बैठ जाती है चलो जिब्रान
जिब्रान ठीक है अम्मी
घर पर ज़ीनत और नियाज़ दोनो टीवी देख रहे हैं।
 
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Shivraj Singh

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Niyaj ko to salma ki kunwari chut mili hai. Jibran ko bhi milni chahiye. Jinat ke bahar bhi kahi boyfriend hone chahiye. Kaiyon se chudwaye. Bhai ke dost bap ke dost.
 
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