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#अपडेट:२
ज़ीनत: दिमाग़ में ये सब क्या चल रहा लन्ड के ही ख्यालों खोती जा रही हैं डाइनिंग रूम आकर बैठ जाति है उसको तो कल रात की सारी सीन आखों के हट ही नहीं रही थी उसका भाई जिब्रान भी आ जाता है जिब्रान आने के बाद अम्मी की गांड़ को घूरते जा रहा था
मैने उसपर गोर किया तो देखा जिब्रान पेंट के ऊपर से लन्ड मसल रहा था तभी अब्बू भी आ जाते है सब नाश्ता कर के उठते।
ज़ीनत और जिब्रान दोनों स्कूल के लिए निकल जाते हैं
ज़ीनत का दिमाग अभी भी वहीं अटका पड़ा था
कोलेज के अंदर प्रवेश करती हैं की ज़रा आ जाति
ज़रा: क्या हुआ ज़ीनत किस सोच में पड़ी हो।
ज़ीनत : कुछ नहीं कल रात नीद पूरी नहीं हुई तो
थोड़ा थकान महसूस हो रहा है
ज़रा : क्यू कल रात क्या कर रही थी मेरी जान
ज़ीनत : चल क्लॉस मे बाद में बताती हूं
इधर
सलमा: जिब्रान के रूम में आति और रूम को सही करने
लगती हैं
रूम सही करते करते जिब्रान कि अलमारी खोली है
देखती है कि पूरा अलमारी उथल पुथल कर रखा है
अलमारी सही करती है अलमारी के कोने में मैग्जिन दबा दिख जाता सलमा मैग्जिन को बाहर निकलती हैं
मैग्जिन की कवर पर पर लिखा था मां बेटे का सेक्स सम्बंध
कवर एक लड़के का बिना कपड़ो के एक पिक्चर थी अपना पकड़े खड़ा था
सलमा : मैग्जिन को खोलती हैं और पढ़ना शुरू करती है
बेटे ने मां को अपने लन्ड की दीवानी बनाता है
बेटा अपनी मां को चुपके चुपके नहाते देखता और
कपडे बदलते वक्त देखता फिर आ कर अपने बिस्तर में लेट जाता
मां उसे जागने आती तो देखती ये तो सो रहा है पर इसका लन्ड
खड़ा क्यू है मां उसे जगाती है ओर वहा से निकल जाति है
ऐसा लगभग रोज़ होता उसकी मां ने नोटिस किया और बेटे को जागा कर रूम छुप के खड़ी हो जाती हैं
बेटा झट से उठता अपने लन्ड को मसलता है और पेंट सरका
देता है उसका बड़ा लन्ड देख आंखे बड़ी हो जाती हैं बेटा लन्ड को हिलने लगा और धीरे धीरे उसके मुंह से आवाज़ करता है सुनीता
एक बार देदो बस एक बार अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुनकर
सन हो जाति है
फिर
सलमा: सोचने लगती हैं कहीं मेरा बेटा मेरी चूत
मरने के चक्कर में तो नहीं ह
सलमा मैग्जिन वही दबा देती हैं
अब अलमारी सही कर ज़िब्रान के रूम से बाहर निकल आति है
सोफे पे बैठ कर सोच रही थी तभी
फ़ोन बज पड़ा सलमा फ़ोन रिसिव करती हैं हा बोलिये जी क्या हुआ
नियाज़: अरे सलमा खाना बनाया कि नहीं तुमने
सलमा : अभी कहा पूरा घर फैला बिखरा था उसे सही कर रही हूं
नियाज़: अच्छा हुआ आज मैने एक नया रसोईया रखा है
तो उससे उसके सारे लज़ीज़ पकवान बनवा कर टेस्ट करना
तो आज घर पर खाना नहीं बनाओं
में रेस्टोरेंट से भेज दूंगा
सलमा : ठीक है जैसा आप को ठीक लगे।
उधर क्लास ख़त्म होने के बाद
सना : क्या हुआ मेरी जान सुबह से क्या सोच रही हैं
कही किसी से तुझे प्रपोज तो नहीं कर दिया।
ज़ीनत : नहीं यार
सना: तो फिर क्या बता ना
ज़ीनत : यार मेने एक मैग्जिन देखी
सना : तो क्या हुआ
ज़ीनत : उस मैग्जिन में बेटा मां का दीवाना और बेटी बाप की दीवानी सेक्स स्टोरी थी
सना : यार ये सब बनी बनाई कहानी होती
ज़ीनत : तुझे कैसे पता की ये सिर्फ़ बनी बनाई कहानी है
सना : मुझे ऐसा ही लगता हैं
सामने से ज़िब्रान को आता देख सना और ज़ीनत रुक जाती है
जिब्रान: सना अप्पी सालम वालेकुम
ओर अप्पी सब खैरियत तो
सना: वालेकुम सालम और सलमा चचि क्या खिला रही है जो इतना चौड़ा होते जा रहा है भाई
जिब्रान: जो ज़ीनत खाती वहीं मैं भी खाता हूं
चले अप्पी घर
ज़ीनत : हा चलो
भाई को गौर से आंखे भिचकाए देखती है तो शरीर में करेंट सा दौड़ जाता है
दोनों घर की ओर चलते हैं
नियाज़ ने अपने वेटर के हाथ लॉन्च भेजा था
बेल बजाती है
सलमा : ३ बज चुके हैं
बच्चे आ गए सायद
आप कोन है भाईजान
वेटर: जी में रेस्टोरेंट से आया हुए
ये साहब ने बोला था पहुंचा दू
सलमा : हा ठीक अंदर रख दे
तुम्हारे साहब कहा है
वेटर : जी वो रेस्टुरेंट पर ही है
आज मेनेजर नहीं आएं हैं तो काउंटर साहब ही संभाल रहे हैं
आज उनको आने में भी लेट होगा
अच्छा मैं चलता हूं।
सलमा : ठीक है
सलमा की नज़र दोनों बच्चो पर पड़ी दोनों धीरे धीरे आ रहे थे
जिब्रान: क्या हुआ अम्मी आप यहां हम लोगो का इंतज़ार कर रही है क्या।
सलमा : नहीं अब्बू ने रेस्टोरेंट से लॉन्च भेजा है
ज़ीनत: अभी भी ख्यालों में खोई थी
सलमा : जाओ दोनों चेंज कर के आओ मैं खाना लगाती हूं
ज़िब्रान: झट से रूम जाता है ओर देखता है की रुम इतना साफ़ सुधरा केसे होगया झट दिमाग़ ही जाता है कहीं अम्मी को किताबे तो नहीं मिल गई जिब्रान तकिए में देखता वहा किताब सही थी।
अचानक उसे याद आया कि अलमारी में भी है अलमारी खोली देखा ये भी पूरी सही किया गया हैं अलमारी के कोने में से किताब निकलता बोलता आज तो बच गया
किताबे वहीं वापस रख कर कपड़े चेंज करता है ओर बाहर डाइनिंग हॉल आ जाता
सलमा: आज़ बेटे को भूख जादा लगीं हैं क्या
उधर रुम में ज़ीनत कपडे चेंज करती और देखती की उसकी चूत फिर से गीली हैं
ज़ीनत : कपड़े पहन कर बाहर निकलती हैं देखती है
भाई पहले ही आ गया था जीनत के दिमाग़ आया की क्यू ना उस
किताबों की फ़ोन में फ़ोटो खींच लिया जाए
सीधे ज़िब्रान के रुम घुसती किताब की फ़ोटो खींचने लगती हैं
सारे पन्नों की फ़ोटो निकल लेती हैं
किताब वापस से रखती हैं और धीरे से बाहर आ जाति है
सलमा खाना लगा कर बैठ जाति है सब खाना खाने लगते है
ज़िब्रान : खा कर उठ जाता है हाथ धो कर रुम चला जाता हैं
जिब्रान के दोस्त ने उसे पॉर्न वीडियो दी है
ज़ीनत भी अपने रुम चली जाती हैं दरवाज़ा बंद करती हैं
अपना फ़ोन में देखने लगती हैं बेटी बाप की दीवानी पढ़ने लगती
उधर
सलमा भी सब काम छोड़ जिब्रान के रुम के पास आ जाति
कि होल से देखती है ज़िब्रान एक हाथ में फ़ोन और दूसरे हाथ में अपना मोटा लन्ड पकड़े मुठिया जा रहा था दस मिनट से यहीं देख रही हूं
तभी जिब्रान फ़ोन को साइड खड़ा करता है लन्ड जोर मुठिया जा रहा है अचानक उसने मेरी फ़ोटो फ्रेम उठाई और सारा वीर्य फ्रेम छोड़ देता है ये देख सलमा की आखें फटी की फटी रह जाति है
ओर ओ भी अपने रुम मे आ जाति सलमा सोच में पड़ जाति है
की ये तो मेरा चूत के चक्कर में है सलमा अपनी चूत गीली महसूस
होता है बाथरूम जा कर जिब्रान के बारे मे सोचने लगती हैं सलमा की बुर और तेज़ी से गीली होने लगती है ओर दो उंगली बुर चलाने लगती हैं उत्तेजना से सलमा जल्द झड़ जाति है
सलमा सोच ती है क्यू ना मै ही जिब्रान फसा लू।
ज़ीनत बेटी बाप की दीवानी पढ़ कर जोश में जाति वो भी चूत रगड़ने लगती
इधर अम्मी अपने बेटे का लन्ड लेने की तयारी करने लग जाति है
उधर ज़ीनत अब्बू का लन्ड दिख रहा
दोनों मां बेटी यहीं सोच रही थी क्या ये सही है।
सोचते सोचते दोनों की बुर बार बार गीली हो जाति है
९:४५ रात हो चुकी थी
जिब्रान : अम्मी कहा हो खाना नहीं मिले गी क्या
सलमा: हा आ रही हूं रेस्टोरेंट जो खाना आया है
अभी ओर भी बचा है मैं खाना गर्म करके लगती हु
तू जा अप्पी को बुला ले
जिब्रान : ज़ीनत की रुम तक पहुंच देखता रुम बंद हैं अंदर से
जिब्रान key hole से अंदर देखता है और दंग रह जाता
अप्पी बुर रगड़ रही थी ये देख मेरे लौड़ा खड़ा होने लगा
मैने अपना फ़ोन निकाला  होल से रिकॉड करने लगा
ज़ीनत का पानी बाहर निकल पड़ता है
ओर वो शांत हो जाती हैं
मेरा यहां हाल बुरा हो जाता है
मैं अपने कमरे की तरफ़ जाने लगता हु की अम्मी की आवाज़ आई कहा जा रहा है अप्पी को बुलाया की नहीं
अम्मी की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम घुस जाता हु
सलमा: ये इसको क्या हुआ अभी तो इसे भूख लगी थी अब रूम में चला गया सलमा भी दबे पांव रूम घुस जाति बाथरूम का दरवाज़ा बन्द करना भूल गया था
ज़ीनत: दिमाग़ में ये सब क्या चल रहा लन्ड के ही ख्यालों खोती जा रही हैं डाइनिंग रूम आकर बैठ जाति है उसको तो कल रात की सारी सीन आखों के हट ही नहीं रही थी उसका भाई जिब्रान भी आ जाता है जिब्रान आने के बाद अम्मी की गांड़ को घूरते जा रहा था
मैने उसपर गोर किया तो देखा जिब्रान पेंट के ऊपर से लन्ड मसल रहा था तभी अब्बू भी आ जाते है सब नाश्ता कर के उठते।
ज़ीनत और जिब्रान दोनों स्कूल के लिए निकल जाते हैं
ज़ीनत का दिमाग अभी भी वहीं अटका पड़ा था
कोलेज के अंदर प्रवेश करती हैं की ज़रा आ जाति
ज़रा: क्या हुआ ज़ीनत किस सोच में पड़ी हो।
ज़ीनत : कुछ नहीं कल रात नीद पूरी नहीं हुई तो
थोड़ा थकान महसूस हो रहा है
ज़रा : क्यू कल रात क्या कर रही थी मेरी जान
ज़ीनत : चल क्लॉस मे बाद में बताती हूं
इधर
सलमा: जिब्रान के रूम में आति और रूम को सही करने
लगती हैं
रूम सही करते करते जिब्रान कि अलमारी खोली है
देखती है कि पूरा अलमारी उथल पुथल कर रखा है
अलमारी सही करती है अलमारी के कोने में मैग्जिन दबा दिख जाता सलमा मैग्जिन को बाहर निकलती हैं
मैग्जिन की कवर पर पर लिखा था मां बेटे का सेक्स सम्बंध
कवर एक लड़के का बिना कपड़ो के एक पिक्चर थी अपना पकड़े खड़ा था
सलमा : मैग्जिन को खोलती हैं और पढ़ना शुरू करती है
बेटे ने मां को अपने लन्ड की दीवानी बनाता है
बेटा अपनी मां को चुपके चुपके नहाते देखता और
कपडे बदलते वक्त देखता फिर आ कर अपने बिस्तर में लेट जाता
मां उसे जागने आती तो देखती ये तो सो रहा है पर इसका लन्ड
खड़ा क्यू है मां उसे जगाती है ओर वहा से निकल जाति है
ऐसा लगभग रोज़ होता उसकी मां ने नोटिस किया और बेटे को जागा कर रूम छुप के खड़ी हो जाती हैं
बेटा झट से उठता अपने लन्ड को मसलता है और पेंट सरका
देता है उसका बड़ा लन्ड देख आंखे बड़ी हो जाती हैं बेटा लन्ड को हिलने लगा और धीरे धीरे उसके मुंह से आवाज़ करता है सुनीता
एक बार देदो बस एक बार अपने बेटे के मुंह से अपना नाम सुनकर
सन हो जाति है
फिर
सलमा: सोचने लगती हैं कहीं मेरा बेटा मेरी चूत
मरने के चक्कर में तो नहीं ह
सलमा मैग्जिन वही दबा देती हैं
अब अलमारी सही कर ज़िब्रान के रूम से बाहर निकल आति है
सोफे पे बैठ कर सोच रही थी तभी
फ़ोन बज पड़ा सलमा फ़ोन रिसिव करती हैं हा बोलिये जी क्या हुआ
नियाज़: अरे सलमा खाना बनाया कि नहीं तुमने
सलमा : अभी कहा पूरा घर फैला बिखरा था उसे सही कर रही हूं
नियाज़: अच्छा हुआ आज मैने एक नया रसोईया रखा है
तो उससे उसके सारे लज़ीज़ पकवान बनवा कर टेस्ट करना
तो आज घर पर खाना नहीं बनाओं
में रेस्टोरेंट से भेज दूंगा
सलमा : ठीक है जैसा आप को ठीक लगे।
उधर क्लास ख़त्म होने के बाद
सना : क्या हुआ मेरी जान सुबह से क्या सोच रही हैं
कही किसी से तुझे प्रपोज तो नहीं कर दिया।
ज़ीनत : नहीं यार
सना: तो फिर क्या बता ना
ज़ीनत : यार मेने एक मैग्जिन देखी
सना : तो क्या हुआ
ज़ीनत : उस मैग्जिन में बेटा मां का दीवाना और बेटी बाप की दीवानी सेक्स स्टोरी थी
सना : यार ये सब बनी बनाई कहानी होती
ज़ीनत : तुझे कैसे पता की ये सिर्फ़ बनी बनाई कहानी है
सना : मुझे ऐसा ही लगता हैं
सामने से ज़िब्रान को आता देख सना और ज़ीनत रुक जाती है
जिब्रान: सना अप्पी सालम वालेकुम
ओर अप्पी सब खैरियत तो
सना: वालेकुम सालम और सलमा चचि क्या खिला रही है जो इतना चौड़ा होते जा रहा है भाई
जिब्रान: जो ज़ीनत खाती वहीं मैं भी खाता हूं
चले अप्पी घर
ज़ीनत : हा चलो
भाई को गौर से आंखे भिचकाए देखती है तो शरीर में करेंट सा दौड़ जाता है
दोनों घर की ओर चलते हैं
नियाज़ ने अपने वेटर के हाथ लॉन्च भेजा था
बेल बजाती है
सलमा : ३ बज चुके हैं
बच्चे आ गए सायद
आप कोन है भाईजान
वेटर: जी में रेस्टोरेंट से आया हुए
ये साहब ने बोला था पहुंचा दू
सलमा : हा ठीक अंदर रख दे
तुम्हारे साहब कहा है
वेटर : जी वो रेस्टुरेंट पर ही है
आज मेनेजर नहीं आएं हैं तो काउंटर साहब ही संभाल रहे हैं
आज उनको आने में भी लेट होगा
अच्छा मैं चलता हूं।
सलमा : ठीक है
सलमा की नज़र दोनों बच्चो पर पड़ी दोनों धीरे धीरे आ रहे थे
जिब्रान: क्या हुआ अम्मी आप यहां हम लोगो का इंतज़ार कर रही है क्या।
सलमा : नहीं अब्बू ने रेस्टोरेंट से लॉन्च भेजा है
ज़ीनत: अभी भी ख्यालों में खोई थी
सलमा : जाओ दोनों चेंज कर के आओ मैं खाना लगाती हूं
ज़िब्रान: झट से रूम जाता है ओर देखता है की रुम इतना साफ़ सुधरा केसे होगया झट दिमाग़ ही जाता है कहीं अम्मी को किताबे तो नहीं मिल गई जिब्रान तकिए में देखता वहा किताब सही थी।
अचानक उसे याद आया कि अलमारी में भी है अलमारी खोली देखा ये भी पूरी सही किया गया हैं अलमारी के कोने में से किताब निकलता बोलता आज तो बच गया
किताबे वहीं वापस रख कर कपड़े चेंज करता है ओर बाहर डाइनिंग हॉल आ जाता
सलमा: आज़ बेटे को भूख जादा लगीं हैं क्या
उधर रुम में ज़ीनत कपडे चेंज करती और देखती की उसकी चूत फिर से गीली हैं
ज़ीनत : कपड़े पहन कर बाहर निकलती हैं देखती है
भाई पहले ही आ गया था जीनत के दिमाग़ आया की क्यू ना उस
किताबों की फ़ोन में फ़ोटो खींच लिया जाए
सीधे ज़िब्रान के रुम घुसती किताब की फ़ोटो खींचने लगती हैं
सारे पन्नों की फ़ोटो निकल लेती हैं
किताब वापस से रखती हैं और धीरे से बाहर आ जाति है
सलमा खाना लगा कर बैठ जाति है सब खाना खाने लगते है
ज़िब्रान : खा कर उठ जाता है हाथ धो कर रुम चला जाता हैं
जिब्रान के दोस्त ने उसे पॉर्न वीडियो दी है
ज़ीनत भी अपने रुम चली जाती हैं दरवाज़ा बंद करती हैं
अपना फ़ोन में देखने लगती हैं बेटी बाप की दीवानी पढ़ने लगती
उधर
सलमा भी सब काम छोड़ जिब्रान के रुम के पास आ जाति
कि होल से देखती है ज़िब्रान एक हाथ में फ़ोन और दूसरे हाथ में अपना मोटा लन्ड पकड़े मुठिया जा रहा था दस मिनट से यहीं देख रही हूं
तभी जिब्रान फ़ोन को साइड खड़ा करता है लन्ड जोर मुठिया जा रहा है अचानक उसने मेरी फ़ोटो फ्रेम उठाई और सारा वीर्य फ्रेम छोड़ देता है ये देख सलमा की आखें फटी की फटी रह जाति है
ओर ओ भी अपने रुम मे आ जाति सलमा सोच में पड़ जाति है
की ये तो मेरा चूत के चक्कर में है सलमा अपनी चूत गीली महसूस
होता है बाथरूम जा कर जिब्रान के बारे मे सोचने लगती हैं सलमा की बुर और तेज़ी से गीली होने लगती है ओर दो उंगली बुर चलाने लगती हैं उत्तेजना से सलमा जल्द झड़ जाति है
सलमा सोच ती है क्यू ना मै ही जिब्रान फसा लू।
ज़ीनत बेटी बाप की दीवानी पढ़ कर जोश में जाति वो भी चूत रगड़ने लगती
इधर अम्मी अपने बेटे का लन्ड लेने की तयारी करने लग जाति है
उधर ज़ीनत अब्बू का लन्ड दिख रहा
दोनों मां बेटी यहीं सोच रही थी क्या ये सही है।
सोचते सोचते दोनों की बुर बार बार गीली हो जाति है
९:४५ रात हो चुकी थी
जिब्रान : अम्मी कहा हो खाना नहीं मिले गी क्या
सलमा: हा आ रही हूं रेस्टोरेंट जो खाना आया है
अभी ओर भी बचा है मैं खाना गर्म करके लगती हु
तू जा अप्पी को बुला ले
जिब्रान : ज़ीनत की रुम तक पहुंच देखता रुम बंद हैं अंदर से
जिब्रान key hole से अंदर देखता है और दंग रह जाता
अप्पी बुर रगड़ रही थी ये देख मेरे लौड़ा खड़ा होने लगा
मैने अपना फ़ोन निकाला  होल से रिकॉड करने लगा
ज़ीनत का पानी बाहर निकल पड़ता है
ओर वो शांत हो जाती हैं
मेरा यहां हाल बुरा हो जाता है
मैं अपने कमरे की तरफ़ जाने लगता हु की अम्मी की आवाज़ आई कहा जा रहा है अप्पी को बुलाया की नहीं
अम्मी की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम घुस जाता हु
सलमा: ये इसको क्या हुआ अभी तो इसे भूख लगी थी अब रूम में चला गया सलमा भी दबे पांव रूम घुस जाति बाथरूम का दरवाज़ा बन्द करना भूल गया था
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