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♥ ? ? ? घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ] ???♥ ***INDEX*** |
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♥ ? ? ? घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ] ???♥ ***INDEX*** |
Yaar solis hai....अपडेट २७ :
" पायल रानी चिकन-चाकन, फल-फुल सब खाये,
पापा न मिले तो फिर केले से काम चलाये....!!,
बोलो हई रे .... हई रे .....हई हाsss......!! "
उर्मिला पायल के साथ छत पर अमरुद की टहनी के निचे बैठी उसे होली के गीत गा कर छेड़ रही थी. सुबह के ९ बज रहे थे और गाड़ी वापस आ जाने से घर में शांति थी. बाबूजी किसी काम से बाज़ार चले गए थे और उमा भी टीवी में लगी हुई थी. सोनू अब भी सो रहा था. ऐसे में भाभी और ननद को कुछ वक़्त साथ बिताने का मौका मिल गया था.
उर्मिला ने जो होली का गीत गाया था उसे सुन कर पायल की पैन्टी में चुलबुल मचने लगी थी. उर्मिला अच्छे से जानती थी की पायल को सिर्फ एक चुंटी काटने की जरुरत होती है. उसकी जवानी में ऐसी आग लगी है की बस थोड़ी से हवा दे दो और वो धूं-धूं कर के जलने लगती है. पापा और पायल पर उर्मिला के इस होली के गीत ने हवा का काम करते हुए पायल की जवानी की आग फिर से भड़का दी थी. वो मुस्कुराते हुए नखरे वाले अंदाज़ में कहती है.
पायल : (नखरे से मुस्कुराते हुए) धत्त भाभी...!! आप ऐसे ही हमेश मुझे छेड़ती रहती हो. जब पापा है तो मैं केले से काम क्यूँ चलाऊँगी ?
उर्मिला : तू तो ऐसे कह रही है जैसे रोज पापा का लंड बुर में ले कर सोती है.
पायल : अभी ले कर नहीं सोती तो क्या हुआ? जब मिलेगा तब ले लुंगी लेकिन केले से काम नहीं चलाऊँगी.
उर्मिला : मेरी भोली पायल तो कुछ जानती ही नहीं. अरे...!! केले और मोटे बैगन तो न जाने कितनी लड़कियों और औरतों का सहारा होते है. मैं जब कॉलेज में थी तो हम सब सहेलियां केले और बैगन को 'बी . एस . वाई (B.S.Y)' कहते थे.
पायल : (आश्चर्यचकित होते हुए) बी . एस . वाई ...?? ये क्या होता है भाभी ?
उर्मिला : (हँसते हुए) पगली तुझे 'B.S.Y' नहीं पता? कॉलेज में क्या सिर्फ पढ़ने जाती है? B.S.Y का मतलब होता है 'बूर शंतुष्टि यंत्र'.
उर्मिला की बात सुन कर पायल को हंसी आ जाती है और उसे अपनी भाभी पर गर्व भी महसूस होता है की वो कितनी खुले विचारों वाली है.
पायल : (हँसते हुए) हा हा हा हा भाभी....!! सच में. कॉलेज की लाइफ तो आपने पूरी एन्जॉय की है. फिर तो ये B.S.Y सारे कॉलेज में सबको पता होगा?
उर्मिला : सभी को नहीं. ये हमारे ग्रुप की लड़कियों का कोड था. हम तो खुले आम इस कोड का इस्तेमाल करते थे. हमे पता होता था की किसी न किसी के पास तो केला या बैगन होगा ही. जब भी किसी लड़की की बूर में खुजली होती वो सबके सामने ही पूछ लेती की किसी के पास B.S.Y है क्या ?
पायल : (बड़ी-बड़ी आँखों से ) पर भाभी ये बात कोई समझ नहीं पता था क्या?
उर्मिला : (हँसते हुए) मजे की बात तो ये थी पायल की जो नहीं जानते थे की B.S.Y क्या है उन्हें लगता था की हम लोग एक दुसरे से 'सेनेटरी पैड' मांग रही है और फिर जब हम वाशरूम चली जाती थी तो सबको लगता था की पैड बदलने जा रही है. और असल में वाशरूम में तो हम जम कर केले और बैगन चला कर आती थी.
(होली गीत और स्कूल-कॉलेज की यादें मस्तराम जी की कहानियों की विशेषता रही है. इस अपडेट को और मजेदार बना कर पेश करने की कोशिश कर रही हूँ. आगे का पूरा अपडेट जल्द ही आ रहा है)
ये चुत आपकी लग रही, बहोत प्यारी हे!Aapki hai behna?
Lovely
Yummy......?