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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
  • Poll closed .

Wanton

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bahut bahit bahut hi kamuk,garam aur panty wetting update, specially paapa aur pyaree beti ki bich illicit sex,
fantastic, mind blowing aur bahut fataka tharika se likha aapne is kahaani ko, please maa beta ko bich mien ek garam update de do Mastraniji :yourock:
 

The Dark Devil

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What an extremely super duper hot, sexy and dick blasting update!! You are really the master of incest story. You know it very well how to make an incest story extremely hot and erotic.Your every update is full of excitement and eroticism. Hats off Mastraniji.
 

Johar

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aap to mujhe ekdom kamal kar dhiya Mastraniji, bahut bahut hot update dala aapne, bahut maza aya madam, thanks a lot.
 
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Juggernaut

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mast ekdum mast
bahut hot aur erotic jaa raha hai madam
agla wala padhta hoon ab
maja agaya :toohappy:
 
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urc4me

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Itne dino ki kasar nikal di. Rasprad aur Romanchak. Pratiksha agle update ki
 
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Mass

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Update is good..hopefully next update jaldi hi aayega...and not after 3-4 months.. :)
looking forward to the next update.
 
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Nasn

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अपडेट ३६:

मचान पर गोलू कम्मो की बालोंवाली बूर पर अपना गधे जैसा लंड सटाए बैठा था. कामो भी बड़ी-बड़ी आँखों से गोलू की ओर देखे जा रही थी. गोलू ने एक नज़र अपनी दीदी के गदरीले जवान जिस्म पर दौड़ाई और धीरे से अपने लंड को कम्मो की बूर में ठूंस दिया. लंड के अन्दर जाते ही कामो की आँखे बंद हो गई और उसके मुहँ से हलकी सी दर्दभरी "आह्ह्ह्ह..." निकल पड़ी. आह सुनकर उर्मिला का ध्यान उस ओर जाता है और वो सोनू का लंड चुसना छोड़ के दोनों की तरफ देखने लगती है.

उर्मिला: हाँ गोलू...ऐसे ही...जोत अपनी दीदी का खेत.

उर्मिला की बात सुनकर गोलू धीरे-धीरे अपना लंड कम्मो की बूर में अन्दर-बाहर करने लगता है. कामो की बूर में आज पहले बार कोई लंड गया था. भले ही वो अपनी बूर में मोटे-मोटे भुट्टे कई बार ले चुकी थी पर असली लंड का मजा भुट्टे में कहाँ? गोलू का लंड जल्द ही कम्मो को मदहोश कर देता है. उर्मिला जब कम्मो की हालत देखती है तो बोल पड़ती है.

उर्मिला: अरी कम्मो...!! क्या हुआ? मजा आ रहा है ना अपने भाई से खेत जुतवाने में?
कम्मो: ह...हा...हाँ भाभी...! अ...आह...!! बहुत....मजा...आ रहा...है...आह...!!
उर्मिला : कहा था ना मैंने....! और आप गोलुजी..., थोडा और जोर लगा....तेरी बहन का खेत है. अपने हल को अन्दर तक डाल के जुताई कर तभी तो बहन का खेत अच्छे से जोत पायेगा ना....

उर्मिला की बात सुन गोलू जोश में आ जाता है और अपनी कमर उठा-उठा के कम्मो की जाँघों के बीच पटकने लगता है और पागलों की तरह बड़बड़ाने लगता है.

गोलू: हाँ भाभी....मेरी दीदी का खेत है....(एक जोरदार ठाप मारता है), मेरी बहन का खेत है....(एक और जोरदार ठाप), रात भर बहन का खेत जोतुंगा....(लगातार जोर-जोर से ठाप मारने लगता है).

गोलू पागलों की तरह कम्मो की बूर में लंड पेलने लगता है. कम्मो भी पूरी मस्ती में आ जाती है और अब वो भी गोलू का साथ देने लगती है.

कम्मो: हाँ गोलू....आह...!! ऐसे ही जोत मेरा खेत. बहुत मजा आ रहा है गोलू...आह्ह्हह्ह....!!
गोलू: दीदी....आह्ह्ह...!! भुट्टे से भी ज्यादा मजा आ रहा है ना...?
कम्मो: हाँ गोलू...! इसमें तो १० भुट्टों वाला मजा है...आह...!!

कम्मो का जवाब सुनकर गोलू का जोश सातवें आसमान में पहुँच जाता है. कम्मो की जवानी को वो अब तक छुप-छुप कर देखा करता था. अपनी दीदी को चोदने के सिर्फ सपने देखा करता था. आज उसकी दीदी नंगी हो कर उसके निचे लेटी अपनी बूर उसके लंड से चुदवा रही थी. गोलू अपनी दीदी के जिसन को महसूस करता और उसके लंड की गति और भी ज्यादा बढ़ जाती. अब गोलू पोरे जोश में कामो की चुदाई करने लगा था. उसका भारी शरीर जोर-जोर से हिलने लगा था. उर्मिला सोनू का लंड चुने में वैस्थ थी. अचानक उसे मचान हिलता हुआ महसूस होता है. वो देखती है तो सामने गोलू जोर-जोर से कम्मो की बुर-चुदाई कर रहा था. चुदाई इतनी घमासान थी की मचान भी हिलने लगा था. उर्मिला जैसे ही कुछ बोलने जाती है, गोलू कम्मो की बूर में अपने लंड से एक जोरदार ठाप लगा देता है. मस्ती में कम्मो अपनी टाँगे गोलू की कमर में लपेट देती है. बस फिर क्या था, गोलू कम्मो की बूर में इतने जोर-जोर से ठाप मारने लगता है की मचान दायें-बाएं हिलने लगती है. उर्मिला और सोनू एक दुसरे को पकड कर सहारा देते है. उर्मिला समझ जाती है की अगर अभी गोलू को रोका नहीं गया तो वो कम्मो की चुदाई के चक्कर में मचान ही तोड़ देगा. उर्मिला चिल्लाकर कहती है.

उर्मिला: धीरे गोलू...!! मचान टूट जायेगा.....!!

उर्मिला की आवाज़ हवस से भरे गोलू के कानों तक नहीं पहुँच पाती है. वो पुरी मस्ती में कामो की चुदाई कर रहा था. उर्मिला उसे फिर से आवाज़ देती है पर गोलू फिर भी नहीं सुनता है. उर्मिला उठकर गोलू के पास जाती है और उसका कन्धा पकड़ कर उसे कम्मो से अलग करने की कोशिश करने लगती है.

उर्मिला: अपनी बहन की चुदाई में बावरा हो गया है क्या? चल उठ...!!
गोलू: मत रोकिये भाभी. आज दीदी की जवानी अच्छे से लूट लेने दीजिये मुझे.

और गोलू फिर से कम्मो को पकड़ के जोरदार चुदाई करने लगता है. उर्मिला समझ जाती है की आज ये नहीं रुकेगा. पर वो ये भी समझ चुकी थी की अगर मचान पर गोलू इसी तरह कम्मो की चुदाई करता रहा तो मचान जरूर तोड़ देगा. उर्मिला फिर से गोलू को कम्मो से अलग करते हुए कहती है.

उर्मिला: गोलू मेरी बात सुन...मचान पर ऐसे कम्मो की चुदाई करेगा तो मचान टूट जाएगा. कम्मो को निचे लेजा, झोपड़े में. वहाँ जा कर इसकी अच्छे से चुदाई कर, कोई नहीं रोकेगा तुझे....

उर्मिला की बात को समझते हुए गोलू अपने हाथो के सहारे खड़ा होने लगता है और अपना मोटा लंड कम्मो की बूर से बाहर निकालने लगता है. गोलू का गधे जैसा लंड कम्मो की बूर से 'पॉप' की आवाज़ के साथ बाहर निकल आता है. निचे कम्मो अब भी अपनी आँखे बंद किये लेती हुई थी. अपनी मस्ती में खोई कम्मो को ये भी होश नहीं था की उर्मिला भी वहाँ आ चुकी है. अपनी आँखे बंद किये कम्मो तड़पती हुई बोल पड़ती है.

कम्मो: क्यूँ निकाल लिया गोलू? ब..बहूत मजा आ रहा था. सीईईई.....!! फिर से डाल दे ना गोलू....पूरा डाल दे ना....आह....!! सीईईईइ.....उई माँ......!!

कम्मो को आँखे बंद किये गोलू के लंड के लिए ऐसे तड़पते देख एक पल के लिए तो उर्मिला भी चकित हो जाती है. "हे भगवान...!! ये लड़की तो एक ही बार में भाई के लंड के लिए पागल हो गई है", उर्मिला मन ही मन सोचती है. फिर संभलकर हाथों से कम्मो को हिलाते हुए कहती है.

उर्मिला: कम्मो...!! होश में आ कम्मो...!!
उर्मिला के इस तरह से कम्मो के शरीर को हिलाने पर पर कम्मो को होश आता है और वो आँखे खोल देती है. उर्मिला को अपने पास पा कर वो चौंक जाती है.

कम्मो: क...क्या हुआ भाभी...?? कोई आ गया क्या?
उर्मिला: नहीं रे पागल....कोई नहीं आया. तू गोलू के साथ निचे वाले झोपड़े में चले जा और वहाँ जा कर मजे ले.

कम्मो: (आशचर्य के साथ) पर क्यूँ भाभी...?
उर्मिला: तुझे तो कुछ होश भी नहीं था. तेरा ये भाई चुदाई के चक्कर में अभी मचान ही तोड़ देता.

कम्मो जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुहँ खोलती है, उर्मिला उसे चुप करा देती है.
उर्मिला: कोई सवाल नहीं कम्मो.....चुपचाप गोलू के साथ निचे जा...गोलू, ले जा अपनी दीदी को....

गोलू धीरे से सीढ़ी से मचान के निचे उतरने लगता है. कम्मो भी बड़ी-बड़ी आँखों से उर्मिला को देखते हुए अपने कपडे उठाने लगती है.

उर्मिला: अरे मेरी माँ..... अब ये कपडे क्यूँ ले कर जा रही है? कपडे पहन कर चुदवाएगी क्या? रहने दे इसे येही....

कम्मो कपडे वहीँ छोड़ कर सीढ़ी से निचे उतरने लगती है. कम्मो धीरे-धीरे सीढ़ी से उतर रही थी और निचे गोलू भी उतर रहा था. गोलू ऊपर देखता है तो उसे कम्मो की भारी चूतड़ों और बालों के बीच फैली हुई कम्मो की रसदार बूर दिखाई पड़ती है. गोलू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो अपना मुहँ खोले और जीभ निकाले वहीँ रुक जाता है. कम्मो जैसे ही अपना एक पांव निचे वाली लकड़ी पर रखती है, उसकी चूतड़ों से झांकती खुली बूर सीधे गोलू के मुहँ पर जा लगती है. बूर के मुहँ से छुते ही गोलू अपना चेहरा कम्मो की चूतड़ों के बीच घुसा देता है और जीभ घुमा-घुमा के कम्मो की बूर का रस पीने लगता है. अपनी बूर पर गोलू की जीभ को महसूस करते ही कम्मो भी मस्ती में आ जाती है और अपनी चूतड़ों को गोल-गोल घुमाते हुए मजा लेने लगती है. गोलू जीभ घुमाते हुए कम्मो की बूर के दाने को जोर से चूस लेता है तो कम्मो की "अह्ह्ह्हह...!!" निकल जाती है. कम्मो की आवाज़ सुनकर उर्मिला झाँक कर देखती है तो गोलू अपना मुहँ कम्मो की चूतड़ों में घुसाए खड़ा है और ऊपर कम्मो आँखे बंद किये चुतड घुमा रही है.

"हे भगवान....ये दोनों भाई-बहन तो पागल हे हो गए है", उर्मिला सोचती है.

उर्मिला: अरे ओ चुदक्कडो, थोडा तो सब्र करो. झोपड़े में जाने तक भी नहीं रुक सकते क्या तुम दोनों?

उर्मिला की आवाज़ सुनकर कम्मो सहम जाती है और घबराते हुए कहती है.

कम्मो: भाभी मैं तो निचे ही उतर रही थी. ये गोलू ही निचे से मेरी बूर चूसने लगा.....

उर्मिला गोलू की तरफ देखती है और हाथ जोड़ कर कहती है.

उर्मिला: गोलू महाराज....थोड़ी कृपा कीजिये. अपनी दीदी को झोपड़े में ले जाइए और फिर अराम से जो करना है करीये......

गोलू: (घबराते हुए) जी...जी भाभी....जा रहे है हम लोग....

दोनों मचान से निचे उतारते है. कम्मो नंगे बदन अपनी चौड़ी चूतड़ों को हिलाते हुए आगे चलने लगती है. पीछे गोलू जब अपनी दीदी की हिलती हुई चूतड़ों को देखता है तो एक बार फिर अपने होश खो बैठता है. वो दौड़कर कम्मो के पीछे जाता है और दोनों हाथों को कम्मो के सीने पर रख के उसके मोटे दूध मसलने लगता है और अपना मोटा लंड चूतड़ों के बीच घुसा देता है. कम्मो भी मस्ती में आँखे बंद किये अपनी चुतड पीछे कर देती है. गोलू कम्मो के दूध मसलता हुआ अपनी कमर का धक्का उसकी चूतड़ों के बीच देता है और कम्मो धक्के से एक कदम आगे बढ़ जाती है. इसी तरह गोलू अपनी कमर को कम्मो की चूतड़ों के बीच धक्के देता हुआ उसे झोपड़े की और ले जाने लगता है. उर्मिला ये नज़ारा देखती है और अपना सर पकड़ लेती है. "हे भगवान....हमेशा झगड़ने वाले ये दोनों भाई-बहन पूरे चुदक्कड हो गए है. थोडा भी सब्र नहीं है".

दोनों के झोपड़े में जाते ही कम्मो पीछे घुमती है तो सोनू अपने मोटे लंड को हाथ में लिए बैठा है. उर्मिला सोनू के लंड को देखती है जो पूरी तरह से फूल चूका था. मुस्कुराते हुए उर्मिला कहती है.

उर्मिला: क्या हुआ मेरे प्यारे देवर को? पायल दीदी की याद आ रही है क्या?

उर्मिला के मुहँ से पायल का नाम सुनते ही सोनू अपने लंड को मसल देता है.

सोनू: हाँ भाभी....! पायल दीदी की बहुत याद आ रही है.....

उर्मिला: उफ़...!! देखो तो कैसे अपनी दीदी की याद में गधे जैसा लंड खड़ा किये बैठा है ये भाई. बता तो जरा सोनू, पायल की बूर में कितना लंड घुसायेगा?

सोनू एक हाथ की उँगलियों का छल्ला बनाकर लंड को पकड़ता है और उँगलियों को फिसलाता हुआ लंड के जड़ तक ले जाता है. फिर अपनी कमर थोडा उठा के खड़ा लंड दिखाते हुए कहता है, "इतना भाभी...!!"

उर्मिला: बापरे...अपना लंड पायल की बूर में जड़ तक घुसा देगा....उफ़...!!

उर्मिला अपने बड़े-बड़े दूध को एक हाथ से दबाते हुए सोनू के पास आ कर बैठ जाती है. वो लंड को ध्यान से देखती है तो लंड से हल्का-हल्का पानी रिस रहा है.

उर्मिला: हाय रे सोनू... अपनी दीदी की याद में तो तेरा लंड आंसू बहा रहा है. रुक, मैं अभी इसके आंसू पोंछ देती है.

ये कहकर उर्मिला अपना मुहँ खोलती है और निचे झुक कर सोनू का पूरा लंड एक ही बार में निगल लेती है. उर्मिला के लंड निगलते ही सोनू आँखे बंद किये करहा उठता है, "आह्ह्हह्ह......भाभी....!! उफ्फ..!! पायल दीदी.....आ जाओ ने एक बार.....आह्ह्हह्ह्ह्ह.....!!". उर्मिला जोर से सोनू का लंड चुस्ती है और फिर सर उठाकर कहती है.

उर्मिला: पटक पटक के चोदेगा ना अपनी दीदी को? (पुछकार फिर से लंड चूसने लग जाती है)
सोनू: (उर्मिला के मुहँ में लंड पेलता हुआ) हाँ भाभी....पायल दीदी को पटक-पटक के चोदुंगा.....
उर्मिला: (सर उठाकर) अपनी दीदी को चोदकर बहनचोद बन जायेगा? (पुछकार फिर से लंड चूसने लग जाती है)
सोनू: (इस बार जोर से लंड उर्मिला के मुहँ में ठूंसते हुए) ह...हाँ भाभी....दीदी को चोदकर बहनचोद बन जाऊंगा....

ये सुनकर उर्मिला जोश में आ जाती है. वो झट से अपनी साड़ी कमर तक उठा के लेट जाती है और अपनी टाँगे खोल के बालोवाली खुली हुई बूर दिखाते हुए कहती है.

उर्मिला: आ जा सोनू.... लंड ठूंस दे अपनी पायल दीदी की बूर में.

सोनू उर्मिला की बूर को ध्यान से देखता है. उसकी आँखों के सामने पायल की बूर नज़र आने लगती है. सोनू का लंड एक हुंकार मारता है और वो उर्मिला पर छलांग लगा देता है. सोनू का लंड सीधे उर्मिला की खुली हुई गीली बूर में अन्दर तक घुस जाता है और ऊपर सोनू उसके बड़े-बड़े दूध को पीने लगता है. उर्मिला भी अपनी टाँगे सोनू की कमर के इर्द-गिर्द लपेट लेती है. सोनू पायल को याद करता हुआ, उर्मिला के दूध पीता हुआ, अपने मोटे लंड को उर्मिला की बूर में ठूंसने लगता है.

सोनू: आह्ह्ह...!! पायल दीदी....मेरी प्यारी दीदी.....अपने भाई को बूर देदे दीदी...!!

सोनू के पागलपन का पूरा फ़ायदा उर्मिला उठाने लगती है. अपनी दीदी के लिए उसका ये जूनून उर्मिला के लिए किसी वरदान से कम नहीं था. सोनू उर्मिला की बूर को पायल की बूर समझ कर पेले जा रहा था और उर्मिला आँखे बंद किये पायल को मन ही मन दुआएँ दे रही थी.

उधर झोपड़े में गोलू कम्मो को अपने भारी शरीर के निचे दबाये अपना मोटा लंड उसकी बूर में झटके देते हुए पेल रहा था. कम्मो पूरी मदहोश हो चुकी थी.

गोलू: आह....!! कम्मो दीदी....म..मैं आपकी रोज चुदाई करूँगा....आह्ह्ह....!! अपनी प्यारी दीदी की बूर में रोज लंड पेलूँगा.....
कम्मो: ह..हाँ गोलू....अब मैं भी कभी भुट्टा अपनी बूर में नहीं लुंगी. बस तेरा मोटा लंड ही मेरी बूर में जायेगा....आह.....!!

करहाते हुए कम्मो अपने हाथों को सर के पीछे कर लेती है. उसकी हलके बालोवाली दोनों पसीने से भरी बगले गोलू की आँखों के सामने खुल जाती है. अपनी दीदी के बगल की पसीने की महक आग में घी का काम करती है और गोलू अपना मुहँ कम्मो की बगल में घुसा देता है.

गोलू: आह....!! दीदी....(जोर से सांस लेते हुए) हुम्म्म्मम्म्म्म.....!!! आह्ह्हह्ह्ह्ह.....!!

कम्मो के बगल की महक लेते ही गोलू के कमर की रफ़्तार और भी ज्यादा बढ़ जाती है. उसका लंड कम्मो की बूर के अन्दर-बाहर जोर-जोर से होने लगता है. कामो जोश में अपनी टाँगे गोलू की कमर में बाँध लेती है और हाथों को उसके गले में. गोलू भी कम्मो की जाँघों को दोनों हाथो से मजबूती से पकड़ लेता है और एक ही झटके में कम्मो का शरीर गोलू के शरीर से चिपका हुआ हवा में उठ जाता है. अब गोलू खड़ा है और कम्मो अपनी टाँगे और हाथो को गोलू के शरीर से लपेटे हुए है. गोलू का लंड कम्मो की बूर में घुसा हुआ है और गोलू के हाथ पीछे से कम्मो की मोटी जाँघों को पकडे हुए है. गोलू जैसे ही अपने लंड को कम्मो की बूर में झटका देता है, कम्मो उच्छल के फिर से गोलू के लंड पर आ बैठती है. गोलू अपने लंड को उठा-उठा के कम्मो की बूर में देने लगता है और कम्मो गोलू के शरीर से लिपटे हुए उच्छल-उच्छल कर लंड लेने लगती है. ये आसन गोलू कई बार सरपंच के तालाब के पास छुप कर अपने दोस्तों के साथ गन्दी किताबों में देख चूका था. उसी ज्ञान का इस्तेमाल गोलू आज अपनी दीदी की चुदाई में कर रहा था. कम्मो, जिसके के लिए ये सब कुछ नया था, उसे बड़ा ही आनंद दे रहा था. गोलू, जो उसका अपना सगा छोटा भाई था, उससे चुदने में उसे अलग ही मजा आ रहा था. इस रिश्ते में इतनी गन्दगी भी हो सकती ही ये कम्मो ने कभी सोचा भी नहीं था. उसके लिए तो हमेशा से ही ये एक पाप से कम नहीं था. पर आज जब गोलू उसकी बूर में अपना मोटा लंड पेल रहा था तो कम्मो को पता चला की भाई-बहन के बीच का पापी रिश्ता इतना आनंदपूर्ण और उत्साहपूर्ण भी हो सकता है. आक की रात कम्मो गोलू से अलग नहीं होना चाहती थी. वो गोलू को मजबूती से पकडे उसके लंड पर उच्छले जा रही थी.

यहाँ उर्मिला, सोनू, गोलू और कम्मो के बीच चुदाई समारोह चल रहा था और वहाँ दूर, रामपुर, पायल के कमरे में, अलग ही तूफ़ान आया हुआ था. ज़मीन पर शीलाजीत की ३-४ खाली शीशियाँ, माल-डी की गोलियों की पत्ती और पायल की भीगी हुई पैन्टी पड़ी हुई थी. बिस्तर पर पसीने से लथपथ पायल तेज़ साँसे ले रही थी और रमेश जो पसीने से भीगे हुए थे, पायल पर चढ़कर अपना लम्बा और मोटा लंड उसकी बूर में पेले जा रहे थे.

पायल: आह्ह्ह...!! पापाssss....!! और कितना चोदीयेगा मुझे?
रमेश: तेरी जवानी में बड़ी आग है पायल. आज तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा....आह्ह्ह्ह....!!
पायल: ६ घंटे हो गए पापा मेरी चुदाई करते हुए....आह्ह्ह...!! शीलाजीत की ४ शीशियाँ आप खाली कर चुके हो......५ बार आप मेरी बूर में पानी गिरा चुके हो....अब तो रुक जाईये.....!
रमेश: शाम को तो रुक ही गया था ना बेटी. तुझे अपने बड़े-बड़े दूध उठा के किसने कहा था मेरे सामने आने? और फिर मेरे सामने अपनी बालोवाली बूर खोल के क्यूँ बैठ गई थी तू? बोल...?
पायल: बूर में बहुत खुजली हो रही थी पापा....इसलिए आपके सामने चली आई.....
रमेश: अब पापा तेरी बूर की खुजली मिटा रहे है तो क्यूँ चिल्ला रही है?

ये कहकर रमेश अपनी कमर जोर-जोर से पायल की जाँघों के बीच पटकने लगते है. पायल भी मस्ती में अपने हाथ रमेश के गले में डाल देती है और निचे से अपनी कमर उठा-उठा के पापा का लंड बूर में लेने लगती है. पायल की चुदाई करते हुए रमेश अपना चेहरा पायल के पास ले जा कर जीभ निकाल देते है तो पायल भी अपना सर उठा के उनकी जीभ मुहँ में भर के चूसने लगती है. कुछ देर बेटी से जीभ चुस्वाने के बाद रमेश उठकर बैठ जाते है और अपने हाथों को पायल की कमर के निचे ले जा कर उठा देते है. पायल की कमर ऊपर उठ जाती है और उसकी गीली, फैली हुई बालोवाली बूर रमेश के ठीक आँखों के सामने आ जाती है. सर आगे बढ़ाके रमेश पायल की बूर चाट लेते है और फिर अपनी लम्बी जीभ अन्दर घुसा के घुमाने लगते है. बिस्तर पर लेटी पायल पापा की इस हरकत से तड़प उठती है.

पायल: आह्ह्ह्ह....!! पापाssss.....!! मत चूसिये ना ऐसे मेरी बूर को.....मैं मर जाउंगी पापा....आह्ह्हह्ह....!!
रमेश: दिन भर तेरी बूर चुदी है पायल बेटी. तेरी फैली हुई बूर से रस पीने में बड़ा मजा आ रहा है.....उम्म्मम्म्म्म......!!

पायल की बूर का अच्छे से रसपान करने के बाद रमेश एक बार फिर अपने लंड को पायल की बूर में अन्दर तक ठूंस देते है और उसे अपने आलिंगन में ले कर चुदाई शुरू कर देते है. ६ घंटे लगातार चुदने के बाद भी पायल की गर्मी शांत नहीं हुई थी. अपने पापा से चुदाई में वो पूरा साथ देने लगती है. रमेश भी पूरे जोश में पायल की बूर चुदाई करने लगते है.

रमेश: आह्ह्हह्ह...पायल बेटी...पापा झड़ने वाले हैं बेटी....आह्ह्हह्ह्ह्ह.....!!
पापा की बात सुनते ही पायल अपनी टांगो का घेरा रमेश की कमर पर मजबूत कर लेती है और पैरो से पापा की कमर को अपनी तरफ दबा देती है. रमेश भी अब जोर-जोर से झटके देने लगते है. १५-२० जोरदार झटको के बाद रमेश के लंड से पानी निकलकर पायल की बच्चेदानी में गिरने लगता है. अपने पापा को पैरो से पकडे हुए पायल अपनी बूर को कास देती है तो रमेश का लंड झटके लेता हुआ अपना बचा हुआ पानी भी अन्दर गिरा देता है. कुछ देर रमेश वैसे ही पायल के ऊपर पड़े रहते है और फिर धीरे से अपना लंड उसकी बूर से निकाल लेते है. पायल भी आँखे बंद किये बिस्तर पर कुछ देर वैसे ही पड़ी रहती है. रमेश की नज़र पायल की बूर पर पड़ती है. पायल की बूर के ओंठ पूरे फैलकर जुदा हो चुके थे. बूर के अन्दर के लाल भाग में एक बड़ा सा छेद बंद चूका था जो एक घमासान चुदाई की गाथा सुना रहा था. बूर से गाड़ा सफ़ेद पानी धीरे-धीरे बह रहा था.

रमेश एक बार पायल के चेहरे को देखते है और फिर उसकी फैली हुई बूर को. रमेश को अपनी कही बात याद आती है जो उन्होंने पायल की चुदाई के पहले कही थी, "बेटी, आज तेरी इतनी बूर चुदाई करूँगा की तेरे बूर के ओंठ फ़ैल जायेंगे और आपस में चिपक ही नहीं पायेंगे". इस बात को याद करते ही रमेश के चेहरे पर एक मुस्कराहट आ जाती है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
बहुत बेहतरीन अपडेट
सारी कसर एक ही अपडेट में
निकालना आपसे सीखे...

बेहतरीन लाजबाब अपडेट....👌👌
 
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