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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
  • Poll closed .

Dungeon Master

Its not who i am underneath
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अपडेट ४०:

छत पर सभी भाई अपनी बहनों के सामने, शॉर्ट्स से मोटे लंड निकाले बैठे थे. बहने भी उनके सामने अपनी टाँगे फैलाए जाँघों के बीच कसी हुई पैन्टी दिखाते हुए बैठी थी. भाइयों के मोटे लंड देख सभी बहने अपने होश खो बैठी थी. यहाँ तक उर्मिला भी राजू का मोटा लंड १.५ साल के बाद देखकर मदहोश हो चुकी थी. सभी भाई अपने लंड मसलते हुए बहनों को दिखा रहे थे. लंड के मोटे टोपे से रिसता हुआ पानी देख बहने अपनी जीभ ओंठों पर फेरने लगी थी. सभी बहने अपने ओंठ दांतों टेल दबाकर धीरे से भाइयों के लंड की ओर बढती है. बहनों को अपनी तरफ बढ़ता देख सभी भाई अपने लंड की चमड़ी पूरी निचे खींच कर मोटा टोपा बाहर निकाल देते है. मदहोश बहने अपने भाइयों के लंड के पास पहुँच कर एक बार घूरकर लंड को देखती है और धीरे से अपना सर लंड पर झुकाने लगती है. सभी बहने जैसे ही झुक कर भाइयों के लंड को मुहँ में लेने जाती है, पास की सड़क पर एक कुत्ता जोर-जोर से भोंकने लगता है. कुत्ते के भोंकने से उर्मिला के साथ-साथ पायल, कम्मो और खुशबू भी होश में आ जाती है. चारों झट से खड़ी हो जाती है और एक दुसरे की तरफ देखने लगती है. आँखों में कुछ इशारे होते है और फिर उर्मिला बोल पड़ती है.

उर्मिला: (इतराते हुए) हूँ...!! लंड दिखाकर आप लोग हमने पटा नहीं पाओगे. चलो गर्ल्स... चलकर सोते है.

ये कहकर सभी लडकियां अपने भाइयों को जीभ और अंगूठा दिखाकर जाने लगती है. सभी भाई एक आखरी बार अपने मोटे लंड दिखाकर बहनों को पटाने की कोशिश करते है लेकिन सभी बहने मुहँ बनाकर वहां से चली जाती है. लड़कियों के जाते ही राजू की आँखों में खून उतर आता है. वो गुस्से में यहाँ-वहाँ छत पर देखने लगता है.

राजू: (गुस्से में) साला मादरचोद....!! आज इस कुत्ते को मैं नहीं छोडूंगा.

गुस्से में राजू छत पर पड़े २-३ पत्थरों को उठाकर सड़क पर खड़े उस कुत्ते की ओर फेकने लगता है. कुत्ता भी एक पेड़ के पीछे छुपकर राजू पर भोंकने लगता है. राजू बहुत गुस्से में था. उसका गुस्सा देखकर सोनू, छेदी और गोलू उसे रोकने लगते है.

सोनू: अरे रहने दो राजू भैया, कुत्ता है बेचारा....
राजू: (गुस्से में) ये साला कुत्ता नहीं, मादरचोद है. साला दिन रात अपनी माँ-बहन की चुदाई करता है और यहाँ डेढ़ साल बाद मेरी दीदी आई है तो साले की गांड जल रही है.
छेदी: जाने दे राजू. अपनी-अपनी किसमत है. थूक दे गुस्सा.

राजू अपने गुस्से पर किसी तरह से काबू करता है. कुत्ता भी १-२ बार भोंकता है और फिर भाग जाता है. कुत्ते को २-३ गालियाँ दे कर राजू कहता है.

राजू: खड़े लंड पर धोका हो गया भाइयों. साला सारा प्लान चौपट हो गया.
छेदी: अभी प्लान चौपट नहीं हुआ है भाई. देखा नहीं? हमारी बहने पूरी गरमा गयी थी. एक बार उनके कमरे में चलते है. शायद कुछ बात बन जाए.

छेदी की बात से सभी सहमत हो जाते है और निचे जाने लगते है. वहाँ निचे कमरे में सभी बहने एक बड़े से बिस्तर पर लेटे हुए बातें कर रही थी.

पायल: आज तो बच गए. अगर वो कुत्ता एन वक़्त पर न भोंकता तो इस वक़्त हम सभी अपने भाइयों से चुद रही होती.
खुशबू: हाँ पायल दीदी. भगवान भला करे उस कुत्ते का. छेदी भैया तो पुरे जोश में लग रहे थे. आज तो मेरी जम के बूर चुदाई हो जाती.
कम्मो: हाँ दीदी. गोलू तो मेरे पिछवाड़े को शाम से ही घुर रहा था. वो तो मुझे घोड़ी बना देता आज.

बिस्तर पर लेटी, सभी लडकियां अपने भाइयों के बारें में सोचने लगती है. उर्मिला भी राजू के लंड को याद करते हुए धीरे-धीरे अपनी पैन्टी में हाथ डाले बूर को सहलाने लगती है. सभी का एक जैसा हाल था. छत पर सभी ने जो भाइयों के लंड के दर्शन किये थे वो नज़ारा उनके बदन का तापमान बढ़ा रहा था. सभी के हाथ अपनी पैन्टी के अन्दर चले जाते है. कुछ ही क्षण में कमरे में गर्मी बढ़ जाती है. सभी की पैन्टी टांगो से निकल जाती है और टाँगे फैलाए सभी बहने अपनी बालोवाली बूर में उंगलियाँ चलाने लगती है. भाइयों की याद में जैसे ही सभी बहने अपनी-अपनी बूर उँगलियों से फैलाती है, पूरा कमरा बूर की गंध से भर जाता है. तभी दरवाज़े पर दस्तक होती है. सभी हडबडाकर बैठ जाती है और टाँगे बंद कर देती है. उर्मिला उठकर दरवाज़ा खोलती है तो सभी भाई खड़े एक साथ अन्दर घुस जाते है. सभी की नजर बहनों पर पड़ती है जो बिस्तर पर टाँगे बंद किये बैठी थी. उर्मिला भी लड़कियों के साथ जा कर बैठ जाती है. तभी सभी भाइयों की नाक में बूर की तेज गंध जाती है. सभी कुत्तों की तरह कमरे में भरी बूर की गंध को सूंघने लगते है. सभी बहने ये नज़ारा देखकर हँस पड़ती है.

पायल: देखिये भाभी. शिकारी कुत्ते आये है, अपने-अपने शिकार की गंध सूंघते हुए. (सभी बहने फिर से हँस पड़ती है. )
राजू: अब शिकारी कुत्ते अपने शिकार की गंद सूंघते हुए आ ही गए है तो शिकार कर के ही जायेंगे. (इस बात पर सभी भाई हँस पड़ते है)

उर्मिला: इतनी जल्दी भी क्या है? माना की शिकारी कुत्ते बड़े तेज है पर अभी तो सभी शिकार की गंध एक हो गई है. ऐसे में किसी एक शिकार की गंध का पता चलाना तुम लोगो के बस की बात नहीं है. क्यूँ गर्ल्स? सही कहा ना मैंने?

इस बात पर सभी लडकियां एक साथ हामी भर देती है. उर्मिला अपनी पैन्टी बिस्तर से उठाकर राजू की तरफ उच्छाल देती है, जिसे राजू पकड़ लेता है.

उर्मिला: ये लीजिये शिकारी जी. अच्छे से रात भर सूंघ कर गंध पहचान लीजिये और फिर कल निकलना शिकार पर.

उर्मिला की देखा-देखी सभी बहने पैन्टी अपने-अपने भाइयों की तरफ उच्छाल देती है जिसे सभी भाई पकड़ लेते है.

उर्मिला: अब चलिए अपने कमरे में. हमे भी सोना है.

अब उर्मिला के सामने किसी की कहाँ चलने वाली थी. सभी भाई मुहँ बनाकर वहाँ से चले जाते है. उर्मिला दरवाज़ा लगाकर बिस्तर पर आती है तो सभी बहने खिलखिलाकर हँसने लगती है.

कम्मो: बहुत मजा आया भाभी. आपने अच्छा सबक सिखाया लड़कों को.

उर्मिला: अभी हँस लो जितना हँसना है.आज जो हमने अपने भाइयों के साथ किया है उसका बदला वो कल हमसे जरुर लेंगे.
कम्मो: (बड़ी-बड़ी आँखों से) मतलब भाभी?
उर्मिला: मतलब ये की कल हमारे भाई हम बहनों की बूर का भोसड़ा बनाने वाले है.
खुशबू: मत बोलिए ना ऐसा भाभी..! कुछ-कुछ होता है.

उर्मिला: (हँसते हुए) अच्छा चलो...!! अब सब सो जाओ. कल सुबह जल्दी उठाना भी है.

सभी बिस्तर पर लेट जाती है. पायल बत्ती बुझाकर पास वाले साइड टेबल पर से कुछ उठाती है और उर्मिला के पास लेट जाती है. अँधेरे में उर्मिला समझ नहीं पाती की पायल ने साइड टेबल पर से क्या उठाया था. कुछ देर बाद पायल के बदन में हलकी सी हलचल होने लगती है. उर्मिला धीरे से अपना हाथ पायल के हाथ पर रखती है टी पायल डर जाती है.

उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) क्या कर रही है पायल?
पायल: (धीमी आवाज़ में) क..कु..कुछ नहीं भाभी.
उर्मिला पायल का हाथ देखती है तो वो उसकी चूतड़ों की के बीच घुसा हुआ था. उर्मिला हैरानी से पूछती है.

उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) ये तू क्या कर रही है पायल? अपने पिछवाड़े में हाथ डालकर तू क्या कर रही है?
पायल: (धीमी आवाज़ में) वो..वो..वो मैं तेल लगा रही हूँ भाभी.
उर्मिला को एक पल लगता है बात समझने में.
उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) तो कल सोनू को तू ये देगी?
पायल: (धीमी आवाज़ में) हाँ भाभी....! आगे का पापा ने खोला है तो पीछे वाले पर भाई का हक़ तो बनता है ना?

पायल की इस बात पर उर्मिला को बहुत ख़ुशी होती है. वो धीरे से पायल का माथा चूम लेती है. उर्मिला दूसरी तरफ घूम कर सो जाती है और पायल धीरे-धीरे तेल से सनी हुई ऊँगली अपने गांड के छेद में घुसाने लगती है. पायल जानती थी की कल रक्षाबंधन पर सोनू उसे क्या गिफ्ट देने वाला था, पर शायद सोनू ने सपने में भी नहीं सोचा था की पायल ने उसके लिए क्या गिफ्ट सोच रखा है.

धीरे-धीरे रात गहरी होती जा रही थी. अपने-अपने घरों में न जाने कितने जवाँ भाई-बहन आने वाली सुबह के हसीन सपने आँखों में लिए सो रहे थे. वो सुबह, जिसका वो सालभर बेसब्री से इंतज़ार करते है, वो सुबह जिसमे भाई-बहन का प्यार अपनी चरम सीमा पर होता है, वो सुबह जिसमे भाई-बहन जी भर के एक दुसरे पर प्यार लुटाते है, वो सुबह जिसे सारी दुनिया भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के त्योहार, 'रक्षाबंधन' के नाम से जानती है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )

[ रक्षाबंधन का सीन लम्बा है जो अब भी अधुरा है. काफी वक़्त से मैंने कोई अपडेट नहीं दिया था इसलिए कहानी के इस भाग को पोस्ट कर रही हूँ. मैं चाहती हूँ की रक्षाबंधन का सीन एक ही अपडेट में आ जाए ]
बढ़िया ट्रेलर दिया है आगे का. पर क्या हमें उर्मिला और राजू की कहानी भी मिलेगी उनका पहली बार मिलन.
काफ़ी रंगीन होने वाला है आगे का अप्डेट, बेसब्री से इंतेज़ार है
 
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Royal king

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Bimal

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Wow! Awesome update! Amazing story! Super excellent writings and sensational narration
 
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कहानी बहुत ही बढ़िया ढंग से चल रही है । रक्षा बंधन वाले अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे है
 
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raadhika.khandelwaal

Ladki Beautiful kar gyi chull....
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अपडेट ४०:

छत पर सभी भाई अपनी बहनों के सामने, शॉर्ट्स से मोटे लंड निकाले बैठे थे. बहने भी उनके सामने अपनी टाँगे फैलाए जाँघों के बीच कसी हुई पैन्टी दिखाते हुए बैठी थी. भाइयों के मोटे लंड देख सभी बहने अपने होश खो बैठी थी. यहाँ तक उर्मिला भी राजू का मोटा लंड १.५ साल के बाद देखकर मदहोश हो चुकी थी. सभी भाई अपने लंड मसलते हुए बहनों को दिखा रहे थे. लंड के मोटे टोपे से रिसता हुआ पानी देख बहने अपनी जीभ ओंठों पर फेरने लगी थी. सभी बहने अपने ओंठ दांतों टेल दबाकर धीरे से भाइयों के लंड की ओर बढती है. बहनों को अपनी तरफ बढ़ता देख सभी भाई अपने लंड की चमड़ी पूरी निचे खींच कर मोटा टोपा बाहर निकाल देते है. मदहोश बहने अपने भाइयों के लंड के पास पहुँच कर एक बार घूरकर लंड को देखती है और धीरे से अपना सर लंड पर झुकाने लगती है. सभी बहने जैसे ही झुक कर भाइयों के लंड को मुहँ में लेने जाती है, पास की सड़क पर एक कुत्ता जोर-जोर से भोंकने लगता है. कुत्ते के भोंकने से उर्मिला के साथ-साथ पायल, कम्मो और खुशबू भी होश में आ जाती है. चारों झट से खड़ी हो जाती है और एक दुसरे की तरफ देखने लगती है. आँखों में कुछ इशारे होते है और फिर उर्मिला बोल पड़ती है.

उर्मिला: (इतराते हुए) हूँ...!! लंड दिखाकर आप लोग हमने पटा नहीं पाओगे. चलो गर्ल्स... चलकर सोते है.

ये कहकर सभी लडकियां अपने भाइयों को जीभ और अंगूठा दिखाकर जाने लगती है. सभी भाई एक आखरी बार अपने मोटे लंड दिखाकर बहनों को पटाने की कोशिश करते है लेकिन सभी बहने मुहँ बनाकर वहां से चली जाती है. लड़कियों के जाते ही राजू की आँखों में खून उतर आता है. वो गुस्से में यहाँ-वहाँ छत पर देखने लगता है.

राजू: (गुस्से में) साला मादरचोद....!! आज इस कुत्ते को मैं नहीं छोडूंगा.

गुस्से में राजू छत पर पड़े २-३ पत्थरों को उठाकर सड़क पर खड़े उस कुत्ते की ओर फेकने लगता है. कुत्ता भी एक पेड़ के पीछे छुपकर राजू पर भोंकने लगता है. राजू बहुत गुस्से में था. उसका गुस्सा देखकर सोनू, छेदी और गोलू उसे रोकने लगते है.

सोनू: अरे रहने दो राजू भैया, कुत्ता है बेचारा....
राजू: (गुस्से में) ये साला कुत्ता नहीं, मादरचोद है. साला दिन रात अपनी माँ-बहन की चुदाई करता है और यहाँ डेढ़ साल बाद मेरी दीदी आई है तो साले की गांड जल रही है.
छेदी: जाने दे राजू. अपनी-अपनी किसमत है. थूक दे गुस्सा.

राजू अपने गुस्से पर किसी तरह से काबू करता है. कुत्ता भी १-२ बार भोंकता है और फिर भाग जाता है. कुत्ते को २-३ गालियाँ दे कर राजू कहता है.

राजू: खड़े लंड पर धोका हो गया भाइयों. साला सारा प्लान चौपट हो गया.
छेदी: अभी प्लान चौपट नहीं हुआ है भाई. देखा नहीं? हमारी बहने पूरी गरमा गयी थी. एक बार उनके कमरे में चलते है. शायद कुछ बात बन जाए.

छेदी की बात से सभी सहमत हो जाते है और निचे जाने लगते है. वहाँ निचे कमरे में सभी बहने एक बड़े से बिस्तर पर लेटे हुए बातें कर रही थी.

पायल: आज तो बच गए. अगर वो कुत्ता एन वक़्त पर न भोंकता तो इस वक़्त हम सभी अपने भाइयों से चुद रही होती.
खुशबू: हाँ पायल दीदी. भगवान भला करे उस कुत्ते का. छेदी भैया तो पुरे जोश में लग रहे थे. आज तो मेरी जम के बूर चुदाई हो जाती.
कम्मो: हाँ दीदी. गोलू तो मेरे पिछवाड़े को शाम से ही घुर रहा था. वो तो मुझे घोड़ी बना देता आज.

बिस्तर पर लेटी, सभी लडकियां अपने भाइयों के बारें में सोचने लगती है. उर्मिला भी राजू के लंड को याद करते हुए धीरे-धीरे अपनी पैन्टी में हाथ डाले बूर को सहलाने लगती है. सभी का एक जैसा हाल था. छत पर सभी ने जो भाइयों के लंड के दर्शन किये थे वो नज़ारा उनके बदन का तापमान बढ़ा रहा था. सभी के हाथ अपनी पैन्टी के अन्दर चले जाते है. कुछ ही क्षण में कमरे में गर्मी बढ़ जाती है. सभी की पैन्टी टांगो से निकल जाती है और टाँगे फैलाए सभी बहने अपनी बालोवाली बूर में उंगलियाँ चलाने लगती है. भाइयों की याद में जैसे ही सभी बहने अपनी-अपनी बूर उँगलियों से फैलाती है, पूरा कमरा बूर की गंध से भर जाता है. तभी दरवाज़े पर दस्तक होती है. सभी हडबडाकर बैठ जाती है और टाँगे बंद कर देती है. उर्मिला उठकर दरवाज़ा खोलती है तो सभी भाई खड़े एक साथ अन्दर घुस जाते है. सभी की नजर बहनों पर पड़ती है जो बिस्तर पर टाँगे बंद किये बैठी थी. उर्मिला भी लड़कियों के साथ जा कर बैठ जाती है. तभी सभी भाइयों की नाक में बूर की तेज गंध जाती है. सभी कुत्तों की तरह कमरे में भरी बूर की गंध को सूंघने लगते है. सभी बहने ये नज़ारा देखकर हँस पड़ती है.

पायल: देखिये भाभी. शिकारी कुत्ते आये है, अपने-अपने शिकार की गंध सूंघते हुए. (सभी बहने फिर से हँस पड़ती है. )
राजू: अब शिकारी कुत्ते अपने शिकार की गंद सूंघते हुए आ ही गए है तो शिकार कर के ही जायेंगे. (इस बात पर सभी भाई हँस पड़ते है)

उर्मिला: इतनी जल्दी भी क्या है? माना की शिकारी कुत्ते बड़े तेज है पर अभी तो सभी शिकार की गंध एक हो गई है. ऐसे में किसी एक शिकार की गंध का पता चलाना तुम लोगो के बस की बात नहीं है. क्यूँ गर्ल्स? सही कहा ना मैंने?

इस बात पर सभी लडकियां एक साथ हामी भर देती है. उर्मिला अपनी पैन्टी बिस्तर से उठाकर राजू की तरफ उच्छाल देती है, जिसे राजू पकड़ लेता है.

उर्मिला: ये लीजिये शिकारी जी. अच्छे से रात भर सूंघ कर गंध पहचान लीजिये और फिर कल निकलना शिकार पर.

उर्मिला की देखा-देखी सभी बहने पैन्टी अपने-अपने भाइयों की तरफ उच्छाल देती है जिसे सभी भाई पकड़ लेते है.

उर्मिला: अब चलिए अपने कमरे में. हमे भी सोना है.

अब उर्मिला के सामने किसी की कहाँ चलने वाली थी. सभी भाई मुहँ बनाकर वहाँ से चले जाते है. उर्मिला दरवाज़ा लगाकर बिस्तर पर आती है तो सभी बहने खिलखिलाकर हँसने लगती है.

कम्मो: बहुत मजा आया भाभी. आपने अच्छा सबक सिखाया लड़कों को.

उर्मिला: अभी हँस लो जितना हँसना है.आज जो हमने अपने भाइयों के साथ किया है उसका बदला वो कल हमसे जरुर लेंगे.
कम्मो: (बड़ी-बड़ी आँखों से) मतलब भाभी?
उर्मिला: मतलब ये की कल हमारे भाई हम बहनों की बूर का भोसड़ा बनाने वाले है.
खुशबू: मत बोलिए ना ऐसा भाभी..! कुछ-कुछ होता है.

उर्मिला: (हँसते हुए) अच्छा चलो...!! अब सब सो जाओ. कल सुबह जल्दी उठाना भी है.

सभी बिस्तर पर लेट जाती है. पायल बत्ती बुझाकर पास वाले साइड टेबल पर से कुछ उठाती है और उर्मिला के पास लेट जाती है. अँधेरे में उर्मिला समझ नहीं पाती की पायल ने साइड टेबल पर से क्या उठाया था. कुछ देर बाद पायल के बदन में हलकी सी हलचल होने लगती है. उर्मिला धीरे से अपना हाथ पायल के हाथ पर रखती है टी पायल डर जाती है.

उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) क्या कर रही है पायल?
पायल: (धीमी आवाज़ में) क..कु..कुछ नहीं भाभी.
उर्मिला पायल का हाथ देखती है तो वो उसकी चूतड़ों की के बीच घुसा हुआ था. उर्मिला हैरानी से पूछती है.

उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) ये तू क्या कर रही है पायल? अपने पिछवाड़े में हाथ डालकर तू क्या कर रही है?
पायल: (धीमी आवाज़ में) वो..वो..वो मैं तेल लगा रही हूँ भाभी.
उर्मिला को एक पल लगता है बात समझने में.
उर्मिला: (धीमी आवाज़ में) तो कल सोनू को तू ये देगी?
पायल: (धीमी आवाज़ में) हाँ भाभी....! आगे का पापा ने खोला है तो पीछे वाले पर भाई का हक़ तो बनता है ना?

पायल की इस बात पर उर्मिला को बहुत ख़ुशी होती है. वो धीरे से पायल का माथा चूम लेती है. उर्मिला दूसरी तरफ घूम कर सो जाती है और पायल धीरे-धीरे तेल से सनी हुई ऊँगली अपने गांड के छेद में घुसाने लगती है. पायल जानती थी की कल रक्षाबंधन पर सोनू उसे क्या गिफ्ट देने वाला था, पर शायद सोनू ने सपने में भी नहीं सोचा था की पायल ने उसके लिए क्या गिफ्ट सोच रखा है.

धीरे-धीरे रात गहरी होती जा रही थी. अपने-अपने घरों में न जाने कितने जवाँ भाई-बहन आने वाली सुबह के हसीन सपने आँखों में लिए सो रहे थे. वो सुबह, जिसका वो सालभर बेसब्री से इंतज़ार करते है, वो सुबह जिसमे भाई-बहन का प्यार अपनी चरम सीमा पर होता है, वो सुबह जिसमे भाई-बहन जी भर के एक दुसरे पर प्यार लुटाते है, वो सुबह जिसे सारी दुनिया भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के त्योहार, 'रक्षाबंधन' के नाम से जानती है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )

[ रक्षाबंधन का सीन लम्बा है जो अब भी अधुरा है. काफी वक़्त से मैंने कोई अपडेट नहीं दिया था इसलिए कहानी के इस भाग को पोस्ट कर रही हूँ. मैं चाहती हूँ की रक्षाबंधन का सीन एक ही अपडेट में आ जाए ]
awesome scene writing, paayal is seem to be another version of urmila, though paayal is blossoming under the umbrella of urmilla, may be urmilla will give her more conditioning then she had, wink :). raaju character seem to be equivalent to urmila, but we still know less about him. i want to know more about urmilla family history and her early young days sexual events.
also rakshabandan seems promising, can't wait to see the rakhshabandan event, keep writing
 

Bimal

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Awesome,amazing, fantastic and mind blowing update
 
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awesome scene writing, paayal is seem to be another version of urmila, though paayal is blossoming under the umbrella of urmilla, may be urmilla will give her more conditioning then she had, wink :). raaju character seem to be equivalent to urmila, but we still know less about him. i want to know more about urmilla family history and her early young days sexual events.
also rakshabandan seems promising, can't wait to see the rakhshabandan event, keep writing
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