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Incest घर की जवान बूरें और मोटे लंड - [ Incest - घरेलू चुदाई की कहानी ]

पायल किस से अपनी सील तुड़वाये ?

  • पापा

    Votes: 196 70.0%
  • सोनू

    Votes: 80 28.6%
  • शादी के बाद अपने पति से

    Votes: 4 1.4%

  • Total voters
    280
  • Poll closed .

Mastrani

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अपडेट २:

नाश्ते की मेज़ पर सोनू और पायल आमने सामने बैठे हैं. सोनू अपने स्कूल ड्रेस में है और पायल ने एक नीले रंग की टॉप और लम्बी स्कर्ट, जो उसके घुटनों से थोड़ी निचे तक है, पहन रखी हैं. पायल नाश्ता करने में व्यस्थ है. लेकिन सोनू की नज़र रोज की तरह अपनी पायल दीदी पे गड़ी हुई है. नाश्ता करते हुए सोनू बार बार कनखियों से पायल की टॉप में उठी हुई गोल गोल चूचियां देख रहा है. पायल नाश्ता करते हुए अपने फ़ोन में देख रही है और वो कभी अपनी लटो को ऊँगली से कान के पीछे कर रही है तो कभी बालों को झटक के कंधो के पीछे. उसकी हर अदा पे सोनू कभी मुहँ के अन्दर ही अपनी जीभ दाँतों से दबा देता है तो कभी अपनी जांघो को आपस में चिपका के लंड को दबा देता है. पायल मुहँ बंद करके खाना चबा रही है और उसके गुलाबी रसीले ओंठ सोनू का बुरा हाल कर रहे हैं. पायल के रसीले ओंठ देख कर सोनू मेज़ के निचे अपनी कमर उठा के २-३ झटके भी दे चूका था.

रसोई में खड़ी उर्मिला दोनों को गौर से देख रही थी, ख़ास कर सोनू को. सोनू की हर हरकत का वो पूरा मज़ा ले रही थी. कुछ देर बाद उर्मिला रसोई से आवाज़ लगाती है.

उर्मिला : और कुछ लोगे तुम दोनों ?

पायल : भाभी मेरे लिए आधा पराठा ला दीजिये प्लीज..!

उर्मिला : अभी लायी.. (उर्मिला आधा पराठा ले कर पायल के पास जाती है) ये लीजिये पायल जी, आपका आधा पराठा...

पायल: थैंक्यू भाभी.. यू आर दी बेस्ट...

उर्मिला : सोनू.. तू क्या लेगा ? (ये कहते हुए उर्मिला अपना एक हाथ पायल के कंधे पर रख देती है)

सोनू : (नज़रे पायल की टॉप में उभरी हुई चुचियों पर है. उर्मिला की आवाज़ सुन के वो हडबडा जाता है) अ..अ... कुछ नहीं भाभी... और कुछ नहीं... मेरा हो गया बस...

उर्मिला : (उर्मिला सोनू को देखते हुए मुस्कुरा देती है और पायल के पीछे खड़ी हो के दोनों हाथों को उसके कन्धों पे रख देती है) अभी तो शरुवात हुई है देवरजी .... ऐसे ही छोटे मोटे खाने से पेट भर जायेगा तो जब असल में खाने का वक़्त आएगा तो क्या करोगे ? (सोनू से कहते हुए उर्मिला अपने हाथों से पायल के कन्धों को हलके से दबा देती है. उर्मिला के शब्दों के इस जाल को ना सोनू समझ पाता है और ना ही पायल)

सोनू : नहीं भाभी... सच में पेट भर गया मेरा. और नहीं खा पाउँगा...

उर्मिला : (अपनी आँखे गोल घुमाके ऊपर देखती है और लम्बी सांस छोड़ती है. "चूतिया है साला.... जहाँ दिमाग लगाना है वहां नहीं लगाएगा", उर्मिला मन में सोचती है. फिर वो पायल की नीली टॉप को देखते हुए कहती है) अरे वाह पायल ...!! ये टॉप तो तुझ पे जच रही है. कब ली ?

पायल : २ दिन पहले ही ली है भाभी. सॉरी मैं आपको दिखाना भूल गई...

उर्मिला : कोई बात नहीं पायल. जरा देखू तो कैसी टॉप है तेरी. (उर्मिला पायल के बगल में खड़ी हो जाती है और एक हाथ से उसकी नाभि के उपरी हिस्से की टॉप को पकड़ के कहती है) अरे वाह...!! ये तो बहुत अच्छी है पायल. और ये क्या लिखा है तेरी टॉप पे ?... (टॉप पर गुदी हुई प्रिंटिंग देखने के बहाने उर्मिला टॉप को धीरे से निचे की ओर खींचती है जिस से पायल की बड़ी बड़ी चुचियों पर पहले से ही कसी हुई टॉप और भी ज्यादा कस जाती है. पायल की बड़ी बड़ी चुचियों के अनारदाने टॉप के ऊपर उभर के दिखने लगते है)..."घर की लाड़ली"... एक दम सही लिखा है तेरी टॉप पर पायल. मेरी प्यारी ननद घर की लाड़ली ही तो है....(उर्मिला प्यार से पायल के गाल खींचते हुए कहती है)

पायल : (प्यार से ) थैंक्यू भाभी...!!

सामने बैठे सोनू को ना भाभी की बात सुनाई दे रही थी और ना ही पायल की. उसकी आँखे तो पायल की टॉप में उभरे उन दो अनारदानों पर टिकी हुई थी. उसकी आँखे बड़ी हो गई थी और मुहँ खुला का खुला. हाथ में पराठे का वो टुकड़ा उसके मुहँ में जाते जाते रुक गया था. उर्मिला तिरछी नज़रों से सोनू को देख रही थी. तभी उर्मिला के गंदे दिमाग में एक ख़याल आया.

उर्मिला : फिटिंग तो अच्छी है पायल और टॉप के गले का शेप भी अच्छा है. बस इस टॉप को ना तू थोड़ा सा आगे कर के पहना कर. पीछे खींच कर पहनेगी तो उतनी फिट नहीं आएगी. रुक मैं ठीक कर देती हूँ (उर्मिला टॉप को पीछे से थोड़ा ऊपर की और खींचती है और फिर आगे से थोडा निचे. टॉप का गला पहले से ही हल्का सा गहरा था जो अब टॉप के निचे होने से और गहरा हो गया था. अब पायल की बड़ी बड़ी चुचियों के बीच की गहराई दिखने लगी थी) हाँ... परफेक्ट ..!! अब एक दम सही है ...

पायल : भाभी मानना पड़ेगा. आपकी ड्रेसिंग सेंस सच में बहुत अच्छी है.

उर्मिला : जानती हूँ पायल रानी ... तेरे भैयाँ क्या ऐसे ही मेरे दीवाने है ? (उर्मिला की बात सुन के पायल की हंसी छूठ जाती है. उर्मिला चुपके से सोनू को देखती है तो उसकी नज़रे पायल की टॉप के गहरे गले से दिख रही चुचियों के बीच की गली पर टिकी है. उर्मिला झट से पायल के पीछे जाती है और उसके कन्धों से थोड़ा निचे, बाँहों की ओर, दोनों तरफ हाथ रख देती है. इस बार उर्मिला अपने हाथों को हल्का सा घुमाव देते हुए आगे की ओर दबाती है जिस से टॉप का गला आगे से ढीला हो कर और भी ज्यादा गहरा हो जाता है साथ ही साथ दबाव से पायल की बड़ी बड़ी चूचियां आपस में चिपक जाती है. अब पायल की टॉप के गहरे गले से चुचियों की हलकी सी गोलाई और बीच में एक लम्बी सी गली साफ़ साफ़ दिखाई पड़ने लगती है. उर्मिला अब सोनू से कहती है) क्यों देवर जी ? जरा देख कर बताइए... कैसी लग रही है मेरी प्यारी ननद रानी ?

सोनू अपनी नज़र पहले पायल के चेहरे पर डालता है. पायल फ़ोन में कुछ देख रही है. फिर उसकी नज़र उर्मिला भाभी पर पड़ती है. भाभी के चेहरे पे कुटिल मुस्कान है. भाभी सोनू को देखते हुए एक बार अपनी आँखे छोटी करती है और हल्का सा आगे झुक के सोनू की आँखों में देखती है. उर्मिला के दोनों हाथ एक बार फिर घुमाव के साथ पायल की बाहों को दबातें है और उसकी नज़रे जो सोनू की आँखों में देख रही थी वो अब पायल की टॉप के गहरे गले की और इशारा कर रही है. भाभी की इस हरकत से सोनू डर जाता है. लेकिन था तो वो अव्वल दर्जे का कमीना. उसका कमीनापन उसके डर पे भारी पड़ता है और नज़रे धीरे धीरे पायल की टॉप से दिख रही चुचियों की गहराई पर पड़ती है. वो नज़ारा देख के सोनू की जीभ अपने आप की ओठों पर घूम जाती है. बहन की चुचियों के बीच की उस गहराई को सोनू पहली बार इतने करीब से देख रहा था. पैंट में उसका लंड अंगड़ाईयाँ लेने लगा था. तभी उर्मिला की आवाज़ उसके कानों में पड़ती है.

उर्मिला : कहाँ खो गए देवरजी? बताया नहीं, कैसी लग रही है मेरी प्यारी ननद?

सोनू : (झेंपते हुए) वो..वो.. अच्छी लग रही है भाभी....

उर्मिला : और ये गहराई कैसी लगी?

सोनू : (भाभी का सवाल सुन के उसके होश उड़ जाते है) क...को.. कौनसी गहराई भाभी...??

उर्मिला : अरे बाबा... इस नीले टॉप के रंग के गहराई की बात कर रही हूँ. बहुत गहरा है ना ? (उर्मिला सोनू को देख के झट से आँख मार देती है)

सोनू : (सोनू समझ जाता है की भाभी क्या पूछ रही है. भाभी के आँख मारने से सोनू का डर थोडा कम हो गया है) हाँ भाभी.... बहुत गहरा है.

तभी पायल अपनी प्लेट ले कर खड़ी होती है और रसोई की और चल देती है. पायल के जाते हे उर्मिला धीमी आवाज़ में सोनू से बात करने लगती है.

उर्मिला : तो सोनू जी... बोलिए, मज़ा आया ?

सोनू : किस बात में भाभी ?

उर्मिला : देख सोनू... ज्यादा बन मत. सुबह से देख रही हूँ तुझे. पायल की चुचियों को ऐसे घुर रहा है जैसे अभी उसकी टॉप फाड़ के दोनों चूचियां दबोच लेगा.

सोनू : ये आप क्या बोल रहे हो भाभी ? वो मेरी दीदी है. मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता.

उर्मिला : अच्छा ? सोच भी नहीं सकता ? तो सुबह जो पायल की चुतड को देख के अपनी कमर को झटके दे रहा था वो क्या था ? अपनी दीदी के लिए प्यार ?

उर्मिला की ये बात सुन के सोनू के होश उड़ जाते हैं. उसका बदन सफ़ेद पड़ जाता है जैसे काटो तो खून नहीं. लड़खड़ाती आवाज़ में सोनू उर्मिला से कहता है.

सोनू : भा..भा.. भाभी प्लीज.... मुझे माफ़ कर दीजिये. अब मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा... आप पापा से कुछ मत कहियेगा प्लीज भाभी....

सोनू की हालत देख के उर्मिला को हंसी आ जाती है.

उर्मिला : (हँसते हुए) तू एकदम पागल है सोनू. अगर मुझे पापा जी को बताना होता तो मैं सुबह हे बता देती. और मैं क्या तुझे पायल का वो नज़ारा देखने में हेल्प करती ?

सोनू : तो क्या भाभी आप मुझसे गुस्सा नहीं है?

उर्मिला : (सोनू के बालों में हाथ फेरते हुए) नहीं रे पागल.. मैं बिलकुल भी गुस्सा नहीं हूँ. सच कहूँ तो मुझे अच्छा लगा की तू पायल के साथ ये सब कर रहा है.

उर्मिला की बात सुन के सोनू का सर घूम जाता है. वो समझ नहीं पा रहा था की भाभी को अच्छा क्यूँ लग रहा है.

सोनू : लेकिन भाभी... आपको ये सब अच्छा क्यूँ लग रहा है ?

उर्मिला : वो इसलिए मेरे छोटे देवरजी क्यूंकि तू ये सब कर के एक तरह से पायल की मदद कर रहा है. एक सच्चे भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा है.

सोनू : मैं कुछ समझा नहीं भाभी.

उर्मिला : अभी तेरे स्कूल का समय हो रहा है. तू स्कूल जा. शाम को जब घर आएगा तो मैं तुझे सब समझा दूंगी. हाँ एक और बात. तू पायल या किसी और से इस बारें में बात मत करना. ये भाभी और देवर के बीच की बात हैं (उर्मिला आँख मारते हुए कहती है)

भाभी का इशारा सोनू समझ जाता है. वो भाभी को अपने उस दोस्त की तरह देखता है जिस से वो अपने दिल की हर एक बात बता सके. चाहे वो बात पायल दीदी की हे क्यूँ ना हो.

सोनू : (मुस्कुरा के खुश होते हुए) थैंक्यू भाभी... आप बहुत अच्छी हो. मैं शाम को आऊंगा तो हम ढेर सारी बातें करेंगे.

उर्मिला : हाँ बाबा... करेंगे . लेकिन तू प्रॉमिस कर की तू मुझसे कुछ नहीं छुपायेगा, कुछ भी नहीं...

सोनू : हाँ भाभी ... प्रॉमिस... गॉड प्रॉमिस...

तभी पायल वहां आ जाती है.

पायल : और कितना पकाएगा सोनू भाभी को ? (फिर भाभी की ओर देख कर) भाभी आप भी इस गधे की बातों में आ जाती है. पता नहीं क्या क्या बकवास कर के सबको पकाता रहता है. गधा है ये गधा...

उर्मिला : अरे नहीं पायल ऐसा मत बोल मेरे देवर को. हाँ पर तेरी एक बात से मैं पूरी तरह से सहमत हूँ. (उर्मिला सोनू को देखते हुए आँखों से उसकी पैंट की तरफ इशारा करते हुए कहती है) गधा तो ये है. और जब तू सामने आती है तो ये और भी बड़ा वाला गधा बन जाता है (ये कहते हुए उर्मिला सोनू को देख के आँख मार देती है. भाभी की बात पर कमीने सोनू को भी शर्म आ जाती है )

पायल : हाँ भाभी सही कहा आपने. और आप मिस्टर गधे .... चलिए नहीं तो स्कूल में लेट हो जाओगे....

सोनू सर झुका के बस्ता टाँगे पायल के पीछे पीछे चल देता है. जाते हुए वो एक बार मुड़ के भाभी को देखता है. उर्मिला के चेहरे पर अब भी वही मुस्कान है. वो सोनू को देख कर नजरो से पायल की हिलती हुई चुतड को देखने कहती है. सोनू पायल की मटकती हुई चूतड़ों को एक बार गौर से देखता है फिर भाभी की तरफ देखने लगता है. उर्मिला अपना एक हाथ उठा के अपनी तर्जनी (index finger) और अंगूठे को मिला कर गोला बना के पायल की चुतड 'एक दम मस्त' ? होने का इशारा करती है. भाभी के इस इशारे से सोनू एक बार फिर शर्मा जाता है और पायल के चुतड को निहारता हुआ उसके पीछे पीछे बाहर चला जाता है. अपना काम बनता देख उर्मिला बहुत खुश है और वो गाना गुनगुनाते हुए अपने कमरें में चली जाती हैं.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 
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Mastrani

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aapka

बेस्ट थ्रेड...है सर


शानदार चरित्र.....

मुझे

मुझे बेस्ट charcter पिता रमेश लगा ।

जो अपनी बहू उर्मिला और बेटी
को 11 इंचा लोडे से बुरी तरह ठोकेगा


सर प्लीज रमेश को मुख्य नायक

बनाकर ही रखे
जो अपनी बहू और बेटी
से seduce होकर सेक्स करे

बाकी सोनू अपनी केवल
मां के चक्कर में रहे
मां के चूतड़ को ही ताके

पायल कॉमन रहे लेकिन
पापा से ज्यादा चिपकी रहे
पापा से गहरा अफेयर चलाये
भाभी और पायल पापा
पर ज्यादा से ज्यादा सम्वाद करे

ये मेरी fantacy है बाकी
आप ज्यादा जानते होंगे ।

सबसे पहले कहानी की प्रशंसा के लिए आपका धन्यवाद.

कहानी की मुख्य पात्र पायल ही रहेगी. आगे चल के सोनू और पापा से उसके संबंध और भी गहरे होते जायेंगे.
उर्मिला भाभी का किरदार एक सपोर्र्टिंग किरदार है जो घर में होने वाले घटनाक्रम को अंजाम देगा.

जहाँ तक रमेश (पापा) और पायल (बेटी) की बात है, तो मेरी कहानियों में 'twist' तो होते ही है.
क्या पता की अगले अपडेट में कोई ऐसा 'twist' आये जिस से आपकी पैंट में पसीना आने लगे और आपकी 'fantasy' भी पूरी हो जाए.
 

prkin

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Bahut badiya.

Please continue
 
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ABHISHEK TRIPATHI

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अपडेट २:

नाश्ते की मेज़ पर सोनू और पायल आमने सामने बैठे हैं. सोनू अपने स्कूल ड्रेस में है और पायल ने एक नीले रंग की टॉप और लम्बी स्कर्ट, जो उसके घुटनों से थोड़ी निचे तक है, पहन रखी हैं. पायल नाश्ता करने में व्यस्थ है. लेकिन सोनू की नज़र रोज की तरह अपनी पायल दीदी पे गड़ी हुई है. नाश्ता करते हुए सोनू बार बार कनखियों से पायल की टॉप में उठी हुई गोल गोल चूचियां देख रहा है. पायल नाश्ता करते हुए अपने फ़ोन में देख रही है और वो कभी अपनी लटो को ऊँगली से कान के पीछे कर रही है तो कभी बालों को झटक के कंधो के पीछे. उसकी हर अदा पे सोनू कभी मुहँ के अन्दर ही अपनी जीभ दाँतों से दबा देता है तो कभी अपनी जांघो को आपस में चिपका के लंड को दबा देता है. पायल मुहँ बंद करके खाना चबा रही है और उसके गुलाबी रसीले ओंठ सोनू का बुरा हाल कर रहे हैं. पायल के रसीले ओंठ देख कर सोनू मेज़ के निचे अपनी कमर उठा के २-३ झटके भी दे चूका था.

रसोई में खड़ी उर्मिला दोनों को गौर से देख रही थी, ख़ास कर सोनू को. सोनू की हर हरकत का वो पूरा मज़ा ले रही थी. कुछ देर बाद उर्मिला रसोई से आवाज़ लगाती है.

उर्मिला : और कुछ लोगे तुम दोनों ?

पायल : भाभी मेरे लिए आधा पराठा ला दीजिये प्लीज..!

उर्मिला : अभी लायी.. (उर्मिला आधा पराठा ले कर पायल के पास जाती है) ये लीजिये पायल जी, आपका आधा पराठा...

पायल: थैंक्यू भाभी.. यू आर दी बेस्ट...

उर्मिला : सोनू.. तू क्या लेगा ? (ये कहते हुए उर्मिला अपना एक हाथ पायल के कंधे पर रख देती है)

सोनू : (नज़रे पायल की टॉप में उभरी हुई चुचियों पर है. उर्मिला की आवाज़ सुन के वो हडबडा जाता है) अ..अ... कुछ नहीं भाभी... और कुछ नहीं... मेरा हो गया बस...

उर्मिला : (उर्मिला सोनू को देखते हुए मुस्कुरा देती है और पायल के पीछे खड़ी हो के दोनों हाथों को उसके कन्धों पे रख देती है) अभी तो शरुवात हुई है देवरजी .... ऐसे ही छोटे मोटे खाने से पेट भर जायेगा तो जब असल में खाने का वक़्त आएगा तो क्या करोगे ? (सोनू से कहते हुए उर्मिला अपने हाथों से पायल के कन्धों को हलके से दबा देती है. उर्मिला के शब्दों के इस जाल को ना सोनू समझ पाता है और ना ही पायल)

सोनू : नहीं भाभी... सच में पेट भर गया मेरा. और नहीं खा पाउँगा...

उर्मिला : (अपनी आँखे गोल घुमाके ऊपर देखती है और लम्बी सांस छोड़ती है. "चूतिया है साला.... जहाँ दिमाग लगाना है वहां नहीं लगाएगा", उर्मिला मन में सोचती है. फिर वो पायल की नीली टॉप को देखते हुए कहती है) अरे वाह पायल ...!! ये टॉप तो तुझ पे जच रही है. कब ली ?

पायल : २ दिन पहले ही ली है भाभी. सॉरी मैं आपको दिखाना भूल गई...

उर्मिला : कोई बात नहीं पायल. जरा देखू तो कैसी टॉप है तेरी. (उर्मिला पायल के बगल में खड़ी हो जाती है और एक हाथ से उसकी नाभि के उपरी हिस्से की टॉप को पकड़ के कहती है) अरे वाह...!! ये तो बहुत अच्छी है पायल. और ये क्या लिखा है तेरी टॉप पे ?... (टॉप पर गुदी हुई प्रिंटिंग देखने के बहाने उर्मिला टॉप को धीरे से निचे की ओर खींचती है जिस से पायल की बड़ी बड़ी चुचियों पर पहले से ही कसी हुई टॉप और भी ज्यादा कस जाती है. पायल की बड़ी बड़ी चुचियों के अनारदाने टॉप के ऊपर उभर के दिखने लगते है)..."घर की लाड़ली"... एक दम सही लिखा है तेरी टॉप पर पायल. मेरी प्यारी ननद घर की लाड़ली ही तो है....(उर्मिला प्यार से पायल के गाल खींचते हुए कहती है)

पायल : (प्यार से ) थैंक्यू भाभी...!!

सामने बैठे सोनू को ना भाभी की बात सुनाई दे रही थी और ना ही पायल की. उसकी आँखे तो पायल की टॉप में उभरे उन दो अनारदानों पर टिकी हुई थी. उसकी आँखे बड़ी हो गई थी और मुहँ खुला का खुला. हाथ में पराठे का वो टुकड़ा उसके मुहँ में जाते जाते रुक गया था. उर्मिला तिरछी नज़रों से सोनू को देख रही थी. तभी उर्मिला के गंदे दिमाग में एक ख़याल आया.

उर्मिला : फिटिंग तो अच्छी है पायल और टॉप के गले का शेप भी अच्छा है. बस इस टॉप को ना तू थोड़ा सा आगे कर के पहना कर. पीछे खींच कर पहनेगी तो उतनी फिट नहीं आएगी. रुक मैं ठीक कर देती हूँ (उर्मिला टॉप को पीछे से थोड़ा ऊपर की और खींचती है और फिर आगे से थोडा निचे. टॉप का गला पहले से ही हल्का सा गहरा था जो अब टॉप के निचे होने से और गहरा हो गया था. अब पायल की बड़ी बड़ी चुचियों के बीच की गहराई दिखने लगी थी) हाँ... परफेक्ट ..!! अब एक दम सही है ...

पायल : भाभी मानना पड़ेगा. आपकी ड्रेसिंग सेंस सच में बहुत अच्छी है.

उर्मिला : जानती हूँ पायल रानी ... तेरे भैयाँ क्या ऐसे ही मेरे दीवाने है ? (उर्मिला की बात सुन के पायल की हंसी छूठ जाती है. उर्मिला चुपके से सोनू को देखती है तो उसकी नज़रे पायल की टॉप के गहरे गले से दिख रही चुचियों के बीच की गली पर टिकी है. उर्मिला झट से पायल के पीछे जाती है और उसके कन्धों से थोड़ा निचे, बाँहों की ओर, दोनों तरफ हाथ रख देती है. इस बार उर्मिला अपने हाथों को हल्का सा घुमाव देते हुए आगे की ओर दबाती है जिस से टॉप का गला आगे से ढीला हो कर और भी ज्यादा गहरा हो जाता है साथ ही साथ दबाव से पायल की बड़ी बड़ी चूचियां आपस में चिपक जाती है. अब पायल की टॉप के गहरे गले से चुचियों की हलकी सी गोलाई और बीच में एक लम्बी सी गली साफ़ साफ़ दिखाई पड़ने लगती है. उर्मिला अब सोनू से कहती है) क्यों देवर जी ? जरा देख कर बताइए... कैसी लग रही है मेरी प्यारी ननद रानी ?

सोनू अपनी नज़र पहले पायल के चेहरे पर डालता है. पायल फ़ोन में कुछ देख रही है. फिर उसकी नज़र उर्मिला भाभी पर पड़ती है. भाभी के चेहरे पे कुटिल मुस्कान है. भाभी सोनू को देखते हुए एक बार अपनी आँखे छोटी करती है और हल्का सा आगे झुक के सोनू की आँखों में देखती है. उर्मिला के दोनों हाथ एक बार फिर घुमाव के साथ पायल की बाहों को दबातें है और उसकी नज़रे जो सोनू की आँखों में देख रही थी वो अब पायल की टॉप के गहरे गले की और इशारा कर रही है. भाभी की इस हरकत से सोनू डर जाता है. लेकिन था तो वो अव्वल दर्जे का कमीना. उसका कमीनापन उसके डर पे भारी पड़ता है और नज़रे धीरे धीरे पायल की टॉप से दिख रही चुचियों की गहराई पर पड़ती है. वो नज़ारा देख के सोनू की जीभ अपने आप की ओठों पर घूम जाती है. बहन की चुचियों के बीच की उस गहराई को सोनू पहली बार इतने करीब से देख रहा था. पैंट में उसका लंड अंगड़ाईयाँ लेने लगा था. तभी उर्मिला की आवाज़ उसके कानों में पड़ती है.

उर्मिला : कहाँ खो गए देवरजी? बताया नहीं, कैसी लग रही है मेरी प्यारी ननद?

सोनू : (झेंपते हुए) वो..वो.. अच्छी लग रही है भाभी....

उर्मिला : और ये गहराई कैसी लगी?

सोनू : (भाभी का सवाल सुन के उसके होश उड़ जाते है) क...को.. कौनसी गहराई भाभी...??

उर्मिला : अरे बाबा... इस नीले टॉप के रंग के गहराई की बात कर रही हूँ. बहुत गहरा है ना ? (उर्मिला सोनू को देख के झट से आँख मार देती है)

सोनू : (सोनू समझ जाता है की भाभी क्या पूछ रही है. भाभी के आँख मारने से सोनू का डर थोडा कम हो गया है) हाँ भाभी.... बहुत गहरा है.

तभी पायल अपनी प्लेट ले कर खड़ी होती है और रसोई की और चल देती है. पायल के जाते हे उर्मिला धीमी आवाज़ में सोनू से बात करने लगती है.

उर्मिला : तो सोनू जी... बोलिए, मज़ा आया ?

सोनू : किस बात में भाभी ?

उर्मिला : देख सोनू... ज्यादा बन मत. सुबह से देख रही हूँ तुझे. पायल की चुचियों को ऐसे घुर रहा है जैसे अभी उसकी टॉप फाड़ के दोनों चूचियां दबोच लेगा.

सोनू : ये आप क्या बोल रहे हो भाभी ? वो मेरी दीदी है. मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता.

उर्मिला : अच्छा ? सोच भी नहीं सकता ? तो सुबह जो पायल की चुतड को देख के अपनी कमर को झटके दे रहा था वो क्या था ? अपनी दीदी के लिए प्यार ?

उर्मिला की ये बात सुन के सोनू के होश उड़ जाते हैं. उसका बदन सफ़ेद पड़ जाता है जैसे काटो तो खून नहीं. लड़खड़ाती आवाज़ में सोनू उर्मिला से कहता है.

सोनू : भा..भा.. भाभी प्लीज.... मुझे माफ़ कर दीजिये. अब मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा... आप पापा से कुछ मत कहियेगा प्लीज भाभी....

सोनू की हालत देख के उर्मिला को हंसी आ जाती है.

उर्मिला : (हँसते हुए) तू एकदम पागल है सोनू. अगर मुझे पापा जी को बताना होता तो मैं सुबह हे बता देती. और मैं क्या तुझे पायल का वो नज़ारा देखने में हेल्प करती ?

सोनू : तो क्या भाभी आप मुझसे गुस्सा नहीं है?

उर्मिला : (सोनू के बालों में हाथ फेरते हुए) नहीं रे पागल.. मैं बिलकुल भी गुस्सा नहीं हूँ. सच कहूँ तो मुझे अच्छा लगा की तू पायल के साथ ये सब कर रहा है.

उर्मिला की बात सुन के सोनू का सर घूम जाता है. वो समझ नहीं पा रहा था की भाभी को अच्छा क्यूँ लग रहा है.

सोनू : लेकिन भाभी... आपको ये सब अच्छा क्यूँ लग रहा है ?

उर्मिला : वो इसलिए मेरे छोटे देवरजी क्यूंकि तू ये सब कर के एक तरह से पायल की मदद कर रहा है. एक सच्चे भाई होने का फ़र्ज़ निभा रहा है.

सोनू : मैं कुछ समझा नहीं भाभी.

उर्मिला : अभी तेरे स्कूल का समय हो रहा है. तू स्कूल जा. शाम को जब घर आएगा तो मैं तुझे सब समझा दूंगी. हाँ एक और बात. तू पायल या किसी और से इस बारें में बात मत करना. ये भाभी और देवर के बीच की बात हैं (उर्मिला आँख मारते हुए कहती है)

भाभी का इशारा सोनू समझ जाता है. वो भाभी को अपने उस दोस्त की तरह देखता है जिस से वो अपने दिल की हर एक बात बता सके. चाहे वो बात पायल दीदी की हे क्यूँ ना हो.

सोनू : (मुस्कुरा के खुश होते हुए) थैंक्यू भाभी... आप बहुत अच्छी हो. मैं शाम को आऊंगा तो हम ढेर सारी बातें करेंगे.

उर्मिला : हाँ बाबा... करेंगे . लेकिन तू प्रॉमिस कर की तू मुझसे कुछ नहीं छुपायेगा, कुछ भी नहीं...

सोनू : हाँ भाभी ... प्रॉमिस... गॉड प्रॉमिस...

तभी पायल वहां आ जाती है.

पायल : और कितना पकाएगा सोनू भाभी को ? (फिर भाभी की ओर देख कर) भाभी आप भी इस गधे की बातों में आ जाती है. पता नहीं क्या क्या बकवास कर के सबको पकाता रहता है. गधा है ये गधा...

उर्मिला : अरे नहीं पायल ऐसा मत बोल मेरे देवर को. हाँ पर तेरी एक बात से मैं पूरी तरह से सहमत हूँ. (उर्मिला सोनू को देखते हुए आँखों से उसकी पैंट की तरफ इशारा करते हुए कहती है) गधा तो ये है. और जब तू सामने आती है तो ये और भी बड़ा वाला गधा बन जाता है (ये कहते हुए उर्मिला सोनू को देख के आँख मार देती है. भाभी की बात पर कमीने सोनू को भी शर्म आ जाती है )

पायल : हाँ भाभी सही कहा आपने. और आप मिस्टर गधे .... चलिए नहीं तो स्कूल में लेट हो जाओगे....

सोनू सर झुका के बस्ता टाँगे पायल के पीछे पीछे चल देता है. जाते हुए वो एक बार मुड़ के भाभी को देखता है. उर्मिला के चेहरे पर अब भी वही मुस्कान है. वो सोनू को देख कर नजरो से पायल की हिलती हुई चुतड को देखने कहती है. सोनू पायल की मटकती हुई चूतड़ों को एक बार गौर से देखता है फिर भाभी की तरफ देखने लगता है. उर्मिला अपना एक हाथ उठा के अपनी तर्जनी (index finger) और अंगूठे को मिला कर गोला बना के पायल की चुतड 'एक दम मस्त' ? होने का इशारा करती है. भाभी के इस इशारे से सोनू एक बार फिर शर्मा जाता है और पायल को चुतड को निहारता हुआ उसके पीछे पीछे बाहर चला जाता है. अपना काम बनता देख उर्मिला बहुत खुश है और वो गाना गुनगुनाते हुए अपने कमरें में चली जाती हैं.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
Superb update
 
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Lutgaya

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मेरे प्रिय पाठकों,

सबसे पहले आप सभी का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ. मेरी इस कहानी को पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

आप सबका प्यार ही मेरी प्रेरणा है.

आपकी
मस्तरानी
कहानी की शुरुआत खतरनाक है कौन किसकी सवारी करेगा गूढ रहस्य है
स्पीड बनाए रखना कुछ pics का तडका भी हो जाए तो आनन्द आ जाए thanks mast dear
 
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Nasn

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बहुत ही जादुई शब्दों से स्टोरी को
पिरोकर....मस्तम मस कर दिया है।


अगले अपडेट में देखते है

पायल भी अपने पापा की बॉडी से
इरोटिक seduce होती है
 

Lutgaya

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सबसे पहले कहानी की प्रशंसा के लिए आपका धन्यवाद.

कहानी की मुख्य पात्र पायल ही रहेगी. आगे चल के सोनू और पापा से उसके संबंध और भी गहरे होते जायेंगे.
उर्मिला भाभी का किरदार एक सपोर्र्टिंग किरदार है जो घर में होने वाले घटनाक्रम को अंजाम देगा.

जहाँ तक रमेश (पापा) और पायल (बेटी) की बात है, तो मेरी कहानियों में 'twist' तो होते ही है.
क्या पता की अगले अपडेट में कोई ऐसा 'twist' आये जिस से आपकी पैंट में पसीना आने लगे और आपकी 'fantasy' भी पूरी हो जाए.
आपकी अन्य कहानियां कहां उपलब्ध है लिंक दें प्लीज
 
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Mastrani

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अपडेट ३:

शाम के ५ बज रहे है. उमा देवी रसोई में चाय बना रही है. तभी उसे गेट खुलने की आवाज़ आती है. २ मिनट के बाद सोनू घर में दाखिल होता है. अपना बस्ता सोफे पर फेक के वो सीधा रसोई में घुसता है.

सोनू : मम्मी... कल से हमारी स्कूल १ हफ्ते के लिए बंद रहेगी. अभी से बता दे रहा हूँ की मेरे पीछे आप लोग पढ़ाई करने के लिए नहीं पड़ोगे.

उमा : (सोनू की तरफ घूम के आश्चर्य से उसका चेहरा देखते हुए) १ हफ्ते के लिए स्कूल बंद रहेगी ? झूठ मत बोल सोनू. कहीं ये तेरा स्कूल न जाने का कोई नया बहाना तो नहीं है ?

सोनू : मम्मी आप भी ना हमेशा ही मेरी किसी भी बात का विश्वास नहीं करती. कोई सरकारी परीक्षा होने वाली है. हमारे स्कूल में आज ही नोटिस आया था. किसी वजह से इमरजेंसी में हमारे स्कूल को एग्जामिनेशन सेण्टर बना दिया गया है. १ हफ्ते परीक्षा चलेगी तो हमारा स्कूल भी बंद रहेगा.

उमा : लल्ला... मुझे तुझ पर पूरा भरोसा है. लेकिन तेरे जो दोस्त है वो मुझे पसंद नहीं. इसलिए कभी कभी लगता है की तू उनके बहकावे में आ कर झूठ तो नहीं बोल रहा है.

सोनू : (मुहँ बना के) मेरे दोस्त सब अच्छे है मम्मी. आप ही गलत सोचती हो उनके बारें में.

उमा : अच्छा बाबा... सब अच्छे है, मैं ही बुरी हूँ...अब ठीक? चल अब जल्दी से हाथ मुहँ धो ले. मैं तेरे लिए खाना निकालती हूँ.

सोनू धीमे क़दमों से उर्मिला भाभी को ढूंडता हुआ बढ़ जाता है. तभी उमा को फिर से गेट खुलने की आवाज़ आती है और २ मिनट के बाद पायल घर के अन्दर आती है. वो अपना बैग टेबल पे रखती है और रसोई में आती है.

पायल : मम्मी... कल से... (पायल की बात बीच में ही काटते हुए उमा कहती है)

उमा : .... तू १ हफ्ते कॉलेज नहीं जाएगी.... यही ना?

पायल : (चेहरे पर आश्चर्य के भाव लाते हुए) ...हाँ मम्मी...लेकिन आपको कैसे पता?

उमा : अभी सोनू भी येही बता के गया है. बोल रहा था कोई सरकारी परीक्षा है तो वो कुछ सेण्टर वेंटर पड़ा है...

पायल : उसके स्कूल को भी एग्जामिनेशन सेण्टर बना दिया? (पायल अपने सर पे हाथ रख देती है) मैं सोच रही थी की १ हफ्ते घर में अराम से रहूंगी, अब ये सोनू का बच्चा दिन भर मेरा सर खायेगा. इस से अच्छा तो मेरा कॉलेज ही बंद ना होता.

उमा : चुप कर पायल..!! तुम दोनों एक साथ घर में दिन भर रहोगे ये सोच के मेरा दिमाग ख़राब हो रहा है. कम से कम दिन में ४-५ घंटे की शांति तो रहती थी. अब तो वो भी नसीब नहीं होगी.

उमा की बात सुन के पायल मम्मी को पीछे से जीभ दिखा के अपने रूम की तरफ चली जाती है. वहां सोनू उर्मिला भाभी को ढूंडता हुआ उनके कमरे तक पहुँच जाता है. अन्दर उर्मिला तकिये में कवर चढ़ा रही है.

सोनू : भाभी...मैं स्कूल से आ गया.

उर्मिला समझ जाती है की सोनू स्कूल से आने के बाद उसके साथ बैठ के बातें करने वाला था. लेकिन वो सोनू को थोड़ा परेशान करने के लिए कहती है.

उर्मिला : तो इसमें नया क्या है सोनू? वो तो तू रोज ही आता है (उर्मिला सोनू की तरफ बिना देखे अपना काम करते हुए कहती है)

सोनू : ह..हाँ भाभी रोज तो आता हूँ ... लेकिन वो... वो आज सुबह हमारी बात हुई थी ना? वो..वो आप बोल रही थीं की तू जब स्कूल से आएगा तो हम बातें करेंगे?

उर्मिला : (सर ऊपर उठा के याद करने का नाटक करती है) मैंने कहा था? मुझे तो याद नहीं?

उर्मिला की बात सुन के सोनू मायूस हो जाता है और घूम के जाने लगता है. तभी उसके कान में उर्मिला की आवाज़ पड़ती है.

उर्मिला : ओ मेरे प्यारे देवरजी...!! सब याद है मुझे.... अब जल्दी से हाथ मुहँ धो के खाना खा लो. १० मिनट में मैं छत पर कपड़े डालने जा रही हूँ. जल्दी से आ जाना. पायल का पिछवाड़ा देखने में वक़्त गवां दिया तो फिर मुझसे बात नहीं कर पाओगे....

सोनू : (ख़ुशी से भाभी को देख के कहता है) थैंक्यू भाभी. मैं १० मिनट में पक्का छत पे आ जाऊंगा (और भाग के कमरे से निकल जाता है)

उर्मिला सोनू का उतावलापन देखती है. "पायल के पीछे बावला हो गया है. उसे देख के हमेशा इसका लंड खड़ा ही रहता है. लगता है जल्द ही कुछ कर के पायल को इसके खड़े लंड पे बिठाना ही पड़ेगा". और उर्मिला बिस्तर ठीक करने लगती है.

घड़ी में ५:२५ का समय हो रहा है. उर्मिला कपड़ो से भरी बाल्टी ले कर छत पे आती है और एक एक कपड़े निकाल के बारी बारी से रस्सी पर फैलाने लगती है. २ मिनट के बाद सोनू भी छत पर आता है. उर्मिला उसे देख लेती है.

उर्मिला : आ गया मेरा लाड़ला देवर...

सोनू : हाँ भाभी.. जैसे ही मैंने आपको ऊपर जाते देखा, फटाफट खाना खत्म किया और दौड़ता हुआ आपके पीछे ऊपर आ गया.

उर्मिला : और तेरी पायल दीदी क्या कर रही है? देखा की नहीं?

सोनू : हाँ भाभी. देख कर आ रहा हूँ. वो अपने कमरे में सो रही है.

उर्मिला : (उर्मिला मुस्कुराते हुए कहती है) अपनी चुतड उठा के सो रही होगी... हैं ना?

भाभी की बात सुन के सोनू मुस्कुराते हुए नज़रे झुका के निचे देखने लगता है.

उर्मिला : तू अगर यहाँ शर्माने के लिए आया है तो आराम से बैठ के जी भर के शर्मा ले. मैं निचे जा कर रसोई में अपना काम कर लेती हूँ.

सोनू : नहीं नहीं भाभी....(सोनू उर्मिला को देखते हुए) हाँ.... दीदी अपनी चुतड उठा के सो रही है.

उर्मिला : (हँसते हुए) वो ऐसे ही अपनी चुतड उठा के सोती है (फिर सोनू की तरफ देखते हुए) ना जाने किस के लिए?, और उसकी बड़ी बड़ी गोल मटोल चूचियां टॉप फाड़ के बाहर आने के लिए उतावली होगी ना?

सोनू वैसे तो था बड़ा कमीना लेकिन उसने कभी भी घर वालो के सामने ये बात जाहिर नहीं होने दी थी. पहली बार वो किसी परिवार के सदस्य के सामने इस तरह से बातें कर रहा था. और वो सदस्य और कोई नहीं उसकी अपनी प्यारी उर्मिला भाभी थी. उर्मिला भाभी के मुहँ से ऐसी बातें सुन कर सोनू और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा था.

सोनू : (सोनू दांतों तले एक बार अपनी जीभ दबा देता है) हाँ भाभी... मैंने गौर से देखा था. दीदी की टॉप उनकी चुचियों से पूरी चिपकी हुई थीं. दीदी की साँसों के साथ उनकी बड़ी बड़ी चूचियां ऊपर निचे हो रही थीं. मेरा तो बुरा हाल हो गया था भाभी.

उर्मिला : तो अपनी दीदी पर छलांग लगा देता. सोते वक़्त वो ब्रा नहीं पहनती. उसकी टॉप निचे से उठा के देख लेता की दीदी की गोल मटोल चूचियां नंगी कैसी दिखती है. किसने रोका था तुझे?

सोनू : दिल तो मेरा भी किया था भाभी की दीदी की टॉप उठा के उनकी चुचियों को हाथों में भर के मसल दूँ. लेकिन दीदी पूरे घर में हल्ला मचा देगी और पापा मुझे जुते मार के घर से निकाल देंगे. बस येही सोच कर मैं रुक गया.

सोनू की बात सुन के उर्मिला को हंसी आ जाती है. वो हँसते हुए कहती है.

उर्मिला : हाहाहा...ये बात तो तुमने सही कही सोनू. पर जरा सोच... ऐसा कुछ हो जाए की तू पायल की टॉप उठा के उसकी नंगी चूचियां देखे और वो फिर भी किसी से कुछ ना कहे तो?

सोनू : (भाभी की बात सुन के सोनू उच्चल के खड़ा हो जाता है. खुले मुहँ से उर्मिला को कुछ पल के लिए वैसे ही देखता रहता है, फिर कहता है) सच भाभी...!! ऐसा भी हो सकता है क्या?

उर्मिला : (इतराते हुए) तेरी भाभी चाहे तो कुछ भी हो सकता है देवरजी...

सोनू : (भाभी की बात सुन के सोनू अपने घुटनों पे आ जाता है और उर्मिला के सामने हाथ जोड़ के गिडगिडाने लगता है) भाभी ...मेरी प्यारी भाभी ....प्लीज...प्लीज...मेरे लिए पायल दीदी को मना दो ना...मैं आपका गुलाम बन जाऊंगा भाभी... आप जो बोलोगे वो मैं करूँगा...बस पायल दीदी से मेरी सेटिंग करा दीजिये प्लीज भाभी....!!

सोनू का ये रूप देख के पायल को मजा भी आता है और आशचर्य भी होता है, "कोई अपनी सगी बहन के लिए इतना पागल भी हो सकता है?", वो मन में सोचती है. फिर हँसते हुए कहती है.

उर्मिला : अरे अरे अरे...!! ये क्या सोनू ? मैं क्या कोई साहूकार हूँ? तुमने कोई क़र्ज़ लिया है मुझसे जो इस तरह से गिदगिड़ा रहा है ? (फिर प्यार से उसके बालों में हाथ फेरते हुए) पागल...तू मेरा प्यारा छोटा देवर है. तेरी ख्वाइश का ख़याल मैं नहीं रखूंगी तो और कौन रखेगा?

सोनू : (भाभी की बात सुन के सोनू का दिल जोर से धड़कने लगता है और चेहरे पे बड़ी से मुस्कान छा जाती है) सच भाभी..?? आप मेरे लिए पायल दीदी को सेट कर दोगी ना?

उर्मिला : कर तो मैं दूँ सोनू , लेकिन एक दिक्कत है... (कह के उर्मिला रुक जाती है)

सोनू : (चेहरे की हँसी गायब हो जाती है) दिक्कत ? कैसी दिक्कत भाभी ?

उर्मिला : देख सोनू... तू जैसे मेरा देवर है, पायल भी मेरी ननद है. दोनों से मैं एक जैसा प्यार करती हूँ. मैं सिर्फ इस बात के भरोसे तेरी और पायल की सेटिंग नहीं करा सकती की वो तझे अच्छी लगती है. तुम दोनों सगे भाई बहन हो, कोई स्कूल या कॉलेज के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड नहीं. भाई बहन के ऐसे गंदे रिश्ते में सिर्फ प्यार से काम नहीं चलता. प्यार के साथ कुछ और चीज़े भी होना जरुरी है.

सोनू : भाभी ... मैं दीदी से सिर्फ प्यार ही नहीं करता. दीदी के लिए मैं पागल भी हूँ, हद से ज्यादा पागल भाभी. दीवाना हूँ मैं पायल दीदी का (सोनू अपनी बातों से उर्मिला को यकीन दिलाने की कोशिश करता है)

उर्मिला : तेरा प्यार और दीवानापन तो मैं देख चुकी हूँ सोनू, और इस पर मुझे कोई शक नहीं है. टेंशन तो मुझे तेरे पागलपन की है. प्यार और दीवानगी में तू पायल के साथ चुदाई तो कर लेगा लेकिन बिना पागलपन के ये भाई बहन का रिश्ता अधुरा है. जब तक भाई और बहन के बीच पागलपन और हवास ना हो, उनके मिलन का कोई मतलब नहीं है.

पायल इस खेल की पुरानी खिलाड़ी थीं. उसने अपनी बातों के जाल में अच्छे अच्छों को फसाया था तो ये १८ साल का सोनू किस खेत की मुली था. उर्मिला की बातें सुन के सोनू और भी ज्यादा उत्तेजित हो जाता है क्यूंकि वो जानता है की पायल के लिए उसके दिल में प्यार से कहीं ज्यादा हवस और पागलपन है. वो जानता है की उर्मिला भाभी जो ढूंड रही है वो सोनू के अन्दर पायल के लिए कूट कूट के भरी है - हवस और पागलपन. लेकिन सोनू ये नहीं जानता था की उर्मिला का खेल क्या था. उर्मिला ने बड़ी चालाकी से सोनू को अपनी उस हवस और पागलपन को उसके सामने ज़ाहिर करने पर मजबूर कर दिया था जिसकी झलक वो आज सुबह सीढ़ियों के पास खड़ी हो कर देख चुकी थीं.

सोनू : (अब और भी ज्यादा उत्तेजित हो चूका था) भाभी मेरा यकीन मानिये. पायल दीदी के लिए मेरे अन्दर हवस और पागलपन के अलावा कुछ नहीं है. पायल दीदी को देखता हूँ तो हवस से मेरा लंड खड़ा हो जाता है. जी करता है की दीदी को वहीँ ज़मीन पर पटक के अपना पूरा लंड उनकी बूर में ठूँस दूँ.

उर्मिला : (ये सुन कर उर्मिला खुश हो जाती है. वो जो चाह रही थी सोनू वही कर रहा है. पायल अब आग में घी डालने का काम करती है) अच्छा ? ऐसे ही अपना लंड पायल की बूर में ठूँस देगा? पायल ने टॉप और पजामा पहना हो तो?

सोनू : (पायल को याद करके उसकी आँखे हवस से लाल हो गई है. वो बेशर्मी से उर्मिला के सामने ही पैंट के ऊपर से अपना लंड दबाते हुए कहता है) तो मैं दीदी की टॉप फाड़ दूंगा भाभी. उसका पजामा खींच के उतार दूंगा और फिर अपना मोटा लंड दीदी की बूर में पूरा ठूँस दूंगा.

उर्मिला : हु...पूरा ठूँस दूंगा..!! तेरा है ही कितना बड़ा जो पायल की बूर में ठूँस देगा. पायल जैसी जवान और गदरायी लड़कियों की बूर मोटे तगड़े लंड के लिए होती है, तेरे जैसे छोटे बच्चों के भींडी जैसी नुन्नी के लिए नहीं.

उर्मिला की इस बात ने सीधा सोनू के अपने लंड के बड़े होने के अहंकार पर वार किया था. इस से भी ज्यादा सोनू को इस बात से ठेस पहुंची थी की भाभी उसके लंड को पायल की बूर के काबिल नहीं समझ रही थी.

सोनू : मेरी नुन्नी नहीं, मोटा लंड है भाभी. और इतना मोटा और लम्बा है की दीदी की बूर में डालूं तो बच्चेदानी तक पहुँच जाए.

सोनू ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए अपनी शॉर्ट्स को एक झटके से निचे कर दिया. उसका ९ इंच लम्बा और २.५ इंच मोटा लंड किसी स्प्रिंग की भाँती उच्चल के उर्मिला को सलामी देना लगा. लंड के उच्चलने से उसके चिपचिपे पानी की कुछ बूंदे उर्मिला के चेहरे और ब्लाउज पर उड़ जाती है.

सोनू : देखा भाभी...!! अब बोलिए, क्या ये नुन्नी है ? पायल इसे अराम से ले लेगी या मुझे दबा के ठूंसना होगा ?

सोनू के विकराल लंड को उर्मिला आँखे फाड़ फाड़ के देख रही थी. वैसे रौनक का लंड भी कुछ कम नहीं था लेकिन सोनू के पूरे लंड पर फूल कर उभरी हुई नसें उसके लंड को बेहद मजा देना वाला बना रही थीं. सोनू का लंड देख के कुछ पल के लिए उर्मिला की बोलती बंद हो गई. फिर उसने छत के चारों तरफ अपनी नज़रे दौड़ाई और देखा की कोई पड़ोसी तो आसपास नहीं है. किसी के ना होने की बात पक्की कर के उर्मिला सोनू की तरफ देखा और बड़े प्यार से कहा.

उर्मिला : सचमुच सोनू... तेरा तो पूरा का पूरा मरदाना लंड है. इसे जब तू पायल की कसी हुई बूर में डालेगा तो वो कसमसा जाएगी.

फिर उर्मिला दौड़ कर छत के दरवाज़े के पास जाती है और एक नज़र सीढ़ियों पर डाल कर दरवाज़े की कुण्डी बाहर से लगा देती है. वो सोनू के पास आती है और उसका हाथ पकड़ के छत के कोने में रखी पानी की टंकी के पीछे ले जाती है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
 
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