अपडेट -17
प्रेमा ने अंबर का हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख कर रगड़ने लगी....अंबर को तेज आंच महसूस हुई वह भी काफी देर तक रगड़ता रहा लेकिन प्रेमा ढंग से झड़ न सकी ......उसकी चूत को आज लंड चाहिए था ।
अंबर का लंड फिर से खड़ा होकर तकने लगा प्रेमा ने अंबर को और अधिक उत्तेजित करने के लिए उसका लंड मुंह में भर लिया लेकिन 10 इंच का लंड मुंह में समा नही रहा था फिर भी प्रेमा आधा लंड चूसती रही
अंबर: आह काकी ऐसे ही चूसो आह आह
अंबर ने दोनो हाथ प्रेमा काकी के सिर पर रखकर धीरे दबाने लगा ......और उत्तेजना बढ़ने पर प्रेमा का सिर पकड़कर तेज गति से मुंह चोदने लगा.....प्रेमा की सांस रुकने लगी
प्रेमा: अं....ब.....र.... बे...टा नि...का... ल ..गूं गूं
अंबर पर जोश सवार था वह लगातार मुंह चोदता रहा और प्रेमा के मुंह में ही झड़ गया.... प्रेमा की रूकी हुई सांस के साथ ही अंबर का अधिकतम वीर्य भी प्रेमा ने निगल लिया। बाद में धीरे धीरे निकल रहे वीर्य का रसपान करती रही......
अंबर आज चरण दर चरण प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था उसे तो प्रत्येक चरण में आनंद आ रहा था लेकिन प्रेमा कि बुर से बर्दाश्त नहीं हो रहा था......क्योंकि जब से बाबाजी ने प्रेमा की चूत में रास्ता बनाया था तब से ही इस पर एक ही वाहन दौड़ लगाता था......लेकिन आज ऐसा वाहन चलने वाला था जिसके लिए यह सड़क बनी हुई थी इसीलिए प्रेमा की चूत लगातार रिस रही थी..........प्रेमा ने सारे कपड़े उतार फेंके सिर्फ ऊपर से साड़ी रख ली और दोनो पैर फैलाकर बैठ गई इसी तरह अंबर को भी बैठाया और एक दूसरे को कसने लगी......धीरे धीरे प्रेमा की गांड़ और अंबर के आंड एक दूसरे से मिल गए .......अंबर का लंड प्रेमा की योनि में प्रवेश करने के लिए रास्ता ढूंढने के लिए परेशान हुए जा रहा था लेकिन अधिक सटे होने के कारण नाभि में अमृत के छींटे मार रहा था।
प्रेमा: अंबर बेटा फहरा दे झंडा .....अब बर्दाश्त नहीं होता....डाल दे अपना मूसल.... इसकी खुजली मिटा दे.....ये आग मुझसे नही संभल रही .. आआह।
अंबर: काकी थोड़ा पीछे हटो।
प्रेमा थोड़ा पीछे हटी ......अंबर भी थोड़ा पीछे हटा ......हाथ में लंड पकड़कर चूत पे जैसे ही रखा प्रेमा ने आगे बढ़कर चूत में निगल लिया......दस इंच का लंबा लंड इतनी ज्यादा भीगी हुई चूत में भी सिर्फ छः इंच अंदर जा सका....