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Adultery घर में दफन राज(इंसेस्ट; एडल्टरी ; कॉकोल्ड)

क्या आप लोग मोनी दीदी के फ्लैशबैक जानना चाहोगे किसने पहली बार मोनी को कली से फूल बनाया

  • टीचर ने

    Votes: 4 23.5%
  • या किसी घर के आदमी ने

    Votes: 14 82.4%
  • मोनू को आप लोग बस हिलाते हुए छुप के देखना चाहते हैं या वो भी कुछ करे

    Votes: 0 0.0%
  • मोनू को आप लोग बस हिलाते हुए छुप कर देखना चाहते

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    17
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Rsingh

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लाइट बंद करने के बाद मम्मी मेरे बगल में आकर के सो जाती है। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही होती है मेरे आंखों के सामने में वही नजारा घूम रहा होता है मम्मी को देखने का मेरा नजरिया पूरी तरीके से बदल गया होता है। जैसे मानो कि उसका एक अलग ही चेहरा मैं देख लिया हो कुछ तेरी यूं ही सोते हुए मेरी आंखें लग जाती है क्योंकि काफी देर से मैं उनकी चुदाई को देख रहा था मैं थक चुका था बुरी तरीके से रात पूरी खामोशी में होती है और गली में कुत्ते की भौंकने की आवाज के बीच में पूरी घर में सन्नाटा होता है। जहां अशोक मामा अपने कमरे में जा चुके होते हैं मम्मी को जी भर के चोदने के बाद।


सभी लोग नींद में होते हैं कमरा पूरी तरीके से खामोश होता है जो कैमरा कुछ देर पहले मम्मी की दर्द भरी सिसकी से और थप थप की आवाज से गूंज रहा था वह पूरी तरीके से रात के खामोशी के चादर में छुप गया होता है जैसे मानो रात की खामोशी ने पूरी तरीके से अपने अंदर समेट लिया हो पूरे माहौल को

सुबह मेरी नींद मम्मी के आवाज की वजह से खुलता है वह मुझे दिला करके जगा रही होती है मैं जैन के बाद जैसे ही अपने आंखें मलता हूं तो वह मुझे बोलने लगती है आज स्कूल नहीं जाना है क्या मैं उठ करके बाथरूम की तरफ चला जाता हूं फ्रेश होने के लिए

जब मैं बाथरूम में जा रहा होता हूं तो मम्मी मेक्सी पहनी हुई होती है उनके बाल पुरे जुड़ा बने हुए होते हैं और वह रसोई में कुछ बना रही होती है नाश्ता थोड़े ही देर बाद में बाथरूम में चल जाता हूं उसके बाद फ्रेश होकर तकरीबन आधे घंटे में मैं कपड़े वगैरा पहन करके टिफिन लेकर मम्मी के पास जाता हूं अपना टिफिन वगैरा पैक करके मैं नाश्ता करने के लिए बैठ जाता हूं
सुबह का वक्त होता है तो मैं प्लेट में नाश्ता लेकर के ऐसे ही टहलते हुए नाश्ता कर रहा होता हूं आलू के पराठे खा रहा होता हूं और इधर-उधर घर में टहल रहा होता हूं देखने की कोशिश कर रहा होता हूं लेकिन मुझे कोई भी निशान नहीं मिलते ना शराब की बोतल न गिलास जैसे मानो की मम्मी ने पूरी तरीके से सब कुछ सारा सबूत खत्म कर दिया हो

और ऐसे बर्ताव कर रही होती है जैसे मानो कि कुछ हुआ ही नहीं हो रहा तो मैं उसने कुछ किया ही नहीं है वह अपने रोजमर्रा के काम में नाश्ता बनाना घर की जिम्मेवारी उठाना कोई देखकर बोल नहीं सकता है कि यह रात में वही औरत थी जो खूब गंदी-गंदी बातें करते हुए किसी गैर मर्द से चुदवा रही थीं। मैं धीरे-धीरे नाश्ता रहा होता हूं और बड़े ही गौर से मम्मी को देख रहा होता हूं । मम्मी ने इतनी सफाई के साथ में सारी चीज को मैनेज किया होता है छुपाया होता है कि अच्छे-अच्छे लोगों की पसीना छूट जाए मालूम करने में मैं मन ही मन मम्मी के दिमाग की दाद दे रहा होता हूं। उनके पास में गदराए हुस्न के साथ-साथ शातिर दिमाग भी है। मेरा दिल नहीं कर रहा होता है स्कूल जाने का लेकिन स्कूल जाना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि इम्तिहान के लिए स्कूल में अटेंडेंस भी चाहिए होता है 80% जो की अनिवार्य होता है। लेकिन कहीं ना कहीं मेरे मन में यह उत्सुकता भी जाग रही होती है कि क्या मेरे जाने के बाद भी यह लोग कुछ करेंगे क्या करेंगे नहीं करेंगे ना जाने क्यों मेरा देखने को फिर से दिल बहुत ही व्याकुल हो रहा होता है।

अभी मुझे एक शरारत दिमाग में आती है मैं नाश्ता करते हुए मम्मी से बोलता हूं वैसे मम्मी रात का मैच कौन जीता था क्योंकि मैं तो सो गया था। मेरे इस बात के ऊपर मम्मी एक बार पराठे को बनाते हुए मेरी तरफ देख कर बोलता है कि मैं मैच थोड़ी ना देख रही थी मैं तो सो गई थी पता नहीं कौन जीता नहीं जीता मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था कि वह मम्मी तुम बहुत ही तेज हो तुम मैच देखोगी कहां तुम तो अपना खुद ही मैच खेल रही थी।


तभी मैं मम्मी से बोलता हूं पता नहीं लेकिन मुझे तो लग रहा है कि रात का मैच बहुत तगड़ा खेला होगा क्योंकि बैट्समैन तो काफी तगड़े थे काश में मैच को देख पता पता नहीं थकावट की वजह से नींद आ गई थी।


मम्मी को लग रहा होता है मैं क्रिकेट मैच के बारे में बात कर रहा होता हूं लेकिन उन्हें क्या मालूम कि मैं किसी और ही मैच के बारे में बात कर रहा होता हूं।

कुछ देर में नाश्ता वगैरह करने के बाद मैं घर से मम्मी को बोल करके निकल जाता हूं कि मैं स्कूल के लिए जा रहा हूं और थोड़े ही देर में मैं स्कूल पहुंच जाता हूं लेकिन मेरा दिल बिल्कुल भी नहीं लग रहा होता है। मेरा शरीर तो लग रहा होता है जैसे की स्कूल में है लेकिन मेरा मन ऐसा लग रहा होता है कि मैं घर पर ही छोड़ करके आया हूं। मेरे दोस्त वगैरा भी पूछते हैं कि क्या बात है मोनू आज तुम बहुत ही खोए खोए से लग रहे हो लेकिन मैं उन्हें कोई और ही बहाना बना देता हूं कि एग्जाम की टेंशन है यह वह उन्हें मैं क्या बोलता की रात में जो लाइव टेलीकास्ट देखा था मम्मी की चुदाई उसके बारे में सोच रहा हूं कि अभी दिन में मम्मी और अशोक मामा क्या कर रहे होंगे फिर मेरे मन में ख्याल आता है नहीं अभी तो उनके ऑफिस का टाइम है।

ऐसे ही बातें करते हुए थोड़ी देर में हम लोगों के असेंबली का वक्त हो जाता है हम लोग असेंबली में चले जाते हैं वहां से प्रेयर वगैरा खत्म होने के बाद हम लोगों की पहली क्लास शुरू हो जाती है। मेरे बगल में जो दोस्त होते हैं वह क्लास के लड़कियों के बारे में इधर उधर की बातें कर रहे होते हैं। जिसमें मेरा कोई भी दिलचस्पी नहीं होता है। इसी तरीके से वक्त निकल रहा होता है और लंच के टाइम पर मैं इधर-उधर घूमते हुए लाइब्रेरी में चल जाता हूं लेकिन लाइब्रेरी में भी पूरी तरीके से सभी लोग शांत होकर के पढ़ रहे होते हैं तो थोड़ी देर बाद में वहां से निकल जाता हूं फिर स्कूल के ग्राउंड की तरफ जाता हूं।

जब मैं ग्राउंड की तरफ आता हूं तो देखता हूं हमारी क्लास टीचर जो कि मोनिका मैडम रतन सर के साथ में बातें कर रही होती है। वैसे इन दोनों के भी अपने अलग ही किस होते हैं कोई मेरे दोस्त बोलते हैं कि इन दोनों का चल रहा है तो कोई कुछ बोलते हैं लेकिन मोनिका मैडम काफी सस्ट्रिक्ट होती है। ग्राउंड में भी कुछ खास मन नहीं लग रहा होता है फिर मैं वहां से उठकर अपने कुछ दोस्तों के साथ में कैंटीन में चल जाता हूं जहां मैं समोसे वगैरा पेटिस वगैरा खाने के बाद कुछ बर्गर वगैरह खाने के बाद थोड़े ही देर में घंटी बज जाती है तो फिर अपने क्लास की ओर चल जाता हूं।

अब हम लोग क्लास में आ चुके होते हैं पढ़ाई वगैरह शुरू हो जाती है ऐसे ही देखते-देखते दिन गुजर जाता है । मैं वहां से बाइक उठा कर के घर की तरफ निकलता हूं लेकिन जैसे ही मैं घर पर पहुंचता हूं देखता हूं कि ताला लगा हुआ है। दोस्तों जो की कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी क्योंकि ऐसा अक्सर होता था कभी-कभी होता ही था मम्मी कभी बाजार चले जाते थे मेरे स्कूल से आने पर टाइम पर तो उसे वक्त मेरे पास जो दूसरी चाबी हुआ करती थी मैं उससे दरवाजा खोल के अंदर जाता था तो आज भी मैं वैसा ही करता हूं दूसरी चाबी से दरवाजा खोल करके अंदर चले जाता हूं क्योंकि मम्मी ने एक चाबी मुझे भी दिया होता है।


मैं अंदर आने के बाद खाना परोस करके खाना शुरू कर देता हूं थोड़े ही देर में खाना खाने के बाद में अपनी बाइक उठा करके ट्यूशन के लिए निकल जाता हूं घर के दरवाजे लगा करके। लेकिन जैसे ही मैं अंदर जाता हूं मालूम चलता है कि आज सड़क ट्यूशन नहीं पढ़ने वाले हैं वह अचानक में किसी रिश्तेदार के यहां गए हैं । मैं वापस अपने बैग लेकर के वहां से अपनी बाइक स्टार्ट करके निकलता हूं । जैसे ही मैं वहां से निकलता हूं थोड़े ही दूर जाने के बाद मेरे स्कूल का एक दोस्त मिल जाता है बाइक से फिर मैं उससे बात करने लग जाता हूं फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मालूम चलता है कि मेरे ही स्कूल के और भी लड़के लोग बगल के मैदान में हैं तो हम लोग वहां से ग्राउंड में चले जाते हैं जहां पर मैं अपनी बाइक लगा करके अपनी बाकी दोस्तों के साथ में बातचीत करने लग जाता हूं और बगल में जो सड़क होती है जहां पर एक ट्यूशन होता है जिसमें काफी जवान लड़कियां आती है उनके गांड वगैरा चूची वगैरा देखते हुए आपस में हम लोग।
बातें कर रहे होते हैं।
 
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Praveen84

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लाइट बंद करने के बाद मम्मी मेरे बगल में आकर के सो जाती है। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही होती है मेरे आंखों के सामने में वही नजारा घूम रहा होता है मम्मी को देखने का मेरा नजरिया पूरी तरीके से बदल गया होता है। जैसे मानो कि उसका एक अलग ही चेहरा मैं देख लिया हो कुछ तेरी यूं ही सोते हुए मेरी आंखें लग जाती है क्योंकि काफी देर से मैं उनकी चुदाई को देख रहा था मैं थक चुका था बुरी तरीके से रात पूरी खामोशी में होती है और गली में कुत्ते की भौंकने की आवाज के बीच में पूरी घर में सन्नाटा होता है। जहां अशोक मामा अपने कमरे में जा चुके होते हैं मम्मी को जी भर के चोदने के बाद।


सभी लोग नींद में होते हैं कमरा पूरी तरीके से खामोश होता है जो कैमरा कुछ देर पहले मम्मी की दर्द भरी सिसकी से और थप थप की आवाज से गूंज रहा था वह पूरी तरीके से रात के खामोशी के चादर में छुप गया होता है जैसे मानो रात की खामोशी ने पूरी तरीके से अपने अंदर समेट लिया हो पूरे माहौल को

सुबह मेरी नींद मम्मी के आवाज की वजह से खुलता है वह मुझे दिला करके जगा रही होती है मैं जैन के बाद जैसे ही अपने आंखें मलता हूं तो वह मुझे बोलने लगती है आज स्कूल नहीं जाना है क्या मैं उठ करके बाथरूम की तरफ चला जाता हूं फ्रेश होने के लिए

जब मैं बाथरूम में जा रहा होता हूं तो मम्मी मेक्सी पहनी हुई होती है उनके बाल पुरे जुड़ा बने हुए होते हैं और वह रसोई में कुछ बना रही होती है नाश्ता थोड़े ही देर बाद में बाथरूम में चल जाता हूं उसके बाद फ्रेश होकर तकरीबन आधे घंटे में मैं कपड़े वगैरा पहन करके टिफिन लेकर मम्मी के पास जाता हूं अपना टिफिन वगैरा पैक करके मैं नाश्ता करने के लिए बैठ जाता हूं
सुबह का वक्त होता है तो मैं प्लेट में नाश्ता लेकर के ऐसे ही टहलते हुए नाश्ता कर रहा होता हूं आलू के पराठे खा रहा होता हूं और इधर-उधर घर में टहल रहा होता हूं देखने की कोशिश कर रहा होता हूं लेकिन मुझे कोई भी निशान नहीं मिलते ना शराब की बोतल न गिलास जैसे मानो की मम्मी ने पूरी तरीके से सब कुछ सारा सबूत खत्म कर दिया हो

और ऐसे बर्ताव कर रही होती है जैसे मानो कि कुछ हुआ ही नहीं हो रहा तो मैं उसने कुछ किया ही नहीं है वह अपने रोजमर्रा के काम में नाश्ता बनाना घर की जिम्मेवारी उठाना कोई देखकर बोल नहीं सकता है कि यह रात में वही औरत थी जो खूब गंदी-गंदी बातें करते हुए किसी गैर मर्द से चुदवा रही थीं। मैं धीरे-धीरे नाश्ता रहा होता हूं और बड़े ही गौर से मम्मी को देख रहा होता हूं । मम्मी ने इतनी सफाई के साथ में सारी चीज को मैनेज किया होता है छुपाया होता है कि अच्छे-अच्छे लोगों की पसीना छूट जाए मालूम करने में मैं मन ही मन मम्मी के दिमाग की दाद दे रहा होता हूं। उनके पास में गदराए हुस्न के साथ-साथ शातिर दिमाग भी है। मेरा दिल नहीं कर रहा होता है स्कूल जाने का लेकिन स्कूल जाना भी बहुत जरूरी होता है क्योंकि इम्तिहान के लिए स्कूल में अटेंडेंस भी चाहिए होता है 80% जो की अनिवार्य होता है। लेकिन कहीं ना कहीं मेरे मन में यह उत्सुकता भी जाग रही होती है कि क्या मेरे जाने के बाद भी यह लोग कुछ करेंगे क्या करेंगे नहीं करेंगे ना जाने क्यों मेरा देखने को फिर से दिल बहुत ही व्याकुल हो रहा होता है।

अभी मुझे एक शरारत दिमाग में आती है मैं नाश्ता करते हुए मम्मी से बोलता हूं वैसे मम्मी रात का मैच कौन जीता था क्योंकि मैं तो सो गया था। मेरे इस बात के ऊपर मम्मी एक बार पराठे को बनाते हुए मेरी तरफ देख कर बोलता है कि मैं मैच थोड़ी ना देख रही थी मैं तो सो गई थी पता नहीं कौन जीता नहीं जीता मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था कि वह मम्मी तुम बहुत ही तेज हो तुम मैच देखोगी कहां तुम तो अपना खुद ही मैच खेल रही थी।


तभी मैं मम्मी से बोलता हूं पता नहीं लेकिन मुझे तो लग रहा है कि रात का मैच बहुत तगड़ा खेला होगा क्योंकि बैट्समैन तो काफी तगड़े थे काश में मैच को देख पता पता नहीं थकावट की वजह से नींद आ गई थी।


मम्मी को लग रहा होता है मैं क्रिकेट मैच के बारे में बात कर रहा होता हूं लेकिन उन्हें क्या मालूम कि मैं किसी और ही मैच के बारे में बात कर रहा होता हूं।

कुछ देर में नाश्ता वगैरह करने के बाद मैं घर से मम्मी को बोल करके निकल जाता हूं कि मैं स्कूल के लिए जा रहा हूं और थोड़े ही देर में मैं स्कूल पहुंच जाता हूं लेकिन मेरा दिल बिल्कुल भी नहीं लग रहा होता है। मेरा शरीर तो लग रहा होता है जैसे की स्कूल में है लेकिन मेरा मन ऐसा लग रहा होता है कि मैं घर पर ही छोड़ करके आया हूं। मेरे दोस्त वगैरा भी पूछते हैं कि क्या बात है मोनू आज तुम बहुत ही खोए खोए से लग रहे हो लेकिन मैं उन्हें कोई और ही बहाना बना देता हूं कि एग्जाम की टेंशन है यह वह उन्हें मैं क्या बोलता की रात में जो लाइव टेलीकास्ट देखा था मम्मी की चुदाई उसके बारे में सोच रहा हूं कि अभी दिन में मम्मी और अशोक मामा क्या कर रहे होंगे फिर मेरे मन में ख्याल आता है नहीं अभी तो उनके ऑफिस का टाइम है।

ऐसे ही बातें करते हुए थोड़ी देर में हम लोगों के असेंबली का वक्त हो जाता है हम लोग असेंबली में चले जाते हैं वहां से प्रेयर वगैरा खत्म होने के बाद हम लोगों की पहली क्लास शुरू हो जाती है। मेरे बगल में जो दोस्त होते हैं वह क्लास के लड़कियों के बारे में इधर उधर की बातें कर रहे होते हैं। जिसमें मेरा कोई भी दिलचस्पी नहीं होता है। इसी तरीके से वक्त निकल रहा होता है और लंच के टाइम पर मैं इधर-उधर घूमते हुए लाइब्रेरी में चल जाता हूं लेकिन लाइब्रेरी में भी पूरी तरीके से सभी लोग शांत होकर के पढ़ रहे होते हैं तो थोड़ी देर बाद में वहां से निकल जाता हूं फिर स्कूल के ग्राउंड की तरफ जाता हूं।

जब मैं ग्राउंड की तरफ आता हूं तो देखता हूं हमारी क्लास टीचर जो कि मोनिका मैडम रतन सर के साथ में बातें कर रही होती है। वैसे इन दोनों के भी अपने अलग ही किस होते हैं कोई मेरे दोस्त बोलते हैं कि इन दोनों का चल रहा है तो कोई कुछ बोलते हैं लेकिन मोनिका मैडम काफी सस्ट्रिक्ट होती है। ग्राउंड में भी कुछ खास मन नहीं लग रहा होता है फिर मैं वहां से उठकर अपने कुछ दोस्तों के साथ में कैंटीन में चल जाता हूं जहां मैं समोसे वगैरा पेटिस वगैरा खाने के बाद कुछ बर्गर वगैरह खाने के बाद थोड़े ही देर में घंटी बज जाती है तो फिर अपने क्लास की ओर चल जाता हूं।

अब हम लोग क्लास में आ चुके होते हैं पढ़ाई वगैरह शुरू हो जाती है ऐसे ही देखते-देखते दिन गुजर जाता है । मैं वहां से बाइक उठा कर के घर की तरफ निकलता हूं लेकिन जैसे ही मैं घर पर पहुंचता हूं देखता हूं कि ताला लगा हुआ है। दोस्तों जो की कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी क्योंकि ऐसा अक्सर होता था कभी-कभी होता ही था मम्मी कभी बाजार चले जाते थे मेरे स्कूल से आने पर टाइम पर तो उसे वक्त मेरे पास जो दूसरी चाबी हुआ करती थी मैं उससे दरवाजा खोल के अंदर जाता था तो आज भी मैं वैसा ही करता हूं दूसरी चाबी से दरवाजा खोल करके अंदर चले जाता हूं क्योंकि मम्मी ने एक चाबी मुझे भी दिया होता है।


मैं अंदर आने के बाद खाना परोस करके खाना शुरू कर देता हूं थोड़े ही देर में खाना खाने के बाद में अपनी बाइक उठा करके ट्यूशन के लिए निकल जाता हूं घर के दरवाजे लगा करके। लेकिन जैसे ही मैं अंदर जाता हूं मालूम चलता है कि आज सड़क ट्यूशन नहीं पढ़ने वाले हैं वह अचानक में किसी रिश्तेदार के यहां गए हैं । मैं वापस अपने बैग लेकर के वहां से अपनी बाइक स्टार्ट करके निकलता हूं । जैसे ही मैं वहां से निकलता हूं थोड़े ही दूर जाने के बाद मेरे स्कूल का एक दोस्त मिल जाता है बाइक से फिर मैं उससे बात करने लग जाता हूं फिर थोड़ी देर बात करने के बाद मालूम चलता है कि मेरे ही स्कूल के और भी लड़के लोग बगल के मैदान में हैं तो हम लोग वहां से ग्राउंड में चले जाते हैं जहां पर मैं अपनी बाइक लगा करके अपनी बाकी दोस्तों के साथ में बातचीत करने लग जाता हूं और बगल में जो सड़क होती है जहां पर एक ट्यूशन होता है जिसमें काफी जवान लड़कियां आती है उनके गांड वगैरा चूची वगैरा देखते हुए आपस में हम लोग।
बातें कर रहे होते हैं।
Ek daam jhakash update diya ....ek sath padne ke liye mene thoda wait Kiya seen ke complete hone ka .....kamal ka likha
 

vihan27

धैर्य सर्वस्य साधनम्
68
34
18
Bahut badhiya kahani hai
 

Rsingh

New Member
99
196
49
क्या मुझे कहानी को बंद कर देना चाहिए या आगे लेके बढ़ना चाहिए
 

dholbajane wala

New Member
51
43
18
क्या मुझे कहानी को बंद कर देना चाहिए या आगे लेके बढ़ना चाहिए
Kahani KO Aage Leke Jaao Bhai
But jab beta Ma pe Chadega Hi Nahi Aur Ma ko chudate huvi Dekhta Rahe ga To Maza Nahi Aayega

Kahni achi he

baki Tumhari Marzi
 
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