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Adultery चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

rohnny4545

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सूरज कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपनी नानी के वहां उसे इस तरह का दृश्य देखने को मिलेगा और वह भी अपनी सुजाता बुआ की तरफ से,,,,, सूरज यह बात तो अच्छी तरह से जानता था कि सुजाता बुआ बेहद खूबसूरत और नमकीन बदन की मालकिन थी लेकिन उनका चरित्र इस तरह से होगा इस बारे में उसे अंदाजा भी नहीं था इसीलिए तो वह अपनी सुजाता बुआ की बहुत इज्जत करता था लेकिन आज अपनी आंखों से सुजाता बुआ को गांव के ही जवान लड़के से चुदवाते हुए देखकर सूरज की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई थी आज तक सुजाता की खूबसूरती की वह छलक तक नहीं देख पाया था लेकिन आज अपनी आंखों से वह अपनी बुआ की मदमस्त कर देने वाली गोल-गोल गांड के साथ-साथ,,, उसकी रसीली चूत और दोनों संतरो को अपनी आंखों से देख चुका था,,,, जिसे देखकर उसके दिलो-दिमाग पर वही दृश्य, छाया हुआ था,,,,।

ho oh gif


सूरज अभी अभी जवान हुआ था उसके गुप्तांगों पर मर्दानगी की निशानी बाल आने शुरू हो गए थे और उससे भी बेहतर उसका मर्दाना अंग पूरी तरह से निखार पर था जिसका कड़क पन लोहे के रोड की तरह और उसकी लंबाई मोटी तगड़ी ककड़ी की तरह जोकि किसी भी औरत या लड़की की बुर में जाए तो पूरी तरह से मस्त करने के बाद ही बाहर आए लेकिन इस तरह का शुभ अवसर अभी तक सूरज को प्राप्त नहीं हुआ था और वैसे भी अपनी नानी के घर आने की सबसे बड़ी मंशा उसकी यही रहती थी लेकिन यहां पर पहुंचते ही उसकी हिम्मत जवाब दे जाती थी ज्यादातर उसका आकर्षण पूनम के प्रति रहता था क्योंकि पूनम उसके साथ एकदम हीली मिली रहती है,,,, और अपने प्रेम और संभोग दोनों की शुरुआत हुआ अपने मामा की लड़की पूनम के साथ ही करना चाहता था लेकिन अब ऐसा लगने लगा था कि इस शुभ अवसर की घड़ी उसकी बुआ सुजाता से ही शुरू होने वाली है क्योंकि सुजाता को जिस रूप में जिस हालात में वो देखा था उसे देखकर उसके मन में अपनी बुआ के प्रति आकर्षण पूरी तरह से बढ़ चुका था और संभोग के सुख की प्राप्ति उसे अपनी बुआ से ही प्राप्त होगा वह ऐसा अपने मन में सोचने लगा था,,,, क्योंकि वह अपने मन में दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वह जरूर खेत वाली बात बुआ से करके बुआ को चुदवाने के लिए मना लेगा और वैसे भी वह समझ गया था कि उसकी बुआ की बुर की प्यास कुछ ज्यादा ही है तभी तो वह चुप छुपाते खेत में अपने आशिक को बुलाकर चुदाई का सुख प्राप्त कर रही थी,,,,।


अंधेरा पूरी तरह से गहरा चुका था,,,, सूरज अपनी मामी लोग से हंसी मजाक करके अपना समय व्यतीत कर रहा था लेकिन ज्यादातर नजर उसकी अपनी बुआ पर ही थी बुआ के मासूम चेहरे को देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कुछ देर पहले उसने अपनी बुआ को खेत में चुदवाते हुए देखा था,,,,, वह बातें कर रहा था कि तभी उसकी संध्या मामी उससे बोली,,,।

अरे सूरज जा देख तो तेरी बीवी क्या कर रही है,,,।
(बीबी शब्द सुनकर सूरज आश्चर्य से अपनी मामी की तरफ देखने लगा तो उसकी मामी ही उसके आश्चर्य को दूर करते हुए बोली)

अरे अपनी पूनम रानी को बुलाकर तो ला,,,,, देख क्या कर रही है,,,,,(संध्या हंसते हुए बोली तो सूरज झूठ मुठ का गुस्सा दिखाते हुए बोला,,)

क्या मामी सीधे-सीधे नहीं बोल सकती कि पूनम को बुला कर लें आ,,,,

क्यों क्या हुआ तुझे अच्छा नहीं लगा क्या,,,?

क्यों अच्छा लगेगा भला,,,,,,, पूनम मेरी बहन लगती है और इस तरह से बोलोगी तो उसे भी गलत लगेगा,,,

मतलब कि तुझे तो अच्छा लगेगा ना,,,,(इतना कहकर सब लोग हंसने लगे क्योंकि वहां पर सूरज की सभी ममीया मौजुद थी और सभी मिलकर खाना बना रही थी,,, और उन सभी में सुरज की बड़ी मामी मतलब की पूनम की मम्मी भी थी लेकिन वह भी हंस रही थी,,, यह देखकर सूरज वहां से उठा और पूनम को बुलाने के लिए उसके कमरे की तरफ जाने लगा ऐसा नहीं था कि अपने मामी के मजाक पर उसे गुस्सा आ रहा था वह तो केवल झूठ मुठ का गुस्सा दिखा रहा था बल्कि अपनी मामी की बात सुनकर उसे बहुत आनंद प्राप्त हो रहा था पूनम के प्रति उसका आकर्षण इतना ज्यादा था कि मजाक में भी बोला गया शब्द बीवी उसे हकीकत लगने लगता था वह सही में पूनम को अपनी बीवी के रूप में देखना चाहता था लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था फिर भी कल्पना तू कल्पना होती है कल्पना में ही वह इतने मात्र से ही बहुत संतुष्ट था,,,,

थोड़ी देर में वहां पूनम के कमरे पर पहुंच गया दरवाजा बंद था लेकिन हल्का सा खुला हुआ था अंदर ट्यूब लाइट जल रही थी सूरज को लगा कि शायद पूनम पढ़ाई कर रही होगी इसलिए बिना कुछ बोले दरवाजा खोल दिया और दरवाजा खोलते ही जो नजारा उसकी आंखों के सामने नजर आया उसे देखते ही उसके होश उड़ गए,,,, क्योंकि नजारा ही कुछ ऐसा था उसे यहां पर आने से पहले किस बात की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी कि पूनम इस हालात में उसे देखने को मिलेगी दरवाजे खुलते ही जो नजारा उसकी आंखों के सामने था उसे देखते हैं उसके तन बदन में आग लग गई थी उसकी नजर जैसे ही कमरे में पहुंची थी उसने देखा कि पूनम दीवार की तरफ मुंह करके अपनी पेंटी पहन रही थी और उसकी पेंटी उसके हाथों में ऊपर की तरफ से रखती हुई उसके नितंबों के नीचे ले लकीर के करीब पहुंची ही थी जहां पर उसकी पेंटी पहुंचकर उसके गोलाकार नितंबों को एक अद्भुत उभार दे रहे थे,,,, और सूरज की नजर सीधे-सीधे पूनम की गांड पर पहुंच चुकी थी गोरी गोरी गाल मखमल जैसे नरम नरम ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और ज्यादा चमक रही थी यह पहला मौका था जब अनजाने में ही सूरज को इस तरह का दृश्य देखने को मिल गया था हालांकि जब वह इधर आया था तब भी उसकी मुठभेड़ इसी तरह के हालात में हुई थी लेकिन नंगी गांड तब भी उसे नजर नहीं आई थी लेकिन इस समय तो उसकी आंखों में हरियाली छा गई थी पूनम की मदमस्त कर देने वाली सुगठित खरबूजे जैसी गोल-गोल गांड देखकर सूरज का लंड खड़ा होने में बिल्कुल भी समय नहीं लगा,,,,

दरवाजा खुलने की आवाज से पूनम एकदम से चौक गई थी,,, वह पीछे नजर घुमा कर देखी तो दरवाजे पर सूरज खड़ा था वह मारे शर्म के पानी पानी हो गई,,,,,, बगल में ही बिस्तर लगा हुआ था उसके ऊपर टावल पड़ी थी आनन-फानन में टावल उठाकर अपनी नंगी गांड को ढकने की कोशिश करते हुए बोली,,,।

आवाज देकर नहीं आ सकता है,,,, सीधे-सीधे दरवाजा ही खोल दिया,,,(टावल को पकड़े हुए वह सुरज से बोली,,,,, सूरज की नजर अभी भी पूनम के ऊपर ही थी पूनम को वह फटी आंखों से देखे जा रहा था इतना तो वह समझ गया था कि जिस तरह से पूनम का खूबसूरत चेहरा एकदम चांद की तरह दिखता है उसी तरह से उसकी खूबसूरत गांड भी चांद के टुकड़े की तरह दिखती है,,,)

अरे मुझे क्या मालूम कि तू कपड़े बदल रही है और कपड़े ही बदल रही थी तो दरवाजा तो बंद कर दी होती तुझे पता होना चाहिए कि कोई ना कोई आ जाएगा,,,,


चल अब जा,,,,

अरे जा रहा हूं मामी लोग तुझे बुला रही हैं,,,,


मुझे क्यों बुला रही है,,,(गुस्सा दिखाते हुए पूनम बोली)

मुझे क्या मालूम तू बुला रही है वह तो तू जाएगी तब ना तुझे पता चलेगा,,,,

अच्छा तु जा मैं आ रही हूं,,,,।
(सूरज का जाने का मन तो नहीं था लेकिन वहां पर वह रुक नहीं सकता था और मुस्कुराता हुआ और मन ही मन बहुत खुश होता है वहां से चला गया उसके जाने के बाद पूनम की सांस में सांस आई व एकदम से घबरा गई थी और इतना घबरा गई थी की चड्डी को ऊपर करने की जगह उसी स्थिति में छोड़ दी थी क्योंकि उसके गांड के उभार की तुलना में चड्डी का नाप थोड़ा कम था जो कि नितंबों के नीचे की लकीर से ऊपर की तरफ बड़ी मुश्किल से ज्यादा था इसीलिए वह अपनी चड्डी को ऊपर की तरफ ले जाने के बजाए टावर लपेट कर अपनी इज्जत बचाने की जरूरत समझी,,,, सूरज के जाने के बाद ही वह तुरंत टावर को अपने हाथ में पकड़े हुए ही दरवाजे तक आई और दरवाजे को बंद करके टावर को बिस्तर पर फेंक कर अपनी चड्डी को ऊपर की तरफ खींचने लगी जोकि बड़ी मशक्कत करने के बाद कमर तक पहुंची और उसकी नंगी जवानी चड्डी के अंदर कैद हो गई,,,,, और फिर थोड़ी ही देर में वह अपनी मम्मी लोग के पास पहुंच गई जहां पर खाना बना रहे थे,,,,,

वहां पर पहुंचते ही उसे प्याज छीलने का काम दे दिया गया और वह प्याज छीलने में जुट गई,,,,, सूरज की हालत खराब होती जा रही थी उसके लंड में अकड़न की वजह से दर्द हो रहा था आखिरकार आज के दिन ही वह दो बेहद खूबसूरत और कामोत्तेजना से भरा हुआ नजारा जो देख लिया था,,, खेतों में अपनी बुआ की चुदाई और कमरे में पूनम की मदमस्त कर देने वाली गांड की झलक दोनों उसे पूरी तरह से मस्त कर दिए थे,,,,।

थोड़ी देर बाद ही गरमा गरम खाना परोसा गया और घर के सभी सदस्य भोजन करके अपने अपने कमरे में चले गए लेकिन हमेशा की तरह पूनम और उसकी मामी और उसकी गोवा सभी लोग मिलकर गप्पे लड़ाने लगे और छत पर सूरज फोन पर अपने घरवालों से बातें करने लगा था थोड़ा समय बीत जाने पर उसे अपने घर के पीछे वाले भाग में चूड़ी और पायल की खनक लगी वहां जाने लगी वह बात करते-करते पीछे की तरफ नजर डाला तो उसे अपनी संध्या मामी रितु मामी और सुजाता बुआ के साथ-साथ पूनम भी नजर आई और लोगों को घर के पीछे ज्यादा वह देख कर उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ उसे समझ में नहीं आया कि वह लोग घर के पीछे क्या करने जा रहे हैं और वह छत पर खड़े खड़े ही बात करते हुए उन लोगों को देखने लगा जो कि थोड़ी दूर पर जाकर खड़े हो गए थे,,,,, चांदनी रात होने की वजह से सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह लोग घर के पीछे थोड़ी दूर पर जाकर खड़े हो गए,,,,,, सूरज उन लोगों को बड़े गौर से देखने लगा वह लोग इधर-उधर चकर पकर देख रहे थे सूरत समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माजरा क्या है तभी उसने देखा कि उसकी संध्या मामी अपनी साड़ी को दोनों हाथों से पकड़कर थोड़ा सा उठा कर उसे घुटनों तक कर दी और सारा माजरा सूरज को समझ में आ गया हुआ एकदम से चौकन्ना हो गया उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी थी उसे अहसास हो गया था कि अब जरूर कुछ होनेवाला है इसलिए वह फोन पर बातें करना बंद कर दिया था और अपने आप को छत पर थोड़ा सा छुपाकर घर के पीछे के दृश्य को देखने लगा था,,,।
 
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Don13b

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karan77

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यह कहानी फिर से शुरू करने जा रहा हूं उम्मीद है. आप लोगों को जरूर पसंद आएगी
1रमादेवी(पूनम की मां)
2, संध्या (पूनम की बड़ी चाची)
3, रितु,(पूनम की छोटी चाची)
4, सुजाता,,( पूनम की बुआ)
5, बेला और सुलेखा(पूनम की सहेलियां)
6, मनोज
7, गुल्लु(मनोज का दोस्त)
8,सुरज ( पुनम की बुआ का लड़का
good
 

netsunil

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Mast story maza aaya padh ke aise hi likhte raho
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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PRAVAS DALEI

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