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लेटे हुए बेला के दिमाग़ में पता नहीं क्या आया, उसने अपनी करवट बदली और सोनू की तरफ अपनी पीठ कर ली।
आवाज़ सुन कर सोनू एक पल के लिए रुक गया, जब उसने देखा कि बेला ने दूसरी तरफ मुँह कर लिया है.. उसने फिर से अपने लण्ड को हिलाना चालू कर दिया।
उसका लण्ड अब पूरी तरह अकड़ा हुआ था, वो तेज़ी से अपने लण्ड को हिलाए जा रहा था।
मस्ती के कारण उसकी आँखें बंद हो गईं। कुछ देर बाद फिर से कुछ आहट हुई.. सोनू झड़ने के बेहद करीब था.. आहट सुनकर सोनू एकदम से घबरा गया और उसने अपने लण्ड को हिलाना बंद कर दिया।
फिर अपनी अधखुली आँखों से बेला की तरफ देखा।
बेला अभी भी करवट बदल कर ही लेटी हुई थी।
जब सोनू ने अपनी नज़र को थोड़ा सा नीचे किया, तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया।
बेला की पीठ अभी भी उसकी तरफ थी।
बेला के बदन के कमर के ऊपर वाला हिस्सा रज़ाई में था और कमर से नीचे वाला हिस्सा रज़ाई से बाहर था।
उसने अपने घुटनों को मोड़ कर अपने पेट से सटा रखा था और उसका लहंगा, उसकी कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था। ऊपर की तरफ का पूरा बदन ढका हुआ था ताकि बिंदया अगर जाग भी जाए तो बेला को इस हालत में ना देख सके।
पीछे से उसकी गाण्ड बाहर की तरफ निकली हुई थी, जिसे देखते ही उसका लण्ड फिर से झटके खाने लगा।
जिस अवस्था में सोनू लेटा हुआ था,उस अवस्था में उसे उसकी गाण्ड का ऊपर हिस्सा ही दिखाई दे रहा था।
पर इतना देखने भर से ही उसके लण्ड में जो कसाव आया, वो उसकी बर्दाश्त से बाहर था।
सोनू धड़कते हुए दिल के साथ धीरे से उठा और जिस तरफ बेला के पैर थे, उस तरफ सरक कर लेट गया।
भले ही बेला का मुँह दूसरी तरफ था, पर उसे पता था कि उसकी पीठ के पीछे सोनू क्या कर रहा है।
जैसे ही सोनू उसके पैरों की तरफ लेटा, बेला ने अपने घुटनों को और मोड़ कर पेट से सटा लिया।
बेला की जाँघें आपस में सटी हुई थीं।
वाह.. क्या नज़ारा था..!
सोनू की आँखों के सामने, सटी हुई जाँघों के बीच बेला की चूत बाहर की तरफ निकली हुई दिखाई दे रही थी।
गहरे गुलाबी रंग की फांकों को देख सोनू का हाथ एक बार फिर से अपने आप चलने लगा।
बेला दूसरी तरफ मुँह किए लेटी हुई, सोनू की तेज चल रही साँसों को साफ़ सुन पा रही थी।
सोनू अब पूरी रफ़्तार से बेला की चूत को देखते हुए अपने लण्ड को हिलाने लगा, उसका लण्ड और बेला की चूत के बीच मुश्किल से एक फुट का फासला था।
उसके लण्ड की नसें अब पूरी तरह वीर्य से भर चुकी थीं और अगले ही पल सोनू के आँखें बंद हो गईं और उसके लण्ड से एक के बाद एक वीर्य के पिचकारियाँ छूटने लगीं, जो सीधा जाकर सामने लेटी बेला की चूत और चूतड़ों पर गिरने लगी।
इस बात से अंजान सोनू अपनी आँखें बंद किए जन्नत की सैर कर रहा था।
जैसे ही सोनू का गरम वीर्य की धार बेला की चूत की फांकों और चूतड़ों पर गिरी, बेला के पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई..
उसकी चूत की फाँकें गरम वीर्य को महसूस करते ही कुलबुलाने लगीं।
बेला के ऊपर अजीब सा नशा छा गया था।
उसकी आँखें मस्ती में बंद हो गईं और वो आँखें बंद किए सोनू के वीर्य को अपनी चूत की फांकों पर बहता हुआ महसूस करने लगी।
थोड़ी देर बाद जब सोनू की आँखें खुलीं, तो बेला की चूत पर अपने वीर्य को देख कर एकदम से घबरा गया, उसे कुछ समझ में ही नहीं आया।
उसने दूसरी तरफ करवट बदली और रज़ाई ओढ़ कर लेट गया, ये सोच कर कि बेला को पता ना चले..
आवाज़ सुन कर सोनू एक पल के लिए रुक गया, जब उसने देखा कि बेला ने दूसरी तरफ मुँह कर लिया है.. उसने फिर से अपने लण्ड को हिलाना चालू कर दिया।
उसका लण्ड अब पूरी तरह अकड़ा हुआ था, वो तेज़ी से अपने लण्ड को हिलाए जा रहा था।
मस्ती के कारण उसकी आँखें बंद हो गईं। कुछ देर बाद फिर से कुछ आहट हुई.. सोनू झड़ने के बेहद करीब था.. आहट सुनकर सोनू एकदम से घबरा गया और उसने अपने लण्ड को हिलाना बंद कर दिया।
फिर अपनी अधखुली आँखों से बेला की तरफ देखा।
बेला अभी भी करवट बदल कर ही लेटी हुई थी।
जब सोनू ने अपनी नज़र को थोड़ा सा नीचे किया, तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया।
बेला की पीठ अभी भी उसकी तरफ थी।
बेला के बदन के कमर के ऊपर वाला हिस्सा रज़ाई में था और कमर से नीचे वाला हिस्सा रज़ाई से बाहर था।
उसने अपने घुटनों को मोड़ कर अपने पेट से सटा रखा था और उसका लहंगा, उसकी कमर के ऊपर तक चढ़ा हुआ था। ऊपर की तरफ का पूरा बदन ढका हुआ था ताकि बिंदया अगर जाग भी जाए तो बेला को इस हालत में ना देख सके।
पीछे से उसकी गाण्ड बाहर की तरफ निकली हुई थी, जिसे देखते ही उसका लण्ड फिर से झटके खाने लगा।
जिस अवस्था में सोनू लेटा हुआ था,उस अवस्था में उसे उसकी गाण्ड का ऊपर हिस्सा ही दिखाई दे रहा था।
पर इतना देखने भर से ही उसके लण्ड में जो कसाव आया, वो उसकी बर्दाश्त से बाहर था।
सोनू धड़कते हुए दिल के साथ धीरे से उठा और जिस तरफ बेला के पैर थे, उस तरफ सरक कर लेट गया।
भले ही बेला का मुँह दूसरी तरफ था, पर उसे पता था कि उसकी पीठ के पीछे सोनू क्या कर रहा है।
जैसे ही सोनू उसके पैरों की तरफ लेटा, बेला ने अपने घुटनों को और मोड़ कर पेट से सटा लिया।
बेला की जाँघें आपस में सटी हुई थीं।
वाह.. क्या नज़ारा था..!
सोनू की आँखों के सामने, सटी हुई जाँघों के बीच बेला की चूत बाहर की तरफ निकली हुई दिखाई दे रही थी।
गहरे गुलाबी रंग की फांकों को देख सोनू का हाथ एक बार फिर से अपने आप चलने लगा।
बेला दूसरी तरफ मुँह किए लेटी हुई, सोनू की तेज चल रही साँसों को साफ़ सुन पा रही थी।
सोनू अब पूरी रफ़्तार से बेला की चूत को देखते हुए अपने लण्ड को हिलाने लगा, उसका लण्ड और बेला की चूत के बीच मुश्किल से एक फुट का फासला था।
उसके लण्ड की नसें अब पूरी तरह वीर्य से भर चुकी थीं और अगले ही पल सोनू के आँखें बंद हो गईं और उसके लण्ड से एक के बाद एक वीर्य के पिचकारियाँ छूटने लगीं, जो सीधा जाकर सामने लेटी बेला की चूत और चूतड़ों पर गिरने लगी।
इस बात से अंजान सोनू अपनी आँखें बंद किए जन्नत की सैर कर रहा था।
जैसे ही सोनू का गरम वीर्य की धार बेला की चूत की फांकों और चूतड़ों पर गिरी, बेला के पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई..
उसकी चूत की फाँकें गरम वीर्य को महसूस करते ही कुलबुलाने लगीं।
बेला के ऊपर अजीब सा नशा छा गया था।
उसकी आँखें मस्ती में बंद हो गईं और वो आँखें बंद किए सोनू के वीर्य को अपनी चूत की फांकों पर बहता हुआ महसूस करने लगी।
थोड़ी देर बाद जब सोनू की आँखें खुलीं, तो बेला की चूत पर अपने वीर्य को देख कर एकदम से घबरा गया, उसे कुछ समझ में ही नहीं आया।
उसने दूसरी तरफ करवट बदली और रज़ाई ओढ़ कर लेट गया, ये सोच कर कि बेला को पता ना चले..