UPDATE -2
रात मे सोते वक़्त भी उस बात को मन से नहीं निकाल सकी, अजीब सा गुस्सा आता रहा, सच कहती हूँ दोस्तों खुद को बहुत छोटा महसूस कर रही थी l
मैंने सोच लिया था अगर एक बार और उसने मुझे डांटा या सख्त रवैया मे बात कि तो इस नौकरी को लात मार दूंगी,
यहीं से गलती हो गई मुझसे
अब मै उसकी हर बात पर ध्यान देती थी कि उसका रवैया या शब्द कैसे है, और 5-6 दिन मे उसपर ध्यान देने से मै उसको जानने लगी l किसी को जान लेना और पहचान होने मे बहुत अंतर होता है. जिसको जितना जानो वो उतना ही करीब लगता है, कुछ ही दिनों मे उनकी आदतो के बारे मे भी खुद ब खुद जानने लगी.
साधारण सा जीवन है उनका, साधारण खान पान, साधारण पहनावा, सब कुछ बिलकुल सिंपल सा.
एक दिन वो एम्पलॉईस का सेमिनार ले रहे थे और बीच बीच मे सबको अपनी बातो से हसा भी रहे थे, उनकी साधारण सी मुस्कुराहट को देखते ही मुझे अब वो बिलकुल ऐसे लगे जैसे हाँ मै तो जानती हूँ उन्हें, एक अपनापन रखा जुड़ाव ना जाने क्यों अब मै उनके प्रति महसूस कर रही थी l
मेरी उम्र 24 और उनकी 36 के करीब होंगी l
फिर भी ना जाने क्यों अब मै उनकी तरफ खिंच रही थी l
ये प्यार था ऐसा भी नहीं था. मगर कुछ तोह था जो मुझे उनकी तरफ और ज्यादा दिन ब दिन खींच रहा था l
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ? मुझे बताना /
अगला अपडेट मेरे उनसे खुलने और सेक्स रिलेशन मे शुरुआत पर होगा, पूरी कोशिश करूंगी, 4 पेजेस का अपडेट करू l
उम्मीद है आप लोगो को मेरी आत्मकथा पसंद आ रही होंगी
क्या मे डर्टी वर्ड्स इस्तेमाल करू? सेक्स रिलेशन अपडेट मे ......
अपनी आत्मकथा को बहुत फील से लिखना चाहती हूँ दोस्तों मगर इससे मेरी कहानी बहुत ज्यादा लम्बी खिंच जाएगी. इसीलिए शब्दों को कम इस्तमाल करते हुई अगले अपडेट थोड़ा जल्दी सेक्स रिलेशन कि तरफ ले जाउंगी. क्या ये ठीक होगा?
एक रोज मैं १२ बजे ऑफिस से निकली और बहार सड़क पर खड़ी थी , थोड़ा जाम था सड़क पर , मुझे बस शक्ति नगर मेट्रो स्टेशन तक ही जाना था वहां से १०-१५ मिनट का हे रास्ता था मेट्रो से ,
अचानक मैंने एक आवाज़ सुनी
गई नहीं आप अभी ? मैंने पीछे देखा तो समर खड़े थे /
जी बस जाम है उस पर जाकर मेट्रो की तरफ जाउंगी , मैंने उत्तर दिया /
किस तरफ जाओगी आप ? समर ने पुछा तो मैंने बता दिया सीधे घर जाउंगी सर ,
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चलो आप को कर दूंगा /
समर की बड़ी हे बेबाकी से कह दिया , मुझे अजीब तो लगा पर मना नहीं कर सकी/ बस इतना बोल पाई " प्लीज सर आपको बेकार तकलीफ होगी "
अरे तकलीफ कैसी ।
मैं तो जा रहा हूँ उस तरफ / चलो छोड़ दूंगा और रास्ता भी कट जायेगा मेरे और ये कहते हुए समर मुस्कुरा दिया
वही जनि पहचानी मुस्कराहट / मैं थोड़ी देर देखती रही उनकी तरफ /
हाँ बोलो क्या हुआ, समर की इस आवाज़ ने मुझे उस देखने से बहार निकाला/
जी जी सर जी बिलकुल ।।ये बोल मैं झेंप गई और मुस्कुरा भी दी
गुड गर्ल ।।यही कहा था समर ने मुझे आज भी याद है और समर कार की तरफ मुड गए मुझे पीछे आने का इशारा किया , मैं भी उनके पीछे चल दी /
सच बताऊं आपको दोस्तों उस वक़्त सच में कुछ धकधक थी मेरे दिल में , और हलकी सी ख़ुशी भी , कुछ मिला जुला अहसास था /
तितली सी दिल और पेट में उड़ रही थी , मेरी चल अपने आप फिर लचीली हो गई गई , मैं साफ़ महसूस कर रही रही कि न चाहते हुए भी मेरे हिप्स हलके हलके बलखाने लगे थे /
मैं साफ़ अपने हिप्स की गोलाइयों को लचीलेपन के साथ ऊपर निचे बलखाते मह्सूस कर रही थी , मेरी चाल में जैसे मेरे खिलाफ बगावत कर दी थी और मेरी थाइज़ का अंदर का पार्ट चलते वक़्त बलखाने के साथ हर कदम में मिलने लगा था ,
मैंने फिर संभाला खुद को मगर उसी वक़्त दांये हिप्स के हलके घुमावदार बलखाने के कारण एक अजीब सा अहसास जो मेरे अंदर पैदा हुआ वो मुझे खुद एक रोमांच दे गया और जानते हो आप लोग अगला कदम मैंने खुद न चाहते हुए भी बहुत हे बांये हिप्स को घुमावदार उठाव के साथ लिया ,
मैं खुद पर मुस्कुराई और फिर उसी लचीलेपन के साथ पीछे पीछे चल दी, करीब ५० मीटर चलने के बाद एक ओपन पार्किंग नज़र आई, जहां कुछ कार पार्क की गई थी /
कार का दरवाज़ा खोलते हुए समर ने कहा आइये /
और मैं उस कार में समां गई /
मैंने धीरे से समर की तरफ देखा वो बड़े ही आराम से कार को बैक करके मुख्य सड़क पर ला रहे थे , उनका अंदाज़ में साफ़ प्रतीत हो रहा था कि वो जता रहे है जैसे वो मुझपर धयान नहीं दे रहे , मगर उनकी चोर नज़र धीरे से कुछ बार मेरे सिनेकी ३४ B साइज की उभरी गोलाइयों के दीदार कर चुके थे , मुझे उनकी नज़र में चोरपन अच्छा लग रहा था
धीरे से मैंने खुद को सीट में इस तरह धंस के पोज़ किया जैसे मैं ठीक सामने देख रही हूँ मगर समर की तरफ से मेरे सिने की उभार समर को साफ़ उभरे दिख सके /
और ५ सेकण्ड्स बाद हे फिर समर की चोरनिगाह मेरे उभार पर पड़ी और मेरे निपल के अंदर हलचल सी मैंने महसूस की , खून का दौरा तेज होते और निपल को बगावत करते हुए थोड़ा सख्त होते महसूस किया /
जैसे मेरे निप्पल मुझसे बोल रहे हो अनीता यू अरे अ बिच/ जो एक 36 साल के इंसान की मौजूदगी के कारण उतेज्जित हो रही हो , डूब के मर जाओ /
मगर जो हो रहा था वो सच था , कोई प्यार व्यार की भावना मेरे मन में नहीं थी मगर एक उतेजना जरूर मेरे दिल और दिमाग पे धुंध की तरह छा चुकी थी जिसके कारण मेरे सोचने और समझने की शक्ति पर एक स्याह पर्दा पद गया , जो जल्दी हीएक अनोखे अनुभव में बदलने वाला था /
दोस्तों इससे पहले भी मेरे कुछ सेक्स रिलेशनशिप हो चुके है , जिनके बारे में अभी नहीं बता पाऊँगी , धीरे धीरे आगे सब बता दूंगी /
((बस आप लोग इतना जान लो ।
समर के जिंदगी मे आने से बहुत कुछ मैंने जिंदगी जीने के सच के बारे मे सीखा और समर के जाने के बाद एक सरकारी जॉब के अप्लाई भी किया जो ईश्वर के द्वारा गिफ्ट मे मुझे मिल गई /
2 साल बाद उस जॉब को छोड़ अब अपने पोस्ट ग्रेजुएशन पर ध्यान दे रही हूँ, और ना जाने क्यों अपनी जिंदगी के कुछ हिस्से को आपके सामने रख रही हूँ l
समर के बाद एक लड़का Shabad Khan से भी मुलाक़ात हुई, जो meet4u dating app मे मुझे मिला, उससे बात हुई तो वो भी उत्तम नगर का ही निकला,, Gym instructor है वो और 4 बार उसके फ्लैट मे जाना हुआ और उसके नीचे अपने शरीर के पिसने का अहसास भी लिया.))
अब ये समर का किस्सा था । तो ये नहीं कह सकते की इस वक़्त मैं वर्जिन थी, हाँ कई बार सेक्स का सुख और दुःख भोग चहकने के बाद न जाने क्यों मेरे आकर्षण किसी matured इंसान की तरफ खींचने लगा है, और ऐसी कमी को समर और उसकी वो निगाह पूरी कर रही थी शायद इसीलिए मैं ज्यादा उत्तजित हो रही हूँ इस वक़्त कार में उसके साथ बैठे हुए /
इस वक्त मैंने जीन और टॉप पहना हुआ था ग्रीन टॉप, याद ह मुझे अच्छी तरह, जो पूरी तरह मरे कमर की कर्व्स और सिने के उभारो को नुमाया होने में मदद रहा रहा था ,
यही कारण भी होगा जो समर बार बार न चाहते हुए भी अपनी मर्यादा के आगे निकल अपनी हे एम्प्लोयी के शरीर के ख़ास हिस्सों को चोर की तरह अपने वज़ूद से गिरकर घूर रहा है /
मैं किसी एम्प्लोयी को अपनी कार में लिफ्ट नहीं देता , समर के इन शब्दों ने मेरा ध्यान उसकी बातो की तरफ किया ।।। मगर आज न जाने क्यों तुमको लिफ्ट दी है ,कहकर वो खुद हीअपनी बात पर हंस पड़ा ,
मैं मन ही मन बोल पड़ी " आखिर आदमी आदमी ही होता है , उसकी जात उसकी दोनों टांगो के बीच लटक रही होती है जो तुम्हारी भी है मिस्टर समर , अब देखना ये है की तुम्हारी जात का ढोल कितना बड़ा है /
ये सोच कर मैं खुद हे जोर से हंस पड़ी । ।। वो मेरी तरफ देखने लगा और इस देखने में हसने के कारण मेरी हिलती छातियों को भी फिर एक बार घर लिया ।।।
जी जी सर मैंने खुद की हंसी रोकते हुए बोलै, जी सर मैं जानती हूँ आप अच्छे इंसान है
हम्म्म समर ने आवाज़ दी , नहीं अनीता तुम उन सबसे अलग हो,
कुछ तो ख़ास तुम्हारे में जो में आज तुम्हारे साथ हूँ ,
में कुछ न बोल पाई बस चुपचाप उसकी ओर देखती रही ।।।। जी सर थैंक्स ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, यही बोल निकले थे मेरी जुबान से /
मेट्रो वाले चौराहे पर जाम ज्यादा ही था, तो समर नर मुझे कॉफ़ी के लिऐ पुछा, मैंने हाँ मे सिर हिला दिया l
समर ने हल्का बैक टर्न करी, थोड़ी देर मे हम एक डोसा कार्नर के सामने थे,
बरहाल समर के साथ मे डोसा सेंटर के अंदर चली गई, साफ लग रहा था कि उस जगह का वेटर समर को अच्छी तरह जानता है, वो काफ़ी मिलनसार और हसमुख था सो हमारी खातिर कुछ स्पेशल ढंग से कि गई, बार बार उस वेटर का आना समर से हर बात पूछना, मेरा स्पेशल सा ख्याल रखना,
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क़ि बाकि कस्टमर से ज्यादा मै वहाँ स्पेशल हूँ l I totally impressed..
जो भी था उस रोज़ मुझे अच्छा लगा , और थोड़ी देर बाद जब समर ने वेटर को टिप दी जो टिप के रूप में ज्यादा ही थी उसको देखकर में समझ गई कि क्यों वो इतना ज्यादा ख्याल हमारी टेबल का रख रहा है /
जाते जाते समर ने मेरा हाथ धीरे से पकड़ा और मुझे उठने में मदद की, जो जरुरी नहीं था मगर में इतना तो जान ही गई थी की समर की तरफ से ये पहले कदम है मेरी तरफ , न चाहते हुए भी में हल्का सा मुस्कुरा गई , और खड़ीहोकर समर के पीछे चल पड़ी उसकी कार की तरफ /
समर ने मेरे अंदर बैठते हे कार दौड़ा दी /
अनीता क्या करती हो आप जॉब के बाद ये सवाल समर ने किया
जी सर ग्रेजुएशन आपको बताया है पहले ।मेरे ये कहने पर समर मुस्कुरा दिया ,
अरे नहीं नहीं ।।में पूछ रहा हूँ पड़े के अलावा क्या करती हो आप ,,मतलब आपकी होब्बी क्या है
ओह्ह्ह ।।। जी सर।।में बास्केटबाल खेल लेती हूँ ओर डांस भी पसंद है मुझे ,,मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया /
कब खेलती हो आप।।
संडे मॉर्निंग कीर्ति नगर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स चली जाती हूँ, वहीँ बस थोड़ा बहुत बास्केट बॉल हो जाता है /
ओके ओके नाइस ।। में भी सोच रहा था थोड़ा सुबह सुबह जॉगिंग फिर शुरू कर दू , क्या ख्याल है आपका ?
इस सवाल का मै भला क्या जवाब देती ,बस इतना बोल पाई ।।जी हाँ सर ये तो बहुत अच्छा है ,वैसे आप फिट लगते है /
अब मुझे दिमाग में हिट हुआ की मै ज्यादा बोल रही हूँ,
थैंक्यू अनीता ,,, फिर भी सुबह की जॉगिंग की बात अलग है /
जी सर यू आर राइट ।,,,मेरे इतना कहने पर समर बोल पड़े ।।तोह अगर आपको बुरा न लगे तोह आपके स्पोर्ट काम्प्लेक्स कल सुबह चले ,,आपपका साथ भी हो जायगा ,,अरे आपके बहाने मेरी जॉगिंग फिर शुरू हो जायगी / एक दिन में जॉगिंग की आदत पद जायगी तोह हम अलग जायेंगे ,फिर न आपको परेशान करेंगे।। कहकर वो हस दिए,
मुझे बड़ा अजीब लगा ये सब मगर बात इस अंदाज़ से रखी थी मेरे सामने कि मै मना न कर सकीय /
जी सर बिलकुल , कल संडे है तो आप आ जाइये सुबह ६ बजे कीर्ति नगर स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स ।।।
मेरी इस बात पर वो मुस्कुरा दिया , ऐसा करते अनीता मै आपको सुबह यहां से पिक कर लेता हूँ, ये शब्द जैसे ही मेरे कानो से टकराये मै चौंक पड़ी, कियुँकि कार अब मेट्रो स्टेशन के ठीक निचे बने डोमिनोस पिज़्ज़ा पॉइंट के सामने थी
जी जी मैंने हकला कर कहा
तोह वो मुस्कुरा कर बोले अरे अनीता यहां से ।इस मेट्रो के निचे मिल जाना सुबह ५।३० बजे , ओके साथ चलते है, ओके
जी सर , मेरे ये कहने से मैंने साफ़ देखा जो उसके चेहरे पर अजीब से ख़ुशी भरे भाव एक दम आये थे वो कोई पागल भी समझ सकता था कि समर का फेका हुआ तीर सही निशाने पर लगा है ।।
देर रात तक मेरे अंतर्मन में एक सवाल मंडराता रहा कि समर का यूं पास आना ठीक है ? उनकी उम्र 36 के करीब और मेरी सिर्फ २१ ।
मैंने करवटे बदलते हुए TV का remote उठाया और टीवी चालू किया तोह चैनल बदलते समय मेरे सामने 'चीनी कम' मूवी का कुछ हिस्सा चल रहा था जिसमे अमिताभ बच्चन कुछ दूर दौड़ कर अपने स्टैमिना का परीक्षा देते है की वो सेक्स स्टैमिना के लायक है की नहीं ,
में मुस्कुरा गई उस सीन को देख कर और मुझे लगा समर दौड़ कर परीक्षा दे रहा है,
में सेक्स रिलेशन में नई नहीं थी , हम्म मुझे ठीक ठाक अनुभव था सेक्स का, मैंने कुछ न सोचा अब बस आँखें बंद की और सोने की कोशिश करने लगी /
सुबह ५ बजकर ३० मिनट पर मेरे मोबाइल में समर का कॉल आ रहा था , में भी त्यार थी , मैंने टैंक टॉप और स्पोर्ट्स लेग्गिंग पहन ली थी /
कॉल उठते हुए मैंने कहा , बस सर २ मिनट में आई ।।
हम्म्म मेट्रो गेट नंबर एक पर हूँ मेँ (समर ने जवाब दिया )
जी सर ,,यही निकला था मेरे मुख से ,