मैं:– ठीक है चाचा, अभी लाती हूं (ये कह कर मैं फिर पानी लेने के लिए झुकी, मैने चुपके से देखा कि चाचा अपने लन्ड को सहला रहे थे पैजामे के ऊपर से ही) मैं पानी लेकर उनके पास गई और गिलास उनकी तरफ किया। उन्होंने फिर से पहले वाली हरकत ही की। पर इस बार भी मै कुछ नहीं बोली। चाचा:– तू तो बहुत खूबसूरत हो गई है बेटी, ये सूट तुझपे जच रहा है। मैं:– नही चाचा ऐसी कोई बात नही है, मैं तो बिलकुल औसत दिखती हुं। चाचा:– अरे , तुझे क्या पता तू कितनी खूबसूरत और जवान हो गई है। (चाचा इस से पहले कुछ और कहते उनके मोबाइल पे कॉल आ गई) चाचा (झेँपते हुए):– अभी जाता हूं रोहिणी, बाद मे फिर आऊंगा। (ऐसा कह कर वो तो चले गए लेकिन मेरे दिमाग में उथल पुथल मचा गए)