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ayush01111

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Update 24

गौतम को आता देखकर मनोज मुस्कुराते हुए उसे आवाज देकर बुलाता है - गौतम...
गौतम मनोज को देखकर उसकी तरफ आता है औऱ एक थप्पड़ उसके गाल पर मारकर बोलता है - बहन के लंड.. बता नहीं सकता था तेरी बहन की सलवार में तलवार है..
मनोज थप्पड़ खाकर भी हसने लगता है औऱ कहता है - लगता है लेने की जगह देकर आ रहा है..
गौतम मनोज के हाथों से पेग लेकर एक घूंट में खींच जाता है..
मनोज - अरे धीरे धीरे एक बार में ख़त्म कर जाएगा क्या? औऱ गुस्सा क्यों कर रहा है? इतनी खूबसूरत लड़की से गांड मरवाई है तुझे तो खुश होना चाहिए..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा.. माँ के लोडे अब औऱ कुछ बोला तो.. साले नवाबो वाले शोक नहीं है मेरे..
पीछे से सिमरन आती हुई - बात तो ऐसे कर रहे हो जैसे मुझसे मरवाने के बाद तुम्हारी गांड किसी काम की ही नहीं रही हो.. इतना जोर का थप्पड़ मारके आये हो देखो मेरे गाल पर उंगलियां छप गई तुम्हारी..
गौतम - तुम दोनों भाई बहन ना मुझसे दूर रहना.. समझें? ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है..

गौतम यहां से सीधा वेडिंग हॉल में आ जाता है औऱ एक टेबल पर बैठी हुई सुमन के करीब आकर बैठ जाता है जहा सुमन वेटर से दो गिलास जूस लेकर एक गौतम के सामने रख देती है औऱ एक खुद पीते हुए गौतम से पूछती है..
सुमन - क्या हुआशहजादे मुंह क्यों लटकाया हुआ है?
गौतम जूस पीते हुए - कुछ नहीं.. बस मूंड थोड़ा खराब है..
सुमन - क्यों किसी ने कुछ कहा है क्या?
गौतम - नहीं माँ.. बस ऐसे ही..
सुमन - तो थोड़ा मुस्कुरा ना ग़ुगु.. चल मुस्कुरा दे अब. इतने प्यारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती..
सिमरन आते हुए - वही तो मैं भी समझा रही थी आंटी.. मगर गौतम समझने को ही तैयार नहीं है..
ये कहते हुए सिमरन गोतम के बगल में आकर बैठ जाती है..
सुमन - तुम?
सिमरन - आंटी मैं गौतम की गर्लफ्रेंड.. मतलब फ़्रेंड हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - गर्लफ्रेंड.. ओ हो.. लगता है लड़ाई हो गई है दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में..
सिमरन - लड़ाई कहाँ आंटी.. यही मुझे सता रहा है.. देखो कितना जोर का थप्पड़ मार दिया इसने मुझे...
सुमन सिमरन का गाल देखकर - ग़ुगु? तूने हाथ उठाया इसपर? मैंने ये सिखाया है तुझे? कितनी फूल सी प्यारी बच्ची है..
सिमरन - देखो ना आंटी.. छोटी सी बात पर थप्पड़ मार दिया इसने.. औऱ फिर भी मुंह फुला के बैठा है..
गोतम गुस्से से सिमरन को देखता हुआ - तुझे कहा था ना दूर रहना.. क्यों आ गई पीछे पीछे?
सिमरन रोने का नाटक करते हुए - आंटी इसने शादी का वादा किया है मुझे गर्लफ्रेंड बनाया है अब मुझे छोड़ने की बात कर रहा है..
सुमन - अरे तुम दोनों में जो हुआ है मुझे उससे दूर रखो.. अपना मसला खुद हल करो.. मुझे छोड़ दो.. गौतम अब हाथ नहीं उठाना इस बच्ची पर...
सिमरन - सिमरन.. आंटी.. सिमरन नाम है मेरा..
सुमन - हाँ.. सिमरन पर हाथ मत उठाना औऱ प्यार से बात करना..

सुमन ये कहते हुए आरती के पास चली जाती है औऱ सिमरन गोतम को मुस्कुराते हुए देखकर कहती है - देखो चुपचाप मेरे साथ चलो औऱ जो काम तुमने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा करो वरना..
गौतम - वरना क्या?
सिमरन फ़ोन निकालकर - वरना पुरे शहर में तुमको फेमस कर दूंगी.. कहो तो नेट पर वायरल कर दू तेरा मेरा mms?
गौतम गुस्से में - तू बहन की लोड़ी पागल वागल है क्या? डिलीट कर उसे..
सिमरन - पहले बोल आई लव यू..
गौतम - लव यू.. अब डिलीट कर उन वीडियो को..
सिमरन - चलो मेरे साथ..
गौतम - कहाँ?
सिमरन - वही यहां से मुझे अकेला छोड़ के आ गए थे..
गौतम - देख मुझे प्रॉपर लड़की में इंट्रेस्ट है आधी अधूरी में नहीं..
सिमरन - ऊपर वाले ने चुत की जगह लंड चिपका दिया तो इसमें मेरा क्या कसूर? मुझे तो तुम पसंद हो.. औऱ मैं अब तुम्हारा पीछा तो किसी हाल में नहीं छोड़ने वाली.. अब चलो वरना मेरा पागलपन तुम नहीं जानते.. मुझे अपनी बिलकुल परवाह नहीं है..
गौतम - अब वहां जाकर क्या करना है? तुमने मार तो ली मेरी गांड.. अब क्या लंड पकड़ के हिलाउ मैं तुम्हारा..
सिमरन - मैंने तो मार ली मगर तुमने कहा मारी है मेरी?
गौतम - मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है समझी.. अब ये वीडियो डिलीट करो..
सिमरन गुस्से में - अगर 15 मिनट में तुम उसी जगह वापस नहीं आये तो मैं ये वीडियो वायरल कर दूंगी.. समझा?

ये कहकर सिमरन चली जाती है..गौतम को सिमरन पर गुस्सा आ रहा था जिस तरह से सिमरन ने धोके से अपने छोटे से लंड से गौतम कि गांड का स्वाद लिया था वो गौतम को पसंद नहीं आया था जिसे उसने खुले तौर पर सिमरन से बयाँ कर दिया था.. मगर mms के वायरल होने का डर उसे वापस सिमरन के पास खींच ले गया औऱ गौतम वापस होटल के रूम में जाकर दरवाजा लगाते हुए सिमरन से गुस्से में बोला..
गौतम - देख सिम्मी चुपचाप सीधी तरह वीडियो डिलीट कर वरना अच्छा नहीं होगा.. तू मुझे भी नहीं जानती ठीक से..
सिमरन गौतम को गले लगाकर बेड पर गिराती हुई - कर दूंगी डिलीट.. पर इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लो मुझसे..
गौतम - मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है तुम्हारे अंदर.. समझी..
सिमरन - इंट्रेस्ट नहीं था तो मेरे पास क्यों आये थे तुम? तब तो बहाने बहाने से बात करने की कोशिश कर रहे थे.. अब जब मैं बाहों में हूँ तो इस तरह मुंह फेर रहे हो.. ये तो बहुत दिल दुःखाने वाली बात है गौतम.. मुझे भगवान ने चुत की जगह लंड दिया है तो इसमें मेरी क्या गलती? क्या मुझे प्यार करने का हक़ नहीं है? मेरे चड्डी उतारने से पहले तो तुम कितनी प्यार से बात कर रहे थे.. मेरे होंठों से लेकर चुचो तक सब तुम्हे पसंद आ रहा था.. मेरा फिगर पसंद है ना तुम्हे? फिर क्यों मुझसे इस तरह रूखेपन से बात कर रहे हो..
गौतम - सिम्मी.. तू जो बोलोगी मैं वो सब कर लूंगा तुम्हारे साथ.. पर पहले वो वीडियो डिलीट करो..
सिमरन - इतनी पागल तो मैं भी नहीं हूँ.. वीडियो डिलीट कर दूंगी तो तूम मेरे बाहों से निकलकर कहा गायब हो जाओगे मुझे पता भी नहीं चलेगा.. उस वीडियो के कारण ही तुम यहां मेरे साथ हो.. डिलीट करते ही नहीं रहोगे..
गौतम - ऐसा नहीं है.. मुझ पर भरोसा कर.. देख मुझे तू पसंद है पर यार मर्द को चुत चाहिए होती है.. उसके बिना मर्द जात क्या करेगा?
सिमरन - मेरी गांड से भी तो काम चल सकता है तेरा.. देखो आज तक मैं डर डर के जीती आई हूँ.. मेरा राज सिर्फ मेरी फॅमिली को पता है.. ये बाहर किसी औऱ को ना पता लग जाए इसलिए मैंने किसी से दोस्ती नहीं की.. भईया से ही अपने दिल की बातें करती आई हूँ.. औऱ उन्होंने ही मुझे संभाला है.. तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए थे मगर मैं डर गई थी की तुम मेरा राज़ जानने के बाद मुझे नकार दोगे.. औऱ तुम वही कर रहे हो.. मगर मेरे रसगुल्ले मैं अपने इस दिल को कैसे समझाऊ जो तुझे देखकर इतना जोर से धड़ककर उछल रहा है जैसे अभी बाहर आकर तुमसे अपना हाल कह देगा.. मेरे प्यार को मत ठुकराओ गौतम.. मुझे अपना बना लो.. मैं तुम्हारी हर बात मानुँगी.. जो तुम बोलोगे वही करुंगी बस मेरे दिल को ऐसे मत तोड़ो..
गौतम - मेरे हाथ पैर बाँध कर अपनी छोटी सी लुल्ली से मेरी गांड मारने के बाद अब ये इमोशनल ड्रामा करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती? पक्की ड्रामेबाज़ है तू.. अब जल्दी बता तू क्या चाहती है मुझे वापस नीचे लोन में जाना है औऱ शादी एन्जॉय करनी है..
सिमरन - तुम बताओ तुम्हे क्या करना है.. मेरे होंठों से बदला लोगे या चुचो से खेलोगे? Blowjob दूँ या मेरे रसगुल्ले को मेरी गांड चाहिए?
गौतम मुस्कुराते हुए - सिम्मी सच कहु तो मैं पहली नज़र में तेरे प्यार में ही पड़ गया.. पर क्या करू.. मर्द हूँ.. बस चुत दिखती है.. अपने अलवा किसी औऱ का लंड देखकर मुंह से सिर्फ गाली निकलती है.. भूल गया था जज़्बात सबके होते है.. मगर तूने जो मेरे साथ वो बहुत गलत था..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तो उसका बदला भी तो लोगे तुम अभी.. अपने इतने मोटे लंड से मेरी गांड मारोगे.. पता नहीं क्या हाल होगा मेरी गांड का.. मुझे तो बहुत दर्द दोगे तुम.. मैं कैसे सह पाउंगी वो सोचा है तुमने.. होंठों से होंठ मिलाकर चूमने जितना आसान थोड़ी है गांड मराना.. मेरी तो छोटी सी थी तुम्हे तो पता भी नहीं चला होगा.. पर मेरा क्या होगा..
गौतम सिम्मी की सलवार कुर्ती उतारते हुए - ये तो पहले सोचना चाहिए था.. वैसे फिगर सच बहुत सेक्सी है तेरा.. तू तो गांड से भी जन्नत का सफर करवा सकती है..
सिमरन मुस्कुराते हुए - मुझे तो लगा था तुम मानोगे ही नहीं.. पर थोड़ा सा इमोशनल होकर दो मीठी बात क्या की.. तुम तो मोम की तरह पिघल गए.. जितना सुन्दर चेहरा है उतना ही सुन्दर दिल भी है तुम्हारा मेरे रसगुल्ले.. तुम किसी को रोते हुए नहीं देख सकते ना..
गौतम सिम्मी के बूब्स मसलकर दबाते हुए - गलत.. मुझे तो तुम्हारे जैसी खूबसूरत कालिया बिस्तर में रोते हुए देखना बहुत पसंद है.. थोड़ी देर बाद तुम भी रोने लगोगी..

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सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर चूमकर - ऐसे रोने के लिए तो कब से तरस रही हूँ मेरे रसगुल्ले.. हमेशा सोचती थी कौन होगा जो मुझे अपना बनाएगा.. तुम्हारे लिए तो मैं ख़ुशी खुशी अपनी गांड का क्या जान भी कुर्बान कर दू.. कुछ देर की मुलाक़ात ने मेरे दिल में तुम्हारी वो जगह बना दी है जो सालों के बाद भी लोग नहीं बना पाते.. मेरी लाइफ के पहले मर्द हो तुम.. औऱ अब लगता है आखिरी भी..
गौतम चुचे मसलकर अब चुचे पर अपना मुंह लगा देता है औऱ सिम्मी के तने चुचो पर खड़े हुए चुचक चूसते हुए कहता है - बातों की तो जादूगरनी है तू.. जितनी प्यारी शकल है उतनी प्यारी बातें भी करती है.. पर मुझसे ज्यादा लगाव मत कर लेना.. मैं आवारा हवा का झोका हूँ.. पल दो पल के लिए ठहरता हूँ..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने चुचे चुसवाती हुई कहती है - तुम चिंता मत करो गौतम.. मैं कभी तुमपर कोई दबाब नहीं बनाउंगी.. मैं जानती हूँ मैं तुम्हे हर तरह से संतुष्ट नहीं कर सकती.. औऱ जोर जबरदस्ती से तुम्हे हासिल करके भी तुमसे दूर ही रह जाउंगी.. इसलिए बस तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहती हूँ औऱ कुछ नहीं.. आह्ह.. रसगुल्ले.. आराम से.. आहहह... दांतो से तो मत काट मेरे निप्पल्स को.. कितना जोर से चूसता है तू.. बचपन में आंटी को तो बहुत दर्द होता होगा तुझे दूध पिलाने में.. दांतो से बहुत तेज़ काटता होगा तू तो उनके निप्पल्स को बचपन में..
गौतम मुस्कुराते हुए - मैं तो अब भी बहुत तेज़ काटता हूँ औऱ वो मुझे अब भी प्यार से अपना दूध पिलती है.. मगर तेरी तरह हल्का सा दाँत लगने पर आह्ह.. उह्ह्ह.. नहीं करती..
सिमरन गौतम के बालों में हाथ फेरती हुई - अब आज पहली बार कोई मर्द मेरे चुचो को चूस रहा है, वो भी दांतो से खींचते हुए काट कर.. मुंह से आह्ह तो निकलेगी ही.. औऱ आंटी आज भी तुम्हे अपना दूध पीलाती है? सच में?
गौतम सिम्मी के कूल्हे पकडकर मसलते हुए - शर्त लगाती हो?
सिमरन - मुझे नहीं लगानी शर्त वर्त.. जितने प्यारे तुम हो ना.. तुम्हे तो कोई भी अपना दूध पीला सकता है..
गौतम सिमरन की आँखों में देखकर - सिम्मी..
सिमरन - हम्म्म...
गौतम - मुझे हमारे लिए सच में बुरा लग रहा है.. ऊपर से नीचे तक पारियों जैसा हुस्न होने के बाद भी तुम मुझे औऱ मैं तुम्हे पूरी तरह अपना नहीं बना सकते..
सिमरन गौतम के निचले होंठ को अपने दांतो से खींचकर चूमती हुई - हमारा मिलन अधूरा होकर भी पूरा है मेरे रसगुल्ले.. मैंने जब भी ऊपर वाले से दुआ की, तब यही माँगा कि मुझे एक प्यारा सा लड़का अपना ले.. मैं जैसी हूँ वैसी ही मुझे अपनी बना ले औऱ कभी मेरा साथ नहीं छोड़े.. औऱ देखो आज मुझे तुम मिल गए.. 19 साल की मैं हूँ औऱ तुम भी मुझे 18-19 साल के ही लगते हो..
गौतम - तुमसे एक साल बड़ा हूँ मैं.. पुरे बीस साल का..
सिमरन - हरकतो औऱ चेहरे से तो बिलकुल भी नहीं लगते..
गौतम - अच्छा औऱ कोई ख्वाहिश है? बता दो आज तुम्हारी सब ख्वाहिस पूरी होने वाली है...
सिमरन कुछ सोचकर - तुम सच में करोगे मेरी ख्वाहिश पूरी?
गौतम - 100 परसेंट..
सिमरन - सोच लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे? बहाने बनाने लगो कहीं.. ये नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं होगा? मर्द जात हो.. कहीं तुम्हरा ego हर्ट हो जाये..
गौतम मुस्कुराते हुए - blowjob चाहिए?
सिमरन हैरत हुए - तुम्हे कैसे पता?
गौतम - तुम्हारी आँखों से..
सिमरन - तो बोलो.. दोगे अपनी इस दिवानी को blowjob?
गौतम सिम्मी के नीचे जांघो के जोड़ आते हुए - आज तक सिर्फ लिया है.. दिया कभी नहीं.. लेकिन तुम्हारे लिए कोशिश करता हूँ..
सिमरन - गौतम सिगरेट दो ना एक..
गौतम सिम्मी का छोटा सा लोडा पकड़ के धीरे धीरे हिलाते हुए - मैं जेब में थोड़ी लेके घूमता हूँ.. वहा पीछे बेड के बगल की ड्रावर में होगी..
सिमरन सिगरेट निकालकर सुलगती है औऱ एक लम्बा कश मारकर धुआँ छोड़ते हुए गौतम से कहती है - अगर मन नहीं है तो छोड़ दे रसगुल्ले.. मत कर.. मैं जबरदस्ती नहीं करुँगी.. मैं नहीं चाहती तुम बिना मन के कुछ भी मेरे साथ करो..
गौतम सिमरन की लुल्ली का टोपा चूमकर उसकी लुल्ली मुंह में लेते हुए - ड्रामा बंद कर साली.. बस मुंह में मत निकालना..
सिमरन मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - काश तू सच में जिंदगी भर के लिए मेरा हो जाए रसगुल्ले..
गौतम लंड चूसता हुआ - ताकि तू हर रात मेरी गांड मार सके..
सिमरन हसते हुए - तो क्या हुआ.. इतनी छोटी सी तो है मेरी.. तुम्हे कोनसा फर्क पड़ेगा.. औऱ बदले में तुम्हारा इतना बड़ी भी तो झेलूंगी हर रात.. तुम्हे जैसी बीवी चाहिए बिलकुल वैसी बनकर दिखाउंगी..
गौतम - रहने दो.. तेरा निकलने वाला हो तो बता देना..
सिमरन सिगरेट के कश लेती हुई गौतम का सर अपनी लुल्ली पर दबाती हुई - पूरी लो ना गौतम.. इतनी सी तो है मेरी.. तुम्हारी जगह मैं होती तो लुल्ली के साथ टट्टे भी चूस जाती.. एक साथ.. शर्माओ मत.. चुसो पूरी मुंह में लेके..
गौतम - चूस तो रहा हूँ.. तुम्हारी तो अब दिमाड ही बहुत बढ़ने लगी है..
सिमरन सिगरेट का कश लेकर धुआँ गौतम के ऊपर छोड़ती हुई - अच्छा.. अब पता चला हम कैसे करते है ये सब? जब मेरे मुंह में अपना लंड दिया था तब तो बहुत बोल रहे थे.. ऐसे नहीं ऐसे चुसो.. ये करो.. वो करो.. औऱ ना जाने क्या क्या.. तब तो तुम्हारी दिमाड ही ख़त्म नहीं हो रही थी अब क्या हुआ? (गौतम के मुंह में पूरा लोडा घुसते हुए) चुसो चुपचाप..आहहह... रसगुल्ले... ऐसे.. अहह.. अहह..
सिमरन सिगरेट के कश लेते हुए अपनी चार इंच की लुल्ली गौतम के मुंह में पूरी तरह घुसा कर उसे चूसा रही थी औऱ कामुक निगाहो से गौतम का मासूम चेहरा देखकर मन ही मन उसके प्यार में डूबती जा रही थी.. कुछ ही देर के बाद सिमरन झड़ने लगी तो गौतम ने लंड मुंह से निकाल दिया मगर फिर भी सिमरन की लुल्ली से निकली एक दो धार तो गौतम के मुंह में गिर ही गई थी जिसे गौतम थूकता हुआ टेबल पर से पानी की बोतल उठाकर कुल्ला करने लगा..

गौतम - साली तुझे कहा था ना.. निकलने वाला हो तो बोल देना..
सिमरन - तुमने अपना माल निकालने से पहले बोला था जो मुझसे उम्मीद रखते हो. मेरे तो मुंह में पूरा माल गिरा दिया औऱ गले से नीचे भी उतार दिया.. तब तो तुम बड़े खुश हो रहे थे. अब क्या हुआ? मुझे तो अपना माल पीलाया था तुमने..
गौतम सिम्मी को देखकर अपनी पेंट नीचे करके लंड निकालकर हिलाते हुए - मेरा माल तो साली तू अब भी वापस पीयेगी... ये कहते हुए गौतम सिमरन के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लोडा घुसा देता है.. औऱ उसे अपना लंड चूसाने लगता है..

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सिमरन - आह्ह आराम से ना.. गौतम.. आराम से.. आह्ह..गुगुगुगुगुगुगु...
सिम्मी गौतम के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती हुई गौतम को देखती है औऱ गौतम सिमरन को देखकर बोलता है..
गौतम - बहुत बोलना आ रहा था ना तुझे.. अब बोल.. इस छोटी सी लुल्ली के दम पर खुदको मर्द समझने लगी है तू.. मुझसे लुल्ली चूसाएगी साली... अब खुद चूस.. बहन की लोड़ी.. पूरा मुंह में देगी.. अब ले ना मुंह में पूरा.. क्या हुआ? आ नहीं रहा क्या मेरा लोडा मुंह में? साली ये मर्द का लंड है तेरी जैसी कमसिन कली का नहीं.. तू मुझे लंड चुसवाएगी साली.. लंड चूसना तुम लड़कियों का काम है हम मर्दो का नहीं.. हमारा काम तुम्हे अपना लंड चुसवाना है.. समझी? मैंने इमोशनल होकर थोड़ा सा चूस क्या लिया खुदको मर्द समझने लग गई तू तो.. मेरे मुंह में निकालेगी बहन की लोड़ी.. चूस.. ले मुंह में..
सिमरन - ले तो रही हूँ जितना मुंह में आ रहा है.. तुम तो जबरदस्ती करने पर उतारू हो गए.. मुझे ज्यादा मर्द बनके दिखाओगे ना तो दांतो से लंड पर ऐसा काट के खाऊंग्गी की याद रखोगे..
गौतम सिम्मी को पलटकर बेड पर झुकाते हुए - जबरदस्ती की कहा है मेरी फुलझड़ी.. जबरदस्ती तो अब होगी..
ये कहकर गौतम सिम्मी की गांड पर थूक देता है औऱ हाथों से सिमरन की गांड के छेद पर थूक लगाने लागता है..
सिमरन सिर मोड़कर गौतम को देखते हुए - मेरा पहली बार है रसगुल्ले.. मुझे ख़ुशी है की मेरी पसंद का कोई लड़का मेरे साथ ये सब कर रहा है..
गौतम सिम्मी की कमर पकड़कर उसकी गांड के छेद पर अपना लंड सेट करके दबाब बनाते हुए - पहली बार शायद थोड़ा दर्द होगा सिम्मी.. संभाल लेना..
सिमरन मुस्कुराते हुए - इस दर्द के लिए तो कब से इंतजार कर रही थी.. मेरी चिंता मत करो गौतम तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे बदन का मज़ा लो.. मैं तुम्हे हर तरह से खुश कर देना चाहती हूँ..

गौतम सिम्मी की बात सुनकर अपना लोडा उसकी गांड में घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा लंड के थोड़े से हिस्से के साथ सिमरन की गांड में घुस जाता है औऱ सिमरन की पहली दर्द औऱ काम से मिश्रित चिंख निकल जाती है मगर बाहर लोन में चलते dj की आवाज में सिम्मी की चिंख दब चुकी थी..
गौतम कुछदेर स्थिर रहकर धीरे धीरे अपना लंड सिमरन की गांड में धकेलने लगता है औऱ कड़ी मेहनत औऱ मशक्कत के बाद अपना आधे से थोड़ा सा ज्यादा लंड सिमरन की गांड में डाल देता है.. सिमरन गौतम के लंड को झेल गई थी उसकी गांड में होता दर्द औऱ गौतम को सुख देने की प्रबल इच्छा उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी..
गौतम भी सिमरन का पूरा ख़याल रखते हुए उसकी गांड का उद्घाटन करने मे लगा हुआ था.. गौतम ने बहुत धीरे धीरे सिमरन की गांड को अपने लंड से खोल दिया था औऱ अब धीरे धीरे बिस्तर उल्टी पड़ी हुई सिमरन को पीछे से चोदने में लगा हुआ था..

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सिमरन की काममय सिस्कारीया पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी मगर कमरे से बाहर dj की आवाज में वो सिस्करीया कहीं दब रही थी..
गौतम ने सिमरन को घोड़ी बनाके पीछे से उसके दोनों बूब्स पकड़ कर सिमरन की गांड मारना शुरू कर दिया औऱ सिमरन अब काम शक्ति से परिचित होकर आँख बंद किये सिसकियाँ ले रही थी औऱ गौतम से चुदवा रही थी.. सिमरन को इस मिलन में अदभुद सुख मिल रहा था..
गौतम ने बूब्स छोड़कर सिमरन के बाल पकड़ लिए औऱ जोरदार 5-6 धक्के मारे जिससे गौतम का सारा लंड सिमरन की गांड में घुस गया औऱ सिमरन के गले से जोरदार चिंख निकल गई जो कमरे बाहर dj की आवाज में कहीं खो गई.. सिमरन को अपनी गांड के गोदाम बनने की खुशखबरी मिल चुकी थी जिसे वो जोर जोर से चिल्लाती हुई सबको बताना चाहती थी मगर वहा सिमरन को सुनने वाला कोई था ही नहीं..

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गौतम - उफ्फ्फ.. सिम्मी.. मान गए यार.. क्या गांड है तेरी.. मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में..
सिमरन हलकी सी रोती हुई - कमीने एक दम से क्या हो गया तुझे.. धीरे कर ना.. औऱ मज़ा आएगा ही ना.. सील जो तोड़ दी तूने आज मेरी..
गौतम - सिम्मी बहुत प्यारी है यार तू सच में.. पहली बार ऐसा हुआ है चोदने के कुछ देर में ही मेरा झड़ने का मन हो रहा है..
सिमरन - मुंह में झाड़ना मेरे रसगुल्ले.. मुझे तेरा रस पिना है..
गौतम जोर के झटके मारके गांड चोदते हुए - पीला दूंगा यार.. उफ्फ्फ कयामत है तू तो..
सिमरन सिसकियाँ लेते हुए - गौतम आराम से बहुत दर्द हो रहा है मुझे.. आह्ह.. धीरे..
गौतम लगातार तेज़ तेज़ चोदते हुए - थोड़ा सा दर्द नहीं सह सकती तू अपने रसगुल्ले के लिए?
सिमरन चिल्लाते हुए - गौतम आराम से यार..
गौतम - धीरे ही चोद रहा हूँ.. अभी तो टॉप गियर डाला ही नहीं..
सिमरन - तुम तो बहुत दर्द देते हो गौतम.. मेरी जान निकाल दोगे..
गौतम हल्का धीरे होते हुए - सिमरन बहुत मस्त गांड है तुम्हारी मन करता है पूरी रात चोदता रहु..
सिमरन - तू कुछ भी कर मेरे रसगुले तुझे सब आजादी है.. बस मुझे औऱ ज्यादा दर्द मत दे.. पहला मिलन इतना भी यादगार मत बना की याद करते ही गंद में दर्द होने लगे..

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गौतम गांड मारते हुए - आई लव यू सिमरन.. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है मैंने तुझे पहले कहीं देखा है.. तेरे मेरे पहले का कोई नाता है.. कोई रिश्ता है कोई बंधन है..
सिमरन - पहले का तो पता नहीं रसगुल्ले.. पर अब आगे जरूर हमारा रिश्ता होगा.. प्यार का रिश्ता.. आह्ह..
गौतम गांड मारना बंद करके लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करके - होने वाला है सिम्मी.. आजा लेले मेरा लंड मुंह में..

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सिमरन लोडा मुंह में लेकर चूसने लगती है औऱ कुछ पलों में गौतम सिमरन के मुंह में झड़ जाता है जिसे सिमरन पी जाती है औऱ गौतम को गले से लगाकर kiss करते हुए कहती है..
सिमरन - तू दिल में बस गया रसगुल्ले... सच्ची मोहब्बत हो गई तुझसे..
गौतम सिमरन के होंठों को चूमकर - चल अब शादी भी इंजॉय कर लेते है थोड़ा.. 9.30 बजने वाले है..
सिमरन - तुम जाओ.. मुझे थोड़ा समय लगेगा आने में..
गौतम - ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी.. पर जल्दी आना.. औऱ वीडियो डिलीट कर देना..
सिमरन - वो तो कब का कर दिया चाहो तो फ़ोन देख लो..
गौतम सिमरन का बोबा पकड़ कर चूसते हुए - सच में डिलीट कर दिया ना? साली तेरी माँ चोद दूंगा अगर झूठ बोला तो तूने?

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सिमरन गौतम के होंठ चूमकर - मुझे चोद कर मन नहीं भरा जो अब मेरी माँ भी चोदनी है तुम्हे.. वीडियो सच में डिलीट कर दिए मैंने.. मैं अपनी मोहब्बत को बदनाम थोड़ी कर सकती हूँ...
गौतम - चोदने लायक हुई तो तेरी माँ भी चोद दूंगा.. मुझे तो सब पसंद है.. मिल्फ ज्यादा पसंद है..
सिमरन हस्ती हुई - अब कपडे पहन लो .. तुमको ऐसे देखकर मेरा मूंड वापस बन रहा है.. जा मैं आती हूँ..
गौतम अपने कपडे पहनकर लोन की तरफ निकल जाता है औऱ सिम्मी अपने आपको ठीक करके बदन में आ चुकी लचक को काबू करने लगती है...

*********

मनोज - क्या हुआ भाई? मज़ा नहीं आया क्या मेरी बहन के साथ?
गौतम - साले तेरी बहन है या मिया खलीफा? कितनी वहशी है..
मनोज - उसकी गलती नहीं है भाई.. तू है ही इतना चिकना वो भी क्या करें? वैसे कैसी लगी ये बता?
गौतम - तू नहीं जानता कैसी है वो?
मनोज - भाई बहन है मेरी.. हमारे बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती है.. ऐसा वैसा कुछ नहीं.. मैंने आज तक उसे छुआ तक नहीं..
गौतम - लगता है सिर्फ बेलन से ही काम चलाया है उसने आज तक..
मनोज - पूरा मोहल्ला आगे पीछे घूमता है सिम्मी के.. पर किसी को भाव तक नहीं देती..
गौतम - देगी कैसे डरती होगी कोई सलवार में तलवार देखकर डर ना जाए.. वैसे जितनी खूबसूरत वो है ना.. भगवान ने अच्छा नहीं किया उसके साथ.. बेचारी की चुत पर छोटा सा लोडा चिपका दिया..
मनोज - पर भाई मज़ा तो पूरी लड़की वाला दिया होगा उसने.. तभी तेरा मूंड पहले से अच्छा लग रहा है..
गौतम - वो तो है.. गांड में ही जन्नत मिल गई मुझे तो.. ऊपर से इतना सेक्सी फिगर है घोड़ी बनाने के बाद तो नशा ही हो गया था मुझे..
मनोज - जरुरत से ज्यादा तो नहीं पेला ना तूने? अभी तो बेचारी 19 साल की फूल सी बच्ची है..
गौतम - भाई तेरी फूल सी बहन को अच्छे से खिला दिया मैंने.. मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी.. मैंने थोड़ी सी की तो अकल आ गई उसे..
मनोज - पर है कहाँ वो? साथ क्यों नहीं आई..
गौतम - ठीक से चला जाएगा तब साथ आयगी ना.. अब तो बदन में लचक आ गई उसके.. देख वो आ रही.. कैसे बलखाते हुए आ रही है..
मनोज - अरे बहनचोद तूने तो रगड़ दिया लगता है.. मम्मी पापा देख लेंगे तो बहुत सुनाएंगे इसे..
गौतम - कुछ भी बोल देना यार.. क्या परेशान हो रहा है..

सिम्मी आकर अपने भाई के सामने गौतम को kiss कर लेती है औऱ प्यार से कहती है - चल रसगुल्ले... खाना खाते है साथ में.. भईया आप भी चलो..
मनोज - अभी रहने दे.. बहुत भीड़ है खाने पर.. थोड़ी कम हो जाए फिर चलते है खाने.. तब तक एक एक पेग औऱ ले लेते है.. चल.. स्टेज के पीछे खाली जगह वहा चलते है..
गौतम - वहां मत जा.. रांडे चुद रही है वहा पर...
मनोज - अरे कोई नहीं था अभी तो..
गौतम - भाई तब रांडे नाच रही थी.. अब नाच गाना ख़त्म हो गया तो सारी रंडिया स्टेज के पीछे खाली जगह में मेहमानो के लोडे खा रही है.. सब घराती बराती मिलकर चोद रहे है.. भईया के दोस्त औऱ अंकल के यार लोग सब मिलके पेल रहे है.. रंडियो को घोड़ी बनाकर..
मनोज - तूने नहीं चोदी रांड?
गौतम सिम्मी के गले में हाथ डालकर उसकी चूची मसलते हुए - तेरी बहन चोद रहा था ना.. औऱ मुझे रंडी चोदने का ज्यादा शोक भी नहीं है.. कोई घरेलु मिल जाए तो बात अलग है..
मनोज - तू तो मेरी बहन की ले रहा है मैं किसकी लू यार..
सिम्मी - सच में.. रसगुल्ले.. मेरे भाई के लिए भी कुछ कर ना.. बेचारा अपने हाथों से काम चलाता है..
गौतम फ़ोन निकालते हुए - करता हूँ तेरी व्यवस्था..
सिम्मी मुस्कुराते हुए अपनी चूची पर से गौतम का हाथ हटा कर - भईया के सामने मत कर..
गौतम - शर्मा क्यों रही है मेरी जान... साला है मेरा.. इसके सामने तेरे चुचे दबाउ या गांड मारु.. ये कुछ नहीं बोलने वाला..

गौतम फ़ोन पर - हेलो.. चेतन भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - भईया वो एक बात करनी थी आपसे..
चेतन - हाँ बोल ग़ुगु.. क्या बात है..
गौतम - भईया नचाने वाली औरते आई है ना..
चेतन - हाँ..
गौतम - भईया उनमे से जो नीली साडी में थी ना.. उससे मिलना है...
चेतन - नहीं ग़ुगु.. बुआ या माँ-पापा को पता लगा तो बहुत सुनाएगे मुझे.. वो सब रंडिया है तू अभी बच्चा है इन सब से दूर रह..
गौतम - भईया सब एन्जॉय कर रहे है मुझे छोड़कर.. औऱ पता कैसे चलेगा.. आप थोड़ी बताओगे.. ना मैं बताने वाला.. प्लीज भईया.. बहुत मन हो रहा है..
चेतन - अच्छा ठीक है नीली साडी वाली तो अंकल ज़ी के साथ है कोई दूसरी भेज रहा हूँ तेरे रूम में.. जल्दी से काम करके वापस लोन में आ जाना.. किसी को पता ना चले..
गौतम - ठीक है भाईया.. जैसा आप कहो..
चेतन - औऱ कंडोम याद से लगा लेना.. ये सब रंडिया है रोज़ किसी ना किसी से चुदवाती है.. चल रखता हूँ..

गौतम - ले साले.. तेरा जुगाड़ भी करवा दिया.. जा मेरे रूम में वहा आ जायेगी तेरे लिए कोई ना कोई रांड..
मनोज - तू भी चल ना..
गौतम सिमरन को देखकर - नहीं मैं यही ठीक हूँ तू जा..
सिम्मी - भईया वापस जाना है जरा जल्दी आना.. पापा का फ़ोन आया था बुला रहे थे..
मनोज - ठीक है..

मनोज गौतम के रूम में चला जाता है औऱ वहा कुछ देर बाद एक रांड आ जाती है मनोज औऱ उस रांड में कुछ देर चुदाई होती है फिर 15-20 बाद मनोज वापस लोन में आ जाता है औऱ सिम्मी को लेके वापस जाने लगता है..
गौतम - सिम्मी आज रात मेरे पास नहीं रुक सकती? मन नहीं कर रहा तुझे अपने दूर करने का..
सिमरन - मन तो मेरा भी नहीं है रसगुल्ले तुझसे दूर जाने का.. पर क्या करू.. पापा बहुत स्ट्रिक्ट है नहीं मानेगे मुझे छोड़ने के लिए.. मैं फ़ोन करुँगी..
गौतम - अपना ख्याल रखना सिम्मी..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तुम भी अपना ख्याल रखना रसगुल्ले..
मनोज दोनों का चुम्बन देखकर - अरे यहां मैं भी हूँ कुछ तो शर्म करो.. यही सब करना है अकेले में कहीं जाकर कर लो..
सिम्मी चुम्बन तोड़कर - चूमने दो ना भईया.. बड़ी मुरादो के बाद तो मुझे मेरा रसगुल्ला मिला है.. मन तो कर रहा है इसे भी अपने साथ ले जाऊ..
मनोज - पापा का फ़ोन आ रहा है सिम्मी चल..
गौतम मनोज से - साले इसका ख्याल रखना.. ये मेरी है..
मनोज - उसकी चिंता मत कर भाई.. बस मेरी बहन से जल्दी मिलने आना.. बेचारी बहुत अकेले रही है.. अब इसे प्यारकी जरुरत है..
सिमरन वापस गौतम को चूमते हुए - बाए मेरे रसगुले.. इंतजार करूंगी तुम्हारा.. जल्दी मिलने आना..
गौतम - बाय जान..
मनोज गौतम से गले मिलता हुआ - चल भाई.. चलता हूँ..
गौतम - अपनी बहन का ख्याल रखना यार.. बहुत प्यारी है..
मनोज सिमरन को साथ लेकर पार्किंग की तरफ चला जाता है औऱ एक वाइट कार में अपने माँ पापा के साथ बैठ जाता है.. कार वहा से चली जाती है गौतम मुस्कुराते हुए कार को जाते हुए देखता रहता है..



Ye jaruri tha kya mujhe to laga tha ritu ka number lagega
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Update 24

गौतम को आता देखकर मनोज मुस्कुराते हुए उसे आवाज देकर बुलाता है - गौतम...
गौतम मनोज को देखकर उसकी तरफ आता है औऱ एक थप्पड़ उसके गाल पर मारकर बोलता है - बहन के लंड.. बता नहीं सकता था तेरी बहन की सलवार में तलवार है..
मनोज थप्पड़ खाकर भी हसने लगता है औऱ कहता है - लगता है लेने की जगह देकर आ रहा है..
गौतम मनोज के हाथों से पेग लेकर एक घूंट में खींच जाता है..
मनोज - अरे धीरे धीरे एक बार में ख़त्म कर जाएगा क्या? औऱ गुस्सा क्यों कर रहा है? इतनी खूबसूरत लड़की से गांड मरवाई है तुझे तो खुश होना चाहिए..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा.. माँ के लोडे अब औऱ कुछ बोला तो.. साले नवाबो वाले शोक नहीं है मेरे..
पीछे से सिमरन आती हुई - बात तो ऐसे कर रहे हो जैसे मुझसे मरवाने के बाद तुम्हारी गांड किसी काम की ही नहीं रही हो.. इतना जोर का थप्पड़ मारके आये हो देखो मेरे गाल पर उंगलियां छप गई तुम्हारी..
गौतम - तुम दोनों भाई बहन ना मुझसे दूर रहना.. समझें? ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है..

गौतम यहां से सीधा वेडिंग हॉल में आ जाता है औऱ एक टेबल पर बैठी हुई सुमन के करीब आकर बैठ जाता है जहा सुमन वेटर से दो गिलास जूस लेकर एक गौतम के सामने रख देती है औऱ एक खुद पीते हुए गौतम से पूछती है..
सुमन - क्या हुआशहजादे मुंह क्यों लटकाया हुआ है?
गौतम जूस पीते हुए - कुछ नहीं.. बस मूंड थोड़ा खराब है..
सुमन - क्यों किसी ने कुछ कहा है क्या?
गौतम - नहीं माँ.. बस ऐसे ही..
सुमन - तो थोड़ा मुस्कुरा ना ग़ुगु.. चल मुस्कुरा दे अब. इतने प्यारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती..
सिमरन आते हुए - वही तो मैं भी समझा रही थी आंटी.. मगर गौतम समझने को ही तैयार नहीं है..
ये कहते हुए सिमरन गोतम के बगल में आकर बैठ जाती है..
सुमन - तुम?
सिमरन - आंटी मैं गौतम की गर्लफ्रेंड.. मतलब फ़्रेंड हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - गर्लफ्रेंड.. ओ हो.. लगता है लड़ाई हो गई है दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में..
सिमरन - लड़ाई कहाँ आंटी.. यही मुझे सता रहा है.. देखो कितना जोर का थप्पड़ मार दिया इसने मुझे...
सुमन सिमरन का गाल देखकर - ग़ुगु? तूने हाथ उठाया इसपर? मैंने ये सिखाया है तुझे? कितनी फूल सी प्यारी बच्ची है..
सिमरन - देखो ना आंटी.. छोटी सी बात पर थप्पड़ मार दिया इसने.. औऱ फिर भी मुंह फुला के बैठा है..
गोतम गुस्से से सिमरन को देखता हुआ - तुझे कहा था ना दूर रहना.. क्यों आ गई पीछे पीछे?
सिमरन रोने का नाटक करते हुए - आंटी इसने शादी का वादा किया है मुझे गर्लफ्रेंड बनाया है अब मुझे छोड़ने की बात कर रहा है..
सुमन - अरे तुम दोनों में जो हुआ है मुझे उससे दूर रखो.. अपना मसला खुद हल करो.. मुझे छोड़ दो.. गौतम अब हाथ नहीं उठाना इस बच्ची पर...
सिमरन - सिमरन.. आंटी.. सिमरन नाम है मेरा..
सुमन - हाँ.. सिमरन पर हाथ मत उठाना औऱ प्यार से बात करना..

सुमन ये कहते हुए आरती के पास चली जाती है औऱ सिमरन गोतम को मुस्कुराते हुए देखकर कहती है - देखो चुपचाप मेरे साथ चलो औऱ जो काम तुमने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा करो वरना..
गौतम - वरना क्या?
सिमरन फ़ोन निकालकर - वरना पुरे शहर में तुमको फेमस कर दूंगी.. कहो तो नेट पर वायरल कर दू तेरा मेरा mms?
गौतम गुस्से में - तू बहन की लोड़ी पागल वागल है क्या? डिलीट कर उसे..
सिमरन - पहले बोल आई लव यू..
गौतम - लव यू.. अब डिलीट कर उन वीडियो को..
सिमरन - चलो मेरे साथ..
गौतम - कहाँ?
सिमरन - वही यहां से मुझे अकेला छोड़ के आ गए थे..
गौतम - देख मुझे प्रॉपर लड़की में इंट्रेस्ट है आधी अधूरी में नहीं..
सिमरन - ऊपर वाले ने चुत की जगह लंड चिपका दिया तो इसमें मेरा क्या कसूर? मुझे तो तुम पसंद हो.. औऱ मैं अब तुम्हारा पीछा तो किसी हाल में नहीं छोड़ने वाली.. अब चलो वरना मेरा पागलपन तुम नहीं जानते.. मुझे अपनी बिलकुल परवाह नहीं है..
गौतम - अब वहां जाकर क्या करना है? तुमने मार तो ली मेरी गांड.. अब क्या लंड पकड़ के हिलाउ मैं तुम्हारा..
सिमरन - मैंने तो मार ली मगर तुमने कहा मारी है मेरी?
गौतम - मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है समझी.. अब ये वीडियो डिलीट करो..
सिमरन गुस्से में - अगर 15 मिनट में तुम उसी जगह वापस नहीं आये तो मैं ये वीडियो वायरल कर दूंगी.. समझा?

ये कहकर सिमरन चली जाती है..गौतम को सिमरन पर गुस्सा आ रहा था जिस तरह से सिमरन ने धोके से अपने छोटे से लंड से गौतम कि गांड का स्वाद लिया था वो गौतम को पसंद नहीं आया था जिसे उसने खुले तौर पर सिमरन से बयाँ कर दिया था.. मगर mms के वायरल होने का डर उसे वापस सिमरन के पास खींच ले गया औऱ गौतम वापस होटल के रूम में जाकर दरवाजा लगाते हुए सिमरन से गुस्से में बोला..
गौतम - देख सिम्मी चुपचाप सीधी तरह वीडियो डिलीट कर वरना अच्छा नहीं होगा.. तू मुझे भी नहीं जानती ठीक से..
सिमरन गौतम को गले लगाकर बेड पर गिराती हुई - कर दूंगी डिलीट.. पर इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लो मुझसे..
गौतम - मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है तुम्हारे अंदर.. समझी..
सिमरन - इंट्रेस्ट नहीं था तो मेरे पास क्यों आये थे तुम? तब तो बहाने बहाने से बात करने की कोशिश कर रहे थे.. अब जब मैं बाहों में हूँ तो इस तरह मुंह फेर रहे हो.. ये तो बहुत दिल दुःखाने वाली बात है गौतम.. मुझे भगवान ने चुत की जगह लंड दिया है तो इसमें मेरी क्या गलती? क्या मुझे प्यार करने का हक़ नहीं है? मेरे चड्डी उतारने से पहले तो तुम कितनी प्यार से बात कर रहे थे.. मेरे होंठों से लेकर चुचो तक सब तुम्हे पसंद आ रहा था.. मेरा फिगर पसंद है ना तुम्हे? फिर क्यों मुझसे इस तरह रूखेपन से बात कर रहे हो..
गौतम - सिम्मी.. तू जो बोलोगी मैं वो सब कर लूंगा तुम्हारे साथ.. पर पहले वो वीडियो डिलीट करो..
सिमरन - इतनी पागल तो मैं भी नहीं हूँ.. वीडियो डिलीट कर दूंगी तो तूम मेरे बाहों से निकलकर कहा गायब हो जाओगे मुझे पता भी नहीं चलेगा.. उस वीडियो के कारण ही तुम यहां मेरे साथ हो.. डिलीट करते ही नहीं रहोगे..
गौतम - ऐसा नहीं है.. मुझ पर भरोसा कर.. देख मुझे तू पसंद है पर यार मर्द को चुत चाहिए होती है.. उसके बिना मर्द जात क्या करेगा?
सिमरन - मेरी गांड से भी तो काम चल सकता है तेरा.. देखो आज तक मैं डर डर के जीती आई हूँ.. मेरा राज सिर्फ मेरी फॅमिली को पता है.. ये बाहर किसी औऱ को ना पता लग जाए इसलिए मैंने किसी से दोस्ती नहीं की.. भईया से ही अपने दिल की बातें करती आई हूँ.. औऱ उन्होंने ही मुझे संभाला है.. तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए थे मगर मैं डर गई थी की तुम मेरा राज़ जानने के बाद मुझे नकार दोगे.. औऱ तुम वही कर रहे हो.. मगर मेरे रसगुल्ले मैं अपने इस दिल को कैसे समझाऊ जो तुझे देखकर इतना जोर से धड़ककर उछल रहा है जैसे अभी बाहर आकर तुमसे अपना हाल कह देगा.. मेरे प्यार को मत ठुकराओ गौतम.. मुझे अपना बना लो.. मैं तुम्हारी हर बात मानुँगी.. जो तुम बोलोगे वही करुंगी बस मेरे दिल को ऐसे मत तोड़ो..
गौतम - मेरे हाथ पैर बाँध कर अपनी छोटी सी लुल्ली से मेरी गांड मारने के बाद अब ये इमोशनल ड्रामा करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती? पक्की ड्रामेबाज़ है तू.. अब जल्दी बता तू क्या चाहती है मुझे वापस नीचे लोन में जाना है औऱ शादी एन्जॉय करनी है..
सिमरन - तुम बताओ तुम्हे क्या करना है.. मेरे होंठों से बदला लोगे या चुचो से खेलोगे? Blowjob दूँ या मेरे रसगुल्ले को मेरी गांड चाहिए?
गौतम मुस्कुराते हुए - सिम्मी सच कहु तो मैं पहली नज़र में तेरे प्यार में ही पड़ गया.. पर क्या करू.. मर्द हूँ.. बस चुत दिखती है.. अपने अलवा किसी औऱ का लंड देखकर मुंह से सिर्फ गाली निकलती है.. भूल गया था जज़्बात सबके होते है.. मगर तूने जो मेरे साथ वो बहुत गलत था..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तो उसका बदला भी तो लोगे तुम अभी.. अपने इतने मोटे लंड से मेरी गांड मारोगे.. पता नहीं क्या हाल होगा मेरी गांड का.. मुझे तो बहुत दर्द दोगे तुम.. मैं कैसे सह पाउंगी वो सोचा है तुमने.. होंठों से होंठ मिलाकर चूमने जितना आसान थोड़ी है गांड मराना.. मेरी तो छोटी सी थी तुम्हे तो पता भी नहीं चला होगा.. पर मेरा क्या होगा..
गौतम सिम्मी की सलवार कुर्ती उतारते हुए - ये तो पहले सोचना चाहिए था.. वैसे फिगर सच बहुत सेक्सी है तेरा.. तू तो गांड से भी जन्नत का सफर करवा सकती है..
सिमरन मुस्कुराते हुए - मुझे तो लगा था तुम मानोगे ही नहीं.. पर थोड़ा सा इमोशनल होकर दो मीठी बात क्या की.. तुम तो मोम की तरह पिघल गए.. जितना सुन्दर चेहरा है उतना ही सुन्दर दिल भी है तुम्हारा मेरे रसगुल्ले.. तुम किसी को रोते हुए नहीं देख सकते ना..
गौतम सिम्मी के बूब्स मसलकर दबाते हुए - गलत.. मुझे तो तुम्हारे जैसी खूबसूरत कालिया बिस्तर में रोते हुए देखना बहुत पसंद है.. थोड़ी देर बाद तुम भी रोने लगोगी..

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सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर चूमकर - ऐसे रोने के लिए तो कब से तरस रही हूँ मेरे रसगुल्ले.. हमेशा सोचती थी कौन होगा जो मुझे अपना बनाएगा.. तुम्हारे लिए तो मैं ख़ुशी खुशी अपनी गांड का क्या जान भी कुर्बान कर दू.. कुछ देर की मुलाक़ात ने मेरे दिल में तुम्हारी वो जगह बना दी है जो सालों के बाद भी लोग नहीं बना पाते.. मेरी लाइफ के पहले मर्द हो तुम.. औऱ अब लगता है आखिरी भी..
गौतम चुचे मसलकर अब चुचे पर अपना मुंह लगा देता है औऱ सिम्मी के तने चुचो पर खड़े हुए चुचक चूसते हुए कहता है - बातों की तो जादूगरनी है तू.. जितनी प्यारी शकल है उतनी प्यारी बातें भी करती है.. पर मुझसे ज्यादा लगाव मत कर लेना.. मैं आवारा हवा का झोका हूँ.. पल दो पल के लिए ठहरता हूँ..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने चुचे चुसवाती हुई कहती है - तुम चिंता मत करो गौतम.. मैं कभी तुमपर कोई दबाब नहीं बनाउंगी.. मैं जानती हूँ मैं तुम्हे हर तरह से संतुष्ट नहीं कर सकती.. औऱ जोर जबरदस्ती से तुम्हे हासिल करके भी तुमसे दूर ही रह जाउंगी.. इसलिए बस तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहती हूँ औऱ कुछ नहीं.. आह्ह.. रसगुल्ले.. आराम से.. आहहह... दांतो से तो मत काट मेरे निप्पल्स को.. कितना जोर से चूसता है तू.. बचपन में आंटी को तो बहुत दर्द होता होगा तुझे दूध पिलाने में.. दांतो से बहुत तेज़ काटता होगा तू तो उनके निप्पल्स को बचपन में..
गौतम मुस्कुराते हुए - मैं तो अब भी बहुत तेज़ काटता हूँ औऱ वो मुझे अब भी प्यार से अपना दूध पिलती है.. मगर तेरी तरह हल्का सा दाँत लगने पर आह्ह.. उह्ह्ह.. नहीं करती..
सिमरन गौतम के बालों में हाथ फेरती हुई - अब आज पहली बार कोई मर्द मेरे चुचो को चूस रहा है, वो भी दांतो से खींचते हुए काट कर.. मुंह से आह्ह तो निकलेगी ही.. औऱ आंटी आज भी तुम्हे अपना दूध पीलाती है? सच में?
गौतम सिम्मी के कूल्हे पकडकर मसलते हुए - शर्त लगाती हो?
सिमरन - मुझे नहीं लगानी शर्त वर्त.. जितने प्यारे तुम हो ना.. तुम्हे तो कोई भी अपना दूध पीला सकता है..
गौतम सिमरन की आँखों में देखकर - सिम्मी..
सिमरन - हम्म्म...
गौतम - मुझे हमारे लिए सच में बुरा लग रहा है.. ऊपर से नीचे तक पारियों जैसा हुस्न होने के बाद भी तुम मुझे औऱ मैं तुम्हे पूरी तरह अपना नहीं बना सकते..
सिमरन गौतम के निचले होंठ को अपने दांतो से खींचकर चूमती हुई - हमारा मिलन अधूरा होकर भी पूरा है मेरे रसगुल्ले.. मैंने जब भी ऊपर वाले से दुआ की, तब यही माँगा कि मुझे एक प्यारा सा लड़का अपना ले.. मैं जैसी हूँ वैसी ही मुझे अपनी बना ले औऱ कभी मेरा साथ नहीं छोड़े.. औऱ देखो आज मुझे तुम मिल गए.. 19 साल की मैं हूँ औऱ तुम भी मुझे 18-19 साल के ही लगते हो..
गौतम - तुमसे एक साल बड़ा हूँ मैं.. पुरे बीस साल का..
सिमरन - हरकतो औऱ चेहरे से तो बिलकुल भी नहीं लगते..
गौतम - अच्छा औऱ कोई ख्वाहिश है? बता दो आज तुम्हारी सब ख्वाहिस पूरी होने वाली है...
सिमरन कुछ सोचकर - तुम सच में करोगे मेरी ख्वाहिश पूरी?
गौतम - 100 परसेंट..
सिमरन - सोच लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे? बहाने बनाने लगो कहीं.. ये नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं होगा? मर्द जात हो.. कहीं तुम्हरा ego हर्ट हो जाये..
गौतम मुस्कुराते हुए - blowjob चाहिए?
सिमरन हैरत हुए - तुम्हे कैसे पता?
गौतम - तुम्हारी आँखों से..
सिमरन - तो बोलो.. दोगे अपनी इस दिवानी को blowjob?
गौतम सिम्मी के नीचे जांघो के जोड़ आते हुए - आज तक सिर्फ लिया है.. दिया कभी नहीं.. लेकिन तुम्हारे लिए कोशिश करता हूँ..
सिमरन - गौतम सिगरेट दो ना एक..
गौतम सिम्मी का छोटा सा लोडा पकड़ के धीरे धीरे हिलाते हुए - मैं जेब में थोड़ी लेके घूमता हूँ.. वहा पीछे बेड के बगल की ड्रावर में होगी..
सिमरन सिगरेट निकालकर सुलगती है औऱ एक लम्बा कश मारकर धुआँ छोड़ते हुए गौतम से कहती है - अगर मन नहीं है तो छोड़ दे रसगुल्ले.. मत कर.. मैं जबरदस्ती नहीं करुँगी.. मैं नहीं चाहती तुम बिना मन के कुछ भी मेरे साथ करो..
गौतम सिमरन की लुल्ली का टोपा चूमकर उसकी लुल्ली मुंह में लेते हुए - ड्रामा बंद कर साली.. बस मुंह में मत निकालना..
सिमरन मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - काश तू सच में जिंदगी भर के लिए मेरा हो जाए रसगुल्ले..
गौतम लंड चूसता हुआ - ताकि तू हर रात मेरी गांड मार सके..
सिमरन हसते हुए - तो क्या हुआ.. इतनी छोटी सी तो है मेरी.. तुम्हे कोनसा फर्क पड़ेगा.. औऱ बदले में तुम्हारा इतना बड़ी भी तो झेलूंगी हर रात.. तुम्हे जैसी बीवी चाहिए बिलकुल वैसी बनकर दिखाउंगी..
गौतम - रहने दो.. तेरा निकलने वाला हो तो बता देना..
सिमरन सिगरेट के कश लेती हुई गौतम का सर अपनी लुल्ली पर दबाती हुई - पूरी लो ना गौतम.. इतनी सी तो है मेरी.. तुम्हारी जगह मैं होती तो लुल्ली के साथ टट्टे भी चूस जाती.. एक साथ.. शर्माओ मत.. चुसो पूरी मुंह में लेके..
गौतम - चूस तो रहा हूँ.. तुम्हारी तो अब दिमाड ही बहुत बढ़ने लगी है..
सिमरन सिगरेट का कश लेकर धुआँ गौतम के ऊपर छोड़ती हुई - अच्छा.. अब पता चला हम कैसे करते है ये सब? जब मेरे मुंह में अपना लंड दिया था तब तो बहुत बोल रहे थे.. ऐसे नहीं ऐसे चुसो.. ये करो.. वो करो.. औऱ ना जाने क्या क्या.. तब तो तुम्हारी दिमाड ही ख़त्म नहीं हो रही थी अब क्या हुआ? (गौतम के मुंह में पूरा लोडा घुसते हुए) चुसो चुपचाप..आहहह... रसगुल्ले... ऐसे.. अहह.. अहह..
सिमरन सिगरेट के कश लेते हुए अपनी चार इंच की लुल्ली गौतम के मुंह में पूरी तरह घुसा कर उसे चूसा रही थी औऱ कामुक निगाहो से गौतम का मासूम चेहरा देखकर मन ही मन उसके प्यार में डूबती जा रही थी.. कुछ ही देर के बाद सिमरन झड़ने लगी तो गौतम ने लंड मुंह से निकाल दिया मगर फिर भी सिमरन की लुल्ली से निकली एक दो धार तो गौतम के मुंह में गिर ही गई थी जिसे गौतम थूकता हुआ टेबल पर से पानी की बोतल उठाकर कुल्ला करने लगा..

गौतम - साली तुझे कहा था ना.. निकलने वाला हो तो बोल देना..
सिमरन - तुमने अपना माल निकालने से पहले बोला था जो मुझसे उम्मीद रखते हो. मेरे तो मुंह में पूरा माल गिरा दिया औऱ गले से नीचे भी उतार दिया.. तब तो तुम बड़े खुश हो रहे थे. अब क्या हुआ? मुझे तो अपना माल पीलाया था तुमने..
गौतम सिम्मी को देखकर अपनी पेंट नीचे करके लंड निकालकर हिलाते हुए - मेरा माल तो साली तू अब भी वापस पीयेगी... ये कहते हुए गौतम सिमरन के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लोडा घुसा देता है.. औऱ उसे अपना लंड चूसाने लगता है..

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सिमरन - आह्ह आराम से ना.. गौतम.. आराम से.. आह्ह..गुगुगुगुगुगुगु...
सिम्मी गौतम के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती हुई गौतम को देखती है औऱ गौतम सिमरन को देखकर बोलता है..
गौतम - बहुत बोलना आ रहा था ना तुझे.. अब बोल.. इस छोटी सी लुल्ली के दम पर खुदको मर्द समझने लगी है तू.. मुझसे लुल्ली चूसाएगी साली... अब खुद चूस.. बहन की लोड़ी.. पूरा मुंह में देगी.. अब ले ना मुंह में पूरा.. क्या हुआ? आ नहीं रहा क्या मेरा लोडा मुंह में? साली ये मर्द का लंड है तेरी जैसी कमसिन कली का नहीं.. तू मुझे लंड चुसवाएगी साली.. लंड चूसना तुम लड़कियों का काम है हम मर्दो का नहीं.. हमारा काम तुम्हे अपना लंड चुसवाना है.. समझी? मैंने इमोशनल होकर थोड़ा सा चूस क्या लिया खुदको मर्द समझने लग गई तू तो.. मेरे मुंह में निकालेगी बहन की लोड़ी.. चूस.. ले मुंह में..
सिमरन - ले तो रही हूँ जितना मुंह में आ रहा है.. तुम तो जबरदस्ती करने पर उतारू हो गए.. मुझे ज्यादा मर्द बनके दिखाओगे ना तो दांतो से लंड पर ऐसा काट के खाऊंग्गी की याद रखोगे..
गौतम सिम्मी को पलटकर बेड पर झुकाते हुए - जबरदस्ती की कहा है मेरी फुलझड़ी.. जबरदस्ती तो अब होगी..
ये कहकर गौतम सिम्मी की गांड पर थूक देता है औऱ हाथों से सिमरन की गांड के छेद पर थूक लगाने लागता है..
सिमरन सिर मोड़कर गौतम को देखते हुए - मेरा पहली बार है रसगुल्ले.. मुझे ख़ुशी है की मेरी पसंद का कोई लड़का मेरे साथ ये सब कर रहा है..
गौतम सिम्मी की कमर पकड़कर उसकी गांड के छेद पर अपना लंड सेट करके दबाब बनाते हुए - पहली बार शायद थोड़ा दर्द होगा सिम्मी.. संभाल लेना..
सिमरन मुस्कुराते हुए - इस दर्द के लिए तो कब से इंतजार कर रही थी.. मेरी चिंता मत करो गौतम तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे बदन का मज़ा लो.. मैं तुम्हे हर तरह से खुश कर देना चाहती हूँ..

गौतम सिम्मी की बात सुनकर अपना लोडा उसकी गांड में घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा लंड के थोड़े से हिस्से के साथ सिमरन की गांड में घुस जाता है औऱ सिमरन की पहली दर्द औऱ काम से मिश्रित चिंख निकल जाती है मगर बाहर लोन में चलते dj की आवाज में सिम्मी की चिंख दब चुकी थी..
गौतम कुछदेर स्थिर रहकर धीरे धीरे अपना लंड सिमरन की गांड में धकेलने लगता है औऱ कड़ी मेहनत औऱ मशक्कत के बाद अपना आधे से थोड़ा सा ज्यादा लंड सिमरन की गांड में डाल देता है.. सिमरन गौतम के लंड को झेल गई थी उसकी गांड में होता दर्द औऱ गौतम को सुख देने की प्रबल इच्छा उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी..
गौतम भी सिमरन का पूरा ख़याल रखते हुए उसकी गांड का उद्घाटन करने मे लगा हुआ था.. गौतम ने बहुत धीरे धीरे सिमरन की गांड को अपने लंड से खोल दिया था औऱ अब धीरे धीरे बिस्तर उल्टी पड़ी हुई सिमरन को पीछे से चोदने में लगा हुआ था..

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सिमरन की काममय सिस्कारीया पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी मगर कमरे से बाहर dj की आवाज में वो सिस्करीया कहीं दब रही थी..
गौतम ने सिमरन को घोड़ी बनाके पीछे से उसके दोनों बूब्स पकड़ कर सिमरन की गांड मारना शुरू कर दिया औऱ सिमरन अब काम शक्ति से परिचित होकर आँख बंद किये सिसकियाँ ले रही थी औऱ गौतम से चुदवा रही थी.. सिमरन को इस मिलन में अदभुद सुख मिल रहा था..
गौतम ने बूब्स छोड़कर सिमरन के बाल पकड़ लिए औऱ जोरदार 5-6 धक्के मारे जिससे गौतम का सारा लंड सिमरन की गांड में घुस गया औऱ सिमरन के गले से जोरदार चिंख निकल गई जो कमरे बाहर dj की आवाज में कहीं खो गई.. सिमरन को अपनी गांड के गोदाम बनने की खुशखबरी मिल चुकी थी जिसे वो जोर जोर से चिल्लाती हुई सबको बताना चाहती थी मगर वहा सिमरन को सुनने वाला कोई था ही नहीं..

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गौतम - उफ्फ्फ.. सिम्मी.. मान गए यार.. क्या गांड है तेरी.. मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में..
सिमरन हलकी सी रोती हुई - कमीने एक दम से क्या हो गया तुझे.. धीरे कर ना.. औऱ मज़ा आएगा ही ना.. सील जो तोड़ दी तूने आज मेरी..
गौतम - सिम्मी बहुत प्यारी है यार तू सच में.. पहली बार ऐसा हुआ है चोदने के कुछ देर में ही मेरा झड़ने का मन हो रहा है..
सिमरन - मुंह में झाड़ना मेरे रसगुल्ले.. मुझे तेरा रस पिना है..
गौतम जोर के झटके मारके गांड चोदते हुए - पीला दूंगा यार.. उफ्फ्फ कयामत है तू तो..
सिमरन सिसकियाँ लेते हुए - गौतम आराम से बहुत दर्द हो रहा है मुझे.. आह्ह.. धीरे..
गौतम लगातार तेज़ तेज़ चोदते हुए - थोड़ा सा दर्द नहीं सह सकती तू अपने रसगुल्ले के लिए?
सिमरन चिल्लाते हुए - गौतम आराम से यार..
गौतम - धीरे ही चोद रहा हूँ.. अभी तो टॉप गियर डाला ही नहीं..
सिमरन - तुम तो बहुत दर्द देते हो गौतम.. मेरी जान निकाल दोगे..
गौतम हल्का धीरे होते हुए - सिमरन बहुत मस्त गांड है तुम्हारी मन करता है पूरी रात चोदता रहु..
सिमरन - तू कुछ भी कर मेरे रसगुले तुझे सब आजादी है.. बस मुझे औऱ ज्यादा दर्द मत दे.. पहला मिलन इतना भी यादगार मत बना की याद करते ही गंद में दर्द होने लगे..

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गौतम गांड मारते हुए - आई लव यू सिमरन.. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है मैंने तुझे पहले कहीं देखा है.. तेरे मेरे पहले का कोई नाता है.. कोई रिश्ता है कोई बंधन है..
सिमरन - पहले का तो पता नहीं रसगुल्ले.. पर अब आगे जरूर हमारा रिश्ता होगा.. प्यार का रिश्ता.. आह्ह..
गौतम गांड मारना बंद करके लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करके - होने वाला है सिम्मी.. आजा लेले मेरा लंड मुंह में..

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सिमरन लोडा मुंह में लेकर चूसने लगती है औऱ कुछ पलों में गौतम सिमरन के मुंह में झड़ जाता है जिसे सिमरन पी जाती है औऱ गौतम को गले से लगाकर kiss करते हुए कहती है..
सिमरन - तू दिल में बस गया रसगुल्ले... सच्ची मोहब्बत हो गई तुझसे..
गौतम सिमरन के होंठों को चूमकर - चल अब शादी भी इंजॉय कर लेते है थोड़ा.. 9.30 बजने वाले है..
सिमरन - तुम जाओ.. मुझे थोड़ा समय लगेगा आने में..
गौतम - ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी.. पर जल्दी आना.. औऱ वीडियो डिलीट कर देना..
सिमरन - वो तो कब का कर दिया चाहो तो फ़ोन देख लो..
गौतम सिमरन का बोबा पकड़ कर चूसते हुए - सच में डिलीट कर दिया ना? साली तेरी माँ चोद दूंगा अगर झूठ बोला तो तूने?

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सिमरन गौतम के होंठ चूमकर - मुझे चोद कर मन नहीं भरा जो अब मेरी माँ भी चोदनी है तुम्हे.. वीडियो सच में डिलीट कर दिए मैंने.. मैं अपनी मोहब्बत को बदनाम थोड़ी कर सकती हूँ...
गौतम - चोदने लायक हुई तो तेरी माँ भी चोद दूंगा.. मुझे तो सब पसंद है.. मिल्फ ज्यादा पसंद है..
सिमरन हस्ती हुई - अब कपडे पहन लो .. तुमको ऐसे देखकर मेरा मूंड वापस बन रहा है.. जा मैं आती हूँ..
गौतम अपने कपडे पहनकर लोन की तरफ निकल जाता है औऱ सिम्मी अपने आपको ठीक करके बदन में आ चुकी लचक को काबू करने लगती है...

*********

मनोज - क्या हुआ भाई? मज़ा नहीं आया क्या मेरी बहन के साथ?
गौतम - साले तेरी बहन है या मिया खलीफा? कितनी वहशी है..
मनोज - उसकी गलती नहीं है भाई.. तू है ही इतना चिकना वो भी क्या करें? वैसे कैसी लगी ये बता?
गौतम - तू नहीं जानता कैसी है वो?
मनोज - भाई बहन है मेरी.. हमारे बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती है.. ऐसा वैसा कुछ नहीं.. मैंने आज तक उसे छुआ तक नहीं..
गौतम - लगता है सिर्फ बेलन से ही काम चलाया है उसने आज तक..
मनोज - पूरा मोहल्ला आगे पीछे घूमता है सिम्मी के.. पर किसी को भाव तक नहीं देती..
गौतम - देगी कैसे डरती होगी कोई सलवार में तलवार देखकर डर ना जाए.. वैसे जितनी खूबसूरत वो है ना.. भगवान ने अच्छा नहीं किया उसके साथ.. बेचारी की चुत पर छोटा सा लोडा चिपका दिया..
मनोज - पर भाई मज़ा तो पूरी लड़की वाला दिया होगा उसने.. तभी तेरा मूंड पहले से अच्छा लग रहा है..
गौतम - वो तो है.. गांड में ही जन्नत मिल गई मुझे तो.. ऊपर से इतना सेक्सी फिगर है घोड़ी बनाने के बाद तो नशा ही हो गया था मुझे..
मनोज - जरुरत से ज्यादा तो नहीं पेला ना तूने? अभी तो बेचारी 19 साल की फूल सी बच्ची है..
गौतम - भाई तेरी फूल सी बहन को अच्छे से खिला दिया मैंने.. मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी.. मैंने थोड़ी सी की तो अकल आ गई उसे..
मनोज - पर है कहाँ वो? साथ क्यों नहीं आई..
गौतम - ठीक से चला जाएगा तब साथ आयगी ना.. अब तो बदन में लचक आ गई उसके.. देख वो आ रही.. कैसे बलखाते हुए आ रही है..
मनोज - अरे बहनचोद तूने तो रगड़ दिया लगता है.. मम्मी पापा देख लेंगे तो बहुत सुनाएंगे इसे..
गौतम - कुछ भी बोल देना यार.. क्या परेशान हो रहा है..

सिम्मी आकर अपने भाई के सामने गौतम को kiss कर लेती है औऱ प्यार से कहती है - चल रसगुल्ले... खाना खाते है साथ में.. भईया आप भी चलो..
मनोज - अभी रहने दे.. बहुत भीड़ है खाने पर.. थोड़ी कम हो जाए फिर चलते है खाने.. तब तक एक एक पेग औऱ ले लेते है.. चल.. स्टेज के पीछे खाली जगह वहा चलते है..
गौतम - वहां मत जा.. रांडे चुद रही है वहा पर...
मनोज - अरे कोई नहीं था अभी तो..
गौतम - भाई तब रांडे नाच रही थी.. अब नाच गाना ख़त्म हो गया तो सारी रंडिया स्टेज के पीछे खाली जगह में मेहमानो के लोडे खा रही है.. सब घराती बराती मिलकर चोद रहे है.. भईया के दोस्त औऱ अंकल के यार लोग सब मिलके पेल रहे है.. रंडियो को घोड़ी बनाकर..
मनोज - तूने नहीं चोदी रांड?
गौतम सिम्मी के गले में हाथ डालकर उसकी चूची मसलते हुए - तेरी बहन चोद रहा था ना.. औऱ मुझे रंडी चोदने का ज्यादा शोक भी नहीं है.. कोई घरेलु मिल जाए तो बात अलग है..
मनोज - तू तो मेरी बहन की ले रहा है मैं किसकी लू यार..
सिम्मी - सच में.. रसगुल्ले.. मेरे भाई के लिए भी कुछ कर ना.. बेचारा अपने हाथों से काम चलाता है..
गौतम फ़ोन निकालते हुए - करता हूँ तेरी व्यवस्था..
सिम्मी मुस्कुराते हुए अपनी चूची पर से गौतम का हाथ हटा कर - भईया के सामने मत कर..
गौतम - शर्मा क्यों रही है मेरी जान... साला है मेरा.. इसके सामने तेरे चुचे दबाउ या गांड मारु.. ये कुछ नहीं बोलने वाला..

गौतम फ़ोन पर - हेलो.. चेतन भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - भईया वो एक बात करनी थी आपसे..
चेतन - हाँ बोल ग़ुगु.. क्या बात है..
गौतम - भईया नचाने वाली औरते आई है ना..
चेतन - हाँ..
गौतम - भईया उनमे से जो नीली साडी में थी ना.. उससे मिलना है...
चेतन - नहीं ग़ुगु.. बुआ या माँ-पापा को पता लगा तो बहुत सुनाएगे मुझे.. वो सब रंडिया है तू अभी बच्चा है इन सब से दूर रह..
गौतम - भईया सब एन्जॉय कर रहे है मुझे छोड़कर.. औऱ पता कैसे चलेगा.. आप थोड़ी बताओगे.. ना मैं बताने वाला.. प्लीज भईया.. बहुत मन हो रहा है..
चेतन - अच्छा ठीक है नीली साडी वाली तो अंकल ज़ी के साथ है कोई दूसरी भेज रहा हूँ तेरे रूम में.. जल्दी से काम करके वापस लोन में आ जाना.. किसी को पता ना चले..
गौतम - ठीक है भाईया.. जैसा आप कहो..
चेतन - औऱ कंडोम याद से लगा लेना.. ये सब रंडिया है रोज़ किसी ना किसी से चुदवाती है.. चल रखता हूँ..

गौतम - ले साले.. तेरा जुगाड़ भी करवा दिया.. जा मेरे रूम में वहा आ जायेगी तेरे लिए कोई ना कोई रांड..
मनोज - तू भी चल ना..
गौतम सिमरन को देखकर - नहीं मैं यही ठीक हूँ तू जा..
सिम्मी - भईया वापस जाना है जरा जल्दी आना.. पापा का फ़ोन आया था बुला रहे थे..
मनोज - ठीक है..

मनोज गौतम के रूम में चला जाता है औऱ वहा कुछ देर बाद एक रांड आ जाती है मनोज औऱ उस रांड में कुछ देर चुदाई होती है फिर 15-20 बाद मनोज वापस लोन में आ जाता है औऱ सिम्मी को लेके वापस जाने लगता है..
गौतम - सिम्मी आज रात मेरे पास नहीं रुक सकती? मन नहीं कर रहा तुझे अपने दूर करने का..
सिमरन - मन तो मेरा भी नहीं है रसगुल्ले तुझसे दूर जाने का.. पर क्या करू.. पापा बहुत स्ट्रिक्ट है नहीं मानेगे मुझे छोड़ने के लिए.. मैं फ़ोन करुँगी..
गौतम - अपना ख्याल रखना सिम्मी..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तुम भी अपना ख्याल रखना रसगुल्ले..
मनोज दोनों का चुम्बन देखकर - अरे यहां मैं भी हूँ कुछ तो शर्म करो.. यही सब करना है अकेले में कहीं जाकर कर लो..
सिम्मी चुम्बन तोड़कर - चूमने दो ना भईया.. बड़ी मुरादो के बाद तो मुझे मेरा रसगुल्ला मिला है.. मन तो कर रहा है इसे भी अपने साथ ले जाऊ..
मनोज - पापा का फ़ोन आ रहा है सिम्मी चल..
गौतम मनोज से - साले इसका ख्याल रखना.. ये मेरी है..
मनोज - उसकी चिंता मत कर भाई.. बस मेरी बहन से जल्दी मिलने आना.. बेचारी बहुत अकेले रही है.. अब इसे प्यारकी जरुरत है..
सिमरन वापस गौतम को चूमते हुए - बाए मेरे रसगुले.. इंतजार करूंगी तुम्हारा.. जल्दी मिलने आना..
गौतम - बाय जान..
मनोज गौतम से गले मिलता हुआ - चल भाई.. चलता हूँ..
गौतम - अपनी बहन का ख्याल रखना यार.. बहुत प्यारी है..
मनोज सिमरन को साथ लेकर पार्किंग की तरफ चला जाता है औऱ एक वाइट कार में अपने माँ पापा के साथ बैठ जाता है.. कार वहा से चली जाती है गौतम मुस्कुराते हुए कार को जाते हुए देखता रहता है..




Shaandar super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
 

DB Singh

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Yrrr ek update hi kaafi hai shemale wala ab dobara kripya krke shemale character mt daalna... Achi khasi story chal rhi thi... Shemale ko ghused ke sara kachra kr diya...
 

tom riddle

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शानदार अपडेट भाई मज़ा आ गया🔥🔥

Keep Writing👍🫡
 

Yashu7979

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Sabki apni apni feelings hoti...god na jaise banaya waise accept karna chaiya...per society nahi karti yrr...gautam n bilkul sahi kia simmi k sath
 

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Update 24

गौतम को आता देखकर मनोज मुस्कुराते हुए उसे आवाज देकर बुलाता है - गौतम...
गौतम मनोज को देखकर उसकी तरफ आता है औऱ एक थप्पड़ उसके गाल पर मारकर बोलता है - बहन के लंड.. बता नहीं सकता था तेरी बहन की सलवार में तलवार है..
मनोज थप्पड़ खाकर भी हसने लगता है औऱ कहता है - लगता है लेने की जगह देकर आ रहा है..
गौतम मनोज के हाथों से पेग लेकर एक घूंट में खींच जाता है..
मनोज - अरे धीरे धीरे एक बार में ख़त्म कर जाएगा क्या? औऱ गुस्सा क्यों कर रहा है? इतनी खूबसूरत लड़की से गांड मरवाई है तुझे तो खुश होना चाहिए..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा.. माँ के लोडे अब औऱ कुछ बोला तो.. साले नवाबो वाले शोक नहीं है मेरे..
पीछे से सिमरन आती हुई - बात तो ऐसे कर रहे हो जैसे मुझसे मरवाने के बाद तुम्हारी गांड किसी काम की ही नहीं रही हो.. इतना जोर का थप्पड़ मारके आये हो देखो मेरे गाल पर उंगलियां छप गई तुम्हारी..
गौतम - तुम दोनों भाई बहन ना मुझसे दूर रहना.. समझें? ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है..

गौतम यहां से सीधा वेडिंग हॉल में आ जाता है औऱ एक टेबल पर बैठी हुई सुमन के करीब आकर बैठ जाता है जहा सुमन वेटर से दो गिलास जूस लेकर एक गौतम के सामने रख देती है औऱ एक खुद पीते हुए गौतम से पूछती है..
सुमन - क्या हुआशहजादे मुंह क्यों लटकाया हुआ है?
गौतम जूस पीते हुए - कुछ नहीं.. बस मूंड थोड़ा खराब है..
सुमन - क्यों किसी ने कुछ कहा है क्या?
गौतम - नहीं माँ.. बस ऐसे ही..
सुमन - तो थोड़ा मुस्कुरा ना ग़ुगु.. चल मुस्कुरा दे अब. इतने प्यारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती..
सिमरन आते हुए - वही तो मैं भी समझा रही थी आंटी.. मगर गौतम समझने को ही तैयार नहीं है..
ये कहते हुए सिमरन गोतम के बगल में आकर बैठ जाती है..
सुमन - तुम?
सिमरन - आंटी मैं गौतम की गर्लफ्रेंड.. मतलब फ़्रेंड हूँ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम को देखकर - गर्लफ्रेंड.. ओ हो.. लगता है लड़ाई हो गई है दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड में..
सिमरन - लड़ाई कहाँ आंटी.. यही मुझे सता रहा है.. देखो कितना जोर का थप्पड़ मार दिया इसने मुझे...
सुमन सिमरन का गाल देखकर - ग़ुगु? तूने हाथ उठाया इसपर? मैंने ये सिखाया है तुझे? कितनी फूल सी प्यारी बच्ची है..
सिमरन - देखो ना आंटी.. छोटी सी बात पर थप्पड़ मार दिया इसने.. औऱ फिर भी मुंह फुला के बैठा है..
गोतम गुस्से से सिमरन को देखता हुआ - तुझे कहा था ना दूर रहना.. क्यों आ गई पीछे पीछे?
सिमरन रोने का नाटक करते हुए - आंटी इसने शादी का वादा किया है मुझे गर्लफ्रेंड बनाया है अब मुझे छोड़ने की बात कर रहा है..
सुमन - अरे तुम दोनों में जो हुआ है मुझे उससे दूर रखो.. अपना मसला खुद हल करो.. मुझे छोड़ दो.. गौतम अब हाथ नहीं उठाना इस बच्ची पर...
सिमरन - सिमरन.. आंटी.. सिमरन नाम है मेरा..
सुमन - हाँ.. सिमरन पर हाथ मत उठाना औऱ प्यार से बात करना..

सुमन ये कहते हुए आरती के पास चली जाती है औऱ सिमरन गोतम को मुस्कुराते हुए देखकर कहती है - देखो चुपचाप मेरे साथ चलो औऱ जो काम तुमने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा करो वरना..
गौतम - वरना क्या?
सिमरन फ़ोन निकालकर - वरना पुरे शहर में तुमको फेमस कर दूंगी.. कहो तो नेट पर वायरल कर दू तेरा मेरा mms?
गौतम गुस्से में - तू बहन की लोड़ी पागल वागल है क्या? डिलीट कर उसे..
सिमरन - पहले बोल आई लव यू..
गौतम - लव यू.. अब डिलीट कर उन वीडियो को..
सिमरन - चलो मेरे साथ..
गौतम - कहाँ?
सिमरन - वही यहां से मुझे अकेला छोड़ के आ गए थे..
गौतम - देख मुझे प्रॉपर लड़की में इंट्रेस्ट है आधी अधूरी में नहीं..
सिमरन - ऊपर वाले ने चुत की जगह लंड चिपका दिया तो इसमें मेरा क्या कसूर? मुझे तो तुम पसंद हो.. औऱ मैं अब तुम्हारा पीछा तो किसी हाल में नहीं छोड़ने वाली.. अब चलो वरना मेरा पागलपन तुम नहीं जानते.. मुझे अपनी बिलकुल परवाह नहीं है..
गौतम - अब वहां जाकर क्या करना है? तुमने मार तो ली मेरी गांड.. अब क्या लंड पकड़ के हिलाउ मैं तुम्हारा..
सिमरन - मैंने तो मार ली मगर तुमने कहा मारी है मेरी?
गौतम - मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है समझी.. अब ये वीडियो डिलीट करो..
सिमरन गुस्से में - अगर 15 मिनट में तुम उसी जगह वापस नहीं आये तो मैं ये वीडियो वायरल कर दूंगी.. समझा?

ये कहकर सिमरन चली जाती है..गौतम को सिमरन पर गुस्सा आ रहा था जिस तरह से सिमरन ने धोके से अपने छोटे से लंड से गौतम कि गांड का स्वाद लिया था वो गौतम को पसंद नहीं आया था जिसे उसने खुले तौर पर सिमरन से बयाँ कर दिया था.. मगर mms के वायरल होने का डर उसे वापस सिमरन के पास खींच ले गया औऱ गौतम वापस होटल के रूम में जाकर दरवाजा लगाते हुए सिमरन से गुस्से में बोला..
गौतम - देख सिम्मी चुपचाप सीधी तरह वीडियो डिलीट कर वरना अच्छा नहीं होगा.. तू मुझे भी नहीं जानती ठीक से..
सिमरन गौतम को गले लगाकर बेड पर गिराती हुई - कर दूंगी डिलीट.. पर इतनी भी क्या जल्दी है.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लो मुझसे..
गौतम - मुझे कोई इंट्रेस्ट नहीं है तुम्हारे अंदर.. समझी..
सिमरन - इंट्रेस्ट नहीं था तो मेरे पास क्यों आये थे तुम? तब तो बहाने बहाने से बात करने की कोशिश कर रहे थे.. अब जब मैं बाहों में हूँ तो इस तरह मुंह फेर रहे हो.. ये तो बहुत दिल दुःखाने वाली बात है गौतम.. मुझे भगवान ने चुत की जगह लंड दिया है तो इसमें मेरी क्या गलती? क्या मुझे प्यार करने का हक़ नहीं है? मेरे चड्डी उतारने से पहले तो तुम कितनी प्यार से बात कर रहे थे.. मेरे होंठों से लेकर चुचो तक सब तुम्हे पसंद आ रहा था.. मेरा फिगर पसंद है ना तुम्हे? फिर क्यों मुझसे इस तरह रूखेपन से बात कर रहे हो..
गौतम - सिम्मी.. तू जो बोलोगी मैं वो सब कर लूंगा तुम्हारे साथ.. पर पहले वो वीडियो डिलीट करो..
सिमरन - इतनी पागल तो मैं भी नहीं हूँ.. वीडियो डिलीट कर दूंगी तो तूम मेरे बाहों से निकलकर कहा गायब हो जाओगे मुझे पता भी नहीं चलेगा.. उस वीडियो के कारण ही तुम यहां मेरे साथ हो.. डिलीट करते ही नहीं रहोगे..
गौतम - ऐसा नहीं है.. मुझ पर भरोसा कर.. देख मुझे तू पसंद है पर यार मर्द को चुत चाहिए होती है.. उसके बिना मर्द जात क्या करेगा?
सिमरन - मेरी गांड से भी तो काम चल सकता है तेरा.. देखो आज तक मैं डर डर के जीती आई हूँ.. मेरा राज सिर्फ मेरी फॅमिली को पता है.. ये बाहर किसी औऱ को ना पता लग जाए इसलिए मैंने किसी से दोस्ती नहीं की.. भईया से ही अपने दिल की बातें करती आई हूँ.. औऱ उन्होंने ही मुझे संभाला है.. तुम मुझे पहली नज़र में पसंद आ गए थे मगर मैं डर गई थी की तुम मेरा राज़ जानने के बाद मुझे नकार दोगे.. औऱ तुम वही कर रहे हो.. मगर मेरे रसगुल्ले मैं अपने इस दिल को कैसे समझाऊ जो तुझे देखकर इतना जोर से धड़ककर उछल रहा है जैसे अभी बाहर आकर तुमसे अपना हाल कह देगा.. मेरे प्यार को मत ठुकराओ गौतम.. मुझे अपना बना लो.. मैं तुम्हारी हर बात मानुँगी.. जो तुम बोलोगे वही करुंगी बस मेरे दिल को ऐसे मत तोड़ो..
गौतम - मेरे हाथ पैर बाँध कर अपनी छोटी सी लुल्ली से मेरी गांड मारने के बाद अब ये इमोशनल ड्रामा करते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती? पक्की ड्रामेबाज़ है तू.. अब जल्दी बता तू क्या चाहती है मुझे वापस नीचे लोन में जाना है औऱ शादी एन्जॉय करनी है..
सिमरन - तुम बताओ तुम्हे क्या करना है.. मेरे होंठों से बदला लोगे या चुचो से खेलोगे? Blowjob दूँ या मेरे रसगुल्ले को मेरी गांड चाहिए?
गौतम मुस्कुराते हुए - सिम्मी सच कहु तो मैं पहली नज़र में तेरे प्यार में ही पड़ गया.. पर क्या करू.. मर्द हूँ.. बस चुत दिखती है.. अपने अलवा किसी औऱ का लंड देखकर मुंह से सिर्फ गाली निकलती है.. भूल गया था जज़्बात सबके होते है.. मगर तूने जो मेरे साथ वो बहुत गलत था..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तो उसका बदला भी तो लोगे तुम अभी.. अपने इतने मोटे लंड से मेरी गांड मारोगे.. पता नहीं क्या हाल होगा मेरी गांड का.. मुझे तो बहुत दर्द दोगे तुम.. मैं कैसे सह पाउंगी वो सोचा है तुमने.. होंठों से होंठ मिलाकर चूमने जितना आसान थोड़ी है गांड मराना.. मेरी तो छोटी सी थी तुम्हे तो पता भी नहीं चला होगा.. पर मेरा क्या होगा..
गौतम सिम्मी की सलवार कुर्ती उतारते हुए - ये तो पहले सोचना चाहिए था.. वैसे फिगर सच बहुत सेक्सी है तेरा.. तू तो गांड से भी जन्नत का सफर करवा सकती है..
सिमरन मुस्कुराते हुए - मुझे तो लगा था तुम मानोगे ही नहीं.. पर थोड़ा सा इमोशनल होकर दो मीठी बात क्या की.. तुम तो मोम की तरह पिघल गए.. जितना सुन्दर चेहरा है उतना ही सुन्दर दिल भी है तुम्हारा मेरे रसगुल्ले.. तुम किसी को रोते हुए नहीं देख सकते ना..
गौतम सिम्मी के बूब्स मसलकर दबाते हुए - गलत.. मुझे तो तुम्हारे जैसी खूबसूरत कालिया बिस्तर में रोते हुए देखना बहुत पसंद है.. थोड़ी देर बाद तुम भी रोने लगोगी..

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सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर चूमकर - ऐसे रोने के लिए तो कब से तरस रही हूँ मेरे रसगुल्ले.. हमेशा सोचती थी कौन होगा जो मुझे अपना बनाएगा.. तुम्हारे लिए तो मैं ख़ुशी खुशी अपनी गांड का क्या जान भी कुर्बान कर दू.. कुछ देर की मुलाक़ात ने मेरे दिल में तुम्हारी वो जगह बना दी है जो सालों के बाद भी लोग नहीं बना पाते.. मेरी लाइफ के पहले मर्द हो तुम.. औऱ अब लगता है आखिरी भी..
गौतम चुचे मसलकर अब चुचे पर अपना मुंह लगा देता है औऱ सिम्मी के तने चुचो पर खड़े हुए चुचक चूसते हुए कहता है - बातों की तो जादूगरनी है तू.. जितनी प्यारी शकल है उतनी प्यारी बातें भी करती है.. पर मुझसे ज्यादा लगाव मत कर लेना.. मैं आवारा हवा का झोका हूँ.. पल दो पल के लिए ठहरता हूँ..
सिमरन मुस्कुराते हुए गौतम का सर अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने चुचे चुसवाती हुई कहती है - तुम चिंता मत करो गौतम.. मैं कभी तुमपर कोई दबाब नहीं बनाउंगी.. मैं जानती हूँ मैं तुम्हे हर तरह से संतुष्ट नहीं कर सकती.. औऱ जोर जबरदस्ती से तुम्हे हासिल करके भी तुमसे दूर ही रह जाउंगी.. इसलिए बस तुमसे थोड़ा सा प्यार चाहती हूँ औऱ कुछ नहीं.. आह्ह.. रसगुल्ले.. आराम से.. आहहह... दांतो से तो मत काट मेरे निप्पल्स को.. कितना जोर से चूसता है तू.. बचपन में आंटी को तो बहुत दर्द होता होगा तुझे दूध पिलाने में.. दांतो से बहुत तेज़ काटता होगा तू तो उनके निप्पल्स को बचपन में..
गौतम मुस्कुराते हुए - मैं तो अब भी बहुत तेज़ काटता हूँ औऱ वो मुझे अब भी प्यार से अपना दूध पिलती है.. मगर तेरी तरह हल्का सा दाँत लगने पर आह्ह.. उह्ह्ह.. नहीं करती..
सिमरन गौतम के बालों में हाथ फेरती हुई - अब आज पहली बार कोई मर्द मेरे चुचो को चूस रहा है, वो भी दांतो से खींचते हुए काट कर.. मुंह से आह्ह तो निकलेगी ही.. औऱ आंटी आज भी तुम्हे अपना दूध पीलाती है? सच में?
गौतम सिम्मी के कूल्हे पकडकर मसलते हुए - शर्त लगाती हो?
सिमरन - मुझे नहीं लगानी शर्त वर्त.. जितने प्यारे तुम हो ना.. तुम्हे तो कोई भी अपना दूध पीला सकता है..
गौतम सिमरन की आँखों में देखकर - सिम्मी..
सिमरन - हम्म्म...
गौतम - मुझे हमारे लिए सच में बुरा लग रहा है.. ऊपर से नीचे तक पारियों जैसा हुस्न होने के बाद भी तुम मुझे औऱ मैं तुम्हे पूरी तरह अपना नहीं बना सकते..
सिमरन गौतम के निचले होंठ को अपने दांतो से खींचकर चूमती हुई - हमारा मिलन अधूरा होकर भी पूरा है मेरे रसगुल्ले.. मैंने जब भी ऊपर वाले से दुआ की, तब यही माँगा कि मुझे एक प्यारा सा लड़का अपना ले.. मैं जैसी हूँ वैसी ही मुझे अपनी बना ले औऱ कभी मेरा साथ नहीं छोड़े.. औऱ देखो आज मुझे तुम मिल गए.. 19 साल की मैं हूँ औऱ तुम भी मुझे 18-19 साल के ही लगते हो..
गौतम - तुमसे एक साल बड़ा हूँ मैं.. पुरे बीस साल का..
सिमरन - हरकतो औऱ चेहरे से तो बिलकुल भी नहीं लगते..
गौतम - अच्छा औऱ कोई ख्वाहिश है? बता दो आज तुम्हारी सब ख्वाहिस पूरी होने वाली है...
सिमरन कुछ सोचकर - तुम सच में करोगे मेरी ख्वाहिश पूरी?
गौतम - 100 परसेंट..
सिमरन - सोच लो बाद में मुकर तो नहीं जाओगे? बहाने बनाने लगो कहीं.. ये नहीं कर सकता.. मुझसे नहीं होगा? मर्द जात हो.. कहीं तुम्हरा ego हर्ट हो जाये..
गौतम मुस्कुराते हुए - blowjob चाहिए?
सिमरन हैरत हुए - तुम्हे कैसे पता?
गौतम - तुम्हारी आँखों से..
सिमरन - तो बोलो.. दोगे अपनी इस दिवानी को blowjob?
गौतम सिम्मी के नीचे जांघो के जोड़ आते हुए - आज तक सिर्फ लिया है.. दिया कभी नहीं.. लेकिन तुम्हारे लिए कोशिश करता हूँ..
सिमरन - गौतम सिगरेट दो ना एक..
गौतम सिम्मी का छोटा सा लोडा पकड़ के धीरे धीरे हिलाते हुए - मैं जेब में थोड़ी लेके घूमता हूँ.. वहा पीछे बेड के बगल की ड्रावर में होगी..
सिमरन सिगरेट निकालकर सुलगती है औऱ एक लम्बा कश मारकर धुआँ छोड़ते हुए गौतम से कहती है - अगर मन नहीं है तो छोड़ दे रसगुल्ले.. मत कर.. मैं जबरदस्ती नहीं करुँगी.. मैं नहीं चाहती तुम बिना मन के कुछ भी मेरे साथ करो..
गौतम सिमरन की लुल्ली का टोपा चूमकर उसकी लुल्ली मुंह में लेते हुए - ड्रामा बंद कर साली.. बस मुंह में मत निकालना..
सिमरन मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - काश तू सच में जिंदगी भर के लिए मेरा हो जाए रसगुल्ले..
गौतम लंड चूसता हुआ - ताकि तू हर रात मेरी गांड मार सके..
सिमरन हसते हुए - तो क्या हुआ.. इतनी छोटी सी तो है मेरी.. तुम्हे कोनसा फर्क पड़ेगा.. औऱ बदले में तुम्हारा इतना बड़ी भी तो झेलूंगी हर रात.. तुम्हे जैसी बीवी चाहिए बिलकुल वैसी बनकर दिखाउंगी..
गौतम - रहने दो.. तेरा निकलने वाला हो तो बता देना..
सिमरन सिगरेट के कश लेती हुई गौतम का सर अपनी लुल्ली पर दबाती हुई - पूरी लो ना गौतम.. इतनी सी तो है मेरी.. तुम्हारी जगह मैं होती तो लुल्ली के साथ टट्टे भी चूस जाती.. एक साथ.. शर्माओ मत.. चुसो पूरी मुंह में लेके..
गौतम - चूस तो रहा हूँ.. तुम्हारी तो अब दिमाड ही बहुत बढ़ने लगी है..
सिमरन सिगरेट का कश लेकर धुआँ गौतम के ऊपर छोड़ती हुई - अच्छा.. अब पता चला हम कैसे करते है ये सब? जब मेरे मुंह में अपना लंड दिया था तब तो बहुत बोल रहे थे.. ऐसे नहीं ऐसे चुसो.. ये करो.. वो करो.. औऱ ना जाने क्या क्या.. तब तो तुम्हारी दिमाड ही ख़त्म नहीं हो रही थी अब क्या हुआ? (गौतम के मुंह में पूरा लोडा घुसते हुए) चुसो चुपचाप..आहहह... रसगुल्ले... ऐसे.. अहह.. अहह..
सिमरन सिगरेट के कश लेते हुए अपनी चार इंच की लुल्ली गौतम के मुंह में पूरी तरह घुसा कर उसे चूसा रही थी औऱ कामुक निगाहो से गौतम का मासूम चेहरा देखकर मन ही मन उसके प्यार में डूबती जा रही थी.. कुछ ही देर के बाद सिमरन झड़ने लगी तो गौतम ने लंड मुंह से निकाल दिया मगर फिर भी सिमरन की लुल्ली से निकली एक दो धार तो गौतम के मुंह में गिर ही गई थी जिसे गौतम थूकता हुआ टेबल पर से पानी की बोतल उठाकर कुल्ला करने लगा..

गौतम - साली तुझे कहा था ना.. निकलने वाला हो तो बोल देना..
सिमरन - तुमने अपना माल निकालने से पहले बोला था जो मुझसे उम्मीद रखते हो. मेरे तो मुंह में पूरा माल गिरा दिया औऱ गले से नीचे भी उतार दिया.. तब तो तुम बड़े खुश हो रहे थे. अब क्या हुआ? मुझे तो अपना माल पीलाया था तुमने..
गौतम सिम्मी को देखकर अपनी पेंट नीचे करके लंड निकालकर हिलाते हुए - मेरा माल तो साली तू अब भी वापस पीयेगी... ये कहते हुए गौतम सिमरन के बाल पकड़कर उसके मुंह में अपना लोडा घुसा देता है.. औऱ उसे अपना लंड चूसाने लगता है..

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सिमरन - आह्ह आराम से ना.. गौतम.. आराम से.. आह्ह..गुगुगुगुगुगुगु...
सिम्मी गौतम के लंड को मुंह में लेकर चुस्ती हुई गौतम को देखती है औऱ गौतम सिमरन को देखकर बोलता है..
गौतम - बहुत बोलना आ रहा था ना तुझे.. अब बोल.. इस छोटी सी लुल्ली के दम पर खुदको मर्द समझने लगी है तू.. मुझसे लुल्ली चूसाएगी साली... अब खुद चूस.. बहन की लोड़ी.. पूरा मुंह में देगी.. अब ले ना मुंह में पूरा.. क्या हुआ? आ नहीं रहा क्या मेरा लोडा मुंह में? साली ये मर्द का लंड है तेरी जैसी कमसिन कली का नहीं.. तू मुझे लंड चुसवाएगी साली.. लंड चूसना तुम लड़कियों का काम है हम मर्दो का नहीं.. हमारा काम तुम्हे अपना लंड चुसवाना है.. समझी? मैंने इमोशनल होकर थोड़ा सा चूस क्या लिया खुदको मर्द समझने लग गई तू तो.. मेरे मुंह में निकालेगी बहन की लोड़ी.. चूस.. ले मुंह में..
सिमरन - ले तो रही हूँ जितना मुंह में आ रहा है.. तुम तो जबरदस्ती करने पर उतारू हो गए.. मुझे ज्यादा मर्द बनके दिखाओगे ना तो दांतो से लंड पर ऐसा काट के खाऊंग्गी की याद रखोगे..
गौतम सिम्मी को पलटकर बेड पर झुकाते हुए - जबरदस्ती की कहा है मेरी फुलझड़ी.. जबरदस्ती तो अब होगी..
ये कहकर गौतम सिम्मी की गांड पर थूक देता है औऱ हाथों से सिमरन की गांड के छेद पर थूक लगाने लागता है..
सिमरन सिर मोड़कर गौतम को देखते हुए - मेरा पहली बार है रसगुल्ले.. मुझे ख़ुशी है की मेरी पसंद का कोई लड़का मेरे साथ ये सब कर रहा है..
गौतम सिम्मी की कमर पकड़कर उसकी गांड के छेद पर अपना लंड सेट करके दबाब बनाते हुए - पहली बार शायद थोड़ा दर्द होगा सिम्मी.. संभाल लेना..
सिमरन मुस्कुराते हुए - इस दर्द के लिए तो कब से इंतजार कर रही थी.. मेरी चिंता मत करो गौतम तुम अपनी मर्ज़ी से मेरे बदन का मज़ा लो.. मैं तुम्हे हर तरह से खुश कर देना चाहती हूँ..

गौतम सिम्मी की बात सुनकर अपना लोडा उसकी गांड में घुसा देता है जिससे उसके लंड का टोपा लंड के थोड़े से हिस्से के साथ सिमरन की गांड में घुस जाता है औऱ सिमरन की पहली दर्द औऱ काम से मिश्रित चिंख निकल जाती है मगर बाहर लोन में चलते dj की आवाज में सिम्मी की चिंख दब चुकी थी..
गौतम कुछदेर स्थिर रहकर धीरे धीरे अपना लंड सिमरन की गांड में धकेलने लगता है औऱ कड़ी मेहनत औऱ मशक्कत के बाद अपना आधे से थोड़ा सा ज्यादा लंड सिमरन की गांड में डाल देता है.. सिमरन गौतम के लंड को झेल गई थी उसकी गांड में होता दर्द औऱ गौतम को सुख देने की प्रबल इच्छा उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी..
गौतम भी सिमरन का पूरा ख़याल रखते हुए उसकी गांड का उद्घाटन करने मे लगा हुआ था.. गौतम ने बहुत धीरे धीरे सिमरन की गांड को अपने लंड से खोल दिया था औऱ अब धीरे धीरे बिस्तर उल्टी पड़ी हुई सिमरन को पीछे से चोदने में लगा हुआ था..

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सिमरन की काममय सिस्कारीया पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी मगर कमरे से बाहर dj की आवाज में वो सिस्करीया कहीं दब रही थी..
गौतम ने सिमरन को घोड़ी बनाके पीछे से उसके दोनों बूब्स पकड़ कर सिमरन की गांड मारना शुरू कर दिया औऱ सिमरन अब काम शक्ति से परिचित होकर आँख बंद किये सिसकियाँ ले रही थी औऱ गौतम से चुदवा रही थी.. सिमरन को इस मिलन में अदभुद सुख मिल रहा था..
गौतम ने बूब्स छोड़कर सिमरन के बाल पकड़ लिए औऱ जोरदार 5-6 धक्के मारे जिससे गौतम का सारा लंड सिमरन की गांड में घुस गया औऱ सिमरन के गले से जोरदार चिंख निकल गई जो कमरे बाहर dj की आवाज में कहीं खो गई.. सिमरन को अपनी गांड के गोदाम बनने की खुशखबरी मिल चुकी थी जिसे वो जोर जोर से चिल्लाती हुई सबको बताना चाहती थी मगर वहा सिमरन को सुनने वाला कोई था ही नहीं..

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गौतम - उफ्फ्फ.. सिम्मी.. मान गए यार.. क्या गांड है तेरी.. मज़ा आ रहा है तेरी गांड मारने में..
सिमरन हलकी सी रोती हुई - कमीने एक दम से क्या हो गया तुझे.. धीरे कर ना.. औऱ मज़ा आएगा ही ना.. सील जो तोड़ दी तूने आज मेरी..
गौतम - सिम्मी बहुत प्यारी है यार तू सच में.. पहली बार ऐसा हुआ है चोदने के कुछ देर में ही मेरा झड़ने का मन हो रहा है..
सिमरन - मुंह में झाड़ना मेरे रसगुल्ले.. मुझे तेरा रस पिना है..
गौतम जोर के झटके मारके गांड चोदते हुए - पीला दूंगा यार.. उफ्फ्फ कयामत है तू तो..
सिमरन सिसकियाँ लेते हुए - गौतम आराम से बहुत दर्द हो रहा है मुझे.. आह्ह.. धीरे..
गौतम लगातार तेज़ तेज़ चोदते हुए - थोड़ा सा दर्द नहीं सह सकती तू अपने रसगुल्ले के लिए?
सिमरन चिल्लाते हुए - गौतम आराम से यार..
गौतम - धीरे ही चोद रहा हूँ.. अभी तो टॉप गियर डाला ही नहीं..
सिमरन - तुम तो बहुत दर्द देते हो गौतम.. मेरी जान निकाल दोगे..
गौतम हल्का धीरे होते हुए - सिमरन बहुत मस्त गांड है तुम्हारी मन करता है पूरी रात चोदता रहु..
सिमरन - तू कुछ भी कर मेरे रसगुले तुझे सब आजादी है.. बस मुझे औऱ ज्यादा दर्द मत दे.. पहला मिलन इतना भी यादगार मत बना की याद करते ही गंद में दर्द होने लगे..

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गौतम गांड मारते हुए - आई लव यू सिमरन.. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है मैंने तुझे पहले कहीं देखा है.. तेरे मेरे पहले का कोई नाता है.. कोई रिश्ता है कोई बंधन है..
सिमरन - पहले का तो पता नहीं रसगुल्ले.. पर अब आगे जरूर हमारा रिश्ता होगा.. प्यार का रिश्ता.. आह्ह..
गौतम गांड मारना बंद करके लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करके - होने वाला है सिम्मी.. आजा लेले मेरा लंड मुंह में..

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सिमरन लोडा मुंह में लेकर चूसने लगती है औऱ कुछ पलों में गौतम सिमरन के मुंह में झड़ जाता है जिसे सिमरन पी जाती है औऱ गौतम को गले से लगाकर kiss करते हुए कहती है..
सिमरन - तू दिल में बस गया रसगुल्ले... सच्ची मोहब्बत हो गई तुझसे..
गौतम सिमरन के होंठों को चूमकर - चल अब शादी भी इंजॉय कर लेते है थोड़ा.. 9.30 बजने वाले है..
सिमरन - तुम जाओ.. मुझे थोड़ा समय लगेगा आने में..
गौतम - ठीक है तुम्हारी मर्ज़ी.. पर जल्दी आना.. औऱ वीडियो डिलीट कर देना..
सिमरन - वो तो कब का कर दिया चाहो तो फ़ोन देख लो..
गौतम सिमरन का बोबा पकड़ कर चूसते हुए - सच में डिलीट कर दिया ना? साली तेरी माँ चोद दूंगा अगर झूठ बोला तो तूने?

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सिमरन गौतम के होंठ चूमकर - मुझे चोद कर मन नहीं भरा जो अब मेरी माँ भी चोदनी है तुम्हे.. वीडियो सच में डिलीट कर दिए मैंने.. मैं अपनी मोहब्बत को बदनाम थोड़ी कर सकती हूँ...
गौतम - चोदने लायक हुई तो तेरी माँ भी चोद दूंगा.. मुझे तो सब पसंद है.. मिल्फ ज्यादा पसंद है..
सिमरन हस्ती हुई - अब कपडे पहन लो .. तुमको ऐसे देखकर मेरा मूंड वापस बन रहा है.. जा मैं आती हूँ..
गौतम अपने कपडे पहनकर लोन की तरफ निकल जाता है औऱ सिम्मी अपने आपको ठीक करके बदन में आ चुकी लचक को काबू करने लगती है...

*********

मनोज - क्या हुआ भाई? मज़ा नहीं आया क्या मेरी बहन के साथ?
गौतम - साले तेरी बहन है या मिया खलीफा? कितनी वहशी है..
मनोज - उसकी गलती नहीं है भाई.. तू है ही इतना चिकना वो भी क्या करें? वैसे कैसी लगी ये बता?
गौतम - तू नहीं जानता कैसी है वो?
मनोज - भाई बहन है मेरी.. हमारे बीच सिर्फ अच्छी दोस्ती है.. ऐसा वैसा कुछ नहीं.. मैंने आज तक उसे छुआ तक नहीं..
गौतम - लगता है सिर्फ बेलन से ही काम चलाया है उसने आज तक..
मनोज - पूरा मोहल्ला आगे पीछे घूमता है सिम्मी के.. पर किसी को भाव तक नहीं देती..
गौतम - देगी कैसे डरती होगी कोई सलवार में तलवार देखकर डर ना जाए.. वैसे जितनी खूबसूरत वो है ना.. भगवान ने अच्छा नहीं किया उसके साथ.. बेचारी की चुत पर छोटा सा लोडा चिपका दिया..
मनोज - पर भाई मज़ा तो पूरी लड़की वाला दिया होगा उसने.. तभी तेरा मूंड पहले से अच्छा लग रहा है..
गौतम - वो तो है.. गांड में ही जन्नत मिल गई मुझे तो.. ऊपर से इतना सेक्सी फिगर है घोड़ी बनाने के बाद तो नशा ही हो गया था मुझे..
मनोज - जरुरत से ज्यादा तो नहीं पेला ना तूने? अभी तो बेचारी 19 साल की फूल सी बच्ची है..
गौतम - भाई तेरी फूल सी बहन को अच्छे से खिला दिया मैंने.. मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी.. मैंने थोड़ी सी की तो अकल आ गई उसे..
मनोज - पर है कहाँ वो? साथ क्यों नहीं आई..
गौतम - ठीक से चला जाएगा तब साथ आयगी ना.. अब तो बदन में लचक आ गई उसके.. देख वो आ रही.. कैसे बलखाते हुए आ रही है..
मनोज - अरे बहनचोद तूने तो रगड़ दिया लगता है.. मम्मी पापा देख लेंगे तो बहुत सुनाएंगे इसे..
गौतम - कुछ भी बोल देना यार.. क्या परेशान हो रहा है..

सिम्मी आकर अपने भाई के सामने गौतम को kiss कर लेती है औऱ प्यार से कहती है - चल रसगुल्ले... खाना खाते है साथ में.. भईया आप भी चलो..
मनोज - अभी रहने दे.. बहुत भीड़ है खाने पर.. थोड़ी कम हो जाए फिर चलते है खाने.. तब तक एक एक पेग औऱ ले लेते है.. चल.. स्टेज के पीछे खाली जगह वहा चलते है..
गौतम - वहां मत जा.. रांडे चुद रही है वहा पर...
मनोज - अरे कोई नहीं था अभी तो..
गौतम - भाई तब रांडे नाच रही थी.. अब नाच गाना ख़त्म हो गया तो सारी रंडिया स्टेज के पीछे खाली जगह में मेहमानो के लोडे खा रही है.. सब घराती बराती मिलकर चोद रहे है.. भईया के दोस्त औऱ अंकल के यार लोग सब मिलके पेल रहे है.. रंडियो को घोड़ी बनाकर..
मनोज - तूने नहीं चोदी रांड?
गौतम सिम्मी के गले में हाथ डालकर उसकी चूची मसलते हुए - तेरी बहन चोद रहा था ना.. औऱ मुझे रंडी चोदने का ज्यादा शोक भी नहीं है.. कोई घरेलु मिल जाए तो बात अलग है..
मनोज - तू तो मेरी बहन की ले रहा है मैं किसकी लू यार..
सिम्मी - सच में.. रसगुल्ले.. मेरे भाई के लिए भी कुछ कर ना.. बेचारा अपने हाथों से काम चलाता है..
गौतम फ़ोन निकालते हुए - करता हूँ तेरी व्यवस्था..
सिम्मी मुस्कुराते हुए अपनी चूची पर से गौतम का हाथ हटा कर - भईया के सामने मत कर..
गौतम - शर्मा क्यों रही है मेरी जान... साला है मेरा.. इसके सामने तेरे चुचे दबाउ या गांड मारु.. ये कुछ नहीं बोलने वाला..

गौतम फ़ोन पर - हेलो.. चेतन भईया?
चेतन - हाँ ग़ुगु..
गौतम - भईया वो एक बात करनी थी आपसे..
चेतन - हाँ बोल ग़ुगु.. क्या बात है..
गौतम - भईया नचाने वाली औरते आई है ना..
चेतन - हाँ..
गौतम - भईया उनमे से जो नीली साडी में थी ना.. उससे मिलना है...
चेतन - नहीं ग़ुगु.. बुआ या माँ-पापा को पता लगा तो बहुत सुनाएगे मुझे.. वो सब रंडिया है तू अभी बच्चा है इन सब से दूर रह..
गौतम - भईया सब एन्जॉय कर रहे है मुझे छोड़कर.. औऱ पता कैसे चलेगा.. आप थोड़ी बताओगे.. ना मैं बताने वाला.. प्लीज भईया.. बहुत मन हो रहा है..
चेतन - अच्छा ठीक है नीली साडी वाली तो अंकल ज़ी के साथ है कोई दूसरी भेज रहा हूँ तेरे रूम में.. जल्दी से काम करके वापस लोन में आ जाना.. किसी को पता ना चले..
गौतम - ठीक है भाईया.. जैसा आप कहो..
चेतन - औऱ कंडोम याद से लगा लेना.. ये सब रंडिया है रोज़ किसी ना किसी से चुदवाती है.. चल रखता हूँ..

गौतम - ले साले.. तेरा जुगाड़ भी करवा दिया.. जा मेरे रूम में वहा आ जायेगी तेरे लिए कोई ना कोई रांड..
मनोज - तू भी चल ना..
गौतम सिमरन को देखकर - नहीं मैं यही ठीक हूँ तू जा..
सिम्मी - भईया वापस जाना है जरा जल्दी आना.. पापा का फ़ोन आया था बुला रहे थे..
मनोज - ठीक है..

मनोज गौतम के रूम में चला जाता है औऱ वहा कुछ देर बाद एक रांड आ जाती है मनोज औऱ उस रांड में कुछ देर चुदाई होती है फिर 15-20 बाद मनोज वापस लोन में आ जाता है औऱ सिम्मी को लेके वापस जाने लगता है..
गौतम - सिम्मी आज रात मेरे पास नहीं रुक सकती? मन नहीं कर रहा तुझे अपने दूर करने का..
सिमरन - मन तो मेरा भी नहीं है रसगुल्ले तुझसे दूर जाने का.. पर क्या करू.. पापा बहुत स्ट्रिक्ट है नहीं मानेगे मुझे छोड़ने के लिए.. मैं फ़ोन करुँगी..
गौतम - अपना ख्याल रखना सिम्मी..
सिमरन गौतम को चूमते हुए - तुम भी अपना ख्याल रखना रसगुल्ले..
मनोज दोनों का चुम्बन देखकर - अरे यहां मैं भी हूँ कुछ तो शर्म करो.. यही सब करना है अकेले में कहीं जाकर कर लो..
सिम्मी चुम्बन तोड़कर - चूमने दो ना भईया.. बड़ी मुरादो के बाद तो मुझे मेरा रसगुल्ला मिला है.. मन तो कर रहा है इसे भी अपने साथ ले जाऊ..
मनोज - पापा का फ़ोन आ रहा है सिम्मी चल..
गौतम मनोज से - साले इसका ख्याल रखना.. ये मेरी है..
मनोज - उसकी चिंता मत कर भाई.. बस मेरी बहन से जल्दी मिलने आना.. बेचारी बहुत अकेले रही है.. अब इसे प्यारकी जरुरत है..
सिमरन वापस गौतम को चूमते हुए - बाए मेरे रसगुले.. इंतजार करूंगी तुम्हारा.. जल्दी मिलने आना..
गौतम - बाय जान..
मनोज गौतम से गले मिलता हुआ - चल भाई.. चलता हूँ..
गौतम - अपनी बहन का ख्याल रखना यार.. बहुत प्यारी है..
मनोज सिमरन को साथ लेकर पार्किंग की तरफ चला जाता है औऱ एक वाइट कार में अपने माँ पापा के साथ बैठ जाता है.. कार वहा से चली जाती है गौतम मुस्कुराते हुए कार को जाते हुए देखता रहता है..




Nice update
 

Danny69

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Update 12


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सुबह की पहली निकलते ही शबाना अपने बिस्तर से उठकर घर के कामों में लग गई और रोजमर्रा के काम निपटाते हुए घर में यहां से वहां घूमने लगी. शबनम की बेटी रेशमा अपने ससुराल जा चुकी थी और उसका बेटा आदिल जो अब भी घोड़े बेचकर चैन की नींद सो रहा था शोहर फारूक अपने सुबह के नियत समय पर अपने दुकान जा चुका था. थोड़ी देर बाद आदिल भी उठकर घर से बाहर निकल गया और हर दिन की तरह आवारा गर्दी करने और मोहल्ले में यहां से वहां घूमने लगा. शबाना घर पर अकेली पड़ चुकी थी जैसे वह हरदम रहती थी उसके आसपास ना तो कोई बोलने वाला था ना ही उससे बात करने वाला.

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अपने सुबह के घर के काम निपटाकर शबाना जब बिस्तर पर चैन की सांस लेते हुए दो घड़ी बैठी तब उसका फोन बजने लगा. शबाना ने फोन की तरफ देखा तो मुस्कुराते हुए उसे अपने हाथ में लेकर कुछ सोचने लगी. पिछले कई दिनों से जब से गौतम ने उस दिन शबाना से बात की थी और पूरी बेशर्मी के साथ उसे छेड़ा था तब के बाद अक्सर गौतम शबाना को फोन करके उसे मीठी-मीठी बात करता था और बातों ही बातों में अपने मन की बात कह कर शबाना को शर्मिंदा कर देता था शबाना को भी अब गौतम के फोन का इंतजार रहता और वह उससे बात करने के लिए लालायित रहती. इस बार भी कुछ वैसा ही था शबाना अपने हाथ में फोन लिया गौतम का फोन आता देखकर मुस्कुराते हुए फोन उठाना चाहती थी मगर एक दायरा और एक पर्दा जो उसके और गौतम के बीच अभी था वह शबाना को हर बार एक मुकाम पर लाकर उसे आगे बढ़ने से रोक देता..

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शबाना फ़ोन उठाकर - हेलो..
गौतम - हेलो शबाना बेगम.. कैसी हो?
शबाना - बेशर्म तेरे दोस्त की अम्मी हूँ, थोड़ा तो लिहाज़ कर अपनी और मेरी उम्र का. वरना बहुत मार खायेगा मुझसे.
गौतम - मैं तो तुम्हारे हाथों से मरने को भी तैयार हूँ शबाना.. और लिहाज़ किस बात का? प्यार की कोई उम्र थोड़ी होती है..
शबाना - बेटा तू सामने आ गया ना एक बार तो ऐसा सबक सिखाउंगी की प्यार का सारा भूत उतर जाएगा..
गौतम - अच्छा ज़ी.. ऐसा क्या करोगी बताओ जरा..
शबाना - तू सामने तो आ कमीने.. उस दिन के बाद कैसे बिग्गी बिल्ली की तरह गायब रहता है. बस फ़ोन पर ही तेरी आवाज निकलती है..
गौतम - मिलना तो मैं भी तुमसे चाहता हूँ मेरी शब्बो.. पर क्या करू बहुत काम है और कॉलेज का आखिरी साल है इम्तिहान आने वाले है तो पढ़ना भी जरुरी है.. वैसे अगर तुमको चाहिए तो मुझसे मिलने आ सकती हो.. मगर जरा फुसरत निकाल कर आना.. अब तुमसे लम्बी मुलाक़ाते करने का मन है..
शबाना - बेटा अपनी जवानी को काबू में रख वरना आदिल और आदिल के अब्बू को पता चल गया ना तू मुझसे कैसी कैसी बात करता है और क्या चाहता है तो तेरा क्या हाल होगा तू बखूबी जानता है..
गौतम - अब प्यार किया तो डरना क्या मेरी शब्बो.. तुम्हारे लिए तो ख़ुशी ख़ुशी कुर्बान हो सकता हूँ.. और मैं इतना तो जानता हूँ अगर तुम्हे किसीको बताना होता तो तुम अभी तक उनको सब बता चुकी होती..
शबाना मुस्कुराने लगती है और कहती है - बेटा बच्चा समझके छोड़ देती हूँ वरना तुझे तो कबका एक थप्पड़ में सीधा कर दू मैं..
गौतम - एक बार इस बच्चे से प्यार करके देखो शब्बो बेगम.. पहली चुदाई याद आ जायेगी..
शबाना - जलील इंसान.. कितना बेशर्म है तू? बहुत आग लगी है तुझमे? पता दे मैं अभी आकर तेरी लुल्ली का इलाज़ करती हूँ..
गौतम - शब्बो लुल्ली नहीं लोडा है मेरा.. देखते ही तेरी चुत से पानी बह जाएगा.. वीडियो कॉल कर तुझे दिखाता हूँ..

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शबाना अपने बूब्स सहलाते हुए - क्यों मेरे पीछे पड़ा हुआ है बेटा.. तेरी अम्मी जैसी हूँ मैं और तेरे दोस्त की अम्मी..
गौतम - क्या करू मेरी जान.. तेरे हुस्न के आगे ये सब बातें मायने नहीं रखती.. दिल कहता है अभी तुझे अपनी बाहों में भरके प्यार करू.. तेरे होंठों से शराब पी लू.. तेरे चुचो से दूध पीलू.. तेरे बदन से खेलु.. तेरी चुत को चाट कर साफ करु फिर अपने लंड से तेरी चुत फाड़कर तेरी जवानी का स्वाद चखु..
शबाना अपनी चुत पर उंगलिया रगढ़ती हुई किसीके आने की आहट सुनती है..

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शबाना - लगता है कोई आ रहा है. मैं बाद में बात करती हूँ.
गौतम - शबाना.. शबाना... सुन तुझे व्हाट्सप्प पर मैंने कुछ भेजा है चेक करना..
शबाना फ़ोन काट देती है और बाहर जाकर दरवाजा खोलती है सामने आदिल था.. जो बहुत बुरी हालात में था उसे देखकर ही लगता था की वो मार पिट करके आया है शबाना कि कामुकता ने गुस्से का रूप ले लिया था...

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शबाना - किससे लड़ के आ रहा है..
आदिल - कुछ नहीं छोटी सी बात हो गई थी..
शबाना - क्या छोटी सी बात? और ये चोट?
आदिल - अरे वो कुछ लड़के पप्पू हलवाई के आगे फालतू गाली बक रहे थे सालों का ऐसा इलाज़ किया है आगे कभी बोलेंगे नहीं..
शबाना - दिनभर लड़ाई झगडे औऱ कुत्ते कि तरह घूमने के सिवा कुछ और भी काम है तुझे? अपने अब्बू के साथ दूकान पर ही बैठ जाया कर..
आदिल -अम्मी पकाओ मत.. पहले ही दिमाग ख़राब हो रहा है.. औऱ मत करो..
शबाना - अरे सुन तो दवाई लगा ले चोट पर.. आदिल..

शबाना ने इतना ही कहा था की घर के दरवाजे पर आदिल का एक दोस्त नौशाद आ गया और जो देखने से लग रहा था की बहुत तेज़ी से भागता हुआ आया है उसकी साँसे ऊपर नीचे चढ़ी हुई थी वो हाफ्ते हुए बोला..
नौशाद - आदिल..
शबाना - क्या हुआ?
आदिल - क्या हो गया ऐसे क्यों हांफ रहा है?
नौशाद - अबे वो पुलिस... पुलिस आ रही है.. माज़ीद को भी उठा लिया.. अभी जिसको मारा है वो किसी बिज़निसमेन का बेटा है.. उसके बाप ने पुलिस में शिकायत की है पुलिस सबको उठा रही है..
शबाना - कितनी बार मना किया पर मानने का नाम नहीं अब पता नहीं क्या होगा.. तेरे अब्बू को फ़ोन कर..

इतनी बात हो ही रही थी की पुलिस आदिल के घर आ धमकी और आदिल और नौशाद को पकड़ के अपनी जीब में बैठा लिया.. शबाना ने बहुत कोशिश की मगर कुछ ना कर सकी.. शबाना ने अपने शोहर फारूक को फ़ोन किया और सारी बात बताई फारूक दूकान पर रामु को छोड़कर घर आ गया और शबाना को लेकर पुलिस थाने चला गया..

फारूक - साब बच्चा है गलती हो गयी माफ़ कर दो..
थानेदार - फारूक मिया एक गलती माफ़ करेंगे तो अगली गलती करेगा.. सजा तो देनी पड़ेगी.. और किसी आम आदमी के बच्चे को थोड़ी मारा है इन लोगों ने.. सेठ धनीराम के लड़के को धोया है वो भी cctv के सामने.. ऊपर से प्रेशर है.. रेपोर्ट भी लिख चुके है.. अब तो आई.पी.सी. की कई धाराओं के अंदर आपके लड़के का नाम आ चूका है.. सबूत भी पुरे पुरे है.. 2-3 साल के लिए पक्का अंदर आएगा आपका लड़का..
फारूक - थानेदार साब.. एकलौता लड़का है.. समाज में इज़्ज़त है सब आपके ऊपर है.. कुछ मदद करिये.. आप जो बोले करने को त्यार हूँ..
थानेदार - अरे फारूक मिया.. मैं अगर मदद कर सकता तो मना थोड़ी करता है.. आखिरी मैं भी तो इंसान हूँ.. मगर बात बड़ी है.. आप समझो.. मेरे बस के बाहर है..

फारुख थानेदार से बात करके आदिल को छुड़ाने में नाकाम रहता है और आखिरकार थक हार कर शबाना को लेकर वापस घर आ जाता है.. शबाना और फारूक दोनों ही घर में उदास बैठकर यह सोच रहे थे कि अब क्या किया जाए और कैसे आदिल को जेल की सलाखों से बाहर निकल जाए. शबाना यह सब सो रही थी कि उसके फोन पर फोन आता है और फोन उठा कर चेक करती है तो उसे पर गौतम का फोन होता है. शबाना फोन काट देती है मगर गौतम वापस फोन करता है जिस पर शबाना छत पर आ जाती है औऱ तंग आकर गौतम से रुखे शब्दों में रहती है.

शबाना - क्या है? क्यों बार बार फ़ोन कर रहा है तू?
गौतम - उफ्फ्फ.. इतना गुस्सा? क्या हुआ मेरी शब्बो का मूंड खराब है?
शबाना - गौतम फ़ोन काट और वापस फ़ोन मत करना.. समझा? वरना अब तक तेरी हरकते मैं बच्चा समझके बर्दाश्त कर रही थी अब नहीं करुँगी..
गौतम - अच्छा बाबा ठीक है नहीं करूँगा पर तुम बताओ तो हुआ क्या है?
शबाना थोड़ा ठंडा पड़के सारी बात गौतम से कहा देती है और गौतम हसता हुआ कहता है..
गौतम - बस इतनी सी बात? इतनी सी बात के लिए मेरी शब्बो परेशान है? तुम कहो तो अभी आदिल को जेल से निकलवा कर घर बुलवा देता हूँ..
शबाना - मज़ाक़ मत कर गौतम..
गौतम - अरे बाबा मैं क्यों मज़ाक़ करूंगा? मेरी शब्बो की तकलीफ अगर मैं नहीं दूर करूंगा तो कौन करेगा?
शबाना - तू सच में आदिल को जेल से निकलवा सकता है?
गौतम - हाँ मगर मुझे भी बदले में तुमसे कुछ चाहिए..
शबाना - मैं वैसा कुछ भी नहीं करने वाली जो तू सोच रहा है.. मैं तुझे भी आदिल के जैसे अपना बच्चा मानती हूँ थोड़ी बहुत मज़ाक़ मस्ती को मेरी हाँ मत समझना..
गौतम - पर मैं तो तुम्हे अम्मी नहीं मानता.. सोच लो.. आदिल की ज़िन्दगी का सवाल है.. मुझे कुछ तो देना पड़ेगा..
शबाना - अच्छा क्या चाहिए?
गौतम - हम्म्म... अब चुत नहीं तो मुंह सही.. Blowjob दे देना..
शबाना - क्या कहा? मतलब?
गौतम हसता हुआ - blowjob का मतलब नहीं पता? कितनी भोली हो तुम.. अरे मतलब नुनु को मुंह में लेके ठंडा कर देना बस.. इतना सा..
शबाना - कमीने तेरा मुंह तोड़ दूंगी मैं.. बेशर्म कहीं का.. अपने दोस्त की अम्मी के साथ ये सब करेगा..
गौतम - फिर तुम्हारी मर्ज़ी.. अब फ़ोन नहीं करूँगा, बहुत तंग करता हूँ ना तुम्हे? बहुत नाराज़गी है तुम्हे मुझसे? अब कभी नहीं परेशान करूंगा..
शबाना - अच्छा ठीक है कुत्ते.. कर दूंगी तुझे ठंडा पर पहले आदिल को घर आने दे..
गौतम - बाद में मुकर तो नहीं जाओगी तुम?
शबाना - नहीं मुकुरूंगी.. बस..
गौतम - अच्छा वो पिक भेजी थी व्हाट्सप्प पर देखी तुमने?
शाबाना - नहीं अभी देखती हूँ..
गौतम - तुम देखके बताओ कैसी है और मैं अभी आदिल को बाहर निकलने का इंतज़ाम करता हूँ.. रखता हूँ..

शबाना व्हाट्सप्प खोलती है तो उसमे गौतम ने शबाना को अपने लंड की फोटोज सेंड की हुई थी जिसे देखकर शबाना की चुत में अजीब सी सुगबुगाहत होने लगती है वही गौतम रजनी को फ़ोन करता है..

गौतम - कैसी हो दीदी..
रजनी - मेरा छोड़ तू अपना बता छोटू.. इतने दिनों से ना massage ना कॉल.. तू इतना बिजी रहता है की अपनी दीदी से बात करने का समय नहीं मिला? याद नहीं आती मेरी?
गौतम - याद उसे किया जाता है दीदी जिसे भूल गए हो.. आप तो मेरे दिल में बस्ती हो..
रजनी - फिर भी अपने दीदी से मिलने की फुसरत नहीं मिलती?
गौतम - फुर्सत तो बहुत है दीदी, पर आपने जो आपके और मेरे बीच एक दायरा बनाके रखा उसे तोड़ने से डर लगता है.. आप तो जाती हो मैं आपको कितना पसंद करता हूँ.. जब भी आपको देखता हूँ बहकने लगता हूँ..
रजनी - ये सब ड्रामा बंद कर मैं अच्छे से जानती हूँ तुझे.. नौटकीबाज़.. बता कब मिलने आ रहा है मुझसे?
गौतम - मैं नहीं आऊंगा दी..
रजनी - अच्छा ज़ी? किस्सी मिलेगी अगर आओगे तो?
गौतम - पक्का?
रजनी - हाँ पक्का.. मेरे छोटे से आशिक..
गौतम - दीदी छः फ़ीट का हूँ आपसे लम्बा.. छोटा किसे बोल रही हो?
रजनी हसते हुए - अच्छा? छोटा बोलने पर मेरा छोटू गुस्सा होता है?
गौतम - दीदी एक बात थी..
रजनी - हाँ बोलो ना.. कुछ चाहिए था?
गौतम - हाँ..
रजनी - क्या चाहिए मेरे छोटे से आशिक़ को?
गौतम - दीदी एक दोस्त है मेरा, आदिल नाम है.. सुबह छोटा सा झगड़ा हो गया था तो पुलिस ने उठाकर जेल में डाल दिया.. **** थाने में बंद है आप कुछ मदद कर सकती हो?
रजनी - बस? अभी फ़ोन करती हूँ..
गौतम - थैंक्स दी..
रजनी - तू कब से थैंक्स बोलने लगा? और व्हाट्सप्प पर डेट और टाइम सेंड किया है टाइम से आ जाना मिलने.. वरना घर उठवा लुंगी तुझे..
गौतम - वक़्त से पहले आ जाऊंगा..

गौतम रजनी से बात करके फोन काट देता है और फिर शबाना को फोन करता है..

शबाना - हेलो..
गौतम - हेलो मेरी शब्बो बेगम.. निकलवा दिया आदिल को जेल से बाहर.. 10 मिनट में घर आ जाएगा आदिल, अब तुमको बताओ कब और कहा दोगी मुझे मेरा इनाम..
शबाना मुस्कुराते हुए - कुछ नहीं मिलेगा तुझे..
गौतम - सोच लो बात से पलट रही हो तुम..
शबाना - सोच लिया..
गौतम - यार मान जाओ ना, अपना वादा निभाने आ जाओ वरना फिर टांग उठा के चुत भी देनी पड़ेगी मुझे..
शबाना हस्ती हुई - कल सुबह 9 बजे घर आ जाना.. दे दूंगी जो कहा है..
गौतम - कंडोम का पैकेट कितने पिस का लाउ शबाना बेगम 3 या 8?
शबाना - कमीने सिर्फ blowjob ही मिलेगा.. जो तय हुआ था.. उससे ज्यादा कुछ नहीं..
गौतम - देखते है.. आज नहीं तो कल मिलेगा तो सब..
शबाना - सिर्फ ख्वाबों में..
गौतम - अच्छा लोडा केसा लगा मेरा?
शबाना हसते हुए - चुप बेशर्म...

शबाना फोन काट देती है और कुछ ही मिनट में उसके सामने उसका बेटा आदिल दरवाजे से अंदर आता होगा दिख जाता है..

अगले दिन सुबह शबाना ने घर के दरवाजे पर किसी के आने की दस्तक सुनी तो वो कामोतेजना से भरकर रोमांचित हो उठी उसे पता था की आज उसके शोहर फारूक आदिल के साथ बाहर गए है जिनको आते आते रात हो जायेगी. घर में शबाना अकेली थी और वो खुद भी गौतम का इंतजार कर रही थी उसके मन में अपनी सुनी पड़ी जिंदगी को फिर से हरा भरा करने का ख़्वाब चल रहा था.. शबाना ने दरवाजा खोलकर जब गौतम को दिखा वो शर्म से आँखे नीचे करती हो दरवाजे से पीछे हट गई और गौतम को अंदर आने की जगह दे दि. गौतम ने अंदर आते हुए दरवाजा लगा दिया. और सामने नजर झुकाए घड़ी शबाना को देखता रहा. कुछ देर दोनों इसी तरह एक दूसरे को प्यार कि नजर से देखते रहे मगर किसी में भी हिम्मत नहीं थी कि दोनों में से कोई भी आगे बढ़कर पहल करता. गौतम ने हीं सिलसिले को तोड़ा और आगे बढ़कर शबाना का हाथ पकड़ते हुए उसके झुके हुए सर को उंगलियों से ऊपर उठा दिया और उसके गुलाबी होंठ अपने होंठ में भरके चुंबन करने लगा.

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शबाना ने गौतम की हरकत का कोई विरोध नहीं किया और ना ही किसी तरह का कोई आपत्ति जाताई, वह भी अपने होठों से गौतम को शराब पिलाने लगी. घर के आंगन में खड़े गौतम और शबाना दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भरकर चूमने लगे थे दोनों में से किसी ने भी अब तक एक दूसरे से कोई बात नहीं की थी. शबाना गौतम की हर हरकत पर चुपचाप खड़ी हुई सहमति दे रही थी और उसे बार-बार कर चूम रही थी गौतम शबाना के बदन को अपने हाथों से नाप रहा था और हर जगह अपने हाथ ले जाकर शबाना के बदन को छू रहा था और छेड़ रहा था. गौतम के इस तरह के व्यवहार से और अपनी सुनी पड़ी जिंदगी में आई इस बहार से शबाना अभीभूत हो चुकी थी और अब उसके मन में काम इच्छा पूरी तरह से जाग चुकी थी वह अपने दोनों हाथों से गौतम का चेहरा पड़े उसे चूम रही थी और उसे अपने होठों के जाम पिला रही थी मानो वो सालों बाद मिले इस मौके को भूनाना चाहती हो और भरपूर मजा लेना चाहती हो अपनी इच्छा पूरी कर लेना चाहती हो.

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दोनों काफी देर से चुम्बन चल रहा था दोनों ही इस चुम्बन को नहीं तोड़ना चाहते थे बहुत लंबे समय से दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे दोनों एक दूसरे को चूमते चूमते खा जाना चाहते हो तभी गौतम के फोन की रिंग बजी और दोनों के बीच काफी लंबे समय से चल रहा चुंबन टूट गया..

शबाना - किसका फ़ोन है?
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - ये साला हमेशा गलत टाइम पर फ़ोन करता है.
शबाना - तू बात कर मैं तेरे लिए चाय बना देती हूँ..
ये कहकर शबाना रसोई की तरफ चली गई और गौतम भी उसके पीछे पीछे रसोई में आ गया और फ़ोन उठाकर स्पीकर पर रख दिया और फिर से शबाना को अपनी बाहों में भरते हुए चूमने लगा..

आदिल - क्या कर रहा है रंडी?
गौतम चुम्बन तोड़कर - तेरी अम्मी शबाना का चुम्मा ले रहा था गांडु.. इतने गुलाबी होंठ है मन करता है खा जाऊ..
शबाना मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को अपने दांतो से पकड़कर खींचती हुई काट लेटी है और गौतम की आह्ह निकल जाती है फिर शबाना गौतम के होंठों को सहलाती है..
आदिल - अबे किस रंडी को चूस रहा है लोडे.. सच बता..
गौतम - सच बोल रहा हूँ गांडु.. तेरी अम्मी है. अभी तो सिर्फ चुम्मा लिया है शबाना का, चोदना तो बाकी है..
आदिल - भोस्डिके बकवास मतकर सुबह सुबह..
गौतम शबाना की कुर्ती उतारता हुआ - अच्छा बता ना गांडु क्या काम था.. तूने तो दोस्ती ख़त्म कर ली थी ना रात को फिर कैसे फ़ोन कर लिया?
आदिल - अरे यार कल काण्ड हो गया था..
गौतम - हाँ बताया था तेरी अम्मी ने कैसे पुलिस ने तेरी गांड तोड़ी थी कल..
आदिल - उसीके लिए फ़ोन किया है भोस्डिके. आज अब्बू मुझे खालू के यहां कासपुर ले जा रहे है.. कल कोई मन्नत मांगी थी उन्होंने जिसे पूरा करने..
गौतम शबाना की कुर्ती उतारकार उसकी ब्रा देखते हुए - साले तूने बताया नहीं तेरी अम्मी की ब्रा का साइज 38 है.. देखने से 32-34 ही लगते थे.. (बूब्स दबाकर) बहनचोद कितने टाइट है यार तेरी अम्मी के चुचे..

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आदिल - बहन के लंड पागल हो गया सुबह सुबह.. कितनी पी है तूने आज.. मैं जो बोल रहा हूँ वो बता..
गौतम - चल पूछ ना गांडु..
गौतम इतना कहकर शबाना की ब्रा निकाल दी और उसके बूब्स को चाटने और चूसने लगा निप्पल्स को छेड़ने लगा शबाना भी मुस्कुराते हुए गौतम का पूरा साथ दे रही थी

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आदिल - अरे कोई जुगाड़ है क्या यहां कासपुर के पास? किसीको जानता है तू?
गौतम - जानता तो हूँ..
आदिल - बोल ना भोस्डिके.. मुंह में कुछ ले रखा है क्या?
गौतम - हाँ भाई तेरी अम्मी के गुलाबी निप्पल्स है मेरे मुंह में.. बड़े प्यार से अपने चुचे चुसवा रही है हमारी बातें सुन रही है..

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आदिल - क्यों अपनी माँ चुदवा रहा है रंडी.. बताना है तो बता दे वरना फ़ोन रख..
गौतम - रख दे साले.. मैं क्या है?

शबाना गैस पर से चाय उतारकर कप में चाय छन्नी कर लेटी है और अपना चुचा चूस रहे गौतम के मुंह से अपना बोबा निकालकर उसे चाय का कप दे देती है..
आदिल - भोस्डिके क्यों भाव खा रहा है? बता दे ना..
गौतम चाय लेटे हुए - चल ठीक है मगर कुछ करना पड़ेगा उसके लिए पहले..
ये कहते हुए गौतम ने शबाना के सर पर हाथ रख दिया और उसे नीचे बैठने का इशारा किये जिसे शबाना अच्छे से समझा गई और अपने घुटनो पर बैठकर गौतम की जीन्स पर लगा बेल्ट खोलने लगी फिर जीन्स खोलकर नीचे सरका दी..
आदिल - क्या करना है जल्दी बोल रंडी..
गौतम - बहुत रंडी रंडी बोलता है ना मुझे गांडु.. चल अब अब्बू बोल फिर नंबर दूंगा..
शबाना गौतम की बात सुनकर दबी हुई हंसी हँसने लगी और शरारत भरे अंदाज़ से गौतम की टीशर्ट ऊपर करके उसके नाभि पर प्यार से चूमकर अपने दांतो से काट लिया..
आदिल - मादरचोद औकात मत दिखा अपनी.. देना है तो दे वरना माँ चुदा..
गौतम - तेरी मर्ज़ी..वैसे आज तो तेरी अम्मी चुदने वाली है..
आदिल फ़ोन काट देता है..

शबाना - बिलकुल बेशर्म है तू. थोड़ी भी शर्म नहीं है तेरे अंदर..
गौतम - शर्म होती तो तुम इस तरह मेरे सामने बैठकर मेरी चड्डी नहीं उतार रही होती शब्बो बेगम..
शबाना हस्ते हुए - इस तरह से तो मत बुला कमीने.. मुझे शर्म आने लगती है..
गौतम चाय पीते हुए - शर्म ही तो औरत का गहना होता है शब्बो..
शबाना गौतम से नज़र चुरा लेती है और उसकी चड्डी भी नीचे सरका देती है.. जैसे ही गौतम की चड्डी नीचे सरकती है शबाना का मुंह खुला का खुला रह जाता है..

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शबाना सोच रही थी की कल जो फोटोज गौतम ने व्हाट्सअप की थी वो फेक है मगर अब उसके सामने गौतम का झूलता लंड था और शबाना उसे देखकर हैरात से आँखे बड़ी कर चुकी थी.. शबाना को समझा नहीं आ रहा था की कैसे गौतम के पास इतना बड़ा और मोटा लम्बा लंड है ये असाधारण बात थी..
शबाना बिना कुछ बोले बस लंड को देखे जा रही थी और गौतम चाय पीते हुए सारा नज़ारा देखकर मुस्कुरा रहा था..

शबाना ने एक नज़र ऊपर करके गौतम को देखा तो गौतम ने मुस्कुराते हुए कहा..
गौतम - पसंद आया मेरी शब्बो को मेरा लंड?
गौतम के सवाल पर शबाना शर्म से पानी पानी हो गई और फिर आँखे नीचे करके फर्श को देखने लगी मगर गौतम ने शबाना के चेहरे को ऊपर उठाते हुए उसके मुंह में अपना अंगूठा डाल दिया जिसे शबाना शरमाते हुए चूसने लगी.. थोड़ी देर अंगूठा और उंगलियां चूसाने के बाद गौतम ने शबाना को से कहा..
गौतम - इतना शर्माओगी तो कैसे काम चलेगा शब्बो?
गौतम के इतना कहते ही शबाना औऱ शर्म से लाल पड़ गई..

गौतम - यार शब्बो तेरा बेटा पता नहीं क्या चाहता है.. बार बार फ़ोन कर रहा है.. एक मिनट इससे बात कर लू..
गौतम फ़ोन उठाकर - हाँ गांडु बोल?
आदिल - भाई क्यों नखरे कर रहा है देदेना नम्बर..
गौतम - दे तो रहा हूँ.. तू बोल ही नहीं रहा..
आदिल - अच्छा.. अब्बू.. बस बोल दिया अब दे जल्दी.
गौतम - ऐसे नहीं गांडू.. बोल अब्बुजान मेरी अम्मी के मुंह में लोडा डाल दो.
आदिल धीरे से- अब्बूजान मेरी अम्मी के मुंह में लोडा डाल दो.. बस अब दे जल्दी..

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गौतम शबाना के मुंह में लोडा डाल डेता है.
शबाना शरमाते हुए औऱ मुस्कुराते हुए लंड मुंह में ले लेती है औऱ चूसने लगती है..
गौतम - उफ्फ्फ आदिल क्या चुस्ती है तेरी अम्मी यार..
आदिल - मज़ाक़ मत कर रंडी अब दे दे जल्दी नम्बर..
गौतम - व्हाट्सप्प कर रहा हूँ रुक.. फ़ोन कट जाता है..
शबाना रुक शब्द सुनकर लोडा चूसना बंद कर देती है औऱ गौतम को देखती मगर गौतम नम्बर सेंड करके शबाना से कहता.. तुझसे नहीं बोला मेरी जान, तू चुस्ती रह. केसा है मेरा लंड?
शबाना - लज़ीज़ है..
गौतम शबाना के बाल पकड़ कर उसे अपना लोडा अंदर तक चूसाता हुआ - तो पूरा लोना मेरी जान..

शबाना कामुक होती हुई गौतम के लंड को चूस रही थी औऱ उसे देखकर मुस्कुरा रही थी मानो कहा रही हो तुम कितने बेशर्म हो गौतम.. गौतम शबाना के सर पर हाथ रखकर उसे अपना लोडा ऐसे चुसवा रहा था मानो कहा रहा हो आज तो तेरे मुंह के साथ चुत भी सुज्जा दूंगा शबाना..
कुछ देर बाद शबाना के मुंह की गर्माहट औऱ लार से गौतम चरम पर पहुंच जाता है औऱ वो शबाना के मुंह में अपना सारा माल छोड़ कर फारीक हो जाता है.. शबाना मज़े से लंड का माल पीते हुए मुस्कुराती है औऱ फिर चाट चाट के गौतम के लंड को साफ करके खड़ी हो जाती है..

गौतम - क्या चुस्ती हो यार शब्बो, मज़ा आ गया..
शबाना मुस्कुराते हुए सारी शर्म छोड़ देती है औऱ अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए गौतम से कहती है - अब तुम्हारी बारी.. चलो..
शबाना ने इतना कहकर गौतम के कंधे पर हाथ रखकर नीचे बैठने को इशारा किया मगर गौतम शबाना का मन समझा चूका था औऱ नाटक करते हुए बोला - शब्बो वादा सिर्फ blowjob का था अब आगे मेरा कुछ करने का मूड नहीं है..
शबाना ने गौतम का एक हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया औऱ बोली - मूंड बनाने के लिए मैं हूँ ना बेटा..
गोतम शबाना के बूब्स के निप्पल्स जोर से मसलते हुए - पर मैं आगे कुछ नहीं करने वाला.. बहुत नखरे चोद रही थी ना तुम.. अब मेरी बारी है..
शबाना - पूरा सुलगा कर जलता छोड़ रहा है.. बिना तेरी इज़्ज़त लुटे यहां से जाने नहीं दूंगी तुझे? चुपचाप लाइन पर आजा..
गौतम - नहीं तो क्या करेगी?
शबाना - चिल्ला दूंगी.. इस हालात में जब सब देख लेंगे तो पता है क्या हाल करेंगे?
गौतम - सिर्फ मेरा हाल थोड़ी बुरा होगा?
शबाना - मुझे अपनी परवाह नहीं है.. तू अपनी सोच..
गौतम शबाना का मुंह पकड़ कर - बहुत बोलना आ रहा है ना तुझे?
शबाना - क्या कर लेगा तू?
गौतम - तेरा मुंह बंद कर दूंगा..
शबाना - हिम्मत है तुझमे मेरा मुंह बंद करने की?
गौतम शबाना की बात सुनकर उसके मुंह से अपना मुंह लगा लेता औऱ शबाना को चूमने लगता है जिससे शबाना भी मस्ती से भरकर गौतम के गले में अपने हाथ डाल देती औऱ उसके नाजुक लबों को अपने मोटे औऱ गुलाबी लबों से चूमने लगती है...

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शबाना चूमते हुए गौतम को लेकर अपने बेड रूम में आ जाता है औऱ बिना चुम्बन तोड़े दोनों बिस्तर पर गिर जाते है..

शबाना डोमिनट करती हुई गौतम को पीठ के बल लिटा देती है औऱ उसके ऊपर आकर उसके चेहरे को बार बार चूमने लगती है औऱ गौतम के चेहरे गर्दन औऱ सीने पर अपने होंठों के साथ जीभ से भी चुम्बन अंकित कर देती है.. शबाना पूरी मस्ती में गौतम के सीने पर उसके निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने लगती है जैसे उसका दूध निकालकर छोड़ेगी गौतम को भी इसमें बहुत काम सुख मिल रहा था शबाना ने दांतो से उसके निप्पल्स काटने शुरू कर दिया जिसमे गौतम को थोड़ा दर्द होने लगा.. शबाना ने गौतम के बदन पर लव बाईट की झड़ी लगा दी..
शबाना वापस नीचे आगई औऱ गौतम के लंड को मुंह में लेकर वापस उसे चूसना शुरू करदिया..

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शबाना को सालों बाद कोई बिस्तर पर मिला था जो उसे काम सुख देने वाला था शबाना गौतम को अपनी चुदाई कला से रिझाना चाहती थी जिसके लिए वो गौतम को पूरी तरह खुश करने में लगी थी..
गौतम ने किसी रंडी की तरह शबाना के बाल पकड़ लिए औऱ उसके मुंह में झटके मारने लगा.. शबाना किसी रंडी की तरह अपना मुंह चुदवा रही थी.. उसके मुंह में गौतम का लंड आधे से ज्यादा घुस रहा था..
गौतम ने कुछ देर ऐसे ही शबाना का मुंह चोदकर उसके बाल खींचता हुआ उसे ऊपर ले आया औऱ अपने हाथ से शबाना की चड्डी उतारकर उसकी चुत को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया औऱ उसकी चुत का जायजा लेने लगा.

गौतम - ऊपर से कितने नखरे कर रही थी औऱ नीचे सारे बाल साफ करके बैठी.. मेरे लिए काटी है ना झांटे?
शबाना पूरी बेशर्मी से - हाँ तेरे लिए काटी है.. पहले कह देता तुझे बालों वाली चुत पसंद है तो नही काटती..
गौतम - उफ्फ्फ अम्मीजान मार डोलोगी तुम तो..
शबाना - तुम्हारे मुंह से अम्मीजान कितना प्यारा लगता है..
गौतम - अच्छा.. तो बस आज के बाद आपको अम्मीजान कहकर ही बुलाऊंगा..
शबाना हस्ते हुए - चुप बेशर्म..
गौतम - अम्मीजान अब अपनी चुत का रस पीलाओ..
गौतम उठकर शबाना की टांग चौड़ी कर लेता है औऱ उसके जांघो के जोड़ पर अपने मुंह लगा के उसकी चुत सूंघता है जिसकी खुशबु से गौतम काम की हवा में बहने लगता है..
गौतम जैसे ही अपने होंठ शबाना की चुत पर रखता है शबाना काम में डूबी हुई एक आह भारती है औऱ गौतम के सर पर अपने दोनों हाथ रखकर उसका सर अपनी चुत पर जोर से दबा लेती है..

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तभी गौतम का फ़ोन बजता है जिसे शबाना देखती है औऱ उसपर आदिल का नाम देखकर गुस्से में कहती है - ये अपनी अम्मी नहीं चुदने देगा आज.. गँड़मरा बार बार फ़ोन करके परेशान कर रहा है..
गौतम हसते हुए - इसकी अम्मी चुदने से तो आज इसका बाप भी नहीं रोक सकता..
शबाना हसते हुए फ़ोन गौतम को दे देती है.. गोतम फ़ोन उठाकर शबाना की चुत चाटने लगता है..

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आदिल - क्या कर रहा है?
गौतम - तेरी अम्मी की चुत चाट रहा हूँ..
आदिल - क्यों मज़ाक़ कर रहा है रंडी..
गौतम - रुक फोटो भेजता हूँ.. गौतम सिर्फ चुत की फोटो खींचकर आदिल को व्हाट्सप्प कर देता है.. देख ले खुद चाट रहा हूँ..
आदिल - अबे सच बता किस रंडी की ले रहा है? मुझे नहीं दिलवायेगा?
गौतम हस्ते हुए - अबे तेरी सगी अम्मी है..
आदिल - बहन के लोडे फालतू मज़ाक़ नहीं.. बहुत हो गया तेरा.. औऱ वो जो तूने नंबर दिए थे पैसे ज्यादा मांग रहा है..
गौतम - कितने कम पड़ रहे है?
आदिल - अबे 4 हज़ार मांग रहा है वो भी दो घंटे के.. मैं दो हज़ार देने को त्यार हूँ..
गौतम शबाना को देखकर - बाकी दो हज़ार में सेंड कर रहा हूँ मज़े कर.. औऱ वापस कॉल मत करना शाम तक..
आदिल - बहन के लंड.. होश में है? मेरे टुकड़ो पर पलता है तू.. पैसे कहाँ से आये तेरे पास?
गौतम - बाद में बताऊंगा अभी तेरी अम्मी को चोदना है.. चल रखता हूँ.. पैसे ऑनलाइन कर दिए..
फ़ोन कट हो जाता है..

शबाना - आदिल रडीयों के पास जाता है?
गौतम - कभी कभी जाना पड़ता है अम्मी.. गौतम फिर से शबाना की चुत चाटना शुरू कर देता है.. शबाना भी आगे कुछ नहीं बोलती औऱ अपनी चुत चूसाईं का आनंद भोगने लगती है..

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गौतम पूरी ईमानदारी औऱ स्वाद लेकर शबाना की चुत चाट रहा था औऱ उसकी चुत से निकलता रस पिए जा रहा था.. औऱ शबाना भी सालों बाद मिल रहे सुख का मज़ाक़ उठने लगती है और थोड़ी सी देर बाद ही गौतम में मुंह में झड़ जाती है.. झड़ने के बाद शबाना शर्म से गौतम के सीने में अपने सर छीपा लेती है..
कुछ देर बाद गौतम - शुरू करें?
शबाना शरमाते हुए - हाँ.. मगर संभालके.. 7 साल से कुछ नहीं किया.. औऱ तुम्हारा बहुत बड़ा है..
गौतम मिशनरी पोज़ में आते हुए - तो फिर खुद ही अंदर कर लो..
शबाना कामुक हावभाव के साथ - लंड पकड़कर अपनी चुत के मुहाने पर सेट करती है औऱ हल्का सा गौतम की कमर पर हाथ रखकर अपनी औऱ खींचती है जिससे लंड का टोपा शबाना की गीली चुत में चला जाता है..
शबाना गौतम के देखती हुई उसके होंठो को अपनी क़ैद में कर लेटी है औऱ चूमते हुए लंड को धीरे धीरे चुत में घुसाने की कोशिश करती है मगर गौतम को एक शरारत सूझती है औऱ वो एक जोरदार झटका मार देता है.. झटका इतना तेज़ था की आधे से ज्यादा लंड एक बार में चुत को चिरता हुआ उसमे घुस जाता औऱ शबाना की चिंख निकल जाती मगर घर के बाहर पड़ोस में बज रहे dj की आवाज में उसकी आवाज दब जाती है औऱ शबाना खुद अपने मुंह पर हाथ रख लेती है मगर उसकी आँखों से आंसू औऱ चुत से हल्का खून बह जाता है..

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शबाना गौतम को देखती हुई सिसकी भरने लगती है औऱ गोतम के नीचे से निकलने की नाकाम कोशिश करने लगती है मगर गौतम शबाना को नीचे से निकलने नहीं देता औऱ शबाना को प्यार से चुप कराकर वापस चूमने लगता है..

शबाना सिसकती हुई - पहली बार में ही मेरी चुत का भोसड़ा बना देगा क्या हरामजादे.. कहा था ना प्यार से करना..
गौतम - माफ़ कर दो अम्मी.. बहक गया था.. बाहर निकलूं?
शबाना - नहीं बेटा अब रहने दे ऐसे ही..
कुछ देर बाद जब शबाना शांत होती है गौतम फिर से शबाना को उसी मूंड में आने की कोशिश करने लगता है औऱ शबाना जल्दी ही गौतम की छेड़ खानी से कामुक हो उठती है..
गौतम शबाना के कामुक होने पर धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चुत में आगे पीछे करने लगता है औऱ शबाना सिस्कारिया लेटी हुई अपनी चुदाई का सुख भोगने लगती है शबाना इसतरह गौतम को पड़के हुए थी जैसे उसे अपने आप में समाज लेना चाहती हो दोनों के होंठ अब भी आपस में मिलकर एक दूसरे को गिला कर रहे थे..

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मिशनरी के बाद बाल पकड़के डॉगी स्टाइल, काऊ गर्ल औऱ फिर गोद में उठाकर गौतम ने शबाना को रंडी बनाके चोदा.

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शबाना को ऐसा लग रहा जैसे उसे जन्नत मिल गई हो.. गौतम भी अपने दोस्त की अम्मी चोदते हुए पूरा जोश में था औऱ शबाना को नंगा करके बेशर्मी से अपने लंड पर उछाल रहा था.

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शबाना चुदवाते हुए मीठे दर्द औऱ असीम ख़ुशी से कराह रही थी औऱ गौतम को चूमे जा रही थी.. शबाना की चुत से वापस झरना बह चूका था..
शबाना को ऐसा लग रहा जैसे आज वो अलग ही दुनिया में हो उसको आजतक जो नहीं मिल पाया था गौतम ने आज उसे दिला दिया था शबाना के अंग अंग में तरंग की लहर उमड़ पड़ी थी वो गौतम के लिये या उसके कहने पर आज कुछ भी कर सकती थी..

गौतम ने शबाना को वापस बिस्तर पर पटक दिया औऱ मिशनरी में चोदने लगा.. इस बार लम्बे समय से चोदते आ रहे गौतम का झरना भी बह जाना चाहता था औऱ पिछले एक घंटे से शबाना पूरी तरह संतुष्ट होकर गौतम के नीचे पड़ी हुई चुद रही थी.. गौतम ने अपना वीर्य शबाना की चुत में ही भर दिया जो बच्चे दानी में पूरी तरह चला गया..

शबाना - उफ्फ्फ.. ये क्या तूने? अंदर क्यों छोड़ा.
गौतम - मेरी मर्ज़ी अम्मी.. मैं जहा चाहूंगा वही अपना मार निकालूँगा..
शबाना - मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
गौतम - वही तो मैं चाहता हूँ मेरी जान.. कम से कम एक बच्चा तो तूम मेरा भी अपनी चुत से निकाल सकती हो.
शबाना - अगर तेरा बच्चा मैंने पैदा किया तो मुझे क्या मिलेगा?
गौतम - तुझे क्या चाहिए?
शबाना - तू मुझे छोड़कर नहीं जाएगा कभी.. जब भी बुलाऊंगी आना पड़ेगा मुझसे मिलने..
गौतम - वादा करता हूँ..
गौतम बेडशीट पर खून देखकर- ये कहा से आया?
शबाना हसते हुए - तूने ही तो निकाला है मेरी चुत से.. एक झटके में लोडा अंदर डालेगा तो क्या जूस निकलेगा? सफ़ेद से लाल हो गई बेडशीट..
गौतम - चोदने के बाद बहनचोद भूख बहुत लगती है.. यार कुछ खिला दो अम्मी..
शबाना लड़खड़ाते हुए उठती है औऱ गौतम से मुस्कुराते हुए कहती है - क्या खाओगे क्या बनाऊ?
गौतम भी खड़ा हो जाता है औऱ कहता है - परांठे बना दो..
शबाना - अभी बनाके लाती हूँ..
ये कहते हुए शबाना अपने कपड़े पहनने लगती है मगर गौतम उसे कपडे नहीं पहनने देता औऱ कहता है - रहने दे ना अम्मी.. खाने के बाद वापस उतारना पड़ेगा.. बिना कपड़ो के वैसे भी कमाल लगती है..
शबाना - ब्रा पेंटी तो पहनने दे बेटा..
गौतम - शाम तक कोई कपड़ा नहीं मिलेगा.. चल रसोई में..
गौतम शबाना को उठाके रसोई में ले आता है औऱ शबाना वहा परांठे बनने के लिए आटा लगाने लगती है..

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गौतम शबाना को पीछे से पकड़ लेटा है औऱ उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथो में भरके उसी तरह मसलने लगता है जैसे शबाना आटा मसल रही थी..
शबाना - खाना तो बना लेने दे..
गौतम - तो बना ना अम्मी.. तेरे बोबे पकडे है हाथ थोड़े पकडे है..
गौतम ये कहते हुए अपना लंड भी उसकी चुत में डाल देता है..
शबाना - आह.. आहिस्ता...
गौतम - अम्मी बहुत मस्त चुत है तुम्हारी..
शबाना - एक बात पुछु?
गौतम - हाँ.. पूछ ना..
शबाना - मैं कैसी लगी तुझे?
गौतम - सच बताऊ?
शबाना - हाँ
गौतम - रंडी जैसी..
शबाना - क्या.. रंडी जैसी क्यों?
गौतम - बोल रही थी अगला जन्म लेना पड़ेगा.. 4 दिनो में टांग खोल के नीचे लेट गई.. साली रांड..
शबाना मुंह बनाके - चुद गई तो रंडी हो गई? वरना पिछले 4 दिन से हूर रानी परी शहजादी बोल रहा था.. सच में कमीना है.. ले खा ले..

गौतम शबाना को पलटके अपनी औऱ घुमा लेटा है औऱ उसकी चुत में फिर से लंड डालके बोलता है..
गौतम - तूम अपने हाथ से खिलाओ ना अम्मी..
शबाना - रंडी के हाथ से खायेगा?
गौतम - तूम मेरी पर्सनल रंडी हो तुम्हारे हाथ से तो ज़हर भी खा लू..

शबाना मुस्कुराते हुए गौतम को खाना खिलाती है खाना खाने के बाद गौतम - बाथरूम कहा है?
शबाना - क्यों?
गौतम - क्यों क्या? बाथरूम लगा है..
शबाना नीचे बैठकर गौतम का लोडा पकड़ते हुए आँख मारके - तेरी रंडी है ना.. मेंरे मुंह में कर दे.. औऱ गौतम का लोडा अपने मुंह में डाल लेती है..
गौतम शबाना के सर पर हाथ फेरता हुआ उसके मुंह में मूतना शुरू कर देता जिसे शबाना बड़े आराम से पी लेती है..
शबाना को अपना मूत पिलाने के बाद गौतम रसोई से बाहर आ जाता है.. उसके पीछे पीछे शबाना भी बाहर आ जाई है...

गौतम ने शबाना को अपनी बाहों में भर लिया और उसे उठाकर बिस्तर पर ले गया जहां पहले उसे चुम्मा और उसके बाद उसकी चुत को चाटते हुए गांड के छेद आ गया.. शबाना को अपनी गांड के छेद चटवाने में बहुत मजा मजा आ रहा था और गौतम बड़े चाव से शबाना की गांड के छेद को चाट रहा था.. थोड़ी देर शबाना की गांड की छेद को चाटने के बाद गौतम ने छेद में उंगलि डाल दी औऱ उंगलि से शबाना की गांड चोदने लगा.. थोड़ी देर इसी तरह करने के बाद गौतम ने गांड के छेद पर थूक दिया औऱ अपना लोडा लगा दिया..

शबाना को जब इस बात का एहसास हुआ वह मुड़कर पीछे देखने लगी और गौतम से ऐसा नहीं करने के लिए इशारे में मना करने लगे मगर गौतम ने शबाना की एक न सुनी और अपने लंड का दबाव बनाकर गांड की छेद को चोडा करते हुए अपने लोडे का टोपा गांड के अंदर घुसा दिया.. शबाना आहे भरने लगी औऱ सिसकियाँ लेने लगी और वह बार-बार गौतम से गांड के छेद को छोड़ देने की अपील करने लगी मगर गौतम उसकी अपील नकारते हुए शबाना की गांड में अपना लंड घुसाने को बेताबी से अपना जोर लगा रहा था...
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कुछ पलो में ही उसको सफलता भी मिल गई.. शबाना ने पहले भी अपनी गांड मरवाई थी मगर गोतम के बड़े लंड से मारवाने के कारण उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन गौतम की ख़ुशी के कारण शबाना ने अपनी गांड की कुर्बानी देने का फैसला कर लिया था..


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गौतम अपने दोस्त की अम्मी चोद चूका था औऱ अब बारी गांड की थी जिसे वो चोद रहा था.. आधे घंटे बाद शबाना बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी औऱ उसके ऊपर गौतम शबाना की गांड में लोडा घुसाये लेटा हुआ उसे चोद रहा था..

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शबाना ख़ुशी खुशी अपनी गांड भी गौतम के नाम कर देती है औऱ फिर से गौतम गांड चोदकर लंड का माल शबाना की चुत में भर देता है शबाना की चाल ढाल औऱ हाल सब बदल चूका था.

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दिन के चार बज चुके थे औऱ गौतम शबाना को बाहों में लिये बिस्तर पर लेटा हुआ था तभी वापस आदिल का फ़ोन आता है..
गौतम - कैसी औलाद पैदा की है यार तूने? साला दिन में दस बार फ़ोन करता है..
शबाना - अब तो तूने इसकी अम्मी चोद ली अब क्यों नाराज़ है इससे?
गौतम फ़ोन उठा कर - गांडु बोला था ना शाम तक फ़ोन मत करना फिर क्यों कर रहा है?
आदिल - भाई जरुरी बात है..
गौतम - बोल क्या जरुरी मात है?
आदिल - ऐसे नहीं पार्टी देनी पड़ेगी?
गौतम शबाना को देखकर - अपनी अम्मी के चुदने की पार्टी मांग रहा है क्या?
आदिल - बार बार अम्मी पे मत आ साले..
गौतम शबाना के बूब्स मसलकर - वरना क्या कर लेगा तू? साले इतने मोटे औऱ टाइट बूब्स है तेरी अम्मी के देखते ही मसलने का मन करता है.. पूरी मिया खलीफा दीखती है रांड.
आदिल - औकात में रह भोसड़ीवाले.. वरना मुझसे भी कुछ सुन लेगा..
गौतम - अच्छा क्या जरुरी बात है बता?
आदिल - फ़ोन पर नहीं.. एक घंटे बाद मेरे घर पर मिलना..
गौतम हैरानी से - पर तू तो कासपुर गया था ना?
आदिल - भाई मेरा काम पूरा हो गया तो अब्बू को वही छोड़कर मैं सीधा वापस आ गया.. एक घंटे में घर पहुंच जाऊंगा.. तू भी आ जा..
गौतम - ठीक है..
शबाना - अच्छा हुआ तूने फ़ोन उठा लिया वरना ये भड़वा आज तुझे औऱ मुझे रंगे हाथ पकड़ लेता.. सूअर है पूरा..
गौतम - एक घंटा है.. चल..

गौतम शबाना को अपने आगे झुका लेता है औऱ लंगड़कर चलती हुई शबाना के बाल पकड़ कर शबाना को चोदते चोदते कमरे से बाहर ले आता है औऱ शबाना के साथ बाथरूम में घुस जाता है आधे घंटे बाद जब दोनों बाथरूम से बाहर निकलती है तो शबाना गौतम की गोद में होती है औऱ गौतम शबाना को बैडरूम में ले आता है उसके बाद दोनों अपनेआप को तैयार करते है औऱ आज हुई घमासान चुदाई के सारे सबूत मिटा देते है. शबाना चुदाई के कारण ऐसे चल रही थी जैसे उसके पैरो में मोच आ गई हो.

गौतम - अम्मी अगली बार कब मिलेगी तुम्हारी चुत?
शबाना - मैं फ़ोन करके बताउंगी अब जल्दी हट आदिल आने वाला होगा..
गौतम हसते हुए - अब क्या डर? उसकी अम्मी तो चुद गई..
शबाना - केसा कमीना है तू..
गौतम - देखना एक दिन आदिल के सामने चोदुँगा तुझे..
शबाना - चुप अब.. चाय पीनी है?
गौतम - हम्म्म पीला दो..
शबाना रसोई में चाय बनाके गौतम को पिलाती है औऱ गौतम चाय पिता हुआ आदिल का इंतजार कर रहा होता है.. कुछ देर बाद आदिल भी घर आ जाता है औऱ गौतम को लेकर कहीं चला जाता है..



Haaaay daaaaya....
Gugu sa Chud gayi...
Aadil ki Maaya....

Yaaaar asa Safe and Secure Dost ho Gugu jasa.
To Maa Chudana ma kiya burai ha....
Yaaaar agar mera asa Gugu jasa Dost hota koi to ma to khusi khusi Cuckson banjata yaaaar...

Or Aa Gugu ki Dost ki Mummy...
Haaaay kitni Piyasi ha yaaar....
Pura maja da diya Aunty na....
Pee vi pi liya Aunty na....
Itni Horny ha, Gugu ka pala uska Bara bari bali sa pari ha .....
Shabana Ammi mast Dominating nature ki ha..
Mujha bahut pasand aya Shabana Aunty ki nature, unki andaz or Unki Chudai ki bhuk...
Haaaay ma to fan ho gaya Shabana Aunty ki....

Kas Shabana Aunty asa hi mujha Dominate karka Chodti.....


Jabardas Update tha....
Dil khus ho gaya.....
Aap ki Writing or Gifs or Pictures ki combination and presentation ekdam mast Gand fard ha....

Har ek Update, Pahala sa Jada Kamuk or Interesting.....
Awesome.....

❤❤❤❤❤❤👍👍👍👍👍👍🤤🤤🤤🤤🤤
 

insotter

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Update 23


माँ बहुत मन कर रहा है चलो ना मेरे साथ..
अभी नहीं गौतम.. अभी बहुत सारा काम पड़ा हुआ है भाभी कीहालत तो तूने खराब ही कर दी.. अब मुझे ही उनका सारा काम करना पड़ रहा है, शाम को बारात भी आने वाली है.. मुझे ऋतू के पास ही रहना होगा आज..
माँ मैं ज्यादा टाइम नहीं लगाऊंगा, आओ ना..
गौतम समझा कर ना.. अभी मेरे पास वक्त नहीं है उन सब चीजों के लिए.. तू बाथरूम जाकर अपना हीला क्यों नहीं लेता.. सिर्फ आज आज की बात है..
सुमन अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगे तो मैं तुम्हारी मां चोद दूंगा..
सुमन हसते हुए - जा चोद दे मेरे शहजादे मेरी माँ को.. पर आज मुझे माफ़ कर..
गौतम - ठीक है फिर बाद में आप मत कहना कि ये तूने क्या किया..
सुमन गौतम की बात को मज़ाक़ में लेटे हुए - नहीं कहूँगी.. अब काम करने दे.. सारा सामान इधर उधर है.. बहुत टाइम लगेगा ये सब समेटने में..
गौतम सुमन के रूम से बाहर आ जाता है औऱ नीचे सामान रखकर वापस आ रही गायत्री को अपनी गोद में उठा कर ऊपर सीढ़ियों की तरफ चल देता है..


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गायत्री - क्या कर रहा है ग़ुगु.. नीचे उतार मुझे..
गौतम - कुछ नहीं नानी.. बस सोच रहा हूँ आपकी जवानी का पानी पी लूँ..
गायत्री - बेशर्म कोई देख लेगा.. कहा ले जा रहा है मुझे?
गौतम - कहीं नहीं नानी.. बस अपने कमरे में ले जा रहा हूँ.. औऱ सब तो नीचे नाच गाने में बिजी है आपको औऱ मुझे देखने वाला कोई है ही नहीं यहां..
गायत्री - इतनी जवान औऱ खूबसूरत लड़कियों को छोड़कर तू मेरे पीछे ही क्यों पड़ा है ग़ुगु.. मुझ बुढ़िया में तुझे क्या दिख गया...
गौतम गायत्री को बिस्तर पर पटकते हुए - आपको बुढ़िया होने में औऱ पचीस साल लगेंगे नानी.. अभी तो आपकी जवानी बहुत बाकी है..
गायत्री - दरवाजा तो बंद कर दे ग़ुगु..
गौतम अपनी शर्त उतारते हुए - छोडो ना नानी.. वैसे भी कौन आने वाला है यहां.
गायत्री उठकर दरवाजा बंद करते हुए - किसीने देख लिया तो कोई तुझे कुछ नहीं कहेगा.. सब मुझे ही दोषी समझेंगे.. इस उम्र में अपनी नाती से नाजायज सम्बन्ध बना रही हूँ..
गौतम गायत्री की साडी निकालते हुए - नानी क्या बार बार अपनी उम्र को याद जर रही हो आप.. अभी देखना कैसे कुंवारी लड़कियों की तरह चीख निकलवाता हूँ आपके मुंह से मैं..
गायत्री अपने ब्लाउज के बटन खोलकर - अब क्या मुझे पूरा नंगा करेगा ग़ुगु? ऐसे ही घाघरा उठा के कर ले ना जो तुझे करना है..
गौतम - ऐसे ही करना होता तो किसी रंडी के साथ कर लेता नानी.. आपको अपने बिस्तर पर क्यों लाता? जब आपके औऱ मेरे ऊपर से नीचे तक अंग से अंग मिलेंगे तब ही तो हमारा मिलन यादगार रहेगा..
गायत्री - मिलन यादगार बनाने के चक्कर में अपनी नानी को ज्यादा दर्द मत दे देना..
गौतम गायत्री के बदन पर से आखिरी कपड़ा उतारते हुए - फ़िक्र मत करो नानी.. इतनी प्यार से करूँगा कि प्यार भी शर्मा जाएगा..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को अपनी तरफ खींचकर - ग़ुगु.. चूमेगा नहीं अपनी नानी को..

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गौतम गायत्री के सफ़ेद हो चुके बाल पकड़कर - बिना चुम्माचाटी चुदाई की शुरूआत कैसे होगी नानी.. आपके इन रसीले होंठों के जाम पिए बगैर मुझे चुदाई का नशा भी नहीं चढने वाला.. अब जल्दी से अपने होंठो को मेरे होंठों के हवाले कर दो नानी.. औऱ मुझे अपने मुंह का मीठा मीठा रस पीला दो..
गायत्री मुस्कुराते हुए गौतम को बेड पर पीठ के बल लेटाते हुए उसके सीने पर अपनी छाती टिका कर अपने होंठ गौतम के होंठों के करीब लाकर कहती है..
गायत्री - पिले ग़ुगु.. अपनी नानी के मुंह का सारा रस पिले बेटा.. कब से मैं विधवा की तरह बस घर के एक कोने में पड़ी हूँ.. सबने बस मुझे अकेला छोड़ दिया है..पर ग़ुगु तूने अपनी नानी को अकेला नहीं छोड़ा..
गौतम प्यार से गायत्री के होंठों ओर अपने होंठ रखकर उसके होंठों का एक चुम्मा लेकर गायत्री की चूची पकड़कर कहता है..
गौतम - आज भी आपके चुचक कितने कड़क औऱ नुकिले है नानी.. आपके दोनों चुचक मेरे सीने में ऐसे चुभ रहे है जैसे किसीने चाकू चुभा रखा हो.. आपकी पतली कमर औऱ ये फूली हुई गांड.. माँ कसम.. किसी भी लंड को खड़ा करने के लिए काफी है..
गायत्री गौतम के होंठ अपनी उंगलियों से पकड़कर - तू भी कहा पीछे है मेरे छोटे से बच्चे.. सिर्फ बीस बरस का है औऱ अपनी प्यारी बातों औऱ भोली सूरत से अपनी साठ बरस की नानी को नंगा होकर चुदवाने पर मजबूर कर दिया.. सच कहती हूँ ग़ुगु.. अब तो मैं खुद तुझसे चुदवा चाहती हूँ बेटा..
गौतम मुस्कुराते हुए - प्यार औऱ चुदाई में उम्र नहीं देखी जाती नानी.. वो गाना है ना.. ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन.. जब प्यार करें कोई तो देखे केवल मन..
गायत्री हसते हुए - मेरा ग़ुगु तो बहुत समझदार हो गया.. चल अब अपनी नानी से प्यार भी करेगा या ऐसे ही मुझे अपनी बाहों में नंगा रखने का इरादा है सारा दिन..
गौतम - लगता है आपको बहुत जल्दी है नानी.. कहीं जाने का इरादा है?
गायत्री - नहीं मेरे प्यारे बच्चे.. मैं तो बस थोड़ी सी फ़िक्र में हूँ कि कोई आ ना जाए..
गौतम - आ जाए तो आ जाने दो नानी.. आप क्यों फ़िक्र करती हो, जो भी आएगा मैं उसे वापस भेज दूंगा.. लेकिन जल्दबाज़ी के चक्कर में मैं आपके जैसी रसमलाई को आधा अधूरा नहीं चखना चाहता..
गायत्री मुस्कुराते हुए - रसमलाई तो तू है मेरे छोटे से बच्चे.. मन कर रहा है अभी तुझे खा जाऊ..
गौतम गायत्री के होंठों से होंठ लगाते हुए - तो खा जाओ ना नानी.. किसने रोका है आपको..

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गायत्री और गौतम का चुंबन शुरू हो चुका था और दोनों एक दूसरे को प्यार से बहुत प्यार से चूम रहे थे और एक दूसरे के होठों को इतना कसके अपने होंठों में दबा दबा के चूस रहे थे जैसे दोनों इस चुम्बन के लिए सदियों से बेताब थे.. गायत्री औऱ गौतम के मुंह की लार आपस में मिल रही थी औऱ दोनों एकदूसरे की लार पी लेना चाहते हुए.. गौतम ने अपने मुंह की जीभ गायत्री के मुंह में उतार दी थी जिसे गायत्री की जीभ ने प्रतिउत्तर देते हुए अपनी जीभ से मिला लिया था औऱ दोनों की जीभ आपस में पहलवानो की तरह कुश्ती खेलने लगी थी.. आज गायत्री की कामुकता गौतम के ऊपर भरी थी.. गायत्री अपने दोनों हाथों से गौतम के मुंह को पकड़ कर इस तरह से चूम रही थी जैसे वह गौतम को ये बता देना चाहती हो कि वो गौतम से कितना प्यार करती है.. लम्बे समय तक चुम्बन यूँ ही चलता रहता है..

गौतम चुम्बन तोड़कर - आह्ह... नानी.. आहिस्ता.. चूमते हुए दांतो से कितना काटती हो आप..
गायत्री - क्या हुआ ग़ुगु? ज्यादा तेज़ काट लिया तेरे होंठो को मैंने? माफ़ करना मुझे बेटा..
गौतम - नानी मैं तो माफ़ कर दूंगा पर अगर माँ ने मेरे होंठों ओर आपके काटने के निशान देख लिए तो वो माफ़ नहीं करेंगी आपको..
गायत्री गौतम के होंठ सहलाते हुए - अब नहीं काटूंगी ग़ुगु.. मैं थोड़ा बहक गई थी बेटा..
गौतम वापस गायत्री के होंठों को चूमने लगता है औऱ इस बार गायत्री बहुत आराम से औऱ बिना दांतो से होंठों को काटे चुम रही थी.. गौतम भी प्यार से गायत्री को चूमकर उसके बदन पर उभार औऱ उतार चढ़ाव को अच्छे से महसूस करते हुए अपने दोनों हाथों से तलाश रहा था..
गौतम गायत्री के चुचे पकड़ के दबाते हुए कड़क हो चुके चुचक मसलकर गायत्री से चुम्बन तोड़कर बोला..
गौतम - नानी 36 की ब्रा पहनती हो ना..
गायत्री - नहीं लल्ला.. 34 की ब्रा आती है मुझे..
गौतम - पर नानी आपके ये चुचे तो बहुत मोटे है.. देख कर लगता है 36-38 की ब्रा आती होगी..
गायत्री मुस्कुराते हुए - लल्ला तू अगर मेरे चुचो ओर मेहनत करेगा तो तेरी नानी 36 तो क्या 40 की भी ब्रा पहन लेगी..
गौतम गायत्री के चुचे पर उभर कर खड़े चुचक को मुंह में डालकर चूसते हुए - आप जितनी बोलो मैं उतनी मेहनत करूंगा नानी..
गायत्री - आहहह.. लल्ला.. तू अपने होंठ मेरे ऊपर लगाए या नीचे.. बदन में पूरी मादकता भर जाती है बेटा.. चूस अपनी नानी के चुचे लल्ला.. सोलहा सतरह साल हो गए किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया.. तू अच्छे से पकड़ कर मसल दे मेरी छाती के दोनों कबूतरों को मेरे बच्चे.. चूस लल्ला..
गौतम बारी बारी से गायत्री के दोनों चुचे अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मसलता हुआ औऱ चूसता हुआ - मानना पड़ेगा नानी.. आपके आम लटक चुके है मगर अब भी बहुत रसीले है..

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गायत्री गौतम के ऊपर आकर - लल्ला अब अपनी नानी को भी अपने चुचे चुसवा दे.. कितना चौड़ा औऱ गठिला सीना है तेरा.. औऱ तेरे ये निप्पल्स तो कितने गुलाबी है.. इन्हे देखते ही मेरे मुंह में पानी आ रहा है..
गौतम - आओ ना नानी.. आप भी अपनी इच्छा पूरी कर लो..
गायत्री - लल्ला इनपर तो मैं दाँत लगाने वाली हूँ.. तूने मेरी चूचियों पर इतनी लव बाईट दी है अब मेरी बारी..
गायत्री ये कहते हुए गौतम के सीने पर निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगती है..
गौतम गायत्री की जुल्फ संवारते हुए उसे अपनी मरदाना चूची चुसवाता हुआ कहता है - आराम से चूस लो नानी मेरी चूची.. मेरा दूध ख़त्म नहीं होने वाला.. लो ये वाली भी चुसो..
गायत्री दांतो से निप्पल्स खींचते हुए - लल्ला थोड़ा काट लू ना.. तुझे दर्द तो नहीं होगा..
गौतम - आपकी ख़ुशी के लिए हर दर्द को सह जाऊँगा नानी.. आपको जितना काटना है काट लो.. मेरे सीने पर कुछ निशान आपके भी तो होने चाहिए..
गायत्री - मैं तुझसे यही पूछने वाली थी लल्ला.. इतने निशान किसने दिए तुझे?
गौतम - नानी इनमे से कुछ आपकी बहु के दिए हुए है औऱ कुछ आपकी बहु की बहु के..
गायत्री - हाय लल्ला तूने कोमल औऱ आरती के साथ..
गौतम - मैंने कुछ नहीं किया नानी.. उन दोनों ने ही मेरे साथ जबरदस्ती की थी..
गायत्री - तेरे साथ जबरदस्ती की थी तो तूने रोका नहीं उनको..
गौतम - अब कोई औरत किसी मर्द से चुदना चाहे तो मर्द मना थोड़ी करेगा नानी..
गायत्री - तभी दोनों की एक सी चाल है..
गौतम - सही कहा नानी.. उनके पैरों में मोच नहीं लगी, उनकी चुत में मेरे लंड की चोट लगी है.. देखना कुछ महीनों में दोनों का साथ में पेट फुलेगा..
गायत्री हसते हुए नीचे जाकर गौतम का लंड मसलते हुए - लल्ला इस रफ़्तार से तू सबको अपने नीचे लेगा तो कुछ दिनों में सब तेरी रखैल बनकर रह जायेगी.
गौतम लोडा गायत्री के मुंह में देते हुए - ऐसा हुआ तो अच्छा ही होगा नानी.. कम से कम मैं खुलकर तो आप सबकी चुदाई कर पाऊंगा.. हर बार किसीके आने का या किसके देख लेने का डर लगा रहता है..
गायत्री लोडा चूसते हुए - लल्ला जरा पानी दे गला सुख रहा है..
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर - कमाल करती हो नानी.. हैंडपम्प मुंह में है औऱ पानी माँग रही हो.. थोड़ी मेहनत करो इसी में से पानी आ जाएगा..
गायत्री लंड चूसते हुए मुस्कुरा कर - अपनी नानी को सुसु पीलायेगा तू ग़ुगु?
गौतम - आपको नहीं पसंद तो लो ये पानी पी लो..
गायत्री पानी लेकर साइड में रख देती है गौतम से कहती है - अब तो तेरा सुसु पीकर ही प्यास बुझेगी मेरे बच्चे..
गायत्री ये कहकर जोर जोर से गौतम का लंड चुस्ती है औऱ कुछ देर बाद गौतम गायत्री के मुंह में पेशाब करने लगता है जिसे गायत्री गंगाजल मानकर पी जाती है..
गायत्री - अब तो तू खुश है ना लल्ला.. अपनी नानी को अपना सुसु पिलाकर...
गौतम गायत्री के बाल पकड़कर उसे अपने ऊपर खींच लेता औऱ फिर पलटकर गायत्री को अपने नीचे ले लेता है औऱ उसकी चुत पर थूक लगाकर गायत्री से कहता है..
गौतम - ख़ुशी तो नानी मुझे तब मिलेगी जब मैं आपकी इस चुत से अपने लंड की लड़ाई करवा कर आपकी चुत को हरा दूंगा..
गायत्री गौतम को अपनी तरफ खींचती हुई उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सेट करके - तो फिर जल्दी से शुरू कर दे ये लड़ाई लल्ला.. हरा दे अपनी नानी की चुत को.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा ग़ुगु..
गौतम झटका मारते हुए - तो संभालो नानी.. पहले की तरह रोने ना लग जाता.. ये कहते हुए कि मैं नहीं ले पाउंगी मुझे माफ़ कर दे.. आज तो मैं आपको हर हाल में चोद के रहूँगा..
गायत्री - तब से अब तक कई बार गाजर मूली औऱ खिरो से अपने सिकुड़ चुके चुत के छेद को खोल चुकी हूँ लल्ला.. तू दबा के चोद मुझे.. इस dj कि आवाज में मैं चिंखु तो भी किसीको कुछ सुनाई नहीं देने वाला..
पहले झटके में लंड आधा चुत में चला गया औऱ गायत्री सिसकती हुई आह भरने लगी..
गौतम - क्या हुआ नानी पहले झटके में ही सिसकने लगी आप तो..
गायत्री - तू चोद ना लल्ला... चोदते हुए मुझ बुढ़िया को छेड क्यों रहा है?
गौतम धीरे धीरे झटके मारता हुआ - चुदाई का असली मज़ा सिर्फ चोदने में नहीं आता नानी.. चुदाई में थोड़ी छेड-छाड़ भी जरुरी है..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला तू तो सच में कामदेव का अवतार है.. चुदने में इतना सुकून तो मुझे जवानी में भी नहीं मिला.. तू भी मज़ा आ रहा है ना ग़ुगु..
गौतम - नानी गाडी 1st औऱ 2ंnd गियर में चले तो गाडी को ही मज़ा आता है.. ड्राइवर को तो गाडी 4th या 5th गियर में चलाने में मज़ा आता है.. आप सुकून से मज़ा लेलो.. मेरा मज़ा उसके बाद शुरू होगा..
गायत्री - लल्ला डाल दे आगे के गियर बेटा.. तेरी गाडी तैयार है टॉप स्पीड में चलने के लिए..
गौतम झटको कि स्पीड पूरी बढ़ाकर अपना लगभग पूरा लोडा गायत्री की चुत में डालकर उसे चोदने लगता है औऱ कहता है - अब शुरू होगी ना असली चुदाई नानी..
गायत्री गौतम के फुल स्पीड से चोदने पर जोर से चिल्लाते हुए - आहहह... लल्ला.. आहहह.. हाय दइया.. मर गई रे... अह्ह्ह्ह.. ओ माँ.. मर गई मैं आज तो.. आहहह.... लल्ला.. झटका जरा हल्का रख.. आहहह... ग़ुगु.. स्पीड धीरे कर बेटा वरना गाडी की माँ चुद जायेगी.. आहहह..
गौतम चोदने की रफ़्तार जरा सी धीरे करता है औऱ चोदते हुए गायत्री से कहता है - अब तो मुझे भी ये लगता है नानी.. गाडी पुरानी हो चुकी है.. थोड़ा देर तेज़ चलाते ही शोर करने औऱ रुकने लगती है..
गायत्री - लल्ला ये गाडी 16-17 साल से बंद पड़ी थी इतने सालों बाद पहली बार में ही स्टार्ट हो गयी वो देख ना तू.. एक दो बार लल्ला धीरे चला ले इस गाडी को.. सर्विस होने के बाद तू चाहे गाडी को हवाई जहाज की तरह उड़ा देना मैं मना नहीं करुँगी..
गौतम - ठीक है नानी.. इस बार कम से कम गाडी में गियर तो डला.. पिछली बार तो वो भी नहीं डला था..
गायत्री - आह्ह.. लल्ला.. अच्छे से चला इस गाडी.. जल्दबाजी या हड़बड़ी में कहीं एक्सीडेंट मत कर देना..
गौतम - फ़िक्र मत करो नानी बहुत एक्सपीरियंस ड्राइवर हूँ.. गाडी को करोच तक नहीं आने दूंगा..
गायत्री - लल्ला गाडी चलाने में मज़ा तो आ रहा है ना तुझे?
गौतम झटके मारते हुए - हाँ नानी.. बस एक बार गाडी स्पीड में चलाने लायक हो जाए फिर मज़ा दुगुना हो जाएगा..
गायत्री - वो भी जल्दी हो जाएगा लल्ला..
गौतम - नानी एक बात सच बताओगी.. आज तक जितने भी मर्दो से चुदी हो मुझसे ज्यादा मज़ा दिया है किसने?
गायत्री - नहीं मेरे बच्चे.. तू तो सबसे ज्यादा ख़ास है मेरे लिए... तू जितना सुकून औऱ सुख दे रहा है उतना तो आज तक नहीं मिल पाया मुझे..

गायत्री औऱ गौतम का सम्भोग किसी योग की तरह खींचता ही जा रहा था.. दोनों धीरे धीरे चुदाई करते औऱ बीच में रुक कर बातें करने लगते औऱ फिर से चुदाई शुरू कर देते.. दोनों की चुत लंड की लड़ाई होते होते दोपहर हो चुकी थी.. गौतम का लंड गायत्री की चुत में था औऱ गायत्री अपनी जीभ बाहर निकालकर गौतम की जीभ से अपनी जीभ लड़ा रही थी औऱ गौतम धीरे धीरे से गायत्री को चोद रहा था..
गौतम - नानी..
गायत्री - हाँ लल्ला..
गौतम - अंदर निकाल दूँ..
गायत्री - निकाल दे लल्ला.. अब इस उम्र में मैं कोनसा माँ बन जाउंगी..
गौतम अपना वीर्य गायत्री की चुत में भर देता है..
गायत्री - तूने तो मुझे काम तृप्ति का सुख दे दिया मेरे बच्चे.. मैं तो पूरी तरह से तृप्त हो गई..
गौतम गायत्री के ऊपर से हटकर बगल में लेट जाता है.. औऱ गायत्री लचक खाते हुए उठकर अपने कपडे पहनने लगती है..
गौतम - सिगरेट पिओगी नानी..
गायत्री - नहीं लल्ला.. मुझे सिगरेट पीना नहीं आता..
गौतम लोडा मसलता हुआ - पर मेरा ये सिगार तो बहुत अच्छे से पीती हो आप..
गायत्री हसते हुए - अब तेरे सिगर की बात ही अलग है.. ग़ुगु.. देखते ही मुंह में पानी आ जाता है..
गौतम - चुत में नहीं आता?
गायत्री मुस्कुराकर साडी पहनते हुए - वहा भी आता है..
गौतम अपना फ़ोन उठाकर गायत्री के पास आ जाता है औऱ गायत्री को बाहों में लेकर उसकी चूची दबाते हुए नंगा ही गायत्री के साथ कुछ सेल्फी लेता है फिर गायत्री अपनी साडी ठीक करके गौतम के रूम से लड़खड़ाती हुई चली जाती है औऱ गौतम वापस बेड पर लेटकर सो जाता है..

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गौतम की जब आँख खुली शाम के 7 बज चुके थे.. और उसे बाहर के शोर से पता चल गया था कि सभी लोग कितने उत्साहित है और बारात की स्वागत की तैयारी में लगे हैं.. गौतम उठकर नहाने चला गया और काफी देर तक बाथरुम में ही बैठा रहा.. उसकी आंखों में आप भी हल्की सी नींद बाकी थी जिसे वह खोल रहा था.. सुमन गौतम के कमरे में आए तो उसने देखा कि गौतम कमरे में कहीं नहीं था और बाथरूम का दरवाजा बंद था.. सुमन ने बाथरूम का दरवाजा बजाते हुए गौतम को आवाज लगाइ और कहा..
सुमन - ग़ुगु.. अभी तक तैयार नहीं हुआ तू बच्चा.. सब लोन की तरफ जा रहे है.. मैं भी वही जा रही हूँ.. तू भी जल्दी तरयार होकर नीचे लोन में आ जाना बेटा..
सुमन इतना कह कर मुड़ी ही थी की गौतम ने बाथरूम का दरवाजा खोलकर सुमन का हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींच लिया और सुमन को बाथरूम के अंदर खींचकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया..
सुमन - क्या कर रहा है ग़ुगु.. तू अभी नहाया भी नहीं.. सब लोन में जा चुके है औऱ तू अभी तक ऐसे ही है..
गौतम - इस साडी में बहुत खूबसूरत लग रही हो माँ..
सुमन - मेरी तारीफ़ बाद में कर लेना पहले नहा ले.. औऱ तैयार हो जा.. सब लोग लोन में जा चुके है.. एक हम दोनों ही यहां बाकी है..
गौतम - कोई बात नहीं माँ.. तुम तो जानती हो मुझे तैयार होने में ज्यादा समय नहीं लगता.. पांच मिनट दो मैं नहा के तैयार हो जाता हूँ.. तब तक आप एक सुट्टा मार लो..
सुमन मुस्कुराते हुए - चल ठीक है.. मैं तेरा सूट निकाल देती हूँ..
गौतम - ठीक है माँ..
गौतम नहाने लगता है और सुमन उसका सूट निकालकर बेड पर रख देती है और फिर एक सिगरेट जलाकर पिने लगती है.. गौतम 2-4 मिनट के अंदर ही नहा कर बाहर आ जाता है औऱ पूरा नंगा अपनी माँ सुमन के सामने खड़ा होकर तौलिये से अपना गिला बदन पोंछने लगता है.. सुमन सिगरेट के कश लेती हुई अपने सामने नंगे खड़े अपने बेटे के गठिले औऱ मसक्युलर बदन को निहारते हुए गौतम से कहती है..
सुमन - आज दिनभर क्या कर रहा था तू?
गौतम - तुम्हारी माँ चोद रहा था..
सुमन हस्ते हुए - सपनो में..
गौतम फ़ोन में उसकी औऱ गायत्री की चुदाई के बाद ली गई सेल्फी सुमन को दिखाकर - हक़ीक़त में.. लो खुद देख लो..
सुमन फोटोज देखकर गुस्से में सिगरेट फेंकती हुई गौतम से बोली - हरामजादे मैं समझी तू मज़ाक़ कर रहा है मेरे साथ मगर तू तो.. तुझे बिलकुल शर्म नहीं आई अपनी नानी के साथ ये सब करते हुए? अरे अपनी औऱ नानी की उम्र तो देख लेता..
गौतम सूट पहनते हुए - जब उनको शर्म नहीं है तो मैं शर्म क्यों करू? वैसे भी चुदाई में बदन देखे जाते है माँ.. उम्र को कौन पूछता है..
सुमन गुस्से में - तूने अपनी नानी के साथ कोई जबरदस्ती तो नहीं की ना?
गौतम - मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करता माँ.. नानी तो खुद भरी हुई बैठी थी.. चुदने के बाद बोली.. बेटा तूने तो मुझे तृप्त कर दिया.. चाहो तो फ़ोन पर पूछ लो..
सुमन का गुस्सा काफूर हो गया औऱ वो गौतम की शर्ट के बटन बंद करते हुए बोली - वैसे नानी झेल गई तेरे इस शैतान को? मुझे तो यकीन ही नहीं होता.. पता नहीं कैसे डाला होगा तूने..
गौतम सुमन को बेड पर गिराते हुए उसकी साडी उठाकर - इसमें क्या बड़ी बात है माँ.. लो अभी तुम्हारे अंदर भी डालके बता देता हूँ.. कैसे नानी के अंदर डाला था..
सुमन हसते हुए - छोड़ मुझे.. बेशर्म कहीं का..
गौतम - इसमें शर्म की क्या बात माँ?
सुमन - अच्छा अब अपना ये ब्लेजर पहन औऱ बाल कंघी कर ले.. मैं तबतक तुझे ठंडा कर देती हूँ..
ये कहकर सुमन अपने घुटनों पर बैठने लगी और गौतम के लोडे को पकड़कर मुंह में लेने लगी मगर गौतम ने सुमन को रोक दिया..
गौतम - रहने दो माँ.. ये तो आज किसी ना किसी का शिकार करके ही ठंडा होगा..
सुमन उठते हुए - इतने शिकार करके मन नहीं भरा तेरा जो अब भी शिकार करना है..
गीतम सुमन को बाहों में भरके - मेरा असली शिकार तो तुम हो माँ.. जब तक तुम तैयार नहीं होती तब तक ये सिलसिला चलता ही रहेगा..
सुमन - मतलब तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगा..
गौतम - इस जन्म में तो मुमकिन नहीं है माँ..
सुमन - मैं भी देखती हूँ तू कब तक मेरे पीछे पड़ा रहता है..
गौतम - जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे में अपनी ज़िद्दी नहीं छोड़ने वाला.. अब चलो..
सुमन - एक सेकंड.. तू इतना प्यार लग रहा है कहीं किसी की नज़र ना लग जाए तुझे.. काला टिका लगा देती हूँ..
गौतम सुमन का हठ पकड़कर - कान के पीछे क्यों माँ.. काला टिका लगाना है तो मेरे लंड ओर लगाओ..
सुमन मुस्कुराते हुए गौतम के लंड पर काला टिका लगा देती है औऱ गौतम भी सुमन को पकड़कर कहता है - प्यारी तो आप भी बहुत लग रही हो माँ.. एक काला टिका तो आपको भी लगाना पड़ेगा.. गौतम ने सुमन की साड़ी उठाकर उसकी चुत पर काला टिका लगा दिया.. फिर दोनों वेडिंग लोन की तरफ आ गए जहा सुमन कोमल औऱ आरती के पास चली गई औऱ गौतम लोन में घूमने लगा..

बारात अपने नियत समय पर 7:30 बजे पहुंच चुकी थी लोग हंसते गाते हुए नाच गाना कर रहे थे और स्टेज पर रितु और उसके होने वाले पति राहुल दोनों अगल-बगल एक साथ बैठे हुए थे..

गौतम लोन में टहलता हुआ घूम था था की उसकी नज़र एक बेहद हसीन औऱ खूबसूरत लड़की पर पड़ गई जिसे देखकर वो बस उस लड़की को देखता ही रह गया.. गौतम एक तक बस उस लड़की को देख रहा था की किसी लड़के ने पीछे से गौतम को उस लड़की को देखते देखा तो वो गौतम से बोल पड़ा..
लड़का - मत देखे.. नहीं पटेगी..
गौतम पीछे उस लड़के को मुड़कर देखते हुए बोला - कैसे नहीं पटेगी.. क्या फिगर है बहनचोद.. इसको जरूर पटाऊंगा आज.. औऱ इसी होटल के रूम में लेजाकर पेलुँगा..
लड़का कॉफी का सीप लेकर - कोशिश करके देख ले.. अगर पट जाए तो..
गौतम - लगी हज़ार की..
लड़का - दो हज़ार की लगी..
गौतम - अभी नम्बर लेकर आता हूँ..
लड़का कॉफ़ी पीते हुए - बेस्ट ऑफ़ लक..

गौतम उस लड़की के करीब आ जाता है औऱ बहाने से उस लड़की पर गिरता हुआ कहता है..
गौतम - सॉरी.. वो नीचे पैरों सीढ़िया आ गई थी.. दिखा नहीं.. आपको लगी तो नहीं ना.. आप ठीक है..
लड़की अपने ऊपर से गौतम को उठाकर खुद उठते हुए - देखकर भी नहीं चल सकते क्या?
गौतम नीचे से लड़की का पर्स उठाकर देते हुए - सॉरी..
लड़की पर्स लेकर बिना कुछ कहे जाने लगती है..
गौतम पीछे से - आप बारात में आई है ना..
लड़की मुड़कर एक नज़र गौतम को देखते हुए - ज़ी..
लड़की वापस जाने लगती है कि गौतम वापस कहता है - मैं लड़की का भाई हूँ.. गौतम नाम है मेरा.. आप?
लड़की इस बार अपनी जगह ठहरकर गौतम को ऊपर से नीचे तक देखने लग जाती है औऱ गौतम के नजदीक आकर कहती है - मेरा नाम सिमरन है.. दूल्हा मेरा दूर का भाई लगता है.. औऱ कुछ?
गौतम हक्कलाते हुए - ज़ी वो.. आप डांस करेंगी मेरे साथ? सब किसी ना किसी के साथ डांस कर रहे है तो सोचा आपसे पूछ लू..
सिमरन - शुक्रिया लेकिन मुझे नाचना बिलकुल पसंद नहीं..
गौतम - खाना खा सकते है साथ में..
सिमरन - मुझे भूख नहीं है..
गौतम - साथ थोड़ा घूम सकते है?
सिमरन - मेरे पैरों में दर्द है.. औऱ कुछ बोलना है?
गौतम थोड़ा ठहर कर - दारु भी पी सकते है अगर बोलो तो..
सिमरन गौतम कि बात सुनकर हलकी सी मुस्कुरा पडती है लेकिन फिर उसी अंदाज़ में कहती है - फिलट कर रहे हो मेरे साथ..
गौतम मुस्कुराते हुए - ज़ी कोशिश कर रहा हूँ करने की..
सिमरन - नाम क्या बताया था तुमने अपना..
गौतम - गौतम...
सिमरन - गौतम.. पुराना नाम है तुमपर सूट नहीं करता..
गौतम - तो क्या नाम सूट करता है आप बताओगी..
सिमरन - ठरकी, लौंडियाबाज़, दिलफेंक टाइप कुछ..
गौतम - नहीं बात करना चाहती तो सीधा भी बोल सकती हो.. इतना सब फालतू बोलने की क्या जरुरत है.. इतनी भी कोई हूर की परी नहीं हो समझी..
सिमरन मुस्कुराते हुए - बुरा लगा मेरे बाबू को.. अब फल्ट नहीं करोगे?
गौतम गुस्से में - कोई कालाकलूटा, भुण्डे सी शकल का गांड मारेगा ना तब याद करना मुझे..

ये कहते हुए गौतम वहा से चला जाता है औऱ सिमरन गौतम को देखते हुए मुस्कुराने लगती है फिर स्टेज की औऱ चली जाती है.. गौतम वापस उसी जगह आ जाता है जहा वो लड़का खड़ा था..
गौतम लड़के को शर्त के पैसे देते हुए - तू कैसे जानता था वो नहीं पटेगी..
लड़का पैसे लेकर - बहन है मेरी..
गौतम हैरानी से - क्या..
लड़का - इतना क्यों चौंक रहा है..
गौतम - सॉरी यार.. वो कुछ गलत बोल दिया तेरी बहन के बारे में..
लड़का - छोड़.. यहां सब सूखा ही है क्या.. दारू का कोई इंतज़ाम नहीं है..
गौतम - सब इंतज़ाम है बस रास्ते पता होने चाहिए मंज़िल के.. कौनसा ब्रांड चाहिए बता.. सारा स्टॉक है..
लड़का - मुझे तो कुछ भी चलेगा.. वो कहावत है ना.. बिस्तर में लड़की औऱ टेबल पर दारु.. जैसी भी मिले ले लेनी चाहिए..
गौतम - अरे वाह.. लगता है तू भी अपनी किस्म का आदमी है.. चल..
गौतम औऱ लड़का लोन में पीछे की तरफ जाने लगते है कि रास्ते में सिमरन मिल जाती है जो लड़के से कहती है - मनोज भईया ये आपका दोस्त है?
मनोज गौतम को देखकर - हां सिम्मी.. पर क्यों पूछ रही है.. तू जानती है इसे?
सिम्मी - हाँ.. अभी अभी अपना दिल लेके आया था मेरे पास..
मनोज - फिर तूने क्या किया दिल का..
सिम्मी - करना क्या था.. तोड़ के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
मनोज गौतम को देखकर - बेचारा..
गौतम मनोज से - बात ख़त्म हो जाए तो पीछे आ जाना..
सिम्मी - क्या है पीछे..
गौतम - तुझे बताना जरुरी नहीं है..
मनोज - अब छोडो भी यार ये आपस की नाराज़गी.. सिम्मी पीछे शराब की व्यवस्था है.. मैं जा रहा हूँ गौतम के साथ..
सिम्मी - मैं भी चलती हूँ भईया.. वैसे भी यहां बोर हो रही हूँ..
मनोज - ठीक है.. पर पहले मेरे दोस्त को सॉरी तो बोल दे.. बेचारे का मूंड खराब कर दिया तूने..
गौतम - मेरा कोई मूंड खराब नहीं है.. छोडो उस बात को अब...
सिम्मी - भईया इसे बताया नहीं आपने..
मनोज - तू ही बता दे..
गौतम - क्या बताना है..
सिम्मी - कुछ नहीं.. छोडो.. वैसे एक बात तो कहनी पड़ेगी.. हैंडसम तो बहुत हो तुम..
गौतम सिम्मी की बात को अनसुना करके मनोज से - इधर से ऊपर.. गौतम मनोज औऱ सिमरन को लेकर अपने रूम में आ जाता है..
गौतम अलमीरा खोलकर - देख ले भाई क्या लेना है..
मनोज अलमीरा में देखकर - क्या बात है इतना सब?
गौतम - हाँ सुबह शराब की जितनी बोतल आई थी मैंने उनमे से 3-4 अपने पास रख ली.. तुम्हे जो पसंद है निकाल लो..
मनोज - सिम्मी कोनसी?
सिम्मी गौतम को देखकर - भईया आपको जो पसंद है वो ले जाओ.. मुझे गौतम से कुछ पर्सनल बात करनी है..
गौतम रूखेपन से - क्या पर्सनल बात करनी है?
सिम्मी गौतम के करीब जाकर - वो अभी पता चल जाएगा..
गौतम ने कलाई का ढाका लाल देखा तो सब समझा गया औऱ मनोज की तरह देखने लगा..
मनोज - ठीक जैसा तु कहे.. मेरे दोस्त को ज़्यदा परेशान मत करना..
सिम्मी - आप चिंता मत करो.. टूटे हुए दिल को जोड़ना मुझे अच्छे से आता है..
मनोज चला जाता है औऱ सिम्मी कमरे का दरवाजा बंद करके - अच्छा तो गौतम ज़ी अब बताइये.. कितना पसंद करते है आप मुझे?
गौतम - तुम दोनों भाई बहन मिलके कोई प्रेँक वरेंक तो नहीं कर रहे हो ना मेरे साथ?
सिम्मी अपना दुप्पटा निकालकर - तुझे क्या लगता है?
गौतम अपना कोट उतारते हुए - अगर परेंक हुआ तो भी तू नहीं बचेगी मुझसे..
सिम्मी अपनी कुर्ती उतारते हुए - बचना भी कौन चाहता है तेरे जैसे रसगुल्ले से..
गौतम अपनी शर्ट उतारकार सिम्मी को अपनी बाहों में भर लेता है औऱ उसके होंठों को चूमने लगता है फिर झटके से उसकी ब्रा उतारकार नीचे फेंक देता है औऱ सिम्मी को उठाकर बिस्तर में लाते हुए अपने नीचे लेता कर चूमने लगता है..
गौतम - कितना नाटक कर रही थी बहन की लोड़ी.. अब कैसे नीचे लेटी हुई है.. हाय... कितने टाइट औऱ सर्क्स बूब्स है तेरे.. मन करता है कहा जाऊ साली तुझे..
सिम्मी - तो किसने रोका है तुझे.. खा जा ना.. आ..
सिम्मी गौतम के होंठों को चूमने लगती है औऱ गौतम चूमते हुए सिम्मी के बूब्स दबाने लगता है..
गौतम चुम्मा तोड़कर सीधा सिमरन के बूब्स पर हमला कर देता है औऱ किसी प्यासे की तरह सिमरन के निप्पल्स मुंह में भरके चूसने औऱ चाटने लगता है.. सिमरन काम की नदी में बहने लगी थी उसने गौतम को पकड़कर अच्छे से अपने बूब्स चुसवाना शुरू कर दिया औऱ गौतम से बोलने लगी..
सिम्मी - चुसो गौतम.. खा जाओ मेरे बूब्स को आज.. कितने प्यारे हो तुम.. चुसो.. काट लो दांतो से दोनों बूब्स को..
गौतम - आह्ह... साली जितनी खूबसूरत है तू उतनी ही जंगली भी.. शकल से अभी भी छोटी लगती है.. तू नाबालिक तो नहीं है ना..
सिम्मी - 19 साल की हूँ मेरे रसगुल्ले.. अब तो सरकार भी चुदने औऱ चोदने की इज़ाज़त दे चुकी है मुझे..
गौतम सिमरन के दोनों बूब्स अपने हाथों में लेकर जोर से मसलने लगता है औऱ कहता है - बहुत हसीन है यार तू.. Gf बन जा मेरी.. बाद में शादी भी कर लेंगे..
सिमरन हसते हुए गौतम को पलट कर उसके ऊपर आ जाती है औऱ फिर रखा kiss करके बोलती है - सोच ले मेरे रसगुल्ले... बाद में मुकरने नहीं दूंगी.. मुझे छोड़ के गया तो जान ले लुंगी..
गौतम - तुझ जैसी को कौन छोडके जाएगा मेरी लैला.. तुझे तो दिल में बसा कर औऱ लंड से लगा कर रखूँगा..
सिम्मी धीरे धोरे नीचे जाकर गौतम की पेंट खोलती है औऱ उसकी चड्डी नीचे सरकाने लगती है - तो फिर अब तू मेरा बॉयफ्रेंड औऱ मैं तेरी गर्लफ्रेंड.. रसगुल्ले अगर तू इस बात से मुकरा तो बहुत बुरा होगा..
चड्डी नीचे करके - ये क्या है.. रसगुल्ले तू?
गौतम - क्या हुआ डर गई मेरी गर्लफ्रेंड? अपने बॉयफ्रेंड का लोडा देखकर ही डर गई.. जब अंदर जाएगा तब क्या होगा..
सिमरन मुस्कुराते हुए - तू तो बहुत छुपा रुस्तम है. शकल बिलकुल बच्चों जैसी मासूम औऱ लोडा ऐसा कि ताबही मचा दे..
गौतम लंड हिलाते हुए - वैसे एक बात समझ नहीं आई..
सिम्मी - क्या?
गौतम - हर भाई अपनी बहन की रक्षा करता है उसे चुदने से बचाता है औऱ एक तेरा भाई है.. तुझे चुदने के लिए मेरे पास छोड़ गया..
सिमरन हसते हुए - तुझे तो खुश होना चाहिए.. पर लगता है आसानी से मिली हुई चीज की परवाह नहीं है तुझे?
गौतम लोडा सिमरन के मुंह की तरफ करता हुआ - परवाह तो बहुत है मेरी रसमलाई.. पर मुझे जाताना नहीं आता..
सिम्मी लोडे को होंठो से चूमते हुए - कमीने पहली मुलाक़ात में क्या क्या करवा लेगा मुझसे...
गौतम - ले लो ना यार क्यों नखरे कर रही हो.
सिमरन गौतम को केमेरा ऑन करके अपना फ़ोन देते हुए - ले रही हूँ कमीने.. सिम्मी ये बोलकर गौतम के लंड को धीरे धीरे चूसने लगती है औऱ फिर अपने चूसने की रफ़्तार बढ़ाने लगती है..
गौतम सिमरन का blowjob वीडियो बनाने लगता है औऱ बोलता है - उफ्फ्फ्फ़ सिम्मी... आई लव यू यार.. तू तो सच में कमाल की है.. आहहह...
सिमरन गौतम का लोडा औऱ लोडे के नीचे दोनों टट्टे चूसते औऱ चाटते हुए कैमरे में देखकर कहती है - आई लव यू टू मेरे रसगुल्ले... औऱ फिर लोडा हिलाते हुए टट्टे चूसते हुए गौतम को देखती है..
गौतम सिमरन के बाल पकड़कर - निकलने वाला है मेरी जान...
सिम्मी लोडा मुंह में लेकर जोर जोर से चूसते हुए गौतम का सारा माल अपने मुंह में झड़वा लेती है औऱ उसके वीर्य की एक एक बून्द गले के नीचे उतार लेती है औऱ लोडे को अच्छे से चूसकर साफ कर देती है..
गौतम बिस्तर पर पीठ के बल शांत होकर तेज़ तेज़ साँसे लेता हुआ सिमरन को देखता है जो बिस्तर से उठकर बेड के पास पड़ी सिगरेट के पैकेट से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए एक दो कश लेकर गौतम के सामने खड़ी हो जाती है औऱ कहती है..
सिमरन - मज़ा आया मेरे रसगुल्ले को?
गौतम - सच में यार.. तू वाकई कमाल है.. अब जल्दी से चुत भी देदे... औऱ मुझे अपना गुलाम बना ले...
सिमरन सिगरेट का कश लेकर - इतनी भी क्या जल्दी है मेरे रसगुल्ले... मेरी एक शर्त है..
गौतम - क्या?
सिमरन - मुझे अलग तरह से सेक्स करना है तुम्हारे साथ.. तुम्हे बाँधकार..
गौतम मुस्कुराते हुए - अच्छा.. बड़ी fantasy है तेरी.. लेकिन ठीक है अब अपनी गर्लफ्रेंड की fantasy पूरी नहीं करूँगा तो किसकी करूँगा..
सिमरन सिगरेट का एक लम्बा कश लेकर सिगरेट गौतम को दे देती है औऱ अपने दुपट्टे से होतम को पेट के बल लेटा कर उसके दोनों हाथ बाँध देती है..
गौतम - उल्टा क्यों किया है तूने सिम्मी..
सिम्मी - तू चुप रह मेरे रसगुल्ले.. अब कुछ मत बोल..
सिमरन औऱ कपडे लेकर गौतम के दोनों पैरों को भी बाँध देती है औऱ फिर अपना फ़ोन एक जगह रखकर कैमरा चालु कर देती है औऱ फिर अपनी सलवार भी नीचे सरका देती है..
गोतम सिगरेट के कश लगाते हुए सामने देख रहा था औऱ पीछे से सिमरन उसकी गांड पकड़ के गौतम की गांड के छेद को अपने मुंह से चाटने लगती है..
गौतम - आहहह... सिम्मी तू तो बिलकुल गन्दा वाला सेक्स करती है यार.. गांड के छेद को क्यों चाट रही है..
सिमरन गौतम के गांड के छेद को चाट कर उसपर थूक देती है औऱ गौतम को जवाब देती है - ताकि तुझे ज्यादा दर्द ना हो मेरे रसगुल्ले...
गौतम ये सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है सिम्मी से बोलता है - मतलब?
सिमरन गौतम से सिगरेट लेकर आखिरी के एक दो कश लेती है औऱ फिर सिगरेट बुझाकार गौतम के पीछे आकर कहती है - अभी पता चल जाएगा मेरे रसगुल्ले..
ये कहकर सिम्मी अपनी चड्डी भी नीचे सरका देती है जिसमे से उसका तनतनाता हुआ लंड पूरी अकड़ में खड़ा होकर सामने आ जाता है जिसे सिमरन अपने हाथ में लेकर गौतम की गांड के छेद पर रखकर गौतम की गांड में घुसाने लगती है..
गौतम को कुछ अजीब लगता है औऱ वो पीछे मुड़कर देखता है तो उसे सिमरन का 4 इंच का लोडा दिखाई देता है जिसे वो गौतम की गगांड में घुसा रही थी..
गौतम - सिम्मी तू...
सिमरन झटका देकर गौतम की गांड में अपना लंड ड़ालते हुए - हाँ मेरे रसगुल्ले मैं एक shemale हूँ.. औऱ आज तेरी इस सेक्सी गांड का उद्घाटन करने वाली हूँ..
गौतम - तेरी माँ चोद दूंगा साली.. खोल मुझे.. बहन की लोड़ी.. छोड़ मेरी गांड को..
गौतम झटपटा रहा था मगर सिमरन ने गौतम के बाल पकड़कर पीछे से एक जोरदार झटका देकर अपना लोडा गौतम की गांड में घुसा दिया जिससे गौतम की चिंख निकल गयी..

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सिमरन धीरे धीरे गौतम की गांड मारती हुई - माफ कर देना मेरे रसगुल्ले..
गौतम गुस्से में - साली एक बार हाथ खुलने दे.. फिर बताऊंगा तुझे.. तुझे इतना मारूंगा ना याद रखेगी तू..
सिमरन - मेरे रसगुल्ले.. प्यार करता है ना तू तो मुझसे.. शादी करने वाला है.. अपनी गर्लफ्रेंड पर हाथ उठाएगा तू..
गौतम - बहन की लोड़ी रांड.. साली छोड़ मुझे..
सिमरन - बस मेरे रसगुल्ले.. औऱ कुछ देर.. मेरा हो जाए.. फिर तू अपना सारा गुस्सा मेरी गांड को चोदके निकाल देना..
सिमरन दोनों हाथों से गौतम के बाल पकड़के गौतम की गांड मारे जा रही थी जिसकी आवाज कमरे में गूंज रही थी..
गौतम - तेरी माँ को चोदू रंडी.. इस छोटे से लंड से कितना चोदेगी मुझे?
सिमरन - निकलने वाला है मेरे रसगुल्ले... आह्ह... आहहह...
गौतम - साली तू औऱ तेरा भाई दोनों पीटेंगे मेरे हाथों से आज...
सिमरन अपना माल झाड़ते हुए - आई लव यू मेरे रसगुल्ले... मैं तो दिवानी हो गइ तेरी इस गांड की..
गौतम - खोल साली मेरे हाथ...
सिमरन गौतम को एक जबरदस्ती वाला kiss करती है औऱ फिर आई लव यू बोलकर उसके हाथ खोल देती है..
गोतम हाथ पैर खुलते हुए सिमरन को एक थप्पड़ मारके अपने कपडे पहनते हुए कमरे से बाहर चला जाता है..
सिमरन - रसगुल्ले मेरी बात तो सुन.. अरे कहाँ जा रहा है...
गौतम जाते हुए - हट साली..

सिमरन भी कपडे पहन कर अपना फ़ोन उठाती है औऱ उसने दोनों वीडियो सेव करके कमरे से बाहर आ जाती है..
Nice update bro kya hi twist diya 😄
 
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