Update 12
सुबह की पहली निकलते ही शबाना अपने बिस्तर से उठकर घर के कामों में लग गई और रोजमर्रा के काम निपटाते हुए घर में यहां से वहां घूमने लगी. शबनम की बेटी रेशमा अपने ससुराल जा चुकी थी और उसका बेटा आदिल जो अब भी घोड़े बेचकर चैन की नींद सो रहा था शोहर फारूक अपने सुबह के नियत समय पर अपने दुकान जा चुका था. थोड़ी देर बाद आदिल भी उठकर घर से बाहर निकल गया और हर दिन की तरह आवारा गर्दी करने और मोहल्ले में यहां से वहां घूमने लगा. शबाना घर पर अकेली पड़ चुकी थी जैसे वह हरदम रहती थी उसके आसपास ना तो कोई बोलने वाला था ना ही उससे बात करने वाला.
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अपने सुबह के घर के काम निपटाकर शबाना जब बिस्तर पर चैन की सांस लेते हुए दो घड़ी बैठी तब उसका फोन बजने लगा. शबाना ने फोन की तरफ देखा तो मुस्कुराते हुए उसे अपने हाथ में लेकर कुछ सोचने लगी. पिछले कई दिनों से जब से गौतम ने उस दिन शबाना से बात की थी और पूरी बेशर्मी के साथ उसे छेड़ा था तब के बाद अक्सर गौतम शबाना को फोन करके उसे मीठी-मीठी बात करता था और बातों ही बातों में अपने मन की बात कह कर शबाना को शर्मिंदा कर देता था शबाना को भी अब गौतम के फोन का इंतजार रहता और वह उससे बात करने के लिए लालायित रहती. इस बार भी कुछ वैसा ही था शबाना अपने हाथ में फोन लिया गौतम का फोन आता देखकर मुस्कुराते हुए फोन उठाना चाहती थी मगर एक दायरा और एक पर्दा जो उसके और गौतम के बीच अभी था वह शबाना को हर बार एक मुकाम पर लाकर उसे आगे बढ़ने से रोक देता..
शबाना फ़ोन उठाकर - हेलो..
गौतम - हेलो शबाना बेगम.. कैसी हो?
शबाना - बेशर्म तेरे दोस्त की अम्मी हूँ, थोड़ा तो लिहाज़ कर अपनी और मेरी उम्र का. वरना बहुत मार खायेगा मुझसे.
गौतम - मैं तो तुम्हारे हाथों से मरने को भी तैयार हूँ शबाना.. और लिहाज़ किस बात का? प्यार की कोई उम्र थोड़ी होती है..
शबाना - बेटा तू सामने आ गया ना एक बार तो ऐसा सबक सिखाउंगी की प्यार का सारा भूत उतर जाएगा..
गौतम - अच्छा ज़ी.. ऐसा क्या करोगी बताओ जरा..
शबाना - तू सामने तो आ कमीने.. उस दिन के बाद कैसे बिग्गी बिल्ली की तरह गायब रहता है. बस फ़ोन पर ही तेरी आवाज निकलती है..
गौतम - मिलना तो मैं भी तुमसे चाहता हूँ मेरी शब्बो.. पर क्या करू बहुत काम है और कॉलेज का आखिरी साल है इम्तिहान आने वाले है तो पढ़ना भी जरुरी है.. वैसे अगर तुमको चाहिए तो मुझसे मिलने आ सकती हो.. मगर जरा फुसरत निकाल कर आना.. अब तुमसे लम्बी मुलाक़ाते करने का मन है..
शबाना - बेटा अपनी जवानी को काबू में रख वरना आदिल और आदिल के अब्बू को पता चल गया ना तू मुझसे कैसी कैसी बात करता है और क्या चाहता है तो तेरा क्या हाल होगा तू बखूबी जानता है..
गौतम - अब प्यार किया तो डरना क्या मेरी शब्बो.. तुम्हारे लिए तो ख़ुशी ख़ुशी कुर्बान हो सकता हूँ.. और मैं इतना तो जानता हूँ अगर तुम्हे किसीको बताना होता तो तुम अभी तक उनको सब बता चुकी होती..
शबाना मुस्कुराने लगती है और कहती है - बेटा बच्चा समझके छोड़ देती हूँ वरना तुझे तो कबका एक थप्पड़ में सीधा कर दू मैं..
गौतम - एक बार इस बच्चे से प्यार करके देखो शब्बो बेगम.. पहली चुदाई याद आ जायेगी..
शबाना - जलील इंसान.. कितना बेशर्म है तू? बहुत आग लगी है तुझमे? पता दे मैं अभी आकर तेरी लुल्ली का इलाज़ करती हूँ..
गौतम - शब्बो लुल्ली नहीं लोडा है मेरा.. देखते ही तेरी चुत से पानी बह जाएगा.. वीडियो कॉल कर तुझे दिखाता हूँ..
शबाना अपने बूब्स सहलाते हुए - क्यों मेरे पीछे पड़ा हुआ है बेटा.. तेरी अम्मी जैसी हूँ मैं और तेरे दोस्त की अम्मी..
गौतम - क्या करू मेरी जान.. तेरे हुस्न के आगे ये सब बातें मायने नहीं रखती.. दिल कहता है अभी तुझे अपनी बाहों में भरके प्यार करू.. तेरे होंठों से शराब पी लू.. तेरे चुचो से दूध पीलू.. तेरे बदन से खेलु.. तेरी चुत को चाट कर साफ करु फिर अपने लंड से तेरी चुत फाड़कर तेरी जवानी का स्वाद चखु..
शबाना अपनी चुत पर उंगलिया रगढ़ती हुई किसीके आने की आहट सुनती है..
शबाना - लगता है कोई आ रहा है. मैं बाद में बात करती हूँ.
गौतम - शबाना.. शबाना... सुन तुझे व्हाट्सप्प पर मैंने कुछ भेजा है चेक करना..
शबाना फ़ोन काट देती है और बाहर जाकर दरवाजा खोलती है सामने आदिल था.. जो बहुत बुरी हालात में था उसे देखकर ही लगता था की वो मार पिट करके आया है शबाना कि कामुकता ने गुस्से का रूप ले लिया था...
शबाना - किससे लड़ के आ रहा है..
आदिल - कुछ नहीं छोटी सी बात हो गई थी..
शबाना - क्या छोटी सी बात? और ये चोट?
आदिल - अरे वो कुछ लड़के पप्पू हलवाई के आगे फालतू गाली बक रहे थे सालों का ऐसा इलाज़ किया है आगे कभी बोलेंगे नहीं..
शबाना - दिनभर लड़ाई झगडे औऱ कुत्ते कि तरह घूमने के सिवा कुछ और भी काम है तुझे? अपने अब्बू के साथ दूकान पर ही बैठ जाया कर..
आदिल -अम्मी पकाओ मत.. पहले ही दिमाग ख़राब हो रहा है.. औऱ मत करो..
शबाना - अरे सुन तो दवाई लगा ले चोट पर.. आदिल..
शबाना ने इतना ही कहा था की घर के दरवाजे पर आदिल का एक दोस्त नौशाद आ गया और जो देखने से लग रहा था की बहुत तेज़ी से भागता हुआ आया है उसकी साँसे ऊपर नीचे चढ़ी हुई थी वो हाफ्ते हुए बोला..
नौशाद - आदिल..
शबाना - क्या हुआ?
आदिल - क्या हो गया ऐसे क्यों हांफ रहा है?
नौशाद - अबे वो पुलिस... पुलिस आ रही है.. माज़ीद को भी उठा लिया.. अभी जिसको मारा है वो किसी बिज़निसमेन का बेटा है.. उसके बाप ने पुलिस में शिकायत की है पुलिस सबको उठा रही है..
शबाना - कितनी बार मना किया पर मानने का नाम नहीं अब पता नहीं क्या होगा.. तेरे अब्बू को फ़ोन कर..
इतनी बात हो ही रही थी की पुलिस आदिल के घर आ धमकी और आदिल और नौशाद को पकड़ के अपनी जीब में बैठा लिया.. शबाना ने बहुत कोशिश की मगर कुछ ना कर सकी.. शबाना ने अपने शोहर फारूक को फ़ोन किया और सारी बात बताई फारूक दूकान पर रामु को छोड़कर घर आ गया और शबाना को लेकर पुलिस थाने चला गया..
फारूक - साब बच्चा है गलती हो गयी माफ़ कर दो..
थानेदार - फारूक मिया एक गलती माफ़ करेंगे तो अगली गलती करेगा.. सजा तो देनी पड़ेगी.. और किसी आम आदमी के बच्चे को थोड़ी मारा है इन लोगों ने.. सेठ धनीराम के लड़के को धोया है वो भी cctv के सामने.. ऊपर से प्रेशर है.. रेपोर्ट भी लिख चुके है.. अब तो आई.पी.सी. की कई धाराओं के अंदर आपके लड़के का नाम आ चूका है.. सबूत भी पुरे पुरे है.. 2-3 साल के लिए पक्का अंदर आएगा आपका लड़का..
फारूक - थानेदार साब.. एकलौता लड़का है.. समाज में इज़्ज़त है सब आपके ऊपर है.. कुछ मदद करिये.. आप जो बोले करने को त्यार हूँ..
थानेदार - अरे फारूक मिया.. मैं अगर मदद कर सकता तो मना थोड़ी करता है.. आखिरी मैं भी तो इंसान हूँ.. मगर बात बड़ी है.. आप समझो.. मेरे बस के बाहर है..
फारुख थानेदार से बात करके आदिल को छुड़ाने में नाकाम रहता है और आखिरकार थक हार कर शबाना को लेकर वापस घर आ जाता है.. शबाना और फारूक दोनों ही घर में उदास बैठकर यह सोच रहे थे कि अब क्या किया जाए और कैसे आदिल को जेल की सलाखों से बाहर निकल जाए. शबाना यह सब सो रही थी कि उसके फोन पर फोन आता है और फोन उठा कर चेक करती है तो उसे पर गौतम का फोन होता है. शबाना फोन काट देती है मगर गौतम वापस फोन करता है जिस पर शबाना छत पर आ जाती है औऱ तंग आकर गौतम से रुखे शब्दों में रहती है.
शबाना - क्या है? क्यों बार बार फ़ोन कर रहा है तू?
गौतम - उफ्फ्फ.. इतना गुस्सा? क्या हुआ मेरी शब्बो का मूंड खराब है?
शबाना - गौतम फ़ोन काट और वापस फ़ोन मत करना.. समझा? वरना अब तक तेरी हरकते मैं बच्चा समझके बर्दाश्त कर रही थी अब नहीं करुँगी..
गौतम - अच्छा बाबा ठीक है नहीं करूँगा पर तुम बताओ तो हुआ क्या है?
शबाना थोड़ा ठंडा पड़के सारी बात गौतम से कहा देती है और गौतम हसता हुआ कहता है..
गौतम - बस इतनी सी बात? इतनी सी बात के लिए मेरी शब्बो परेशान है? तुम कहो तो अभी आदिल को जेल से निकलवा कर घर बुलवा देता हूँ..
शबाना - मज़ाक़ मत कर गौतम..
गौतम - अरे बाबा मैं क्यों मज़ाक़ करूंगा? मेरी शब्बो की तकलीफ अगर मैं नहीं दूर करूंगा तो कौन करेगा?
शबाना - तू सच में आदिल को जेल से निकलवा सकता है?
गौतम - हाँ मगर मुझे भी बदले में तुमसे कुछ चाहिए..
शबाना - मैं वैसा कुछ भी नहीं करने वाली जो तू सोच रहा है.. मैं तुझे भी आदिल के जैसे अपना बच्चा मानती हूँ थोड़ी बहुत मज़ाक़ मस्ती को मेरी हाँ मत समझना..
गौतम - पर मैं तो तुम्हे अम्मी नहीं मानता.. सोच लो.. आदिल की ज़िन्दगी का सवाल है.. मुझे कुछ तो देना पड़ेगा..
शबाना - अच्छा क्या चाहिए?
गौतम - हम्म्म... अब चुत नहीं तो मुंह सही.. Blowjob दे देना..
शबाना - क्या कहा? मतलब?
गौतम हसता हुआ - blowjob का मतलब नहीं पता? कितनी भोली हो तुम.. अरे मतलब नुनु को मुंह में लेके ठंडा कर देना बस.. इतना सा..
शबाना - कमीने तेरा मुंह तोड़ दूंगी मैं.. बेशर्म कहीं का.. अपने दोस्त की अम्मी के साथ ये सब करेगा..
गौतम - फिर तुम्हारी मर्ज़ी.. अब फ़ोन नहीं करूँगा, बहुत तंग करता हूँ ना तुम्हे? बहुत नाराज़गी है तुम्हे मुझसे? अब कभी नहीं परेशान करूंगा..
शबाना - अच्छा ठीक है कुत्ते.. कर दूंगी तुझे ठंडा पर पहले आदिल को घर आने दे..
गौतम - बाद में मुकर तो नहीं जाओगी तुम?
शबाना - नहीं मुकुरूंगी.. बस..
गौतम - अच्छा वो पिक भेजी थी व्हाट्सप्प पर देखी तुमने?
शाबाना - नहीं अभी देखती हूँ..
गौतम - तुम देखके बताओ कैसी है और मैं अभी आदिल को बाहर निकलने का इंतज़ाम करता हूँ.. रखता हूँ..
शबाना व्हाट्सप्प खोलती है तो उसमे गौतम ने शबाना को अपने लंड की फोटोज सेंड की हुई थी जिसे देखकर शबाना की चुत में अजीब सी सुगबुगाहत होने लगती है वही गौतम रजनी को फ़ोन करता है..
गौतम - कैसी हो दीदी..
रजनी - मेरा छोड़ तू अपना बता छोटू.. इतने दिनों से ना massage ना कॉल.. तू इतना बिजी रहता है की अपनी दीदी से बात करने का समय नहीं मिला? याद नहीं आती मेरी?
गौतम - याद उसे किया जाता है दीदी जिसे भूल गए हो.. आप तो मेरे दिल में बस्ती हो..
रजनी - फिर भी अपने दीदी से मिलने की फुसरत नहीं मिलती?
गौतम - फुर्सत तो बहुत है दीदी, पर आपने जो आपके और मेरे बीच एक दायरा बनाके रखा उसे तोड़ने से डर लगता है.. आप तो जाती हो मैं आपको कितना पसंद करता हूँ.. जब भी आपको देखता हूँ बहकने लगता हूँ..
रजनी - ये सब ड्रामा बंद कर मैं अच्छे से जानती हूँ तुझे.. नौटकीबाज़.. बता कब मिलने आ रहा है मुझसे?
गौतम - मैं नहीं आऊंगा दी..
रजनी - अच्छा ज़ी? किस्सी मिलेगी अगर आओगे तो?
गौतम - पक्का?
रजनी - हाँ पक्का.. मेरे छोटे से आशिक..
गौतम - दीदी छः फ़ीट का हूँ आपसे लम्बा.. छोटा किसे बोल रही हो?
रजनी हसते हुए - अच्छा? छोटा बोलने पर मेरा छोटू गुस्सा होता है?
गौतम - दीदी एक बात थी..
रजनी - हाँ बोलो ना.. कुछ चाहिए था?
गौतम - हाँ..
रजनी - क्या चाहिए मेरे छोटे से आशिक़ को?
गौतम - दीदी एक दोस्त है मेरा, आदिल नाम है.. सुबह छोटा सा झगड़ा हो गया था तो पुलिस ने उठाकर जेल में डाल दिया.. **** थाने में बंद है आप कुछ मदद कर सकती हो?
रजनी - बस? अभी फ़ोन करती हूँ..
गौतम - थैंक्स दी..
रजनी - तू कब से थैंक्स बोलने लगा? और व्हाट्सप्प पर डेट और टाइम सेंड किया है टाइम से आ जाना मिलने.. वरना घर उठवा लुंगी तुझे..
गौतम - वक़्त से पहले आ जाऊंगा..
गौतम रजनी से बात करके फोन काट देता है और फिर शबाना को फोन करता है..
शबाना - हेलो..
गौतम - हेलो मेरी शब्बो बेगम.. निकलवा दिया आदिल को जेल से बाहर.. 10 मिनट में घर आ जाएगा आदिल, अब तुमको बताओ कब और कहा दोगी मुझे मेरा इनाम..
शबाना मुस्कुराते हुए - कुछ नहीं मिलेगा तुझे..
गौतम - सोच लो बात से पलट रही हो तुम..
शबाना - सोच लिया..
गौतम - यार मान जाओ ना, अपना वादा निभाने आ जाओ वरना फिर टांग उठा के चुत भी देनी पड़ेगी मुझे..
शबाना हस्ती हुई - कल सुबह 9 बजे घर आ जाना.. दे दूंगी जो कहा है..
गौतम - कंडोम का पैकेट कितने पिस का लाउ शबाना बेगम 3 या 8?
शबाना - कमीने सिर्फ blowjob ही मिलेगा.. जो तय हुआ था.. उससे ज्यादा कुछ नहीं..
गौतम - देखते है.. आज नहीं तो कल मिलेगा तो सब..
शबाना - सिर्फ ख्वाबों में..
गौतम - अच्छा लोडा केसा लगा मेरा?
शबाना हसते हुए - चुप बेशर्म...
शबाना फोन काट देती है और कुछ ही मिनट में उसके सामने उसका बेटा आदिल दरवाजे से अंदर आता होगा दिख जाता है..
अगले दिन सुबह शबाना ने घर के दरवाजे पर किसी के आने की दस्तक सुनी तो वो कामोतेजना से भरकर रोमांचित हो उठी उसे पता था की आज उसके शोहर फारूक आदिल के साथ बाहर गए है जिनको आते आते रात हो जायेगी. घर में शबाना अकेली थी और वो खुद भी गौतम का इंतजार कर रही थी उसके मन में अपनी सुनी पड़ी जिंदगी को फिर से हरा भरा करने का ख़्वाब चल रहा था.. शबाना ने दरवाजा खोलकर जब गौतम को दिखा वो शर्म से आँखे नीचे करती हो दरवाजे से पीछे हट गई और गौतम को अंदर आने की जगह दे दि. गौतम ने अंदर आते हुए दरवाजा लगा दिया. और सामने नजर झुकाए घड़ी शबाना को देखता रहा. कुछ देर दोनों इसी तरह एक दूसरे को प्यार कि नजर से देखते रहे मगर किसी में भी हिम्मत नहीं थी कि दोनों में से कोई भी आगे बढ़कर पहल करता. गौतम ने हीं सिलसिले को तोड़ा और आगे बढ़कर शबाना का हाथ पकड़ते हुए उसके झुके हुए सर को उंगलियों से ऊपर उठा दिया और उसके गुलाबी होंठ अपने होंठ में भरके चुंबन करने लगा.
शबाना ने गौतम की हरकत का कोई विरोध नहीं किया और ना ही किसी तरह का कोई आपत्ति जाताई, वह भी अपने होठों से गौतम को शराब पिलाने लगी. घर के आंगन में खड़े गौतम और शबाना दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में भरकर चूमने लगे थे दोनों में से किसी ने भी अब तक एक दूसरे से कोई बात नहीं की थी. शबाना गौतम की हर हरकत पर चुपचाप खड़ी हुई सहमति दे रही थी और उसे बार-बार कर चूम रही थी गौतम शबाना के बदन को अपने हाथों से नाप रहा था और हर जगह अपने हाथ ले जाकर शबाना के बदन को छू रहा था और छेड़ रहा था. गौतम के इस तरह के व्यवहार से और अपनी सुनी पड़ी जिंदगी में आई इस बहार से शबाना अभीभूत हो चुकी थी और अब उसके मन में काम इच्छा पूरी तरह से जाग चुकी थी वह अपने दोनों हाथों से गौतम का चेहरा पड़े उसे चूम रही थी और उसे अपने होठों के जाम पिला रही थी मानो वो सालों बाद मिले इस मौके को भूनाना चाहती हो और भरपूर मजा लेना चाहती हो अपनी इच्छा पूरी कर लेना चाहती हो.
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दोनों काफी देर से चुम्बन चल रहा था दोनों ही इस चुम्बन को नहीं तोड़ना चाहते थे बहुत लंबे समय से दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे दोनों एक दूसरे को चूमते चूमते खा जाना चाहते हो तभी गौतम के फोन की रिंग बजी और दोनों के बीच काफी लंबे समय से चल रहा चुंबन टूट गया..
शबाना - किसका फ़ोन है?
गौतम फ़ोन दिखाते हुए - ये साला हमेशा गलत टाइम पर फ़ोन करता है.
शबाना - तू बात कर मैं तेरे लिए चाय बना देती हूँ..
ये कहकर शबाना रसोई की तरफ चली गई और गौतम भी उसके पीछे पीछे रसोई में आ गया और फ़ोन उठाकर स्पीकर पर रख दिया और फिर से शबाना को अपनी बाहों में भरते हुए चूमने लगा..
आदिल - क्या कर रहा है रंडी?
गौतम चुम्बन तोड़कर - तेरी अम्मी शबाना का चुम्मा ले रहा था गांडु.. इतने गुलाबी होंठ है मन करता है खा जाऊ..
शबाना मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को अपने दांतो से पकड़कर खींचती हुई काट लेटी है और गौतम की आह्ह निकल जाती है फिर शबाना गौतम के होंठों को सहलाती है..
आदिल - अबे किस रंडी को चूस रहा है लोडे.. सच बता..
गौतम - सच बोल रहा हूँ गांडु.. तेरी अम्मी है. अभी तो सिर्फ चुम्मा लिया है शबाना का, चोदना तो बाकी है..
आदिल - भोस्डिके बकवास मतकर सुबह सुबह..
गौतम शबाना की कुर्ती उतारता हुआ - अच्छा बता ना गांडु क्या काम था.. तूने तो दोस्ती ख़त्म कर ली थी ना रात को फिर कैसे फ़ोन कर लिया?
आदिल - अरे यार कल काण्ड हो गया था..
गौतम - हाँ बताया था तेरी अम्मी ने कैसे पुलिस ने तेरी गांड तोड़ी थी कल..
आदिल - उसीके लिए फ़ोन किया है भोस्डिके. आज अब्बू मुझे खालू के यहां कासपुर ले जा रहे है.. कल कोई मन्नत मांगी थी उन्होंने जिसे पूरा करने..
गौतम शबाना की कुर्ती उतारकार उसकी ब्रा देखते हुए - साले तूने बताया नहीं तेरी अम्मी की ब्रा का साइज 38 है.. देखने से 32-34 ही लगते थे.. (बूब्स दबाकर) बहनचोद कितने टाइट है यार तेरी अम्मी के चुचे..
आदिल - बहन के लंड पागल हो गया सुबह सुबह.. कितनी पी है तूने आज.. मैं जो बोल रहा हूँ वो बता..
गौतम - चल पूछ ना गांडु..
गौतम इतना कहकर शबाना की ब्रा निकाल दी और उसके बूब्स को चाटने और चूसने लगा निप्पल्स को छेड़ने लगा शबाना भी मुस्कुराते हुए गौतम का पूरा साथ दे रही थी
आदिल - अरे कोई जुगाड़ है क्या यहां कासपुर के पास? किसीको जानता है तू?
गौतम - जानता तो हूँ..
आदिल - बोल ना भोस्डिके.. मुंह में कुछ ले रखा है क्या?
गौतम - हाँ भाई तेरी अम्मी के गुलाबी निप्पल्स है मेरे मुंह में.. बड़े प्यार से अपने चुचे चुसवा रही है हमारी बातें सुन रही है..
आदिल - क्यों अपनी माँ चुदवा रहा है रंडी.. बताना है तो बता दे वरना फ़ोन रख..
गौतम - रख दे साले.. मैं क्या है?
शबाना गैस पर से चाय उतारकर कप में चाय छन्नी कर लेटी है और अपना चुचा चूस रहे गौतम के मुंह से अपना बोबा निकालकर उसे चाय का कप दे देती है..
आदिल - भोस्डिके क्यों भाव खा रहा है? बता दे ना..
गौतम चाय लेटे हुए - चल ठीक है मगर कुछ करना पड़ेगा उसके लिए पहले..
ये कहते हुए गौतम ने शबाना के सर पर हाथ रख दिया और उसे नीचे बैठने का इशारा किये जिसे शबाना अच्छे से समझा गई और अपने घुटनो पर बैठकर गौतम की जीन्स पर लगा बेल्ट खोलने लगी फिर जीन्स खोलकर नीचे सरका दी..
आदिल - क्या करना है जल्दी बोल रंडी..
गौतम - बहुत रंडी रंडी बोलता है ना मुझे गांडु.. चल अब अब्बू बोल फिर नंबर दूंगा..
शबाना गौतम की बात सुनकर दबी हुई हंसी हँसने लगी और शरारत भरे अंदाज़ से गौतम की टीशर्ट ऊपर करके उसके नाभि पर प्यार से चूमकर अपने दांतो से काट लिया..
आदिल - मादरचोद औकात मत दिखा अपनी.. देना है तो दे वरना माँ चुदा..
गौतम - तेरी मर्ज़ी..वैसे आज तो तेरी अम्मी चुदने वाली है..
आदिल फ़ोन काट देता है..
शबाना - बिलकुल बेशर्म है तू. थोड़ी भी शर्म नहीं है तेरे अंदर..
गौतम - शर्म होती तो तुम इस तरह मेरे सामने बैठकर मेरी चड्डी नहीं उतार रही होती शब्बो बेगम..
शबाना हस्ते हुए - इस तरह से तो मत बुला कमीने.. मुझे शर्म आने लगती है..
गौतम चाय पीते हुए - शर्म ही तो औरत का गहना होता है शब्बो..
शबाना गौतम से नज़र चुरा लेती है और उसकी चड्डी भी नीचे सरका देती है.. जैसे ही गौतम की चड्डी नीचे सरकती है शबाना का मुंह खुला का खुला रह जाता है..
शबाना सोच रही थी की कल जो फोटोज गौतम ने व्हाट्सअप की थी वो फेक है मगर अब उसके सामने गौतम का झूलता लंड था और शबाना उसे देखकर हैरात से आँखे बड़ी कर चुकी थी.. शबाना को समझा नहीं आ रहा था की कैसे गौतम के पास इतना बड़ा और मोटा लम्बा लंड है ये असाधारण बात थी..
शबाना बिना कुछ बोले बस लंड को देखे जा रही थी और गौतम चाय पीते हुए सारा नज़ारा देखकर मुस्कुरा रहा था..
शबाना ने एक नज़र ऊपर करके गौतम को देखा तो गौतम ने मुस्कुराते हुए कहा..
गौतम - पसंद आया मेरी शब्बो को मेरा लंड?
गौतम के सवाल पर शबाना शर्म से पानी पानी हो गई और फिर आँखे नीचे करके फर्श को देखने लगी मगर गौतम ने शबाना के चेहरे को ऊपर उठाते हुए उसके मुंह में अपना अंगूठा डाल दिया जिसे शबाना शरमाते हुए चूसने लगी.. थोड़ी देर अंगूठा और उंगलियां चूसाने के बाद गौतम ने शबाना को से कहा..
गौतम - इतना शर्माओगी तो कैसे काम चलेगा शब्बो?
गौतम के इतना कहते ही शबाना औऱ शर्म से लाल पड़ गई..
गौतम - यार शब्बो तेरा बेटा पता नहीं क्या चाहता है.. बार बार फ़ोन कर रहा है.. एक मिनट इससे बात कर लू..
गौतम फ़ोन उठाकर - हाँ गांडु बोल?
आदिल - भाई क्यों नखरे कर रहा है देदेना नम्बर..
गौतम - दे तो रहा हूँ.. तू बोल ही नहीं रहा..
आदिल - अच्छा.. अब्बू.. बस बोल दिया अब दे जल्दी.
गौतम - ऐसे नहीं गांडू.. बोल अब्बुजान मेरी अम्मी के मुंह में लोडा डाल दो.
आदिल धीरे से- अब्बूजान मेरी अम्मी के मुंह में लोडा डाल दो.. बस अब दे जल्दी..
गौतम शबाना के मुंह में लोडा डाल डेता है.
शबाना शरमाते हुए औऱ मुस्कुराते हुए लंड मुंह में ले लेती है औऱ चूसने लगती है..
गौतम - उफ्फ्फ आदिल क्या चुस्ती है तेरी अम्मी यार..
आदिल - मज़ाक़ मत कर रंडी अब दे दे जल्दी नम्बर..
गौतम - व्हाट्सप्प कर रहा हूँ रुक.. फ़ोन कट जाता है..
शबाना रुक शब्द सुनकर लोडा चूसना बंद कर देती है औऱ गौतम को देखती मगर गौतम नम्बर सेंड करके शबाना से कहता.. तुझसे नहीं बोला मेरी जान, तू चुस्ती रह. केसा है मेरा लंड?
शबाना - लज़ीज़ है..
गौतम शबाना के बाल पकड़ कर उसे अपना लोडा अंदर तक चूसाता हुआ - तो पूरा लोना मेरी जान..
शबाना कामुक होती हुई गौतम के लंड को चूस रही थी औऱ उसे देखकर मुस्कुरा रही थी मानो कहा रही हो तुम कितने बेशर्म हो गौतम.. गौतम शबाना के सर पर हाथ रखकर उसे अपना लोडा ऐसे चुसवा रहा था मानो कहा रहा हो आज तो तेरे मुंह के साथ चुत भी सुज्जा दूंगा शबाना..
कुछ देर बाद शबाना के मुंह की गर्माहट औऱ लार से गौतम चरम पर पहुंच जाता है औऱ वो शबाना के मुंह में अपना सारा माल छोड़ कर फारीक हो जाता है.. शबाना मज़े से लंड का माल पीते हुए मुस्कुराती है औऱ फिर चाट चाट के गौतम के लंड को साफ करके खड़ी हो जाती है..
गौतम - क्या चुस्ती हो यार शब्बो, मज़ा आ गया..
शबाना मुस्कुराते हुए सारी शर्म छोड़ देती है औऱ अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए गौतम से कहती है - अब तुम्हारी बारी.. चलो..
शबाना ने इतना कहकर गौतम के कंधे पर हाथ रखकर नीचे बैठने को इशारा किया मगर गौतम शबाना का मन समझा चूका था औऱ नाटक करते हुए बोला - शब्बो वादा सिर्फ blowjob का था अब आगे मेरा कुछ करने का मूड नहीं है..
शबाना ने गौतम का एक हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया औऱ बोली - मूंड बनाने के लिए मैं हूँ ना बेटा..
गोतम शबाना के बूब्स के निप्पल्स जोर से मसलते हुए - पर मैं आगे कुछ नहीं करने वाला.. बहुत नखरे चोद रही थी ना तुम.. अब मेरी बारी है..
शबाना - पूरा सुलगा कर जलता छोड़ रहा है.. बिना तेरी इज़्ज़त लुटे यहां से जाने नहीं दूंगी तुझे? चुपचाप लाइन पर आजा..
गौतम - नहीं तो क्या करेगी?
शबाना - चिल्ला दूंगी.. इस हालात में जब सब देख लेंगे तो पता है क्या हाल करेंगे?
गौतम - सिर्फ मेरा हाल थोड़ी बुरा होगा?
शबाना - मुझे अपनी परवाह नहीं है.. तू अपनी सोच..
गौतम शबाना का मुंह पकड़ कर - बहुत बोलना आ रहा है ना तुझे?
शबाना - क्या कर लेगा तू?
गौतम - तेरा मुंह बंद कर दूंगा..
शबाना - हिम्मत है तुझमे मेरा मुंह बंद करने की?
गौतम शबाना की बात सुनकर उसके मुंह से अपना मुंह लगा लेता औऱ शबाना को चूमने लगता है जिससे शबाना भी मस्ती से भरकर गौतम के गले में अपने हाथ डाल देती औऱ उसके नाजुक लबों को अपने मोटे औऱ गुलाबी लबों से चूमने लगती है...
शबाना चूमते हुए गौतम को लेकर अपने बेड रूम में आ जाता है औऱ बिना चुम्बन तोड़े दोनों बिस्तर पर गिर जाते है..
शबाना डोमिनट करती हुई गौतम को पीठ के बल लिटा देती है औऱ उसके ऊपर आकर उसके चेहरे को बार बार चूमने लगती है औऱ गौतम के चेहरे गर्दन औऱ सीने पर अपने होंठों के साथ जीभ से भी चुम्बन अंकित कर देती है.. शबाना पूरी मस्ती में गौतम के सीने पर उसके निप्पल्स को अपने मुंह में भरके चूसने लगती है जैसे उसका दूध निकालकर छोड़ेगी गौतम को भी इसमें बहुत काम सुख मिल रहा था शबाना ने दांतो से उसके निप्पल्स काटने शुरू कर दिया जिसमे गौतम को थोड़ा दर्द होने लगा.. शबाना ने गौतम के बदन पर लव बाईट की झड़ी लगा दी..
शबाना वापस नीचे आगई औऱ गौतम के लंड को मुंह में लेकर वापस उसे चूसना शुरू करदिया..
शबाना को सालों बाद कोई बिस्तर पर मिला था जो उसे काम सुख देने वाला था शबाना गौतम को अपनी चुदाई कला से रिझाना चाहती थी जिसके लिए वो गौतम को पूरी तरह खुश करने में लगी थी..
गौतम ने किसी रंडी की तरह शबाना के बाल पकड़ लिए औऱ उसके मुंह में झटके मारने लगा.. शबाना किसी रंडी की तरह अपना मुंह चुदवा रही थी.. उसके मुंह में गौतम का लंड आधे से ज्यादा घुस रहा था..
गौतम ने कुछ देर ऐसे ही शबाना का मुंह चोदकर उसके बाल खींचता हुआ उसे ऊपर ले आया औऱ अपने हाथ से शबाना की चड्डी उतारकर उसकी चुत को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया औऱ उसकी चुत का जायजा लेने लगा.
गौतम - ऊपर से कितने नखरे कर रही थी औऱ नीचे सारे बाल साफ करके बैठी.. मेरे लिए काटी है ना झांटे?
शबाना पूरी बेशर्मी से - हाँ तेरे लिए काटी है.. पहले कह देता तुझे बालों वाली चुत पसंद है तो नही काटती..
गौतम - उफ्फ्फ अम्मीजान मार डोलोगी तुम तो..
शबाना - तुम्हारे मुंह से अम्मीजान कितना प्यारा लगता है..
गौतम - अच्छा.. तो बस आज के बाद आपको अम्मीजान कहकर ही बुलाऊंगा..
शबाना हस्ते हुए - चुप बेशर्म..
गौतम - अम्मीजान अब अपनी चुत का रस पीलाओ..
गौतम उठकर शबाना की टांग चौड़ी कर लेता है औऱ उसके जांघो के जोड़ पर अपने मुंह लगा के उसकी चुत सूंघता है जिसकी खुशबु से गौतम काम की हवा में बहने लगता है..
गौतम जैसे ही अपने होंठ शबाना की चुत पर रखता है शबाना काम में डूबी हुई एक आह भारती है औऱ गौतम के सर पर अपने दोनों हाथ रखकर उसका सर अपनी चुत पर जोर से दबा लेती है..
तभी गौतम का फ़ोन बजता है जिसे शबाना देखती है औऱ उसपर आदिल का नाम देखकर गुस्से में कहती है - ये अपनी अम्मी नहीं चुदने देगा आज.. गँड़मरा बार बार फ़ोन करके परेशान कर रहा है..
गौतम हसते हुए - इसकी अम्मी चुदने से तो आज इसका बाप भी नहीं रोक सकता..
शबाना हसते हुए फ़ोन गौतम को दे देती है.. गोतम फ़ोन उठाकर शबाना की चुत चाटने लगता है..
आदिल - क्या कर रहा है?
गौतम - तेरी अम्मी की चुत चाट रहा हूँ..
आदिल - क्यों मज़ाक़ कर रहा है रंडी..
गौतम - रुक फोटो भेजता हूँ.. गौतम सिर्फ चुत की फोटो खींचकर आदिल को व्हाट्सप्प कर देता है.. देख ले खुद चाट रहा हूँ..
आदिल - अबे सच बता किस रंडी की ले रहा है? मुझे नहीं दिलवायेगा?
गौतम हस्ते हुए - अबे तेरी सगी अम्मी है..
आदिल - बहन के लोडे फालतू मज़ाक़ नहीं.. बहुत हो गया तेरा.. औऱ वो जो तूने नंबर दिए थे पैसे ज्यादा मांग रहा है..
गौतम - कितने कम पड़ रहे है?
आदिल - अबे 4 हज़ार मांग रहा है वो भी दो घंटे के.. मैं दो हज़ार देने को त्यार हूँ..
गौतम शबाना को देखकर - बाकी दो हज़ार में सेंड कर रहा हूँ मज़े कर.. औऱ वापस कॉल मत करना शाम तक..
आदिल - बहन के लंड.. होश में है? मेरे टुकड़ो पर पलता है तू.. पैसे कहाँ से आये तेरे पास?
गौतम - बाद में बताऊंगा अभी तेरी अम्मी को चोदना है.. चल रखता हूँ.. पैसे ऑनलाइन कर दिए..
फ़ोन कट हो जाता है..
शबाना - आदिल रडीयों के पास जाता है?
गौतम - कभी कभी जाना पड़ता है अम्मी.. गौतम फिर से शबाना की चुत चाटना शुरू कर देता है.. शबाना भी आगे कुछ नहीं बोलती औऱ अपनी चुत चूसाईं का आनंद भोगने लगती है..
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गौतम पूरी ईमानदारी औऱ स्वाद लेकर शबाना की चुत चाट रहा था औऱ उसकी चुत से निकलता रस पिए जा रहा था.. औऱ शबाना भी सालों बाद मिल रहे सुख का मज़ाक़ उठने लगती है और थोड़ी सी देर बाद ही गौतम में मुंह में झड़ जाती है.. झड़ने के बाद शबाना शर्म से गौतम के सीने में अपने सर छीपा लेती है..
कुछ देर बाद गौतम - शुरू करें?
शबाना शरमाते हुए - हाँ.. मगर संभालके.. 7 साल से कुछ नहीं किया.. औऱ तुम्हारा बहुत बड़ा है..
गौतम मिशनरी पोज़ में आते हुए - तो फिर खुद ही अंदर कर लो..
शबाना कामुक हावभाव के साथ - लंड पकड़कर अपनी चुत के मुहाने पर सेट करती है औऱ हल्का सा गौतम की कमर पर हाथ रखकर अपनी औऱ खींचती है जिससे लंड का टोपा शबाना की गीली चुत में चला जाता है..
शबाना गौतम के देखती हुई उसके होंठो को अपनी क़ैद में कर लेटी है औऱ चूमते हुए लंड को धीरे धीरे चुत में घुसाने की कोशिश करती है मगर गौतम को एक शरारत सूझती है औऱ वो एक जोरदार झटका मार देता है.. झटका इतना तेज़ था की आधे से ज्यादा लंड एक बार में चुत को चिरता हुआ उसमे घुस जाता औऱ शबाना की चिंख निकल जाती मगर घर के बाहर पड़ोस में बज रहे dj की आवाज में उसकी आवाज दब जाती है औऱ शबाना खुद अपने मुंह पर हाथ रख लेती है मगर उसकी आँखों से आंसू औऱ चुत से हल्का खून बह जाता है..
शबाना गौतम को देखती हुई सिसकी भरने लगती है औऱ गोतम के नीचे से निकलने की नाकाम कोशिश करने लगती है मगर गौतम शबाना को नीचे से निकलने नहीं देता औऱ शबाना को प्यार से चुप कराकर वापस चूमने लगता है..
शबाना सिसकती हुई - पहली बार में ही मेरी चुत का भोसड़ा बना देगा क्या हरामजादे.. कहा था ना प्यार से करना..
गौतम - माफ़ कर दो अम्मी.. बहक गया था.. बाहर निकलूं?
शबाना - नहीं बेटा अब रहने दे ऐसे ही..
कुछ देर बाद जब शबाना शांत होती है गौतम फिर से शबाना को उसी मूंड में आने की कोशिश करने लगता है औऱ शबाना जल्दी ही गौतम की छेड़ खानी से कामुक हो उठती है..
गौतम शबाना के कामुक होने पर धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चुत में आगे पीछे करने लगता है औऱ शबाना सिस्कारिया लेटी हुई अपनी चुदाई का सुख भोगने लगती है शबाना इसतरह गौतम को पड़के हुए थी जैसे उसे अपने आप में समाज लेना चाहती हो दोनों के होंठ अब भी आपस में मिलकर एक दूसरे को गिला कर रहे थे..
मिशनरी के बाद बाल पकड़के डॉगी स्टाइल, काऊ गर्ल औऱ फिर गोद में उठाकर गौतम ने शबाना को रंडी बनाके चोदा.
शबाना को ऐसा लग रहा जैसे उसे जन्नत मिल गई हो.. गौतम भी अपने दोस्त की अम्मी चोदते हुए पूरा जोश में था औऱ शबाना को नंगा करके बेशर्मी से अपने लंड पर उछाल रहा था.
शबाना चुदवाते हुए मीठे दर्द औऱ असीम ख़ुशी से कराह रही थी औऱ गौतम को चूमे जा रही थी.. शबाना की चुत से वापस झरना बह चूका था..
शबाना को ऐसा लग रहा जैसे आज वो अलग ही दुनिया में हो उसको आजतक जो नहीं मिल पाया था गौतम ने आज उसे दिला दिया था शबाना के अंग अंग में तरंग की लहर उमड़ पड़ी थी वो गौतम के लिये या उसके कहने पर आज कुछ भी कर सकती थी..
गौतम ने शबाना को वापस बिस्तर पर पटक दिया औऱ मिशनरी में चोदने लगा.. इस बार लम्बे समय से चोदते आ रहे गौतम का झरना भी बह जाना चाहता था औऱ पिछले एक घंटे से शबाना पूरी तरह संतुष्ट होकर गौतम के नीचे पड़ी हुई चुद रही थी.. गौतम ने अपना वीर्य शबाना की चुत में ही भर दिया जो बच्चे दानी में पूरी तरह चला गया..
शबाना - उफ्फ्फ.. ये क्या तूने? अंदर क्यों छोड़ा.
गौतम - मेरी मर्ज़ी अम्मी.. मैं जहा चाहूंगा वही अपना मार निकालूँगा..
शबाना - मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?
गौतम - वही तो मैं चाहता हूँ मेरी जान.. कम से कम एक बच्चा तो तूम मेरा भी अपनी चुत से निकाल सकती हो.
शबाना - अगर तेरा बच्चा मैंने पैदा किया तो मुझे क्या मिलेगा?
गौतम - तुझे क्या चाहिए?
शबाना - तू मुझे छोड़कर नहीं जाएगा कभी.. जब भी बुलाऊंगी आना पड़ेगा मुझसे मिलने..
गौतम - वादा करता हूँ..
गौतम बेडशीट पर खून देखकर- ये कहा से आया?
शबाना हसते हुए - तूने ही तो निकाला है मेरी चुत से.. एक झटके में लोडा अंदर डालेगा तो क्या जूस निकलेगा? सफ़ेद से लाल हो गई बेडशीट..
गौतम - चोदने के बाद बहनचोद भूख बहुत लगती है.. यार कुछ खिला दो अम्मी..
शबाना लड़खड़ाते हुए उठती है औऱ गौतम से मुस्कुराते हुए कहती है - क्या खाओगे क्या बनाऊ?
गौतम भी खड़ा हो जाता है औऱ कहता है - परांठे बना दो..
शबाना - अभी बनाके लाती हूँ..
ये कहते हुए शबाना अपने कपड़े पहनने लगती है मगर गौतम उसे कपडे नहीं पहनने देता औऱ कहता है - रहने दे ना अम्मी.. खाने के बाद वापस उतारना पड़ेगा.. बिना कपड़ो के वैसे भी कमाल लगती है..
शबाना - ब्रा पेंटी तो पहनने दे बेटा..
गौतम - शाम तक कोई कपड़ा नहीं मिलेगा.. चल रसोई में..
गौतम शबाना को उठाके रसोई में ले आता है औऱ शबाना वहा परांठे बनने के लिए आटा लगाने लगती है..
गौतम शबाना को पीछे से पकड़ लेटा है औऱ उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथो में भरके उसी तरह मसलने लगता है जैसे शबाना आटा मसल रही थी..
शबाना - खाना तो बना लेने दे..
गौतम - तो बना ना अम्मी.. तेरे बोबे पकडे है हाथ थोड़े पकडे है..
गौतम ये कहते हुए अपना लंड भी उसकी चुत में डाल देता है..
शबाना - आह.. आहिस्ता...
गौतम - अम्मी बहुत मस्त चुत है तुम्हारी..
शबाना - एक बात पुछु?
गौतम - हाँ.. पूछ ना..
शबाना - मैं कैसी लगी तुझे?
गौतम - सच बताऊ?
शबाना - हाँ
गौतम - रंडी जैसी..
शबाना - क्या.. रंडी जैसी क्यों?
गौतम - बोल रही थी अगला जन्म लेना पड़ेगा.. 4 दिनो में टांग खोल के नीचे लेट गई.. साली रांड..
शबाना मुंह बनाके - चुद गई तो रंडी हो गई? वरना पिछले 4 दिन से हूर रानी परी शहजादी बोल रहा था.. सच में कमीना है.. ले खा ले..
गौतम शबाना को पलटके अपनी औऱ घुमा लेटा है औऱ उसकी चुत में फिर से लंड डालके बोलता है..
गौतम - तूम अपने हाथ से खिलाओ ना अम्मी..
शबाना - रंडी के हाथ से खायेगा?
गौतम - तूम मेरी पर्सनल रंडी हो तुम्हारे हाथ से तो ज़हर भी खा लू..
शबाना मुस्कुराते हुए गौतम को खाना खिलाती है खाना खाने के बाद गौतम - बाथरूम कहा है?
शबाना - क्यों?
गौतम - क्यों क्या? बाथरूम लगा है..
शबाना नीचे बैठकर गौतम का लोडा पकड़ते हुए आँख मारके - तेरी रंडी है ना.. मेंरे मुंह में कर दे.. औऱ गौतम का लोडा अपने मुंह में डाल लेती है..
गौतम शबाना के सर पर हाथ फेरता हुआ उसके मुंह में मूतना शुरू कर देता जिसे शबाना बड़े आराम से पी लेती है..
शबाना को अपना मूत पिलाने के बाद गौतम रसोई से बाहर आ जाता है.. उसके पीछे पीछे शबाना भी बाहर आ जाई है...
गौतम ने शबाना को अपनी बाहों में भर लिया और उसे उठाकर बिस्तर पर ले गया जहां पहले उसे चुम्मा और उसके बाद उसकी चुत को चाटते हुए गांड के छेद आ गया.. शबाना को अपनी गांड के छेद चटवाने में बहुत मजा मजा आ रहा था और गौतम बड़े चाव से शबाना की गांड के छेद को चाट रहा था.. थोड़ी देर शबाना की गांड की छेद को चाटने के बाद गौतम ने छेद में उंगलि डाल दी औऱ उंगलि से शबाना की गांड चोदने लगा.. थोड़ी देर इसी तरह करने के बाद गौतम ने गांड के छेद पर थूक दिया औऱ अपना लोडा लगा दिया..
शबाना को जब इस बात का एहसास हुआ वह मुड़कर पीछे देखने लगी और गौतम से ऐसा नहीं करने के लिए इशारे में मना करने लगे मगर गौतम ने शबाना की एक न सुनी और अपने लंड का दबाव बनाकर गांड की छेद को चोडा करते हुए अपने लोडे का टोपा गांड के अंदर घुसा दिया.. शबाना आहे भरने लगी औऱ सिसकियाँ लेने लगी और वह बार-बार गौतम से गांड के छेद को छोड़ देने की अपील करने लगी मगर गौतम उसकी अपील नकारते हुए शबाना की गांड में अपना लंड घुसाने को बेताबी से अपना जोर लगा रहा था...
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कुछ पलो में ही उसको सफलता भी मिल गई.. शबाना ने पहले भी अपनी गांड मरवाई थी मगर गोतम के बड़े लंड से मारवाने के कारण उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन गौतम की ख़ुशी के कारण शबाना ने अपनी गांड की कुर्बानी देने का फैसला कर लिया था..
गौतम अपने दोस्त की अम्मी चोद चूका था औऱ अब बारी गांड की थी जिसे वो चोद रहा था.. आधे घंटे बाद शबाना बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी औऱ उसके ऊपर गौतम शबाना की गांड में लोडा घुसाये लेटा हुआ उसे चोद रहा था..
शबाना ख़ुशी खुशी अपनी गांड भी गौतम के नाम कर देती है औऱ फिर से गौतम गांड चोदकर लंड का माल शबाना की चुत में भर देता है शबाना की चाल ढाल औऱ हाल सब बदल चूका था.
दिन के चार बज चुके थे औऱ गौतम शबाना को बाहों में लिये बिस्तर पर लेटा हुआ था तभी वापस आदिल का फ़ोन आता है..
गौतम - कैसी औलाद पैदा की है यार तूने? साला दिन में दस बार फ़ोन करता है..
शबाना - अब तो तूने इसकी अम्मी चोद ली अब क्यों नाराज़ है इससे?
गौतम फ़ोन उठा कर - गांडु बोला था ना शाम तक फ़ोन मत करना फिर क्यों कर रहा है?
आदिल - भाई जरुरी बात है..
गौतम - बोल क्या जरुरी मात है?
आदिल - ऐसे नहीं पार्टी देनी पड़ेगी?
गौतम शबाना को देखकर - अपनी अम्मी के चुदने की पार्टी मांग रहा है क्या?
आदिल - बार बार अम्मी पे मत आ साले..
गौतम शबाना के बूब्स मसलकर - वरना क्या कर लेगा तू? साले इतने मोटे औऱ टाइट बूब्स है तेरी अम्मी के देखते ही मसलने का मन करता है.. पूरी मिया खलीफा दीखती है रांड.
आदिल - औकात में रह भोसड़ीवाले.. वरना मुझसे भी कुछ सुन लेगा..
गौतम - अच्छा क्या जरुरी बात है बता?
आदिल - फ़ोन पर नहीं.. एक घंटे बाद मेरे घर पर मिलना..
गौतम हैरानी से - पर तू तो कासपुर गया था ना?
आदिल - भाई मेरा काम पूरा हो गया तो अब्बू को वही छोड़कर मैं सीधा वापस आ गया.. एक घंटे में घर पहुंच जाऊंगा.. तू भी आ जा..
गौतम - ठीक है..
शबाना - अच्छा हुआ तूने फ़ोन उठा लिया वरना ये भड़वा आज तुझे औऱ मुझे रंगे हाथ पकड़ लेता.. सूअर है पूरा..
गौतम - एक घंटा है.. चल..
गौतम शबाना को अपने आगे झुका लेता है औऱ लंगड़कर चलती हुई शबाना के बाल पकड़ कर शबाना को चोदते चोदते कमरे से बाहर ले आता है औऱ शबाना के साथ बाथरूम में घुस जाता है आधे घंटे बाद जब दोनों बाथरूम से बाहर निकलती है तो शबाना गौतम की गोद में होती है औऱ गौतम शबाना को बैडरूम में ले आता है उसके बाद दोनों अपनेआप को तैयार करते है औऱ आज हुई घमासान चुदाई के सारे सबूत मिटा देते है. शबाना चुदाई के कारण ऐसे चल रही थी जैसे उसके पैरो में मोच आ गई हो.
गौतम - अम्मी अगली बार कब मिलेगी तुम्हारी चुत?
शबाना - मैं फ़ोन करके बताउंगी अब जल्दी हट आदिल आने वाला होगा..
गौतम हसते हुए - अब क्या डर? उसकी अम्मी तो चुद गई..
शबाना - केसा कमीना है तू..
गौतम - देखना एक दिन आदिल के सामने चोदुँगा तुझे..
शबाना - चुप अब.. चाय पीनी है?
गौतम - हम्म्म पीला दो..
शबाना रसोई में चाय बनाके गौतम को पिलाती है औऱ गौतम चाय पिता हुआ आदिल का इंतजार कर रहा होता है.. कुछ देर बाद आदिल भी घर आ जाता है औऱ गौतम को लेकर कहीं चला जाता है..
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