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रजनी - कम इन..
रजनी किसी फ़ाइल को देखते हुए बोली और सामने से अंदर आते हुए गौतम को एक नज़र सर उठा के देखा फिर अपनी उंगलियों में सुलगती सिगरेट का एक कश लेकर टेबल पर रखे पोट में बुझा कर बेल का बटन दबा दिया..
गौतम - मेम ये फ़ाइल..
गौतम ने फ़ाइल रजनी को देते हुए कहा और फिर सामने खड़ा हो गया, इतने में एक वर्दी पहना हवलदार
बाहर से अंदर आया और अपने दोनों हाथ बांधकर बोला.
ज़ी मैडम.
रजनी गौतम की तरफ इशारा करके - ये बच्चा कौन है?
हवलदार - ज़ी मैडम वो ये जगमोहन का लड़का है. गौतम सब ग़ुगु बुलाते है.
रजनी - ठीक है मेरे लिए एक चाय ले आओ. और तुम, क्या नाम है तुम्हारा? हां गौतम. तुम घर जाओ.
गौतम - ज़ी मेम.. गौतम पलटकर जाने लगता है मगर उसे रजनी के साथ कुछ अजीब लगता है वो एक पीछे मुड़कर देखता है तो उसे कुछ अहसास होता है और वो रुक जाता है..
रजनी गौतम को देखकर वापस कहती है - क्या हुआ? चाय पीके जाएगा?
गौतम - नहीं मेम, वो आपके गर्दन में दर्द रहता है?
रजनी हैरानी से - तुझे कैसे पता?
गौतम - नहीं वो आपके गले में सूजन है दाई तरफ तो उससे पता लग गया.
रजनी - तू डॉक्टर की पढ़ाई कर रहा है?
गौतम - नहीं पर मैं इसे ठीक कर सकता हूँ.
रजनी - 3 साल हो गए डॉक्टर से कुछ नहीं हुआ तू क्या करेगा?
गौतम - बस थोड़ी गले की मसाज करनी पड़ेगी गीले हाथों से.
रजनी - चल ठीक है तू भी कोशिश कर ले.
गौतम रजनी की चेयर के पीछे जाकर पानी से अपने हाथ गीले करता है और रजनी के कंधे और गले के जोड़ पर अपनी उंगलियां फिराते हुए मसाज करने लगता है रजनी को इस मसाज में बहुत आराम और सुकून मिलता है गौतम कुछ देर मसाज करके फिर रजनी के गले-कंधे के आस पास कुछ जगह को सहलाकर और हड्डियों के जोड़ को दबाकर उसका दर्द कुछ पलो में छूमंतर कर देता है.
गौतम - अब ठीक है मेम. अब गर्दन हिलाने में आपको दर्द नहीं होगा.
रजनी अपनी गर्दन दाए बाए ऊपर नीचे हिलाकर - अरे वाह तूने तो सच में 3 सालों का दर्द 3 मिनटों में ठीक कर दिया? कमाल है तेरे हाथों में. जादूगर है तू तो. कहाँ से सीखा ये सब?
गौतम - वो नाना ज़ी वेद्य थे सबका इलाज़ भी किया करते थे.. बचपन में कुछ साल उनके साथ रहकर ही थोड़ा बहुत हुनर सीखा.
रजनी अपने पर्स से अपना कार्ड निकाल कर - ये लो कोई भी प्रॉब्लम हो या कोई परेशान करें तो सीधा मुझे कॉल करना. ठीक है?
गौतम - ज़ी.. मेम एक बात पुछु?
रजनी - हां बोलो?
गौतम - आपकी मदर नोबल अकेडमी में टीचर थी ना?
रजनी - हां पर तुझे कैसे पता? तू नोबल अकेडमी से है?
गौतम - हां 7th & 8th standard में वही हमारी क्लास टीचर थी उसके बाद उन्होंने पढ़ना छोड़ दिया.
रजनी - हां.. वो मेरे साथ कोटा चली गई थी..
गौतम - मैं चलता हूँ.
रजनी - ठीक है पर कार्ड में घर का एड्रेस भी है कभी अपनी क्लास टीचर से मिलने का मन करें तो घर आ सकते हो.
गौतम - और आपसे मिलने का मन करें तो?
गौतम ने रजनी की बात के जवाब में ये लाइन बोल तो दी थी मगर बोलने के बाद उसे अगले ही पल अहसास हो गया था की उसने ये क्या कह दिया है मगर वो फिर भी चुपचाप खड़ा रहा और अपनी आँखे झुका ली रजनी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था की गौतम कुछ ऐसा कह जाएगा, दोनों की हालत लगभग एक सी थी और हालात अलग.
रजनी ने एक पेन उठकर एक कागज़ पर कुछ लिखा और गौतम को देते हुए कहा - मुझसे मिलने का मन करें तो इस नम्बर पर टाइम और जगह व्हाट्सप्प करना.
गौतम नम्बर सेव करके तुरंत व्हाट्सप्प पर रजनी को कुछ लिखकर सेंड करता है जिसे देखकर रजनी मुस्कुराते हुए ok बोल देती है और गौतम शुक्रिया बोलकर चेम्बर से बाहर आ जाता है और वापस अपने घर के लिए निकल जाता है.
रजनी ने ये बात मुस्कुराते हुए नरमी भरे लहज़े में कही थी और पहले जो उसकी बात में रुखाई और सख़्ती थी वो अब पिघलकर पानी हो चुकी थी रजनी ने पहली बार गौतम के खूबसूरत और चाँद से चेहरे को गौर से देखा और उसकी आँखों में घुली ठंडक को महसूस करने लगी थी उसका मन गौतम को रोककर कुछ देर और उससे बात करने का था मगर फिर भी ना जाने क्यू वो गौतम को जाते हुए रोक ना सकी और ख़ामोशी से अपनी कुर्सी पर बैठकर उसे जाते हुए देखती रही.
रजनी 34 साल की तलाक़शुदा औरत थी जिसे मर्दो कुछ ख़ास लगाव नहीं था अपने पिता और पति की बेशर्मी भरी हरकतो ने उसके मन में मर्द की ऐसी तस्वीर बनाई थी जो कतई अच्छी नहीं कही जा सकती. चेहरे से साधारण दिखने वाली रजनी शारीरिक बनावट और कसावट में किसी हीरोइन से कम ना थी मगर किसी में उसके आगे बोलने की हिम्मत ना थी, जिस तरह का उसका बर्ताव था छोटे तो क्या बड़े अफसर तक उससे कुछ उल्टी बात करने से पहले सोच लेते थे.
आज रजनी को ना जाने क्यू गौतम के चेहरे की खूबसूरती, स्वभाव की सादगी और जुबान में घुली मिश्री सी मीठी बाते मोह गयी थी. गौतम बिलकुल वैसा ही था जैसा रजनी अपने लिए पति माँगा करती थी जब वो नई जवान हुई थी, मगर जिंदगी और हालात ने उस नाजुक लड़की को कब कठोर बना दिया उस नाजुक लड़की को भी पता नहीं चला. आज बहुत सालों बाद उसे ये अहसास हुआ था की वो एक औरत भी है और उसके अंदर करुणा स्नेह और प्रेम का विलक्षण गुण भी मोज़ूद है..
गौतम घर पंहुचा तो उसने देखा की सुमन बेड पर लेटी हुई सो रही थी और उसने साड़ी खोलकर मैक्सी पहन ली थी..
गौतम चुपचाप जाकर सुमन के पास बेड पर बैठ गया और झुककर सुमन के गाल को चूमते हुए बोला..
गौतम - माँ थक गई?
सुमन गौतम को अपने पास बैठे देखकर - हम्म थोड़ी सी, पैरों में हल्का दर्द है..
गौतम - अच्छा? मैंने कहा था उस पाखंडी के चक्कर में कुछ नहीं रखा.. ढाई ढाई सो सीढ़िया चढ़ोगी और उतरेगी तो दर्द तो होगा ही. मैं पैरों की मालिश कर देता हूँ रुको.
सुमन - ग़ुगु रहने दे, क्यू बेवजह परेशान हो रहा है? कुछ देर आराम कर लुंगी तो ठीक हो जाउंगी.
गौतम - आप बिलकुल चुप रहो और लेटी रहो, मैं अभी मालिश कर देता हूँ..
सुमन - ग़ुगु रहने दे बेटू.. मैं ठीक हूँ.
गौतम - मैंने कहा चुप रहो आप..
गौतम एक बोतल से थोड़ा तेल अपने हाथो पर लेकर अपनी माँ सुमन के पैर की मालिश करने लगता है जिसे देखकर सुमन मुस्कुराते हुए आज ही नए ख़रीदे फ़ोन से जो बगल में पड़ा हुआ था उठाकर गौतम का वीडियो बनाने लगती है..
गौतम सुमन से - किसे दिखाओगी वीडियो बनाकर?
सुमन - पूरी दुनिया को
गौतम - वो कैसे?
सुमन - इंस्टा पर लाइव आके
गौतम - पागल हो क्या माँ? क्या कर रही हो?
सुमन - जो तुमने सिखाया था, तुमने ही तो कहा था इससे लोग फ़ॉलो करते है अकाउंट को. देखो 74 लोगों ने तो फॉलो भी कर लिया.
गौतम - ये सब नहीं दिखाना होता इंस्टा लाइव पर समझी आप? मुझे बिना बात में फेमस कर रही हो. मुझे नहीं होना फेमस.
सुमन - अच्छा अब हो गया, छोड़ दे मेरे पैर वरना मुझे पाप लगेगा..
गौतम - अच्छा जब मेरे पैरो के हाथ लगाती हो तब पाप नहीं लगता?
सुमन - फ़ोन को क्या हो गया?
गौतम - क्या हुआ?
सुमन - देखो चलते चलते रुक गया. पहले वो क्या कहते है उसे वो तुमने बताया था जो रील्स.. वो आ रही थी अब नहीं आ रही..
गौतम - कैसे आएगी 1 घंटे में तो पूरा इंटरनेट डाटा उड़ा दिया आपने..
सुमन - मतलब?
गौतम - मतलब ये की रोज का दो gb इंटरनेट डाटा मिलता है मुझे जो आपने रील्स देख देखकर और ये फ़ालतू की अप्प्स चला चला के ख़त्म कर दिया.. अब रात को बारह बजे के बाद ही अगला 2gb डाटा मिलेगा..
सुमन - अच्छा. मुझे कहा ये सब आता था..
गौतम - ये क्या फालतू की वीडियो बनाके डाली है आपने अकाउंट पर.
सुमन - अच्छी तो है तुमने कहा गाने की डालेंगे तो सब फ़ॉलो करेंगे. देखो 117 लोगों ने फॉलो भी किया है.
गौतम - पर ये बग्राउंड में कितना शोर है आपकी आवाजे ही नहीं आ रही है आप क्या गा रही है..
सुमन - वो सब मुझे नहीं पता..
गौतम - अच्छा ठीक है छोडो, कल से मैं आपकी मदद करूंगा.. आप आराम करो मैं जाता हूँ..
सुमन - ग़ुगु..
गौतम - हां?
सुमन - चाय मिलेगी?
गौतम - 200 रुपए लगेंगे.
सुमन - इतनी महगी? मैं खुदसे बना लुंगी.
गौतम - लेटे रहो मैं बनाता हूँ आप भी पापा की तरह कंजूस हो..
सुमन - अब आये ना लाइन पर, मसाले वाली बनाना एकदम कड़क.
गौतम रसोई में जाकर चाय बनाने लगता है इतने में उसका फ़ोन बजता है..
गौतम फ़ोन उठाकर - मुझे पता था तू जुगाड़ कर लेगा भाई. कुछ भी जुगाड़ने में तेरेसे बड़ा आदमी मैंने आज तक नहीं देखा. जीनियस है तू गांडु जीनियस.
आदिल - भोस्डिके इतने भी मेरे आंड मत चाट वरना शुगर हो जायेगी तुझे, 7 बजे मेरी गली के कोने पर आके मिल और लेट मत करना..
गौतम - 10 मिनट पहले पहुंच जाऊंगा भाई. चल रखता हूँ..
गौतम चाय बनाके सुमन के पास ले जाता है..
गौतम - माँ. चाय
सुमन चाय लेटे हुए - बाबाजी तेरे जैसा बच्चा सबको दे.
गौतम - माँ वो आज पढ़ाई के लिए फ्रेंड के घर जाना है रात को वही सो जाऊंगा..
सुमन - कोनसा फ्रेंड?
गौतम - कॉलेज फ्रेंड है आप नहीं जानती.
सुमन - कहीं जाने की जरुरत नहीं है घर पर ही बुला लो जिसके साथ पढ़ना है.
गौतम - यहां कैसे बुलाऊ माँ? जगह कहाँ है? आप तो जानती हो, आप कहोगी तो नहीं जाऊंगा.
सुमन - ओ ड्रामा क्वीन, तेरे ना ये नाटक अब मेरे सामने नहीं चलने वाले समझा? इमोशनल ब्लैकमेल करके रातभर गायब रहता है आज तो पक्का नहीं जाने दूंगी.
गौतम सुमन के बिलकुल नजदीक आकर उसे गले से लगा लेता है और सुमन के गाल पर 3-4 चुम्मिया करके कहता है - सचमें पढ़ाई करने जा रहा हूँ, आप चाहो तो जिसके पास जा रहा हूँ उसका अड्रेस और नम्बर दे जाता हूँ आपको यक़ीन ना हो तो कभी भी आकर चेक कर लेना.
सुमन - ठीक है पर सिर्फ पढ़ाई करना. फ़ोन में नंगी नंगी लड़कियों की देखकर बिगड़ मत जाना.
गौतम - छी, आप जानती हो मैं सिर्फ आपको देखता हूँ.
सुमन - मुझे सब पता है, मैं खाना बना देती हूँ खाके जाना.
गौतम - माँ वो अभी भूख नहीं लग रही मैं उसीके घर कुछ खा लूंगा. आप अपना ख्याल रखना.
गौतम अपनी बाइक लेकर आदिल के घर के कोने पर आ जाता है और अपनी बाइक का हॉर्न बजाकर जोर जोर से चिल्लाने लगता है..
गौतम - कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले..
गौतम की आवाज सुनकर आदिल की बहन रेशमा घर की बालकनी से गौतम को देखती और खा जाने वाली नज़रो से उसे घूरती है इतने में पीछे से आदिल एक टपली मारते हुए गौतम से कहता है..
आदिल - अपने बाप की मैयत का रोना रो रहा है साले इतनी जोर से चिल्ला चिल्लाकर. और पीछे बैठ जाता है..
गौतम बाइक स्टार्ट करके - भाई कसम से तू मेरी जिंदगी में नहीं होता ना तो मैं वर्जिन ही रह जाता.
आदिल - हां तू वर्जिन रह जाता और मैं बेवा..
गौतम - अच्छा गाडी में तेल तो डलवा दे भाई.
आदिल - मूत देता हूँ भोस्डिके भर जाएगा टेंक. अब तेल भी मैं डलवाऊ तेरी गाडी में?
गौतम - छोटी छोटी बातों में तेरा मेरा कर रहा है भड़वे, मैंने आज तक तेरा मेरा किया है दोस्ती में? मत डलवा बहनचोद रिजर्व में भी चल जायेगी घर तक तो..
आदिल - रोये मत रंडी.. रोक ले पंप पर डलवा ले मूत इसमें..
गौतम पेट्रोल पंप पर बाइक रोककर - भईया 1000 का डाल दो..
आदिल - तूने एक साथ देखे है कभी 1000 रुपए? भोस्डिके. भाई तू 200 का डाल.
तेल डलवाकर गौतम और आदिल दोनों नवाब खान की दूकान के आगे बाइक रोकते है और ऊपर जाकर एक टेबल पर बैठते है..
आदिल वेटर से - भाई दो प्लेट बिरयानी लगा दे..
गौतम - और एक प्लेट पैक भी कर देना.
आदिल - घर लेके जाएगा क्या?
गौतम - नहीं बे चोदने के बाद भी भूख लगती है मुझे.
आदिल - साले चोदू पिछली बार तो तू भी ढीला पड़ गया था..
गौतम - अबे तो वो लड़की थोड़ी थी पक्की छिनाल थी, साली ने अपना हाथ अंदर डाल लिया मेरे लोडे से क्या फर्क पड़ता उसको?
वेटर बिरयानी रखकर जाने लगा तो गौतम वेटर से..
गौतम - भाई रायता भी ला दे.
आदिल - उफ्फ्फ यार बहनचोद हैदराबाद और लखनऊ तो फालतू फैमस है बिरयानी हो तो अजमेर जैसी.. इसकी माँ को चोदू खाते ही करंट आ जाता है नस नस में.
गौतम - सही बोल रहा है मेरे दोस्त, वैसे पैसो का जुगाड़ कहा से किया?
आदिल - मम्मू का गल्ला और क्या कहा से?
गौतम - भोस्डिके जिस दिन उसे पता लगा ना तू गल्ले पर बैठकर क्या करता है वो तेरी गांड मार मारके वसूलेगा..
आदिल - अबे तो क्या वो अपनी छाती पे धरके ले जाएगा पैसा? मोटा ग़ल्ला है रोज़ का, 2-3 हज़ार इधर उधर करने से उसे घंटा नहीं पता चलने वाला..
गौतम - सही कह रहा है वैसे भी तू होने वाला दामाद है.. तुझे क्या बोलेगा.
आदिल - भाई बोलने की तो बात मत कर, साला अपने बेटे तक को ना छोड़े कमीना.. मुझे तो नरगिस पसंद है इसलिए निकाह कर रहा हूँ. पहले भी अम्मी से कहकर बहुत कोशिश की पर उससे निकाह नहीं हो पाया. मामू ने टांग अड़ा दी और उस सऊदी अरब वाले हसन के साथ निकाह करवा दिया लेकिन हुआ क्या? साले ने 2 महीने के बाद ही तलाक़ देकर वापस भेज दिया.
गौतम - बस भाई अब आगे की कहानी मत सुना वरना आंसू आ जाएंगे. इससे पहले की बिरयानी ठंडी हो खाने में फ़ायदा है..
आदिल वेटर से - बियर कोनसी पड़ी है?
वेटर - सर यहां सिर्फ खाना मिलता है अल्कोहल नहीं मिलती..
आदिल - नया काम पर आया है क्या?
वेटर - हां इसी हफ्ते से..
गौतम - सुन.. अनवर के पास जा और उसको बोल वो दे देगा तुझे..
वेटर जाता है कुछ देर बाद किंगफ़िशर के दो कैन लेकर टेबल पर रख देता है..
आदिल और गौतम बिरयानी के साथ बियर पीते हुए बातें करने लगते है और आखिर में बियर और बिरयानी दोनों ख़त्म कर के टेबल से उठ जाते है..
आदिल - कितना हुआ अनवर?
अनवर - 920
गौतम बिल देखकर - अबे सब पर रेट बढ़ा दी क्या दस दिन में? परमानेंट लोगों के लिए डिस्काउंट रखा कर. बहनचोद लोग गल्लों में पैसे चुरा चुरा के बिरयानी खाने आते है तुम्हारे..
आदिल - चूतिये एक बियर में फेल हो गया क्या? क्या बकवास कर रहा है?
अनवर - यार तुम पुरानी रेट पर दे दो.. लाओ 750 हो गए..
आदिल - ये लो पैसे..
गौतम - मेरे अफीम का पैकेट कहा है?
अनवर - ले तेरी अफीम.. चम्मच भी है अंदर.. वापस मत आना चम्मच माँगने..
आदिल - भोस्डिका एक बियर में बिरयानी को अफीम बोल रहा है दूसरी पिला दी तो स्प्लेंडर को हवाई जहाज समझके उड़ा ना दे..
गौतम - चल भाई i can't wait to fuck bhabhi ji.. bhabhi ji i am coming for you..
आदिल - भोस्डिके ये तेरी नोबल अकेडमी नहीं है समझा? चल पीछे होजा मुझे चलाने दे..
गौतम - आजा मेरी घोड़ी जल्दी बैठ.. क्या गांड है तेरी.
आदिल - माँ के लोडे चिपका चिपकी मत कर.
गौतम - भाई तेरी गांड मारने का मन कर रहा है.
आदिल - पीछे हो जा भड़वे, क्यू अपनी माँ चुदा रहा है चूतिये..
गौतम - ये गांड मुझे दे दे आदिल.. ये गांड मुझे देदे..
आदिल - मादरचोद गाडी गिरा दूंगा, ढंग से बैठ जा.
गौतम - भाई तेरा बाप ऐसे ही आवाजे लगता है ना.. कबाड़ी वाले.. कबाड़ी वाले..
आदिल - चुदाईखाने चुपचाप बैठ जा वरना तेरी अफीम फेंक दूंगा. ठुल्ले की औलाद..
गौतम - नहीं नहीं ओ गांडू, मज़ाक़ कर रहा था गिरा मत देना उसको..
आदिल - बहन के लोडे एक बियर नहीं झीलती तुमसे.
गौतम - भाई और कितना दूर है यार एक घंटे से चलाये जा रहा है कार को..
आदिल - साले फालतू मज़ाक़ मत कर, दस मिनट भी नहीं हुई नवाबवाले के से निकले.. जगताल जाना है अभी टाइम लगेगा..
गौतम - जगताल? कबाड़ी की औलाद अब तू मुझे रंडीखाने में ले जाएगा.. साले दलाल..
आदिल - ज्यादा नाटक करेगा ना रंडी यही से वापस भेज दूंगा..
गौतम - अच्छा ठीक है यार, तू बुरा मान जाता है बात बात में लड़कियों की तरह, तू तो मेरा भाई है. ला एक पप्पी दे दे..
आदिल - सूअर तू मीठा बन गया क्या? कभी गांड के हाथ लगा रहा है कभी पप्पी ले रहा है..
गौतम - भाई दारू पिने के बाद तेरी गांड भी मिया खलीफा जैसी लगती है..
आदिल - भोस्डिके झांटभर की दारु पीकर ये हाल है कभी ढंग से पी लिया तो क्या होगा?
गौतम - भाई एक और बियर पीनी है.
आदिल - मेरा मूत पिले लोडे.
गौतम - रोक बहनचोद रोक बाइक, मुझे उतार दे.. एक बियर पर औकात दिखा रहा है झाँटु, जाने दे वापस मुझे. जा तू अकेला नहीं करना मुझे कुछ भी रोक..
आदिल - दिला दूंगा भड़वे चुप बैठ जा अब.
गौतम - वो ठेका आ गया सामने..
आदिल - भाई बंद है.
गौतम - नीचे से सब खुला है लोडे देख..
आदिल ठेके के सामने गाडी रोक कर - पिने के बाद परेशान नहीं करेगा..
गौतम - बोलूगा भी नहीं भाई..
आदिल - ठीक है रुक मैं लाता हूँ
गौतम - ठंडी लाना..
आदिल - चिल्ला मत रंडी..
गौतम - नमकीन हो तो वो भी..
आदिल ठेके के नीचे एक छोटे से खाने में नॉक करता है अंदर से आदमी की आवाज आती है..
आदमी - क्या चाहिए?
आदिल - एक बियर
आदमी - कोनसी?
आदिल - कोई सी भी सस्ती
आदमी - 170 रुपए
आदिल - लो.
आदमी अंदर से एक किंगफ़िशर की बोतल बाहर सरका देता है जिसे आदिल लेकर गौतम के पास आ जाता है..
आदिल - ले पीछे जाके पिले
गौतम बोतल लेकर खोलते हुए - पीछे क्यू बहनचोद सामने पिएंगे सबके. तू कार चला.
आदिल - चल ठीक है मगर कोई बकचोदी मत करियो.
गौतम बियर पीते हुए - भाई एक बात बोलू?
आदिल - बोल
गौतम - भाई तेरा बाप कबाड़ी वाले मस्त बोलता है..
आदिल - अबे ठुल्ले की औलाद वापस शुरु हो गया तू?
गौतम बियर पीते हुए - अच्छा सॉरी सॉरी. भाई अब नहीं बोलूंगा.
आदिल - भाई यार बकचोदी मत कर वैसे भी गांड फट रही है रंडीखाने जाने में..
गौतम - भाभी केसे बुक की तूने गंडमरे?
आदिल - अरे सोनू ने फोटो भेजी थी देखते ही पसंद आ गई साली..
गौतम - तो बुलवा लेता उसे..
आदिल - रूम पर आने के 10 हज़ार मांग रही थी, तेरी माँ के घेहने बेचने पड़ जाते..
गौतम - कबाड़ी वाले की औलाद साले भिखारी ऐसी गन्दी जगाह ले जा रहा है मुझे.. हाय किसी ने मेरी इज़्ज़त लूट ली तो? मेरा क्या होगा? मैं तो मुंह दिखाने लायक ही नहीं रहूँगा..
आदिल - रंडी पहुंचने वाले है अगर यहा तूने नाटक किया ना बहुत मारुंगा तुझे..
गौतम - भाई नहीं कुंगा बस एक बियर और पीला दे..
आदिल - भड़वे आँख चढ़ रही है तेरी इससे ज्यादा में यही सो जाएगा.. कभी कभार वाले के लिए इतनी बियर बहुत है.. अब चल.. वो साला सोनू कहा मर गया..
गौतम नशे में - भाई तू है तो दल्ला..
आदिल - अबे तेरे पैर छूता हूँ भाई तू अब कोई हरकते मत कर मेरी पहले फट रही है अंदर जाने में..
गौतम - क्यू डर रहा है भाई? बाप पुलिस में है मेरा इन सबकी माँ चोद देगा हवा में उछाल के..
आदिल - चूतिये उसको पता चल गया ना की तू यहां है तो सबसे पहले तेरी चोदेगा, वो भी हवा में उछाल के. अब मुंह बंद रख..
गौतम - अरे वो रहा तेरा सोनू.. ओ सोनू दल्ले.. सोनू दलाल..
आदिल - बहन के लोडे मुंह बंद रख अपना..
सोनू गौतम की आवाज सुन लेता है और उनके पास आ जाता है..
सोनू आदिल से - ये तेरा दोस्त ग़ुगु है ना..
गौतम - हां सोनू भाई मैं आदिल का दोस्त हूँ और आप चाहो तो मुझे अपना बाप बना सकते हो..
सोनू - क्या बकचोदी कर रहा है ये..
आदिल - अरे थोड़ा नशे में है बस तू वो बात कर जो अपने बीच हुई थी..
सोनू - भाई वो बिहारन तो किसी के साथ चली गई यार..
आदिल - भाई दिमाग अम्मी मत चोद, फटी गांड हाथ में लेके आया हूँ यहांपर..
सोनू - तो भाई मैं क्या करू अगली को वहा डबल पैसा मिला तो चली गई.. वैसे एक-दो भाभी ज़ी और है अगर मिले तो बता उसी रेट में.
गौतम - मिलेंगे मिलेंगे सोनू बेटा सबसे मिलेंगे..
आदिल - अबे चुप कर चूतिये.. अफीम गिरा दूंगा तेरी वरना.. सोनू भाई कोई फोटो कुछ है उनका..
सोनू फ़ोन निकाल कर भाई ये दो है लाल सूट वाली हरयाना की देसी है एकदम कड़क माल और दूसरी उप्र की है मज़ा ये भी पूरा देती है..
आदिल - भाई थोड़ी ज्यादा बड़ी नहीं लग रही?
सोनू - अबे तो तुमको कोनसी शादी करनी है? पेलना है और खेलना है रातभर बस.. पहले जों बुक की थी वो 32 की थी ये दोनों 34-35 के आस पास है बताओ करना है तो वरना मैं जाऊ?
आदिल - भाई सर्विस?
सोनू - फुल सर्विस नो एक्स्ट्रा चार्ज दोनों का.. बोलो करना है?
आदिल - अब आये है करके ही जाएंगे और क्या?
सोनू - कोनसी?
आदिल - हरयाना वाली.. पर कोई फालतू बसड नहीं चाहिए..
सोनू - बसड़ किस बात की? चलो आ जाओ मेरे पीछे पीछे..
सोनू आदिल और गौतम अपने पीछे पीछे जगताल की उन बदनाम गलियों से घूमता हुआ एक पुराने से दिखने वाले मकान के सामने ले आया और दोनों को दरवाजे पर रोक कर खुद अंदर चला गया..
गौतम नशे के सुरूर में अपने दोस्त आदिल की फटी हुई गांड को और फाड़ने का काम किये जा रहा था और आदिल मज़बूरी में उसे झेले जा रहा था गौतम को अपने साथ रखना उसकी मज़बूरी थी गौतम के अलावा उसका एक भी पक्का दोएत नहीं था जो उसके लिए खड़ा हो सकता था और वो जानता था की गौतम दिल का बुरा नहीं है यही कारण था की गौतम की इन हरकतो के बावजूद आदिल उसे भाई की तरह मानता था..
सोनू बाहर आकर - अंदर आ जाओ..
आदिल गौतम के साथ अंदर चला गया और सोनू के पीछे चलते हुए मकान की तीसरी मंज़िल पर पहुंचकर एक बड़े कमरे में पहुंच गये जहाँ 4-5 औरते एक साथ बेड पर बैठी थी और उनमे से एक औरत जो करीब 50-52 साल की थी दूसरी औरत से अपने पैर दबवा रही थी..
सोनू और उसके पीछे पीछे गौतम और आदिल भी कमरे के अंदर आ गए थे..
सोनू - रेखा काकी.. ये दोनों लड़के है. पैसे एडवांस ले लिए..
रेखा काकी आदिल और गौतम को देखकर - क्या रे नाबालिक तो नहीं हो दोनों? तू चिकने..
सोनू ने गौतम की तरफ इशारा किया..
रेखा ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा - ये तेरे हाथ में क्या है? क्या है इस थैली में?
गौतम - इसमें अफीम है खानी है?
आदिल ने अपनी फटी हुई गांड सँभालते हुए गौतम को देखा और इशारे से चुप रहने को कहा..
रेखा काकी - बेटा यहां मसखारी नहीं.. वरना इज़्ज़त लेने की जगह देनी पड़ सकती है.. समझा?
गौतम - मैं तो लेने और देने दोनों के लिए त्यार हूँ बताओ किसको देनी है और किसकी लेनी है?
कमरे में बैठे सभी लोग जोर से खिलखिलाकर हंसने लगे और रेखा भी हस्ते हुए गौतम को देखने लगी.
रेखा काकी - क्यू रे नाम क्या है इसका?
सोनू - काकी ग़ुगु..
रेखा काकी हस्ते हुए - क्या चिकने? ज्यादा जवानी चढ़ी है? कहे तो पुलिस के आदमी बुलाके उतरवा दू? जेल में जाएगा तो सारी उतर जायेगी.. ऐ नीतू जरा लगा तो फ़ोन उस ठुल्ले को..
आदिल - नहीं नहीं हमे कुछ नहीं करना पुलिस को मत बुलाओ.. हम जाते है यहां से.. ये तो बस थोड़ी दारू पी रखा है इसलिए ऐसा बोल रहा है..
गौतम - अबे क्या छोरियो की तरह रो रहा है गांडु बुलाने दे पुलिस को.. मेरा बाप पुलिस वाला है हम तो एक दो घंटे में छूट जाएंगे मगर तुम्हारे ऊपर इतने फ़र्ज़ी केस लगेंगे की गिनती भूल जाओगे..
रेखा काकी - अरे ये देखो, मुझे लगा की मेरे थोड़ा डराने से रोने लगेगा मगर ये मुझे ही धमकाता है.. बेटा तेरे बाप जैसे बहुत सारे ठुल्ले रेखा काकी के ब्लाउज में बंद है समझा? नादान बच्चा समझके माफ़ किये देती हूँ वरना तेरी ये चाँद सी सूरत अमावस जैसी करवा डालती मैं आज.. सोनू लेजा इस लाल शर्ट को और मिला दे काजल से..
सोनू - काकी ग़ुगु को
रेखा काकी - इस ग़ुगु को रूपा के कमरे में भेज, बहुत दिनों से उदास है बेचारी शायद इस ताज़ा खिले फूल का मीठा रस पीकर खुश हो जाए.. कहना काकी ने बर्थडे गिफ्ट भिजवाया है
आदिल - हमारे पास और पैसे नहीं है देने के लिए..
रेखा काकी - तुमसे मागे मैंने और पैसे? diwali ऑफर है एक के साथ एक फ्री.. चलो अब जाओ..
सोनू - चलो
सोनू गौतम और आदिल को नोचे दूसरी मंज़िल पर ले आता है और चुनी हुई लड़की के पास आदिल को छोड़कर कोने वाले कमरे में गौतम को ले जाता है जहाँ खिड़की के सामने खड़ी हुई औरत जो अपनी उंगलियों में सुलगती हुई सिगरेट लगाए कश लेकर धुआँ बाहर छोड़ रही थी को पुकारता है..
सोनू - रूपा मौसी..
रूपा - 40
सोनू की आवाज से रूपा का सारा ध्यान खिड़की के बाहर से अंदर की ओर मुड़ जाता है रूपा दरवाजे पर खड़े सोनू को देखती है ओर सोनू आगे कहता है..
सोनू - मौसी वो काकी ने इस लड़के को भिजवाया था आपके आप, काकी बोली आपका बर्थडे गिफ्ट है.
गौतम अपने बहकते हुए कदमो पर खड़ा होकर नशीली आँखों से कमरे की सजावट देखे जा रहा था उसने इतना सजा हुआ कमरा कभी नहीं देखा था उसका ध्यान ना रूपा पर था ना सोनू पर ना ही उन दोनों की बातों पर..
रूपा - और क्या कहा दीदी ने?
सोनू - कुछ नहीं. बस यही कहा..
रूपा - नाम क्या है इसका?
सोनू - ग़ुगु..
रूपा - ठीक है तू जा.. सोनू रूपा के कहने पर वहा से चला गया और रूपा ने सोनू के जाने के बाद अपनी उंगलियों में सुलगती हुई सिगरेट का एक लम्बा कश खींचा और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया..
अगले दिन दोपहर में..
लीला दरवाजा खोलकर - तू आ गया बेटा?
गौतम - बस आंटी आपका फ़ोन आते ही दौड़ा चला आया.. गाडी चालान जो सीखना था.. घर पर कोई नहीं है ना..
लीला - कोई नहीं है तू अंदर..
गौतम - कहा गये है सब?
लीला - नीरज के पापा शमा को लेके गाज़ियाबाद गए है कल नीरज और मैं भी जाने वाले है वही कोर्ट मैरिज करेंगे इन दोनों की..
गौतम - और नीरज आंटी?
लीला - अरे उसे मैंने सामान लेने भेज दिया है..
गौतम लीला को बाहों में उठा के कमरे के अंदर बिस्तर में ले जाता हुआ - आंटी आपकी सडक बहुत अच्छी है गाडी चलाने में मज़ा आ गया उस दिन..
लीला बिस्तर में साडी उठाकर - आज सडक की सफाई की है बेटा.. और मज़ा आएगा.
गौतम पेंट खोलकर लंड चुत पर लगाने ही वाला था की नीरज आ गया और उसने ये सब देख लिया.
गौतम नीरज को देखकर लीला से - आंटी केसा गांडू बेटा पैदा किया है? हर बार गलत टाइम पर आता है..
नीरज चौंकते हुए - साले तू फिर से मेरी माँ चोद रहा है..
गौतम - तो क्या जबरदस्ती चोद रहा हूँ गांडू? देख नहीं रहा कैसे तेरी माँ टागे खोलके पड़ी मेरी सामने चुदने के लिए..
लीला अपनी चुत को साडी से ढकती हुई नीरज से - तू इतनी जल्दी कैसे आ गया?
नीरज गुस्से से - जिस दुकान पे आपने भेजा था वो बंद है आज... और मुझे नहीं पता था मुझे दूकान पर भेजकर आप ये गुल खिलाओगी...
गौतम लीला की चुत से साडी ऊपर करके चुत चाटते हुए - अब खड़ा खड़ा क्या अपनी माँ की चुदाई देखेगा गांडू.. जा ना यहां से.. एक घंटे बाद आना..
नीरज लीला से - माँ इसको बोलो यहाँ से चला जाए वरना मेरे हाथ से आज खून हो जाएगा इसका...
लीला सिसकी लेती हुई नीरज से - ये तो यही रहेगा.. तू जा चाय बना.. वरना ये शादी जो तू कर रहा है होने नहीं दूंगी..
नीरज लीला की बात सुनकर खड़ा खड़ा रोने लगता है.. और गौतम चुत चाटने के बाद उसमे अपने लंड पेल देता है और चोदता हुआ बोलता है..
गौतम - अरे क्यों रो रहा है गांडू.. कोनसा तेरी माँ पहली बार चूद रही है...
लीला कामवासना से भरकर - अह्ह्ह इसे रौने दे बैठके... तू चोद मुझे बेटा...
गौतम मिशनरी में झटके मारता हुआ - मज़ा आ रहा है ना आंटी...
लीला - हाँ.. बेटा.. आह्ह..
गौतम नीरज से - नीरज कमाल की चुत है तेरी माँ की... बहुत टाइट है यार.. उफ्फ्फ...
लीला - अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह... बेटा.. उम्म्म्म.. अह्ह्ह्ह..
लीला की सिस्कारिया कमरे में गूंजने लगी थी और उसी के साथ में लंड चुत के मिलन से मधुर छप छप की आवाज भी..
नीरज अपने कान पर हाथ लगाकर वही बैठा वो अपनी माँ को चुदते हुए देखकर रो रहा था और गौतम उसे देखकर लीला को जबरदस्त तरीके से चोदे जा रहा था..
गौतम ने मिशनरी के बाद घोड़ी बनाके लंड चुत में पेल दिया और पट पट की आवाज के साथ लीला को चोदने लगा और नीरज से बोला..
गौतम - अबे क्या माल है तेरी माँ.. साले...
लीला - अह्ह्ह.. अह्ह्ह..
गौतम - आंटी आपको तो ब्लू फ़िल्म में होना चाहिए.. बहुत कमाओगी..
लीला - तू दिला दे काम बेटा.. फिल्मो में..
नीरज उठकर आंशू बहाते हुए बाहर जाने लगता है तभी गौतम उससे कहता है..
गौतम - चाय बनाने जा रहा है क्या?
नीरज पलट कर गुस्से से - तेरे लिए चाय बनाऊंगा क्या साले..
गौतम - अबे इतना गुस्सा क्यों है? शमा से चिकनी तो तेरी माँ लीला है.. एक बार चोद के देख शमा को भूल जाएगा..
लीला चुदते हुए सिसकियाँ लेकर - अह्ह्ह बेटा.. कैसी बातें कर रहा है.. आह्ह... अह्ह्ह्ह..
गौतम नीरज से - खड़ा क्या है गांडु? चाय बना रहा है या तेरी माँ को लंड पर बैठाके रसोई में ले जाऊ चाय बनवाने?
लीला - आह्ह... नीरज बना दे बेटा..
गौतम - हाँ.. चाय पीके चला जाऊंगा..
लीला झड़ते हुए - अह्ह्ह... अह्ह्ह...
नीरज रोते हुए रसोई में आकर चाय चढ़ा देता है और अपनी माँ के बारे में सोचने लगता है कि वो कितनी बड़ी वाली रांडी है..
गौतम लीला को उठाके चोदते हुए रसोई में ले आता है..
गौतम नीरज से - भाई हां या ना बोलके बता तो देता.. चाय बना रहा है या नहीं..
फ़ालतू तेरी माँ को कमरे से रसोई में लेके आया..
नीरज रोते हुए - माँ मैं पापा को सब बता दूंगा.. आपके और इस कमीने के बारे में..
लीला चुदते हुए एक थप्पड़ नीरज के गाल पर जड़ देती है और कहती है - सूअर.. ना जाने कोनसी रंडी को उठा के यहां ले आया.. और मुझे धमका रहा है.. बता दे तेरे पापा को.. अरे उसके लंड में दम नहीं है तभी तो इसके लंड पर बैठी हुँ... तेरे लंड में दम था तो तू बैठा लेता मुझे अपने लंड पर..
गौतम लीला कि चुत में झड़ते हुए - अह्ह्ह्ह.. आंटी.. आह्ह... मज़ा आ गया...
नीरज चाय कप में डालकर रख देता है और गौतम लीला को गोद से उतार कर बिना लंड पेंट में डाले चाय पिने लगता है..
गौतम चाय पीता हुआ - तेरी मा तो तेरा लेने के लिए भी तैयार है.. साले डाल क्यों नहीं देता..
लीला साडी सही करते हुए - ये क्या डालेगा डरपोक..
नीरज गुस्से में आकर अपने आंसू पोंछता है और अपनी माँ लीला कि साडी उठा कर अपना लंड लीला की चुत में पेलते हुए कहता है..
नीरज - बहुत गर्मी है ना माँ तेरी चुत में.. अब से मैं तेरी सारी गर्मी दूर करूँगा..
गौतम हसते हुए चाय पीकर रसोई की सिंक में मूतने लगता है और नीरज लीला को चोदने लगता है.. गौतम चाय पीते हुए मूत कर लंड पेंट में डाल लेता है और नीरज और लीला को देखने लगता है..
नीरज रसोई की स्लीब पर लीला को झुकाते हुए लीला को चोद रहा था और अपनी माँ को रांड छिनाल जैसे उपमा से अलंकृत करता है..
गौतम - अब बोल भोस्डिके.. है शमा तेरी माँ के आगे कुछ?
नीरज लीला को चोदते हुए - शमा की बात मत कर मैं उससे प्यार करता हूँ.. और रही बात माँ की तो इसकी चुत की सारी गर्मी अब मैं निकालूँगा..
गौतम जाते हुए - सोने मत देना रात भर आंटी को..
नीरज - इसे तो लंड पर सुलाऊंगा..
लीला मज़े से गौतम को देखकर - बाए बेटा..
गौतम - बाए आंटी...
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कुछ दिन बाद...
रूपा झील के पास करीम की रिक्शा में बैठी हुई सडक को देख रही थी.. गौतम एक बस से उतर कर रिक्शा के पास आ गया और टेक्सी में बैठ गया..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा के होंठो को अपने होंठों से लगा लिया और चूमकर रूपा से बोला..
गौतम - माफ़ कर दो.. देरी हो गई आने में..
रूपा - करीम.. रिक्शा कहीं ले चल..
करीम - आपा वही ले चलू जहा पहली बार लेकर गया था..
रूपा - हाँ.. ले चल..
गौतम - ज्यादा टाइम नहीं है मम्मी.. रूम ले लेते है किसी होटल में..
रूपा - टाइम क्यों नहीं है..
गौतम - अरे आते आते शाम हो जायेगी.. माँ ने मना किया है शाम के बाद बाहर रहने से.. उन्हें डर लगता है अकेले..
रूपा - हम जल्दी आ जाएंगे..
गौतम - तुम कह रही थी कुछ बात करनी है तुम्हे?
रूपा - वही बैठ कर बात करेंगे..
गौतम रूपा के बूब्स पकड़कर मसलते हुए उसके चेहरे पर चुम्मिया करते हुए - ठीक है..
रूपा गौतम के सर को अपनी गोद में खींच लेती है और अपना ब्लाउज के बटन खोलकर एक चूची गौतम के मुंह पर रख देती जिसे गौतम चूसने लगता है और रूपा साडी का पल्लू गौतम के सर पर डाल कर उसका चहेरा आँचल में छुपा लेती है और रिक्शा से बाहर देखकर इतनी ख़ुशी से मुस्कुराने लगती है जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया हो..
करीब सब बैक मीरर में देख रह था और उसे समझ नहीं आ रहा था की रूपा इतनी खुश क्यों है?
गौतम ने रूपा का दूसरा चुचा भी निकाल लिया और मुंह में लेकर पूरी काम भावना के साथ चुचक चूसते हुए चुचो को चाट चाट कर पिने लगा.. रूपा के बदन में झुनझुनाहट हो रही थी और वो प्यार से गौतम का सर सहला रही थी..
रूपा गौतम को प्यार भरी और ममता भरी आँखों से देखने लगी.. उसे गौतम आज जान से प्यारा लग रहा था उसका करण सिर्फ वही जानती थी..
उसी जगह वापस आने के बाद गौतम ने रूपा को अपनी गोद में बैठा लिया और उसके होंठों का रस लेते हुए बोला - अब बताओ ना मम्मी क्या कह रही थी तुम?
रूपा फिर से गौतम के होंठ चूमते हुए - इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे मेरे शैतान बच्चे के नजूक लबों को तो मन भरके चुम लेने दे..
गौतम चूमते हुए - सॉरी मम्मी.. मैं माँ को साथ रहने के लिए नहीं मना पाया..
रूपा - कोई बात नहीं नन्हे शैतान.. वैसे भी कल मैं वापस माधुरी के साथ उसी फ्लेट में रहने जा रही हूँ..
गौतम - क्यों?
रूपा पर्स से कुछ डॉक्यूमेंट निकालती हुई - हमने वो घर सुमन दीदी के नाम पर कर दिया है.. और अब मैं और माधुरी दोनों ये चाहते है की तू सुमन के साथ उस छोटे से पुलिसक्वाटर से निकलकर उस घर में रहे..
गौतम - पर इतनी मेहरबानी क्यों?
रूपा - कैसी मेहरबानी? उस घर की असली हक़दार तो सुमन दीदी ही है.. और अब तु इसे लेने से मना मत करना.. तुझे दीदी की कसम..
गौतम रूपा के ब्लाउज में हाथ डालकर - अच्छा ये सब छोडो.. प्यार करना शुरु करें?
रूपा मुस्कुराते हुए गौतम की जीन्स का हुक खोलकर चैन नीचे कर देती है और झट से उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है..
गौतम रूपा के पर्स में से सिगरेट लाइटर निकलकर सिगरेट सुलगाते हुए एक दो कश लेकर अपना लंड चुस्ती रूपा को सिगरेट देते हुए कश लेने के लिए कहता है तो रूपा मना कर देती है और लंड चूसने में फिर से मग्न हो जाती है..
गौतम - क्या हुआ मम्मी?
रूपा - मैने सिगरेट छोड़ दी..
गौतम - क्यों?
रूपा - डॉक्टर ने कहा है..
गौतम - डॉक्टर ने क्यों मना किया है?
रूपा - बच्चे को परेशानी होती है..
गौतम - मुझे क्या परेशानी होगी?
रूपा मुंह से लंड निकालकर गौतम को देखते हुए - तुझे नहीं मेरे नन्हे शैतान.. तेरे होने वाले बच्चे को जो मेरे अंदर पल रहा है..
गौतम स्तब्ध भाव से - क्या..
रूपा - क्या नहीं हाँ.. मेरे होने वाले बच्चे के पापा जी..
गौतम - मैं पापा बनने वाला हूँ? बहनचोद.. तुमने बच्चे रोकने वाली पिल्स नहीं ली थी..
रूपा लंड वापस चूसते हुए - तू फ़िक्र मत कर.. मैं संभाल लुंगी.. और मैं ही नहीं माधुरी का भी यही हाल है वो डॉक्टर के पास गई है.. मुझे उस दिन जब हम बाबाजी के पास से आ रहे थे तब पता चला मै पेट से हूँ और माधुरी को आज सुबह..
गौतम मुस्कुराते हुए - यार.. सब माँ बनती है तुम दोनों सीधा दादी बनगी..
रूपा टांग खोलते हुए - अच्छा अब धीरे धीरे चोदना.. पहले वाला शैतान नहीं अब प्यारा वाला शैतान बनकर रहना पड़ेगा तुझे..
गौतम चुत में लंड घुसाकार धीरे धीरे पेलता हुआ - पर तुम जानती हो मम्मी..
रूपा चुदवाते हुए - मैंने कहा ना मैं सभाल लुंगी.. तुझे फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है.. बस मिलने जरुर आना.. हम दोनों ने जगमोहन से भी रिश्ता तोड़ दिया है..
गौतम रूपा ब्लाउज खोलकर उसके कबूतर आजाद कर देता है और अपनी टीशर्ट उतारकर रूपा के छाती से अपना सीना सटा देता है और होंठों के करीब होंठ लाकर रूपा की साँसों को महसूस करते हुए उसी तरह चोदते हुए कहता है - मुझे जब भी मौका मिलेग मैं मिलने आऊंगा मम्मी.. छोटी माँ से भी कहना.. आप दोनों अपना और बच्चे का अब और ज्यादा ख्याल रखना..
रूपा चुत में झटके खाकर मुस्कुराते हुए गौतम के होंठों को चुम लेती है और कहती है - हाँ शैतान...
रूपा और गौतम के मिलन में सिर्फ उनके बदन ही नहीं मिल रहे थे बल्कि उनकी आत्मा भी उनके शरीर से निकलकर एक दूसरे को का लेना चाहती थी और इसी उद्देश्य को अपने मन में लिए दोनों एक दूसरे को भोग रहे थे..
प्रेम की जितनी कला रूपा को आती थी वह अपनी कलाओं में गौतम को अपने शरीर का सुख दे रही थी..
गौतम घास में पीठ के बल लेटा हुआ था और रूपा उसके लंड पर बैठकर अपने कबूतरों को मसलती हुई और अपने चेहरे पर कामुकता के भाव लाती हुई इठलात हुई मुस्कुराती हुई गौतम को देखकर आंख मारती हुई और उसे छेढ़ती हुई गौतम के लंड को चुत में लेकर गांड हिलाती हुई सम्भोग और प्रेम के नए आयाम से परिचित करवा रही थी रूपा आज कई बार झड़ी थी उसी तरह जैसे पहली बार गौतम की चुदाई से झडी थी.. और आखिर में गौतम ने भी रूपा की चुत में झटके मारते हुए अपना पानी निकाल दिया..
गौतम - मम्मी...
रूपा - हाँ?
गौतम गांड पकड़ते हुए - प्लीज...
रूपा - अच्छा लेले.. आज गांड भी...
गौतम - मम्मी यार गांड उची करो ना अपनी.. लंड आराम से घुस जाएगा गांड में..
रूपा - धीरे... आहिस्ता घुसाना..
गौतम - फ़िक्र मत करो ज्यादा तकलीफ नहीं दूंगा..
गौतम गांड में लंड का टोपा फंसा कर गांड मारते हुए - लगता है आपसे सच्चा प्यार हो गया है..
रूपा - आहहह ग़ुगु धीरे ना.. बच्चा..
गौतम धीरे धीरे गांड मारते हुए - पता है उस जब उस रात तुम्हे और माँ को साथ में देखा था तब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था तुम पर मगर फिर माँ के चेहरे पर ख़ुशी देखी तो तुम पर प्यार आने लगा था ..
रूपा - तुम्हारे प्यार ने ही तो मुझे इस तरह झुका रखा है ग़ुगु.. अब तेरे अलावा मुझे कुछ नहीं चाहिए..
गौतम - बहुत टाइट है मम्मी.. बहुत मज़ा आ रहा है अपनी गांड मारने में.. मम्मी आपकी चुत जन्नत तो गांड स्वर्ग का द्वार है सच में.. मेरा निकलने वाला है..
रूपा - ग़ुगु मुंह में देदे..
गौतम - लो मम्मी... आहहह...
रूपा लंड मुंह में लेकर चूसने लगती है.. और कुछ ही पलो में गौतम रूपा के मुंह में झड़ जाता है..
दोनों सम्भोग समाप्त हो चूका था और अब गौतम एक पेड़ के सहारे बैठा हुआ था वही रूपा भी गौतम की गोद में उसके सीने का सहारा लिए बैठी थी..
गौतम - पता है मम्मी जब पहली बार मैं तुमसे मिला था और तुमने वापस आने के लिए अपनी सोने की चैन मुझे दे दी थी तब मुझे लगा था कि तुम बेवकूफ हो.. मगर बाद में समझ आया कि तुम मेरे मोह में पड़ गई थी..
रूपा - मैं तुझे देखते ही समझ गई थी नन्हें शैतान.. कि तू जैसा भी हो दिल का बुरा नहीं है.. ऊपर से तेरी प्यारी सूरत मेरे मन में तेरे लिए ममता भी जगा रही थी..
गौतम अपने वॉलेट से एक मगलसूत्र निकालकर - ये वही चैन है मम्मी.. जो तुमने मुझे कोठे के उस कमरे में दी थी मैंने इसका मगलसूत्र बनवाया है.. अब मैं इसे अपने हाथों से तुम्हारे गले में पहनाना चाहता हूँ..
रूपा आँखों में आंसू लेकर - गौतम...
गौतम मगलसूत्र पहनाकर पास पड़ी कटीली झाडी के एक कांटे से अपना अंगूंठा लगाकर खून की दो बून्द निकाल लेता है और उस अंगूठे के खून से रूपा की मांग भरके कहता है - लो मम्मी अब से तुम पूरी तरह मेरी हुई..
रूपा की आँखों से ख़ुशी के आंसू निकल पड़ते है.. और वो गौतम को गले लगा कर अपने पुरे जीवन के सारे दुख दर्द पीड़ा को भुलाकर नए सपने आँखों में सजा लेती है.. और गौतम के गले लग कर ख़ुशी से रोने लगती है..
रूपा एक 40 साल की औरत थी जो बहुत लम्बे समय से वैशावृति का काम कर रही थी लगभर 20-25 साल उसने यही इसी वैशालय में बिता दिए थे और अब बहुत कम ही किसी से मिलती थी.. देखने में रंग साफ था और बदन लचकदार चेहरा सुन्दर था और बाल नीचे कुल्हो तक लम्बे.. रूपा के देखने से लगता था किसी कुलीन घर की विवाहिता होगी मगर भाग्य के फेर ने नसीब को ऐसा बदला की तक़दीर में किसी घर की आबरू बनाने की जगह इस वैशालय में वैश्या बना दिया, धीरे धीरे रूपा ने इसे अपनी नियति समझ ली और स्वीकार करते हुए किस्मत से लड़ने लगी इस काम से उसने पैसा तो बहुत कमाया पर उसके शादी और परिवार के सपने चकना चूर हो गए, रूपा उम्र के इस पड़ाव पर बस इस वैशालय की रूपा मौसी बनकर रह गई..
गौतम की नज़र दिवार पर लटकी कई तस्वीरों में से एक तस्वीर पर टिक गई जिसे देखकर गौतम उसमे खो सा गया, ये तस्वीर हिटलर के नरसंहार में तड़पकर मेरी उस छोटी यहूदी लड़की की थी जिसके बारे में गौतम ने इतिहास में पढ़ रखा था गौतम आधा नशा उस तस्वीर ने उतार दिया था एना फ्रेंक की उस तस्वीर ने गौतम की आँखों के सामने वापस उसी मंज़र और ताबही को लाकर खड़ा कर दिया था जिसको उसने किताबो पढ़ते हुए महसूस किया था.. गौतम उस तस्वीर में खोया हुआ था की पीछे से रूपा ने उसे बाहों में भरते हुए कहा.
रूपा - तस्वीरे पसंद है तुन्हे?
गौतम ने खुदको रूपा की बाहों में कस्ते देखा तो वो तस्वीर के फितूर से बाहर आ गया और बचे हुए हलके नशे में खुदको इखट्टा करने लगा..
रूपा को जब गौतम से कोई जवाब नहीं मिला तो वो वापस बोली..
रूपा - ध्यान कहा है मेरे नन्हे मेहमान का? तस्वीरों ने चुरा लिया लगता है. मुझसे बात भी नहीं करोगे तुम?
गौतम - अच्छी सजावट है कमरे की. लगता है बहुत पैसा खर्चा किया है तुमने इसे सजाने में.
रूपा - हां थोड़ा सा खर्चा हुआ तो था पर आज वसूल हो गया, तुम्हे सजावट पसंद जो आ गई. ये हाथ में क्या है?
गौतम - बिरयानी है तुम्हे खानी है तुम्हे?
रूपा - अपने हाथ से खिलाओगे तो जहर भी कबूल है मेरे नन्हे मेहमान.
गौतम - पर ठंडी हो गई है..
रूपा - लाओ मेरे लिए लाये हो तो मुझे दे दो.. मैं गर्म करवा देती हूँ..
गौतम के हाथ से बिरयानी का पैकेट लेटे हुए रूपा ने कहा औऱ थैले से बॉक्स निकालकर कमरे का दरवाजा खोलदिया फिर आवाज लगाती हुई बोली - कम्मो. कम्मो.
कम्मो - हां मौसी?
रूपा - लो इसे गर्म करके ले आओ.
कम्मो - अभी लाई मौसी.
रूपा ने दरवाजा लगा दिया और गौतम को देखने लगी रूपा गौतम जैसे लड़के को यहां इस कोठे पर देखकर किसी अचरज में थी मानो सोच रही हो की ये भले घर का दिखने वाला चाँद सा लड़का यह इस कोठे पर क्या कर रहा है?
गौतम - पानी है?
रूपा बेड के कोने में रखे छोटे से फ्रिज से पानी बोतल निकाल कर गौतम को देती है और गौतम एक बार में आधी बोतल खाली करके बोतल बेड के ऊपर बनी पट्टी पर रख देता है..
रूपा - शराब पी है तुमने?
गौतम - हां दो बियर पी थी मगर अब सब उतर गई..
रूपा - और पीनी है?
गौतम - है तुम्हारे पास?
रूपा उसी फ्रिज में से एक बियर की बोतल निकालकर खोलते हुए गौतम को दे देती है..
गौतम - मेरे पास पैसे नहीं है देने को इसके..
रूपा हसते हुए - पैसे देने की जरुरत नहीं है. तुम्हे चाहिए तो मुझसे ले जाना..
गौतम बियर पीते हुए - अच्छा?
दरवाजे पर कम्मो एक प्लेट में बिरयानी गर्म करवाकर ले आती है..
कम्मो -मौसी.. रूपा मौसी..
रूपा दरवाजा खोलकर कम्मो से प्लेट ले लेती है और वापस दरवाजा लगा देती है..
रूपा - लो नन्हे मेहमान आ गई बिरयानी गर्म होकर, अब खिलाओ मुझे अपने इन खूबसूरत हाथों से..
गौतम प्लेट लेकर चम्मच से रूपा को बिरयानी खिलाने लगता है और पहली ही बाईट से रूपा को बिरयानी का स्वाद दिल छू जाता है.. बिना कुछ बोले दोनों बिरयानी खाने और एकदूसरे को खिलाने लगते है..
गौतम - कैसी लगी?
रूपा - तुम्हारे जैसी..
गौतम - मतलब?
रूपा उठकर गौतम के बिलकुल नजदीक आ जाती और उसके होंठों को अपने होंठों में भरके चूम लेती है, कुछ देर यूँही गौतम के होंठ चूमकर रूपा कहती है..
रूपा - मतलब बहुत स्वादिस्ट.. अगली बार जरा ज्यादा लाना..
गौतम - जैसे तुम बोलो..
रूपा - वैसे मेरे साथ सोने में तुझे शर्म तो नहीं आएगी ना?
गौतम बची हुई बियर के आखिर 2-3 घूंट पीके बोतल बेड के नीचे रखता हुआ कहता है..
गौतम - शर्म और मुझे? मैं तो उस रेखा काकी के साथ भी सो सकता हूँ..
रूपा - अरे इतनी सी उम्र में इतनी बेशर्मी? तुम्हे तो सबक सीखना पड़ेगा आज..
ये कहते हुए रूपा ने गौतम को अपनी बाहों में वापस जकड लिया और उसके होंठों पर दर्जनों चुम्मो की बरसात करती हुई टूट पड़ी और गौतम को बेतहाशा चूमने लगी जिससे गौतम पर कामुकता का असर छाने लगा, गौतम रूपा के इस काममय रूप से आकर्षित होने लगा और उसका पूरा साथ देने लगा.. एक लम्बा और गहरा चुम्बन दोनों के बीच हुआ जिसे टूटने में कई मिनटों का समय लग गया और टूटने पर गौतम ने रूपा से कहा..
गौतम - तुम्हारे होंठ बहुत रसीले है रूपा मौसी..
रूपा - तो किसने रोका है तुझे इनका रस पिने से मेरे नन्हे मेहमान. जितनी मर्ज़ी है उतना पिले..
गौतम ने बिना किसी लाज-शर्म के रूपा को बिस्तर पर धकेलते हुए लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर रूपा के होंठो की लाली चूमने लगा. रूपा भी प्यार से गौतम का पूरा साथ निभा रही थी और उसे चूमे जा रही थी. गौतम का हाथ ना जने कब अपने आप रूपा की कमर से होते हुए उसके मस्त मोटे चुचो पर आ गया उसे भी नहीं पता लगा लेकिन रूपा को इसका सब पता था फिर भी उसने गौतम को नहीं रोका और खुदसे अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए जिससे गौतम अंदर तक रूपा की उभारदार छतियों के पुरे मज़े ले सके.
गौतम ने कुछ देर बाद चुम्बन तोड़कर रूपा की ब्रा ऊपर सरका दी और उसके बूब्स चूसने लगा.
रूपा भी मुस्कुराते हुए गौतम को देकर उसके सर पर हाथ फिराते हुए उसे अपने बूब्स चूसने में मदद करने लगी और बूब्स चूसते हुए गौतम का प्यारा सा मुखड़ा देखकर वो सोचने लगी की अगर उसका भी ब्याह हुआ होता तो गौतम की तरह उसकी औलाद भी उसका दूध इसी तरह पीती.. रूपा कुछ भावनात्मक रूप से बहके जा रही थी उसे गौतम में अपना ना हो सका बच्चा दिखने लगा और वो गौतम के मुंह में अपने निप्पल्स घुसा घुसा के अपना चुचा चुसवाने लगी जिसमे उसे कामरस के साथ एक माँ होने का अहसास दोनों मिल रहे थे.. रूपा ने बूब्स चूसते हुए गौतम का एक हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख दिया और धीरे धीरे नीचे लेजाकर अपनी साडी के अंदर डालकर अपनी नंगी चुत के ऊपर रख दिया और उसकी हथेली अपनी चुत पर दबाने लगी. गौतम ने चुचा चूसते हुए ही रूपा की चुत अपनी मुठी में जोर से पकड़ ली और उसे मसलने लगा जिससे रूपा के काम की पिपासा जागने लगी. गौतम ने अपने हाथ से चुत का पूरा जायजा लेकर अपनी मिडिल फिंगर रूपा की चुत में घुसा दी और चुत में ऊँगली करने लगा जिससे रूपा की सिस्कारिया निकलने लगी और वो गौतम के बाल सहलाते हुए उसके सर को चूमने लगी..
गौतम ने कई बार रूपा के चुचो पर अपने दाँत लगाकर निशान बना दिए और उसे लव बाईट दी मगर रूपा ने एक बार भी गौतम को ऐसा करने से नहीं रोका और उल्टा प्यार से अपना चुचा और उसके मुंह में देकर चुसवाने लगी मानो ऐसा करने में उसे परम आनंद की उपलब्धि हो रही हो..
गौतम ने धीरे धीरे रूपा की साड़ी और साया साथ में ऊपर उठा दिया और कमर तक लाकर रूपा की चुचा चूसना छोड़ दिया फिर नीचे आकर रूपा की पेंटी नीचे सरका दी और एक दम से अपना मुंह रूपा की चुत पर लगा दिया और अपनी जीब से उसकी 40 साल पुरानी हज़ारो आदमियों से चुद चुकी चुत चाटने लगा..
रूपा ने जब गौतम को ऐसा करते देखा तो उसे अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ की उसकी उम्र से आधा ये 20 बरस का नोसीखिया लड़का उस जैसी खेली खाई औरत को इतना मज़ा दे सकता है.. रूपा ने अपनी दोनों टांग अच्छी तरह से चौड़ी के ली ताकि गौतम को चुद चाटने में कोई तकलीफ ना हो और बेड के ऊपर दाई तरफ वाले खाने से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए कश लेकर गोतम को प्यारभरी नज़रो से देखती हुई अपनी चुत चूसाईं का आनंद भोगने लगी..
रूपा को गौतम में अपना बेटा नज़र आ रहा था जो कभी हुआ ही नहीं था अब रूपा गौतम की कुछ ज्यादा परवाह कर रही थी की गौतम को उसके साथ कोई तकलीफ ना हो. रूपा सिगरेट के कश लेती हुई गौतम से बात करने पर मजबूर हो गई और उससे बोली..
रूपा - ग़ुगु..
गौतम ने चुत चाटते हुए बिना रूपा को देखे ही जवाब दिया - हम्म्म?
रूपा- थोड़ा बीच में इस दाने को लीक करो ना..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा की बताई जगह पर जीभ लगाकर चूसाईं वापस शुरुआत कर दी..
रूपा - हाय.. इतने सालों बाद ये सुकून मिला भी तो एक बच्चे से.. इतना कहकर रूपा ने फिर से सिगरेट का कश लिया और अपने हाथ से गौतम का सर सहलाती हुई बोली.. ग़ुगु मुझे सुसु आ रहा है मैं करके आउ?
गौतम चुत चाटना छोड़कर बोला - बाथरूम तो मुझे भी लगा है..
रूपा - ठीक है चल पहले तुझे ही सुसु करवा देती हूँ..
रूपा गौतम को कमरे में ही बने दूसरे दरवाजे के अंदर ले गई और बाथरूम पोट के पास घुटनो पर बैठकर गौतम की जीन्स का बेल्ट खोलने लगी..
गौतम - तुम्हे यहां सब मौसी क्यू बुलाते है?
रूपा - मुझे पता नहीं ग़ुगु..
गौतम - मैं तुम्हे क्या कह कर बुलाऊ?
रूपा - जो तुम्हारा दिल करें.. तुम अगर प्यार से रंडी भी बुलाओगे तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है मेरे नन्हे मेहमान.
गौतम - ठीक है फिर मैं भी मौसी ही कहकर बुलाता हूँ..
रूपा किसी सोच में डूबे जा रही थी और इसी सोच में डूबे हुए उसने गौतम की जीन्स का बेल्ट और जीन्स का हुक खोलकर ज़िप नीचे कर दी थी और जीन्स नीचे करके गौतम की वी शेप अंदरवियर के अंदर फूफाकरता हुआ उसका लंड देखकर उसके साइज का अंदाजा लगाने की कोशिश में थी मगर गौतम की बात सुनकर उसके टूटे हुए अरमान जाग गए और उसने गौतम को देखते हुए उसकी बात का जवाब दिया..
रूपा - एक बार मम्मी कहकर बुलाओ ना..
गौतम हैरानी से - क्या?
रूपा - क्या नहीं ग़ुगु मम्मी. मुझे मम्मी कहकर बुलाओ ना..
गौतम रूपा की बात सुनकर पहले मुस्कुरा दिया और फिर रूपा के गालो को प्यार से सहलाके बोला - मम्मी अब सुसु करवा दो वरना चड्डी में ही निकल जायेगी..
गौतम के मुंह से मम्मी सुनकर रूपा का दिल गौतम के लिए और भी ममता के भाव से ओत प्रोत हो गया और रूपा ने जवाब देते हुए कहा..
रूपा - ठीक है मेरे नन्हे मेहमान और गौतम की अंदरवियर नीचे सरका दी जिससे गौतम का लंड रूपा के सामने हवा में झूल गया और रूपा के साथ जब गौतम की नज़र भी अपने लंड पर पड़ी वो रूपा के साथ चौंक कर अपने लंड को देखने लगा.. गौतम के 6 इंच का लंड अचानक से 10 इंच का लगने लगा था
आधी खड़ी हालात में लंड को रूपा ने अपने हाथ से पकड़ लिया और बाथरूम पोट की तरफ कर्रे हुए लंड की लम्बाई और मोटाइ का जायजा लेने लगी.. उसने आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड हक़ीक़त में नहीं देखा था हज़ार से ज्यादातर लोडे जो सब 3-5 इंच के ही थे रूपा ने ले रखे थे मगर इतना बड़ा तो उसने भी अपने वैश्या के धंधे में नहीं लिया था.. उसने बस फ़ोन पर ही ऐसे अफ्रीकन लंड देखे थे मगर आज उसके सामने गौतम का अफ्रीकन गोरा लंड था जिसे देखकर रूपा के मन में पानी आने लगा..
गौतम भी हैरानी से अपने लंड की तरफ देखता हुआ सोचने लगा की कैसे अचानक उसका लंड इतना बड़ा हो गया और वो कंफ्यूज सा होकर बाथरूम पोट में मूत रहा था रूपा भी मूतते हुए गौतम का लंड पकड़ कर बैठी थी और जब गौतम मूत कर फ्री हुआ तब रूपा ने बिनाकुछ बोले या सोचे समझें गौतम के लंड का टोपा अपने मुंह में भर लिया और मूत की आखिर की कुछ बुँदे अपने मुंह में गिरवाते हुए लंड को चूसकर साफ कर दिया जिससे गौतम की आह्ह निकल गई और फिर रूपा ने गौतम से बाहर जाने को कहा और खुद मूतने लगी.
रूपा जब मूत कर वापस आई तो रात के 12 बज चुके थे और अब रूपा के मन में चुदने की तलब होने लगी थी. उसने देखा की गौतम खिड़की से बाहर देख रहा है तो उसने वही पर नीचे बैठकर वापस से गौतम का लंड मुंह में ले लिया और इस बार पूरे अनुभव से गौतम को लंड चूसाईं का मज़ा देने लगी..
गौतम - अह्ह्ह्ह क्या चुस्ती हो तुम? इतना कहकर गौतम रूपा के बाल पकड़कर अपना लंड उसके मुंह में जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा और रूपा गौतम को खुश करने की हर मुमकिन कोशिश करने लगी.. कुछ देर बाद ही गौतम ने अपने सारा माल रूपा के मुंह में भर दिया जिसे रूपा ने गले से नीचे उतार लिया और गौतम का हाथ पकड़कर बिस्तर पर ले गई..
रूपा ने एक जगाह से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमे से एक कंडोम निकालकर फाड़ते हुए गौतम के सामने बैठ गई और गौतम के लंड को वापस हाथ में लेकर हिलाते हुए खड़ा करने लगी फिर वापस मुंह में भरके चुस्ती हुई गौतम को देखने लगी, गौतम भी रूपा को ही देखे जा रहा था..
थोड़ी सी चूसाईं से ही लोडा वापस पूरा टाइट हो गया और रूपा ने उसपर कंडोम चढ़ा दिया फिर खुद बिस्तर पर अपनी साड़ी उठाके लेट गयी और पेंटी निकाल कर अलग कर दी..
रूपा - चलो नन्हे मेहमान.. कहो अपने अजगर से मेरे बिल में घुसकर अपना ज़हर उगल दे..
गौतम रूपा की बात सुनकर रूपा के ऊपर चढ़ गया और रूपा के होंठों को चूमकर बोला - मेरे अजगर के लिए तुम्हारा बिल छोटा लग रहा है मम्मी.. अगर घुसते टाइम कुछ टूट फुट हो जाए तो मुझसे मत कहना बाद में..
रूपा मुस्कुराते हुए - मम्मी की चिंता मत करो, अपने अजगर से कहो जितना अंदर जा सकता है चला जाए मैं नहीं रोकूंगी..
गौतम चुत के मुहाने पर लंड रगड़कर - लो फिर सम्भालो मेरे अजगर को.. कहते हुए गौतम ने अपना लंड चुत के छेद में घुसा दिया और एकजोरदार झटका देते हुए एक बार में दो-तिहाई लंड चुत में उतार दिया जिससे रूपा की आह्ह निकल गई और उसने गौतम को कसके पकड़ लिया और अपने गले से लगाते हुए चूमने लगी..
गौतम ने अब एक के बाद एक जोरदार झटके मारना शुरु कर दिया और रूपा को किसी नवविवाहित स्त्री की तरह सिसकने पर मजबूर कर दिया..
रूपा आहे भरते हुए गौतम के होंठों को चूमे जा रही थी जिसमे उनकी जीभ आपस में कुस्ती कर रही थी और नीचे गौतम अपने लंड से रूपा की हज़ार से ज्यादा बार चुदी हुई चुत को पहली बार वाला मीठा दर्द दे रहा था..
पुरे कमरे में चुदाई की आवाज गूंज रही थी और पूरा माहौल चुदाईमय हो चूका था..
करीब 15 मिनट मिशनरी में रूपा की चुत पेलने के बाद गौतम ने रूपा को पलटकर घोड़ी बना लिया और उसके कमर तक लम्बे बालों को अपने दोनों हाथों में पकड़ते हुए उसकी चुत में वापस अपना लंड डालकर चोदने लगा.. इस बार उसे ऐसा महसूस हो रहा जैसे वो घुड़सवारी कर रहा हो. घोड़ी बनकर भी रूपा के मुंह से कुतिया वाली आवाजे ही आ रही थी. पीछे से झटके खाती रूपा का बदन ऊपर से नीचे तक पूरा तूफ़ान में हिलते पेड़ की तरह हिल रहा था..
गौतम ने कुछ देर घोड़ी बनाने के बाद रूपा को काऊ गर्ल और फिर अपने ऊपर गिरा कर चोदने लगा.. रूपा को चुत में हल्का दर्द और मीठा मज़ा दोनों एक साथ महसूस हो रहा था.. रूपा को वही मज़ा आ रहा था जो अपनी शुरुआती चुदाईयों में लड़की को आता है. रूपा को अपनी अनगिनत बार चुद चुकी चुत भी गौतम के लंड के आगे कुंवारी सी लगने लगी थी..
लगभग एक घंटे अलग अलग पोज़ में चोदने के बाद गौतम ने वापस रूपा को मिशनरी वाले पोज़ में चोदना शुरुआत कर दिया और उसे चोदते हुए बोला..
गौतम - मज़ा आ रहा है मम्मी?
रूपा आँखे बंद किये सिस्कारी लेती हुई बोली - आ रहा है ग़ुगु.. पर बहुत दर्द भी हो रहा है.. थोड़ा सा आहिस्ता चोद अपनी मम्मी को बेटा..
गौतम रूपा के मुंह से बेटा सुनकर सकपका गया और एक पल को उसे रूपा में उसकी असली माँ सुमन का चेहरा नज़र आने लगा और वो बिना रूपा से कहे उसी वक़्त उसकी चुत में झड़ गया..
रूपा भी अब तक 2 बाद झड़ चुकी थी और गौतम के झड़ते हुए उसने गौतम को अपने बाहों में कस लिया और पूरा डीप चूमने लगी.. गौतम के मन की हालात अजीब थी जो उसके साथ अभी हुआ वो क्या था? इस बात को समझने की कोशिश करते हुए वो रूपा के ऊपर से हटने लगा और जब उसने रूपा की चुत से लंड निकालकर देखा तो रूपा के साथ वो भी मुस्कुराने लगा.. कंडोम पूरा फट चूका था और गौतम ने सारा माल रूपा की चुत में गिरा दिया था मगर रूपा खुश थी उसे जो ख़ुशी मिली उसके आगे वो आज गौतम को कुछ भी दे सकती थी..
गौतम अपना लंड रूपा के बेड पर एक तरफ पड़े ब्लाउज से साफ करके उसके बदल में लेट गया और उसकी नज़र घड़ी की तरफ गई जो रात के डेढ़ बजा रही थी..
रूपा भी अपनी चुत साफ करके गौतम के सीने पर आ गई और अपना सर उसके सीने पर टिकाटे हुए बोली - क्यू नन्हे मेहमान? केसा लगा मम्मी की चुत मारके?
गौतम - मज़ा आ गया..
रूपा - पर तुम्हारे मज़े के लिए मेरी जो चुत सूज गई उसका क्या?
गौतम - बर्फ लगा देता हूँ ठीक हो जायेगी..
रूपा - कहा कहा बर्फ लगाओगे नन्हे मेहमान? ऊपर नीचे तक हर जगह घायल कर दिया तुमने तो एक ही बार में..
गौतम - गांड भी चाहिए मुझे दोगी ?
रूपा - तुम्हारे लिए तो अब मैं अपनी जान दे सकती हूँ तूने बस ये गांड मांगी है.. कर लो जो तुम्हे करना मेरे साथ..
गौतम रूपा को वापस घोड़ी बनाकर अपने लोहे जैसे सख्त हो चुके लंड को थूक लगा कर रूपा की गांड में घुसाने लगता है..
रूपा चुत जे दर्द से अभी उभर ना पाई थी की गौतम ने उसे गांड का दर्द देना भी शुरू कर दिया औऱ धीरे धीरे बहुत से जतन करने के बाद आखिर अपना आधा लोडा रूपा की गांड के छेद में घुसेड़ ही दिया.. रूपा की हालात कुछ वैसे थी की वो ना तो गौतम को मना कर सकती थी औऱ ना उसका लंड पूरा गांड में ले सकती थी.. गौतम भी अब रूपा की हालात समझ रहा था उसने उतने ही लोडे को गांड में डाले रखा औऱ फिर धीरे धीरे रूपा की गांड मारने लगा.. रूपा को पहले से थोड़ा आराम आने लगा तब गौतम ने लंड को औऱ अंदर डालने की कोशिश में तेज़ झटके लगाए जिससे रूपा की चिंखे निकल गई औऱ आँख से दर्द के मारे आंसू भी.. गौतम ने इस बार रूपा की हालात देखकर अपना लोडा उसकी गांड से बाहर निकाल लिया औऱ रूपा को अपनी बाहों में कसकर उसके आंसू पोंछता हुआ बोला..
गौतम - तुम ठीक तो हो? मुझे माफ़ कर दो. मैं तुम्हे रुलाना नहीं चाहता था.. सॉरी..
रूपा ने बहुत लोगों को देखा था जिन्हे उसके दर्द में मज़ा आता था किसीको उसपर तरस नहीं आया जब भी उसकी हालात खराब हुई थी वो बस इतना जानती थी की मर्द कभी औरत पर तरस नहीं खाता मगर जिस तरह गौतम ने उसे अपनी बाहों में भरके उसके आंसू पोंछते हुए अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाकर माफ़ी मांगी थी उससे रूपा को गौतम पर औऱ भी ज्यादा प्यार आने लगा था औऱ वो समझ चुकी थी की गौतम नरम दिल का लड़का है जो किसी औरत को दर्द में नहीं देख सकता..
रूपा अपनी गांड के छेड़ को सहलाती हुई गौतम से बोली - माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए तुमसे मेरे नन्हे मेहमान.. मैं तुम्हे खुश नहीं कर पाई.. एक चीज मांगी थी तुमने मैं वो भी तुम्हे नहीं दे पाई..
गौतम रूपा की बात सुनकर उसकी चुत सहलाकर मुस्कुराते हुए बोला - कोई बात नहीं.. मैं तुम्हारी इस चुत से ही काम चला लूंगा..
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रूपा गौतम की बात सुनकर मुस्कराती हुई उसे पीछे धकेल देती है जिससे गौतम बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाता है औऱ फिर रूपा उसका लंड अपनी चुत में घुसा कर उसके ऊपर बैठ जाती है औऱ धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगती है..
रूपा - गर्लफ्रेंड नहीं है तुम्हारी?
गौतम - नहीं.. मुझे लड़कियों के नखरे नहीं पसंद. औऱ वैसे भी मुझे भाभियाँ औऱ आंटीया पसंद है.
रूपा जोर से हसते हुए - मैं पसंद आई तुम्हे?
गौतम रूपा का बोबा मसलते हुए - तुम पसंद नहीं आई होती तो अपने लंड पर थोड़ी बैठने देता..
रूपा हँसते हुए - कितने बेशर्म हो तुम.. अब तो मुझे शर्म आने लगी है..
गौतम - शरमाते हुये बिलकुल हीरोइन लगती हो तुम..
रूपा और गौतम के बीच ये सब हो रहा था वही दूसरे कमरे में काजल आदिल के लंड पर उछल रही थी दोनों के बीच ये दूसरा राउंड था और दोनों मस्ती से चुदाई कर रहे थे.. काजल हरयाना की हट्टी कट्टी जाटणी थी जो अपनी झांटे कटवाकर इस कोठे पर रंडी बन चुकी थी..
37 साल की काजल 21 साल के आदिल के लंड पर ऐसे उछल रही थी जैसे बच्चे रस्सी कूदते समय उछलते है..
देखने से लगता था की काजल को भी आदिल के साथ मज़ा आ रहा था आदिल के 6 इंच का लंड काजल की चुत में ऐसे आ जा रहा था जैसे उन दोनों की बहुत पुरानी जान पहचान हो..
आदिल ने काजल को ऊपर से नीचे ले लिया और उस हरयाणवी जाटनी के झटके मारते हुए उससे बात करनी शुरू कर दी..
आदिल - कहा से हो भाभी ज़ी?
काजल - हरयाणा से.
आदिल - हरयाना में कहा से?
काजल - रोहतक से
आदिल - यहां कब से?
काजल - 1 महीना हो गया
आदिल - भाभी ज़ी नीचे का मामला काफी टाइट है आपका नई नई भर्ती हुई हो क्या कोठे पर?
काजल - मज़बूरी ले आई भईया, वरना मर्ज़ी थोड़ी रांड बनती.
आदिल - पति शराब पिता है?
काजल - शराबी होता तो चल जाता जुआरी भी था हरामी ने रोड पर लाकर छोड़ दिया..
आदिल - बहुत दर्द भरी कहानी है भाभी ज़ी आपकी, सुनकर बहुत दुख हुआ.
काजल - तुम्हरा क्या कसूर इसमें? जब किस्मत में ही रांड बनना लिखा था..
आदिल - भाभी ज़ी एक बात पुछु?
काजल - हां..
आदिल - इतनी टाइट है आपकी बच्चा तो नहीं हुआ होगा अभी तक?
काजल - एक लड़का है.. मगर वो भी बाप की तरह नसेड़ी निकला..
आदिल - अच्छा.. कितना बड़ा है?
काजल - है 19 साल का..
आदिल - क्या? और आपकी उम्र कितनी है?
काजल - इस साल के आखिर में 38 की हो जाउंगी..
आदिल - लड़का कहा रोहतक में ही है?
काजल - हां..
आदिल - अच्छा मेरे साथ मज़ा आ रहा है?
काजल - हम्म..
आदिल - चलो भाभी अब देवर को घोड़ी बनकर दिखाओ..
काजल - लो देवर ज़ी..
आदिल - कसम से भाभी ज़ी.. आप जैसे देसी झोंटो को पेलने में जो मज़ा आता है ना वो नई लड़कियों को पेलने में भी नहीं है..
आदिल काजल को घोड़ी बनाके चोदने लगता है और उसकी आवाजे कमरे में गुजने लगती है.. काजल भी अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी.. ढीली बेजान लुल्लीयो के बाद आज उसे एक मस्त मजबूत जवान लंड मिला था और काजल उसका भरपूर मज़ा लेने में लगी हुई थी शर्म और लिहाज़ का पर्दा उसने यहां पहले ही उतारकर रख दिया और 21 साल के आदिल के साथ सम्भोग का मज़ा ले और दे रही थी..
रात के तीन बजे तक रूपा और गौतम के साथ साथ आदिल और काजल ने चुदाई को दो दो राउंड ख़त्म कर लिए थे अब गौतम रूपा को बाहों में भरके चोद रहा था वही आदिल अभी भी काजल को अपना लंड चुसवाये जा रहा था जो धीरे धीरे वापस खड़ा हो रहा था..
काजल फिर भी पूरी शिद्दत से आदिल का पूरा लंड मुंह में लेकर चूसे जा रही थी..
आदिल - भाभी ज़ी मन तो नहीं कर रहा आपको अपना लोडा चुसवाने का मगर क्या करू? बिना लंड मुंह में गए खड़ा भी नहीं होता..
तीसरा राउंड भी जल्दी ही ख़त्म हो गया और फिर रूपा गौतम को अपनी बाहों में गिरफत करके. गहरी नींद में सो गई और आदिल भी काजल के साथ आराम करने लगा..
गौतम - क्या देख रही हो?
रूपा - देख रही हूँ की कैसे एक 20 साल का बच्चा मेरी जैसी 20-25 चुदी हुई 40 साल की रांड को एक रात में अपने लंड के दीवाना बनाके जा रहा है..
गौतम - मैं बच्चा नहीं बाप हूँ बाप समझी?
रूपा खड़े होकर गौतम को गले लगा लेती है और उसके होंठों को खा जने की नियत से अपने होंठो में भर लेती है मगर गौतम उसके चुम्बन का जवाब उसके खुले हुए चुचे पर खड़े निप्पल्स को मसलकर देता है..
रूपा - वापस कब आओगे?
गौतम - पता नहीं..
रूपा - क्यू? मैं पसंद नहीं आई मेरे नन्हे मेहमान को?
गौतम - पसंद तो बहुत हो पर मेरे पास पैसे नहीं है ना.. मुझे तो रात को मेरा दोस्त लेके आया था यहां..
रूपा - अच्छा ज़ी तो ये बात है.. रूपा कहते हुए अपने गले में से सोने की चैन निकालकर गौतम को के गले में पहना देती है और पर्स में से कुछ पैसे निकालकर उसकी जेब में रख देती है.. और आगे कहती है.. और तो कोई बात नहीं है ना..
गौतम - पर मैं तुमसे ये सब नहीं ले सकता..
रूपा - चुप करो.. रातभर जो तुमने मुझसे प्यार किया है उसका इनाम है ये.. अब बताओ अगली दफा कब आओगे?
गौतम - इस हफ्ते मुमकिन नहीं है अगले हफ्ते ट्राय करुंगा आने की..
रूपा - तब तक क्या मैं इंतज़ार करती रहूंगी मेरे नन्हे मेहमान का?
गौतम - तो तुम आ जाना.. सिटी में काफी जगह है मेरे पास मिलने की..
रूपा - तो कल मैं तुम्हे सिटी आकर फ़ोन करुँगी..
गौतम - ठीक है..अब मैं चलू?..
रूपा - जाने देने का मन तो नहीं है.. पर जाओगे तभी तो लौटकर आओगे..
गौतम - बाए... कहते हुए गौतम रूपा के रूम से बाहर आ गया और काजल के रूम की तरफ चला गया जहा आदिल गहरी नींद में सो रहा था..
गौतम - ये कब से सो रहा है?
काजल - दो घंटे हो गए.. काजल ने बालों में कंघी करते हुए कहा.. उसे देखकर लग रहा था वो अभी नहाकर आई है..
गौतम - अबे ओ कबाड़ी की औलाद.. उठ साले..
आदिल - कौन है बे..
गौतम - तेरा असली बाप.. चल यहां से..
काजल - सो लेने दो सुबह आठ बजे तक कोई कुछ नहीं बोलेगा..
आदिल वापस मुंह तकिये में घुसाके सो गया और गौतम आदिल को एक नज़र देखकर काजल को देखने लगा.. अभी सुबह के साढ़े छः बजे थे..
काजल - क्या हुआ? ऐसे क्या देख रहे हो? वैसे तुम दोनों स्कूल में हो या कॉलेज में? इतनी सी उम्र में यहा आने में डर नहीं लगता?
गौतम ऊपर से नीचे तक काजल के बदन को घूरता है और उसकी छाती से लेकर गांड का मुआईना करने के बाद उसका हाथ पकड़कर बाथरूम में ले जाता है और आधे घंटे बाद निकलता है पीछे काजल लगड़ती हुई दिवार के सहारे बाहर आती है..
काजल - बेटा थोड़ा प्यार से नहीं कर सकता था फाड़ के रख दी मेरी चुत तूने.. गधे का लंड लेके घूम रहा है..
गौतम - ज्यादा मत बोल वरना वापस घोड़ी बना लूंगा.
काजल - बना ले लल्ला.. मैं कोनसी घिसके आधी हो जाउंगी..
गौतम - अबे दल्ले उठ ना..
आदिल - क्या हुआ?
गौतम - तेरे अब्बू का फ़ोन आया था रात को तेरी अम्मी चुद गई कबाड़ी की दूकान में गांडु.. चल यहां से अब. गौतम आदिल को लेकर कोठे से बाहर आ जाता है और घर चल देता है.. आदिल को घर छोड़कर गौतम अपने घर के लिए निकल जाता है..
बहुत ही कामुक गरमागरम और जबरदस्त अपडेट है गौतम को देखकर रूपा का मातृत्व भाव जाग गया है गौतम में उसे अपना बेटा नजर आने लगा है अगर उसकी शादी हो गई होती तो गौतम जैसा बेटा होता रूपा ने अपनी एक इच्छा पूरी कर ली है गौतम ने मम्मी कह कर चुदाई की है रूपा पूरी तरह गौतम से जुड़ गई है रूपा ने दुबारा गौतम को बुलाने के लिए पैसे भी दे दिए हैं आदिल को कबाड़ी वाला कहकर बुलाना बहुत ही शानदार लगता है काजल की हालत खराब कर दी है बाबा ने गौतम को वो दे दिया है जिसे उसने मजाक में मांगा था
Pehla toh laga tha rupa k koi maksad h gugu ka lia...par sach main voh usse pyaar karti h...lekin jab suman ko pata chalega ki madhuri aur rupa pregnant h tab kya bawal hoga