Aa Update, Jabardas Update kahana vi kam hoga...Update 48
जंगल के खंडर के जिस कमरे में गौतम औऱ सुमन ने हरिया औऱ मंजू को चुदाई करते हुए देखा था वहां अब हलकी सी सफाई कि जा चुकी थी.. एक खाट किसी ने लाकर रख दी थी जिसपर एक रुई का गद्दा भी पड़ा था औऱ साथ में एक फोल्डबल टेबल भी साइड में थी जिस पर शराब की एक बोतल सिगरेट के पैकेट लाइटर औऱ पानी की बोतल रखी हुई थी..
ये सब आज सुबह गौतम ने ही इस कमरे में रखे थे औऱ अब वो अपनी माँ को भी अपने साथ लेकर खंडर के बाहर आ चूका था औऱ गौतम सुमन का हाथ पकड़ कर उसे खंडर के अंदर ले आया.. सुमन को डर लग रहा था मगर गौतम के साथ में होने से उसका डर काफूर भी हो रहा था.. गौतम ने सुमन को अपनी गोद में उठा लिया औऱ सीढ़ियों से खंडर के ऊपरी मंज़िल पर आ पंहुचा..
सुमन के मन में इस वक्त अजीब अजीब ख्याल चल रहे थे और उसके बदन में सुरसुरी कौंध रही थी.. सुमन का दिल जोरो से धड़क रहा था और आने वाले पलों की कल्पना करके काम वासना के भाव से भरी जा रही थी.. सुमन की आंखों के सामने गौतम का चेहरा था जिसे वह बड़ी प्यार से देख रही थी और अपने हाथ से उसके प्यारे मुख को सहला भी रही थी..
सुमन को पता नहीं था कि गौतम के मन में क्या चल रहा है.. गौतम आज किसी भी कीमत पर सुमन को पा लेना चाहता था और इस नियत से वह सुमन को अपनी गोद में उठा खंडर के इस कमरे पर आ रहा था जहाँ उसने सारी तैयारी कर रही थी.. गौतम ने अपने सुहाग दिन को मनाने के लिए पूरा प्रबंध किया हुआ था..
गौतम ने सुमन को लाकर कमरे में बिछी उसी खत पर पटक दिया औऱ शराब कि बोतल खोलकर सुमन औऱ खुद के लिए एक एक पेग बना दिया..
गौतम पेग देते हुए - लो माँ..
सुमन पेग लेकर - यहां इस खंडर में करोगे अपनी ख्वाहिश पूरी?
गौतम पेग पीकर अपने लिए दूसरा पेग बनाते हुए - यहां तु खुलकर चीख-चिल्ला सकती है सुमन.. तेरी आवाजे सुनकर यहां कोई नहीं आएगा.. औऱ तु मुझसे बचकर कहीं भाग भी नहीं पाओगी..
सुमन पेग पीते हुए - मैं क्यों भागने लगी भला.. मैं भी अब तेरे साथ हर हद पार करना चाहती हूँ..
गौतम दूसरा पेग ख़त्म करके एक सिगरेट सुलगा लेता है औऱ सुमन अपना पहला पेग ख़त्म कर देती है.. गौतम सुमन के करीब खाट पर बैठ कर अपना एक हाथ सुमन के गले में डालकर उसका चुचा पकड़कर मसलते हुए सिगरेट के कश लेता हुआ कहता है..
गौतम - एक बात सच सच बतायेगी सुमन?
सुमन गौतम से सिगरेट लेकर कश मारती हुई - पूछ ना मेरी जान.. जो तुझे पूछना है.. आज तेरी माँ नहीं शर्माने वाली.. मेरे चुचे 34 कमर 28 गांड 36 है..
गौतम सुमन के निप्पल्स मरोड़ता हुआ - मेरा असली बाप कौन है?
सुमन सिसकती हुई - आह्ह.. गौतम.. ये तू केसा सवाल कर रहा है.. जगमोहन तेरा बाप है..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ वापस सुमन के चुचे पर उभरा हुआ चुचक मसल देता है औऱ बोलता है - सुमन मै मज़ाक़ नहीं कर रहा.. सच सच बता.. मेरा असली बाप कौन है?
सुमन दर्द से - अह्ह्ह्ह.. ग़ुगु मरोड़ मत मेरी निप्पल्स.. औऱ तू अचानक कैसी बात कर रहा है.. औऱ क्या बेतुका सवाल पूछ रहा है...
गौतम सिगरेट का कश लेकर सिगरेट फर्श पर फेंककर अपने जूते से बुझा देता है औऱ सुमन को धक्का देकर खाट पर पीठ के बल लिटाता हुआ उसके ऊपर चढ़कर उसके बालो को अपनी मुट्ठी में भींचकर पकड़ते हुए कहता है - मुझे चुतिया समझा है माँ तूने? चुपचाप मुझे मेरे असली बाप का नाम बता दे.. वरना आज चोदने के बाद तुझे हमेशा के लिए अकेला छोड़ जाऊँगा..
सुमन हैरानी परेशानी औऱ फ़िक्र से भरी हुई - ग़ुगु तू क्या बोले जा रहा है बेटा.. तू जो बोले रहा है मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा..
गौतम गुस्से में एक जोरदार तमाचा सुमन के गाल पर मार देता है औऱ कहता है - अब समझ आया तुझे रंडी? बंद कर अपना ये संस्कारी बनने का ढोंग.. मुझे पता चल गया तू कितनी बड़ी रांड रह चुकी है..
सुमन अपने गाल पर हाथ लगा कर - बेटा.. मैं सच कह रही हूँ तेरा बाप जगमोहन ही है..
गौतम हलके नशे में थोड़ा पीछे होता है औऱ सुमन की साडी का पल्लू हटाकर सुमने के चुचो पर अपने दोनों हाथ रखकर ब्लाउज को कस के पकड़ता है औऱ इतना जोर से खींचता है कि सुमन कि छाती पर से उसका ब्लाउज एक बार में फटकार अलग हो जाता है औऱ साथ में ब्रा भी उतर जाती है..
गौतम सुमन के दोनों चुचो को अपने दोनों हाथों के पंजो में पकड़कर दबा दबा के मसलते हुए - अब तो सच बोल दे रंडी.. मैं जान गया हूँ जगमोहन मेरा बाप नहीं है औऱ ना ही वो किसी औऱ का बाप बन सकता है.. ना ही कभी बन सकता था.. वो शुरु से बाप बनने के काबिल नहीं था.
सुमन गोतम को हैरानी से देखती हुई सिसक कर - गौतम तुझे कैसे..
गौतम सुमन के तनकर खड़े हुई चुचक को मुंह में लेकर चूसता हुआ - मुझे कैसे पता? तू यही सोच रही है ना सुमन.. आज मुझे बहुत कुछ पता चला है तेरे बारे में.. अब मुझे सच सच बता कौन है मेरा असली बाप?
सुमन गोतम के चेहरे को पकड़कर उसके होंठ पर अपने होंठ रखते हुए चूमती हुई - छोड़ ना गौतम.. अब क्या फर्क पड़ता है.. सालों पहले की बात है..
गौतम सुमन में बाल पकड़कर उसके होंठों को अपने होंठों से अलग करता हुआ उसकी आँखों में देखकर कहता है - फर्क पड़ता है माँ.. तू शादी से पहले जिस जिस के नीचे लेटी है मुझे उनसे कोई मतलब नहीं है.. बस तू इतना बता दे उनमे से मेरा बाप कौन था?
सुमन गौतम के हाथों से अपने बाल छुड़ाकर वापस उसके होंठों पर टूट पडती है औऱ गौतम को चूमती हुई कहती है - उन सब बातों का अब क्या फ़ायदा मेरे शहजादे.. देख तेरी माँ आज तुझे पूरी तरफ से अपनाने को तैयार है.. कर ले अपने मन कि हर ख्वाहिश पूरी बेटा.. होजा मेरे साथ एक जिस्म दो जान..
गौतम फिर से सुमन के होंठों से अपने होंठ हटाते हुए - मुझे जानना है माँ.. कि कौन था वो जिसने तेरी टाँगे चौड़ी करके तेरी चुत में लंड घुसाकार अपना माल तेरी चुत में झाड़ा जिसके करण तूने मुझे अपनी चुत से निकला..
सुमन अपनी साडी निकालकर पटीकोट का नाड़ा खोलती हुई - गौतम तू कैसी बातें लेकर बैठ गया.. आज तेरा औऱ मेरा पहला मिलन है.. देख तेरी माँ ने तेरे लिए आज अपनी चुत के सारे बाल शेव करके चुत को कितना चिकना कर दिया है...
गौतम सुमन के मुंह पर थूक देता है औऱ कहता है - हट माँ.. अगर तू मुझे उस आदमी का नाम नहीं बतायेगी तो तुझे चोदने से अच्छा है मैं कोठे पर कोई रंडी चोद लु..
सुमन गौतम का थूक चेहरे से साफ करके मुंह में भर लेटी है औऱ गटकते हुए गौतम का शर्ट खोलती हुई कहती है - मुझे कोठे की रांड समझकर ही चोद ले ग़ुगु.. मैं कोनसी कुछ कह रही हूँ.. तू तो फालतू की ज़िद पकड़ कर बैठ गया.. अब इतने साल बाद क्या मतलब इन बातों का..
गौतम शर्टलेस होकर उठकर कमरे की खिड़की से बाहर जंगल की तरफ देखने लगता है औऱ सुमन से कहता - मुझे मेरे असली बाप का नाम तक नहीं पता औऱ तू कहती है मैं फालतू की ज़िद पकड़ कर बैठा हूँ..
सुमन टेबल पर रखी शराब की बोतल से एक पेग बनती है औऱ पेग के साथ सिगरेट लाइटर हाथ में लेकर गौतम के पास आती है.. - नाम जानने से क्या हो जाएगा गौतम.. हम अब तक जैसे जी रहे थे वैसे ही जी सकते है ना.. तू कब से मेरे पीछे पडा था.. अब जब मैं तैयार हूँ तो तू ऐसे कर रहा है.. ये कहते हुए सुमन ने पेग गौतम के हाथ में दे दिया औऱ उसके होंठों पर एक सिगरेट लगाकर जलाते हुए अपने घुटने पर आ बैठी.. सुमन गौतम की जीन्स का हुक खोलकर उसके लंड को चूमने लगी..
गौतम सिगरेट का कश लेकर पेग पिने लगा औऱ फिर अपने आगे घुटनो पर बैठकर अपने लंड ओर चुम्मिया बरसाती हुई होनी माँ सुमन को देखता हुआ बोला - मैं तुझे औऱ कुछ नहीं कहूंगा सुमन.. तू बस मुझे इतना बता दे की मैं किसके लंड की पैदाईश हूँ?
सुमन लंड पर चुम्मियो की बरसात करने के बाद लंड को मुंह में भरती हुई - आज क्या हुआ है तेरे लंड को गौतम? इतनी चुम्मिया करने औऱ हिलाने के बाद भी खड़ा नहीं हो रहा..
गौतम पेग ख़त्म करके गिलास एक तरफ रख देता है औऱ सिगरेट का लम्बा कश खींचकर सुमन के बाल पकड़कर उसे खड़ा करके उसके मुंह पर सिगरेट का धुआँ छोड़ते हुए कहता है - जब तक इसे अपने बाप का नाम नहीं पता चलता ये खड़ा नहीं होने वाला.. समझी सुमन.. अब बता कौन है मेरा बाप? क्या वो बाबा मेरा असली बाप है जिसके पास जाकर तू कुछ ना कुछ मांगती रहती है..
सुमन हिचकती हुई - गौतम.. बाबाजी के साथ मेरा कोई रिश्ता नहीं रहा..
गौतम सिगरेट का कश लेकर सिगरेट खिड़की से बाहर फेंक देता है औऱ सुमन की चुत को अपनी मुट्ठी में पकड़कर मसलते हुए कहता है - रिश्ता कैसे नहीं रहा? उसने तुझे नंगा नहीं किया था रातों में? तेरी इस चुत में लंड तो उसका भी जा चूका है.. मैं जान चूका हूँ की बच्चे की मन्नत लेकर आई हर औरत को बाबाजी औऱ उसका साथी किशोर रात रात भर होने बिस्तर में चोदते है.. तुझे भी चोदा होगा ना वहा किसीने जब तू बच्चे की मन्नत लेकर वहा गई थी..
सुमन सिसकियाँ लेती हुई गौतम को बाहों में भरकर उसे चूमती हुई - नहीं मेरे शहजादे.. अह्ह्ह्ह... मैं तेरी कसम खाती हूँ.. मैं उस पहाड़ी पर बाबाजी के बिस्तर में नंगी जरुर हुई थी मगर वक़्त रहते मैंने अपना इरादा बदल लिया था औऱ मैं बीना चुदे ही वहा से वापस आ गई थी..
गौतम सुमन को चूमता हुआ खाट में आ जाता है औऱ उसके चुचो का मर्दन करता हुआ कहता है - वहा नहीं चुदी तो कय हुआ माँ? संजय मामा ने तो तुझे शादी के बाद भी बहुत बार चोदा था.. क्या मैं उसकी चुदाई से पैदा हुआ हूँ?
सुमन गौतम का लंड पकड़कर अपनी चुत पर रगडती हुई - नहीं बेटा.. तेरे मामा ने मेरी शादी के बाद कभी मेरी चुत में अपना माल नहीं झाड़ा.. तू तेरे मामा का बेटा नहीं है ग़ुगु..
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गौतम सुमन के चुचो को दांतो से खींचता हुआ चूसता है औऱ सुमन की आँखों में देखकर कहता है - तो क्या मैं तेरे उस पुराने आशिक विजय का बेटा हूँ, जो तुझे सिनेमा दिखाने के बाद अपने दोस्त कमल की पंचर की दूकान में लेजाकर चोदता था.. जिससे तू अब इतने सालों बाद फिर से इंस्टा पर बात करने लगी है..
सुमन गौतम का लंड चुत पर रगढ़ते हुए चौंककर - गौतम तुझे कैसे पता मैं इंस्टा चलाती हूँ औऱ विजय से बात करने लगी हूँ?
गौतम सुमन की गर्दन चाटता हुआ - पूराना अकाउंट डिलीट करके नया बना लेने से तुझे क्या लगा.. मुझे आता नहीं चलेगा.. शर्मीली सुमन नाम से अकाउंट बनाया है ना तूने नया.. उसपर अपनी चिकनी कमर की फोटो डालने से तुझे क्या लगा मुझे पता नहीं चलेगा? माँ.. तेरी कमर के तिल ने मुझे बता दिया कि ये तेरा अकाउंट है.. मैंने तेरे फ़ोन में इंस्टा के पास देखकर अपने फ़ोन में तेरा अकाउंट खोला था सुबह.. औऱ जिस जिस से तूने जो जो बात कि है सब पढ़ ली..
सुमन शर्माते हुए - गौतम तूने ऐसा क्यों किया.. मुझे शर्मिंदा करने से तुझे क्या मिल जाएगा.. मैं तेरी सगी माँ हूँ क्या ये तेरे लिए काफी नहीं?
गौतम सुमन की टाँगे चौड़ी करके उसके चुत के दाने को चूमकर होंठों से खींचता हुआ - मुझे बस अपने बाप का नाम जानना है सुमन.. अगर तू मुझे उसका असली नाम बता देगी तो मैं वादा करता हूँ.. मैं अपने ईस लंड की छत्रछाया मैं तुझे हमेशा सुखी रखूँगा.. बता सुमन कौन है मेरा असली बाप? क्या वो विजय का दोस्त कमल है? जो विजय के चोदने के बाद तेरी चुदाई करता था..
सुमन गौतम का सर पकड़कर अपनी चुत में घुसाती हुई - नहीं.. गौतम.. वो ना विजय है ना कमल..
गौतम जोर जोर से सुमन की चुत चाटता हुआ - तो बता ना रंडी.. वो कौन है? कौन है मेरा असली बाप?
सुमन का बदन अकड़ने लगता है औऱ वो गौतम के मुंह में झड़ते हुए एक नाम लेती है - वो तेरे चाचा है गौतम.. बृजमोहन..
गौतम के मुंह पर सुमन की चुत से जबरदस्त पिचकारी की धार निकलकर पडती है औऱ गौतम का सारा मुंह सुमन के पानी से भीग जाता है..
सुमन झड़ने के बाद तेज़ तेज़ सांस लेती हुई सिसकियाँ लेकर - वो तेरा चाचा है गौतम.. तेरा चाचा ही तेरा असली बाप है..
गौतम सुमन की चड्डी से अपना चेहरा साथ करता हुआ - बृजमोहन..
सुमन शरमाते हुए पछतावे से - हाँ गौतम हां.. बृजमोहन.. वही है तेरा असली बाप..
गौतम खाट से खड़ा होकर पानी की बोतल से पानी पीते हुए सुमन को देखकर - मुझे सारी बात बता माँ.. उसने कब औऱ कैसे क्या क्या किया तेरे साथ...
सुमन - वो सब जानकर तू क्या करेगा बेटा.. रहने दे उन बातों को..
गौतम वापस खाट पाकर सुमन की टाँगे चौड़ी करके चुत के छेद लड़ लंड टिका कर दबाव बनाते हुए - मुझे सब जानना है माँ.. तेरे साथ उसने कब कब औऱ क्या क्या किया है..
सुमन गौतम के लंड को चुत के अंदर लेने के लिए पकड़ लेती है चुत में घुसाने लगती है जिसमे उसे बहुत दर्द भी होने लगा था
सुमन सिसकियाँ लेती हुई - बता दूंगी बेटा.. सबकुछ बता दूंगी.. अब तुझसे छीपा कर करुँगी भी क्या?
फूलों का लेप लगाने से सुमन की चुत सिकुड़ चुकी थी और उसे गौतम का मोटा लंड लेने में बहुत तकलीफ होने लगी थी सुमन अभी तक केवल लंड का टोपा ही अपनी चुत में घुसा पाई थी कि उसकी आहे निकलने लगी वो तेज़ सिसकियाँ लेने लगी और किसी कुंवारी की तरह मचलने लगी..
सुमन को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक उसे यह क्या हुआ है और वह कैसे इतनी सिकुड़ी हुई चुत की मालकिन बन गई है.. गौतम ने अपनी पूरी कोशिश और दबाव डालते हुए सुमन की सिकुड़ चुकी चुत में अपने लंड को टोपे से थोड़ा आगे औऱ प्रवेश करवा दिया औऱ सुमन के चेहरे पर आते कामुकता औऱ दर्द से भरपुर भावो को देखने लगा.. जिसमे उसे अद्भुत आनंद आ रहा था.. गौतम सोच रहा था ईसी योनि से सालों पहले दो बच्चे निकल चुके हैं लेकिन अभी यह योनि कितनी टाइट है और लेप लगाने के बाद कितनी सिकुड़ चुकी है..
सुमन सिसकियाँ भरती हुई - आराम से गौतम बहुत दर्द हो रहा है.. पता नहीं कैसे इतनी सिकुड़ गई..पता नहीं कैसे तेरे इतने बड़े लंड को अंदर ले पाऊँगी..
गौतम सुमन को देखता हुआ - माँ मुझे माफ़ कर दो..
सुमन - क्यों बेटा.. तूने कोनसी गलती कर दी जो तू माफी मांग रहा है.. सारी गलती तो मेरी है..
गौतम - गलती की नहीं माँ.. करने वाला हूँ..
सुमन - कैसी गलती गौतम..
गौतम ने एक हाथ सुमन की गर्दन के नीचे लेजाकर उसका कन्धा पकड़ लिया औऱ दूसरे हाथ से सुमन की गांड औऱ पूरी ताकत से एक धमाकेदार झटके के साथ अपने लंड को सुमन की चुत के अंदर पूरा जड़ तक घुसेड़ दिया जिससे सुमन की चुत में गौतम का पूरा लंड घुस गया औऱ खून की कुछ बुँदे चुत से निकल कर बह गई.. इसीके साथ सुमन के गले से इतनी जोर से चीखे निकली की खंडर से दूर दूर तक हवा में उसकी आवाज सुनाई दे जा रही थी.. गौतम के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी औऱ सुमन के चेहरे पर दर्द शिकायत औऱ रहम की उम्मीद करती आँखों के साथ दया के भाव.
सुमन गुस्से औऱ दर्द से चिल्लाते हुए गौतम के गाल पर थप्पड़ मारती हुई - गौतम मादरचोद..
गौतम सुमन के दोनों हाथ पकड़कर सुमन के होंठों पर अपने होंठ रखकर उसका मुंह बंद करता हुआ - सुमन बेटाचोद..
सुमन की चुत में गौतम का लंड बच्चेदानी तक घुसा हुआ था औऱ उसके दोनों हाथ गौतम ने अपने हाथों से पकड़कर सर के ऊपर कर दिए थे.. उसके होंठों पर भी गौतम ने अपने होंठ चिपका दिए थे.. सुमन की आँखों से आंसू की बुँदे निकल कर बह रही थी.. गौतम सुमन की आँखों में रहम औऱ शिकवे के उठते भाव देख सकता था..
गौतम अब प्यार से सुमन के होंठ चूमने लगा था औऱ मगर फिर भी सुमन गौतम का साथ नहीं दे रही थी औऱ गौतम के होंठो की क़ैद से बार बार अपना मुंह इधर उधर घुमाकर अपने होंठों को रिहा करवा रही थी.
गोतम अपनी माँ की इस हरकत पर मुस्कुराते हुए उसे देख कर बार बार उसके होंठों को अपने होंठों में भरकर चुमने की कोशिश कर रहा था औऱ बार बार सुमन गौतम के होंठों से अपने होंठ छुड़वा रही थी.. सुमन जब मुंह घूमती तो गौतम उसके गाल औऱ गर्दन पर चुम लेटा औऱ प्यार से जीभ निकालकर चाट लेटा..
सुमन को अब इस छेदखानी में हल्का मीठा सा मज़ा आने लगा था औऱ उसकी चुत में घुसा हुआ गौतम का शैतानी लड उसे पहले की तुलना में कम दर्द दे रहा था.. 10-15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा औऱ गौतम सुमन के होंठों के बीच की जंग जारी रही जिसमे बार बार गौतम को सुमन से हार का सामना करना पड़ रहा था.
अब गौतम मुस्कुराते हुए सुमन को देखकर उसे छेड़े जारहा था जिससे सुमन को भी अच्छा लगने लगा था..
गौतमप्यार से - इतने नखरे? लगता है मेरी माँ को बहुत गुस्सा आ रहा है मेरी ऊपर..
सुमन गौतम की बात पर अपने हाथ गौतम के हाथों से छुड़वा कर गौतम के चेहरे को पकड़ लेती है औऱ गौतम के होंठों को अपने होंठों में भरके चूमती हुई दांतो से इतना जोर से काटती है की गौतम की आह्ह निकल जाती है औऱ वो दर्द से चीख उठता है औऱ कहता है..
गौतम - तेरी माँ को चोदू.. खा जायेगी क्या? दर्द होता है ना..
सुमन वापस गौतम के होंठ चूमते हुए - सिर्फ तुझे ही दर्द होता है क्या.. रंडी की औलाद.. एक झटके में इतना बड़ा लंड घुसाया है मेरे दर्द नहीं होता क्या? मेरी चुत से खून निकाल दिया तूने..
गौतम चुत से निकला हुआ खून जो गौतम औऱ सुमन की कटी हुई साफ झांटो पर लंड औऱ चुत के मिलन के आसपास चिपचिप कर रहा था, उसे ऊँगली में लगाकर सुमन के मांग में भर देता है औऱ कहता है - इसी खून से मैं तेरी मांग भर रहा हूँ माँ.. आज से तू मेरी हुई.. मुझे ख़ुशी है मेरी दुल्हन कुंवारी निकली.. आज से तेरी चुत पर सिर्फ मेरा हक़ है सुमन..
सुमन का दर्द अब बहुत कम हो चूका था औऱ मीठा मीठा अहसास हुए होने लगा था.. पिछले 20 मिनट से गौतम का लंड उसकी चुत में पूरा घुसा हुआ था औऱ गौतम उसके ऊपर लेटा हुआ था..
सुमन गौतम होंठ दांतो से खींचकर चूमती हुई अपना मगलसूत्र उतारकर उसे देती हुई - मांग तो भर दी तूने मेरी शहजादे.. मगलसूत्र भी पहना दे..
गौतम मगलसूत्र पहनाता हुआ - शादी मुबारक हो माँ..
सुमन - अब बेटा.. इस हालत में मैं तेरे पैर छूकर तेरा आशीर्वाद कैसे लूँ?
गौतम - चुदाई के बाद पैर छू लेना माँ.. मैं नहीं रोकूंगा.. अब बताओ मुझे वो सब कुछ.. जो तेरे औऱ चाचा के बीच हुआ था.. एक भी बात मुझसे मत छुपाना..
सुमन - मेरी चुत में लंड घुसा के तू मुझसे मेरी चुदाई की कहानी सुनेगा? मुझे शर्म आएगी बेटा..
गौतम सुमन के निप्पल्स से छेड़खानी करता हुआ - पति पत्नी में शर्म अच्छी बात नहीं है माँ.. जो हुआ था वो साफ साफ औऱ खुलके कहो.. मैं सुनने को बेताब हूँ..
सुमन - एक पेग पीके बताती हूँ.. एक बार निकाल ले..
गौतम खाट से थोड़ा दूर रखी टेबल को हाथ बढाकर अपने करीब खींचता है औऱ सुमन से कहता है - लंड नहीं निकलेगा माँ.. पेग मैं यही से बना देता हूँ..
गौतम पेग बनाकर सुमन को पीला देता है.. सुमन पेग पीके एक सिगरेट अपने होंठों पर लगा लेती है औऱ लाइटर से सुलगाते हुए पहला लम्बा कश लेकर धुआँ छोड़ते हुए कहती है..
सुमन - तो सुन मेरे शहजादे.. मैं आज तुझे वो बात बता देती हूँ जो अबतक किसी को नहीं पता.. तेरे चाचा बृजमोहन को भी नहीं..
गौतम - क्या? चाचा को भी नहीं पता मतलब?
सुमन - हाँ गौतम.. तेरे चाचा भी नहीं जामते कि तू उनका बेटा है..
गौतम - ये कैसे मुमकिन है माँ.. चाचा को भी नहीं पता कि मैं उनका बेटा हूँ..
सुमन - हुआ ही कुछ ऐसा था गौतम.. पता नहीं इसमें किसका दोष था..
गौतम - मुझे साफ साफ पूरी कहानी शुरुआत से बताओ माँ.. क्या हुआ था?
सुमन सिगरेट का अगला कश लेकर - बात तेरे पैदा होने से 9 महीने पहले की है जब मेरी शादी को 3 साल हो चुके थे औऱ मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ था.. सब मुझे बाँझ समझने लगे थे मगर मैं जानती थी कि कमी मुझमे नहीं है क्युकी ऋतू भी मेरी ही कोख से जन्मी थी.. लेकिन फिर भी मैं सबकी बातें सुनकर बाबाजी के पास एक औलाद की मन्नत लेकर आने लगी.. औऱ हर तरह एक बच्चा पैदा करने के जतन करने लगी.. फिर एक दिन वो हुआ जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी..
सवान के बाद भादो ने गाँव की उस धरती को बारिश की तेज़ तर्रार बूंदो से सराबोर कर रखा था शाम के वक़्त की बात थी जब जगमोहन तेरे दादा के साथ खेत की जुताई के लिए खाद लेने गया था औऱ बारिश का पानी भर जाने से आने जाने वाला रास्ता पानी के भराव से बंद हो चूका था औऱ जगमोहन तेरे दादाजी के साथ वही फंस गया था.. तेरी दादी पड़ोस के गाँव में तेरी दादी हेमा की मुंह बोली बहन माला के यहां उसके बेटे के लगन में गयी थी औऱ वो भी बारिश के करण वही फंस गई थी.. मानसी की तबियत खराब थी और वो गलती से मेरे कमरे में आकर सो गई थी..
मौसम की बरसात, ठंडी बहती हवा औऱ जोबन का बाईसवा साल.. मेरा अंग अंग नई तरंग से भरकर मुझे कामोतेजना में खींच रहा थ.. मैं उस वक़्त मेरे शरीर की आग बुझाना चाहती थी.. शाम से रात का समय हो चला था अमावस की रात में घर के कई कोनो में मैंने दिए जला के रख दिए थे.. लाइट का कोई नामो निशान नहीं था. मैं तेरे चाचा बृजमोहन के कमरे में दिया रखने गई थी कि तभी बाहर से मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी औऱ मैं इससे पहले की पीछे देख पाती किसीने मुझे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया. मेरी हाथ से दिया नीचे गिरकर बुझ गया था औऱ अब कमरे में अंधेरा ही अंधेरा था.. अमावस की उस काली रात में अन्धकार इस तरह फैला हुआ था जैसे दिल्ली की हवाओ में ज़हर...
मैं शराब की आती बू से समझ गई थी की ये ब्रिजमोहन ही है.. उसने मुझे सीधा बिस्तर पर लिटा दिया औऱ मेरी साडी ऊपर करके पीछे से उसने सीधा लंड मेरी चुत में डाल दिया औऱ कुछ देर चोदा.. वो नशे में धुत मुझे मानसी समझकर मुझे चोदे जा रहा था औऱ मैं काम भावना से भरी हुई चुपचाप उससे चुदे जारही थी.. मैं झड़ गई थी औऱ कुछ पलों में वो भी झड़ गया था.. नशे की हालत में बृजमोहन पूरी तरह उतर हुआ था औऱ मुझे चोदने के बाद वो बिस्तर पर ही उल्टा मुंह करके सो गया था.. उसे अँधेरे में ये भी नहीं दिखा कि जिसे वो मानसी समझ रहा था वो मानसी नहीं थी..
चुदने के बाद मैं वहा से बाहर आ गयी जब मौसम ठीक हुआ औऱ तेरे दादा दादी औऱ जगमोहन घर आये तो सब कुछ पहले की तरह ही था.. दिन बीतने लगे औऱ कुछ समय बाद मुझे एक दिन पता चला कि मैं पेट से हूँ.. फिर तू पैदा हुआ औऱ उसके 2 साल बाद कुसुम.. कुसुम के पैदा होने के छः महीने बाद ही हमने मीलकर तेरी औऱ कुसुम कि शादी करवा दी.. मगर फिर बटवारे का विवाद खड़ा हो गया औऱ हमें यहां आना पड़ा..
सुमन आखिरी कश लेकर मुंह से धुआँ छोड़ती हुई - बस गौतम.. यही सब हुआ था..
गौतम सुमन की गांड पकड़कर बिना लंड चुत से निकाले सुमन को खाट के बीच में लाते हुए - टाँगे चौड़ी कर ले माँ.. मैं शुरु कर रहा हूँ..
सुमन टाँगे फैलाती हुई - धीरे धीरे करना बेटा.. अभी भी दर्द बाकी है..
गौतम लंड को आधा बाहर निकालकर वापस अंदर डाल देता है औऱ अब ऐसे ही सुमन को चोदने लगता है..
गौतम चोदते हुए - आज किसी रहम की उम्मीद मत कर मुझसे सुमन..
सुमन खुलकर मादक सिसकियाँ भरती हुई - अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह.... अह्ह्ह्ह... गौतम.. आह्ह.. अह्ह्ह्ह... बेटा धीरे... अह्ह्ह्ह... गौतम... अह्ह्ह्ह अह्ह्ह.. आराम से बेटा.. अह्ह्ह्ह.. दर्द हो रहा है.. अह्ह्ह्ह... गौतम... अह्ह्ह्ह...
दिन के तीन बजे का समय था जब गौतम ने सुमन को खंडर के उस कमरे में चोदना शुरु किया औऱ खाट पर लेटाकर मिशनरी में सुमन की चुत की खुदाई शुरु कर दी.. गौतम पुरे जोश में धक्के पर धक्के मारता हूँ सुमन को चोद रहा था औऱ सुमन गौतम का लंड झेलती हुई किसी कुत्तिया की तरह उसके सीने में अपने नाख़ून गड़ाकर दहाड़े मार मार चिल्ला रही थी औऱ गौतम से आराम से चोदने की गुहार लगा रही थी मगर गौतम अपनी माँ को ऐसे चोद रहा जैसे वो कोई बाज़ारू रांड हो.. गौतम के मन कोई पछतावा औऱ दुख नहीं था वो आज सुमन की चुत पर अपने लंड की सील लगा देना चाहता था औऱ उसके लिए पूरी जोशओखरोश से सुमन को चोद रहा था..
मिशनरी पोज़ में गौतम के मारे हर एक झटके पर सुमन ऊपर से नीचे तक पत्ते की तरफ फड़फड़ाती हुई हिल रही थी औऱ चीखते हुए आह्ह कर रही थी....
गौतम चोदते हुए - औऱ जोर से चिल्ला माँ.. यहां तेरी कोई नहीं सुनने वाला..
सुमन चिल्लाते हुए - आराम से गौतम.. अह्ह्ह्ह.. अह्ह्ह्ह... माँ हूँ तेरी.. अह्ह्ह्ह... धीरे... आराम से..
गौतम सुमकी दोनों टांग अपने कंधे पर रखकर चुत में ताबड़तोड़ झटके मारते हुए - माँ के साथ दुल्हन भी तो है तू मेरी सुमन.. झटके तो ऐसे ही पड़ेगे तेरी चुत में मेरी जान.. जितना जोर से चिल्लाना है चिल्ला..
सुमन सिसकती हुई हाथ जोड़कर - अह्ह्ह्ह... गौतम.. भगवान के लिए.. आराम से बेटा.. मेरे वापस दर्द होने लगा है.. चुत में.. धीरे चोद मुझे.. धीरे चोद बेटा..
गौतम जब सुमन को हाथ जोड़ता देखता है तो वो सुमन के दोनों हाथ अपने हाथ में पकड़ लेता है औऱ जोर से पूरी रफ़्तार से झटके मारने लगता है जिससे सुमन कुतिया की तरह अह्ह्ह... अह्ह्ह.. करती हुई गला फाड़ फाड़ कर चिल्ला है.. औऱ गौतम को देखकर रोने जैसा मुंह बनाकर चुदती है..
सुमन - अब नहीं गौतम.. अब नहीं.. बहुत दर्द हो रहा है. अह्ह्ह्ह... छोड़ मुझे.. आराम से.. गौतम...
गौतम हाथ छोड़कर सुमन की चुत से लंड निकाल लेता है औऱ सुमन की गांड पकड़ कर उसे पलटकर खाट पर अपने आगे घोड़ी बना लेता है औऱ मजबूती से उसकी कमर थाम कर लंड वापस चुत में घुसा देता है जिससे वापस सुमन की आह्ह निकल जाती है.. इस बार चुत औऱ लंड के मिलन की मधुर आवाज से कमरा औऱ खंडर का कुछ हिस्सा गूंजने लगता है..
सुमन - अह्ह्ह.. गौतम.. अह्ह्ह्ह...
गौतम सुमन की कमर पकड़कर चुदाई के मीठे झटके मारता हुआ - अब मज़ा आ रहा है ना माँ? अब तो दर्द नहीं हो रहा ना तेरी चुत में?
सुमन घोड़ी बनी हुई - अह्ह्ह.. बेटा.. आह्ह... अह्ह्ह्ह.. गौतम आराम से... अह्ह्ह.. आराम से.. ऐसे ही.. धीरे धीरे... अह्ह्ह्ह...
गौतम - अब तो नहीं रोकेगी ना माँ मुझे अपनी इस चुत की सवारी करने से
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सुमन - नहीं ग़ुगु... तू ऐसे ही प्यार से करता रह बेटा.. बहुत मज़ा आ रहा है.. सालों बाद आ जाकर मुझे ठंडक मिल रही है.. अह्ह्ह्ह...
गौतम सुमन के बाल अपनी मुट्ठी में भींचकर पीछे से झटके मारते हुए - बहुतो को चोदा माँ.. पर तेरे जैसी कोई नहीं.. परफेक्ट अरेबियन घोड़ी है तू.. तेरी सवारी करने में लंड को मज़ा आ रहा है..
सुमन - ऐसे ही चोद अपनी माँ को घोड़ी बनाके गौतम.. आह्ह.. चोद मुझे..
गौतम सुमन की बात सुनकर चोदने की स्पीड बढ़ा देता है औऱ रफ़्तार से सुमन की चुत मारने लगरा है..
सुमन - अह्ह्ह.. गौतम.. आराम से दर्द हो रहा है आह्ह.. बेटा.. धीरे...
गौतम सुमन की बात नहीं सुनता औऱ झटके मारता हुआ सुमन के बाल खींचकर मज़े से उसकी चुदाई करता है औऱ सुमन अह्ह्ह करती हुई जोर से चिल्लाने लगती है..
सुमन - गौतम दर्द हो रहा है... आह्ह... धीरे कर.. अह्ह्ह.. आराम से कर गौतम...
गौतम सुमन के बाल छोड़कर उसकी कमर में हाथ डालकर आगे से उसका पेट पकड़ लेता है औऱ उसे अपने ऊपर लेते हुए खुद खाट पर पीठ के बल लेट जाता है औऱ सुमन की चुत में नीचे से धक्के पर धक्के मारते हुए उसकी चुत के दाने को रगडकर मसलने लगता है..
सुमन पूरी कामुकता की नदी में बहती हुई - अह्ह्ह्ह.. बेटा.. उम्म्म्म... अह्ह्ह्ह.... ऐसे ही... अह्ह्ह्ह... चोद गौतम.. उम्म्म्म... अह्ह्ह्ह... उह्ह....
गौतम - मज़ा आ रहा है ना माँ?
सुमन - बहुत मज़ा आ रहा है बेटा.. ऐसे ही चोद अपनी माँ..
गौतम सुमन के चुचे पर हाथ रखते हुए - माँ तेरे चुचे कितने तेज़ हिल रहे है..
सुमन - मेरे कहा है बेटा. अब सब तेरा है.. मेरा चुचा मेरी चुत औऱ मैं.. सब.. तेरी है...
गौतम रफ़्तार से झटके मारते हुए चुत के दाने को ऊँगली से तेज़ रगढ़ता है औऱ सुमन को चोदता है..
सुमन मादकता भरी सिस्कारी लेती हुई झड़ जाती है औऱ साथ में तेज़ तेज़ धार निकाल कर चुत से मूत भी देती है जिसमे गौतम का हाथ मूत से गिला हो जाता है औऱ उसका लंड बाहर निकल जाता है..
गौतम का लंड अब भी तनकर योद्धा की तरह खड़ा था औऱ सुमन झड़कर गोतम के सीने के ऊपर से हटकर खाट से उतरती हुई खड़ी होने की कोशिश में लड़खड़ा कर फर्श पर गिर जाती है औऱ खाट पकड़कर वापस खड़ी होने की कोशिश करने लगती है मगर बहुत जोर लगाने पर भी हिलती हुई टांगो से खड़ी होकर काँपती हुई खाट पर वापस बैठ जाती है.. चुदाई में लगी मेहनत औऱ बहे पसीने से शराब का नशा उतरकर पूरा हल्का हो चूका था..
सुमन गौतम को देखती हुई शिकायत भरी आवाज में - प्यार से भी तो कर सकता है तू..
गौतम शराब के दो लार्ज़ पेग बनाकर एक पेग सुमन को देदेता है औऱ दूसरा खुद पिने लगता है.. शराब का पेग ख़त्म होने के बाद गौतम फिर से सुमन को पकड़ लेटा है औऱ खड़ा होते हुए खाट से उतरकर सुमन को अपने आगे झुका लेता औऱ चुत में लंड घुसाकर हलके झटके मारता हुआ उसे चोदता हुआ खिड़की के पास ले आता है जहा से बाहर जंगल का नज़ारा दिख रहा था.. सुमन होने दोनों हाथ खींडकी की दिवार पर रख देती है औऱ पीछे से गौतम सुमन को वापस चोदने लगता है..
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सुमन - एक घंटा हो गया गौतम.. तूने मुझे चोद चोद कर थका दिया.. तेरा कब निकलेगा? अब तक मैं 2 बार झड़ चुकी हूँ.. तू कब झडेगा बेटा..
गौतम पीछे से झटके मारते हुए - इतनी भी क्या जल्दी है माँ.. कितना इंतजार किया है तेरी चुत का.. बहुत सब्र किया है मैंने.. चोदने दे आराम से मुझे...
सुमन - एक ही बार में चोद चोद कर मेरी चुत को ढीली कर देगा क्या?
गौतम सुमन को दोनों हाथ पकड़ कर लंड के झटके मारते हुए - ढीली हो गई तो टाइट करनी मुझे आती माँ.. तू चिंता मत कर.. मेरे लंड को तेरी चुत का नशा हो गया है.. अब ये किसी की बात नहीं सुनने वाला..
सुमन - अह्ह्ह्ह गौतम.. आराम से... अह्ह्ह्ह... उफ्फ्फ.. देख सामने पेड़ पर बन्दर हमें कैसे देख रहा है.. अह्ह्ह्ह...
गौतम सुमन को चोदते हुए बन्दर से चिल्लाकर कहता है - क्या देख रहा है साले.. माँ है मेरी... है ना सेक्सी? बिलकुल सनी लियॉन जैसी... देख साले मेरी माँ के चुचे पर ये टैटू.. है ना मस्त..
सुमन चुदते हुए हलकी सी हस्ती हुई - गौतम.. पागल हो गया क्या तू? बन्दर से क्या बात कर रहा है..
गौतम रफ़्तार में आता हुआ - जो तू सुन रही है माँ..
सुमन - अह्ह्ह्ह... आराम से गौतम.. दर्द होता है जब तू रफ़्तार से चोदता है.
गौतम सुमन के बाल खींचकर - आदत डाल ले माँ...
सुमन - अह्ह्ह.. रंडी की औलाद... धीरे.. आराम से..
गौतम सुमन को अपनी तरफ पलटकर गोद में उठाकर चोदता हुआ - तुझे रोज़ सपनो में इसी तरह गोद में उठा उठाके चोदता था माँ.. अब जाकर हुई है मेरी ख्वाहिश पूरी..
सुमन अपने दोनों हाथ गौतम के गले में डालकर नीचे से गौतम के झटके खाती हुई - पहली बार ऐसा मज़ा आ रहा है बेटा... अह्ह्ह.. मैं तो फिर से झड़ने वाली लगती हूँ.. अह्ह्ह्ह... अह्ह्ह्ह.. उफ्फ्फ.. अह्ह्ह...
गौतम - पसंद आया ना माँ तुझे मेरा लंड?
सुमन - मैं तो दिवानी हो गई बेटा.. तेरे लंड की.. अब तो तुझे हरदम खुश रखूंगी.. अह्ह्ह्ह... गौतम.. आई love you.. मेरे शहजादे...
गौतम - आई love you too मेरी शहजादी...
सुमन - अह्ह्ह.. गौतम मेरा होने वाला है वापस...
गौतम सुमन को खाट पर पटककर चोदता हुआ - बस माँ.. मैं भी झड़ने वाला हूँ.. आज तेरी चुत को मैं अपने वीर्य से इतना भर दूंगा कि नो महीने बाड़ तू मेरा बच्चा पैदा करेगी..
सुमन - भर दे मेरे शहजादे.. डाल दे होना माल होनी माँ की चुत में.. झड़ जा..
गौतम गाना गाता हुआ - माँ तेरी जांघो का पसीना बन गया तेल चमेली का.. ओ माँ तेरी जांघो का पसीना बन गया तेल चमेली का..
सुमन चुदवाते हुये हस्ती हुई गाती है - बेटा चोद दे अपनी माँ को खाके गुड़ बरेली का.. ओ बेटा चोद दे अपनी माँ को खाके गुड़ बरेली का..
गौतम - माँ तेरी मोटी मोटी गांड तू रांड बन जा कोठा पे.. ओ माँ तेरी मोटी मोटी गांड तू रांड बन जा कोठा पे..
सुमन - बेटा रांड भी बन जाउंगी तू आजा चोदने कोठे पे.. ओ बेटा रांड भी बन जाउंगी तू आजा चोदने कोठे पे..
गौतम चुत में लंड धीरे धीरे हिलता हुआ - माँ तू मत दबवाये बोबा ब्लाउज हो जाएगा टाइट रे.. ओ माँ तू मत दबवाये बोबा ब्लाउज हो जाएगा टाइट रे..
सुमन झड़ते हुए - बेटा तू मुंह लगा के चूस दे बोबा कर दे ढीला रे.. ओ बेटा तू मुंह लगा के चूस दे बोबा कर दे ढीला रे..
गौतम झड़ते हुए - माँ तेरी चुत में लंड घुसाते ही निकली पिचकारी की धार.. ओ माँ तेरी चुत में लंड घुसाते ही निकली पिचकारी की धार..
सुमन गौतम के होंठ पकड़कर चूमती हुई - चोद के अपनी माँ को तू खुश है ना मेरी यार..
गौतम सुमन की चुत में लंड डाल के लेटा हुआ - बहुत खुश माँ..
दिन के पांच बज चुके थे.. गौतम औऱ सुमन अब खाट पर एक साथ ऊपर नीचे लेटे हुए एकदूसरे को देख रहे थे..
सुमन - शाम होने वाली है गौतम.. अब घर ले चल मुझे..
गौतम - इतनी जल्दी क्या है माँ.. अभी वक़्त है..
सुमन - खंडर है बेटा.. कोई आ गया तो अनर्थ हो जाएगा..
गौतम - कुछ नहीं होगा माँ.. कोई नहीं आने वाला.. औऱ ये बार बार अपनी चुत को कपडे से ढकना बंद कर.. खुला छोड़ दे इसे..
सुमन चुत सहलाती हुई - कितनी बेरहमी से चोदा है तूने मेरी चुत को.. फूलकर लाल हो गई है बेचारी.. मैं तेरी कितनी परवाह करती हूँ मगर तुझे जरा भी तरस नहीं आता मुझपर...
गौतम शराब डालकर पेग बनाते हुए - आता है पर क्या करू माँ.. तेरे बदन का नशा ऐसा है कि बहक जाता हूँ..
सुमन सिगरेट उठाकर सुलगाती हुई कश लेकर - अभी तो तूने मुझे डेढ़ घंटा चोदा है औऱ वापस तेरा लंड खड़ा हो गया..
गौतम पेग पीकर सुमन के होंठों पर लगी सिगरेट का एक कश लेकर सिगरेट फेंक देता है औऱ सुमन की टांग फिर से चौड़ी करके लंड घुसाने लगता है...-
सुमन अजीब ओ गरीब हाव भाव चेहरे पर लाकर - गौतम अब नहीं.. बहुत दर्द होगा.. अब नहीं.. दुखेगा.. बेटा... अह्ह्ह्ह... गौतम.. अह्ह्ह्ह..
गौतम लंड घुसाके चोदना शुरु करते हुए - उफ्फ्फ माँ तेरा ये नखरा.. कहीं मेरी जान ही ना लेले..
सुमन - जान तो तू मेरी लेने पर तुला हुआ है.. मैंने हां क्या की तूने तो रंडी ही समझ लिया.. कैसे नॉनस्टॉप चोदे जा रहा है...
गौतम सुमन की कमर में एक हाथ डालकर उसे गोद में उठा लेता है औऱ खाट से खड़ा होता हुआ शराब की आधी खाली बोतल को दुसरे हाथ में उठाकर सुमन को लंड पर उछालकर चोदता हुआ शराब के घूंट लगाते हुए खंडर के उस कमरे से बाहर आ जाता है औऱ सीढ़ियों से ऊपर छत की ओर चला जाता है.. जहा खुले आसमान के नीचे गौतम नंगा अपनी नंगी माँ को अपने लंड पर उछाल उछाल कर चोदता हुआ शराब की बोतल से शराब के घूंट लगाता है..
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सुमन गौतम लंड पर उछलते हुए - अह्ह्ह्ह.. हे भगवान.. अह्ह्ह... उफ्फ्फ.. केसा बेटा पैदा किया है मैने.. मुझे रंडियो की तरह खुले में लंड पर उछालते हुए चोदकर शराब पी रहा है..
गौतम सुमन के सर पर बोतल से शराब ढ़ोलता हुआ बोतल खाली कर देता है ओर कहता है - माँ तूने मर्द पैदा किया है.. मर्द...
सुमन लंड पर उछलती हुई - हाँ हां.. अह्ह्ह.. मान गई तू मर्द है.. अह्ह्ह्ह.. अब चल यहां से..
गौतम खाली बोतल फेंक कर सुमन को लंड पर से नीचे उतार देता है मगर सुमन खड़ी भी नहीं हो पाती ओर गौतम का सहारा लेकर नीचे बैठने लगती है मगर गौतम सुमन को पलट कर अपने आगे झुका लेटा है ओर सुमन की गांड के चुत पर थूक लगा कर अपने लंड सेट करते हुए कहता है..
गौतम नशे में - आखिरी बार गांड कब मरवाई थी तूने?
सुमन अपनी गांड पर लंड महसूस करके गौतम को गांड चोदने से रोकने ही वाली होती है की गौतम उसकी कमर पकड़कर गांड के छेद में थूक लगाकर लंड का इतना जोरदार झटका देता है की लंड आधा गांड में घुस जाता है ओर सुमन पूरी ताकत से चिल्लाती है - गौतम मादरचोद...
सुमन की चीख सुनकर गौतम हसते हुए गांड में धक्के पर धक्का देकर चोदते हुए चिल्लाता है - सुमन बेटाचोद...
सुमन गांड मरवाते हुए - गौतम मेरी गांड के साथ खिलवाड़ मत कर...
गौतम नशे में - खिलवाड़ कहा कररहा हूँ माँ.. मैं चोद रहा हूँ.. गांड भी एक नम्बर है तेरी तो.. अह्ह्ह..
सुमन पूरी आवाज के साथ चिल्लाती हुई सिसकियाँ लेकर - अह्ह्ह्ह.. अह्ह्ह्ह.. गौतम.. नहीं.. अह्ह्ह.. गौतम.. छोड़ दे मेरी गांड..
गौतम - चोद के छोड़ दूंगा माँ.. क्यों परेशान हो रही हो..
सुमन - बहुत दर्द हो रहा है बेटा..
गौतम गांड में झेटके पे झेटके मारता हुआ - माँ तू मेरी लिए नहीं सह सकती थोड़ा दर्द..
सुमन गांड मरवाती हुई - तू बहुत बड़ा मादरचोद है गौतम..
गौतम गांड मारता हुआ - तूने ही तो मादरचोद बनाया है माँ.. अब तुझे तेरा ये मादरचोद मुबारक हो..
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शाम के छः बजने वाले थे ओर खंडर की छत ओपर गौतम सुमन की अच्छे से गांड मारके उसे लंड चूसा रहा था..
सुमन लंड चुस्ती हुई - कब निकलेगा तेरा.. चुत ओर गांड के बाद अब मुंह भी दुखने लगा है.... मुझे अब डर भी लगने लगा है यहां..
गौतम - डरने की क्या बात है सुमन? तेरा बेटा है ना तेरे साथ.. तू बस मेरी लंड की सेवा कर बाकी सब भूल जा...
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सुमन लंड को गले तक लेकर जोर जोर से चुस्ती हुई गौतम को देखती है ओर उसके आंड भी हाथ से सहलाती है जिससे गौतम झड़ने के मूंड में आ जाता है ओर सुमन के मुंह से अपना लंड निकलकर हिलाते हुए सुमन के मुंह पर अपने वीर्य की धार मार कर झड़ जाता है..
अपनी माँ के मुंह पर लंड से वीर्य के गाढ़ी पिचकारी की धार मारने के बाद गौतम थोड़ा ठंडा हुआ ओर उसने सुमन की एक चूची पकड़कर उसे खड़ा करते हुए अपने कंधे पर उठा लिया और खंडर की छत से नशे में झूलते हुए कदमो की साथ वापस उसी कक्ष में आ गया जहा चुदाई का शुभारम्भ हुआ था..
गौतम ने सुमन को खाट पर पटक दिया और सुमन खाट पर आते ही आस पास बिखरे अपने कपड़ो को समेटकर बिना खाट से उतरे एक तरफ करने लगी..
गौतम नशे में चूर था उसने अपना लंड अपने हाथ में थाम लिया और खाट पर बैठकर कपडे समेटती हुई अपनी माँ की मुंह पर लंड से निशाना लगाकर मूतना शुरु कर दिया..
गौतम की मूत की धार सीधी सुमन की माथे की बिंदिया पर पड़ी फिर उसके चेहरे की बाकी हिस्सों पर.. सुमन ने जब देखा की उसका बेटा एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर उसके ऊपर मूत रहा है वो कपड़ो को एक गिला होने की डर से एक तरफ रख देती है और अपने चेहरे से होकर अपने बदन पर पडती मूत की धार को अनदेखा करके आगे बढ़ते हुए अपने हाथ से गौतम का लंड पकड़ कर झट से अपने मुंह में भर लेती है और उसका मूत पिने लगती है...
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गौतम अपनी माँ की मुंह में मूत देता है और सुमन उसका मूत आसानी पी जाती है और पिने की बाद उसके लंड को साफ करके उसे कपडे देते हुए पहनने को कहती है और खुद भी पहनने लगती है..
सुमन फ़िक्र से - तूने ब्लाउज फाड़ दिया अब क्या पहनू मैं?
गौतम नशे में - आजकल ब्लाउज के साथ साड़ी नहीं पहनते माँ.. ब्रा के साथ पहनते है.
गौतम जीन्स शर्ट पहनकर सुमन की पास खाट पर बैठ जाता है और सुमन खाट पर घुटने की बल खड़ी हुई साडी बाँधने लगती है खड़े होने पर उसके पैर काँप रहे थे और चलने में उसे दर्द महसूस हो रहा था सुमन बार बार गौतम को शिकायत भरी नज़रो से देख रही थी और गौतम नशे की सुरूर में अपनी ही दुनिया में खोया था उसे जो सुकून और संतुष्ट सुमन ने आज दे दी थी उसका परिणाम था की गौतम को अब और किसी की याद नहीं आ रही थी..
सुमन खाट से उतरकर चलने को हुई तो लड़खड़ा गई और गौतम की तरफ गिरते हुए उसे पकड़ लिया गौतम समझ चूका था कि सुमन अब कुछ दिनों तक ठीक से चल नहीं पाएगी उसने सुमन को अपनी गोद में उठा लिया और खंडर से बाहर कार में लाकर बैठा दिया.. एक पल की लिए उसे लगा कि कोई उसे देख रहा है मगर जब उसने पीछे देखा तो वहा कोई नहीं था.. गौतम भी सुमन के साथ कार में बैठ गया और अंधेरा होते होते दोनों खंडर से निकल कर घर की लिए चल दिये..
सुमन की चुत और गांड में भले ही दर्द अब तक हो रहा था मगर उसके दिल में एक सुकून और संतुस्टी से घुला हुआ मीठा मीठा अहसास भी था वो गौतम को देखकर मुस्कुराते जा रही थी अब उसे गौतम में बेटे के साथ साथ अपने हवस मिटाकर प्यार देने वाला मर्द भी नज़र आ रहा था..
गौतम ने कार चलाते हुए बार बार रोककर रास्ते में कई बार उल्टिया की हाईवे पर पहुंचते पहुंचते उसका नशा कम हो चूका था गौतम ने सुमन की साथ एक शिकंजी वाले की पास गाडी रोककर 2-3 गलास निम्बू पानी भी पिया जिससे उसका नशा शहर में पहुंचते पहुंचते बिलकुल हल्का हो चूका था...
सुमन ने चुत देकर गौतम का दिल चुरा लिया था वो रास्ते में जहा भी चाट पकोड़ी की दूकान देखती गौतम से कहकर गाडी रुकवाती और बिना गाडी से उतरे मज़े ले लेकर चाट खाती.. सुमन ने साड़ी से बदन इस तरह ढक लिया था कि किसीको उसके ब्लाउज न पहने का पता नहीं चल सकता था.. Cरास्ते में दोनों ने सुमन की पसंद की अलग अलग चाट खाई और एक दूसरे की साथ प्यार भरी बातें करते हुए खाना एन्जॉय किया..
Mujha Mummy ko Humiliate karna, gali dena, ya thappar jasa, ganda harkat pasand nhi....
Aa sirf apni Gf ya Bibi ka sath kiya ja sakta ha, oh vi nayi nahi, purani bali....
Par, Lekhak ji na pahala Update sa laka is Update tak, Gugu or Suman ka rista dhira dhira asa dikha diya, ki Gf Bf sa vi acchi Bonding ha dono ma....
Agar, aa Chudai us din Ritu ka Shadi ma jana bawkt Car ma hi ho jata, or is tarha sa hota, to pura maja kharab ho jata....
Par, Lekhak na abhut accha sa Pahala Gugu ko Suman Mummy ka Ashique banaya..
Fir dono har roj ek dusra sa khul gaya...
Or fir asa Dhamakadar Chudai ho gaya....
Jo mera pasand ka nahoto huya vi, mujha itna pasand aa gaya....
Mujha laga tha Suman Mummy ki Chudai , Gugu bada aram sa, jatan sa karaga...
Jasa oh dusro ki Mummy ki karta ha....
Par usna Apni Mummy ki Chudai Randi jasi kar diya....
Sayad, Mummy sa jada piyar karna...
Or Mummy ki purana Affairs ka bara ma, janna ka bad Gugu ko bura laga hoga, ki Mummy sabko deti ha, par usa kuw itna dino sa piyasa rakha...
Gugu, Suman Mummy ki Mut pahala vi pii chuka tha, or aaj sayad pahali bar Suman na vi Gugu ka mut pii liya....
Aa ek saccha piyar ki nishani ha...
Mujha Gugu or Suman ki aa Scene va gaya...
Mujha ka sath Hardcore mujha pasand nhi tha...
Par agar Mummy or Beta ka rista itna piyara ho..
To Hardcore kiya ja sakta ha....
Or Chudai ka dauran dono ki batchit...
Haaaay daaaaya ......
Aa to jasa Gana ki Music jasa ha....
Aa batchit bahuti Horny tha....
Es Scene na mera ek purana Confusion vi dur kar diya...
Mujha laga tha, Gugu apna Mama ka beta ha...
Par Gugu to Chacha ka beta nikla...
Or aab oh apni sotali Bahen sa hi shadi karna ko ja raha ha.....
It's so Horny.....
Or Suman na Gugu sa sara Chut chin liya...
or ab Gugu ka Lund, sirf uski Mummy ka ha...
Aa, Mummy Suman ka Gugu ka prati Gf bali harkat nikli...
Mujha accha laga....
Or Gugu ki apni Mummy ki Ashique oki list nikal ka, Mummy sa jasa Jhadra, aa vi Bf bala harkat ha....
Jo ki shandar ha.....
Sach ma...
Lekhak ji...
Moms Baccha....
Aap na kiya Jabardas Scene Create kiya ha....
Dil khush ho gaya...
Or Lund vi....
Dhayanabad......
❤❤❤❤❤❤❤
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