Update - 3
रूपा एक 40 साल की औरत थी जो बहुत लम्बे समय से वैशावृति का काम कर रही थी लगभर 20-25 साल उसने यही इसी वैशालय में बिता दिए थे और अब बहुत कम ही किसी से मिलती थी.. देखने में रंग साफ था और बदन लचकदार चेहरा सुन्दर था और बाल नीचे कुल्हो तक लम्बे.. रूपा के देखने से लगता था किसी कुलीन घर की विवाहिता होगी मगर भाग्य के फेर ने नसीब को ऐसा बदला की तक़दीर में किसी घर की आबरू बनाने की जगह इस वैशालय में वैश्या बना दिया, धीरे धीरे रूपा ने इसे अपनी नियति समझ ली और स्वीकार करते हुए किस्मत से लड़ने लगी इस काम से उसने पैसा तो बहुत कमाया पर उसके शादी और परिवार के सपने चकना चूर हो गए, रूपा उम्र के इस पड़ाव पर बस इस वैशालय की रूपा मौसी बनकर रह गई..
गौतम की नज़र दिवार पर लटकी कई तस्वीरों में से एक तस्वीर पर टिक गई जिसे देखकर गौतम उसमे खो सा गया, ये तस्वीर हिटलर के नरसंहार में तड़पकर मेरी उस छोटी यहूदी लड़की की थी जिसके बारे में गौतम ने इतिहास में पढ़ रखा था गौतम आधा नशा उस तस्वीर ने उतार दिया था एना फ्रेंक की उस तस्वीर ने गौतम की आँखों के सामने वापस उसी मंज़र और ताबही को लाकर खड़ा कर दिया था जिसको उसने किताबो पढ़ते हुए महसूस किया था.. गौतम उस तस्वीर में खोया हुआ था की पीछे से रूपा ने उसे बाहों में भरते हुए कहा.
रूपा - तस्वीरे पसंद है तुन्हे?
गौतम ने खुदको रूपा की बाहों में कस्ते देखा तो वो तस्वीर के फितूर से बाहर आ गया और बचे हुए हलके नशे में खुदको इखट्टा करने लगा..
रूपा को जब गौतम से कोई जवाब नहीं मिला तो वो वापस बोली..
रूपा - ध्यान कहा है मेरे नन्हे मेहमान का? तस्वीरों ने चुरा लिया लगता है. मुझसे बात भी नहीं करोगे तुम?
गौतम - अच्छी सजावट है कमरे की. लगता है बहुत पैसा खर्चा किया है तुमने इसे सजाने में.
रूपा - हां थोड़ा सा खर्चा हुआ तो था पर आज वसूल हो गया, तुम्हे सजावट पसंद जो आ गई. ये हाथ में क्या है?
गौतम - बिरयानी है तुम्हे खानी है तुम्हे?
रूपा - अपने हाथ से खिलाओगे तो जहर भी कबूल है मेरे नन्हे मेहमान.
गौतम - पर ठंडी हो गई है..
रूपा - लाओ मेरे लिए लाये हो तो मुझे दे दो.. मैं गर्म करवा देती हूँ..
गौतम के हाथ से बिरयानी का पैकेट लेटे हुए रूपा ने कहा औऱ थैले से बॉक्स निकालकर कमरे का दरवाजा खोलदिया फिर आवाज लगाती हुई बोली - कम्मो. कम्मो.
कम्मो - हां मौसी?
रूपा - लो इसे गर्म करके ले आओ.
कम्मो - अभी लाई मौसी.
रूपा ने दरवाजा लगा दिया और गौतम को देखने लगी रूपा गौतम जैसे लड़के को यहां इस कोठे पर देखकर किसी अचरज में थी मानो सोच रही हो की ये भले घर का दिखने वाला चाँद सा लड़का यह इस कोठे पर क्या कर रहा है?
गौतम - पानी है?
रूपा बेड के कोने में रखे छोटे से फ्रिज से पानी बोतल निकाल कर गौतम को देती है और गौतम एक बार में आधी बोतल खाली करके बोतल बेड के ऊपर बनी पट्टी पर रख देता है..
रूपा - शराब पी है तुमने?
गौतम - हां दो बियर पी थी मगर अब सब उतर गई..
रूपा - और पीनी है?
गौतम - है तुम्हारे पास?
रूपा उसी फ्रिज में से एक बियर की बोतल निकालकर खोलते हुए गौतम को दे देती है..
गौतम - मेरे पास पैसे नहीं है देने को इसके..
रूपा हसते हुए - पैसे देने की जरुरत नहीं है. तुम्हे चाहिए तो मुझसे ले जाना..
गौतम बियर पीते हुए - अच्छा?
दरवाजे पर कम्मो एक प्लेट में बिरयानी गर्म करवाकर ले आती है..
कम्मो -मौसी.. रूपा मौसी..
रूपा दरवाजा खोलकर कम्मो से प्लेट ले लेती है और वापस दरवाजा लगा देती है..
रूपा - लो नन्हे मेहमान आ गई बिरयानी गर्म होकर, अब खिलाओ मुझे अपने इन खूबसूरत हाथों से..
गौतम प्लेट लेकर चम्मच से रूपा को बिरयानी खिलाने लगता है और पहली ही बाईट से रूपा को बिरयानी का स्वाद दिल छू जाता है.. बिना कुछ बोले दोनों बिरयानी खाने और एकदूसरे को खिलाने लगते है..
गौतम - कैसी लगी?
रूपा - तुम्हारे जैसी..
गौतम - मतलब?
रूपा उठकर गौतम के बिलकुल नजदीक आ जाती और उसके होंठों को अपने होंठों में भरके चूम लेती है, कुछ देर यूँही गौतम के होंठ चूमकर रूपा कहती है..
रूपा - मतलब बहुत स्वादिस्ट.. अगली बार जरा ज्यादा लाना..
गौतम - जैसे तुम बोलो..
रूपा - वैसे मेरे साथ सोने में तुझे शर्म तो नहीं आएगी ना?
गौतम बची हुई बियर के आखिर 2-3 घूंट पीके बोतल बेड के नीचे रखता हुआ कहता है..
गौतम - शर्म और मुझे? मैं तो उस रेखा काकी के साथ भी सो सकता हूँ..
रूपा - अरे इतनी सी उम्र में इतनी बेशर्मी? तुम्हे तो सबक सीखना पड़ेगा आज..
ये कहते हुए रूपा ने गौतम को अपनी बाहों में वापस जकड लिया और उसके होंठों पर दर्जनों चुम्मो की बरसात करती हुई टूट पड़ी और गौतम को बेतहाशा चूमने लगी जिससे गौतम पर कामुकता का असर छाने लगा, गौतम रूपा के इस काममय रूप से आकर्षित होने लगा और उसका पूरा साथ देने लगा.. एक लम्बा और गहरा चुम्बन दोनों के बीच हुआ जिसे टूटने में कई मिनटों का समय लग गया और टूटने पर गौतम ने रूपा से कहा..
गौतम - तुम्हारे होंठ बहुत रसीले है रूपा मौसी..
रूपा - तो किसने रोका है तुझे इनका रस पिने से मेरे नन्हे मेहमान. जितनी मर्ज़ी है उतना पिले..
गौतम ने बिना किसी लाज-शर्म के रूपा को बिस्तर पर धकेलते हुए लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर रूपा के होंठो की लाली चूमने लगा. रूपा भी प्यार से गौतम का पूरा साथ निभा रही थी और उसे चूमे जा रही थी. गौतम का हाथ ना जने कब अपने आप रूपा की कमर से होते हुए उसके मस्त मोटे चुचो पर आ गया उसे भी नहीं पता लगा लेकिन रूपा को इसका सब पता था फिर भी उसने गौतम को नहीं रोका और खुदसे अपने ब्लाउज के बटन खोल दिए जिससे गौतम अंदर तक रूपा की उभारदार छतियों के पुरे मज़े ले सके.
गौतम ने कुछ देर बाद चुम्बन तोड़कर रूपा की ब्रा ऊपर सरका दी और उसके बूब्स चूसने लगा.
रूपा भी मुस्कुराते हुए गौतम को देकर उसके सर पर हाथ फिराते हुए उसे अपने बूब्स चूसने में मदद करने लगी और बूब्स चूसते हुए गौतम का प्यारा सा मुखड़ा देखकर वो सोचने लगी की अगर उसका भी ब्याह हुआ होता तो गौतम की तरह उसकी औलाद भी उसका दूध इसी तरह पीती.. रूपा कुछ भावनात्मक रूप से बहके जा रही थी उसे गौतम में अपना ना हो सका बच्चा दिखने लगा और वो गौतम के मुंह में अपने निप्पल्स घुसा घुसा के अपना चुचा चुसवाने लगी जिसमे उसे कामरस के साथ एक माँ होने का अहसास दोनों मिल रहे थे.. रूपा ने बूब्स चूसते हुए गौतम का एक हाथ पकड़कर अपने पेट पर रख दिया और धीरे धीरे नीचे लेजाकर अपनी साडी के अंदर डालकर अपनी नंगी चुत के ऊपर रख दिया और उसकी हथेली अपनी चुत पर दबाने लगी. गौतम ने चुचा चूसते हुए ही रूपा की चुत अपनी मुठी में जोर से पकड़ ली और उसे मसलने लगा जिससे रूपा के काम की पिपासा जागने लगी. गौतम ने अपने हाथ से चुत का पूरा जायजा लेकर अपनी मिडिल फिंगर रूपा की चुत में घुसा दी और चुत में ऊँगली करने लगा जिससे रूपा की सिस्कारिया निकलने लगी और वो गौतम के बाल सहलाते हुए उसके सर को चूमने लगी..
गौतम ने कई बार रूपा के चुचो पर अपने दाँत लगाकर निशान बना दिए और उसे लव बाईट दी मगर रूपा ने एक बार भी गौतम को ऐसा करने से नहीं रोका और उल्टा प्यार से अपना चुचा और उसके मुंह में देकर चुसवाने लगी मानो ऐसा करने में उसे परम आनंद की उपलब्धि हो रही हो..
गौतम ने धीरे धीरे रूपा की साड़ी और साया साथ में ऊपर उठा दिया और कमर तक लाकर रूपा की चुचा चूसना छोड़ दिया फिर नीचे आकर रूपा की पेंटी नीचे सरका दी और एक दम से अपना मुंह रूपा की चुत पर लगा दिया और अपनी जीब से उसकी 40 साल पुरानी हज़ारो आदमियों से चुद चुकी चुत चाटने लगा..
रूपा ने जब गौतम को ऐसा करते देखा तो उसे अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ की उसकी उम्र से आधा ये 20 बरस का नोसीखिया लड़का उस जैसी खेली खाई औरत को इतना मज़ा दे सकता है.. रूपा ने अपनी दोनों टांग अच्छी तरह से चौड़ी के ली ताकि गौतम को चुद चाटने में कोई तकलीफ ना हो और बेड के ऊपर दाई तरफ वाले खाने से सिगरेट निकालकर लाइटर से सुलगाते हुए कश लेकर गोतम को प्यारभरी नज़रो से देखती हुई अपनी चुत चूसाईं का आनंद भोगने लगी..
रूपा को गौतम में अपना बेटा नज़र आ रहा था जो कभी हुआ ही नहीं था अब रूपा गौतम की कुछ ज्यादा परवाह कर रही थी की गौतम को उसके साथ कोई तकलीफ ना हो. रूपा सिगरेट के कश लेती हुई गौतम से बात करने पर मजबूर हो गई और उससे बोली..
रूपा - ग़ुगु..
गौतम ने चुत चाटते हुए बिना रूपा को देखे ही जवाब दिया - हम्म्म?
रूपा- थोड़ा बीच में इस दाने को लीक करो ना..
गौतम ने बिना कुछ बोले रूपा की बताई जगह पर जीभ लगाकर चूसाईं वापस शुरुआत कर दी..
रूपा - हाय.. इतने सालों बाद ये सुकून मिला भी तो एक बच्चे से.. इतना कहकर रूपा ने फिर से सिगरेट का कश लिया और अपने हाथ से गौतम का सर सहलाती हुई बोली.. ग़ुगु मुझे सुसु आ रहा है मैं करके आउ?
गौतम चुत चाटना छोड़कर बोला - बाथरूम तो मुझे भी लगा है..
रूपा - ठीक है चल पहले तुझे ही सुसु करवा देती हूँ..
रूपा गौतम को कमरे में ही बने दूसरे दरवाजे के अंदर ले गई और बाथरूम पोट के पास घुटनो पर बैठकर गौतम की जीन्स का बेल्ट खोलने लगी..
गौतम - तुम्हे यहां सब मौसी क्यू बुलाते है?
रूपा - मुझे पता नहीं ग़ुगु..
गौतम - मैं तुम्हे क्या कह कर बुलाऊ?
रूपा - जो तुम्हारा दिल करें.. तुम अगर प्यार से रंडी भी बुलाओगे तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है मेरे नन्हे मेहमान.
गौतम - ठीक है फिर मैं भी मौसी ही कहकर बुलाता हूँ..
रूपा किसी सोच में डूबे जा रही थी और इसी सोच में डूबे हुए उसने गौतम की जीन्स का बेल्ट और जीन्स का हुक खोलकर ज़िप नीचे कर दी थी और जीन्स नीचे करके गौतम की वी शेप अंदरवियर के अंदर फूफाकरता हुआ उसका लंड देखकर उसके साइज का अंदाजा लगाने की कोशिश में थी मगर गौतम की बात सुनकर उसके टूटे हुए अरमान जाग गए और उसने गौतम को देखते हुए उसकी बात का जवाब दिया..
रूपा - एक बार मम्मी कहकर बुलाओ ना..
गौतम हैरानी से - क्या?
रूपा - क्या नहीं ग़ुगु मम्मी. मुझे मम्मी कहकर बुलाओ ना..
गौतम रूपा की बात सुनकर पहले मुस्कुरा दिया और फिर रूपा के गालो को प्यार से सहलाके बोला - मम्मी अब सुसु करवा दो वरना चड्डी में ही निकल जायेगी..
गौतम के मुंह से मम्मी सुनकर रूपा का दिल गौतम के लिए और भी ममता के भाव से ओत प्रोत हो गया और रूपा ने जवाब देते हुए कहा..
रूपा - ठीक है मेरे नन्हे मेहमान और गौतम की अंदरवियर नीचे सरका दी जिससे गौतम का लंड रूपा के सामने हवा में झूल गया और रूपा के साथ जब गौतम की नज़र भी अपने लंड पर पड़ी वो रूपा के साथ चौंक कर अपने लंड को देखने लगा.. गौतम के 6 इंच का लंड अचानक से 10 इंच का लगने लगा था
आधी खड़ी हालात में लंड को रूपा ने अपने हाथ से पकड़ लिया और बाथरूम पोट की तरफ कर्रे हुए लंड की लम्बाई और मोटाइ का जायजा लेने लगी.. उसने आज से पहले कभी इतना बड़ा लंड हक़ीक़त में नहीं देखा था हज़ार से ज्यादातर लोडे जो सब 3-5 इंच के ही थे रूपा ने ले रखे थे मगर इतना बड़ा तो उसने भी अपने वैश्या के धंधे में नहीं लिया था.. उसने बस फ़ोन पर ही ऐसे अफ्रीकन लंड देखे थे मगर आज उसके सामने गौतम का अफ्रीकन गोरा लंड था जिसे देखकर रूपा के मन में पानी आने लगा..
गौतम भी हैरानी से अपने लंड की तरफ देखता हुआ सोचने लगा की कैसे अचानक उसका लंड इतना बड़ा हो गया और वो कंफ्यूज सा होकर बाथरूम पोट में मूत रहा था रूपा भी मूतते हुए गौतम का लंड पकड़ कर बैठी थी और जब गौतम मूत कर फ्री हुआ तब रूपा ने बिनाकुछ बोले या सोचे समझें गौतम के लंड का टोपा अपने मुंह में भर लिया और मूत की आखिर की कुछ बुँदे अपने मुंह में गिरवाते हुए लंड को चूसकर साफ कर दिया जिससे गौतम की आह्ह निकल गई और फिर रूपा ने गौतम से बाहर जाने को कहा और खुद मूतने लगी.
रूपा जब मूत कर वापस आई तो रात के 12 बज चुके थे और अब रूपा के मन में चुदने की तलब होने लगी थी. उसने देखा की गौतम खिड़की से बाहर देख रहा है तो उसने वही पर नीचे बैठकर वापस से गौतम का लंड मुंह में ले लिया और इस बार पूरे अनुभव से गौतम को लंड चूसाईं का मज़ा देने लगी..
गौतम - अह्ह्ह्ह क्या चुस्ती हो तुम? इतना कहकर गौतम रूपा के बाल पकड़कर अपना लंड उसके मुंह में जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा और रूपा गौतम को खुश करने की हर मुमकिन कोशिश करने लगी.. कुछ देर बाद ही गौतम ने अपने सारा माल रूपा के मुंह में भर दिया जिसे रूपा ने गले से नीचे उतार लिया और गौतम का हाथ पकड़कर बिस्तर पर ले गई..
रूपा ने एक जगाह से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमे से एक कंडोम निकालकर फाड़ते हुए गौतम के सामने बैठ गई और गौतम के लंड को वापस हाथ में लेकर हिलाते हुए खड़ा करने लगी फिर वापस मुंह में भरके चुस्ती हुई गौतम को देखने लगी, गौतम भी रूपा को ही देखे जा रहा था..
थोड़ी सी चूसाईं से ही लोडा वापस पूरा टाइट हो गया और रूपा ने उसपर कंडोम चढ़ा दिया फिर खुद बिस्तर पर अपनी साड़ी उठाके लेट गयी और पेंटी निकाल कर अलग कर दी..
रूपा - चलो नन्हे मेहमान.. कहो अपने अजगर से मेरे बिल में घुसकर अपना ज़हर उगल दे..
गौतम रूपा की बात सुनकर रूपा के ऊपर चढ़ गया और रूपा के होंठों को चूमकर बोला - मेरे अजगर के लिए तुम्हारा बिल छोटा लग रहा है मम्मी.. अगर घुसते टाइम कुछ टूट फुट हो जाए तो मुझसे मत कहना बाद में..
रूपा मुस्कुराते हुए - मम्मी की चिंता मत करो, अपने अजगर से कहो जितना अंदर जा सकता है चला जाए मैं नहीं रोकूंगी..
गौतम चुत के मुहाने पर लंड रगड़कर - लो फिर सम्भालो मेरे अजगर को.. कहते हुए गौतम ने अपना लंड चुत के छेद में घुसा दिया और एकजोरदार झटका देते हुए एक बार में दो-तिहाई लंड चुत में उतार दिया जिससे रूपा की आह्ह निकल गई और उसने गौतम को कसके पकड़ लिया और अपने गले से लगाते हुए चूमने लगी..
गौतम ने अब एक के बाद एक जोरदार झटके मारना शुरु कर दिया और रूपा को किसी नवविवाहित स्त्री की तरह सिसकने पर मजबूर कर दिया..
रूपा आहे भरते हुए गौतम के होंठों को चूमे जा रही थी जिसमे उनकी जीभ आपस में कुस्ती कर रही थी और नीचे गौतम अपने लंड से रूपा की हज़ार से ज्यादा बार चुदी हुई चुत को पहली बार वाला मीठा दर्द दे रहा था..
पुरे कमरे में चुदाई की आवाज गूंज रही थी और पूरा माहौल चुदाईमय हो चूका था..
करीब 15 मिनट मिशनरी में रूपा की चुत पेलने के बाद गौतम ने रूपा को पलटकर घोड़ी बना लिया और उसके कमर तक लम्बे बालों को अपने दोनों हाथों में पकड़ते हुए उसकी चुत में वापस अपना लंड डालकर चोदने लगा.. इस बार उसे ऐसा महसूस हो रहा जैसे वो घुड़सवारी कर रहा हो. घोड़ी बनकर भी रूपा के मुंह से कुतिया वाली आवाजे ही आ रही थी. पीछे से झटके खाती रूपा का बदन ऊपर से नीचे तक पूरा तूफ़ान में हिलते पेड़ की तरह हिल रहा था..
गौतम ने कुछ देर घोड़ी बनाने के बाद रूपा को काऊ गर्ल और फिर अपने ऊपर गिरा कर चोदने लगा.. रूपा को चुत में हल्का दर्द और मीठा मज़ा दोनों एक साथ महसूस हो रहा था.. रूपा को वही मज़ा आ रहा था जो अपनी शुरुआती चुदाईयों में लड़की को आता है. रूपा को अपनी अनगिनत बार चुद चुकी चुत भी गौतम के लंड के आगे कुंवारी सी लगने लगी थी..
लगभग एक घंटे अलग अलग पोज़ में चोदने के बाद गौतम ने वापस रूपा को मिशनरी वाले पोज़ में चोदना शुरुआत कर दिया और उसे चोदते हुए बोला..
गौतम - मज़ा आ रहा है मम्मी?
रूपा आँखे बंद किये सिस्कारी लेती हुई बोली - आ रहा है ग़ुगु.. पर बहुत दर्द भी हो रहा है.. थोड़ा सा आहिस्ता चोद अपनी मम्मी को बेटा..
गौतम रूपा के मुंह से बेटा सुनकर सकपका गया और एक पल को उसे रूपा में उसकी असली माँ सुमन का चेहरा नज़र आने लगा और वो बिना रूपा से कहे उसी वक़्त उसकी चुत में झड़ गया..
रूपा भी अब तक 2 बाद झड़ चुकी थी और गौतम के झड़ते हुए उसने गौतम को अपने बाहों में कस लिया और पूरा डीप चूमने लगी.. गौतम के मन की हालात अजीब थी जो उसके साथ अभी हुआ वो क्या था? इस बात को समझने की कोशिश करते हुए वो रूपा के ऊपर से हटने लगा और जब उसने रूपा की चुत से लंड निकालकर देखा तो रूपा के साथ वो भी मुस्कुराने लगा.. कंडोम पूरा फट चूका था और गौतम ने सारा माल रूपा की चुत में गिरा दिया था मगर रूपा खुश थी उसे जो ख़ुशी मिली उसके आगे वो आज गौतम को कुछ भी दे सकती थी..
गौतम अपना लंड रूपा के बेड पर एक तरफ पड़े ब्लाउज से साफ करके उसके बदल में लेट गया और उसकी नज़र घड़ी की तरफ गई जो रात के डेढ़ बजा रही थी..
रूपा भी अपनी चुत साफ करके गौतम के सीने पर आ गई और अपना सर उसके सीने पर टिकाटे हुए बोली - क्यू नन्हे मेहमान? केसा लगा मम्मी की चुत मारके?
गौतम - मज़ा आ गया..
रूपा - पर तुम्हारे मज़े के लिए मेरी जो चुत सूज गई उसका क्या?
गौतम - बर्फ लगा देता हूँ ठीक हो जायेगी..
रूपा - कहा कहा बर्फ लगाओगे नन्हे मेहमान? ऊपर नीचे तक हर जगह घायल कर दिया तुमने तो एक ही बार में..
गौतम - गांड भी चाहिए मुझे दोगी ?
रूपा - तुम्हारे लिए तो अब मैं अपनी जान दे सकती हूँ तूने बस ये गांड मांगी है.. कर लो जो तुम्हे करना मेरे साथ..
गौतम रूपा को वापस घोड़ी बनाकर अपने लोहे जैसे सख्त हो चुके लंड को थूक लगा कर रूपा की गांड में घुसाने लगता है..
रूपा चुत जे दर्द से अभी उभर ना पाई थी की गौतम ने उसे गांड का दर्द देना भी शुरू कर दिया औऱ धीरे धीरे बहुत से जतन करने के बाद आखिर अपना आधा लोडा रूपा की गांड के छेद में घुसेड़ ही दिया.. रूपा की हालात कुछ वैसे थी की वो ना तो गौतम को मना कर सकती थी औऱ ना उसका लंड पूरा गांड में ले सकती थी.. गौतम भी अब रूपा की हालात समझ रहा था उसने उतने ही लोडे को गांड में डाले रखा औऱ फिर धीरे धीरे रूपा की गांड मारने लगा.. रूपा को पहले से थोड़ा आराम आने लगा तब गौतम ने लंड को औऱ अंदर डालने की कोशिश में तेज़ झटके लगाए जिससे रूपा की चिंखे निकल गई औऱ आँख से दर्द के मारे आंसू भी.. गौतम ने इस बार रूपा की हालात देखकर अपना लोडा उसकी गांड से बाहर निकाल लिया औऱ रूपा को अपनी बाहों में कसकर उसके आंसू पोंछता हुआ बोला..
गौतम - तुम ठीक तो हो? मुझे माफ़ कर दो. मैं तुम्हे रुलाना नहीं चाहता था.. सॉरी..
रूपा ने बहुत लोगों को देखा था जिन्हे उसके दर्द में मज़ा आता था किसीको उसपर तरस नहीं आया जब भी उसकी हालात खराब हुई थी वो बस इतना जानती थी की मर्द कभी औरत पर तरस नहीं खाता मगर जिस तरह गौतम ने उसे अपनी बाहों में भरके उसके आंसू पोंछते हुए अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाकर माफ़ी मांगी थी उससे रूपा को गौतम पर औऱ भी ज्यादा प्यार आने लगा था औऱ वो समझ चुकी थी की गौतम नरम दिल का लड़का है जो किसी औरत को दर्द में नहीं देख सकता..
रूपा अपनी गांड के छेड़ को सहलाती हुई गौतम से बोली - माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए तुमसे मेरे नन्हे मेहमान.. मैं तुम्हे खुश नहीं कर पाई.. एक चीज मांगी थी तुमने मैं वो भी तुम्हे नहीं दे पाई..
गौतम रूपा की बात सुनकर उसकी चुत सहलाकर मुस्कुराते हुए बोला - कोई बात नहीं.. मैं तुम्हारी इस चुत से ही काम चला लूंगा..
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रूपा गौतम की बात सुनकर मुस्कराती हुई उसे पीछे धकेल देती है जिससे गौतम बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाता है औऱ फिर रूपा उसका लंड अपनी चुत में घुसा कर उसके ऊपर बैठ जाती है औऱ धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगती है..
रूपा - गर्लफ्रेंड नहीं है तुम्हारी?
गौतम - नहीं.. मुझे लड़कियों के नखरे नहीं पसंद. औऱ वैसे भी मुझे भाभियाँ औऱ आंटीया पसंद है.
रूपा जोर से हसते हुए - मैं पसंद आई तुम्हे?
गौतम रूपा का बोबा मसलते हुए - तुम पसंद नहीं आई होती तो अपने लंड पर थोड़ी बैठने देता..
रूपा हँसते हुए - कितने बेशर्म हो तुम.. अब तो मुझे शर्म आने लगी है..
गौतम - शरमाते हुये बिलकुल हीरोइन लगती हो तुम..
रूपा और गौतम के बीच ये सब हो रहा था वही दूसरे कमरे में काजल आदिल के लंड पर उछल रही थी दोनों के बीच ये दूसरा राउंड था और दोनों मस्ती से चुदाई कर रहे थे.. काजल हरयाना की हट्टी कट्टी जाटणी थी जो अपनी झांटे कटवाकर इस कोठे पर रंडी बन चुकी थी..
37 साल की काजल 21 साल के आदिल के लंड पर ऐसे उछल रही थी जैसे बच्चे रस्सी कूदते समय उछलते है..
देखने से लगता था की काजल को भी आदिल के साथ मज़ा आ रहा था आदिल के 6 इंच का लंड काजल की चुत में ऐसे आ जा रहा था जैसे उन दोनों की बहुत पुरानी जान पहचान हो..
आदिल ने काजल को ऊपर से नीचे ले लिया और उस हरयाणवी जाटनी के झटके मारते हुए उससे बात करनी शुरू कर दी..
आदिल - कहा से हो भाभी ज़ी?
काजल - हरयाणा से.
आदिल - हरयाना में कहा से?
काजल - रोहतक से
आदिल - यहां कब से?
काजल - 1 महीना हो गया
आदिल - भाभी ज़ी नीचे का मामला काफी टाइट है आपका नई नई भर्ती हुई हो क्या कोठे पर?
काजल - मज़बूरी ले आई भईया, वरना मर्ज़ी थोड़ी रांड बनती.
आदिल - पति शराब पिता है?
काजल - शराबी होता तो चल जाता जुआरी भी था हरामी ने रोड पर लाकर छोड़ दिया..
आदिल - बहुत दर्द भरी कहानी है भाभी ज़ी आपकी, सुनकर बहुत दुख हुआ.
काजल - तुम्हरा क्या कसूर इसमें? जब किस्मत में ही रांड बनना लिखा था..
आदिल - भाभी ज़ी एक बात पुछु?
काजल - हां..
आदिल - इतनी टाइट है आपकी बच्चा तो नहीं हुआ होगा अभी तक?
काजल - एक लड़का है.. मगर वो भी बाप की तरह नसेड़ी निकला..
आदिल - अच्छा.. कितना बड़ा है?
काजल - है 19 साल का..
आदिल - क्या? और आपकी उम्र कितनी है?
काजल - इस साल के आखिर में 38 की हो जाउंगी..
आदिल - लड़का कहा रोहतक में ही है?
काजल - हां..
आदिल - अच्छा मेरे साथ मज़ा आ रहा है?
काजल - हम्म..
आदिल - चलो भाभी अब देवर को घोड़ी बनकर दिखाओ..
काजल - लो देवर ज़ी..
आदिल - कसम से भाभी ज़ी.. आप जैसे देसी झोंटो को पेलने में जो मज़ा आता है ना वो नई लड़कियों को पेलने में भी नहीं है..
आदिल काजल को घोड़ी बनाके चोदने लगता है और उसकी आवाजे कमरे में गुजने लगती है.. काजल भी अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी.. ढीली बेजान लुल्लीयो के बाद आज उसे एक मस्त मजबूत जवान लंड मिला था और काजल उसका भरपूर मज़ा लेने में लगी हुई थी शर्म और लिहाज़ का पर्दा उसने यहां पहले ही उतारकर रख दिया और 21 साल के आदिल के साथ सम्भोग का मज़ा ले और दे रही थी..
रात के तीन बजे तक रूपा और गौतम के साथ साथ आदिल और काजल ने चुदाई को दो दो राउंड ख़त्म कर लिए थे अब गौतम रूपा को बाहों में भरके चोद रहा था वही आदिल अभी भी काजल को अपना लंड चुसवाये जा रहा था जो धीरे धीरे वापस खड़ा हो रहा था..
काजल फिर भी पूरी शिद्दत से आदिल का पूरा लंड मुंह में लेकर चूसे जा रही थी..
आदिल - भाभी ज़ी मन तो नहीं कर रहा आपको अपना लोडा चुसवाने का मगर क्या करू? बिना लंड मुंह में गए खड़ा भी नहीं होता..
तीसरा राउंड भी जल्दी ही ख़त्म हो गया और फिर रूपा गौतम को अपनी बाहों में गिरफत करके. गहरी नींद में सो गई और आदिल भी काजल के साथ आराम करने लगा..
गौतम - क्या देख रही हो?
रूपा - देख रही हूँ की कैसे एक 20 साल का बच्चा मेरी जैसी 20-25 चुदी हुई 40 साल की रांड को एक रात में अपने लंड के दीवाना बनाके जा रहा है..
गौतम - मैं बच्चा नहीं बाप हूँ बाप समझी?
रूपा खड़े होकर गौतम को गले लगा लेती है और उसके होंठों को खा जने की नियत से अपने होंठो में भर लेती है मगर गौतम उसके चुम्बन का जवाब उसके खुले हुए चुचे पर खड़े निप्पल्स को मसलकर देता है..
रूपा - वापस कब आओगे?
गौतम - पता नहीं..
रूपा - क्यू? मैं पसंद नहीं आई मेरे नन्हे मेहमान को?
गौतम - पसंद तो बहुत हो पर मेरे पास पैसे नहीं है ना.. मुझे तो रात को मेरा दोस्त लेके आया था यहां..
रूपा - अच्छा ज़ी तो ये बात है.. रूपा कहते हुए अपने गले में से सोने की चैन निकालकर गौतम को के गले में पहना देती है और पर्स में से कुछ पैसे निकालकर उसकी जेब में रख देती है.. और आगे कहती है.. और तो कोई बात नहीं है ना..
गौतम - पर मैं तुमसे ये सब नहीं ले सकता..
रूपा - चुप करो.. रातभर जो तुमने मुझसे प्यार किया है उसका इनाम है ये.. अब बताओ अगली दफा कब आओगे?
गौतम - इस हफ्ते मुमकिन नहीं है अगले हफ्ते ट्राय करुंगा आने की..
रूपा - तब तक क्या मैं इंतज़ार करती रहूंगी मेरे नन्हे मेहमान का?
गौतम - तो तुम आ जाना.. सिटी में काफी जगह है मेरे पास मिलने की..
रूपा - तो कल मैं तुम्हे सिटी आकर फ़ोन करुँगी..
गौतम - ठीक है..अब मैं चलू?..
रूपा - जाने देने का मन तो नहीं है.. पर जाओगे तभी तो लौटकर आओगे..
गौतम - बाए... कहते हुए गौतम रूपा के रूम से बाहर आ गया और काजल के रूम की तरफ चला गया जहा आदिल गहरी नींद में सो रहा था..
गौतम - ये कब से सो रहा है?
काजल - दो घंटे हो गए.. काजल ने बालों में कंघी करते हुए कहा.. उसे देखकर लग रहा था वो अभी नहाकर आई है..
गौतम - अबे ओ कबाड़ी की औलाद.. उठ साले..
आदिल - कौन है बे..
गौतम - तेरा असली बाप.. चल यहां से..
काजल - सो लेने दो सुबह आठ बजे तक कोई कुछ नहीं बोलेगा..
आदिल वापस मुंह तकिये में घुसाके सो गया और गौतम आदिल को एक नज़र देखकर काजल को देखने लगा.. अभी सुबह के साढ़े छः बजे थे..
काजल - क्या हुआ? ऐसे क्या देख रहे हो? वैसे तुम दोनों स्कूल में हो या कॉलेज में? इतनी सी उम्र में यहा आने में डर नहीं लगता?
गौतम ऊपर से नीचे तक काजल के बदन को घूरता है और उसकी छाती से लेकर गांड का मुआईना करने के बाद उसका हाथ पकड़कर बाथरूम में ले जाता है और आधे घंटे बाद निकलता है पीछे काजल लगड़ती हुई दिवार के सहारे बाहर आती है..
काजल - बेटा थोड़ा प्यार से नहीं कर सकता था फाड़ के रख दी मेरी चुत तूने.. गधे का लंड लेके घूम रहा है..
गौतम - ज्यादा मत बोल वरना वापस घोड़ी बना लूंगा.
काजल - बना ले लल्ला.. मैं कोनसी घिसके आधी हो जाउंगी..
गौतम - अबे दल्ले उठ ना..
आदिल - क्या हुआ?
गौतम - तेरे अब्बू का फ़ोन आया था रात को तेरी अम्मी चुद गई कबाड़ी की दूकान में गांडु.. चल यहां से अब.
गौतम आदिल को लेकर कोठे से बाहर आ जाता है और घर चल देता है.. आदिल को घर छोड़कर गौतम अपने घर के लिए निकल जाता है..
Bhai bohot hi zabardast lekhan hai yaar
Amazing writing..
Suman aur Guggu ki hansi khelti baatein unki maa bete aur dost jesi...
I mean jesi ek family mein honi chahye..
Aur fir Adil aur Guggu ke funny aur gaaliya bhare dialogue .. jese jigri dosto mein hote hain
Aur fir Rupa aur Gautam ki sensuous chudai aur Rupay ka Gautam ko lekar ek bete aur ek lover jesa pyar milna
Sab zabardast likha hai bhai..
Screenplay..scene imagination... Reality jese dialogue sab mast chal raha hai
Halaki har aadmi itna sex back to back nahi kar skta lekin chuki ye babaji ka vardaan ka asar hai isi liye possible jesa lagta hai
Guggu ko vardaan to mil gaya lambe lund ka
Rupa bhi ussey mammi ban kar chud gayi aur usey bhi apni mom nazar aane lagi
Ab aagey dekhte hain kya hota hai...
Bohot badiya..likhte raho yaar