If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.
गौतम - माँ.. माँ..
सुमन - क्या हुआ ग़ुगु?
गौतम - मेरा फ़ोन देखा आपने? मिल नहीं रहा..
सुमन - हाँ.. पर अगर मैंने बता दिया तो मुझे क्या मिलेगा?
गौतम - मैं क्या दे सकता हूँ आपको? मेरे पास तो कुछ भी नहीं है आपको देने के लिए..
सुमन - मुझे कुछ चाहिए भी नहीं.. बस तू मेरे साथ तुम नानी के चल.. मैं तुझे अकेला छोड़कर नहीं जा सकती..
गौतम - यार माँ.. मैं नहीं जाऊ वहा.. आप जानती हो ना मामी केसा बर्ताव करती है हमारे साथ?
सुमन - पर नानी तो तुझे बहुत प्यार करती है.. अभी फ़ोन आया तब भी कह रही थी ऋतू की शादी में ग़ुगु को लेके ही आना..
गौतम - मैं नहीं जाऊ.. आप मत बताओ फ़ोन कहा है..
सुमन - अपनी माँ की बात नहीं मानेगा? मेरे लिए भी नहीं जाएगा?
गौतम - आप ना ये इमोशनल ब्लैकमेल करना बंद कर दो मुझपे कोई असर नहीं होने वाला इसका.. समझें?
सुमन - ठीक है.. वैसे भी इस घर में मेरा है ही कोन जो मेरी बात सुने और मुझसे प्यार करें? सबको अपने मन की करनी है तो करो सब.. मुझे क्या?
गौतम सुमन की बात सुनकर उसके पास आता है और उसे अपने बाहों में भरके गाल पर चूमता हुआ कहता है - अब ये ड्रामा बंद करो मेरी ड्रामा क्वीन माँ.. मैं नहीं जाने वाला मतलब नहीं जाने वाला..
सुमन मुस्कुराते हुए - बिना ड्रामा के तू मानता कहा है?
गौतम - अच्छा फ़ोन पता है कहाँ है मेरा?
सुमन - बाथरूम में तो नहीं भूल गया?
गौतम - अरे यार माँ.. आप ना सच में जीनियस हो.. वही रखकर भूल गया शायद..
सुमन - पर तू बाथरूम में फ़ोन क्यू लेके जाता है?
गौतम हस्ते हुए - ये राज़ की बातें है बताई नहीं जाती.. नज़र लग जाती है..
सुमन - सब पता है मुझे तेरी राज़ की बातें.. क्यू इतनी देर बाथरूम में लगती है तुझे? थोड़ा कण्ट्रोल.. समझा
गौतम - शर्म नहीं आती बच्चे से ऐसी बात करते हुए..
सुमन - तुझसे और शर्म? बिलकुल भी नहीं.. अच्छा चाय बना दूँ?
गौतम - गर्मी देख रही हो आप? चाय पिलाओगी..
सुमन - ठीक है फिर जूस बना देती हूँ मेरे ग़ुगु के लिए..
गौतम फ़ोन लेने बाथरूम की तरफ चल देता है और जब वो फ़ोन देखता है तो उसमे रजनी के 6 मिस्ड कॉल आये हुए थे.. गौतम कॉल बैक करता है..
गौतम - हेलो.. दीदी..
रजनी - काहे की दीदी? तुम दीदी का फ़ोन उठाते नहीं हो..
गौतम - वो फ़ोन कहीं रखा हुआ था दी और साइलेंट पर था तो पता नहीं चला.. वैसे आपने उस क्रिमिनल को पकड़ लिया?
रजनी - हम्म.. पकड़ भी लिया और जेल में भी डाल दिया.. तुमने जो बताया था सब सही था.. सब बहुत खुश है उसके पकडे जाने से..
गौतम - और मेरा इनाम?
रजनी - तुम्हारा इनाम?
गौतम - हाँ.. क्या तय हुआ था भूल गई आप?
रजनी - सब याद है छोटे भाई.. व्हाट्सप्प चेक करो औऱ समय पर आ जाना..
गौतम - बाए दी..
रजनी - बाए छोटे भाई..
सुमन - लो जूस..
गौतम - आपका ग्लास कहाँ है?
सुमन - मैं बाद में बना के पी लुंगी.. तु पिले..
गौतम - बाद वाद कुछ नहीं.. इसीमे से आधा ख़त्म करो.. चलो..
सुमन - कितनी ज़िद करता है ग़ुगु तू?
गौतम - ज़िद है तो ज़िद है.. लो पीओ..
सुमन - बस बस.. अब तुम पिलो..
गौतम - माँ..
सुमन - बोलो..
गौतम - वो आज एक फ़्रेंड के घर फंक्शन है इसने बुलाया है..
सुमन - ठीक है तो जाओ.. मगर रात को जल्दी आ जाना..
गौतम - माँ थोड़ा दूर है उसका घर.. रात को देर हो सकती है..
सुमन - ये वही फ़्रेंड तो नहीं है जिसने तेरे होंठ लाल किये थे अपनी लिपस्टिक से? और जिसके कारण तू बाथरूम में इतना वक़्त लगता है?
गौतम - माँ.. क्या कुछ भी बोल रही हो? नार्मल फ़्रेंड है बस सब दोस्त आ रहे तो बस मुझे भी जाना है..
सुमन - ठीक है पर याद रखना.. वापस वैसा कुछ हो तो कंडोम जरूर पहन लेना.. और अपने दोस्त से कहाना कभी घर भी आये..
गौतम - आप भी ना, कुछ भी बोल रही हो.. चलो.. मैं चलता हूँ..
गौतम रजनी के दिए एड्रेस पर जाता है औऱ बहुत देर तक उसका वेट करके रजनी से मिलने पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है..
मैडम आपसे कोई मिलने आया है..
रजनी - बैठने को कहो..
ज़ी मैडम..
रजनी किसी मुक़दमे की फ़ाइल में आँखे गड़ाये बैठी थी औऱ बड़ी बारीकी से फ़ाइल को पढ़ रही थी मानो बहुत बड़ा औऱ जरुरी केस हो.. रजनी को बैठे बैठे डेढ़ घंटा हो गया था औऱ उसने फ़ाइल से जुडी हुई सारी डिटेल औऱ कहानी जान ली थी.. वो इस काम को करने में इतनी डूब गई थी की उसके दिमाग से ये भी निकल गया था कि कोई उसका इंतजार कर रहा है.. रजनी का फ़ोन साइलेंट पर था.. फाइलों से जब रजनी का ध्यान हटा तो उसने बेल बजाकर किसी को बुलाया और उससे चाय के लिए.. कुछ देर बाद एक हवलदार चाय का कप लेकर रजनी के चेंबर में टेबल पर रख देता है और रजनी से कहता है..
मैडम काफी देर हो गई उस लड़के को आपका इंतजार करते हुए..
रजनी झट से बोली - कौन लड़का?
हवलदार - मैडम वो बताया था ना आपको कोई आपका वेट कर रहा है.. डेढ़ घंटा हो गया अभी तक आपके बुलाने का वेट कर रहा है..
रजनी चाय का कप लेते हुए - अंदर भेजो.. देखु कौन है..
गौतम चम्बर के गेट पर नॉक करता हुआ - अंदर आ सकता हूँ मैडम?
रजनी चाय का कप रखकर खड़ी होती हुई - छोटू.. आई ऍम सो सॉरी... प्लीज मुझे माफ़ कर दे.
रजनी कि बातों से ऐसा लग रहा जैसे उसे कोई बात याद आ गई हो जिसमे उसकी गलती थी औऱ वो उस गलती कि माफ़ी मांग रही थी..
गौतम - कोई बात नहीं मैडम.. आप लोगों की हिफाज़त का काम करती हो. छोटी मोटी बात आपको कहा याद रहेगी?
रजनी गौतम को गले लगाकर - मुझे ताने मार रहे हो? हम्म? औऱ इतने नाराज़ हो कि अपनी दीदी को वापस मैडम बोलने लगे.. प्लीज माफ़ कर दो..
गौतम एक छोटा सा पेपरबॉक्स देकर - कोई बात नहीं.. लो.. हैप्पी बर्थडे दीदी.. केक लाया था..
रजनी मुस्कुराते हुए बॉक्स लेकर टेबल पर रख देती है औऱ गौतम के होंठों पर अपने होंठ रखकर बड़े प्यार से एक चुम्मा अंकित कर देती है मानो अब तक गौतम के किये इंतज़ार का इनाम उसे दे रही हो.
गौतम रजनी के चुम्बन से स्तब्ध था उसे एकदम से अपने साथ हुई इस प्यार भरी औऱ मज़ेदार घटना का अंदाजा भी नहीं था.. गौतम ने भी प्यार से रजनी के चुम्बन को स्वीकार कर लिया औऱ अपने होंठों को लेकर रजनी के होंठों से लड़ाई करने लगा.. कुछ सेकंड के बाद ही रजनी ने चुम्मा तोड़ लिया औऱ मुस्कुराते हुए गौतम से बोली - किस्सी का वादा था मैंने पूरा किया..
गौतम - बस इतनी सी देर?
रजनी - इससे ज्यादा देर में तुम बहक जाओगे.. मैं अच्छे से जानती हूँ..
गौतम - आपकी मर्ज़ी..
रजनी - चलो आज पार्टी करते है..
रजनी गौतम को लेकर पुलिस स्टेशन बाहर आ जाती है और गौतम को पुलिस की कार में आगे बैठाकर खुद कार को कर ड्राइव करने लगती है दोनों कार में अकेले कहीं जाने के लिए निकल जाते है..
रजनी गौतम को लेकर लॉन्ग ड्राइव पर निकल चुकी थी और पुलिस की गाड़ी को उसने हाईवे पर चढ़ा दिया था हाईवे पर रजनी गाड़ी चलती हुई गौतम से इधर-उधर की बातें करने लगी और गौतम से मजाक मस्ती करने लगी मजाक मजाक में गौतम भी पूरी तरह खुलकर रजनी से अपने मन की बात करने लगा था..
रजनी - मेरे आशिक तू बहुत छोटा है.. मैं तेरे साथ प्यार नहीं कर सकती.. तू समझता क्यों नहीं..
गौतम - दीदी बहाने बनाना बंद करो.. मैं जानता हूँ आप भी मुझे पसंद करती हो..
रजनी - तू है ही इतना प्यारा, पसंद तो करूंगी ही.. तुझे मिलकर मुझे राहत भी मिलती है औऱ सुकून भी.. पर तेरे इस प्यारे से मासूम चेहरे के पीछे जो बुरा दिमाग है ना, जिसमे तू हमेशा मेरी लेने के बहाने ढूंढता है उससे डर लगता है..
गौतम - पुलिसवाली होकर मुझ जैसे कमजोर लड़के से डरती हो दीदी..
रजनी गाडी सडक के किनारे लगाकर - अरे अरे कमजोर औऱ तुम.. शकल दिखाओ जरा अपनी.. कितने भोला बनता है तू..
गौतम - बनने की क्या जरुरत है. मैं कोई आपको चालक लगता हूँ दीदी?
रजनी जेब से सिगरेट निकालकर सुलगाते हुए - लगता नहीं है पर तू है चालक.. कुत्ते की जैसे मेरे पीछे पड़ा हुआ है लेने के लिए..
गौतम - तो दे क्यों नहीं देती आप.. छोटा भाई बोलती हो ना मुझे? अपने छोटे भाई के लिए इतनी सी कुर्बानी नहीं दे सकती..
रजनी गौतम का हाथ पकड़कर अपने चुचो पर रख देती है औऱ उससे कहती है - मेरे चुचो के साथ खेलना है तो खेल सकता है पर मेरी चुत का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दे समझा.
गौतम - ऊपर से क्या खेलु दीदी.. थोड़ा खोल के दिखाओ ना..
रजनी सिगरेट का कश लेकर - बहुत बड़ा वाला कमीना है तू.. औऱ सिगरेट गौतम को पकड़ने के लिए दे देती औऱ अपनी वर्दी के बटन खोलकर गौतम से कहती है - ले.. खेले जितना खेलना है तुझे..
गौतम सिगरेट का कश लेकर - ब्रा तो हटाओ दीदी.
रजनी ब्रा खोलकर पीछे रख देती है औऱ गौतम को सिगरेट पिता देखकर कहती है - सिगरेट मत पी मेरी तरह आदत लग जायेगी तुझे?
गौतम रजनी के निप्पल्स पकड़कर मसलते हुए - आदत तो आपके दूदू पिने की भी लग जायेगी दीदी..
गौतम इतना कहकर रजनी के बूब्स पर झुक जाता है औऱ रजनी के निप्पल्स किसी प्यासे की तरह चूसने लगता है.
रजनी सिगरेट के कश लेती हुई गौतम के बालों में हाथ फेरकर अपने चुचे औऱ चुचक चूसाईं का सुख महसूस करने लगी.. उसे गौतम के इस तरह बूब्स चूसने से अतुलनीय आनंद की अनुभूति हो रही थी औऱ वो गौतम के बाल पकड़ कर सिगरेट पीते हुए बारी बारी से उसे अपने चुचे चुसवा रही थी..
रजनी - इतना तेज़ मत काट छोटू, दर्द होता है..
गौतम अपने मुंह से निप्पल्स निकालकर - दीदी यहां कोई देख लेगा आपको.. कहीं औऱ चले..
रजनी गाडी स्टार्ट करके आगे हाईवे से नीचे ले लेती है औऱ सुनसान पड़ी जगह पर लगा देती है औऱ फिर पुलिस की वर्दी उतारते हुए गौतम से कहती - ले मेरे छोटू से भाई पिले दीदी के दूदू..
गौतम बूब्स मसलते हुए - दीदी साइज क्या है आपका?
रजनी - 34 है क्यों?
गौतम - नीचे का पूछा था दीदी..
रजनी हसते हुए - साइज जानकार क्या करेगा? 38 है.. वैसे भी मैं देने वाली तो हूँ नहीं तुझे..
गौतम प्यार से - देनी तो पड़ेगी दीदी.. औऱ आप खुद दोगी.
रजनी - इतना कॉन्फिडेंस?
गौतम आँख मारके - हाँ.. मैं बाथरूम करके आता हूँ.. ये कहते हुए गोतम कार से नीचे उतर जाता है औऱ रजनी भी बिना वर्दी पहने कार से नीचे उतर आती है. कमर से ऊपर पूरी तरह नंगी हो चुकी रजनी एक औऱ सिगरेट सुलगा लेती है कश लेती हुई गौतम को मूतते देखती है..
गौतम - दीदी..
रजनी - क्या हुआ छोटू..
गौतम लंड की तरफ इशारा करके - हथियार देखोगी मेरा..
रजनी मुस्कुराते हुए सिगरेट का कश लेकर - नहीं देखनी तेरी छोटी सी पिस्तौल मुझे..
गौतम मूतता हुआ रजनी की तरफ मुड़ जाता है औऱ रजनी से कहता है - पिस्तौल नहीं दीदी AK47 है मेरे पास.. अब कहो? दोगी या नहीं.
रजनी गौतम का लंड देखकर खड़ी की खड़ी रह जाती है औऱ हैरानी के साथ नज़र फाड़ कर गौतम के लंड को देखती रह जाती है.. जैसे ही कुछ देर रजनी गौतम के लंड को घूरती उसकी चुत में खुजली चलने लगती है औऱ रजनी के दिल में प्यार की सुगबुगाहत उठने लगती है..
गौतम मूतने के बाद बिना लंड को पेंट में वापस किये रजनी के पास आ जाता है औऱ लंड को हाथ में लेकर हिलाता हुआ पूछता है - बोलो ना दीदी.. लोगी अपने छोटू का लंड अपने अंदर?
गौतम की बात सुनकर रजनी का ध्यान उसके लंड से टूट जाता है औऱ गौतम की कलाई के धागे के साथ शर्म से रजनी का चेहरा भी लाल हो जाता है.
गौतम अपने कलाई पर बंधे धागे को लाल देखकर रजनी का मन समझ जाता है औऱ रजनी के हाथ से सिगरेट लेकर उसके बाल पकड़ कर जबरदस्ती नीचे बैठाते हुए रजनी के मुंह पर अपना लंड रगड़ने लगता है..
रजनी - छोटू बाल मत खींच ना..
गौतम - मुंह खोलो दीदी..
रजनी गोतम को देखकर - शकल से लगता है साँप भी नहीं होगा तेरे पास, पर तू कमीना चड्डी में अजगर लिए बैठा है.
गौतम सिगरेट का कश लेकर - अब इसे मुंह में भी गुसा लो दीदी..
रजनी मुस्कुराते हुए - पहले स्वाद तो लेलु..
रजनी गौतम के लंड को चूसने लगती है औऱ गौतम के लंड पर भूखी शेरनी की तरह टूट पडती है.. रजनी के मुंह की गर्माहट औऱ लार से गोतम स्वर्ग के सुख भोगने लगा था.
गौतम कश लेकर - दीदी बिलकुल रांड लगती हो..
रजनी मुंह से लंड निकाल कर - आज तो तुझे कच्चा खा जाउंगी छोटू.. औऱ फिर से लोडा चूसने लगती है..
गौतम फ़ोन निकाल कर रजनी के लंड चूसने की वीडियो बनाने लगता है औऱ रजनी से कहता है - दीदी कहो तो फेमस कर दू आपको.. FHD में वीडियो बन रही है आपकी..
रजनी मुंह से लंड निकाल कर अपने बूब्स के बीच लंड लेकर बूब्स से लंड रगड़ने लगती है औऱ गौतम से कहती है - लग रही है ना तेरी दीदी पोर्नस्टार छोटू? अच्छे से वीडियो बना अपनी दीदी की..
गौतम - क़यामत हो दीदी आप तो..
रजनी - कब से हिला रही हूँ कब निकलेगा तेरा?
गौतम - मेरा तो आपकी चुत में ही निकलेगा दी.. आओ.. गौतम रजनी की पेंट खोलकर गाडी के अंदर पटक देता है औऱ अपने भी कपडे उतार देता है. उसके बाद रजनी को कार के बोनट पर बैठाकर टांग खोलते हुए रजनी की चुत में उंगलियां करने लगता है..
रजनी - छोटू अब तू डाल दे मेरे अंदर भाई.. मुझसे रहा नहीं जा रहा..
गौतम - अभी तो आपकी चुत चुसनी बाकी है दीदी..
इतना कहकर गौतम रजनी की चुत चूसाईं के लिए अपना सर उसकी चुत पर लगाने के लिए आगे बढ़ता है औऱ रजनी खुद अपनी गांड उठाकर गौतम के मुंह के आगे अपनी चुत कर देती है.. गौतम के होंठ जैसे ही रजनी की गीली चुत पर लगते है वो काम के आसमान में उड़ने लगती है औऱ सिस्कारी भरने लगती है
गौतम बड़ी ही ईमानदार औऱ चाव से रजनी की चुत के चटकारे ले रहा था औऱ रजनी तो गौतम के चूसने पर उसके मुंह में दो मिनट के अंदर ही झड़ गई.. गौतम बड़ी बेशर्मी से रजनी की चुत का बहता पानी पिने लगा औऱ रजनी गौतम के सर पर हाथ रखकर अपने साथ घट रही इस अनोखी औऱ काममयी घटना का मज़ा लेने लगी औऱ कुछ पलो में झड़ गई..
गौतम चुत चाट कर मुंह पोछता हुआ रजनी की चुत अपनी मुट्ठी में पकड़कर मसलता हुआ बोला - बोलो थानेदारनी ज़ी.. चोद दिया जाए या छोड़ दिया जाए आपको..
रजनी सिस्कारी लेती हुई - चोद दिया जाए छोटे भाई.. छोड़ दोगे तो उठाके जेल में बंद कर दूंगी..
गौतम - जैसा आपका आदेश थानेदारनी ज़ी..
गौतम रजनी को गाडी के बोनट से नीचे उतार लेता औऱ गाडी के बोनट पर झुका कर पीछे से रजनी की चुत पर अपना लंड सेट करके कहता है..
गौतम - घुसा दू दीदी?
रजनी - घुसा दे छोटू..
गौतम - दर्द होगा..
रजनी - होने दे दर्द..
गौतम - चुत फट जायेगी..
रजनी - फट जाने दे..
गौतम - हफ्ते तक ठीक से चल नहीं पाओगी..
रजनी - कोई बात नहीं..
गौतम - कंडोम लगाऊ?
रजनी - तू कंडोम लाया है?
गौतम - हाँ दीदी..
रजनी - लगा ले पर कुत्ते तू कैसे जानता था मैं मान जाउंगी?
गौतम - क्युकी आप भी मुझसे प्यार करती हो दीदी.. आपके चेहरे पर दीखता है आप मेरे लिए कुछ भी कर सकती हो.
रजनी - इतना सब जानता है तो अब क्यों सता रहा है अपनी दीदी को? घुसा दे ना..
गौतम - कंडोम तो पहन लू दीदी..
रजनी - रहने दे छोटू बस अंदर मत छोड़ना..
गौतम - जैसा आप कहो.. लो सम्भालो अपने छोटू का पहला धक्का..
गौतम के पहले धक्के से साथ ही रजनी की चुत से चररर की आवाज के साथ रजनी के मुंह से जोर की चिंख बाहर निकल पडती है औऱ पहले धक्के में ही गौतम रजनी के चुत का दरवाजा तोड़कर चुत के अंदर घुस जाता है औऱ अपने लंड से उसकी चुत के साथ जंग छेड़ देता है जिसमे हल्का सा खूनखराबा भी हो जाता है मगर ना रजनी को इसकी परवाह थी ना गौतम को. गौतम रजनी की चुत में ऐसे झटके मार मार के चोद रहा था जैसे अमीर घर की बिगड़ी हुई औलादे सडक से सस्ती रांड उठा कर चोद देते है..
गौतम रजनी को गाड़ी के बोनट पर झुकाकर उसके बाल पकड़ के पीछे से धक्के पर धक्का मार रहा था और उसके झटके खाते हुए रजनी ऐसे हिल रही थी जैसे गाँव में सुहागरात को चुदाई के दौरान खटिया हीलती है.
best free images
गौतम चोदते हुए - उफ्फ्फ यार दीदी कितनी टाइट है आपकी.. ऐसा लग रहा है कोई कच्ची कली चोद रहा हूँ..
रजनी - थोड़ा धीरे भाई.. बहुत दर्द हो रहा है..
गौतम - दो इंच के छेद में दस इंच का लंड घुसेगा तो दर्द होगा ही ना दीदी.. चिंता मत करो इस चुदाई के बाद बड़े से बड़े लंड आसानी से झेल जाओगी.
रजनी - अंदर मत निकालना भाई..
गौतम रजनी को लगातार चोदते हुए उसके बाल खींचकर ऐसे धक्के मार रहा था जैसे वो घुड़सावारी कर रहा हो.
गौतम ने रजनी को अपनी तरफ घुमा लिया औऱ गाड के बोनट पर लेटा के उसकी चुत में वापस लंड डाल दिया औऱ चोदने लगा.. रजनी की कोठे की सस्ती रांड सी आह्ह अह्ह्ह्ह.. कर रही थी औऱ सिस्कारी भरते हुए गौतम की चुदाई का सुख अनुभव मर रही थी. आज रजनी के मन में पुरुषो के लिए मज़ूद नफरत का अंत हो चूका था औऱ उसके मन में छुपी सादगी औऱ नारी ममता का पुनर्उदय हो चूका था..
गाडी के बोनट पर कुछ देर रजनी को रंडी बनाके चोदने के बाद गौतम ने रजनी को अपनी गोद में उठा लिया औऱ उछाल उछाल के चोदते हुए उसकी चुत का चुबारा बनाना शुरू कर दिया.. रजनी इतनी जोर जोर से चिल्लाते हुए चुद रही थी की उसकी आवाज बहुत दूर से सुनी जा सकती थी मगर वो दोनों ऐसी जगह चुदाई कर रहे थे जहा दूर दूर तक आदमी का नमोनिशान तक ना था.
गौतम ने थोड़ी देर के बाद रजनी को नीचे उतार दिया औऱ बोनट का सहारा लेकर उसकी एक टांग उठाके रजनी की चुत वापस चोदने लगा..
good photo sharing sites free
रजनी तो जैसे पिछले एक घंटे से अपनी चुदती हुई चुत से पानी पर पानी बहा रही थी औऱ कई बार झड़ चुकी थी एक बार बीच में उसने चुदाई के दौरान मूत भी दिया था..
गौतम ने टांग उठाके चोदने के बाद रजनी को गाडी में बैठा दिया औऱ उसकी चुत जो चुदाई के कारण अब खिलकर फ़ैल चुकी थी में वापस अपना लंड घुसा कर वापस चोदना चालु कर दिया रजनी तो जैसे तृप्त होकर चुदवा रही थी औऱ गौतम के झड़ने का इंतजार कर रही थी उसे मालूम ही नहीं हुआ कब गौतम के साथ चुदाई में पिछला एक घटा बीत चूका था..
आखिर में रजनी को अपनी गोद में अपनी तरह मुंह करके बैठा लिया औऱ सीट पर बैठे बैठे रजनी को चोदने लगा.. औऱ अपना सारा माल रजनी की चुत में भर दिया.. रजनी निढाल हो कर गौतम पर गिर चुकी थी.. दोनों पसीने से तर बतर थे..
गौतम - मज़ा आया दीदी?
रजनी लम्बी लम्बी सांस लेते हुए - मैं तो पागल हो गई.. तू बस नाम का छोटू है भाई, मैंने तो सोचा भी नहीं था चुदाई में इतना मज़ाक़ मिलता है..
गौतम - दीदी अब तो ये मज़ाक़ आप कभी भी ले सकती हो.. मैं आपको मना नहीं करूँगा..
रजनी - तूने तो मेरी फाड़ के रख दी गौतम.. लगता है ठीक से चल भी नहीं पाउंगी..
गौतम - मैंने तो पहले ही कहा.. आप ही मुझे बच्चा समझ रही थी..
रजनी गौतम को चूमते हुए - तू बच्चा नहीं जोनी सीन्स का बाप है छोटे भाई..
गौतम औऱ रजनी आपस में ये बातें कर रही रहे थे की किसी ने चोरी छिपे आकर उनके मुंह पर रुमाल रख दिया जिसमे बेहोश करने की दवा मिली हुई थी..
गौतम औऱ रजनी दोनों तुरंत बेहोश हो गया औऱ उनकी जब आँख खुली तो वो दोनों किसी सुनसान जगह पुराने कारखाने में एक कमरेनुमा जगह में थे औऱ एक बड़े से बिस्तर पर अगल बगल दोनों नंगे लेटे हुए थे..
दोनों के हाथ पैर ऊपर नीचे रस्सी से बांधे जा चुके थे औऱ एक लड़की गौतम के पास बैठकर उसका लोडा मुंह में लिए चूस रही थी..
रजनी लड़की को देखकर - कामिनी कौन है तू? छोड़ दे मेरे भाई के लंड को वरना तुझे जान से मार दूंगी..
लड़की रजनी की बात पर ध्यान नहीं देती औऱ गौतम का लोडा चुस्ती रहती है...
रजनी गुस्से से - बहन की लोड़ी रांड.. छोड़ दे मेरे भाई के लंड को..
लड़की रजनी को अनदेखा करते हुए अपनी चड्डी नीचे सरका कर गौतम के लंड को अपनी चुत में लेटे हुए गौतम के लंड पर बैठ जाती है औऱ चरर की आवाज के साथ गौतम का लंड अपनी चुत में घुसा लेती है औऱ गीतम के लंड पर उछलने हुए जोर से आहे बरने लगती है जिसे देखकर रजनी गुस्से से तिलमिला जाती औऱ उस लड़की को गौतम से दूर करने की नियत से उसकी औऱ उठने की कोशिश करती है मगर रस्सी से बंधे होने के कारण कुछ नहीं कर पाती औऱ पीठ के बल ही लेटे हुए लड़की को गालिया देने लगती है जबकि गौतम लड़की के दिए blowjob औऱ अपने लंड पर उछलने से कामुक हो चूका था औऱ चुपचाप ये सब होता देख रहा था..
रजनी - साली छिनाल रंडी है कौन तू.. औऱ हमें यहां क्यों लेकर आई है? बहन की लोड़ी मेरे हाथ खोल मैं अभी तेरी जान ले लुंगी.. कुतिया साली छोड़ मेरे भाई को.. बता ना रंडी.. कौन है तू..
बिल्लू अंदर आते हुए - ये मेरी बहन है बबली भोसड़ीवाली..
रजनी - कमीने तू.. तू जेल से कब छूटा?
बिल्लू - जेल की संलाखे बिल्लू सांडा को नहीं रोक सकती पुलिसवाली रांडी.. मुझे पकड़ के खुदको बहुत बड़ी तोप समझ रही थी तू.. मैंने बोला था ना मैं तुझे नहीं छोडूंगा.. (पिस्तौल निकालकर) आज तुझे बताऊंगा कि मैं क्या चीज हूँ..
रजनी - भड़वे तेरी बहन तेरे सामने किसी औऱ के लंड पर उछलकर चुद रही है तुझे शर्म नहीं आ रही..
बिल्लू हस्ते हुए - चुदने शर्म कैसी रंडी.. मेरी बहन मेरी रखैल है.. मेरी बहन तो रात में मेरे औऱ मेरे इन दोनों साथियों के लंड पर भी उछलती है.. वैसे साली तू भी कम नहीं, अपने भाई के साथ गाडी में चुदवा रही थी.. अब हम भी तेरी इस चुद का मज़ा लेंगे..
ये कहते हुए बिल्लू ने कंडोम पहन लिया औऱ रजनी पर चढ़ गया औऱ अपना लंड उसकी चुत पर सेट करते हुए अंदर धकेलने लगा..
गौतम - बिल्लू छोड़ दे मेरी बहन को वरना तुझे बहुत बुरी मौत दूंगा..
बिल्लू ने अपनी पिस्तौल बेड पर रख दी औऱ गौतम को एक के बाद एक दो तीन जोरदार थप्पड़ मारके - चुप बहन के लोडे.. वरना एक गोली में यही ढेर कर दूंगा.. तेरी बहन तो आज मुझसे औऱ मेरे साथियो से चुदकर रहेगी..
रजनी - मादरचोद हाथ काट दूंगी अगर मेरे भाई को हाथ लगाया तो..
बिल्लू अपना लंड रजनी कि चुत में ड़ालते हुए - उफ्फ्फ जानेमन.. बोलती है तो कितनी मस्त लगती है तू.. पुलिस वाली को चोदने का मज़ा ही अलग है.. बिल्लू रजनी को चोदने लगा मगर रजनी गौतम के लंड से चुद चुकी थी तो उसे बिल्लू के लंड के अंदर आने वाले पर कोई दर्द तकलीफ महसूस नहीं हुई औऱ वो बिल्लू को गालिया देते हुए चुदवाती रही..
बबली - बिल्लू भईया देखो ना ये साला चूजा मुझे kiss नहीं कर रहा..
बिल्लू रजनी को चोदते हुए रजनी को एक थप्पड़ मार देता है - साली अपने भाई को बोल चुपचाप मेरी बहन की हर बात माने वरना अच्छा नहीं होगा..
गौतम - साले मेरी बहन पर हाथ उठाया तो हाथ उखाड़ दूंगा तेरा..
बिल्लू रजनी को दूसरा थप्पड़ मारकर - ले साले क्या कर लेगा तू..
रजनी - एक बार मेरे हाथ खोल दे फिर बताती हूँ तुझे मैं क्या चीज हूँ..
बबली गौतम के होंठों को चूमते हुए उसके लंड पर आगे पीछे होने लगती है एक ही बिस्तर पर बिल्लू औऱ उसकी बहन गौतम औऱ रजनी के साथ चुदाई कर रहे थे..
बिल्लू थोड़ी देर में ही झड़कर रजनी के ऊपर से हट जाता है.. बिल्लू के बाद बारी बारी उसके साथी कंडोम लगा कर रजनी की चुदाई करते है औऱ आधा घंटा बीत जाता है जबकि गौतम रजनी की चुदाई होते हुए देखकर गाली देने औऱ चिल्लाने के अलावा कुछ नहीं कर पाता.. गौतम का मन बबली को अच्छे से चोदने का भी था मगर वो सिर्फ लेटे हुए अपने लंड के ऊपर बैठी बबली को धीरे धीरे आगे पीछे होता देखकर चुप ही पड़ा था..
रजनी को बिल्लू औऱ उसके साथियो के सामान्य लंड से चुदकर कोई फर्क ही नहीं पड़ा वो वैसे ही लेती रही जैसे पहले थी.. बबली को आज परम सुख मिल रहा था एक तो इतना बड़ा लंड ऊपर से इनता स्टेमिना की आधे घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी गौतम का नहीं झड़ना..
बबली - भईया ये लड़का तो कमाल है.. कब से उछल रही हूँ मगर इसका निकलता ही नहीं..
बिल्लू - जल्दी कर बबली अब इन दोनों को निपटा के यहां से जाना भी है..
रजनी - तू हमारी जान लेगा कमीने.. तुझे पुलिस नहीं छोड़ेगी..
बिल्लू हस्ते हुए - छोड़ेगी तब जब पकड़ेगी.. औऱ तुम दोनों की तो लाश भी किसीको नहीं मिलेगी..
गौतम बबली से चुम्बन तोड़कर धीरे से कान में - मुझे औऱ मेरी बहन को बचा ले बबली.. तुझे ऐसा मज़ा दूंगा तू खुश हो जायेगी..
बबली भी धीरे से - वादा करता है?
गौतम - कसम खाता हूँ..
बबली नज़र बचा कर गौतम के दोनों हाथ खोल देती है औऱ बेड पर पड़ी बिल्लू की पिस्तौल उठाकर बिल्लू औऱ उसके पास बैठकर शराब पीते दोनों साथियों को एक के बाद एक गोली मार देती औऱ मौत के घात उतार देती है..
गौतम बबली को अपने लंड पर से हटा कर रजनी की औऱ अपने पैरों की रस्सी खोल दोनों को पूरी तरह आजाद कर देता है.. रजनी गौतम से लिपट जाती है औऱ दोनों एक दूसरे से नंगे बदन चिपक जाते है..
बबली पिस्तौल फेंककर गौतम से - बहन का मिलन ख़तम हो गया हो तो अब मेरी चुत की खुजली मिटा दे..
रजनी गुस्से से बबली की तरफ बढ़ती हुई - साली कामिनी मैं बताती हूँ तुझे तो.. ये कहते हुए रजनी बबली के गाल ओर एक थप्पड़ जड़ देती है औऱ फिर बबली भी गुस्सा होकर रजनी को थप्पड़ जड़ देती है औऱ दोनों एक दूसरे से लड़ने लग जाते है..
रजनी औऱ बबली दोनों गौतम के लिए नंगी बिस्तर पर लड़ाई करते हुए एक दूसरे को नाखुनो से नोच रही थी जबकि गौतम बिस्तर से खड़ा होकर थोड़ी दूर टेबल रखी पानी की बोतल से पानी पिता हुआ दोनों को लड़ते हुए देख रहा था..
रजनी बबली दोनों थक्कर चूर हो चुकी थी औऱ जोर जोर से हांफ रही थी दोनों की हालात ख़राब थी.. दोनों जैसे लड़ाई के बीच में दो मिनट का बीच में गेप लिया हो ऐसा लग रहा था दोनों थोड़ी शांत होकर एक दूसरे को देख रही थी फिर गौतम की आवाज सुनकर उसे देखने लगी..
गौतम दूर खड़ा हुआ - लड़ना क्यों बंद कर दिया?
बबली औऱ रजनी ने एक नज़र गौतम को फिर एकदूसरे को देखा.. फिर जैसे इशारे से कुछ फैसला करके दोनों बिस्तर उतर कर गौतम के करीब आ गई औऱ गौतम को बिस्तर पर गिरा कर एक साथ उसके लंड पर टूट पड़ी..
गौतम - अह्ह्ह्ह.. आराम से यार...
रजनी औऱ बबली दोनों गौतम के लंड औऱ गोटे मुंह में लेकर चूस रही थी औऱ गौतम को खुश करने की पूरी कोशिश कर रही थी..
गौतम ने रजनी औऱ बबली दोनों के बाल पकड कर दोनों के मुंह आपस में भिड़ा दिए औऱ दोनों के होंठों में से अपने लंड को गुज़ारने लगा..
line border png
गौतम थोड़ी देर बाद दोनों को घोड़ी बना लेता औऱ कभी रजनी तो कभी बबली की चुत मारता है...
रजनी औऱ बबली गौतम के साथ थ्रीसम कर रही थी औऱ उसका मज़ा ले रही थी.. गौतम ने बबली औऱ रजनी दोनों को ही रगड़ के चोदा औऱ दोनों के मुंह पर अपना वीर्य छोड़कर उनका फेसियल कर दिया..
रजनी की तो चाल में लंगड़ा पन आ चूका था मगर बबली तो बहूत चुदी हुई थी उसे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई औऱ वो अपनी चुत को शांत करवा कर हलकी सी लचक औऱ दर्द के साथ उठ गयी..
गौतम - तूमने तो अपने भाई को गोली मार दी?
बबली - साले ने रखैल बनाके रखा था.. जब देखो किसी से भी चुदवा देता था.. मैं कब से उसे मारना चाहती थी..
रजनी - अच्छा किया बबली.. कपडे कहा है हमारे?
बबली - बाहर रस्सी पर..
रजनी - इन लाशों का क्या करें?
बबली - करना क्या है. केरोसिन डालके आग लगा देती हूँ कमीनो की लाश के..
रजनी - इस बारे में किसी से कोई बात नहीं करेगा.. वैसे अब तक तू अपने भाई की रखैल बनकर रह रही थी अब कहा जायेगी?
बबली - पता नहीं.. जहा किस्मत ले जाए.. वही चली जाउंगी..
रजनी - ऐसा कर मेरे साथ चल.. मेरे घर में काम कर लेना..
बबली - मैं वहा क्या करुँगी?
रजनी बबली के बूब्स पकड़के मसलते हुए - देख ये मेरा मुंह बोला भाई है मेरे साथ नहीं रहता.. तू साथ रहेगी तो इसकी कमी मुझे कम खलेगी.. औऱ तुझे भी भी रहने को छत मिल जायेगी..
बबली रजनी की चुत पर हाथ लगा कर सहलाते हुए - ठीक है रजनी..
गौतम - क्या बात है दीदी.. आपको तो एक औऱ मिल गई..
रजनी हसते हुए - कपडे पहन अब चलते है यहां से..
रजनी बबली औऱ गौतम तीनो वहा से गाडी लेकर निकल गए और रजनी से गौतम को उसके घर छोड़कर बबली को अपने साथ अपने घर ले गई..
गौतम घर आ कर सुमन से बिना बात किये ही खाना खा कर उसजे साथ सो गया जो सुमन को अजीब लगा.. लेकिन सुमन ने गौतम से कुछ नहीं पूछा औऱ सोने दिया मगर उसके फ़ोन को अपने हाथ में लेकर उसका फ़ोन खोलते हुए चेक करने लगी.. गीतम ने व्हाट्सप्प से लेकर इंस्टा तक सब अप्प पर लॉक लगाया हुआ था मगर गैलरी में उसने लॉक नहीं लगाया था औऱ सुमन ने गैलरी में आज का बनाया हुआ उसकी औऱ रजनी की चुदाई का वीडियो देख लिया औऱ सुमन गौतम को गुस्से औऱ काम की निगाहो से देखने लगी...
सुमन सोच रही थी की गौतम कितना बिगड़ चूका है की अपने इतनी बड़ी बड़ी औरतों के साथ ये सब बिना शर्म के ही करने लगता है...
गौतम की सुबह जब आँख खुली तो उसके सामने सुमन का चेहरा था, सुमन बिस्तर के किनारे बैठी हुई प्यार से गौतम को जगा रही थी. सुमन के जागने से ही गौतम की आंख खुली और उसने सामने अपनी मां के खूबसूरत चेहरे को दिखा. सुमन अपने साथ चाय का कप लाई थी जो उसने बेड के ऊपर की तरफ किनारे पर रख दिया था गौतम ने सुमन को देखते ही अपनी तरफ खींच लिया और बाहों में भर के सुमन को चूमने लगा.. सुमन प्यार से गौतम को अपने होठों का जाम पिलाकर बोली..
सुमन - उठ जा मेरे शहजादे.. संडे है तो क्या पूरा दिन सोता ही रहेगा? चल जा कर नहा ले..
गौतम - माँ आज चले टेटू बनवाने? छूटी का दिन है..
सुमन - ठीक है जैसा तू कहे मेरे शहजादे..
गौतम बिस्तर से उठ खड़ा होता है और चाय का कप हाथ में लेते हुए चाय की चुस्कियां लेते हुए सुमन को देखने लगता है जो वापस रसोई की तरफ जाकर अपने काम में लग जाती है. गौतम सुमन को ऊपर से नीचे तक कई बार देखता है और उसके बदन को निहारने लगता है गौतम को सुमन के ऊपर पूरी तरह से काम भाव पैदा हो रहा था जिसे वह खुद बखूबी की जानता था..
सुमन के बदन के उतार चढ़ाव बहुत ऊंचे नीचे थे जिससे उसकी सुंदरता में चार चांद लगते थे
गौतम उसीके जाल में फसता चला जा रहा था औऱ अब गौतम सुमन पर पूरी तरह से लड्डू था.. चाय पीने के बाद गौतम बाथरूम चला गया और नहाने लगा, नहाने के बाद गौतम ने कपड़े पहन लिए जो सुमन अभी-अभी निकल कर बिस्तर पर रख गई थी.
गौतम - माँ चले?
सुमन - पहले कुछ खा तो ले ग़ुगु..
गौतम - क्या बनाया है?
सुमन - तेरी मन पसंद बिरयानी..
गौतम - शकल दिखाओ जरा अपनी.. आप तो नॉनवेज छूना भी पसंद नहीं करती थी.. औऱ अब खाने के साथ बनने भी लगी हो..
सुमन - मेरे ग़ुगु के लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ..
गौतम - तो फिर खिला भी दो अपने हाथो से..
गौतम और सुमन ने खाना खाया और फिर दोनों ही घर को ताला मार कर घर से बाहर आ गए.. गौतम ने बाइक स्टार्ट की और सुमन उसके पीछे बैठ गई. सुमन बार-बार गौतम से कह रही थी कि टैटू में फालतू ज्यादा पैसे लग जाएंगे लेकिन गौतम बार-बार सुमन को समझा रहा था कि वह चिंता ना करें गौतम सब संभाल लेगा..
शहर की पुरानी गलियों से गुजरते हुए गौतम सुमन को एक वीराने से मकान के सामने ले आया जहां आसपास छोटी-छोटी गलियां गुजर रही थी और निकलने की कम ही जगह बची थी जगह को देखने से ऐसा लगता था जैसे यह जगह शहर से बिल्कुल इतर एक अलग ही दुनिया है पुराना शहर है जिसका अस्तित्व आप धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है.
सुमन - ग़ुगु कहा ले आया.. यहां कोनसी टेटू की दूकान है..
गौतम - माँ यार आप कितने सवाल करती हो.. चलो ना मेरे साथ.. सब पता चल जाएगा.. मैंने एक पुराने दोस्त से बात की थी उसने यहाँ का पता दिया है.. आप आओ मेरे साथ..
गौतम सुमन को लेकर उस मकान के अंदर दाखिल हो जाता है और सीढ़ियां चढ़ता हुआ ऊपर एक दरवाज के बाहर आकर, दरवाजे पर नॉक करता है..
गौतम के दरवाजा बजाने पर अंदर से एक आदमी निकाल कर दरवाजा खोलता है और सामने सुमन और गौतम को देखकर पूछता है कि उनको क्या काम है? आदमी के सवाल के जवाब में गौतम अपनी बात कहता हुआ बोलता है कि उसे टैटू बनवाना है और उसे किसी ने यहां का एड्रेस दिया था.. क्या उसका नाम अनवर है? आदमी हाँ में सर हिलता हुआ दोनों को कमरे के अंदर आने के लिए कहता है. कमरे में दाखिल होते ही गौतम और सुमन दोनों कमरे को देखकर हैरान हो जाते है.
साधारण से दिखने वाली इस जगह पर अनवर कमरे में टैटू बनाने का पूरा कारखाना खोले हुए था. अनवर की उम्र करीब 32 साल की लगभग थी और वह टैटू बनाने में एक्सपर्ट आदमी था.
अनवर - ज़ी किसे बनवाना है टेटू?
गौतम - मेरी माँ को बनवाना है..
अनवर हैरानी से सुमन को देखकर - केसा टैटू बनाना है भाभी ज़ी?
गौतम फ़ोन से एक पिक दिखाते हुए - ये वाला..
अनवर - ठीक है भाभी ज़ी आप यहां लेट जाइये मैं तैयारी करता हूँ.. हाथ पर ही बनवाना है ना..
गौतम - हाथ पर नहीं.. बूब्स पर बनवाना है..
अनवर एक पल के लिए शॉक हुआ मगर फिर बोला -
ठीक है... भाभी ज़ी आप यहां लेट जाओ आकर..
सुमन अनवर के कहे अनुसार उसकी बताई हुई जगह लेट जाती है और अनवर टैटू बनाने की तैयारी करने लगता है.. फिर सुमन के दाई औऱ आकर एक राउंड चेयर ओर बैठ जाता है वही गौतम बाई औऱ खड़ा रहता है..
अनवर - भाभी ज़ी ये साड़ी हटा दो..
गौतम सुमन का पल्लू हटाकर - ब्लाउज उतार दो माँ..
टेटू बनाने में आसानी रहेगी.
सुमन अनवर के सामने थोड़ा झिझकते हुए - बटन खोलके काम नहीं चलेगा?
अनवर - चल जाएगा भाभी पर बूब्स पर टेटू के लिए ब्लाउज को पूरा ओपन करना पड़ेगा.
गौतम सुमन के ब्लाउज के बटन खोलते हुए - मैं खोल देता हूँ माँ.. आप लेटी रहो.. गोतम सुमन का ब्लाउज उतार देता है औऱ सुमन कमर से ऊपर सिर्फ ब्रा में आ जाती है. सुमन को अनवर के सामने शर्म आ रही थी मगर गौतम पूरा बेशर्म बना हुआ था.
अनवर बूब्स को हल्का सा छूकर - यहां बनाना है?
गौतम - नहीं अनवर भाई.
अनवर - तो कहा?
गौतम सुमन की ब्रा को ऊपर खिसका कर उसके दोनों बूब्स आजाद कर देता है औऱ एक बूब्स के चुचक पकड़कर अनवर से कहता है - निप्पल्स के बगल में इस तरफ. सुमन गौतम की हरकत पर शर्म से आधी हो जाती है मगर उसे कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाती.
अनवर भी खुलने लगता है औऱ सुमन के बूब्स को बेझिझक पकड़ कर गौतम की बताई जगह पर टेटू बनाने लगता है.
गौतम सिगरेट पिने कमरे से बाहर आ जाता है वही अनवर सुमन के बूब्स के पुरे मज़े लेकर उसपर टैटू बनाने लगता है. सुमन अनवर की हरकत पहचान रही थी औऱ शर्म के कारण अनवर से कुछ भी नहीं बोल रही थी.. अनवर टैटू बनाने के बहाने सुमन के निप्पल्स को बार बार पकड़कर मसालार मरोड़ रहा था जिससे सुमन हलकी सी सिसक पडती थी.. अनवर का लंड औऱ सुमन के निप्पल्स दोनों कड़क होकर खड़े हो चुके थे.. गौतम बाहर खड़ा होकर सिगरेट के कश लगा रहा था औऱ अंदर अनवर बिना शर्म किया सुमन के बूब्स दबा रहा था औऱ टेटू बनाते हुए सुमन के मज़े ले रहा था.. अनवर ने सुमन से अब बात करना शुरू कर दिया था..
अनवर - भाभी ज़ी बूब्स तो बहुत टाइट है आपके. जिम जाती होंगी..
सुमन - नहीं.. बस घर का काम ही करती हूँ..
अनवर - भाभी ज़ी एक टेटू नीचे भी बनवा लो..
सुमन - नीचे फिर कभी बनवा लुंगी आप अभी यही बना दो..
अनवर ऐसे ही सुमन के मज़े लेटे हुए टेटू बनाता है औऱ सुमन के बूब्स पर टेटू बन जाता है, गौतम जब अनवर को टेटू के पैसे देता है तो अनवर टेटू के पैसे लेने से मना कर देता है फिर गौतम सुमन के साथ वहा से वापस आने के लिए निकल पड़ता है.
वापस आते हुए रास्ते में गौतम गाड़ी को एक ठेके के सामने रोकता है और सुमन ठेके के सामने गाड़ी रूकती देखकर सुमन गौतम से पूछता है कि उसने गाड़ी क्यों रोक है तो गौतम सुमन को ठेके की तरफ इशारा करते हुए कहता है कि एक बॉटल लेते हुए घर चलते हैं, इस पर सुमन गौतम को गुस्से की नजरों से देखती है मगर गौतम सुमन को प्यार से कहता है कि उसने कई बार सुमन और रूपा को एकसाथ शराब पीते हुए देखा है और सुमन उसके सामने भी शराब पी सकती है उसे कोई परेशानी है. सुमन गौतम की बातों से लरज जाती है औऱ कुछ नहीं बोलती वही गौतम ठेके से ब्लैक डॉग शराब की एक बोतल ले आता है औऱ फिर सुमन के हाथों पकड़ा कर बाइक स्टार्ट करते हुए घर आ जाता है.
गौतम - माँ यार चाय बना दो.
सुमन शराब की बोतल को रसोई में ऊपर छिपा कर रख देती है औऱ चाय बनाने लगती है तभी उसके फ़ोन ओर फ़ोन आता है..
सुमन फ़ोन उठाकर - हेलो
गौतम - माँ किसका फ़ोन है?
सुमन - संजू मामा (45) का.. सुमन बात करती हुई.. हाँ भईया..
संजू मामा उर्फ़ संजय - सुमन तू कल सुबह तक आ जायेगी ना?
सुमन - कल सुबह तक? भईया कल सुबह तक तो नहीं आ पाऊँगी..
संजय - सुमन तू तो जानती है शादी का घर है कितना काम होता है अगर लड़की (ऋतू 25) की बुआ भी एक हफ्ता पहले नहीं आएगी तो फिर काम कैसे होगा? औऱ कौन जिम्मेदारियां संभालेगा? तेरी भाभी का तुझे पता ही है..
सुमन - भईया मैं कोशिश करूंगी जल्दी आने की..
संजय - कोशिश नहीं सुमन आना है. ले माँ से बात कर..
गायत्री (62) - हेलो सुमन..
सुमन - कैसी हो माँ?
गायत्री - मैं ठीक हूँ बेटी तू कैसी है औऱ ग़ुगु केसा है?
सुमन - हम दोनों ही अच्छे माँ..
गायत्री - बेटी तू जल्दी आजा.. कितना टाइम हो गया तुझे देखे..
सुमन - माँ मैं तो आ जाऊ पर ग़ुगु का यहां कौन ख्याल रखेगा?
गायत्री - अरे तो ग़ुगु वहा क्यों छोड़ना है उसे लेके आ ना..
सुमन - माँ आप जानती तो हो उसे.. कितना ज़िद्दी है.. 6 साल हो गए तब तक पुरानी बात नहीं भुला.. अभी भी अपनी दीदी औऱ मामी से नाराज़ है..
गायत्री - बेटी तू समझा ना उसे. देख तू नहीं आएगी तो कितना सुना लगेगा घर..
सुमन - मैं तो कब से समझा रही हूँ माँ पर ग़ुगु समझता ही नहीं.. बस पहले की बात को दिल से लगाके बैठा है.. कहता है वापस चेहरा तक नहीं देखा किसीका..
गायत्री - सुमन बेटी तू कैसे भी करके ग़ुगु को ले आ बस.. शादी बार बार नहीं होती औऱ वो कब तक अपनी मामी औऱ दीदी से नाराज़ रहेगा? चेतन (26) औऱ आरती (24) की शादी मैं भी नहीं आया था ग़ुगु..
सुमन - मैं देखती हूँ माँ..
गायत्री - सुमन मैं कुछ नहीं जानती कल सुबह अगर तू नहीं आई तो मैं फिर तुझसे बात नहीं करुँगी..
सुमन - ठीक है माँ.. मैं मनाती हूँ ग़ुगु को.. फ़ोन कट जाता है..
गौतम - माँ आप चली जाओ मैं रह लूंगा अकेला.. मेरी चिंता मत करो..
सुमन - तू जब तक मेरे साथ नहीं चलेगा मैं कहीं नहीं जाने वाली समझा..
गौतम - माँ आप जानती हो मुझे उन लोगों की शकल तक नहीं देखनी..
सुमन - बेटा कितनी पुरानी बात है तू भूल क्यों नहीं जाता? आखिर तेरी मामी औऱ दीदी ने ही तो तुझे डांटा था.. कोई पराया तो नहीं था..
गौतम - चोरी का नाम लगाकर, क्या कुछ नहीं बोला था उन दोनों ने मुझे.. आप वहा होती तो क्या सहती ये सब? बहुत घमंड है उन लोगों को अपनी रइसी पर, उनको उनके घमंड में रहने दो.. मैं तो नहीं जाने वाला..
सुमन - मगर बेटा पर उस दिन मामी औऱ दीदी ने तुझसे माफ़ी भी तो मांगी थी..
गौतम - हाँ जब उनको पर्स औऱ सामान उनके पास ही मिल गया था तब मांगी थी.. वो भी कितनी आसानी सॉरी बोलकर खिसक गई थी.. कितना रोब झड़ती है मामी अपनी रइसी का.. जाते ही वापस अपने गहने औऱ कपडे की कीमत बताकर निचा दिखाने लगेगी.. मैं नहीं जाने वाला माँ..
सुमन - छः साल हो गए उस बात को ग़ुगु.. अगर तू सुबह मेरे साथ नहीं चला तो मैं तुझसे रूठ जाउंगी..
गौतम मुस्कुराते हुए - आप औऱ मुझसे रूठ जाओगी? ठीक है रूठ जाओ..
सुमन - ग़ुगु चल ना.. मुझे भी 2 साल हो गए भईया और माँ से मिले.. आखिरी बार चेतन औऱ आरती की शादी में मिली थी.. मेरे लिए इतना नहीं कर सकता.. अब क्या मैं हाथ जोड़कर तुझसे कहु?
गौतम - माँ क्यों मुझे वहां ले जाना चाहती हो.. मेरा मन नहीं है.. आप चली जाओ ना..
सुमन मुंह बनाकर - ठीक है मैं भी नहीं जाती.. तुझे नहीं माननी ना मेरी बात तो ठीक है.. मैं वैसे भी कोनसी तेरे लिए जरुरी हूँ जो तू मेरी बात मानेगा..
गौतम सुमन की बात सुनकर उसे बाहों में भरते हुए - अच्छा ठीक है मेरी माँ.. आप ना बहुत नाटक करने लगी हो..
सुमन गौतम का चेहरा चूमकर - सब तुझ से ही सीखा है मेरे दिल के टुकड़े.. चल पैकिंग कर ले सुबह जल्दी जाना है..
गौतम - आराम से कर लेना माँ.. छोटा सा ही तो रास्ता है.. अजमेर से जयपुर कोनसा दूर है?
सुमन - तेरे कपडे मैं पैक करुँगी.. वरना तू कुछ भी, जो मिलेगा वो पैक कर लेगा..
गौतम - कर लो.. पर पहले चाय तो पीला दो.. कब से उबाल मार रही है..
सुमन चाय कप में डाल कर गौतम को दे देती है..
सुमन - लो मेरे गौतम ज़ी आपकी चाय..
गौतम - थैंक्यू सुमन..
सुमन - बेशर्म नाम से बुलाता है अपनी माँ को..
गौतम चाय पीते हुए - आपने भी तो नाम से बुलाया..
सुमन - बहुत बातें बनाना सिख गया है.. चल मैं पैकिंग करती हूँ फिर खाना भी बनाना है..
सुमन पैकिंग पूरी कर लेती है और उसके बाद खाना बनाकर गौतम के साथ खाना खा लेती है और रात को गौतम के साथ इस तरह जिस तरह वह पहले कुछ राते सो रही थी सोने लगती है.. गौतम सुमन आज भी कमर से ऊपर पूरी तरह निर्वास्त्र होकर एकदूसरे के साथ लिपटे हुए लेटे थे.. सुमन बच्चों की तरह गौतम के सीने पर लेटी हुई थी उसे नींद आ चुकी थी औऱ नींद की गहरी खाई में उतर चुकी थी मगर गौतम की आँखों में नींद का कोई अक्स नहीं था वो सुमन की जुल्फ संवारता हुआ सुमन का चेहरा देखे जा रहा जैसे जोहरी हिरे को देखता है..
सुमन का फ़ोन बजा तो गौतम ने सुमन को जगाने की कोशिश की मगर सुमन गहरी नींद में थी गौतम ने उसे जगाने की ज्यादा कोशिश नहीं की औऱ सुमन का फ़ोन उठा के देखा जिसमे रूपा का फ़ोन आ रहा था..
गौतम फ़ोन उठाकर - हेलो..
रूपा - कैसे हो मेरे नन्हे शैतान..
गौतम - वैसा ही जैसा आपने कल देखा था..
रूपा - आज क्यों नहीं आये मिलने.. औऱ दीदी कहा बिजी है?
गौतम - माँ तो सो गई.. औऱ आज थोड़ा बिजी था..
रूपा - अभी तो सिर्फ 10 ही बजे है.. दीदी को अभी नींद आ गई..
गौतम - हाँ वो कल मामा के यहां जाना है शादी में.. आपको तो बताया होगा माँ ने..
रूपा - पर तू तो नहीं जाने वाला था ना ग़ुगु..
सुमन - मैं तो अब भी नहीं जाना चाहता मम्मी.. पर माँ ने अपनी कसम दे रखी है.. कैसे मना करू?
रूपा - शादी एक हफ्ते बाद है ना..
सुमन - हाँ.. आप भी चलो ना.. साथ में मज़ा आएगा..
रूपा - नहीं ग़ुगु.. मैं नहीं आ सकती.. तुम जाओ औऱ खूब मज़े करना, औऱ दीदी से कहना तुम्हारा ख्याल रखे..
गौतम - माँ को ये कहने की जरुरत है? वो तो हमेशा मेरा ख्याल रखती है.. पापा के जाने के बाद तो औऱ भी ज्यादा..
रूपा - हम्म.. बताया था दीदी ने.. ग़ुगु तुम दीदी से कहो ना यहां आकर मेरे साथ रहने के लिए.. मैं कल से समझा रही हूँ पर वो है की मानने को त्यार नहीं..
गौतम - पर..
रूपा - क्या पर.. हम्म? मैंने कहा था तुम्हे मुझे अपना मानो.. पर लगता है तुम भी मुझे पराया समझते हो..
गौतम - ठीक है मम्मी.. मैं बात करूंगा माँ से इस बारे में.. औऱ उन्हें राजी करूंगा आपके साथ रहने के लिए..
रूपा - ग़ुगु..
गौतम - हाँ..
रूपा - याद आ रही है तुम्हारी..
गौतम - आपने ही मना किया था..
रूपा - हाँ वो बाबाजी ने कहा है दूर रहने के लिए..
गौतम - अब इसमें मेरी क्या गलती? मैं आपके लिए हमेशा तैयार हूँ..
रूपा - अच्छा.. सुबह कितनी बजे निकलोगे?
गौतम - 8 बजे वाली बस से..
रूपा - बस से क्यों?
गौतम - इतनी दूर बाइक चलाने में मुझे नींद आती है..
रूपा - तो मुझे कहना था ना ग़ुगु.. मैं कल सुबह घर पर कार भिजवा दूंगी.. उसे लेकर चले जाना..
गौतम - पर आपके पास कार कहा है?
रूपा - तू अभी अपनी मम्मी को ठीक से जानता नहीं है मेरे नन्हे शैतान..
गौतम - अच्छा ज़ी.. ऐसी बात है? फिर तो कोशिश करूँगा जल्दी जान जाऊ..
रूपा - मन कर रहा है तुझे फ़ोन में घुस कर अपने गले से लगा लू.. बहुत याद आ रही है तेरी..
गौतम - मुझे भी..
रूपा - चल अब रखती हूँ.. तू भी सोजा..
गौतम - गुडनाइट मम्मी...
रूपा - गुडनाईट मेरे नन्हे शैतान..
सुबह हो चुकी थी औऱ सुमन नहाने के बाद काले पेटीकोट औऱ ब्लाउज को पहनकर रसोई में चाय बना रही थी उसके बाल गीले थे जिसे उसने तौलिये से बाँधा हुआ था उसे देखने से लगता था वो अभी अभी नहा के आई है औऱ चाय बनाने लगी है.. गौतम भी अभी अभी बाथरूम से नहाके निकलकर अपने कपडे पहन चूका था.. गौतम रसोई में आकर पीछे से सुमन को अपनी बाहों में भरते हुए सुमन की गर्दन चुम लेता है कहता है..
गौतम - गुडमॉर्निंग माँ..
सुमन - गुडमॉर्निंग मेरे बच्चा.. क्या बात है आज तो जगाने बिना ही उठ गया तू.. औऱ नहा भी लिया..
गौतम - आप कहो तो वापस सो जाता हूँ..
सुमन - कोई जरुरत नहीं है.. मैंने तेरा बैग पैक दिया है कुछ औऱ चीज लेनी हो तो तू अभी रख ले.. बाद में तू मत बोलना.. आपने ये तो पैक ही नहीं किया.
गौतम - नहीं बोलूंगा.. अच्छा रात को आपकी रूपा रानी का massage फ़ोन आया था..
सुमन - ग़ुगु वो भी तेरी माँ जैसी है.. रेस्पेक्ट से नाम लिया कर उनका बेटू..
गौतम - इतना प्यार से नाम ले रहा हूँ.. रूपा.. रानी.. औऱ कितनी रेस्पेक्ट करू उनकी.. वैसे एक बात बोलू.. मुझे बहुत सेक्सी लगती है आपकी रूपा रानी.. कहो तो बहु बनाके ले आउ आपकी रूपा को..
सुमन गौतम के कान पकड़ते हुए - देख रही हूँ बहुत बदमाश हो रहा है तू.. तुझे बस बड़ी औरत ही पसंद आती है, है ना? वैसे क्या कह रही थी रूपा?
गौतम अपना कान छुड़वाते हुए - आई लव यू बोल रही थी मुझे.. कह रही थी मेरी याद आती है उनको.. नींद भी नहीं आती मेरे बिना..
सुमन - तूने आज मार खाने का इरादा कर लिया है क्या?
गौतम - मज़ाक़ कर रहा था माँ.. रूपा आंटी गाडी भिजवा रही है.. बोल रही थी बस से मत जाना..
सुमन - तूने मना नहीं किया रूपा को? औऱ तुझे कार चलाना आता है?
गौतम - मना किया था पर वो मानी नहीं, बोली.. अगर मुझे अपना समझते हो तो मना मत करना.. औऱ आप तो जानती हो मैं रूपा आंटी को कितना अपना समझता हूँ.. औऱ माँ कार क्या आपका ग़ुगु ट्रक भी चला सकता है..
सुमन - हम्म.. सब पता है मुझे.. तू किसको क्या समझता है.. ले चाय पिले मैं साडी पहन लेती हूँ..
गौतम - माँ कोई अच्छी साडी पहना..
सुमन - चल ही बता दे क्या पहनू..
गौतम - मैरून अच्छा लगेगा आप पर..
सुमन - मैरून कलर की साडी पहन लेती हूँ.. बस..
गौतम चाय की चुस्कीया लेने लगता है और कुछ औऱ चीज़े अपने बेग में डाल लेता है.. सुमन अंदर जाकर साड़ी पहन लेती है, इतने में कोई आदमी बाहर दरवाजे पर बेल बजाता है और गौतम बाहर जाकर देखता है तो एक आदमी उसे कार की चाबी दे देता है औऱ चला जाता है.. गौतम देखता है की रूपा ने वाइट कलर स्विफ्ट कार भिजवाई है.. वो चाबी लेकर अंदर आ जाता है औऱ सुमन ने जो बेग पैक किये थे उन्हें कार में रख देता है..
गौतम - माँ कितना टाइम लगेगा? साडी पहन रही हो या बना रही हो..
सुमन - बस ग़ुगु 5 मिनट..
गौतम - आधा घंटा हो गया आपकी 5 मिनट ख़त्म नहीं हो रही..
सुमन - बेटू बस आ गई..
गौतम - 5 मिनट में आप बाहर नहीं आई तो मैं अंदर आ जाऊंगा साडी पहनाने..
सुमन हस्ते हुए - तुझे रोका किसने है अंदर आने से बेटू..
गौतम 5 मिनट बाद कमरे में घुस जाता है देखता है की सुमन आईने के सामने बैठकर अपने होंठों पर लिपस्टिक लगा रही है.. उसने आज अद्भुत श्रृंगार किया था उसका चेहरा चाँद की लालिमा के सामान प्रजव्वल था माथे पर बिंदिया आँखों में काजल औऱ होंठों पर लाली के साथ साथ.. सुमन ने पहनी मेरून साडी भी उसके रूप को औऱ बढ़ा रही थी..
सुमन - बस ग़ुगु.. हो गया चलते है..
गौतम सुमन को बस देखे जा रहा था..
सुमन - चल ना ग़ुगु अब खड़ा क्यों है..
गौतम - कमाल लग रही हो माँ आज.. लगता है आफत आने वाली है.. मन कर रहा है आपको अपनी दुल्हन बना लू..
सुमन मुस्कराते गौतम का मुंह पकड़कर हुए - माँ को दुल्हन बनाएगा बेशर्म.. चल.. अब लेट नहीं हो रहा?
गौतम सुमन को बाहों में भरते हुए - लिपस्टिक ख़त्म तो नहीं हुई ना माँ आपकी?
सुमन - क्यों?
गौतम - क्योंकि जो लिपस्टिक आपने अपने होंठों पर लगाईं है उसे तो मैं खाने वाला हूँ..
इतना कहकर गौतम सुमन के होंठों पर टूट पड़ता है औऱ सुमन को बेतहाशा चूमने लगता है जिससे सुमन हक्कीबक्की रह जाती है औऱ गौतम को चूमने से नहीं रोक पाती औऱ चुपचाप खड़ी रहकर गौतम के चुम्बन का मोन समर्थन कर देती है.. गौतम सुमन को बाहों में जकड कर चूमे जा रहा था औऱ लम्बे समय बाद सुमन के मना करने पर चुम्बन तोड़ देता है..
सुमन - ग़ुगु.. तू भी ना..
गौतम - सॉरी माँ.. आप इतनी प्यारी लग रही है कण्ट्रोल नहीं कर पाया आपको चूमने से..
सुमन रुमाल से गौतम के होंठों पर लगी अपने होंठों कि लिपस्टिक साफ करती है औऱ अपने होंठों कि लिपस्टिक ठीक कर गौतम से चलने के लिए कहती है.
गौतम औऱ सुमन कार मैं बैठ जाते है औऱ जयपुर के लिए निकल जाते है..
रास्ते में पड़ने वाली कच्ची सडक पर हिलती गाडी में सुमन के हिलते चुचे देखकर गौतम का मन काम कि भावना से भरने लगता है औऱ वो अपना एक हाथ सुमन के चुचे पर रखकर दबाता हुआ सुमन से पूछता है..
गौतम - माँ ब्रा नहीं पहनी क्या आपने?
सुमन - ग़ुगु ये ब्लाउज बहुत टाइट था तो नहीं पहन पाई..
गौतम - दूसरा ब्लाउज पहन लेती ना माँ.. ब्रा नहीं पहनोगी तो आपके बूब्स ढीले होकर लटक जाएंगे.. औऱ मैं नहीं चाहता आप अभी से ढीली पड़ो..
सुमन - ग़ुगु इस साड़ी पर यही ब्लाउज मैचिंग था तो पहन लिया.. मामा के घर बदल लुंगी..
गौतम - मामा के घर क्यों माँ.. रास्ते में कहीं बदल लेना..
सुमन - रास्ते में कहा जगह मिलेगी बेटा?
गौतम - उसकी चिंता आप मत करो.. आगे हाईवे से गाडी नीचे उतार लूंगा.. वहा दूर दूर तक कोई भी नहीं है..
सुमन - बेटा पर खुले में?
गौतम - मैंने कहा ना माँ वहा कोई नहीं आता जाता आप चिंता मत करो..
गौतम गाडी को कुछ देर हाईवे पर चला कर एक कट से नीचे उतार लेता है जहा जंगल जैसी जगाह थी.. थोड़ा आगे गाडी चला कर एक पेड़ के नीचे रोक देता है..
गौतम - आप ब्लाउज बदल लो माँ मैं बाथरूम कर लेता हूँ..
इतना कहकर गौतम गाडी से नीचे उतर जाता है औऱ गाडी के पास ही पेड़ के नीचे मूतने लगता है सुमन बेग से दूसरा ब्लाउज निकालकर पहनने लगती है मगर सुमन का ध्यान गौतम के लंड पर था जिसे गौतम जानभूझ गाडी के बिलकुल पास सुमन को दिखाते हुए मूत रहा था.. सुमन औऱ गौतम दोनों के मन में चुदाई कि काम इच्छा फलने फूलने लगी थी..
गौतम मूतने के बाद अपने लंड को दो चार बार ऐसे हिलता है जैसे वो मुठ मार रहा हो फिर लंड को पेंट में कर लेता है औऱ गांड़ी में आकर बैठ जाता है.. सुमन ये देखकर औऱ भी कामुक हो उठी थी..
गौतम सुमन के पर्स में से सिगरेट निकालकर सुलगा लेता औऱ एक कश मारके सुमन का ब्लाउज देखकर कहता है - ध्यान कहा है माँ आपका?
सुमन - क्यों.. क्या हुआ ग़ुगु?
गौतम सिगरेट का अगला कश लेकर - ब्लाउज उल्टा पहना है आपने..
सुमन हसते हुए अपना ब्लाउज खोल देती है औऱ उसे सीधा करने लगती है गौतम सुमन के हाथो से ब्लाउज ले लेता है औऱ सुमन को सिगरेट देते हुए कहता है - बाद में पहन लेना माँ.. क्या जल्दी है..
सुमन सिगरेट लेकर कश मारती हुई गौतम से कहती है - तेरा बस चले तो तू मुझे नंगा ही कर दे.. बहुत बिगड़ गया है तू.. तेरा कॉलेज ख़त्म होते ही तेरी शादी करवा दूंगी अच्छी सी लड़की देखकर..
गौतम सुमन के सामने अपना लंड मसलते हुए - पर मुझे तो आपके अलावा कोई औऱ पसंद ही नहीं आता माँ.. आप ही कर लो ना मुझसे शादी.. बहुत खुश रखूँगा में आपको.. कभी छोडके नहीं जाऊंगा.. हमेशा प्यार करूंगा आपसे..
सुमन सिगरेट का कश लेकर धुआँ छोडते हुए मुस्कुराकर - माँ हूँ मैं तेरी.. मुझसे ऐसी बातें करेगा तो एक थप्पड़ खायेगा तू.. देख रही हूँ बहुत आग लगी हुई है तेरे अंदर..
गौतम सुमन से सिगरेट लेकर कश मारता हुआ - आप तो हमेशा दिल तोड़ने कि बातें करती हो माँ.. अब आग लगी हुई तो इसमें क्या दोष? मैं अपने मन से थोड़ी जवान हुआ हूँ.. आपको देखकर मेरे दिल में कुछ कुछ होता है तो इसमें मेरी क्या गलती?
सुमन मुस्कुराते हुए - मैं समझती हूँ मेरे शहजादे.. पर मैं माँ हूँ तेरी.. तेरे साथ कुछ भी वैसा नहीं कर सकती..
गौतम सुमन को सिगरेट देते हुए - मैं कब कह रहा हूँ कि आप मेरे साथ सेक्स करो माँ.. पर आप अपने हाथो से तो कभी कभी मुझे प्यार कर सकती हो..
सुमन गौतम का इशारा समझ गई थी औऱ उसके चेहरे पर हलकी शर्म लिहाज़ औऱ गौतम के लंड को साफ साफ देखने कि बेसब्री साफ दिखाई दे रही थी..
सुमन सिगरेट का आखिरी कश लेकर सिगरेट बाहर फेंक देती है औऱ दो घूंट पानी पीकर गौतम से कहती है - ठीक है ग़ुगु.. अगर तू चाहता है तो मैं अपने हाथों से तुझे ठंडा कर देती हूँ, लेकिन तू भी मुझसे वादा कर कि ये बात किसी को नहीं बताएगा औऱ मेरी हर बात चुपचाप मानेगा..
गौतम सुमन का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है औऱ दबाते हुए कहता है - आप जैसा बोलोगी मैं वैसा ही करूगा माँ.. बस आप उसे ठंडा कर दो.. बहुत परेशान करता है ये मुझे...
सुमन मुस्कुराते हुए - नीचे कर अपनी जीन्स..
गौतम एक झटके मैं जीन्स औऱ चड्डी नीचे सरका देता है औऱ सुमन के सामने साफ साफ अपने खड़े लंड को नंगा कर देता है.. सुमन पहले भी गौतम का लंड देख चुकी थी मगर अब उसके सामने मात्र कुछ इंच दूर ही गौतम का लंड पूरा खड़ा हुआ था जिसे देखकर सुमन के मन में सावन कि बारिश होने लगी औऱ मोर नाचने लगे..
सुमन - हाय दइया ग़ुगु..
गौतम - पसंद आया माँ?
सुमन शर्मा जाती है औऱ अपने हाथ में गौतम का लंड पकड़ कर उसे नापते हुएधीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगती है गौतम भी सुमन कि ब्रा निकाल देता है औऱ उसके चुचे दबाते हुए सुमन को अपनी तरफ खींचकर चूमने लगता है..
सुमन गौतम के ऊपर झुकी हुई उसे अपने होंठों का स्वाद चखा रही थी वही गौतम सुमन के चुचे औऱ खड़े चुचक मसलते हुए सुमन से हस्तमैथुन का मज़ा ले रहा था बहुत देर तक ये कार्यक्रम ऐसे ही चलता रहा..
सुमन - कब निकलेगा ग़ुगु? कब से हिला रही हूँ..
गौतम - माँ मुंह में लेके ट्राय करो ना जल्दी निकल जाएगा..
सुमन इतराते हुए - मैं मुंह नहीं लुंगी.. मुझे अजीब लगता है
गौतम - ले लो ना माँ.. कुछ नहीं होता.. आगे आपको जूस पीला दूंगा.. सब ठीक हो जाएगा..
सुमन - नहीं ग़ुगु.. हाथों से ही हिला दूंगी.. मैंने कभी मुंह में नहीं लिया.. मुझे उल्टी आती है..
गौतम - माँ हाथों से तो बहुत टाइम लग जाएगा.. कब तक हिलाती रहोगी? एक करो मैं कंडोम पहन लेता हूँ फिर मुंह में लेके निकाल दो..
सुमन शरमाते हुए - ग़ुगु नहीं ना..
गौतम - प्लीज ना माँ.. कंडोम से मान जाओ..
सुमन - कंडोम है तुम्हारे पास?
गौतम अपने बटुए से कंडोम निकालते हुए - बहुत सारे है माँ.. आपको कोनसा फ्लैवर पसंद है?
सुमन शरमाते हुए - कोई सा भी देदे..
गौतम - स्ट्रॉबेरी लेलो माँ.. ज्यादातर औरतो को वही पसंद आता है.. लो पहना दो..
सुमन कंडोम लेकर गौतम के लंड पर पहना देती है..
गौतम सुमन के सर पर हाथ रख देता है औऱ उसे लंड पर झुकाते हुए कहता है - बच्चों जैसे क्या शर्मा रही हो माँ आप भी.. चलो अब ले भी ली मुंह में.. कुछ नहीं होता..
सुमन गौतम के लंड को मुंह में भरने लगती है औऱ गौतम अपनी माँ के मुंह में लंड जाने से औऱ भी ज्यादा उत्तेजित होने लगता है..
गौतम सुमन के पर्स से एक औऱ सिगरेट निकाल कर लाइटर से सुलगा लेता है औऱ सिगरेट के कश लेटे हुए लंड चुस्ती अपनी माँ सुमन को देखने लगता है..
गौतम सुमन के सर पर दबाव डालकर - माँ थोड़ा अंदर लेकर चुसो ना.. आप तो बस मेरे लंड के टोपे को ही चूस रही हो..
सुमन गौतम के लंड को मुंह में औऱ भरकर चूसे जा रही थी औऱ अपने हाथ से गौतम के दोनों टट्टे सहला रही थी..
गौतम को तो जैसे सुमन ने अफीम खिला दी थी गौतम उतना नशे में मदहोश होने लगा था औऱ सिगरेट के कश लेता हुआ सुमन के blowjob से तृप्त होने लगा था.
सुमन ने मुंह लेकर बस 5 मिनट के अंदर ही गौतम का माल निकाल दिया.. औऱ उसके लंड से कंडोम उतार कर कंडोम के गाँठ लगाकर गाडी से बाहर फेंक दिया..
सुमन - बस हो गई तेरी इच्छा पूरी? हो गया ठंडा?
गौतम - आई लव यू सुमन..
सुमन हसते हुए - मुझे नाम से मत बुला बेशर्म..
गौतम - माँ छोटे ग़ुगु को साफ तो कर दो..
सुमन गौतम का लंड पकड़ कर अपनी साडी के पल्लू से लंड का चिपचिपापन साफ कर देती है औऱ अपनी ब्रा औऱ ब्लाउज पहनने लगती है औऱ गौतम से कहती है - अब मेरे इस छोटे ग़ुगु को अंदर तो डाल ले..
गौतम लंड अंदर करता हुआ - छोटा ग़ुगु तो नाराज़ है आपसे..
सुमन - क्यों मज़ा नहीं आया मेरे छोटे ग़ुगु को?
गौतम - मज़ा कैसे आता? अपने छोटे ग़ुगु को छाता जो पहना दिया..
सुमन गौतम कि बात पर जोर से हँसने लगी औऱ फिर गौतम से बोली - अगली बार मेरे छोटे ग़ुगु को बिना छाते के मुंह में ले लुंगी बस..
गौतम सुमन कि जांघ पर हाथ रखकर सुमन कि जांघ सहलाते हुए - माँ अपने तो मेरी आग बुझा दी.. अब मेरी बारी..
इतना कहते हुए गौतम सुमन कि साडी को ऊपर करता हुआ उसकी चुत पर हाथ लगा देता है जिससे सुमन सिसक उठती है औऱ गौतम को मना करने लगती है मगर गौतम सुमन कि बात नहीं सुनता औऱ सुमन की चड्डी के अंदर हाथ डाल कर उसकी चुत को मुठी में भर लेता औऱ मसलने लगता है..
सुमन - ग़ुगु नहीं.. छोड़ दे.. ग़ुगु.. बेटा छोड़ दे ना..
गौतम - छोड़ दूंगा माँ.. बस थोड़ी देर चुप रहो औऱ मज़े लो..
इतना कहकर गौतम सुमन की चड्डी नीचे सरका देता है औऱ उसकी चुत पर अपना मुंह लगा देता है जिससे सुमन की सिसक सिसकारियों में बदल जाती है औऱ वो गौतम के सर को पकड़ कर अब खुदसे अपनी चुत पर दबाने लगती है..
गौतम कुत्ते की तरह सुमन की चुत चाट रहा था औऱ बिना शर्म किये सुमन की चुत फैला कर अपनी जीभ अंदर तक डाल रहा था..
सुमन भी कुछ ही मिनटों में अपनी नदी बहा देती है जिसे गौतम बिना शर्म किये अपने मुंह में भरकर पी लेता है औऱ चाट चाट कर सुमन की झांटो से भारी हुई गुलाबी चुत साफ करके अपनी सीट पर आराम से बैठ जाता है..
सुमन को तो जैसे विश्वास ही नहीं हो रहा था की उसके साथ अभी अभी गौतम ने क्या किया है सुमन झड़ने के बाद इतना हल्का महसूस कर रही थी जैसे हवा मैं परिंदे महसूस करते है.. सुमन शर्म से पानी पानी हो रही थी औऱ गौतम से नज़र तक मिलाने में शर्मा रही थी उसने अपनी चड्डी वापस पहनी औऱ एक नज़र प्यार से गौतम की तरह देखा.. गौतम भी प्यार की नज़र से सुमन को ही देख रहा था..
सुमन ने अब शर्म का पर्दा हटाकर गौतम के होंठों पर चिपका अपनी झांट का एक बाल अपने हाथ से हटाकर साफ कर दिया औऱ अपनी सीट से उठकर गौतम के ऊपर चढ़ गई औऱ बिना कुछ कहे उसके मुंह से लग गई..
दोनों की जापानी चुम्मा चाटी वापस शुरू हो चुकी थी जिसे गायत्री के फ़ोन ने तोड़ा..
सुमन फ़ोन उठाकर - हाँ माँ..
गायत्री - सुमन कहा है अभी तक आई नहीं..
सुमन - बस माँ रास्ते में है..
गायत्री - कहा तक पहुंची औऱ ग़ुगु भी आ रहा है ना?
गौतम फ़ोन लेकर - आधे रास्ते आ गए नानी.. मैं भी माँ के साथ आ रहा हूँ..
गायत्री - ग़ुगु.. केसा है मेरा बच्चा? नानी से भी नाराज़ है तू? कभी बात भी नहीं करता..
गौतम - नहीं नानी.. आपसे कैसी नाराज़गी.. मैं आ रहा हूँ ज़ी भरके आपसे बात करूंगा.. ठीक है?
गायत्री - आजा मेरा बच्चा.. नानी बहुत इंतजार कर रही है तेरा..
गौतम - ठीक है नानी रखता हूँ.. फ़ोन कट हो जाता है..
सुमन - अब चल यहां से ग़ुगु..
गोतम - पहले मुझे आई लव यू बोलो..
सुमन गौतम को चूमकर - आई लव यू बेटू.. अब चल ना..
गौतम गाडी को वापस हाईवे पर चढ़ा देता है औऱ दोनों दो घंटे बाद जयपुर पहुंच जाते है जहा एक रिहायशी कॉलोनी में आ जाते है..
गौतम - क्या एड्रेस था माँ..
सुमन फ़ोन दिखा कर - ये वाला..
गौतम बाहर देखकर - जगह तो बहुत महँगी लगती है..
सुमन - हाँ.. माँ बता रही थी तेरे मामा ने बहुत महँगी जमीन ख़रीदी थी औऱ घर भी बड़ा बनवाया है..
गौतम - सही है.. देखना अब मामी कैसे हर चीज की रेट बता कर हमें जलाने की कोशिश करेंगी..
सुमन - ग़ुगु तुझे मेरी कसम जो तूने किसीको यहां उल्टा सीधा कुछ भी बोला था तो..
गौतम सुमन की जांघ पर हाथ रखकर - बेफिक्र रहो माँ.. मैं किसीसे कुछ नहीं कहने वाला..
सुमन - शायद वो वाला घर लगता है ग़ुगु..
गौतम फ़ोन में एड्रेस देखकर - वही है माँ.. चलो..