दिन निकल ने लगा था, और रात के घने अँधेरे को सुरज की हल्की सी रोशनी चारो काटने लगी थी, मौसम मे अब भी ठंडक थी क्युकी अभी सुबह के 6 बज रहे थे की तभी रेखा के मोबाइल मे अलार्म बजने लगता है, जिससे उसकी नींद खुल जाती हैं और वो बिस्तर पर लेटे-2 ही अपना हाथ बढ़ा कर स्तूल पर रखे मोबाइल फ़ोन को उठा ती है और अलार्म बन्द करके वापस रख देती है और दोबारा से सोने लगती है।की तभी 15 मिनट बाद दोबारा से अलार्म बजता है तो वो इस बार जल्दी से अलार्म बन्द करके खुद भी उठ के बैड पर बेठ जाती है और वहीं रखी पानी की बोतल उठा कर उसमे से 2 घूँट पानी पीकर खड़ी होकर बाथरूम मे चली जाती है और ऐसे ही दरवाज़ा को भेड़ देती है और सीधा जाकर के टॉयलेट सीट पर जाके खड़ी हो जाती है और झट से अपना पजामा निचे कर देती है और टी-शर्ट को हल्का सा ऊपर उठा के तुरंत निचे बेठ जाती है और पेशाब करने लगती है। जिससे पूरे बाथरूम मे रेखा की चूत के गुलाबी छेद में से पेशाब की धार बड़ी तेजी से निकल रही थी जिसकी वजह से उसमें से एक सीटी सी बजने लगी थी। रेखा की चूत गुलाबी तो थी ही और उसमे आज भी जवानी का कसाव मौजूद था और इसी कारण से उसका बदन इस उम्र में भी पूरी तरह से कसा हुआ था और उसकी मोटी मोटी चिकनी जांघें केले के पेड़ के तने के जेसी नजर आ रही थी। जिसे हाथों से सहैलाने और चूमने के लिये तो दुनिया का हर मर्द पागल रहता है। जिस तरह से दुध जेसी गोरी-चिट्टी और गदराई हुई रेखा की जांघे थी ठीक वेसे ही थी उसकी प्यारी सी चूत। जिसे देखने की हर मर्द खुवाईश हर मर्द की होती है लेकिन बहोत ही कम लोग ऐसी चूत या बोले ऐसी औरत को नंगी देखना किस्मत की बात है और रेखा की चूत तो देखने मे बस एक छोटी सी लाईन नजार आ रही थी। थोड़ी सी उपसी हुई, या युं कहलो की गरम रोटी की तरह फुली हुई थी जिस पर हल्के हल्के काले रंग की झांटों का झुरमुट बेहद हसीन लग रहा था और चूत के चारो ओर जो छोटी -छोटी झांटे रेखा ने उगा रखी थी उस से उसकी चूत देखने मे भी मस्त और गदराई हुई लग रही थी और रेखा की उमर की औरत को देखकर ऐसा अंदाजा भी नही लगाया की ऐसी गदराए हुए बदन और उसकी कसी हुई चूत देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि वो 3-3 जवान बच्चो की माँ है और ऐसे मे रेखा की बुर से निकल रही सीटी की आवाज किसी बांसुरी की मधुर धुन से कम नहीं लग रही थी थोड़ी देर में रेखा ने पेशाब कर लीआ लेकिन उठते समय वह अपनी गुलाबी चूत की गुलाबी पतियों में से पेशाब की बूंद को गिराने के लिये हल्के हल्के से अपने चूतड़ो को ऊपर-निचे झटकने लगी और फिर पेशाब करके खड़ी हो गई और वापस निचे झुक के अपने पजामे की ईलास्टिक पकड़ी और उसे वापस ऊपर चढ़ाने लगी और टी-शर्ट को निचे करती हुई बहर आ गई और कमरे से ही बाहर आ गई और निचे गार्डन मे जाके उसने हाथ मे बंधी हुई घड़ी मे टाईम देखा तो 6:28 हो चुके थे तो वो रोज की तरह अपनी एक्सरसाइज़ और योगा करना शुरू कर देती है और तो कभी दौढ़ लगने लगती है और 45 मिनट तक ऐसे ही करती है। फिर अंदर वापस घर मे जाती है और किचन मे जाके अपने और अनिल के लिये चाय बनने लगती है और टाईम देखने लगती हे तो 7:19 हो रहे थे और फिर चाय ओर बिस्किट लेकर अपने कमरे मे जाती है और अनिल को उठा के उसको चाय देते हुए बोलती है।
रेखा: लो उठो चाय पिलो, वरना ठंडी हो जाएगी।
अनिल: रख तो सही पी लुंगा में।
रेखा वहीं स्तूल पर ट्रे रख देती है और rocking चेयर पर बेठ जाती हा और गरम-2 चाय की चुस्कियां लेने लगती है
और अनिल भी उठ कर के चाय पीने लगता है और फिर दोनो आपस मे बात कर रहे थे लेकिन बात कम और मोबाइल मे ज्यादा लगे हुए थे और ऊपर सपना अभी सोकर उठती है और सीधा बाथरूम मे जाकर दरवजा मे कुंडी लगा कर के पहले तो इंग्लिश टॉयलेट था तो सपना उसके सामने खड़ी हो जाती है और अपनी शॉर्ट्स उतार के टॉयलेट सीट पर बेठ जाती है और पॉटि करते-2 अपने फ़ोन मे वॉट्सएप्प चलने लगती है की तभी उसकी सहेली मोहिनी का फ़ोन आ जाता है ।
सपना: हां जी मैडम बताओ केसे फ़ोन किया
मोहिनी: अरे यही पुछ रही थी की तु स्कूल आएगी या नही वरना मे फिर से सो रही हूँ
सपना: हां आऊंगी और तु भी जल्दी से त्यार होके आजा समझी
मोहिनी: चल ठीक है, और बता तु हो गई त्यार
सपना: नही अभी नही
मोहिनी: तो कर क्या रही हा तु अभी तक
सपना: अभी तो बाथरूम मे हूँ
मोहिनी (मज़ाक करते हुए): अच्छा वहाँ क्या कर रही है तो तु
सपना: अबे तु अपना ज्यादा दीमाग मत चलाया कर, ऐसा कुछ नही हा जो तु सोच रही है, समझी
मोहोनी: अच्छा तो तु नहाते हुए मेरे बात करेगी तो तेरे मोबाइल की तो बण्ड बज जाएगी ना
सपना: तो मे नहा थोड़ी ना रही हूँ।
मोहिनी: तो क्या कर रही है वही तो पुछा मेने
सपना ( गुस्सा करते हुए): अबे टट्टी कर रही हूँ, मेरी माँ
मोहिनी( हस्ते हुए): अच्छा तो ऐसा बोला कर ना
मोहिनी से बात करते-2 सपना का हाथ कब उसकी चूत पर आ जाता हा उसे तो पता ही नही चलता और वो अपनी बुर को सहलाने लगती है तो कभी नाखुन से उसे कुरेदने लगती हे की तभी वो वहाँ से हाथ बढ़ा के टॉयलेट पेपर से अपनी अपनी गांड साफ़ करके दोबारा से पेपर लेती हा ओर इस बार अपनी चूत और गांड दोनो साफ़ करके वापस टॉयलेट सीट मे फेंक के फ्लश कर देती है उसके बैड बाथरूम मे शॉवर के निचे होकर मज़े से नहाने लगती है और साबुन लगने के बाद सारे शरीर को रगड़ के साफ़ करने लगती है की तभी वो अपनी बीच वाली उंगली से अपनी चिकनी चूत को सहलाने लगती है और धीरे-धीरे करते हुए अपनी उंगली को चूत मे घुसा के अपनी चूत को चोदने लगती हैं।
अब चलते हे दोनो भाईयों के कमरे मे:-
ये क्या ये दोनों तो मज़े से तान के सो रहे है। लेकिन ये क्या दोनो अलग अलग चीजे तान कर सो रहे है। एक भाई तो कम्बल तान के सो रहा है तो दुसरा अपना लंड तान के, क्युकी दोनो अभी गहरी नींद मे थे और सपना देख रहे थे। राहुल सपने मे भी पढ़ाई करके एक अच्छी जॉब ही देख रहा था जबकी रोहन सपने मे नई बाइक चला रहा था जिसके पीछे एक मस्त मॉडल बेठी हुई थी और ऐसे ही उसके सारे दोस्त अपनी अपनी गर्लफ्रेंड को बेठा कर कहीँ घुमने जा रहे थे। लेकिन आज तो कमाल ही हो गया,, घर का सबसे शरीफ़ लड़के का आज सुबह-सुबह लंड खड़ा कर के सो रहा था। जी हाँ आज राहुल का लंड ऐसे खड़ा था जेसे उसे अभी चूत चोदने मिलने वाली हो लेकिन इस बेचारे ने तो चूत चोदना तो दूर चूत के दर्शन तक नही किये थे और ऐसे ही उसके बगल मे सो रहा था रोहन क्यूकी इसे सुबह 6 बजे सर्दी लगी तो इसने सारा कम्बल और्ढ़ लिया था और अब मज़े से सो रहा था। वेसे तो इसका लंड तो बेठा था लेकिन अब क्या है ना भाई साहब अब जवान होने लगे हे तो इनका लंड भी ज़ोर मरने लगा है लेकिन किसी ने कभी इस बात पर ध्यान ही नही दिया और तो और अनिल और रेखा तो आज भी अपने बच्चो को छोटा ही मानते है यहाँ तक की रेखा तो आज भी उन्के सामने कपड़े तक बदल लेती है इसलिये किसी ने आज तक इतना ध्यान नही दिया और ऐसे ही सब की लाइफ कट रही है। की तभी रेखा की नज़र कमरे मे टंगी घड़ी पर जाती है, तो देखती है और अनिल से बोलती 7:55 हो गए ।
रेखा: अरे चलो मे चल के चाय- नाशता बना देती हूँ,, फिर बच्चो को भी स्कूल भी तो जाना है। आप भी बाहर आ जाओ
अनिल: तु चल मे अभी आता हूँ।
रेखा किचन मे जाके एक गैस पर दुध गरम होने रख देती है। और दुसरी गैस पर नाशता बनने लगती है और फिर टाईम देखती है तो घड़ी मे 8:10 हो रहे थे की तभी सपना स्कूल की यूनिफॉर्म पहन के निचे आ जाती है और रेखा से बोलती है।
सपना: गुड मॉर्निंग मम्मी
रेखा: गुड मॉर्निंग, बेटा तु उठ गई, जा राहुल और रोहन को भी उठा दे
सपना: मम्मी मे तो नही जा रही, वरना बिना वजह सुबह-2 झगड़ा हो जाएगा, ऐसा करो आप ही जा के उठा दो
रेखा: चल ठीक है, मे अभी आती हूँ, तु इतने दुध का ध्यान रखियो, कहीं निकल ना जाए।