बेटा शायद चाची में अपनी माँ की छवि देखता होगा... लेकिन हिम्मत नहीं होने पर माँ के बजाय पहली बार के लिए चाची हीं सही...बेटे से ज्यादा बेटी उतावली हो रही है भाई को माँ पे चढाने के लिए कभी माँ को पटाती है तो कभी भाई को उकसाती है , राखी का वायदा देती है
और भाई ने तो अपनी पारी की शुरुआत ही माँ समान उन्ही के उम्र की सगी एकलौती चाची से की तो कहीं न कहीं तो उसका मन कुलबुलाता ही होगा