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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

motaalund

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माँ परम गुरु हैं , इसलिए माँ का सबसे पहले और ज्यादा आदर करती है गीता।
माँ परम और प्रथम गुरु दोनों है... गीता के लिए...
 
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motaalund

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Congrats for 300
Happy South Africa GIF by Lord's Cricket Ground's Cricket Ground
तीन सौ पृष्ठ और तीन हजार कमेंट्स के लिए हार्दिक बधाइयाँ.....
 
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motaalund

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Ye story is forum pe nahi hai, is forum pe jo story hain unke maine alag se bold karke dikahya hai

han pdf section men bhi meir kuch stories hain
आपका संग्रह अनूठा है...
 
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motaalund

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main is forum ke alava aur na kahi post karti hun na vsiit isliye link mere pas sirf isi forum ke hain

is forum ki main apni do stories ka link de rahi hun


dono ka mizzaj mood aur charcters ekdam alag hai

1. सोलवां सावन


- भाभी के गाँव में एक किशोरी ननद , सावन का महीना ,... आगे हर फुहार तन मन सब भिगो देगी।


2. होली है - होली के किस्से , कोमल के हिस्से


ये थ्रेड मेरी होली की उन कहनियों की हैं जब मैंने किस्से कहने शुरू किये थे , लिखने की कला तो मुझे अभी तक नहीं आयी उस समय तो और,... इंटरनेट पर याहू के ग्रुप होते थे , अटैचमेंट मेल के ३ एम् बी के इसलिए कहानियों की साइज भी छोटी , पिक्चर का सवाल नहीं , फ़ॉन्ट के लफड़े , पोस्टिंग के झगडे , इसलिए ज्यादातर कहानियां अंग्रेजी में कुछ डायलॉग हिंदी में ,

और मेरी पहली कहानी ' होली में फ़ट गयी ' उसी समय की है ,

लेकिन कुछ चीजें उस समय की अभी भी मेरी कहानियों में हैं

ननद भाभी की छेड़खानी

जीजा साली की ठिठोलियां

और सबसे बढ़कर होली की मस्ती ,... इस थ्रेड में होली की ऐसी ही कहानियां , शेयर करुँगी , ... मेरी पहली कहानी , ....


होली में फट गयी
ये chronological order में हैं... या फिर रैंडम ...
 

motaalund

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Abhi ke lie sirf jee bhara he. Pet nahi. Ye sab me padhne bali hu. Pdf me download kar rahi hu. Par vaha password mang rahe he.
पासवर्ड भी वहीं दिया है...
 
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motaalund

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भाग ४१ इन्सेस्ट कथा - मामला वल्दियत का उर्फ़ किस्से माँ के




रोपनी





हम दोनों साथ साथ झड़ रहे थे और बड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे, ... अबकी खुद उसने जैसे बाहर किया मैंने प्यारे से चमचम को मुंह में ले लिया,

और उस रात तीन बार,...पहली बार को जोड़ के तो चार बार हचक के भैया ने मेरी गाँड़ मारी।

लग रहा था जैसे किसी ने पाव भर मिर्चा डाल के कूट दिया हो,...


गनीमत था ठीक चार बजे माँ को याद आ गया, आज रोपनी होनी है और भैया को जाना है , गाँव में सुबह बहुत जल्दी होती है , तो माँ ने भाई को वहां भेज दिया वरना वो तो और,...




माँ रसोई में भाई के लिए कुछ बनाने चली गयी और गीता ने एक बार फिर से भाई की खिंचाई शुरू कर दी , उठा उससे नहीं जा रहा था, लेकिन जुबान तो,... वो अपने भाई अरविंद से बोली,

" क्यों वहां फुलवा की छोटकी बहिनिया मिलेगी न, उसकी रोपनी जरूर करना,.. कर तो चुके हो पहले भी भी कई बार, ..आज फिर,.. अगवाड़े की करोगे की पिछवाड़े की,... "



भाई बोला,... " क्या बोलती है तू, तुझे सब बता दिया तो,... माँ सुन लेगी,... और मैं अब कुछ नहीं,... "

गीता भाई के सोते नाग को मुंह में लेकर चुभलाने लगी,.. और हाथ से भी मुठिया रही थी,... लेकिन मुंह से निकाल के, मुंह फुला के , भाई से बोली,...



" भैया, कित्ती बार तुझे समझाया है, जब दो समझदार लोग आपस में बात कर रहे हों तो बीच में नहीं बोलते , लेकिन तुम तो,... तुझसे कौन सुबह सुबह बात करेगा। मैं तो इससे बात कर रही हूँ, इसे समझा रही हूँ "

फिर उसे मुठियाते बोली,...


" छोड़ना मत, रोपनी करने आएगी तो बिना मलाई रोपवाये कैसे जायेगी। और इस बुद्धू की बात मत मानना, मेरी बात मानोगे तो दिन में फिर खीर खाने को मिलेगी। "

( गाँव में सब लोग जानते थे जो रोपनी करने आती हैं, उनमें से शायद ही कोई बचती हो, बाबू लोगों से,... और वो सब बुरा भी नहीं मानती थी, बल्कि,... जान के आती थी, और जिसकी बिल में रोपाई हो जाती थी उसे एक कट्टा ज्यादा मिलता था. और और दस बारह दिन तो कम से कम रोपनी चलती थी।




और इन लोगों का तो गाँव में सबसे ज्यादा खेत था. दूसरे फुलवा की माँ भी ये सब बात समझती थी बल्कि सबसे ज्यादा समझती थी,...

उसे अच्छी तरह मालूम था की फुलवा गाभिन हो के गौने गयी और उसको गाभिन किसने किया है ,



और इससे वो और ज्यादा इससे खुश थी. अरे, ससुरारी में पहुँच के मरद कैसा,..मिलेगा पता नहीं , कहीं एकदमे ढीला केंचुआ अस मिल गया तो . तो लड़कियां यहाँ जो मजे ले लेती हैं ,.. और फुलवा तो बाबू के अलावा,...

फिर कहीं मरद ढील निकल गया तो सास अपने बेटे को नहीं खाली बहू के पीछे , बाँझ है,... कुलच्छनी है,...

और ससुराल में पहुँच के महीने दो महीने में गाभिन होने की खबर सुन के, पोते की ख़ुशी और बेटा तगड़ा है इस की भी ख़ुशी, फिर बहू को कोई नहीं बोलता,... और मरद वैसे ही महीना पंद्रह दिन में,... फिर बबुआने में कुल,... खाली यही सीधा कम से सोझे मुंह आदर से बात भी करता है और देह का भी तगड़ा है,...

तो फुलवा ने साफ़ साफ़ डील कर ली थी. और अरविन्द ने भी फुलवा से साफ़ साफ़ कहा था ,

एकदम करारी , कड़ी देह वाली,...

और फुलवा ने बोल दिया था ठीक है बाबू , तोहार काम बढ़िया से न होय तो हमसे बोलना, हमें खुदे ले के आयेगीं,... लेकिन दो कट्टा हमार अलग से रोज क,... और जैसे ही उसने फुलवा को बोल दिया की माँ ने कहा है की अब किसको का देना है , वो सब उसी के जिम्मे है माँ देखेगी भी नहीं, उसके बाद कटनी भी होगी और भी सब काम धाम खेत में रहते है ,...

समझ गए हम , फुलवा की माई बोली और गाँव में से चुन चुन के ये सब बातें उसने न माँ से बतायीं थी न गीता से )

पर गीता चिढ़ाते बोली, ...

" भैया, कच्ची कुँवारी कितनी है उसमें, ... "



" पांच " बिन बोले उसने ऊँगली से इशारा किया।

" और जो आ रही हैं उसमें से कित्ते पर चढ़ाई कर चुके हो "

दोनों हाथ की उँगलियों से उसने इशारा किया,... पूरे दस।


गीता ने जोड़ा मन ही मन,... २४ रोपनी वालियों में ५-६ तो बड़ी उमर की होंगी, इत्ती बड़ी भी नहीं, फुलवा की माँ की उम्र की या आसपास, और वो सब अभी भी, ....उन्ही के बीच काम बंटता होगा और एक के साथ पांच छह नयी उमर वालियों की टोली, गाना भी सब इतना मस्त गाती हैं, ...

फुलवा की माँ से कितनी छोटी होगी,

ग्वालिन भौजी किसी से बतिया रही थी वो अभी भी, पंडितों के पुरवे में,.... तभी तो उसकी दोनों बेटियां इतनी गोरी गोरी है.

एक बार फिर उसने भैया के मूसल को ललकारा,

"कउनो नहीं बचनी चाहिए, समझ "

फिर थोड़ी देर और पुचकारा,..



तबतक रसोई से माँ की आवाज आयी और भैया जल्द तैयार हो के बाहर

लेकिन माँ ने वहीँ से हड़काया, ये क्या पहन के जा रहे हो बाबू बन के अरे रोपनी में खुद साथ में खेत में धंसना पड़ता है,

भैया ने पैंट शर्ट पहन रखी थी,...

उसे फिर से अपने कमरे में खींच के बोली,... चल उतार इसे,...

वो थोड़ा हिचकिचाया, फिर धीमे से बोला क्या पजामा,...



" अरे मुझसे लजा रहे हो की गितवा से अभी तो थोड़ी देर पहले, उतार जल्दी "

माँ ने चिढ़ाया,... और जब तक भैया शर्ट पैंट उतार रहे थे,.. माँ ने फिर छेड़ा,...

" अरे पाजामा पहिंन के जाओगे तो उहे रोपनी वाली कउनो नाड़ा पकड़ के खींच देंगी, अरे रोपनी में सब कुछ, मज़ाक, खेल तमाशा चलता है सब मजा लेते हैं और आधी तो तोहार भौजाई लगेंगी। "



तब तक गीता ने उन्हें वही शार्ट जो थोड़ी देर पहले पहने थे, घुटने से दो बित्ते ऊपर वाला, सूती, वो पकड़ा दिया पहनने को।

" हाँ ये ठीक है , घुटने तक तो पानी रहता ही है, अरे उ सब तो जांघी से ऊपर तक साड़ी पेटीकोट मोड़ के घुसती हैं,.... "

निकलने के पहले माँ ने फिर टोका,

' अरे बनियाइन ठीक है,... ऊपर से कुछ पहनने की जरूरत नहीं '

गीता भाई को देख रही थी, उसकी हाथों की तगड़ी मसल्स, चौड़ी छाती पतली कमर,..और सबसे मजे की बात है, शार्ट का कपड़ा तो पतला था ही, अंदर का मूसल दिख तो नहीं रहा था, लेकिन झलक दिख रही थी और अगर कहि ज़रा भी भीग गया,...

" और हाँ "

माँ ने निकलते हुए उसको फिर समझाया,"



" रोपनी वाली बहुत मज़ाक वजाक करती हैं , तोहार केतना तो उसमे भौजाई लगेंगी,... और फुलवा की माई तो उ नाता रिश्ता कुछ नाहीं केहू का ना छोड़ती। गाने के साथ , बिना बहिन महतारी क नाम लगाय के गारी दिए,... तो उसमें बुरा मानने क कोई बात नहीं है , न गुस्सा होना। साल भर क काम है,... रोपनी में ये सब सुभ माना जाता है ,...

और तुम भी,.. मुंह बंद कर के बैठने की कउनो जरूरत नहीं है , अरे कउनो भौजाई कुछ बोली तो थोड़ी बहुत मज़ाक, और रोपनी में तो बहुत कुछ,... आपस में तो उ सब, जो औरत साडी पेटीकोट उठाये , तो कउनो पीछे से ऊँगली कर देती तो कउनो पूरा ही उठाय देगी,.. तो तुंहु ,..

बस बुरा मत मानना और रोपनी में सब कुछ चलता है , बाकी फुलवा क माई सब सम्हाल लेगी , लेकिन जाओ जल्दी, सूरज की पहली किरण के पहले आधा पौन घंटा रोपनी हो जाती है,... और कम से कम सात आठ घंटा काम कराने के बाद ही दोपहर बाद लौटना,... "



उनके जाते ही माँ ने दरवाजा बंद किया और गीता को लपेट के सो गयीं , दो ढाई घंटे बाद जब गीता की नींद खुली तो माँ उसे जगा रही थीं , झकझोर के।

" हे उठ न कब तक सोयेगी। धूप चढ़ आयी है ,... "

सोने दे न माँ, गीता ने फिर चद्दर ओढ़ लिया और चद्दर के अंदर से कुनमुनाती बोली,


" रात भर तो आपका बेटा चढ़ा रहा, हिला नहीं जा रहा है, बहुत दुःख रहा है। सोने दो न "

माँ ने चद्दर खींच दी और गुदगुदी लगाते, चिढ़ाते बोलीं, " अच्छा मेरा बेटा है और तेरा जैसे कुछ नहीं है, क्या है तेरा बोल "

" सोने दो न माँ, अरे मेरा प्यारा दुलारा, अच्छा अच्छा मीठा मीठा भैया है और क्या,... "

रोपनी का हाल तो लगता है आँखों के सामने पूरा नक्सा हीं उतर दिया हो...

ओह्ह. तो फुलवा और उसकी बहिन... पूरवे की...
और अरविंदवा फुलवा की माई के लिए असली दामाद हुआ तो दामाद जी खास ख्याल करना....
 

motaalund

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ये तेरा भाई, तेरा भाई हो ही नहीं तो ?"




माँ ने चद्दर खींच दी और गुदगुदी लगाते, चिढ़ाते बोलीं, " अच्छा मेरा बेटा है और तेरा जैसे कुछ नहीं है, क्या है तेरा बोल "



" सोने दो न माँ, अरे मेरा प्यारा दुलारा, अच्छा अच्छा मीठा मीठा भैया है और क्या,... "

लेकिन माँ ने उसे जबरन पकड़ के खींच लिया,... उठ, तेरा वो भइया मुंह अँधेरे रोपनी कराने निकल गया है और तू अभी तक।

" उईईई माँ उईईईईई ओह्ह्ह्हह्ह नहीं,... रुक माँ बहुत तेज से वहां चिलख उठी है अभी,... "

गितवा बड़ी जोर से चिल्लाई , पिछवाड़े बड़ी जोर की चिलख मच रही थी।

"हे सबेरे सबेरे छिनरपना, रात भर मेरे बेटे से मरवाने में लाज नहीं लगी, चूतड़ उठा के खुद तैयार हो जाती थी, मार,... और अब नाम लेने में लाज लग रही है। आएगा दोपहर में मेरा बेटा न तो एक दो बार फिर मरवा लेना, दर्द कम हो जाएगा। बढ़िया मलहम निकालता है , लगवा लेना पिछवाड़े,... चल उठ। "



माँ ने हाथ पकड़ के,... उन्हें अपनी सुहाग रात की याद आ रही थी, ... वैसे वो पहले कित्ती बार लेकिन इसका बाबू तो,.... क्या रगड़ाई की रात भर, हिलने नहीं दिया, और सुबह दो दो ननदें हाथ पकड़ के बल्कि टांग के सुहाग रात वाली सेज से उठा के ले गयी थीं,

बाप का बदला बेटी से उनके बेटे ने,... हलके हलके मुस्कराते माँ ने सोचा,

एक हाथ माँ ने पकड़ा दूसरे से पहले पलंग फिर दीवाल, कभी चिलख उठती तो कभी लगता एक कदम भी जमीन पर नहीं रख पाएगी।



थोड़ी देर बाद माँ बेटी रसोई में, गप्प भी मार रहे थे, और नाश्ता भी, माँ ने दो रोटी और कटोरे भर खूब गाढ़ा औटाया दूध, ... दूध में रोटी डाल के बेटी को दे दिया था और चाय बना रही थीं.



सुबह से गीता के मन में एक सवाल उमड़ घुमड़ रहा था,... और माँ से पूछ ही लिया, माँ उसकी बचपन से ही सहेली ज्यादा थीं, बल्कि सहेलियों और भाभियों से ज्यादा खुल के मजाक भी करती थीं चिढ़ाती भी थीं।

" माँ, भैया के साथ,... "



बनावटी गुस्से में वो बोली, ...

" ये चिमटा देख रही है , तेरे अगवाड़े डाल के फैला दूंगी,... तेरी बुआ का बियाह के पहले जितना चौड़ा भोंसड़ा हो गया था न ,...वैसा ही हो जाएगा और बेलन गंडिया में ठेल दूंगी, मेरे आने के पहले से कबड्डी खेल रही थी और मुझसे बोल रही है,... "



" नहीं नहीं, आप नहीं,... मेरा मतलब, कुछ लड़कियां कहती हैं ,... " वो बोली।

अब माँ सच में गुस्सा हो गयीं,...

"सब स्साली पक्की छिनार होंगी , अरे या तो उनके भाई नहीं होगा या उनके भाई सब गांडू होंगे खुद गाँड़ मराने से फुर्सत नहीं मिलती होगी तो , या तो सालों का खड़ा नहीं होता होगा , तेरे भाई का इत्ता मस्त मूसल है , पूरे गाँव में बल्कि आस पास के दस पांच गाँव में नहीं होगा,... "

फिर कुछ रुक के , गरम चाय से गुस्सा जब थोड़ा ठंडा हो गया तो मुस्कराते बेटी से बोलीं,

" अच्छा मान ले ये तेरा भाई, तेरा भाई हो ही नहीं तो ?"



" मतलब,... " अब गीता चौंक गयी।

" चल तुझे एक बात बताती हूँ , किसी को मत बताना, अपने भाई को तो कत्तई नहीं। और एक बात और सीख ले, हम औरतों को मर्दों से बहुत सी बातें छिपानी पड़ती हैं , ... तो बस ये माँ बेटी के बीच की बात,... "




और गीता की माँ चालू हो गयीं, अपने मायके की बात, कुंवारे पन की,...

नहीं नहीं कुंवारापन तो नहीं, शादी हो गयी थी, गौना नहीं हुआ था, होने वाला था,...

अरे उस ज़माने में शादी कम उमर में हो जाती थी, और जब लड़की जवान होजाती थी, जवान मतलब,.. अरे कैसे समझाऊं,... एकदम खोल के ठीक है मतलब जब घोंटने और बियाने लायक हो जाती थी,... तब उस के बाद गौने का दिन साइत धरी जाती थी,...

अक्सर तो लड़के वाले ही हिसाब रखते थे और पीछे पड़े रहते थे,... मतलब जब लड़की का खून खच्चर शुरू हो जाए, ... वही पांच दिन वाला, उसके बाद ही गौने की बात चलती थी,... तो गीता की माँ के साथ भी,... पहली बार जब हुआ तो वो बहुत घबड़ायी,

लेकिन गीता की नानी ने उन्हें सब बातें खुल के समझा दी और ये भी की दिन घडी का हिसाब रख ले, रसोई, पूजा पाठ सब बेराना होगा,... और ये भी की अब गौने वाले हल्ला करेंगे,... तो वो मना नहीं करेगीं हां कुछ टालेंगी जरूर,... और गौने की रात क्या क्या होगा, उस का भी हाल खुलासा,...
और तारीफ़ भी दर्द होता है झूठ नहीं बोलूंगी, लेकिन मज़ा भी बहुत आता है,...



लेकिन उस के बारे में अपनी सहेलियों से गाँव की भाभियों से अच्छी तरह सुन चुकी थीं,

उस की सील नहीं टूटी थी पर ढेर सारी सहेलियां रोज गप्पागप घोंटती थीं, और उस को चिढ़ाती थीं, उस की भाभियाँ भी , गाँव के कितने लौंडे जब से जोबन आया था , और जोबन आया भी जबरदस्त था। दस पांच गाँव के लौंडे लिबराते थे,...


लेकिन जोबन का रस चखा सबसे पहले उनके सगे बड़े भाई ने,
भाई तो होगा...
बाप भले अलग-अलग हो... लेकिन माँ तो एक हीं है....
दोनों चूत के उसी रास्ते से बाहर निकले....
 

motaalund

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,
माँ के नैहर के किस्से


2019 kia forte 0 60



गाँव के कितने लौंडे जब से जोबन आया था , और जोबन आया भी जबरदस्त था। दस पांच गाँव के लौंडे लिबराते थे,... लेकिन जोबन का रस चखा सबसे पहले उनके सगे बड़े भाई ने,


बाद में गीता की माँ को अंदाज लगा रीत रिवाज समझ में आया और ये भी की गीता की नानी की शह पे ही उनका बेटा, गीता के मामा उन पे चढ़े। पता तो उन्हें पक्का था और हामी भी थी।


जिस दिन पहली बार पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम हुयी मस्ती के मारे उनकी चूत में आग लगी थी, ऊपर से एक सहेली के जीजा दो दिन पहले आये थे

और वो गीता की माँ के पास आयी और पूरा किस्सा, दो रात लगातार, किसी दिन दो तीन बार से कम नहीं, कित्ता मजा आता है जब रगड़ते दरेरते जाता है, तू भी करवा ले , न हो तो दस दिन बाद जीजा फिर आएंगे, सहेली उसे खुद ले जायेगी, उसके घर जाने से तो कोई मना भी नहीं करेगा,...



2019 kia forte 0 60

लेकिन कहते हैं न की दाने दाने पर लिखा रहता है, खाने वाला का नाम, बस एकदम उसी तरह भरतपुर के स्टेशन पर लिखा हुआ है कौन इंजन यहाँ सबसे पहले दनदनाते हुए घुसेगा,


तो उसी रात गीता के मामा का इंजन , गीता की माँ के भरतपुर स्टेशन पर,...

माँ कही रतजगे में गयी थीं सुबह आने वाली थीं, घर में बस भाई बहन,... खूब चिल्लाई वो लेकिन भाई ने पेल के ही छोड़ा,



2019 kia forte 0 60

कोरी गगरी तोड़ दी.

और एक बार बहन चुद गयी तो कौन भाई एक बार में छोड़ देता है फिर घर में और कोई न हो तो

अगली बार निहुरा के


2019 kia forte 0 60

फिर पोज बदल बदल के गितवा की माँ को उसके मामा ने रगड़ रगड़ के चोदा


2019 kia forte 0 60

और एक बार स्वाद लग गया खूंटे का तो बछिया खुद सांड़ के पास,... गर्मी का महीना था , जून या जुलाई,...



उन्होंने खुद एक दिन गितवा की माँ ने , अपनी माँ को भाई से कहते सुना था,

"अरे अब गौने के लिए सब बहुत जिदीया रहे हैं,... महीने दो महीने में चली जायेगी ससुराल तब तक,...."

उस समय तक तो उन्हें नहीं समझ में आया, लेकिन बाद में समझ गयी,

कोई दिन नागा नहीं जाता था, दो चार दिन के बाद तो वो खुद ही भाई के कमरे में रात में,... और माँ का कमरा दूसरे खंड में था, बीच में कच्चा आंगन और बरामदा, और कई बार तो माँ की भी परवाह नहीं,... माँ ही कहती , आज तू अपनी भाई के पास सो जा, तेरे कमरे में पानी चूता है,...



2019 kia forte 0 60

और रात भर उनकी जांघो के बिच सफ़ेद पानी चूता,



एक महीना गुजरा, वो पांच दिन आये माँ रसोई में नहीं गयी,...

फिर तो रात के साथ दिन में भी कोई दिन नागा नहीं जाता था जब भाई उसके तीन चार बार नहीं चढ़ते थे



2019 kia forte 0 60



लेकिन अगले महीने उसने माँ से पूछा,.. माँ वो अबकी बार नहीं हुआ , मैंने दो बार देखा है तो मैं रसोई में आ सकती हूँ,...



माँ ने मारे ख़ुशी के उसे गले से लगा लिया, लेकिन फिर बोलीं ,

बेटी कभी कभार देर सबेर हो जाती है,... लेकिन वो रोज सुबह पूछतीं, हुआ क्या,... कई बार दोनों नहाती भी साथ थीं तो वहां भी,

जब २८ का ३० दिन हुआ, ३५ दिन हुआ तो वो समझ गयीं की अब वो नानी बनने वाली हैं, और उन्होने उसकी ससुराल खाली ये खबर करा दी , की अगले महीने दिन साइत देख के वो बताएंगी लेकिन एक डेढ़ महीने बाद।


और बिटीया का बिस्तर समान सब बेटे के कमरे में,...

और बेटी को समझा भी दिया कुछ दिन में ससुराल चली जायेगी , तब तक अपने भाई के साथ मजे कर ले, फिर पता नहीं कब आ पाएगी और गुन ढंग सीख के जायेगी तो तेरे मरद को भी,...



2019 kia forte 0 60

फिर तो चक्की दिन रात , कई बार माँ के सामने भी,...

और वो लजाती तो डांट माँ की पड़ती।

" स्साली छिनरपना गौना हो जाएगा तो ससुराल में तो तेरी ननद का भाई तो दिन रात चढ़ा ही रहेगा, कुछ दिन तेरा भाई भी तेरे जोबन का रस ले ले,.... फिर तो कब मायके आ पाएगी चल छिनार माँ से सरमाती है "


और गितवा का मामा वहीँ धर दबोचता और फिर दुबारा और अबकी और हचक हचक के,...अपनी गोद में ही बिठा के




2019 kia forte 0 60


जब दूसरे महीने भी वो पांच दिन वाली छुट्टी नहीं हुयी, तो गीता की नानी ने ससुराल में खबर भिजवा दी की बीस दिन के बाद,... दिन बहुत सुभ है गौने के लिए आ जाएँ,...



बस, गौने के ठीक सात महीने बाद गीता के भाई का आगमन हो गया



गीता की बुआ,... चिढ़ाती भी थीं उसके भाई को, ये तो मायके से आया है दहेज़ में।



अब गीता ने चुप्पी तोड़ी, " माँ, तो क्या भैया मामा का जना है, "



देर तक गीता की माँ खिलखिलाती रहीं, फिर बोलीं, एकदम पक्का सोलहो आना और जो थोड़ा बहुत शक था वो अब एकदम दूर हो गया. "
नैहर के किस्से से वल्दियत का खुलासा तो हो गया....
और जो थोड़ा बहुत शक-शुबहा था वो भी माँ ने दूर कर दिया....

और चूत-चूत पे लिखा है चोदने वाले का नाम...
लेकिन यहाँ एक फर्क है... दाने पर तो एक हीं नाम लिखा होता है....
पर चूत पर एक से...
 
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motaalund

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तो क्या भैया,...?



2019 kia forte 0 60


गीता की बुआ,... चिढ़ाती भी थीं उसके भाई को, ये तो मायके से आया है दहेज़ में।


2019 kia forte 0 60

अब गीता ने चुप्पी तोड़ी,

" माँ, तो क्या भैया मामा का जना है, "

देर तक गीता की माँ खिलखिलाती रहीं, फिर बोलीं,

"एकदम पक्का सोलहो आना और जो थोड़ा बहुत शक था वो अब एकदम दूर हो गया. "



"कैसे,... " गीता को कुछ समझ में नहीं आया.



2019 kia forte 0 60


" तू न बौड़म है, एकदम पागल। अरे सब साफ़ साफ बताना जरूरी है क्या, अरे तेरे भाई का,.. औजार,... "

अब गीता की बारी थी माँ को चिढ़ाने हड़काने की,

" पकड़ने में शर्म नहीं, मुठियाने में लाज नहीं,... और नाम बोलने में फटती है,.. ये औजार क्या होता है। "



2019 kia forte 0 60

वो बड़ी जोर से हंसी " मेरे बिल्ली मुझी से म्याऊं,.. तेरे भाई का लौंड़ा, लंड,... अरे उस दिन जो पकड़ा न तो बस लगा की तेरे मामा का पकडे हूँ, शादी के पहले जो रोज बिना नागा मेरे ऊपर चढ़ता था वो एकदम वैसे ही , एकदम अपने असली बाप पे गया है , वैसा ही मोटा तगड़ा मूसल, वैसे ही नम्बरी चोदू,... इत्ता अच्छा लगा की बता नहीं सकती और तेरे ऊपर गुस्सा लगा इत्ता मस्त औजार मेरा मतलब लंड है और तू छिनारपना कर रही है , गाँड़ नहीं मरवाउंगी,... स्साली . मन तो एक बार किया की मैं खुद,... "


2019 kia forte 0 60

बात उनकी, उनकी बेटी ने पूरी की, अंदर ले लूँ यही न,...

बहुत धीमे से माँ के मुंह से सच निकला,

‘हां।.

फिर तुरंत उन्होंने बात सुधारने की कोशिश की,... असल में मुझे तेरे मामा की, जब उन्होंने पहले बार मेरी ली थी,...

एक बार फिर गीता ने घुड़का,... माँ आप ही ने मना किया था,... ली थी क्या होता है,...


वो जोर से हंसी, 'सच में तू एकदम मेरी बेटी है,...ठीक है तेरी माँ को तेरे मामा ने पहली बार चोदा था, ऐसे ही मस्त लंड था उनका खूब मोटा कड़क



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और याद करके गीली हो जाती है। "

" अरे तो क्या हुआ अपना भाई समझ के मेरे भाई से चुदवा लेती, पक्का सच में बहुत मजा आएगा , हम दोनों मिल के,... मान जा। "
गीता एकदम पीछे पड़ गयी.



2019 kia forte 0 60

" तू भी न स्साली। पागल। ,मेरा बेटा है. " माँ ने उसे बहलाते हुए कहा।

" अच्छा जी, कल मेरे भाई से मेरी गाँड़ इत्ती हचक के मरवाई तो कुछ नहीं और अपनी बार,... बेटा है। " गीता तुनक के बोली।


" अरे तू भी न, बहने तो होती ही हैं भाई से चुदवाने के लिए, मुट्ठ मार मार के इधर उधर नाली में बहाये इससे अच्छा, बहन के काम आये,... और तू जानती है जिस दिन तेरे मामा ने मेरी ली थी, मेरा मतलब अपनी बहन को चोदा था,... उन से ज्यादा मेरा मन कर रहा था। अपनी सहेली के किस्से सुन सुन के मेरी चूत पहले से गीली थी,... वो स्साला, तेरे बाप का स्साला नहीं चोदता न तो मैं उसको चोद देती,... " गितवा की माँ ने अपने कुंवारेपन की बात कही




2019 kia forte 0 60



" एकदम माँ मेरी भी यही हालत हो रही थी, मैं खुद गयी थी भैया के पास, वरना आप का बेटा तो ऐसा बुद्धू है,... लेकिन मैं समझ गयी आप बात टाल रही हैं एक बार चुदवा लो न भैया से, आखिर आप ने पकड़ा है आप को अच्छा भी लगता है और सबसे बड़ी बात जैसे आप मुझे सब सिखा रही है अपने बेटे को भी सीखा दीजिये न , अरे मजा लेने के लिए नहीं सिखाने के लिए,... "

गीता भी पीछा छोड़ने वाली नहीं थी,


" अरे स्साली तू भी न वो मानेगा नहीं उसका खड़ा ही नहीं होगा मेरे नाम पे और खड़ा होगा तो ढीला हो जाएगा, ... मैं तो मान जाऊं,... वो मानेगा।"


झिझकते हुए माँ ने बोला,

" वो जिम्मेदारी मेरी, मेरा भाई है, हिम्मत है उस बहनचोद की मेरी बात टालने की. और खड़ा तो उसका ऐसा होगा,... " गीता पीछे हटने वाली नहीं थी।



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" चल कुछ और बात कर,... " माँ बोली।

" क्यों मेरे भैया का सोच के गीली हो रही है न, हाँ सच बोल मेरी कसम,... " गीता हँसते हुए बोली।

" हाँ, खुश,... हो रही है। चल अब कुछ और बात करते हैं। " माँ बोली।



"अच्छा मेरे बाप तो बाबू ही हैं न मेरे ?

गीता का सवाल ख़तम नहीं हुआ और माँ की हंसी चालू हो गयी।
लगता है गितवा भी माँ की तरह दहेज़ में हीं ले के जाएगी...
अपनी माँ की तरह परंपरा निभाएगी...
लेकिन गितवा के वल्दियत का भी खुलासा....
 
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