Update 6
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समीर - अच्छा अब सो जा बहुत रात हो गई है।
अनु - हा भैया!! गुड नाईट
अनु ने मुझे स्माइल देते हुए कहा
समीर - गुड नाईट बेबी
ऐसे कहके मैं उठा और लाइट बंद कर दी
अब सिर्फ दो छोटी छोटी लाइट्स जल रही थी जिससे रूम मे अभी भी काफी रौशनी थी
मुझे ओर अनू को अंधेरे में सोने कि आदत नहीं थी तो मैंने वो लाइटे जली हुई ही रहने दी।
अनु मेरे दाए ओर सोई हुई थी, हम भाई बहन काफी सालो बाद उस तरह एक रूम मे अकेले सोए थे, जैसे जैसे रात बढ़ती जा रही थी मुझे कल रात बस वाली बात याद आ रही थी।
मैंने अनू की ओर देखा, वह दूसरी ओर मुंह करके सोई हुई थी, उसका बदन चादर से ढका हुआ था, मुझे चादर के ऊपर से ही उसकी उभरी हुई गान्ड का पता चल रहा था।
चादर के अंदर मेरी छोटी बहन सिर्फ एक ब्रा ओर पैंटी मे थी, यह सोचकर मेरा लंड एकदम आग हुआ जा रहा था। मेरी नीद अब बिल्कुल गायब हो गई थी।
मैंने दो घंटे तक सोने कि बहुत कोशिश कि पर मेरी आंखो मे नींद का नामोनिशान न था।
रात के करीब 12 बजे मैंने देखा कि अनू अब सीधी लेट गई और उसका चादर भी अब उसके गले से उतर के उसके कमर तक आ गया था जिससे उसके ब्रा में कैद टाईट बूब्स मेरे सामने थे और सांस लेने के कारण ऊपर नीचे हो रहे थे।
मुझे कंट्रोल करना अब नामुमकिन हो गया । मैंने अपना चादर फेक दिया और हिम्मत करके अनू के चादर मे घुस गया , मेरे चादर मे घुसते ही अनू थोड़ा हिली ओर फिर से दूसरी ओर करवट लेके सो गई
अब इस तरह करवट लेने के कारण हम दोनों के बीच चादर नहीं बची ओर बीच मे एक गैप बन गया
मुझे पता था कि रूम ठंडा होने के कारण उस गैप में हवा घुस जाएगी ओर अनू की पीठ मे ठंडी हवा लगने पर वो जाग सकती है
इसलिए मैंने देर ना कि और उस गैप मे आगे बढ़ते हुए अनू के पीठ से लगभग चिपक सा गया
मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था, अब मैं अनू की गोरी मुलायम पीठ जिसपर सिर्फ ब्रा कि स्ट्रिप्स थी को आसानी से देख पा रहा था ओर उससे सिर्फ 1 इंच कि दुरी पर था
मैंने भी अपने कपड़े पहले ही उतार दिए थे और सिर्फ एक बनियान ओर ब्रीफ मे था।
मेरा लन्ड अब बिल्कुल हार्ड हो चुका था, मैंने रात कि बात सोचा जिससे मुझे कुछ हिम्मत मिली ओर मैंने धीरे से अनू से बिल्कुल चिपक गया ,
उसकी पीठ बिल्कुल ठंडी थी, जो मेरी छाती से चिपकी हुई थी। मैंने अपने लन्ड को उसकी गान्ड मे चिपक दिया , अब मेरा लन्ड ब्रीफ के अंदर से ही उसकी गान्ड जिसपर सिर्फ पैंटी थी के दरार से चिपक गया था। जैसे ही मैंने अपना लन्ड अनू की गान्ड मे सटाया तो अनू थोड़ी कसमसाई और उसने नींद में अपने गांड का दबाव मेरे लंड पर बढ़ा दिया, अब मेरा लन्ड उसकी गान्ड मे घुस सा रहा था , जिसे बस दो पतले पतले कपड़े रोके हुए थे। मैंने अब कुछ सोचते हुए अपना बायां हाथ अनू के दूसरी तरफ डाला और कल रात कि त्तरह ही उसे अपनी तरफ खींच के खुद से ओर ज्यादा चिपक लिया और अपना लन्ड जोर जोर से उसके गान्ड पे घिसने लगा
मै अनू के पीछे था , तो मैंने थोड़ा अनू के चेहरे को देखना चाहा , मैंने थोड़ा अपना सिर उठा के अनू के दूसरी तरफ देखने कि कोशिश कि तो मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स पिंक ब्रा में दिखाई दिए। अनु कि आंखे बंद थी ओर वो जोर जोर से सांस ले रही थी।
मैंने धीरे धीरे से अनू के कान के निचले हिस्से को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया
मेरे ऐसा करना ऐसे करने से अनू सी सी ई ई ई ई
कि आवाजे निकलने लगी
मुझे पता चल गया कि अनू जगी हुई है, और उसकी ओर से कोई आपत्ती ना होने पर मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई, ओर मैंने अब पीछे से ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए, अनू अब मस्ती से आआ आह उम्म ऊह ओह sssssss कि आवाज निकाल रही थी
अब अनू को मज़ा आ रहा था, में जोर जोर से अनू के बूब्स ब्रा के ऊपर से दबा रहा था, अब मैंने ब्रा के अंदर हाथ डाला ओर अनू के निप्पल को जोर से पिंच कर दिया, मेरे ऐसे करने से अनू जोर से aaaah bhaiya ummmm करते हुए मेरे हाथ को पकड़ ली ओर अपने बूब्स से हटाने लगी पर मैं फिर से उसके बूब्स को सहलाने लगा,
अब मैंने अनू को सीधा कर दिया ओर उसका एक हाथ पकड़ के अपने लन्ड पर रख दिया, अनू बुरी तरह शर्मा गई ओर अपना हाथ वापस ले ली, मैंने फिर से अनू का हाथ पकड़ा और उसका हाथ वापस अपने ब्रीफ मे घुसा दिया और उसके हाथ को पकड़े रहा , अनू ने अब ज्यादा विरोध नहीं किया ओर मेरे लन्ड को पकड़ लिया,
अनु - भैया, मत करो ना
मैंने अपना ब्रीफ निकाल के फेंक दिया,
हम दोनों बिल्कुल चित एक दूसरे के बगल मे लेट हुए थे
समीर - क्या हुआ अनू, क्या तुम्हे अच्छा नहीं लग रहा
अनु - भैया हम दोनों भाई बहन है ना
समीर - मेरी बात का जवाब दो
अनु - ओर कसकर मेरे लन्ड को पकड़ते हुए( पर भैया हम ……..
समीर - अपना हाथ अनू के पैंटी मे डालकर हमदोनों क्या अनू?? (ओर जोर से अनू की चूत को दबा दिया)
अनु - भैया … उमम्म, वो हम दोनों भाई……… आह….. aaah bhaiaya….ummmmmm
Oooh
अनू ने भी अपना हाथ मेरे लन्ड पे तेज कर दिया ओर मैं भी उसकी चूत को जोर से घिसने लगा,
अनु - aaaah bhaiya, मत करो ना
समीर - क्या अनू
अनु - ummmm , ssssssss
अनू ने अपना बदन ऐंठ लिया , उसे बहुत मज़ा आ रहा था
अब अनू आराम से मेरे लन्ड से खेल रही थी , ओर मै अपने हाथ से अपनी बहन कि चूत सहला रहा था
अनु से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था ओर वह कभी भी झड़ सकती थी, मैंने अनू को उठा कर बैठा दिया ओर उसकी ब्रा और पैंटी दोनों उतार दी, अब हम दोनों भाई बहन पूरे नंगे एक ही बेड पर एक दूसरे के चूत ओर लंड से खेल रहे थे, मैने अनू को थोड़ा पीछे किया ओर उसकी चूत की मुठ मारने लगा,
अनु - aaaah bhaiya,,,,,, aaaaha saass ummmmm oooh aaaah
कुछ हो रहा है मुझे भैया बस ऐसे ही करो,,,,, aaaaah ummmm ooohhhh
साथ ही साथ अनू मेरी मुठ भी मार रही थी
मैंने बीच बीच में अनू के निप्पल भी दबा देता था जिससे वह जोर से चिल्ला उठती थी
अनु - aaaaaaaaah भैया इतनी जोर से पिंच मत करो ना प्लीज,
समीर - मजा आ रहा है अनू?
अनु - दर्द हो रहा है भाई
समीर - अच्छा कोई नहीं,
अनु - बस सहलाओ ना
समीर - अच्छा बस सहलाऊ
अनु - हा भैया
समीर - अच्छा रुक
ऐसे बोलके मैं उसके बूब्स ओर चूत सहलाने लगा पर सहलाते सहलाते मैंने उसके चूत में अपनी एक उंगली डाल दी
अनु दर्द से कराह उठी
आआ ह भैया दर्द हो रहा है
मैंने अनू की जैसे सुनी ही नहीं ओर पूरी उंगली उसकी चूत में घुसा दी
अनु का बदन ऐंठ गया ओर दर्द से उसके आंखो मै दो बूंद आ गई
मैंने थोड़ा इतंजार किया ओर उंगली चूत में अन्दर बाहर करने लगा , अनू की चूत पहले से बहुत गीली थी जिससे चूत आराम से अन्दर बाहर जा रही थी
अनु को भी अब अच्छा लग रहा था ,उसने बस मेरा हाथ पकड़ा और उंगली चूत में लेने लगी।
Aaah bhaiya, jor se bhaiya भाई बहुत अच्छा लग रहा है
मैंने अपने हाथ कि स्पीड तेज कर दी ओर अनू मेरा हाथ पकड़ कर अपने चूत में डाले हुए ही जोर से झड़ गई, ओर कांपने लगी।
इसी के साथ मै भी झड़ गया , अनू के बाल पूरे खराब हो चुके थे , झरने के बाद वो थक कर मेरे बदन पर गिर गई, वो बुरे तरीके से हाफ रही थी, उसके बाद अनू ने मुझसे कुछ नहीं कहा , बस वो दूसरी ओर नंगी ही पलटी ओर पीछे आके मुझसे चिपक गई, मैंने उसको बांहों मे भरा ओर ह्मदोनो नींद कि आगोश में खो गए।