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नमस्कार दोस्तों।
मैं बहुत टाइम से एक्सबी या और दूसरे पोर्टल पर सेक्स कहानियों का पाठक रहा हूँ
ढेरों के सांख्य में इन कहानियों का आनंद लिया है और लेखकों की इमेजिनेशन और सेक्स सिचुएशन को रीयलिस्टिक तरीके से लिखने की कला का कायल रहा हूँ।
आप महान लेखकों से बहुत ज़्यादा प्रेरित हो कर एक संछेप कहानी आप के समक्ष लिखने की हिम्मत कर रहा हूँ लिखने में हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि केलिए क्षमा, ये किसी भी प्रकार की कहानी लिखने का मेरा प्रथम प्रयास है।
बात २०१९ के आसपास की है। मेरे जीवन में उस से पहले 2-३ सुंदरियों का प्रवेश गिर्ल्फ्रेंड्स के रूप में हुआ था लेकिन उस दिनों मेरे जीवन में तन्हाइयों के सिवा कुछ नहीं था
उन दिनों मेरा जीवन बहुत अकेला और उदास था, मेरी लास्ट गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हुए ज़यादा समय नहीं हुआ था इसलिए मैं कुछ ज़ायदा ही उदास और दुखी था, मैं थोड़ा निराश भी था जीवन से क्यंकि मैंने अपनी प्रेमिका नीलू से सच्चा प्रेम किया था और मैं उस से सच में शादी करना चाहता था लेकिन वो भी बाकि दूसरी लड़कियों तरह निकली और उसने भी प्रेम के ऊपर सुरक्षित भविष्य को चुना और एक आर्मी अफसर के साथ एंगेज हो गयी। दिल टूट गया लेकिन कर भी क्या सकता था, जो कलतक मेरी बाँहों में बाहें डाल के कहती थी की बस तुम्हारी हूँ वह आज किसी और के सपनो में खोयी थी।
खैर एक दिन मैं ऐसे ही किसी काम में बिजी था की मेरे फ़ोन पर कॉल आयी , मैंने कॉल पिक किया, पता लगा मार्केटिंग कॉल है और कॉल करने वाली लड़की मुझे क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल कर रही थी , मैंने मना कर दिया की मुझे ज़रूरत नहीं है उसने कॉल कट करते हुए कहा::
कॉलर : सर मेरा नाम चन्द्रमा और कभी भी आपको क्रेडिट कार्ड की नीड हो तो मुझे कॉल कीजियेगा।
बात यही ख़तम हो गयी और मैं इस घटना को भूल गया, कुछ दिन बाद फिर मेरे फ़ोन पर कॉल आयी और वही क्रेडिट कार्ड के लिए कहा, मुझे याद आगया
मैं : आप चन्द्रमा है ना? आपने पहले भी कॉल किया था लेकिन मुझे क्रेडिट कार्ड की नीड नहीं है।
चन्द्रमा : सर आपको मेरा नाम याद रहा ?
मैं : हाँ क्यों नहीं, तुम्हारा नाम बहुत यूनिक है।
चन्द्रमा : हाहाहा, इतना भी अच्छा नहीं है, सब मुझे चंदू बोलते है और मुझे बुढ़िया जैसी फीलिंग्स आती है
मैं थोड़ा हैरान था उसके इतनी जल्दी फ्रीली बात करते हुए देखके लेकिन मुझे क्या दिक्कत हो सकती थी।
मैं : नहीं तुम्हारा नाम बहुत सूंदर और इसीलिए याद भी रहा ।
चन्द्रमा : सर आप बहुत अच्छे इंसान है नहीं तो लोग कॉल गर्ल से ठीक से बात भी नहीं करते।
बेचारी जोश जोश में खुद को कॉल गर्ल बोल गयी, उसकी बात सुन के मैं हंस पड़ा। लेकिन अपनी हंसी कण्ट्रोल करके कहा
मैं : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, सब इंसान बराबर है, तुम भी अपना काम कर रही हो और मेहनत करके पैसे कमाने वालो की हमेशा इज़्ज़त करनी चाहिए।
चन्द्रमा : यही तो सर, लेकिन क्या करे हम अच्छी नौकरी ना मिलने पर कालिंग वाली जॉब करते है और लोग हमारी बात सुनते तक नहीं और फ़ोन काट देते है या गन्दी बात करने लगते है लेकिन आप से बात करके अच्छा लगा, आपको कभी भी कार्ड बनवाना हो तो मुझसे ही बनवाना।
मैं : पक्का , तुमसे ही बनवाऊंगा। ये कह के मैंने कॉल कट कर दिया।
बात आयी गयी हो गयी और मैं अपने अपने काम और परिवार में बिजी रहा , कभी कभी दिल में टीस सी उठती थी नीलू को याद करके, टूटे दिल की यही समस्या है , अकेलापन मिलते ही उसी की याद में खून के आंसू रोता है जिसने उसके टुकड़े टुकड़े किये होते है अपने पैरों के नीचे कुचल कर।
फिर कुछ एक डेढ़ महीने गुज़रे होंगे की एक सुहानी शाम को चन्द्रमा का कॉल आगया, क़िस्मत की बात थी की उस दिन मैं फ्री था और मूड भी अच्छा था, मैंने कॉल पिक किया
चन्द्रमा : हेलो सर , मैं चन्द्रमा बोल रही हूँ
मैं : हाँ चन्द्रमा बोलो ? वैसे तुमको बोलना नहीं चमकना चाहिए (मैंने जोक मारा )
चन्द्रमा : हाहाहा सच में।
मैं : हाँ सच , अच्छा बोलो सब ठीक ?
चन्द्रमा : यही बताने के लिए कॉल किया है , कल मैं ये जॉब छोड़ रही हूँ , और ये नंबर भी बदल जायेगा , अब आप इस नंबर पर कॉल मत करना , मैं आपको अपना पर्सनल नो दूंगी उस पर कॉल करना।
मैं: हाँ क्यों नहीं (मैं अब इतना भी चूतिया नहीं था की ना समझता की लड़की के मन में क्या है)
चन्द्रमा : रुको मैं आपको करती हूँ अपने नंबर से कॉल। (इतना बोलके उसने कॉल कट कर दी और अपने पर्सनल नंबर से कॉल की )
मैं : हाँ चन्द्रमा बोलो ?
चन्द्रमा : क्या बोलू आप पूछो ?
मैं : जॉब क्यों छोड़ी ?
चन्द्रमा : बेकार जॉब थी छोर दी।
मैं : अब क्या करोगी फिर।
चन्द्रमा : दूसरी जॉब ढूंढूंगी
मैं : गुड, बुरा मत मानना, तुम कहा रहती हो ?
चन्द्रमा : इसमें बुरा मान ने की क्या बात है , मैं फरीदाबाद में रहती हूँ
मैं : ओह्ह गुड, मैं दिल्ली रहता हूँ।
चन्द्रमा : (इठलाते हुए ) मेको पता है।
मैं : तुमको कैसे पता ?
चन्द्रमा : क्रेडिट कार्ड कंपनी में काम करती हु आपकी डिटेल्स है कंपनी में।
मैं : ओह वाओ , मैं तोह भूल ही गया था , तुम बहुत चालक हो
चन्द्रमा : हीहीही वह तोह मैं हूँ ही
ऐसे ही हमारी काफी देर बात हुई और मुझे पता चलगया की वह फरीदाबाद में अपने मां बाप के साथ रहती है और इकलौती बेटी है और जॉब करती है। बातों से ये भी आईडिया लग गया की उम्र बहुत ज़ायदा नहीं है और निचली मिडिल क्लास से बिलोंग करती है।
फ़ोन कट करते टाइम हम दोनों में से किसी ने भी फिर कॉल के लिए नहीं बोला इसलिए मुझे समझ नही आरहा था की फिर बात होगी की नहीं।
वापिस से फिर वही अकेलापन और उदासी थी, फिर वही प्यार भरे पलों की यादें थी और उन यादों को कुचले जाने का दुःख, कभी ना मिटने वाला दर्द और उसकी हौले हौले उठती टीसें। लेकिन कहते है ना की ऊपर वाले के खेल निराले है, तो हुआ ये की मेरा एकदोस्त मिलने आया और बातों बातों में पता चला की किसी ने उसके नाम से फ़र्ज़ी लोन ले लिया था जिसके कारण उसका सिबिल ख़राब है और उसका क्रेडिट कार्ड नहीं बन पा रहा है , मैं उसको बताया की कोई जानकार है मेरा और मैं कोशिश करता हूँ कुछ। मैंने उसको चन्द्रमा का नंबर जान बुझ के नहीं दिया, पता था की एक नंबर का हरामी है अपनी खुद की सेटिंग में लग जायेगा।
मैंने अगले दिन चन्द्रमा को कॉल किया, उसने चहकते हुए कॉल पिक किया।
चन्द्रमा : हेलो सर !
मैं : हेलो चन्द्रमा , मैं समीर बोल रहा हूँ
चन्द्रमा : पहचान लिया सर, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है
मैं : हाहाहा थैंक यू , मुझे लगा भूल गयी होगी
चन्द्रमा : अरे नहीं सर आपको कैसे भूल सकती हूँ, वैसे एक बात बोलू ? हर बार सोचती हूँ पर बोलनाही पाती
मैं : हाँ हाँ बोलो क्या बात है ?
चन्द्रमा : समीर जी आपकी आवाज़ बहुत सुन्दर है, आप जब बोलते है तो लगता है किसी फिल्म एक्टर से बात कर रही हु।
मैं : वाकई ? मुझे तो बोला नहीं किसी ने , वैसे तुम्हारी आवाज़ भी बहुत सूंदर है बहुत स्वीटनेस है बिलकुल बच्चो वाली।
चन्द्रमा : हुहूँ।।। मैं एक छोटा बेबी हूँ (इठलाते हुए छोटे बच्चे की तोतली भाषा में )
मैं : हाँ बिलकुल छोटू सा बेबी। अच्छा सुनो मैंने एक काम के लिए कॉल किया था ( मैंने गंभीरता से कहा)
चन्द्रमा : हाँ बोलिये
फिर मैंने उसकोअपने दोस्त का इशू डिटेल में बताया और सलूशन पूछा , उसने जॉब छोर दी थी लेकिन उसके कॉन्टेक्ट्स थे और उसने उन को यूज़ करके मेरे फ्रैंड का काम करा दिया, क्रेडिट कार्ड बन गया, मेरा दोस्त भी खुश और चन्द्रमा भी, और मैं थो खुश था ही, उम्मीद जो हो गयी चन्द्रमा की चांदनी के दिल में उतरने की, दिल भी साला बड़ा कुत्ती चीज़ है, जब अकेला हो तो बिछड़े प्यार को याद करके रोता हैलेकिन जहा कोई नयी लड़की नज़र आयी तो उसका प्यार पाने के तमन्ना करने लगता है। इसी तमन्ना में मेरा दिल खुश था की चलो कोई तो है जिससे बात करके अच्छा फील होगा और अकेलापन कम फील होगा, लेकिन हाय री क़िस्मत बात आगे बढ़ती की उस से पहले ही ड्रमा हो गया।
मैं एक सुबह सो रहा था की मेरे फ़ोन पर चन्द्रमा का कॉल आया लगभग ५ बजे मॉर्निंग में, मुझे लगा गलती से है क्योंकि अब इतनी भी बात आगे नहीं बढ़ी की वो मुझे इतनी सुबह कॉल करे। लेकिन आधे घंटे बाद फिर कॉल आयी तो मैंने कॉल उठाया
चन्द्रमा : हेलो सर (बौखलाए हुए )
मैं : हाँ बोलो क्या बात है
चन्द्रमा : सर आपसे एक काम था
मैं : हाँ बोलो क्या काम है (मैं समझ गया की अब ये पैसे मांगेगी)
चन्द्रमा : सर मुझे कुछ पैसे चाहिए अर्जेंट, मेरी ट्रैन है एक घंटे में
मैं : कितने ? और कहा जा रही हो अचानक ?
चन्द्रमा : ३००० हज़ार रूपये, आके बताउंगी
मैं : ठीक है अकाउंट नो भेजो (मैंने मान लिया था की लड़की ४ दिन मीठी मीठी बात करके चूतिया काट गयी)
तीन हज़ार रूपये मेरे लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी लेकिन चूतिया बनने का मलाल था, मैंने पैसे दे दिए और सब भूलभाल के काम में व्यस्त हो गया।
मैं बहुत टाइम से एक्सबी या और दूसरे पोर्टल पर सेक्स कहानियों का पाठक रहा हूँ
ढेरों के सांख्य में इन कहानियों का आनंद लिया है और लेखकों की इमेजिनेशन और सेक्स सिचुएशन को रीयलिस्टिक तरीके से लिखने की कला का कायल रहा हूँ।
आप महान लेखकों से बहुत ज़्यादा प्रेरित हो कर एक संछेप कहानी आप के समक्ष लिखने की हिम्मत कर रहा हूँ लिखने में हुई किसी भी प्रकार की त्रुटि केलिए क्षमा, ये किसी भी प्रकार की कहानी लिखने का मेरा प्रथम प्रयास है।
बात २०१९ के आसपास की है। मेरे जीवन में उस से पहले 2-३ सुंदरियों का प्रवेश गिर्ल्फ्रेंड्स के रूप में हुआ था लेकिन उस दिनों मेरे जीवन में तन्हाइयों के सिवा कुछ नहीं था
उन दिनों मेरा जीवन बहुत अकेला और उदास था, मेरी लास्ट गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हुए ज़यादा समय नहीं हुआ था इसलिए मैं कुछ ज़ायदा ही उदास और दुखी था, मैं थोड़ा निराश भी था जीवन से क्यंकि मैंने अपनी प्रेमिका नीलू से सच्चा प्रेम किया था और मैं उस से सच में शादी करना चाहता था लेकिन वो भी बाकि दूसरी लड़कियों तरह निकली और उसने भी प्रेम के ऊपर सुरक्षित भविष्य को चुना और एक आर्मी अफसर के साथ एंगेज हो गयी। दिल टूट गया लेकिन कर भी क्या सकता था, जो कलतक मेरी बाँहों में बाहें डाल के कहती थी की बस तुम्हारी हूँ वह आज किसी और के सपनो में खोयी थी।
खैर एक दिन मैं ऐसे ही किसी काम में बिजी था की मेरे फ़ोन पर कॉल आयी , मैंने कॉल पिक किया, पता लगा मार्केटिंग कॉल है और कॉल करने वाली लड़की मुझे क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल कर रही थी , मैंने मना कर दिया की मुझे ज़रूरत नहीं है उसने कॉल कट करते हुए कहा::
कॉलर : सर मेरा नाम चन्द्रमा और कभी भी आपको क्रेडिट कार्ड की नीड हो तो मुझे कॉल कीजियेगा।
बात यही ख़तम हो गयी और मैं इस घटना को भूल गया, कुछ दिन बाद फिर मेरे फ़ोन पर कॉल आयी और वही क्रेडिट कार्ड के लिए कहा, मुझे याद आगया
मैं : आप चन्द्रमा है ना? आपने पहले भी कॉल किया था लेकिन मुझे क्रेडिट कार्ड की नीड नहीं है।
चन्द्रमा : सर आपको मेरा नाम याद रहा ?
मैं : हाँ क्यों नहीं, तुम्हारा नाम बहुत यूनिक है।
चन्द्रमा : हाहाहा, इतना भी अच्छा नहीं है, सब मुझे चंदू बोलते है और मुझे बुढ़िया जैसी फीलिंग्स आती है
मैं थोड़ा हैरान था उसके इतनी जल्दी फ्रीली बात करते हुए देखके लेकिन मुझे क्या दिक्कत हो सकती थी।
मैं : नहीं तुम्हारा नाम बहुत सूंदर और इसीलिए याद भी रहा ।
चन्द्रमा : सर आप बहुत अच्छे इंसान है नहीं तो लोग कॉल गर्ल से ठीक से बात भी नहीं करते।
बेचारी जोश जोश में खुद को कॉल गर्ल बोल गयी, उसकी बात सुन के मैं हंस पड़ा। लेकिन अपनी हंसी कण्ट्रोल करके कहा
मैं : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, सब इंसान बराबर है, तुम भी अपना काम कर रही हो और मेहनत करके पैसे कमाने वालो की हमेशा इज़्ज़त करनी चाहिए।
चन्द्रमा : यही तो सर, लेकिन क्या करे हम अच्छी नौकरी ना मिलने पर कालिंग वाली जॉब करते है और लोग हमारी बात सुनते तक नहीं और फ़ोन काट देते है या गन्दी बात करने लगते है लेकिन आप से बात करके अच्छा लगा, आपको कभी भी कार्ड बनवाना हो तो मुझसे ही बनवाना।
मैं : पक्का , तुमसे ही बनवाऊंगा। ये कह के मैंने कॉल कट कर दिया।
बात आयी गयी हो गयी और मैं अपने अपने काम और परिवार में बिजी रहा , कभी कभी दिल में टीस सी उठती थी नीलू को याद करके, टूटे दिल की यही समस्या है , अकेलापन मिलते ही उसी की याद में खून के आंसू रोता है जिसने उसके टुकड़े टुकड़े किये होते है अपने पैरों के नीचे कुचल कर।
फिर कुछ एक डेढ़ महीने गुज़रे होंगे की एक सुहानी शाम को चन्द्रमा का कॉल आगया, क़िस्मत की बात थी की उस दिन मैं फ्री था और मूड भी अच्छा था, मैंने कॉल पिक किया
चन्द्रमा : हेलो सर , मैं चन्द्रमा बोल रही हूँ
मैं : हाँ चन्द्रमा बोलो ? वैसे तुमको बोलना नहीं चमकना चाहिए (मैंने जोक मारा )
चन्द्रमा : हाहाहा सच में।
मैं : हाँ सच , अच्छा बोलो सब ठीक ?
चन्द्रमा : यही बताने के लिए कॉल किया है , कल मैं ये जॉब छोड़ रही हूँ , और ये नंबर भी बदल जायेगा , अब आप इस नंबर पर कॉल मत करना , मैं आपको अपना पर्सनल नो दूंगी उस पर कॉल करना।
मैं: हाँ क्यों नहीं (मैं अब इतना भी चूतिया नहीं था की ना समझता की लड़की के मन में क्या है)
चन्द्रमा : रुको मैं आपको करती हूँ अपने नंबर से कॉल। (इतना बोलके उसने कॉल कट कर दी और अपने पर्सनल नंबर से कॉल की )
मैं : हाँ चन्द्रमा बोलो ?
चन्द्रमा : क्या बोलू आप पूछो ?
मैं : जॉब क्यों छोड़ी ?
चन्द्रमा : बेकार जॉब थी छोर दी।
मैं : अब क्या करोगी फिर।
चन्द्रमा : दूसरी जॉब ढूंढूंगी
मैं : गुड, बुरा मत मानना, तुम कहा रहती हो ?
चन्द्रमा : इसमें बुरा मान ने की क्या बात है , मैं फरीदाबाद में रहती हूँ
मैं : ओह्ह गुड, मैं दिल्ली रहता हूँ।
चन्द्रमा : (इठलाते हुए ) मेको पता है।
मैं : तुमको कैसे पता ?
चन्द्रमा : क्रेडिट कार्ड कंपनी में काम करती हु आपकी डिटेल्स है कंपनी में।
मैं : ओह वाओ , मैं तोह भूल ही गया था , तुम बहुत चालक हो
चन्द्रमा : हीहीही वह तोह मैं हूँ ही
ऐसे ही हमारी काफी देर बात हुई और मुझे पता चलगया की वह फरीदाबाद में अपने मां बाप के साथ रहती है और इकलौती बेटी है और जॉब करती है। बातों से ये भी आईडिया लग गया की उम्र बहुत ज़ायदा नहीं है और निचली मिडिल क्लास से बिलोंग करती है।
फ़ोन कट करते टाइम हम दोनों में से किसी ने भी फिर कॉल के लिए नहीं बोला इसलिए मुझे समझ नही आरहा था की फिर बात होगी की नहीं।
वापिस से फिर वही अकेलापन और उदासी थी, फिर वही प्यार भरे पलों की यादें थी और उन यादों को कुचले जाने का दुःख, कभी ना मिटने वाला दर्द और उसकी हौले हौले उठती टीसें। लेकिन कहते है ना की ऊपर वाले के खेल निराले है, तो हुआ ये की मेरा एकदोस्त मिलने आया और बातों बातों में पता चला की किसी ने उसके नाम से फ़र्ज़ी लोन ले लिया था जिसके कारण उसका सिबिल ख़राब है और उसका क्रेडिट कार्ड नहीं बन पा रहा है , मैं उसको बताया की कोई जानकार है मेरा और मैं कोशिश करता हूँ कुछ। मैंने उसको चन्द्रमा का नंबर जान बुझ के नहीं दिया, पता था की एक नंबर का हरामी है अपनी खुद की सेटिंग में लग जायेगा।
मैंने अगले दिन चन्द्रमा को कॉल किया, उसने चहकते हुए कॉल पिक किया।
चन्द्रमा : हेलो सर !
मैं : हेलो चन्द्रमा , मैं समीर बोल रहा हूँ
चन्द्रमा : पहचान लिया सर, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है
मैं : हाहाहा थैंक यू , मुझे लगा भूल गयी होगी
चन्द्रमा : अरे नहीं सर आपको कैसे भूल सकती हूँ, वैसे एक बात बोलू ? हर बार सोचती हूँ पर बोलनाही पाती
मैं : हाँ हाँ बोलो क्या बात है ?
चन्द्रमा : समीर जी आपकी आवाज़ बहुत सुन्दर है, आप जब बोलते है तो लगता है किसी फिल्म एक्टर से बात कर रही हु।
मैं : वाकई ? मुझे तो बोला नहीं किसी ने , वैसे तुम्हारी आवाज़ भी बहुत सूंदर है बहुत स्वीटनेस है बिलकुल बच्चो वाली।
चन्द्रमा : हुहूँ।।। मैं एक छोटा बेबी हूँ (इठलाते हुए छोटे बच्चे की तोतली भाषा में )
मैं : हाँ बिलकुल छोटू सा बेबी। अच्छा सुनो मैंने एक काम के लिए कॉल किया था ( मैंने गंभीरता से कहा)
चन्द्रमा : हाँ बोलिये
फिर मैंने उसकोअपने दोस्त का इशू डिटेल में बताया और सलूशन पूछा , उसने जॉब छोर दी थी लेकिन उसके कॉन्टेक्ट्स थे और उसने उन को यूज़ करके मेरे फ्रैंड का काम करा दिया, क्रेडिट कार्ड बन गया, मेरा दोस्त भी खुश और चन्द्रमा भी, और मैं थो खुश था ही, उम्मीद जो हो गयी चन्द्रमा की चांदनी के दिल में उतरने की, दिल भी साला बड़ा कुत्ती चीज़ है, जब अकेला हो तो बिछड़े प्यार को याद करके रोता हैलेकिन जहा कोई नयी लड़की नज़र आयी तो उसका प्यार पाने के तमन्ना करने लगता है। इसी तमन्ना में मेरा दिल खुश था की चलो कोई तो है जिससे बात करके अच्छा फील होगा और अकेलापन कम फील होगा, लेकिन हाय री क़िस्मत बात आगे बढ़ती की उस से पहले ही ड्रमा हो गया।
मैं एक सुबह सो रहा था की मेरे फ़ोन पर चन्द्रमा का कॉल आया लगभग ५ बजे मॉर्निंग में, मुझे लगा गलती से है क्योंकि अब इतनी भी बात आगे नहीं बढ़ी की वो मुझे इतनी सुबह कॉल करे। लेकिन आधे घंटे बाद फिर कॉल आयी तो मैंने कॉल उठाया
चन्द्रमा : हेलो सर (बौखलाए हुए )
मैं : हाँ बोलो क्या बात है
चन्द्रमा : सर आपसे एक काम था
मैं : हाँ बोलो क्या काम है (मैं समझ गया की अब ये पैसे मांगेगी)
चन्द्रमा : सर मुझे कुछ पैसे चाहिए अर्जेंट, मेरी ट्रैन है एक घंटे में
मैं : कितने ? और कहा जा रही हो अचानक ?
चन्द्रमा : ३००० हज़ार रूपये, आके बताउंगी
मैं : ठीक है अकाउंट नो भेजो (मैंने मान लिया था की लड़की ४ दिन मीठी मीठी बात करके चूतिया काट गयी)
तीन हज़ार रूपये मेरे लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी लेकिन चूतिया बनने का मलाल था, मैंने पैसे दे दिए और सब भूलभाल के काम में व्यस्त हो गया।
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