Yellow Flash
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super updateअध्याय 29
मेरा शरीर निचे पड़ा गया था और मैं बिलकुल मजबूर सा खुद को महसूस कर रहा था ,मेरे दिमाग में एक नाम आया और मैं तुरंत ही उसके पास पहुंच गया .......
मैं अभी अपने घर में था अपने कमरे में और टॉमी मुझे देखते ही भूका ,तो मेरा शक सही था ,टॉमी मुझे देख सकता था ,मैंने टॉमी से बात करने की कोशिस की असल में अब मैं और भी स्पस्ट बात कर पा रहा था ,टॉमी मेरी बातो को समझ भी रहा था ,मैंने उसे अपने साथ आने को कहा और उसे अपने शरीर के पास तक ले आया लेकिन .
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी पुलिस वाले जा चुके थे ,मेरे पास समय बहुत ही कम था तभी मेरे मन में एक बात आ गई ......
मैं टॉमी को लेकर वंहा पंहुचा जंहा अघोरी ने कांता और शबीना को मारा था वो दोनों अब भी जिन्दा थे लेकिन बहुत ही बुरी हालत में ..
मुझे तो खोपड़ी दिखाई दी जिसे पीकर अघोरी वंहा से चला गया था .......
"टॉमी उस खोपड़ी में कुछ है ,उसे हिफाजत से ले जाकर मेरे मुँह में डाल देना ,"
उस खोपड़ी में कुछ कुछ द्रव्य अब भी था जो की रामु(दी गई बलि ) के खून से,जादुई लकड़ी के राख से, शैतान के वीर्य से और कुछ खास शैतानी कर्मकांडो के द्वारा बनाया गया था ...
चाहे वो कितना भी घिनौना क्यों ना हो लेकिन अभी वो मेरे लिए अमृत हो सकता था मुझे नहीं पता था की उससे मेरे शरीर पर क्या असर होने वाला है लेकिन फिर भी मैंने ये दावा खेल दिया ...
टॉमी मेरी बात को समझता हुआ तुरंत एक्शन में आ गया और खोपड़ी को अपने दांतो से उठा कर मेरे शरीर के पास ले आया और उस द्रव्य को मेरे मुँह में डालने ही वाला था की मैंने अपने शरीर में प्रवेश कर लिया ..
द्रव्य जैसे ही मेरे मुँह में गया मेरे अंदर कुछ बदलने लगा ,मेरे शरीर के हर एक तिनके में जैसे कोई ऊर्जा उठने लगी ,पेट और साइन में गहरे घाव अभी भी थे लेकिन दर्द बहुत ही कम हो गया था ,मुझे तुरंत ही मेडिकल चिकित्सा की जरूरत थी ,मेरे शरीर में इतनी ताकत आ गई थी की मैंने तुरंत ही डॉ को कॉल लगाया और अपना लोकेशन बताया ,मैं अब भी चलने फिरने के हालत में नहीं था लेकिन मेरे अंदर कुछ तो हो रहा था ,कुछ ही देर में मदद भी पहुंच गई ,और मैंने उनके साथ टॉमी को भेजकर कांता और शबीना के लिए भी मदद जुटा दी ......
*******
कुछ दिनों बाद
मैं बिस्तर में पड़ा हुआ था सभी मुझसे मिलने आते जाते रहते थे ,डॉ ने मेरे कहने पर चंदू के DNA का टेस्ट करवाया ,क्योकि उसने मुझसे कहा था की वो मेरे पिता का खून नहीं है ,मैं देखना चाहता था की आखिर वो किसका खून है और ना ही वो मेरे पिता का खून था ना ही रामु का ,ना ही अब्दुल का ...
अब वो किसका बेटा था ये तो कांता मौसी ही जानती थी ,जो की कोमा की हालत में थी ,शबीना की हालत में थोड़ी सुधार आ रहा था लेकिन उसे भी नहीं पता था की आखिर चंदू किसका बेटा है ,असल में उसे तो यही लगता था की चंदू मेरे पिता का ही खून है ........
खैर मतलब साफ थी की जायजाद का अब कोई लफड़ा ही नहीं होने वाला है ,
लेकिन एक सवाल अब भी मेरे दिमाग में घूम रही थी की आखिर चंदू घर से क्यों गायब हो गया,और उसे क्यों कोई मेरे खिलाफ बहका रहा था,क्या अघोरी उसे इस्तमाल कर रहा था या फिर इसके पीछे कोई और था ,अब अघोरी अगर उसे इस्तमाल कर रहा था तो एक सवाल ये था की उसके पास इतने पैसे कहा से आये की वो इतने लोगो को मेरे पीछे लगा कर रखता ,नहीं ये सिर्फ अघोरी का काम नहीं था ,इन सबको जानने के लिए मुझे एक बार काजल से बात करनी थी लेकिन डॉ ने मुझे इस बात से मना कर दिया ,वो चाहते थे की मैं अपने दिमाग में ज्यादा जोर ना डालू जब मैं ठीक हो जाऊगा तो वो मुझे काजल से मिलवा देंगे ...
सब कुछ ठीक ही चल रहा था बस एक चीज के ,मेरे अंदर आ रहे परिवर्तन ,मेरे अंदर एक अजीब सी ऊर्जा मुझे महसूस होती जो की जादुई लकड़ी के कारण मुझमे आती थी लेकिन उसके साथ एक अजीब सी मानसिकता मुझे घेरे रहती थी ,मुझे ऐसा कभी नहीं लगा जैसे अब लगता था ,दुनिया को देखने का नजरिया परिवर्तित हो रहा था ,मेरे दिमाग में अजीबो गरीब ख्याल आते जिन्हे मैं कभी सपने में भी सोच नहीं सकता था .....
वो सभी मुझे शैतानी सी लगते थे ,शायद शैतानी ताकतों का भी असर मेरे ऊपर हुआ था ,ऐसे भी मैं शैतानी ताकत के कारण ही तो जिन्दा था ......
ना जाने आगे ये दो विपरीत उर्जाये क्या क्या खेल दिखने वाली थी ,मैं बहुत ही खतरनाक ताकत को ले कर चल रहा था और जैसे जैसे मेरा शरीर ठीक होता वैसे वैसे मैं खुद को और भी ताकतवर महसूस करता था ,सबसे ज्यादा सर मुझे तब लगा जब मैंने अपनी माँ के बदन को देखकर हवस से भर गया ,ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ था ,लेकिन अब ना जाने ये शैतानी ताकते मुझसे क्या क्या करवाने वाली थी .......???
अध्याय 30
मुझे वार्ड में सिफ्ट कर दिया गया था और मैं अभी डॉ चूतिया के साथ बैठा हुआ था ,साथ ही काजल मेडम भी थी,
आज वो कमाल की लग रही थी ,गोरे गोरे हाथो में लाल लाल चुडिया थी ,एक सिंपल सलवार कमीज में मेरे सामने बैठी थी ,जो की उनके शरीर से पूरी तरह से कसा हुआ था,एक एक उभार साफ साफ दिख रहा था,और दोनों वक्षो के बिच की जगह कुछ ज्यादा ही आकर्षक लग रहे थे ,माथे पर लाल गढ़ा सिंदूर और होठो में हलकी लाली ,वाह क्या कहने थे ,
एक तो जबसे मैंने उस अघोरी के खोपड़ी में रखा हुआ द्रव्य पिया था तब से मेरे अंदर जैसे शैतान नाचने लगा था,औरतो को देखकर साला लिंग अकड़ सा जाता ,मुझे बस इन्तजार था छुट्टी होने का मैं निशा के ऊपर पूरी हवस निकालना चाहता था लेकिन सालो ने अभी भी वार्ड में ही रखा था ,शायद यंहा 3-4 दिन और लगने थे ..
"ऐसे क्या देख रहे हो मुझे"
"क्या बताऊ मेडम जी क्या बीत रही है मेरे अंदर ,ऐसे लगता है की ......."
मैं रुक गया सामने डॉ भी बैठे थे
"अच्छा क्या बीत रही है "
काजल मेडम ने अपनी ही अदा में कहा ,मैं थोड़े देर के लिए सोच में पड़ गया था ...
"आप जो गयी तो ऐसा लगा जैसे किसी ने सीधे पीठ में खंजर मार दिया हो "
इस बार काजल का चेहरा थोड उतर गया ..
"मैं क्या करती राज मैं मजबूर थी .."
"वही तो मैं जानना चाहता था की आखिर वो कौन था जिसने आपको मजबूर किया था "
काजल ने डॉ को देखा
"काजल मुझे सब बता चुकी है राज फिर भी काजल एक बार राज को फिर से बता दो "
इस बार डॉ ने कहा था ..
काजल ने एक गहरी साँस भरी
"मुझे नहीं पता की वो कौन था ,मेरा काम जासूसी का है ,साथ ही मैं पैसे के लिए कुछ मिशन भी करती हु जो की लीगल न हो ,ये काम सरकारी और गैर सरकारी भी हो सकता है ,ये बात उसे पता थी और उसने मुझसे एक काम के लिए संपर्क किया ,काम सिंपल था मुझे लगा की कुछ दिन में हो जाएगा और मैंने भी हां कह दिया ,उसने मुझे यंहा बुलाया और टीचर का जॉब करने के लिए कहा ,साथ ही मेरा काम तुमपर नजर रखना और तुम्हे अपने जाल में फ़साना था ,मैं अपने काम में लग गई और सब कुछ सही जा रहा था लेकिन फिर उसने मुझे वकील के पास भेजा बात करने के लिए ,दूसरे दिन ही वकील का खून हो गया ,मैं शॉक थी क्योकि ये सब उसने ही करवाया था ,उसने मुझसे तुम्हारे और करीब जाने और तुम्हे मार डालने की बात कही,लेकिन ये मेरे वसूलो के खिलाफ था तो मैंने मना कर दिया तब तक मेरा परिवार उसके कब्ज़े में था ,मैं डर गई थी और मजबूर थी लेकिन फिर मुझे तुम्हारे ताकत का पता चला मुझे लगा की मुझे आईडिया मिल गया है ,मैंने तुम्हे डॉ और डागा के बारे में बता दिया ताकि तुम उन्हें ढूंढने की कोशिस करो ,मुझे यकीन था की जब तुम डॉ से मिलोगे तो वो तुम्हारी मदद करेंगे और ये भी समझ जायेंगे की मैं ये सब किसी मज़बूरी में कर रही हु .."
काजल की बातो से और भी कई सवाल खड़े हो चुके थे ..
"तो फिर वो अघोरी ??"
मेरे मुँह से निकल गया
"मुझे नहीं पता की वो चंदू के संपर्क में कैसे आया ,वो इंसान कोई दूसरा ही है जो ये सब करवा रहा था,असल में चंदू को भी उसके बारे में नहीं पता की वो कौन था ,अघोरी से चंदू को पावर चाहिए थी वो उस अंजान आदमी के पैतरो से तंग आ गया था ..."
"मलतब "
"मलतब की पहले तो उसने चंदू को बहार आने से रोक दिया ,और ऐसे रखा जैसे चंदू उसके कैद में हो ,फिर उसने वसीयत के ऊपर कोई भी दवा पेश ना करने का फैसला किया क्योकि उसे पता था की डीएनए टेस्ट में चंदू फ़ैल हो जाएगा "
"लेकिन आखिर चंदू का पिता है कौन ??"
काजल ने सर ना में घुमाया
"मुझे नहीं पता ,यंहा तक की चंदू को भी नहीं पता था ,ये तो सिर्फ एक ही औरत बता सकती है ,उसकी माँ कांता"
"हुम्म्म तो अब क्या "
मैंने डॉ की ओर देखा
"कुछ नहीं जिसने भी ये सब करवाया था ना हमे उसके बारे में पता है ना ही उसके कारण के बारे में ,तो सब कुछ भूलकर तुम अपनी जिंदगी जिओ ,अगर उसे कुछ करना होगा तो वो करेगा ,तब ही उसे पकड़ा या उसके बारे में जाना जा सकता है ,और कोई चारा नहीं है "
"ठीक है तुम आराम करो हम चलते है .."
डॉ बहार जाने लगा लेकिन काजल वही रुक गई थी ..
"डॉ मैं राज से कुछ अकेले में बात करना चाहती हु "
''ओके" डॉ बहार चला गया
काजल के होठो में एक मुस्कान आ गई थी
"तो .." उसने मुस्कुरा कर कहा
हाय ऐसा लग रहा था की अभी इसे बिस्तर में पटक कर
"आप गजब की लग रही हो "
वो खिलखिलाई
"और कुछ नहीं पूछना "
"क्या पुछु "
"तुमने मेरी जान बचाई है राज "
"तो बदले में मुझे कुछ मिलने वाला है क्या ::
वो मुस्कुराई
"अच्छा क्या चाहिए ??"
मुझे चाहिए था
"कैसे बताऊ की क्या चाहिए ,बस मन कर रहा है की आपको पकड़ कर यही बिस्तर में ."
मैं इतना बोल कर रुक गया ,उनकी मुस्कुराहट थोड़ी फीकी पड़ गयी
"मैं जानती हु,डॉ ने मुझे बताया की तुम कैसे बच गए ,तुमने वो पि लिया है जो उस अघोरी ने अपने लिए बनाया था ,उसका वो द्रव्य पहले उतना शक्तिशाली नहीं होने वाला था इसलिए उसे चंदू पिने वाला था लेकिन फिर जब उन्हें पता चला की तुम मुझे ढूंढते हुए वंहा आये थे और अघोरी ने तुम्हे देख लिया तो उसने तुम्हारे जादू की ताकत के बारे में पता करवाया और उसे ना जाने कैसे उस लकड़ी के बारे में पता चल गया ,वो पहुंचा हुआ अघोरी था और इसलिए उसने तुम्हारे लकड़ी को भी अपने उस द्रव्य में मिलाने का प्लान बनाया ,मुझे कुछ कुछ खबर है की तुम्हारे अंदर क्या हो रहा है ,तुममे 30% अच्छी शक्ति है उस जादुई लकड़ी के कारण लेकिन 70% शैतानी शक्ति ,और उस लकड़ी के कारण शैतानी शक्ति और भी ज्यादा पावरफुल हो गई है ,तुम एक जीते जागते शैतान हो राज ,बस अब तुम्हे अपनी अच्छाई को बचा कर रखना होगा वरना तुम्हे शैतान बनने में जरा भी देर नहीं लगेगी ..."
कहते कहते काजल की आँखों में आंसू आ गए थे ,और मेरा दिमाग भी घूम गया था ,मैंने जितना सोचा था ये तो उससे भी ज्यादा था ,लेकिन आखिर मैं इस पावर को कैसे कंट्रोल करता ..
"तुम फ़िक्र मत करो तुम्हारे अंदर की अच्छाई आज भी जिन्दा है ,और तुम उस जादुई लकड़ी के साथ रह चुके हो तो मेरे ख्याल से तुम थोड़े से प्रयाश से इस पावर को कंट्रोल कर लोगे , लेकिन मुझे लगता है की अब लड़कियों की खैर नहीं ..."
वो मुस्कुराते हुए वंहा से निकल गई ,मैं बस उनके कहे शब्दों के बारे में सोचता रहा ......
लड़कियों की खैर नहीं ??? आखिर क्यों ???