अध्याय 26
निशा आज मेरे ही कमरे में आकर पढ़ रही थी ,वो बेहद ही बेचैन हो रही थी जैसे वो हर एग्जाम के पहले होती थी…
“आपकी तैयारी हो गई ???”
मुझे लेपटॉप पकड़े देखकर उसने कहा …
“हा पहले ही सब कम्पलीट कर लिया है..”
जब साला 12 हजार करोड़ की प्रोपर्टी मिलने वाली हो तो पढाई कौन करेगा …….लेकिन ये भी सही था की मैं पढाई में बहुत ही अच्छा था ,और सभी सब्जेक्ट को मैंने पहले ही तैयार कर लिया था,मुझे जाकर बस एग्जाम में बैठना भर था ,और अपने पास तो जादुई लकड़ी भी थी जिसे चाट कर तो मैं एक ही दिन में सीए का एग्जाम भी निकाल देता ……
“आपका ही बढ़िया है इसी लिए हर साल टॉप करते हो ..कुछ ट्रिक तो बताओ “
उसे देखकर मुझे हंसी आ गई ,एक वो एक शार्ट और एक टीशर्ट में थी ,बाल को बांध रखा था और आंखों में चश्मा लगा रखा था,उसके गुलाबी होठ और भी ज्यादा गुलाबी दिख रहे थे ,चहरे का रंग चिंता के कारण लाल हो गया था ,और फुले हुए उसके गालो को देखकर कोई सेब भी शर्मा जाए ……
“एक ट्रिक है मेरे पास ..”
“क्या क्या ??”
वो मेरे पास आकर बैठ गई ..
“चल प्यार करते है और सो जाते है ,दिन में मस्त होकर उठेंगे “
उसने अपने होठो को दांतो से दबाया और मेरे कंधे में एक मुक्का मार दिया ……..
“आप भी ना ,जब टाइम रहता है तो कुछ नही करते और आज आपको मस्ती सूझी है ..भाग जाओ यंहा से “
वो फिर से मेरे स्टडी टेबल में बैठकर पढ़ने लगी ,और मैंने रोहित के पास से लाई हार्डडिस्क को लेपटॉप से कनेक्ट किया ……….
उसमे बहुत सारे फोटोज और वीडियोस थे जिसे उसने अलग लग फोल्डर बना कर रखा था सभी फ़ोल्डर्स का नाम उसने मकान के नाम से दिया था ,जैसे बगला नंबर 123 आदि आदि ,और बिल्डिंग्स के अलग फ़ोल्डर्स थे जिसमे पहले बिल्डिंग का नाम था ,फिर उसके अंदर फ्लेट का नाम ...साला सच में बहुत ही हरामी आदमी था ,मैंने चेक करना शुरू किया,मैं आधे घण्टे के बाद मुझे हमारे बंगले का फोल्डर मिल गया जिसे मैंने अपने लेपि में कॉपी कर लिया …
मुझे देखकर समझ आया की निकिता दीदी की हालत क्या है ,वो कभी सिर्फ टीशर्ट पहने ही खिड़की में खड़ी हुई सिगरेट पीती दिख जाती तो कभी शराब हाथ में लिए मुझे निकिता दीदी का कोई ऐसा फ़ोटो या वीडियो नही मिला जिसे आपत्तिजनक कहा जा सके ….
लेकिन उसमे सिर्फ दीदी के फोटज नही थे,बंगले में रहने वाले कई लोगो के फोटोज थे जैसे हमारे नॉकर जो की गार्डन में किसी के साथ कुछ कर रहे हो ,या मेरा बाप अपने रंडियों के साथ कहि खुले में कुछ कर रहा हो ,सब कुछ कैद था उसमे कुछ फ़ोटोस चन्दू और नेहा दीदी के भी थे जिसमे वो एक दूसरे को किस कर रहे थे…
फिर मुझे वो मिला जिसे देखकर मेरी सांसे ही रुक गई ..
वो मेरे माँ की फोटोज थी,नहाने के बाद जब वो अपने बालकनी में आया करती थी,या खुले हुए खिड़की से अंदर झांकती वो फोटोज जिसमे उनके जिस्म में कोई भी कपड़े नही होते थे,या पिता जी के साथ जब वो पूरे नंगे जिस्म एक दूसरे से मिले होते थे….
उसे देखकर मेर अंदर एक अजीब सी संवेदना उठी और मैंने तुरंत ही उन फोटज को क्लोज कर दिया ,मेरे आंखों के सामने उनकी देह की तस्वीर घूम सी गई ……..
मैंने अपने सर को झटका और अपना नया लाया हुआ आईपैड उठा लिया ,मैंने पासवर्ड के द्वारा रोहित के आईपैड का एक्सेस प्राप्त किया और उस टेलीस्कोप को अपने घर की ओर घुमाया …
उसमे मेरा घर साफ साफ दिख रहा था,माँ पिता जी का कमरा नीचे था, इसलिए उतना क्लियर अंदर तक घुस पाना मुश्किल हि था,लेकिन फिर भी अगर वो खिड़की के पास होते तो उन्हें आराम से देखा जा सकता था,वंहा से उनकी फोटो भी ली जा सकती थी और जरूरत पड़े तो वीडियो भी बनाई जा सकती थी ……..
मैं अपने घर में कैमरे को घुमाने लगा तभी मुझे कुछ याद आया और मैंने उसे बंद कर वंहा से उठकर नेहा दीदी के पास चला गया ….
“अरे राज कल से तो तेरे एग्जाम शुरू होने वाले है ना तू यंहा क्या कर रहा है ….”
मैंने अपने मोबाइल से कान्ता,शबीना और अब्दुल वाली फोटो निकाल कर उन्हें दिखाई …...
“तुमने सही कहा था वो रंडी की ही औलाद है ,इसे मैं आपको भेज रहा हु आप इसे चन्दू को ईमेल कर देना “
मेरे होठो में एक कमीनी सी मुस्कान आ गई थी ….
*************
दूसरे दिन हमारा एग्जाम था मुझे पूरी सिक्युरिटी के साथ ले जाया गया था,मैं और निशा साथ ही गए,मेरे गार्ड ,रश्मि के गार्ड साला ऐसा लग रहा था जैसे की हम कोई VVIP है……
अभी प्रोपर्टी के काम में पूरा महीना लगना था और मैं चन्दू के एक्शन का इंतजार कर रहा था……
मेरा अधिकतर समय आगे की प्लानिंग करने में निकलता था ….
एक दिन डॉ चूतिया का फोन आया …..
“हैलो राज ….”
“जी सर “
“हमने काजल के परिवार के बारे में पता किया उसके पति और बच्चे को हमने अपने निगरानी में रख लिया है ,लेकिन अभी भी काजल से कोई कांटेक्ट नही हो पा रहा है,उसके पति ने बताया की वो कुछ दिन से बहुत ही अपसेट थी ,इन लोगो को किडनेप तो नही किया गया था लेकिन ये नजरबंद जरूर थे..
दिक्कत ये है की अब जल्द से जल्द काजल को ढूंढना होगा क्योकि जब उन्हें पता चलेगा की हमने उनके लोगो को ठिकाने लगा दिया है और उसके पति और बच्चे को अपनी निगरानी में ले लिया है तो वो काजल को नुकसान पहुचा सकते है “
“ओह तो क्या काजल मेडम ने उनसे कांटेक्ट करने की कोशिस नही की ….??????.”
“नही ये लोग भी उससे कांटेक्ट नही कर पा रहे है ,समझ नही आ रहा है उसे कैसे ढूढे ………..”
मैं भी सोच में पड़ गया था काजल का मिलना मेरे लिए एक बड़ी मुसीबत से छुटकारा था ……
मैं फिर से सोच में पड़ गया ,जैसा की बाबा जी ने मुझे बताया था की मेरे पास सबसे बड़ी शक्ति मेरे मन की शक्ति है ,लेकिन मुझे उसका उपयोग करना नही आता,मैं फिर से ध्यान में बैठा गया,मैंने अपने मन में बार बार ये दोहराया की मुझे काजल को ढूंढना है ….
मेरे आँखों के सामने काजल मेडम की तस्वीर उभर कर आ रही थी ,थोड़ी देर में ही मुझे ऐसे लगा जैसे मैं इस शरीर में ही नहीं हु ना ही इस कमरे में ही हु ,मैं कही और था एक बहुत ही अँधेरे वाली जगह में था,मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था ,वो एक गुफा जैसी जगह थी ,जंहा अँधेरा ही अँधेरा था ,लेकिन दूर कही से प्रकाश की किरणे आ रही थी ,मैं उसी और बढ़ने लगा ,लेकिन ये क्या मैं चल नहीं रहा था बल्कि जैसे उड़ रहा था ,मुझे समझ नहीं आ रहा था की ये मेरे साथ क्या हो रहा है ,मैं प्रकाश की और जाने लगा तो देख कर बुरी तरह से चौक गया ,वो एक बड़ी सी जगह थी लेकिन जैसे कोई गर्भगृह हो ,कोई लाइट वह नहीं थी बस कुछ जलते हुए मसाल थे ,वंहा पर एक विशाल मूर्ति बनी हुई थी ,ना जाने वो किसकी मूर्ति थी लेकिन वो बिल्कुल ही काले पत्थर से बनाई गई थी और देखने में बेहद ही डरावनी थी ,वही एक तांत्रिक जैसा शख्स उसके सामने ध्यान की मुद्रा में बैठा हुआ था ,उसके सामने आग जल रही थी ,पास ही चंदू हाथ में बड़ी सी तलवार लिए खड़ा था ,वो पूरी तरह से नंगा था और उसके माथे पर एक बड़ा सा टिका लगाया था ,वो लाल रंग का टिका था लेकिन कोई गुलाल नहीं बल्कि खून लग रहा था ,हां चंदू के हाथो से खून ही बह रहा था ,शायद उसने अपनी उंगली काँटी थी ,मुझे समझ में नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है ,मैंने आस पास देखा तो मेरे आश्चर्य की कोई सीमा नहीं रही क्योकि चंदू जिस और खड़ा था वही निचे एक पत्थर में एक इंसान को लिटा कर बंधा गया था ,उस शख्स का चेहरा देखते ही मैं दंग रह गया क्योकि वोई रामु काका थे ,चंदू के पिता ,चंदू जैसे उसकी बलि देने वाला था ,हां वो उसकी बलि ही देने वाला था ,तभी मुझे एक आवाज सुनाई दी ...
"नहीं ऐसा मत करो चंदू तुम अपने को दुष्ट शक्तियों के हाथो में सौप रहे हो ,ये भयानक तबाही ला देगी "
वो आवाज सुनकर मैं और भी आश्चर्य से भर गया क्योकि वो आवाज काजल मेडम की थी ,उन्होंने काजल मेडम को एक खम्भे से बांध रखा था उनके शरीर में कोई भी कपडे नहीं थे लेकिन पूरा शरीर लाल रंग के गुलाल से ढंका हुआ था ...
चंदू जोरो से हंसा
"ये मेरा बाप कभी था ही नहीं ,इसने जो की किया उसकी इसे सजा जरूर मिलेगी ,इसकी बलि देकर मैं शैतान को अपने अंदर बुलाऊंगा और फिर तेरे साथ सम्भोग करके शैतानी शक्तियों का मालिक बन जाऊँगा ..."
मुझे सारी बातें समझ में आ गई थी लेकिन तभी वो शख्स जो की उस मूर्ति के सामने बैठा था वो उठा ,वो बलशाली शरीर का मालिक था और साथ ही बेहद ही डरावना भी ,बड़े बड़े बाल थे और बड़ी बड़ी दाढ़ी थी,वो पलटा और मुझे देखते हुए जोरो से चीखा .........
"ये यंहा कैसे आ गया "
उसकी आवाज ही इतनी डरावनी थी की मैं बुरी तरह से डर गया ,लेकिन मुझे समझ नहीं आया की मैं क्या करू ..
"कौन ..??"
चंदू इधर उधर देखने लगा .....जैसे उसे मैं दिख ही नहीं रहा हु
"ये ..आज तेरी रूह यंहा आ तो गई है लेकिन वापस नहीं जायेगी मैं इसे कैद करके रखूँगा "
उसने अपने पास पड़ा एक त्रिशूल उठा लिया था और उसकी नोक मेरे ओर कर दी मैं अपनी पूरी ताकत लगा कर वंहा से भागने को हुआ लेकिन जैसे मैं वही जम गया था ...
मैं बुरी तरह से डर गया था तभी काजल मेडम चिल्लाई
"राज डरो नहीं खुद पर यकीन करो तुम बेहद ही ताकतवर हो बस तुम्हे अपने ताकत का अंदाजा नहीं है ,खुद पर यकीन करो भागो यंहा से "
वो भी मुझे नहीं देख पा रही थी लेकिन पता नहीं क्यों उन्हें मेरा अहसास हो गया था .....
"बाबा जी मदद "मैंने अपने मन में कहा और अचानक से ही मेरी आंखे खुल गई ........
मेरी सांसे बहुत ही तेज चल रही थी ,मेरे दिमाग में अब वो दृश्य घूम रहा था ..
मैंने तुरंत ही फोन उठाया और डॉ चूतिया का नंबर घुमा दिया ..........