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Incest जादुई लकड़ी (Completed)

Sunny talwar

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अध्याय 41

एक नए जोश के साथ मैं फिर से अपने काम में भिड़ चुका था ,मेरे पास जो भी जानकारी थी उनके बेस में मुझे आगे बढ़ना था ,बाबा जी के पास से आने के बाद मैंने पहला काम किया की मैं डॉ चूतिया से मिलने पहुच गया ..

वंहा मेडम मेरी ने मेरा स्वागत एक शरारती मुसकान के साथ किया लेकिन अभी मेरा फोकस अलग जगह पर था ..

मैंने डॉ को सभी बाते बताई ,और ये भी की भैरव ने क्या कहा था,और साथ ही बाबा के बारे में भी और अतुल वर्मा के बारे में भी…

उन्होंने एक फोन लगाया और मुझे कहि ले गए ,1 घण्टे गाड़ी चलाने के बाद हम एक घर के सामने खड़े थे ..

“ये हमारा वर्किंग प्लेस है ,सिर्फ जासूसी के लिए “

उन्होंने मस्कुराते हुए कहा …

कमरे का दरवाजा काजल ने खोला और मुझे सारी बाते समझ में आ गई ..

“वेलकम राज “

“ओह तो आप दोनो फिर से साथ में काम करने लगे ?”

मैंने मुस्कराते हुए काजल को देखा वो हमेशा की तरह हसीन लग रही थी

“बिल्कुल थैंक्स टू यु ..”उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया

वो हमे एक कमरे में ले गई जन्हा एक बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ था और उसमे मुझसे संबंधित बहुत सारी बाते लिखी थी ..मैं बिल्कुल ही आश्चर्य से इसे देखने लगा ….डॉ ने बोलना शुरू किया

“राज किसी भी मिस्क्ट्री को साल्व करना हो तो एक एक चीज को गहराई से समझना जरूरी है ,इसके अलावा मानव की आंतरिक भावनाओ को भी समझना चाहिए ,अधिकतर क्राइम मानसिक भावनाओ के कारण ही किया जाता है,तुम्हारे केस में हमे अतीत में जाना होगा,तुम्हारे बारे में हमारे पास जानकारी है ,तुम्हारे परिवार के बारे में हमारे पास जानकारी है लेकिन ..लेकिन हमारे पास कई पर्सनल जानकारी नही है ,खासकर जो चीज घूम फिर कर सामने आ रही है ,तुम्हारी माँ का अतीत….वो तो तुम्हे ही उनसे पता करवाना होगा,तुमने अतुल वर्मा वाली चीज नई बताई है मुझे लगता है की इससे कहानी में नया ट्विस्ट आने वाला है ,उसके बारे में हम आज से ही पता करना शुरू कर देते है बाकी जानकारियां निलवाने के लिए हमने आदमी रख छोड़े है ,उनसे अभी इनफार्मेशन आने में समय है ..”

उनकी तैयारी देखकर मैं खुश हो गया था ..

“डॉ साहब आप मेरे लिए इतना कुछ कर रहे हो ,वो भी बिना किसी स्वार्थ के ,मैं आपका आभारी हु ..मैं ये अहसान तो नही चुका सकता लेकिन …..लेकिन मैं आपको फीस जरूर आफर करना चाहूंगा “

मेरी बात सुनकर डॉ खिलखिला कर हंस पड़े

“अरे यार तुम्हे क्या लगता है की हमारे पास पैसों की कमी है ??”
“नही सर लेकिन इन सबमे भी तो पैसे खर्च होते होंगे “

उन्होंने एक बार काजल की ओर देखा काजल ने मस्कुराते हुए हामी भर दी …

“ओके तुम्हे जो फीस देनी हो दे देना लेकिन काम होने के बाद ,अभी तो केस में फोकस करना चाहिए “

उन्होंने बोर्ड को ध्यान से देखा मैं भी उसे ध्यान से देख रहा था ..

मेरे बचपन से लेकर आज तक की चीजे उसमे लिखी गई थी ,मेरे पूरे परिवार का बॉयोडाटा मौजूद था साथ ही भैरव सिंह ,रश्मि,के परिवार का भी और यंहा तक की समीरा ,चन्दू ,कान्ता रामु ,अब्दुल शबीना सभी कुछ वंहा मौजूद था …

आज डॉ ने उसमे विवेक अग्निहोत्री उसकी बीबी और अतुल वर्मा को भी ऐड कर दिया ..

“काजल सिटी SP को काल करो और अतुल वर्मा की डिटेल मंगवा लो और अपने एक आदमी को उसकी जानकारी लेने उसके घर भेज दो ,याद रहे वो आदमी पुलिस वाला नही होना चाहिए,ना ही उसके परिवार को ऐसा लगे की कोई उनकी पुछताज कर रहा है,कोई दूसरा जरिया अपनाना होगा वरना सही तरीके से सच सामने नही आएगा ..”

डॉ की बात सुनकर काजल ने हा में सर हिलाया

“पहले पता तो चले की उसका परिवार किस तरह का है उसी हिसाब से आदमी भेजूंगी “

काजल ने क्या कहा मुझे अभी समझ नही आया था लेकिन मुझे इन दो शख्स की काबिलियत में जरूर यकीन था ..

**********

मुझे आज अपना आफिस भी जॉइन करना था ,मैंने अपनी बहनो को सख्त हिदायत दे रखी थी की हॉस्पिटल में माँ को बिल्कुल भी अकेला ना छोड़े ,कोई ना कोई उनके साथ जरूर रहता था ,साथ ही मैंने अपने परिवार पर सिक्युरिटी भी बढ़वा दी थी ...हर गाड़ी को मेटल और बम्ब डिटेक्टर से पहले चेक किया जाता था ,पुरे घर में कैमरे से नजर रखी जा रही थी ,अपने तरफ से मैं कोई दूसरा हमला सहने की हालत में नही था और इसलिए पूरी सुरक्षा के इंतजाम कर रखे थे…..

शाम हो चुका था तब मैं ऑफिस पहुचा ..

वंहा समीरा ने मेरा स्वागत किया ..

“आइये राज सर आपका स्वागत है ..”उसके चहरे में वही चिर परीचित मुस्कान थी जो आपको किसी भी होटल के रिसेप्शनिस्ट के चहरे में मिल जाएगी ,अंदर से कोई खुशी नही लेकिन मुस्कराना उनका काम होता है….

“प्लीज समीरा मुझे सर मत कहा करो और साथ ही मुझे ये फार्मेलटी भी नही चाहिए ,मेरे साथ दोस्तो वाला विहेब करो ना की बॉस वाला “

इस बार फिर से समीरा मुस्कुरा उठी लेकिन अबकी मुस्कुराहट असली थी ..

“तुम अपने पिता पर ही गए हो उन्होंने भी कभी मुझे बॉस जैसा ट्रीट नही किया “

वो मुझे मेरे केबिन में ले जाते हुए बोली

“हा तूम दोनो के किस्से तो मशहूर है ,मेरी माँ तूमसे नफरत करती है “

पता नही क्यो लेकिन मैंने ये बोल ही दिया

वो एक बार तो आश्चर्य से मुझे देखने लगी फिर हल्के से हंसी

“पहले ये मेरा काम था राज लेकिन बाद में मेरे लिए ये पर्सनल चीज हो गई ...तुम्हारे पिता एक अच्छे इंसान थे और शायद इसलिए मैं कंपनी की शेयर होल्डर होने के बावजूद उनकी पर्सनल सेकेट्री के रूप में रही और आज भी यही हु तुम्हारे साथ …”

एक अजीब सा भाव था उसकी बात में ,एक अजीब सा अहसास मुझे समझ नही आया की मेरे पिता इसके लिए इतने इम्पोर्टेन्ट क्यो थे ….

मुझे समझ ही नही आ रहा था की मैं उसका क्या जवाब दु ,मैंने ये तो सुन रखा था की मेरे पिता में एक गजब का आकर्षण था और लड़कियो का उन्हें शौक भी था लेकिन कोई उनकी इतनी इज्जत करता होगा ये मैंने नही सोचा था ..क्योकि उनके इस आकर्षण और शौक की कीमत मेरे माँ ने चुकाई थी अपने पति की बेवफाई को उन्हने जीवन भर नजरअंदाज किया था …

“कहा खो गए ,केबिन कैसा है तुमने बताया नही “

मैंने के बार पूरे केबिन को गौर से देखा ,बड़ा सा कमर था बड़े ही तरीके से सवार गया था,एक तरफ दीवाल की जगह कांच लगा हुआ था जन्हा से पूरे शहर का मंजर दिखाई देता था उसके सामने एक बड़ा सा टेबल ,टेबल अर्द्धवृत्ताकार था और उसमे एक डेस्कटॉप के अलावा कुछ भी नही था ,बाजू की दीवाल पर किताबो को बड़े ही सही तरीके से सजाया गया था ,दूसरे बाजू की दीवार खाली थी लेकिन मेरी पारखी आंखों से कुछ नही छिप पाया ,

मैंने उस खाली दीवार कोई ध्यान से देखा ..

“क्या ये कोई सीक्रेट दरवाजा है “

मैंने उसे ध्यान से देखते हुए कहा

“इम्प्रेसिव ...तुम्हारे पिता सही कहते थे तुम जंगल से आने के बाद से कुछ ज्यादा ही इंटेलिजेंट हो गए हो “

समीरा किताबो के पास आयी और एक किताब को हटाकर उसके पीछे लगे एक बटन को दबाया और खाली दीवार में बना दरवाजा खुलता चला गया ,अंदर एक पूरा कमरा था .एक बड़ा सा बिस्तर और बार काउंटर जिसमे महंगी शराबे रखी गई थी ,कहने की जरूरत नही है की ये मेरे पिता के मौज मस्ती के लिए बनाया गया था ….

मैंने उस बिस्तर को ध्यान से देखा,एक गोल बिस्तर था जिसमे सफेद रंग की बेडसीट लगी हुई थी ,इस बिस्तर में ना जाने कितनी लडकिया नंगी हुई हो ...ये सोचकर ही मेरे अंदर के शैतान में थोड़ी जागृति आई और मेरा लिंग फुंकार मारने को खड़ा होने लगा ,लेकिन अभी ये सही जगह नही थी ..

मैं खुद को सम्हलता उससे पहले ही समीरा कमरे में बने बार काउंटर की ओर बड़ी ..

“कुछ पीना चाहोगे ??”

वो जब मेरे सामने से निकली तो मेरी नजर उसके मटकते हुए नितंबो में चली गई ,उसने एक सेकेट्री वाली ड्रेस ही पहनी थी ,मिनी स्कर्ट शर्ट और एक कोर्ट,सभी कुछ काले रंग का था ,टिपिकल ऑफिसियल ड्रेस ...मुझे कुछ ना बोलता देखकर वो अचानक से मुड़ी,मेरी नजर अभी भी उसके मटकते हुए नितंबो पर थी,

“माय गॉड ,तुम सच में अपने पिता की कार्बन कॉपी हो “

वो खिलखिलाई और मुझे होश आया

“सॉरी .वो कुछ भी बना दो “

उसने मुस्कुराते हुए एक दो पैक बनाये और एक मेरी ओर किया और खुद जाकर बिस्तर में बैठ गई ,मैं भी उसके बाजू में बैठ गया था …..

हम दोनो ही चुप थे ,समीरा ने अपना कोर्ट उतार कर रख दिया ,उसके उजोरो अब शर्ट को फाड़कर बाहर आने को बेताब लग रहे थे..

मुझे अपने वक्षो को घूरता हुआ देखकर वो मुस्कुराई

“क्या देख रहे हो “

“सोच रहा हु की बेचारों पर कितना जुल्म हो रहा है ,इन्हें आजाद ही कर दो ,बेचारे कसे कसे तड़फ रहे होंगे “

मेरा शैतान जाग चुका था और अब शर्म ,डर और झिझक जैसी चीजे तेल लेने जा चुकी थी ,लिंग सरिया बन चुका था ,और आंखे अभी भी समीरा के मादक वक्षो पर थी ..

मेरी बात सुनकर वो जोरो से हँस पड़ी

“यार तुम तो कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट हो “

अब मेरी नजर उसके नजर से मिली ,लगा जैसे मैं उसे सच में पाना चाहता हु ,और कुछ हुआ वही वो उस दिन निकिता दीदी के साथ हुआ था ,मेरी एक इक्छा और वो जैसे मुझसे सम्मोहित सी हो गई,उसके चहरे का रंग बदल गया था उसकी हँसी गायब हो गई थी ,उसकी आंखे जैसे आश्चर्य से भर गई थी ,वो बस मुझे देखे जा रही थी जैसे समझने की कोशिस कर रही हो की आखिर उसे हुआ क्या है ..

“तुम क्या कर रहे हो मेरे साथ ..”

उसने पूछ ही लिया ,मुझे समझ आ चुका था की ये मैं ही कर रहा हु मेरे अंदर की शैतानी शक्ति से …

मैं मुस्कराया

“तुम्हे पागल बना रहा हु ..”

मैंने अपने पैक को एक बार में खत्म किया और उसके ग्लास को भी लेकर जमीन में रख दिया ,मेरे हाथ उसके वक्षो पर पहुच गए थे,मैंने एक बार उसे जोरो से दबाया ,

“वाह..”

“ओ तुम सच में बहुत ही फ़ास्ट हो ,मैं खुस को कंट्रोल क्यो नही कर पा रही “

“क्योकि तुम भी यही चाहती हो “

मैंने उसकी आंखों में देखते हुए कहा और उसके गले में अपने होठो को रख दिया ,वो जैसे पिघल ही गई थी

“उम्म क्या कर दिया तुमने राज “उसने मेरे बालो को अपने हाथो से जकड़ लिया ,मेरे हाथ उसके वक्षो को जोरो से दबा रहे थे वही मेरे होठ उसके गले को गीला कर रहे थे …

एक एक करके मैंने उसके शर्ट के सारे बटन खोल दिए ,वो बस ब्रा और स्कर्ट में थी ,मैंने हाथ बढ़ाया और उसके स्कर्ट से उसकी जांघो को सहलाता हुआ उसके जांघो के बीच तक ले गया ,उसकी पेंटी में फंसा हुआ उसके यौवन का द्वार अभी आश्चर्य जनक रूप से गीला हो चुका था ,मैंने हल्के से उसकी पेंटी को हटाया और उंगली को उसकी योनि पर ले गया ..मैं हल्के से सहलाया ही था

“मार डालोगे क्या “

वो बिस्तर में ढेर हो गई ,और वासना की आग से जलने लगी ,मैं उसके ऊपर आ चुका था ,उसके ब्रा के हुक को खोलकर आराम से उसके वक्षो को अपने मुह में डालकर चूसने लगा..वो और भी तड़फने लगी ,

तभी ...तभी मेरा मोबाइल बजा ,ऐसा लगा जैसे किसी ने खड़े लंड में धोखा कर दिया हो ..

“अभी कौन है मादरचोद “मैंने झल्लाते हुए स्क्रीन को देखा

देखा तो नंबर डॉ साहब का था ..

“हैल्लो सर “

“राज अतुल का पता लगाया हम लोगो ने ..तुम कहा हो अभी “

ऐसा लगा जैसे कीसी गुब्बारे से पूरी हवा एक बार में ही निकाल ली गई हो …..

“जी ओफिस में “

“ओके तुरंत यंहा आ जाओ “

“जी जी अभी आता हु “

बेचारी समीरा मुझे ऐसे देख रही थी जैसे किसी ने बच्चे के हाथो से चॉकलेट छीन लिया हो …...
Fantastic update bro
 
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brego4

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haha bahut badiya yaar dactar sahib sameera ke saath jo hua so hua lekin udhar dactar aur kajal ne poori fielding kar rakhi hai ab dekho aage kya bhed khulte hain
 

Sharad97

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lajawab update Dr sahab
naya twist aata hai ya koi naya raz khulta hai maza aa raha hai bas update aur thoda lamba dijiye kyuki aisa lagta hai padna chalu kiya or khatam hogaya bhan hi nahi rahta
 

sharaabi

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Land pe dokha suna thaa ye samira ki chut pe dhokha hogaya wah wah
 

Studxyz

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भाई डॉ जी ये समीरा तो साली पक्की छिनाल निकली बस तयार ही बैठी थी कब राज आये और ये चुड़ जाये । डॉ और काजल ने क्यों बुलाया है ये कहानी को आगे की दिशा देगा
 
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