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Incest जिन्दगी ## एक अनाथ की##

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Update 94
काल के बाहो में तेजा किसी बच्चे की तरह लिपटकर उसके साथ खुर्सी पर बैठी थी ,काल ने अपने समयमनी मे उसे लेकर जाने लगा तो तेजा ने अपनी आंखें खोल दी ,आप के पास मय की बनी समयकुंजी मनी है ना ,क्या में वो मनी देख सकती हूं ,काल ने बिना बोले वो मनी तेजा के हाथ मे दे दी ,तेजा ने अपने हाथ मे वो समयकुंजी मनी को लेकर अपनी आंखें बंद कर दी उसके हाथों में वो समयकुंजी मनी एकदम चमकने लगी ,और कुछ देर बाद उस समयमनी का प्रकाश कम हो गया ,तेजा ने वो समयमनी काल के हाथ मे देकर कहा ,यह लीजिये समयकुंजी मनी अब मेंनें इसमें एक बदलाव किया है ,पहले इसमें 24 घण्टा रहने पर बाहर की दुनिया मे 1 घण्टे का समय बीत जाता था और उल्टा करने पर इसमे 1 घण्टा रहने पर बाहर 24 घण्टे बित जाते थे पर अब इसमें 24 घण्टे रहने पर बाहर की दुनिया मे सिर्फ 1मिनीट का ही समय बीत सकेगा और उल्टा करने पर बाहर की दुनिया मे 24 घण्टे खत्म होने पर इसमे 1 मिनिट का ही समय खत्म होगा ,काल तेजा की बात सुनकर हैरत में पड़ गया जिस समयमनी को सिर्फ त्रिदेव ही देख सकते है ,नष्ट कर सकते है उसे तेजा ने अपनी ताकद से पल में बदल दिया ,काल को बिना बोले ही तेजा ने अपनी ताकद का एक नमूना दिखा दिया था ,काल समझ गया था तेजा में उससे कही ज्यादा ताकद और शक्तिया है ,काल उसके सामने कभी खड़ा हुवा तो एक पल में काल को मिटा सकती है ,काल ने अपने हाथ मे समयमनी लेकर और अपने साथ तेजा को लेकर समयमनी में आ गया ,उसने तेजा से एक सवाल किया ,क्या आप मेरा मन भी पढ़ सकती है ,
तेजा के चेहरे पर पहली बार मुस्कान दिखी काल को जिसको देखकर काल को ऐसा लगा कि कोई इतना प्यारा कैसे हस सकता है ,तेजा की हर अदा काल के मनमंदिर में बस रही थी ,अपने दिलोदिमाग में वो इस हसीना के इस हसते सुंदर मुख को बसा रहा था ,काल को ऐसा लग रहा था वो हमेशा ऐसी ही हसती रहे और काल उसको देखता ही रहे ,तेजा के इस मोहजाल से काल उसके आवाज से बाहर आया ,आप मुझे देखकर ऐसे कहा खो जाते है ,शादी के वक्त भी आप ऐसे ही खोए से दिख रहे थे ,कमरे में आकर भी आप मुझे ऐसे ही एकटक देख रहे थे ,और अभी भी कही खो गए हो ऐसा लग रहा है ,
काल ,क्या तुमने शादी के वक्त मेरी तरफ देखा था ,में तो जान ही नही पाया ,कब देखा था तुमने मेरी तरफ ,कालने बड़ी उत्सुकता से पूछा ,तेजा ने शरमाते हुवे कहा ,जब आप मेरी मांग में सिंदूर लगा रहे थे ,आपकी तरफ तब मेंनें देखा था ,आप ने सिंदूर लगाने के बाद भी मेरे सर से हाथ नही निकाला था ,अपने मेरी मांग ही नही मेरे पूरे सर के बालों में सिंदूर भर दिया था ,तेजा की बात सुनकर ,काल को भी अब शर्म आ रही थी अपने कृत्य की उसने तेजा से कहा ,माफ कीजिए पर आपको देखकर में आपकी सुंदरता में खो सा गया ,उसकी वजह से मुझसे गलती हो गयी होगी शायद ,में आपसे माफी मांगता हूं मेरी इस हरकत के लिये ,काल की बाते सुनकर तेजा नाराजगी भरे स्वर में बोली ,मेंनें आपसे कोई शिकायत नही की इस बात की ,आज आप को मुझसे एक वादा करना होगा ,आप कभी मुझसे माफी नही मांगेगे ,काल तेजा की तरफ देखकर ,तेजा आप से माफी तो बहुत सी बातों की मांगने वाला था पर तुम मुझसे वादा मांग रही हो तो नही मांगूगा में तुमसे कभी माफी ,पहली बार तुमने कुछ मांगा है तो में तुम्हे निराश नही करूँगा ,
तेजा ,आप को में एक और बात बता देती हूं ,में आपका मन नही पढ सकती ,और आप भी कभी मेरा मन नही पढ सकते ,में आप भले ही मेरे बारे में कुछ नही पुछने वाले पर मुझे एक बात आपको बतानी है ,में अभीतक अविवाहित थी ,मेरे साथ कभी गरुड़ लोक के महाराज ने शादी नही की ,मेंरे पहले और सदा के लिये आप ही पतीं है ,मुझे मेरे जन्म से ही इस गरुड़लोक की महारानी बना दिया था ,आपसे शादी मेंनें आपको देखकर या पसन्द करके नही बल्कि जो सिंहार बनकर गरुड़ लोक भी नया राजा बनेगा उसीसे शादी करनी थी ,और आपके साथ मेंनें विवाह कर लिया है ,अगर आप सबकुछ जानना चाहते है तो में आपको बताने को तैयार हूं ,
काल ,नही तेजा मुझे नही जानना है कुछ मेंनें तुम्हे पहले ही बता दिया है ,मुझे बस इतना ही पता है कि तुम जैसी हसीन और सौंदर्य वती औरत जो दिल से भी उतनी ही खूबसूरत है वो मेरी पत्नी है ,मेरे लिये इतना ही बहुत है ,में तुम्हारे साथ जितना भी वक्क्त रहू बस तुम्हारे प्यार में ही वो वक्क्त बिताना चाहता हु ,में तुम्हे अपनी आत्मा में बसाना चाहता हु ,क्या मुझे यह मौका नही मिलेगा ,तेजा ने काल की आंखों में देखते हुवे कहा ,आप ही नही में भी आपको अपनी आत्मा में बसाना चाहती हु ,हर एक पल आपके साथ जीना चाहती हु,आपकी बाहो में खोना चाहती हु,आपकी महक को अपने अंदर हमेशा के लिये बसाना चाहती हु ,आपके बाहो में लिपटकर चैन की नींद सोना चाहती हु ,जिंदगी का हर सुख आपके साथ लेना भी चाहती हु और आपको देना भी ,
तेजा ने काल के सामने ही एक सुहाग की सेज बनाकर एक दुल्हन के लिबास में बैठ गई ,काल तेजा की बात सुनकर आंखों में प्यार लिये तेजा की हरकत देख रहा था ,तेजा एक दुल्हन के लिबास में बैठी थी जिसके रूप को देखकर काल मदहोशी के आलम में डूब गया था ,तेजा को अपने सामने देखकर काल के कदम तेजा की तरफ अपने आप चले गए ,तेजा के सुंदर से नाजुक हाथो में लाल मेहंदी ,हाथो की चूड़ियां बहुत ही ज्यादा जच रही थी ,लाल सुर्ख जोड़े में तेजा किसी चाँद की तरह चमक रही थी ,काल ने उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो से पकड़कर ऊपर उठाया ,तेजा की नीली आंखों में देख रहा था जहाँ पर सिर्फ काल का ही अक्स दिख रहा था ,और एक समर्पण का भाव ,काल ने उसके तरफ देखकर कहा ,मेरी किस्मत इतनी हसीन होगी इसका मुझे अंदाजा भी नही था ,काल ने यह कहकर उसकी आँखों को अपने होठो से चूम लिया ,तेजा के चेहरे पर एक मनमोहक मुस्कान फैल गई थी ,तेजा ने काल के ओठो से अपने गलाबी ओठो से चूमकर कहा ,आप से मोहब्बत मिलना ही मेरी खुशनसीबी होगी ,काल के होठो को वो इतने प्यार से चूम रही थी कि काल कुछ बोलने के हालात में ही नही था वो इस अमृत की रस को पी रहा था ऐसा सुख उसके दिल मे उतरकर उसकी रूह तक जा रहा था ,जब तेजा ने अपनी नाजुक सी जीभ काल के होठो से अंदर उसके जीभ को चुसने लगी तो काल के बदन का हर एक रोया खड़ा हो गया ,तेजा के इस मुख सागर से मिलता आनंद उसे स्वर्गलोक की सैर करवा रहा था ,काल को अपने ऊपर लेकर तेजा कब पीठ के बल लेट गयी काल को समज ही नही आया ,तेजा ने अपने दोनो हाथो से काल के हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख दिये ,तेजा के नग्न स्तनों का मखमल के सा अहसास होते ही काल को भान हुवा की ना तो उसके बदन पर कोई कपड़ा है ना तेजा के ,तेजा ने अपनी शक्तियों के इस्तेमाल से दोनो को निर्वस्त्र कर दिया था ,काल अपने दोनो हाथो से उसके स्तन को प्यार से मसलता तेजा के होठो का रस पीने में लगा था ,तेजा ने जब खुद अपने होठो को अलग किया तो काल की नजर तेजा के वे गोरे गुलाबी स्तनों के ऊपर ध्यान गया,तेजा के स्तन इतने बड़े और दिलकश थे कि काल के दोनो हाथो में भी एक पूरा नही बैठ सके ,काल ने तेजा के उन्नत स्तनों पर एक गोलाकर मोटे से नीपल को अपनी दोनो अंगलियो में मसला तो तेजा के पूरे बदन में बिजली दौड़ गई ,काल ने उस निप्पल को अपने मुह में लेकर चुसने लगा ,तेजा काल की इस हरकत से मचल रही थी ,वो काल के बालों में अपनी उंगलियों को घुमाती उसे और ज्यादा अपनी छाती में दबा रही थी ,काल भी उसके निप्पल के साथ स्तन को अपने मुह में भरकर चुसने लगा ,काल ने दोनो स्तनों को अपने दांतों से हल्के से काटता और उन्हें दबाता काल ने बहुत देर तक तेजा के दोनो स्तनों का आंनद लिया ,फिर उसके सपाट पेट को चूमता नीचे आने लगा ,तेजा की नाभि के अंदर अपनी जीभ को घुमाकर उसकी नाभि को भी चुसने चाटने लगा ,तेजा के मुह से मादक सी सिसकिया निकल रही थी,काल ने जब तेजा की दोनो जांघो को अलग करके उसके चुत को देखा तो उसकी नाजुक छोटी सी चुत की सुंदरता से मोहित होकर उसने होठो से उस परी को चूम लिया, काल ने तेजा की चुत सी आती इस महक से सूंघ कर उसके नशे में अपने वजुद को भुल गया था ,काल तेजा की चुत को अपने होठो और जीभ का कमाल दिखा रहा था ,तेजा के चुत से निकल रहा पानी मजेसे पी रहा था ,काल के लगातर हमले से अपने चुत में उठ रहे तूफान से तेजा एक धनुष की तरह तन गईं,उसकी चुत में हजारो साल के कैद लावा तेजीसे बाहर निकलने लगा ,जिसकी महक और स्वाद ने काल यह बता दिया कि यह रस अब तक का सबसे अवर्णनीय है ,काल ने उस को पूरा चाट के साफ कर दिया था ,काल ने अपनी आंखें उठाकर तेजा की तरफ देखा तो उसकी आँखों मे एक निमंत्रण था अपने ऊपर आने का तेजा की कामुक नजरो से इशारा मिलते ही उसपर एकदम तेजीसे सवार हो गया ,काल के होंठों को चूसती तेजा काल के लन्ड अपनी नरम गुलाबी चुत घिसने लगी ,जैसी ही एक दो बार घिसने के बाद काल का मोटा सुपडा उसे लाल छेद से टकराया ,तेजा की चुत ने उसे अपनी अंदर किसी अजगर के तरह पूरा निगल लिया ,तेजा की चुतसे खून की एक तेज धार बहकर काल के लन्ड से होती बिस्तर पर टपक रही थी,पर तेजा की चुत काल को एकदम जकड़ के पकड़े हुवे थी ,काल ऐसी अद्भुत हरकत से स्तब्ध रह गया ,तेजा की आँखों में एक अलग ही तरह ही चमक उठ रही थी ,काल के लन्ड को अपने अंदर लेकर मानो उसे ऐसा लग रहा था कि आज वो पूरी हो गई है ,उसके अंदर के खालीपन को काल ने अपने लन्ड से पूरी तरह भर दिया था ,मानो वह कह रहा हो तुम्हे मेरी ही तलाश थी जो आज पूरी हो गयी हो ,काल के लन्ड को भी अपने लन्ड से ज्यादा गर्म चीज का अहसास तेजा की चुत दे रही थी ,काल के लन्ड पर उसकी पकड़ काल को अलग ही मजा दे रही थी ,काल ने जब उसकी चुत से अपना लन्ड निकलाने लगा तो मानो उसकी चुत सब समझ गयी थी ,उसने काल को अपनी पकड़ से थोडी हलकीं कर दी और जब वापिस काल के लन्ड ने उसमे घुसने की कोशिश की तो उसे जकड़ के अपने अंदर खीच लिया ,काल तेजा को चूमता उसकी बड़ी सी गोल गांण्ड को अपने हाथों में थामकर तेजा को अपने लन्ड के ताल पर नचाने लगा ,तेजा भी अपनी गांण्ड उठाकर उसके लन्ड को जड़ तक अंदर लेकर उसके ताल से ताल मिला रही थी ,काल लन्ड हर बार उसके गर्भाशय के अंदर तक चोट दे रहा था ,काल और तेजा दोनो एक दूसरे को अपनी ताकद आज चुत और लन्ड से दिखा रहे थे ,दोनो पसीने से लथपथ हो गए थे ,तेजा की चुत ने पहले हथियार डाल कर अपने लावे को काल के लन्ड पर उगल दिया पर साथ उसकी चुत ने काल के सुपाडे को ऐसा जकड़ कर अपने अंदर दबाया की उसके मुह से हुँकार निकल गई और अपने लन्ड से गर्म माल की पिचकारियां तेजा के गर्भ में भरने लगा ,आज पहली बार काल इतना झडा था ,दोनो संतुष्ट होकर एक दूसरे के बाहो में अपनी सा साँसे दुरस्त करने लगे ,पर जैसी ही उनकी साँस सम्भल गई दोनो एक दूसरे की तन की आग से फिर भड़क उठे ,पता नही कितनी बार काल एक ही आसन में उसकी चुत में खाली हुवा होगा न तेजा का मन भर रहा था काल के गर्म वीर्य को अपने गर्भ में सोखकर न काल का लन्ड तक रहा था ,पर काल को उसकी गांण्ड को देखने का मोह ज्यादा बर्दाशत नही हो रहा था ,कबसे वो तेजा की नरम गांण्ड को मसल रहा था ,उसके छेद को छेड़ कर उसमे अपनी उंगलिया डालकर उसकी गहराई और लचीलापन देख चुका था ,उसकी अंगलियो को चाट कर उसका स्वाद भी ले चुका था बस उसके पूरे दर्शन करने हेतु जब उसने तेजा को घोडी बनाया तो उसके सारे अरमान पूरे हो गए ,उसके सोच से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत गांण्ड के दर्शन से उसकी सुंदरता में मोहित होकर उसे चूमने लगा ,काटने लगा ,उसके गांड़ के गुलाबी छेद को जब वो चाटने और कुरेद कर अंदर डालने लगा तो ,तेजा के मुह से ऐसी मादक सिसकिया निकलने लगी कि उसे सुन कर काल का लन्ड फटने पर आ गया ,कालने तेजी से अपने लन्ड की तड़प को उसके चुत में एक जोरदार धक्के से मिटाई ,काल किसी जंगली घोड़े की तरह इस सुंदरी की चुदाई में जुट गया ,काल तेजा के साथ चुदाई मव उससे मिलते प्रतिसाद से उसका गुलाम हो गया था ,तेजा को घोडी बनाकर उसकी चुत में अपना माल भरता अपनी मालकिन की चुत को खुश करने लगा ,मालकिन भी काल के चाहत को समझ कर अपने गांण्ड के छेद को खोंलने और बन्द करने लगी और उसे बताने लगी अब तुमको कहा से मेरे अंदर आना है ,काल ने भी उसके चुत में अपना माल भरकर उस अनोखे लाल छेद में अपने लन्ड को एक ही वार में अंदर तक उतार दिया ,तेजा के गांण्ड से भी खून के बुन्दे निकल कर काल के लन्ड का तिलक करती उसका पहली बार आने का स्वागत करने लगी ,काल के लन्ड को अपने गांण्ड के छेद की नरमी और गर्मी दिखा कर तेजा उसके लन्ड पर अपनी गांण्ड बहुत तेजीसे पटक कर खुशी का इजहार करती काल को मादक सिसकियों से भड़काने लगी ,काल भी तेजा की गांण्ड को दबादबाकर उसमे अपने लन्ड से गहरे वार करने लगा ,दोनो अपनी ही धुन में लगे रहे जब तक काल का मन नही भरा उसकी गांण्ड में अपने माल को भरता रहा और फिर उसकी गांण्ड मारता रहा ,पसीने से लथपथ दोनो के बदन को देखकर कालने कुछ देर आराम करने की सोची, वो तेजा के बगल में ही पीठ के बल लेट गया ,तेजा की नजर काल उस खूबसूरत गोरे लाल लन्ड पर गयी ,तेजा ने उसके खड़े लन्ड को पकड़ कर अपने हातो में पकड़ लिया ,उसके नाजुक से दोनो हाथो में वो लन्ड पूरा नही आ रहा था ,तेजा ने उसकी खुश्बू लेकर देखी जो उसे भी पसंद आयी और जब उसने काल के लन्ड को चाट कर देखा तो मानो काल के मुह स्व खुशी की सीत्कार निकल गई ,काल को मिलती खुशी देखकर तेजा काल के पुरे लन्ड को चाटने लगी ,उसे अब काल के लन्ड का स्वाद भा गया था ,वो जड़ से सुपाडे तक अपनी गुलाबी जीभ घुमाती ,कभी सुपाडे को थोड़ा मुह में लेकर चूसती तो ,कभी उसकी एक संतरे जैसे गोल अण्डों को मुह में लेकर उसे चुस्ती ,काल के लन्ड को चूसते हुवे उसने उसको पूरा अपने गले मे उतार लिया ,और काल की गोटिया को दोनो हाथो से दबाने लगी ,काल का लन्ड पहली बार किसिने पूरा अपने मुह में ले लिया था ,तेजा जब काल की गोटिया दबाने लगी तब काल ने उसे इस हरकत का इनाम अपने गर्म गाढ़ी सफेद मलाई पिलाकर दिया ,जो तेजा मजैसे चटकारे लगाकर पी गयी ,काल की मलाई तेजा को इतनी पंसद आयी कि वो उसके लण्डपर किसी भुकी बिल्ली की तरह टूट पड़ी काल ने भी उसका मन और पेट भरने तक अपनी मलाई थोड़ी थोड़ी देर बाद पिलाता रहा ,तेजा ने काल को आज साबित कर दिया था कि उसके लिये तेजा ही सर्वोत्तम है ,काल जैसे नर को ऐसी ही मादा संभल सकती है और ठंडा कर सकती है ,काल तेजा को अपनी बाहो में भरकर उसकी आगोश में लिपटकर सुकून से सो गया ,,दोनो आज पहली बार इतने चैन की नींद सोए होंगे ,
काल गरुड़ लोक के अनुसार 9 बजे तेजा को समयमनी में लेकर आया था जो सुबह 7 बजे ही उसके साथ बाहर आया था ,समयमनी पूरे 600 दिन एक दूसरे के साथ बिताकर आये थे तेजा और काल ,तेजा के बदन में गजब का निखार आ गया था पहले से उसके स्तन और गांण्ड का आकर विलक्षण भराव का था काल ने उसमे दिन रात की चुदाई से बहुत ज्यादा बढ़ोतरी कर दी ,काल के वीर्य को पीकर और अपने चुत में पचाकर तेजा एकदम चमकने लगी थी ,उसकी चाल में एक लचक आ गयी थी जो बहुत ज्यादा जानलेवा लगतीं थी ,काल के साथ तेजा शरीर से नही बल्कि आत्मा से भी एक हो गईं थी ,तेजा के हर अरमान ,ख्वाब ,चाहत को काल ने पूरा किया था ,जिसकी वजह से उसके चेहरे पर एक मुस्कान दिखने लगी थी ,अपनी माँ और महारानी को लामी ,कामी और ओमी ने देखा तो अपनी माँ के मुस्कान को और उनके निखार से उन्हें बहुत खुशी हुवीं ,और जिसकी वजह से यह मुमकिन हो पाया था उस काल को तीनों ने आज अपना सर्वस्व देने की सोच ली थी ।
Update पढते- पढते मेरा लंड फटने को हो गया था
😜😜😜
जबरदस्त ,कामुक, रसप्रद

वैसे तो मे ज्यादातर Sex seen skip कर देता हुं
लेकीन उसुक्ता थी की तेजा के साथ चुदाई करते करते ही काल निपट ना जाए इसलिये पढ लीया Sex seen
पर मजा आ गया पढकर,,,,,
 
Last edited:

sunoanuj

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Godly paaji next update kab tak aayega?

Yeh story ek lat ban gayi hai ab!
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🌷🌷🌷🌷
 

Goldybull

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Update 95

तेजा के निखार की वजह जब ओमी ,लामी और कामी को मालूम गिरी की वो 6 महीने से गर्भवती है तो उनको ज्यादा आश्चर्य नही हुवा वो जानती थी कि उनकी माँ एक दिव्य शक्ति धारक है और काल भी इसीलिए यह उनके लिये आश्चर्य की बात नही थी ,पर काल हैरान था कि समयमनी में पहले कभी ऐसा नही हुवा था ,किसी के शरीर पे समयमनी में रहने पर कुछ भी फर्क नही पड़ता चाहे कितने भी दिन उसमे बिता दो ,पर तेजा के शरीर मे यह फर्क पड़ा था ,शायद तेजा की ही शक्ति का प्रभाव था कि समय मनी अब रहने पर शरीर पर बाहर की दुनिया की तरह समय गुजरने जैसा फर्क पड़ता है ,काल की न उम्र बढ़ी थी न शरीर मे कुछ बदलाव आया था ,उसकी उम्र और शरीर वैसाही ही रहा जैसा पहले था ,काल की हैरानी को भी तेजा ने ही दूर किया कि उसके शरीर में मौजूद दिव्य शक्तियों की वजह से ही उसपर समयमनी का कुछ फर्क नही पड़ा वो समयमनी में रहे या बाहर उसके शरीर मे आम जिंदगी जैसा ही सबकुछ होगा ,
अपनी माँ और तेजा के साथ सुबह का वक्त तीनो ने बड़ी खुशी और आनंद के साथ मनाया ,काल और तेजा एक दूसरे के बिना एक पल नही रह सकते थे ,पर तेजा को ओमी ,लामी और कामी की भावना का ख्याल था ,उन्होंने काल को उनके साथ भी समय बिता कर उन्हें खुशी देने के लिये राजी कर लिया था ,काल 1 मिनीट का समय मे तीनो को बारी बारी 8 घण्टे समयमनी में देने की बात कर रहा था ,पर तेजा ने उसे उन तीनों को कमसे कम हर एक को एक मिनिट देने पर राजी कर लिया था ,भले ही वो 3 मिनीट असली दुनिया मे होते पर काल को 72 घण्टे की दूरी तेजा से रखनी पड़ने वाली थी ,जिसके वजह से काल का दिल इस बात से नाराज था ,अपने लिये काल का प्यार देखकर तेजा को बहुत खुशी होती थी पर उससे भी ज्यादा दर्द इस बात का था उसके साथ काल सब जानकर भी बेपनाह मोहब्बत करता था और उसकी भी यही हालत थी ,तेजा काल के बिना अब सांस लेना भी पसन्द नही करती थी ,उसीकी मौत की अपने हाथोसे होगी जो खुदसे भी ज्यादा अजीज था ,काल ने उसको एक बात कही थी समयमनी में भविष्य के बारे में सोचकर हमे अपना आज नही बर्बाद करना चाहिए आगे जो भी हो जबतक हम एकदूसरे के साथ है खुलकर उसमे जीने में ही भलाई है ,आज हम दोनो खुश है वही बहुत है हमारे लिये ,इस सिख से तेजा ने भी काल की बात मानकर अपने दुख को अपने अंदर दफन कर लिया था ,उन दोनों ने अब यह तय कर लिया था कि काल 6 साल गरुड़ लोक में रहने वाला है ,उसमे से रोज 18 घण्टे समयमनी में रहकर एक दूसरे को अपना ज्यादा से ज्यादा समय देंगे ,और बचे हुवे 6 घण्टे में काल गरुड़ लोक के साथ बाकी सबको अपना समय देता रहेगा ,
आज लामी ,कामी और ओमी के साथ काल सुहाग रात मनाने वाला था रात को 8 बजे ही खाना खाकर काल सबसे पहले लामी के कमरे में दाखिल हो गया ,आज लामी काल को अपना सबकुछ उसपर कुर्बान करने के इरादे से ही तैयार थी ,लामी और कामी तेजा के अंशो से ही बनी थी ,दोनो तेजा की जितनी तो नही लेकिन किसी से कम भी नही थी ,दोनो बहने काल को पहले से पंसद करती थी ,और अब तो काल ने उनके जिंदगी की मुश्किलें बड़ी आसानी से हल कर दी थी ,अपनी माँ तेजा को हसते देखकर उन दोनों को बड़ी खुशी हुवीं थी ,जिस तरह कालने हजारो साल से अपने ही दुनिया मे रहने वाली तेजा को कालने हँसना ,जिंदगी जीना सीखा दिया था ,लामी भी अपनी माँ के अंश से बनी थी ,लामी तेजा जितनी तो नही पर किसी से कम भी नहीं थी ,काल के 8 फिट के गरुड़ मानव के रूप को वो बिल्कुल तोड़ थी 6 फिट 6 इंच का कद 40 की गोल चुचिया 42 की मस्त मटकी जैसी गांड ,30 की पतली सी कमर वाली लामी दिखने में भी एकदम गजब थी ,एकदम गोरी गुलाबी ,काल ने जब लामी के कमरे आकर लामी की तरफ देखा तो उसे लगा तेजा ही उसके सामने दुल्हन बनकर बैठी हो बस उसका कद 1 फिट छोटा हो गया है ,लाल सुर्ख जोड़े में लामी को देखता काल उसके पलँग पर जाकर बैठ गया ,लामी ने काल से कहा ,आज आप ने हमारी मा का वो रूप दिखाया है हमे जिसे हम देखने के लिये न जाने कबसे तरस गये थे ,आपका शुक्रिया किस तरह अदा करे ,यह में नही जानती ,पर आज से आप मेरे लिये किसी भगवान से कम नही है ,आपके खुशी के लिये मेरी जान भी देंनी पड़े तो पीछे नही हटने वाली ,
काल ,लामी ना मुझे तुम्हारी जान चाहिए न में कोई भगवान हु ,अगर तुम मेरी खुशी चाहती हो तो तुम भी हमेशा मुस्कराती हुवे ही रहना ,वो मुस्कान ही मेरे लिये सबसे बड़ी खुशी होगी ,
लामी काल की बात से मुस्कुराने लगी ,काल उसके तरफ देखकर बोला ,बस ऐसे ही हमेशा रहना ,तुम जब मुस्कुराती हो तब और ज्यादा हसीन लगती हो ,लामी के सुन्दर से चेहरे को अपने हाथों में लेकर कालने उसके कोमल होठो को धीरे से चूम लिया ,लामी भी काल की तरफ देखकर उसको बाहो में भरकर उससे होठो को प्रतिउत्तर देती उसके जैसा ही चूमने लगी ,काल ने समयमनी में लामी को ले जाते हुवे अपने मन मे सोचा बिल्कुल अपने माँ जैसी ही यह तो ,प्यार का जवाब उसे भी ज्यादा प्यार से देने में इन मा बेटीयो का कोई तोड़ नही है ,लामी और काल एक दूसरे के होठो को चूसते पलँग पर लेट गए थे ,लामी के को अपने नीचे लिटाकर काल उसके होठो को चूसकर उसके 40 की गोल चुचिया दबा रहा था ,काल ने लामी के कपड़ो को उसके बदन से एक पल में अपने जादू से गायब कर चुका था ,अपने इस शक्ति को लामी में इस्तेमाल करते हुवे काल के चेहरे पर एक ऐसी हँसी थी जिसको देख कर लामी इस अनोखे चेहरे वाला अपने मीत को देख रही थी ,काल ने उसे पूरा नंगा कर दिया इस बात का भी लामी को भान नही था ,काल की हँसी अपनी शक्ति का इस तरह किसी सुंदरी को नग्न करने से आ रही थी ,जो अपने आप पर हँसा था कि वो शक्तियो को किस उपयोग के लिये कर रहा है समयमनी का इस्तेमाल चुदाई में लम्बे समय के लिये डूबने के लिये ,और अब तो अपनी दुल्हन को भी अपनी शक्ति से काल ने नग्न किया था ,उसके पास शक्तिया किस लिये है और वो उसके ऐसे कामो के लिये उपयोग में ला रहा है ,किसी खुशी से नही तो अपने आप पर तरस आ रहा था काल को ,पर उसकी ऐसी बेबसी वाली हँसी में भी खोयी लामी को देख कर काल ने अपने मन से सब बातें एक पल में हटा दी ,आज लामी की सुहाग रात है और उसकी इस पहली रात को यादगार बनाने की जगह अपने दिल के दुख को जाहिर करने का वक्त नही था ,काल ने लामी के साथ समयमनी मे उसके साथ 24 घन्टो में इतना प्यार दिया कि उसकी कोई सीमा नही थी ,लामी के शरीर के साथ उसने उसकी आत्मा तक को आज उसने जीत लिया था ,लामी की साथ चुदाई करते वक्त आज पहली बार काल का मन अलग दिशा में था और शरीर किसी यंत्र की तरह लामी को शरीर सुख देता स्वर्ग के मजे दे रहा था ,काल खुद को पहली बार चुदाई करते हुवे बेबस महसूस कर रहा था ,उसके मन मे एक कवारी लड़की से मिल रहे अनोखे शरीर सुख से कोई भी फर्क नही पड़ रहा था ,लामी के मन को पढ़ता वो उसके हर चाहत को पूरा करता रहा जिस वजह से लामी को तो कुछ भी समझ नही आया पर काल को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था ,अपने पूरे तन मन से अपने शरीर को अर्पण करने वाली लामी को वो दिल से क्यो नही भोग पा रहा है ,उसके अंदर जो हमेशा कामाग्नि जलती थी मानो वो कही गायब हो गई थी ,लामी को 24 घण्टे समयमनी में हर तरह से भोग कर काल ने उसे उसके कमरे में सुलाकर कामी के कमरे में चला गया उसके साथ भी काल ने 24 घण्टे संभोग किया पर लामी जैसा ही हाल काल का यहा भी रहा ,चुदाई का हर सुख उसने कामी को भी दिया पर उसका दिल और मन मे न तो चुदाई की खुशी थी या उसके दिल मे चल रही आग कम हुवीं ,वो लगातर बढ़ रही थी ,इस दिल की आग में काल की आत्मा भी जल रही थी ,ओंमी को भी 24 घण्टे समयमनी में काल ने शरीर सुख दिया पर हाल वही का वही रहा ,ओंमी को अपने कमरे में सुलाकर काल तेजा के कमरे में उसके पास पहुच गया ,उसे ऐसा लग रहा था कि तेजा के पास उसको कुछ सुकून मिल सकेगा पर कमाल की बात यह रही कि काल का दिल आज उसके बस में नही था न उसके दिल की जल रही आग ,काल ने 6 साल गरुड़ लोक में सबके साथ हँसी खुशी में बिता दिए ,तेजा के साथ उसने समयमनी में 6 हजार साल की जिदंगी जी ,तेजा ने तीन बच्चों को जन्म दिया था दो लड़के और एक लड़की ,काल के बच्चे दोनो के दिव्य शक्तियों को लेकर पैदा हुवे थे ,जिनमे काल के साथ तेजा की भी हर एक शक्ति थी ,तेजा ने एक का नाम ध्रुव तो दूसरे के आदित्य रखा ,लड़की का नाम पूर्वा रख दिया ,तीनो बच्चे अपने 21 साल की उम्र तक बढने के बाद तेजा की तरह उनकी उम्र स्थिर हो गया ,तीनो बच्चो की आयुमर्यादा तेजा की तरह दिव्य शक्तिया होने से असीमित थी ,काल खुद 19 साल का ही रहा तो उसके बेटे और बेटी उससे 2 साल बड़े हों गये ,दोनो बेटो में बिल्कुल शिवा की ही झलक दिखती थी ,जिसका बाकी किसी को नही सिर्फ काल को ही आश्चर्य होता ,कोई शिवा को नही जानता था सब काल को ही जानते थे ,काल ने भी कभी शिवा के बारे में किसी को नही बताया ,लामी ,कामी , दोनो ने एक लड़का और और लड़की तो ओंमी ने दो लड़कियों को जन्म दिया ,सब बच्चो से काल बहुत प्यार करता था और सभी बच्चों की तो काल मे जान बसती थी ,काल और तेजा जब भी समयमनी में जाते तो अपने साथ सभी के बच्चों को लेकर जाते पर काल की तरह उनकी उसमें उम्र नही बढ़ती थी ,लामी ,कामी और ओंमी भी उनके साथ हीं समयमनी में रहती थी ,ओंमी ने काल को बहुत से अद्धभुत दिव्य शस्त्रों के बारे में बताया जो धरतींपर ही गुप्त रूप से मौजूद थे ,आत्मा मनी और समय दर्पण का इस्तेमाल करने का तरीका भी उसने बता दिया था ,जब काल का धरती पर लौटने का समय आया तो उसने तेजा से वादा किया कि वो रोज उससे और बच्चों से मिलने आया करेगा ,तेजा ने इतने दिनों में पहली बार काल के जाते समय अपने आसु बहाये थे ,तेजा ने काल को अपनी बाहो में लेकर उसके सीने से लगकर बहुत देर तक रोती रही ,काल ने भी उसे थोड़ी देर रोने दिया ताकी उसका दर्द कम हो सके ,
तेजा ,आप कभी कोई सवाल नही पूछते ,ना कभी अपने गम को मुझपर जाहिर होने देते है ,पर आप एक बात समझ नही पाए इतने सालों में ,आपके दिल और आत्मा से जुड़ चुकी हूं ,आपके दिल मे जो धड़कन है ना वो तक मे महसूस कर सकती हूं ,आपके आत्मा को में अपने अंदर समा चुकी हूं ,आपने मुझे जिंदगी की हर खुशी दी ,मेरी हर चाहत को आपने पूरा किया है काल ,में आपको कुछ बताने वाली हु और आपको सुनना होगा ,में अपने अतीत के बारे में नही कहने वाली यह बात अलग है ,आपके पास समयमनी था ,जिसमे आप रहकर मुझसे बच सकते थे ,आपके साथ मुझे ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने को मिले इसलिये मेंनें अपने स्वार्थ के लिये उसमे अपनी ताकद से उसमे बदलाव किया था ,लेकिन मेरी शक्तिया अब उसमे होने की वजह से अब आप के समयमनी में भी आप सुरक्षित नही रह सकते ,में आसानी से उसे नष्ट कर सकती हूं ,आप वो समयमनी मुझे दीजिये में अपनी ताकद निकाल लेती हूं उसमे से ,आपके पास एक मौका तो होना चाहिये ,
काल ,नही तेजा तुमने जो बदलाव किया था समयमनी में वो मुझे बहुत काम मे आनेवाला है ,उसकी वजह से मेरा बहुत समय बचने वाला है ,अगर तुम्हें लगता है कि जब हम दोनो एक दूसरे के सामने होंगे तो में समयमनी में चला जाऊंगा तो यह में कभी नही कर सकता ,तुम्हारे हाथों से मिलने वाली उस मौत के तोहफे को में हसते हुवे कबूल करने वाल हु ,
तेजा ,काल आप समझ नही रहे ,मेरी शक्तियो के सामने आप नही टिक पायंगे ,आपने अपनी आत्मा का अंश आत्ममनी में भी रख दिया ,तो भी आप नही बच सकते ,आपके साथ आप के आत्मा के अंश भी नष्ट कर सकती हूं में ,आत्मामनी से आपके अंश को में आसानी से मिटा सकती हूं ,आप के पास यह समय मनी ही है जो शायद आप की जान बचा सके ,
काल ,तेजा मैने तुम्हारे साथ 6 हजार साल बिता दिए है समयमनी में ,मेरी जिंदगी में जी चुका हूं उसमे ,तुमने मुझे इतना प्यार दिया है ना कि, मुझे पहले जो तुम्हारे साथ को खोने की जो एक टीस थी न वो भी नही रही ,जो होगा वो देखा जाएगा ,आजसे एक बात याद रखना जब भी हम एक दूसरे मिलने के बाद विदा लेंगे तुम मुझे रोते हुवे नही बल्कि अपनी प्यारी सी मुस्कान से विदा करोगी ,जो में दिल मे बसाकर रखूंगा और जब भी तुम्हारी याद आएगी ,उस मुस्कराते चेहरे को देख कर खुश होता रहुँगा ,तेजा ने काल की बात मानकर अपने चेहरे पर मुस्कान लाकर काल को विदा किया ,पर चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आसु लिये तेजा को देखकर काल के दिल मे जो इतने सालों से जलती आग और भड़का दिया था ,काल अपने आसु रोककर सबको प्यार से मिलकर समझा कर धरती पर लौट आया , काल जब धरती पर लौटा तो न भवानीगढ़ गया न मुंबई के अपने घर ,उसने अपने एक प्रतिरूप को अपनी जगह भेजकर खुद अपने भीकू वाले घर मे पहुँच गया ,जहा शिवा का बचपन गुजरा था आज उस घर मे काल आकर फर्श पर बैठ गया था ,तभी उसके अंदर से शेरा की आवाज आयी ,काल आप अभी तक अपने खयालो से बाहर नही आये ,
काल ,शेरा तुम तो सो रहें थे ना मेरे अंदर ,तुम कब नींद से जाग गए ,
शेरा ,भाई आप भूल गए शायद जब तक आप मुझे सोने की इजाज़त नही देते तब तक मे सो नहीं सकता ,आप ने आपकी शादी के दूसरे दिन मुझे गरुड़ लोक देखने के लिये बाहर निकाल लिया था ,उसके बाद में जब शाम को आपके अंदर वापीस आया तबसे न आपने मुझे महसूस किया या कोई मुझसे बात की ,इससे साफ जाहिर होता है ना कि आप को मेरे अपने अंदर आने के बाद इतना समय बिताकर भी आपने कभी मेरे ऊपर ध्यान नही दिया ,ना कभी मुझसे कोई बात की ,
काल ,कुछ नही शेरा में अपने अलग ही दुनिया मे जी रहा था ,शायद इस वजह से ऐसा हुवा होगा ,तुम सो जाओ थोड़ी देर बहुत वक्क्त से तुम सोए नही हो ,कुछ वक्त आराम कर लो ,
काल की बात सुनकर शेरा भी सो गया उसे पता था कि काल उसे कुछ नही बताने वाला ,काल ने अपनी आंखें बंद करली आज उसके आसु निकल रहे थे जो उसने 6 हजार साल में एक बार भी नही बहने दिए थे ,काल अपने आसु बहाता बैठा था कि उसके आसु किसने पोछकर कहा ,भाई आप रो रहे हो ,क्या बात है ,यह काल 2 था ,अपने सामने काल 2 को देखकर काल शिवा के रूप में आ गया ,शिवा ,बस कूछ बात है मेरे भाई जो मुझे रोने पर मजबूर कर रही थी ,
काल 2 ,भाई क्या में आपके रोने की वजह जान सकता हु ,आप मे इतनी शक्तिया है आपके लिए कुछ भी नामुमकिन नही है ,फिर भी आप ऐसे रो रहे हो अकेले बैठकर ,
शिवा ,यही ताकद तो रोने की वजह बन गयी है काल ,में कितना भी शक्तिशाली क्यो न हो जाऊं काल पर रहुँगा तो एक इंसान ही न ,मेरी ताकद से में किसी की भी मुश्किल सुलझा सकता हु ,उसके दर्द को दूर कर सकता हु ,पर में खुद की कुछ भी मदद नही कर सकता इस शक्तियो से ,ना यह मेरे किसी काम मे आएगी ,मुझमे इंसानो जैसी सारी भावना है ,जिसकी वजह से में भी चाहत रखता हूं कुछ पाने की ,सबके साथ हमेशा रहने की ,जो मुझे पता है कभी पूरी नही होगी ,पर यह दिल नही मानता उसे तो सबकुछ चाहिये ,वो कुछ भी खोने को तैयार ही नही है ,सबके प्यार को देखकर इसे लगता है उसे हमेशा वैसा ही प्यार मिलता रहे ,पर मेरे नसीब में यह नही है ना भाई ,और दिल मे वही आग भड़क रही है ,जिसमे वो मुझे अपने अंदर ही जला रहा है ,उसे ना ताकद चाहिये न कोई शक्तिया उसे बस उसके दिल मे बसने वालो का साथ चाहिये ,बचपन से अनाथ की जिंदगी जीने वाले को ,प्यार के शब्द को सुनने के लिये तरसने वाले दिल को जब इतना चाहने वाले मीले है ,जिनका साथ भी ज्यादा देर तक नही रहने वाला ,इस सच्चाई को ही इस समंझाने में लगा हु ,पर यह मेरी बात मान ही नही रहा ,इसे मेंनें बहुत समाझाया की हमारी मंजिल बहुत अलग है ,हमे सबका साथ नही मिलने वाला जिंदगी भर ,सब दिल मे रहने वालों को यही छोड़कर जाने की बात से वो खफा है शायद और उसका साथ यह आंखे भी दे रहीं है ,में अपनी मौत से नहीं डरता काल वो तो होनी है आज नही तो कल ,में भगवान से जिंदगी की भीख भी नही मांग रहा न कभी मांगूगा ,में तो बस चाहता हु मुझे प्यार करने वाले लोग और न मिले ,में उनके प्यार और चाहत से कमजोर हो जाता हूं ,बस अपने दायित्व को जल्दी से खत्म करना चाहता हु ,में अपने दिल मे इतना दर्द लेकर सबके सामने जाने से डरने लगा हु ,की कही उन्हें देखकर में रोने ने लग जाऊ ,मेरे आसु देखकर वो लोग भी बहुत दुखी होंगे ,इसीलिए थोड़ी देर यहा बैठकर अपने आसु बहाकर में चला जाऊंगा ,
काल2 शिवा की बात सुनकर कुछ नही बोला ,शिवा थोड़ी देर वही बैठकर मुंबई के अपने घर चला गया ,उसके गम में उसे यह तक याद नहीं रहा कि ,काल2 को जबतक वो नही बुलाता वो नही आ सकता शिवा के पास ,काल2 के पास भगवान पिनाकीप्रकट हो गए ,उन्हें देखकर काल 2 ने अपने आंखों से बहते आसु पोछकर अपना रूप बदल लिया यह मा गिरिजा ही थी जो काल2 बनकर शिवा को रोते देख उसके पास आ गयी थी ,उन्होंने पिनाकीकी तरफ देखकर कहा ,यह कैसी परीक्षा पिनाकी ,सिर्फ दुनिया भर के गम देकर आप शिवा के साथ सही नही कर रहे ,उसकी तो चाहत खुद के लिये कुछ नही मिलने पर भी आपका दिया दायित्व पूरा करने का ही लक्ष्य है ,क्या आप उसकी कुछ भी मदद नही करने वाले ,
पिनाकी, देवी शिवा के गम अभी शुरू भी नही हुवे ,उसकी बहुत ही कड़ी परीक्षा होने वाली है और ,उसे सब सहकर ही अपने दायित्व में भी यशस्वी होना पड़ेगा ,और इसमें उसकी कोई मदद नहीं करने वाले ,यह उसकी ही लड़ाई जो उसे खुद ही लड़नी है ,पिनाकी जी वहाँ से चले गए ,माता गिरिजा भी वहां से गायब होकर मा पद्मा और माँ हंसिनी के पास जा पहुंची ,तीनो देवियां एक जगह पर बैठ गई ,मा गिरिजा ने दोनो से कहा ,हमे भुजंग को ऐसा वरदान नही देना चाहिये था ,हमारी वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ और दर्द शिवा को ही मिलने वाला है ,हमे शिवा की मदद करनी होगी पर कैसे करे मदद हमे त्रिशक्तियो ने शिवा की कुछ भी मदद करने से रोक रखा है ,
दोनो देवियां ,आप सही कह रही है जो गलती हमसे हो गयी उसके वजह हम किसी निर्दोष और मासूम को सजा नही होने देँगे ,आप ही कुछ उपाय निकाल सकती है इसमें
मा गिरिजा ,कुछ देर सोचकर ,हमे शिवा की मदद करने के लिये रोका गया है ना पर कोई और शिवा की मदद करे तो न हमारा वचन टूटेगा न शिवा को हम कुछ होने देंगे ,
दोनो देवियां हसकर ,आपको यू ही आदिशक्ति नहीं कहा जाता ,आपकी बात हम समझ गये है ,इसके साथ तीनो देवियों के बदन से एक अदृश्य शक्ति निकल कर एक हो गयी और धरती पर जाकर किसी लड़की में समा गई ,
उन तीनों की सब बातें और हरकत देखकर तीनो त्रिशक्ति हसने लगे थे ,भगवान विश्वेश बोले ,पिनाकी आपकी लीला अगाध है ,आप ने यह बहुत सही किया है आज ,आपकी वजह से ही शिवा की एक मजबूत ढाल बन गई जो शिवा के सामने खड़ी होने वाली है ,
पिनाकी हसकर बोले ,आप अभी तक समझ नही रहे विश्वेश जी ,शिवा को किसी की जरूरत नही है ,उसे जरूरत है खुद को पहचानने की जो अब तीनो देवी यो की बनी शक्ति करने वाली है ,भुजंग को अपनी चाल चलने दीजिये ,उसका सामना जब भी शिवा से होगा उसे समज आ जायेगा कि वरदान में मिली शक्तियो का इस्तेमाल धोका देने की लिये करने की क्या सजा होती है , ।
 
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Nevil singh

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तेजा के निखार की वजह जब ओमी ,लामी और कामी को मालूम गिरी की वो 6 महीने से गर्भवती है तो उनको ज्यादा आश्चर्य नही हुवा वो जानती थी कि उनकी माँ एक दिव्य शक्ति धारक है और काल भी इसीलिए यह उनके लिये आश्चर्य की बात नही थी ,पर काल हैरान था कि समयमनी में पहले कभी ऐसा नही हुवा था ,किसी के शरीर पे समयमनी में रहने पर कुछ भी फर्क नही पड़ता चाहे कितने भी दिन उसमे बिता दो ,पर तेजा के शरीर मे यह फर्क पड़ा था ,शायद तेजा की ही शक्ति का प्रभाव था कि समय मनी अब रहने पर शरीर पर बाहर की दुनिया की तरह समय गुजरने जैसा फर्क पड़ता है ,काल की न उम्र बढ़ी थी न शरीर मे कुछ बदलाव आया था ,उसकी उम्र और शरीर वैसाही ही रहा जैसा पहले था ,काल की हैरानी को भी तेजा ने ही दूर किया कि उसके शरीर में मौजूद दिव्य शक्तियों की वजह से ही उसपर समयमनी का कुछ फर्क नही पड़ा वो समयमनी में रहे या बाहर उसके शरीर मे आम जिंदगी जैसा ही सबकुछ होगा ,
अपनी माँ और तेजा के साथ सुबह का वक्त तीनो ने बड़ी खुशी और आनंद के साथ मनाया ,काल और तेजा एक दूसरे के बिना एक पल नही रह सकते थे ,पर तेजा को ओमी ,लामी और कामी की भावना का ख्याल था ,उन्होंने काल को उनके साथ भी समय बिता कर उन्हें खुशी देने के लिये राजी कर लिया था ,काल 1 मिनीट का समय मे तीनो को बारी बारी 8 घण्टे समयमनी में देने की बात कर रहा था ,पर तेजा ने उसे उन तीनों को कमसे कम हर एक को एक मिनिट देने पर राजी कर लिया था ,भले ही वो 3 मिनीट असली दुनिया मे होते पर काल को 72 घण्टे की दूरी तेजा से रखनी पड़ने वाली थी ,जिसके वजह से काल का दिल इस बात से नाराज था ,अपने लिये काल का प्यार देखकर तेजा को बहुत खुशी होती थी पर उससे भी ज्यादा दर्द इस बात का था उसके साथ काल सब जानकर भी बेपनाह मोहब्बत करता था और उसकी भी यही हालत थी ,तेजा काल के बिना अब सांस लेना भी पसन्द नही करती थी ,उसीकी मौत की अपने हाथोसे होगी जो खुदसे भी ज्यादा अजीज था ,काल ने उसको एक बात कही थी समयमनी में भविष्य के बारे में सोचकर हमे अपना आज नही बर्बाद करना चाहिए आगे जो भी हो जबतक हम एकदूसरे के साथ है खुलकर उसमे जीने में ही भलाई है ,आज हम दोनो खुश है वही बहुत है हमारे लिये ,इस सिख से तेजा ने भी काल की बात मानकर अपने दुख को अपने अंदर दफन कर लिया था ,उन दोनों ने अब यह तय कर लिया था कि काल 6 साल गरुड़ लोक में रहने वाला है ,उसमे से रोज 18 घण्टे समयमनी में रहकर एक दूसरे को अपना ज्यादा से ज्यादा समय देंगे ,और बचे हुवे 6 घण्टे में काल गरुड़ लोक के साथ बाकी सबको अपना समय देता रहेगा ,
आज लामी ,कामी और ओमी के साथ काल सुहाग रात मनाने वाला था रात को 8 बजे ही खाना खाकर काल सबसे पहले लामी के कमरे में दाखिल हो गया ,आज लामी काल को अपना सबकुछ उसपर कुर्बान करने के इरादे से ही तैयार थी ,लामी और कामी तेजा के अंशो से ही बनी थी ,दोनो तेजा की जितनी तो नही लेकिन किसी से कम भी नही थी ,दोनो बहने काल को पहले से पंसद करती थी ,और अब तो काल ने उनके जिंदगी की मुश्किलें बड़ी आसानी से हल कर दी थी ,अपनी माँ तेजा को हसते देखकर उन दोनों को बड़ी खुशी हुवीं थी ,जिस तरह कालने हजारो साल से अपने ही दुनिया मे रहने वाली तेजा को कालने हँसना ,जिंदगी जीना सीखा दिया था ,लामी भी अपनी माँ के अंश से बनी थी ,लामी तेजा जितनी तो नही पर किसी से कम भी नहीं थी ,काल के 8 फिट के गरुड़ मानव के रूप को वो बिल्कुल तोड़ थी 6 फिट 6 इंच का कद 40 की गोल चुचिया 42 की मस्त मटकी जैसी गांड ,30 की पतली सी कमर वाली लामी दिखने में भी एकदम गजब थी ,एकदम गोरी गुलाबी ,काल ने जब लामी के कमरे आकर लामी की तरफ देखा तो उसे लगा तेजा ही उसके सामने दुल्हन बनकर बैठी हो बस उसका कद 1 फिट छोटा हो गया है ,लाल सुर्ख जोड़े में लामी को देखता काल उसके पलँग पर जाकर बैठ गया ,लामी ने काल से कहा ,आज आप ने हमारी मा का वो रूप दिखाया है हमे जिसे हम देखने के लिये न जाने कबसे तरस गये थे ,आपका शुक्रिया किस तरह अदा करे ,यह में नही जानती ,पर आज से आप मेरे लिये किसी भगवान से कम नही है ,आपके खुशी के लिये मेरी जान भी देंनी पड़े तो पीछे नही हटने वाली ,
काल ,लामी ना मुझे तुम्हारी जान चाहिए न में कोई भगवान हु ,अगर तुम मेरी खुशी चाहती हो तो तुम भी हमेशा मुस्कराती हुवे ही रहना ,वो मुस्कान ही मेरे लिये सबसे बड़ी खुशी होगी ,
लामी काल की बात से मुस्कुराने लगी ,काल उसके तरफ देखकर बोला ,बस ऐसे ही हमेशा रहना ,तुम जब मुस्कुराती हो तब और ज्यादा हसीन लगती हो ,लामी के सुन्दर से चेहरे को अपने हाथों में लेकर कालने उसके कोमल होठो को धीरे से चूम लिया ,लामी भी काल की तरफ देखकर उसको बाहो में भरकर उससे होठो को प्रतिउत्तर देती उसके जैसा ही चूमने लगी ,काल ने समयमनी में लामी को ले जाते हुवे अपने मन मे सोचा बिल्कुल अपने माँ जैसी ही यह तो ,प्यार का जवाब उसे भी ज्यादा प्यार से देने में इन मा बेटीयो का कोई तोड़ नही है ,लामी और काल एक दूसरे के होठो को चूसते पलँग पर लेट गए थे ,लामी के को अपने नीचे लिटाकर काल उसके होठो को चूसकर उसके 40 की गोल चुचिया दबा रहा था ,काल ने लामी के कपड़ो को उसके बदन से एक पल में अपने जादू से गायब कर चुका था ,अपने इस शक्ति को लामी में इस्तेमाल करते हुवे काल के चेहरे पर एक ऐसी हँसी थी जिसको देख कर लामी इस अनोखे चेहरे वाला अपने मीत को देख रही थी ,काल ने उसे पूरा नंगा कर दिया इस बात का भी लामी को भान नही था ,काल की हँसी अपनी शक्ति का इस तरह किसी सुंदरी को नग्न करने से आ रही थी ,जो अपने आप पर हँसा था कि वो शक्तियो को किस उपयोग के लिये कर रहा है समयमनी का इस्तेमाल चुदाई में लम्बे समय के लिये डूबने के लिये ,और अब तो अपनी दुल्हन को भी अपनी शक्ति से काल ने नग्न किया था ,उसके पास शक्तिया किस लिये है और वो उसके ऐसे कामो के लिये उपयोग में ला रहा है ,किसी खुशी से नही तो अपने आप पर तरस आ रहा था काल को ,पर उसकी ऐसी बेबसी वाली हँसी में भी खोयी लामी को देख कर काल ने अपने मन से सब बातें एक पल में हटा दी ,आज लामी की सुहाग रात है और उसकी इस पहली रात को यादगार बनाने की जगह अपने दिल के दुख को जाहिर करने का वक्त नही था ,काल ने लामी के साथ समयमनी मे उसके साथ 24 घन्टो में इतना प्यार दिया कि उसकी कोई सीमा नही थी ,लामी के शरीर के साथ उसने उसकी आत्मा तक को आज उसने जीत लिया था ,लामी की साथ चुदाई करते वक्त आज पहली बार काल का मन अलग दिशा में था और शरीर किसी यंत्र की तरह लामी को शरीर सुख देता स्वर्ग के मजे दे रहा था ,काल खुद को पहली बार चुदाई करते हुवे बेबस महसूस कर रहा था ,उसके मन मे एक कवारी लड़की से मिल रहे अनोखे शरीर सुख से कोई भी फर्क नही पड़ रहा था ,लामी के मन को पढ़ता वो उसके हर चाहत को पूरा करता रहा जिस वजह से लामी को तो कुछ भी समझ नही आया पर काल को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था ,अपने पूरे तन मन से अपने शरीर को अर्पण करने वाली लामी को वो दिल से क्यो नही भोग पा रहा है ,उसके अंदर जो हमेशा कामाग्नि जलती थी मानो वो कही गायब हो गई थी ,लामी को 24 घण्टे समयमनी में हर तरह से भोग कर काल ने उसे उसके कमरे में सुलाकर कामी के कमरे में चला गया उसके साथ भी काल ने 24 घण्टे संभोग किया पर लामी जैसा ही हाल काल का यहा भी रहा ,चुदाई का हर सुख उसने कामी को भी दिया पर उसका दिल और मन मे न तो चुदाई की खुशी थी या उसके दिल मे चल रही आग कम हुवीं ,वो लगातर बढ़ रही थी ,इस दिल की आग में काल की आत्मा भी जल रही थी ,ओंमी को भी 24 घण्टे समयमनी में काल ने शरीर सुख दिया पर हाल वही का वही रहा ,ओंमी को अपने कमरे में सुलाकर काल तेजा के कमरे में उसके पास पहुच गया ,उसे ऐसा लग रहा था कि तेजा के पास उसको कुछ सुकून मिल सकेगा पर कमाल की बात यह रही कि काल का दिल आज उसके बस में नही था न उसके दिल की जल रही आग ,काल ने 6 साल गरुड़ लोक में सबके साथ हँसी खुशी में बिता दिए ,तेजा के साथ उसने समयमनी में 6 हजार साल की जिदंगी जी ,तेजा ने तीन बच्चों को जन्म दिया था दो लड़के और एक लड़की ,काल के बच्चे दोनो के दिव्य शक्तियों को लेकर पैदा हुवे थे ,जिनमे काल के साथ तेजा की भी हर एक शक्ति थी ,तेजा ने एक का नाम ध्रुव तो दूसरे के आदित्य रखा ,लड़की का नाम पूर्वा रख दिया ,तीनो बच्चे अपने 21 साल की उम्र तक बढने के बाद तेजा की तरह उनकी उम्र स्थिर हो गया ,तीनो बच्चो की आयुमर्यादा तेजा की तरह दिव्य शक्तिया होने से असीमित थी ,काल खुद 19 साल का ही रहा तो उसके बेटे और बेटी उससे 2 साल बड़े हों गये ,दोनो बेटो में बिल्कुल शिवा की ही झलक दिखती थी ,जिसका बाकी किसी को नही सिर्फ काल को ही आश्चर्य होता ,कोई शिवा को नही जानता था सब काल को ही जानते थे ,काल ने भी कभी शिवा के बारे में किसी को नही बताया ,लामी ,कामी , दोनो ने एक लड़का और और लड़की तो ओंमी ने दो लड़कियों को जन्म दिया ,सब बच्चो से काल बहुत प्यार करता था और सभी बच्चों की तो काल मे जान बसती थी ,काल और तेजा जब भी समयमनी में जाते तो अपने साथ सभी के बच्चों को लेकर जाते पर काल की तरह उनकी उसमें उम्र नही बढ़ती थी ,लामी ,कामी और ओंमी भी उनके साथ हीं समयमनी में रहती थी ,ओंमी ने काल को बहुत से अद्धभुत दिव्य शस्त्रों के बारे में बताया जो धरतींपर ही गुप्त रूप से मौजूद थे ,आत्मा मनी और समय दर्पण का इस्तेमाल करने का तरीका भी उसने बता दिया था ,जब काल का धरती पर लौटने का समय आया तो उसने तेजा से वादा किया कि वो रोज उससे और बच्चों से मिलने आया करेगा ,तेजा ने इतने दिनों में पहली बार काल के जाते समय अपने आसु बहाये थे ,तेजा ने काल को अपनी बाहो में लेकर उसके सीने से लगकर बहुत देर तक रोती रही ,काल ने भी उसे थोड़ी देर रोने दिया ताकी उसका दर्द कम हो सके ,
तेजा ,आप कभी कोई सवाल नही पूछते ,ना कभी अपने गम को मुझपर जाहिर होने देते है ,पर आप एक बात समझ नही पाए इतने सालों में ,आपके दिल और आत्मा से जुड़ चुकी हूं ,आपके दिल मे जो धड़कन है ना वो तक मे महसूस कर सकती हूं ,आपके आत्मा को में अपने अंदर समा चुकी हूं ,आपने मुझे जिंदगी की हर खुशी दी ,मेरी हर चाहत को आपने पूरा किया है काल ,में आपको कुछ बताने वाली हु और आपको सुनना होगा ,में अपने अतीत के बारे में नही कहने वाली यह बात अलग है ,आपके पास समयमनी था ,जिसमे आप रहकर मुझसे बच सकते थे ,आपके साथ मुझे ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने को मिले इसलिये मेंनें अपने स्वार्थ के लिये उसमे अपनी ताकद से उसमे बदलाव किया था ,लेकिन मेरी शक्तिया अब उसमे होने की वजह से अब आप के समयमनी में भी आप सुरक्षित नही रह सकते ,में आसानी से उसे नष्ट कर सकती हूं ,आप वो समयमनी मुझे दीजिये में अपनी ताकद निकाल लेती हूं उसमे से ,आपके पास एक मौका तो होना चाहिये ,
काल ,नही तेजा तुमने जो बदलाव किया था समयमनी में वो मुझे बहुत काम मे आनेवाला है ,उसकी वजह से मेरा बहुत समय बचने वाला है ,अगर तुम्हें लगता है कि जब हम दोनो एक दूसरे के सामने होंगे तो में समयमनी में चला जाऊंगा तो यह में कभी नही कर सकता ,तुम्हारे हाथों से मिलने वाली उस मौत के तोहफे को में हसते हुवे कबूल करने वाल हु ,
तेजा ,काल आप समझ नही रहे ,मेरी शक्तियो के सामने आप नही टिक पायंगे ,आपने अपनी आत्मा का अंश आत्ममनी में भी रख दिया ,तो भी आप नही बच सकते ,आपके साथ आप के आत्मा के अंश भी नष्ट कर सकती हूं में ,आत्मामनी से आपके अंश को में आसानी से मिटा सकती हूं ,आप के पास यह समय मनी ही है जो शायद आप की जान बचा सके ,
काल ,तेजा मैने तुम्हारे साथ 6 हजार साल बिता दिए है समयमनी में ,मेरी जिंदगी में जी चुका हूं उसमे ,तुमने मुझे इतना प्यार दिया है ना कि, मुझे पहले जो तुम्हारे साथ को खोने की जो एक टीस थी न वो भी नही रही ,जो होगा वो देखा जाएगा ,आजसे एक बात याद रखना जब भी हम एक दूसरे मिलने के बाद विदा लेंगे तुम मुझे रोते हुवे नही बल्कि अपनी प्यारी सी मुस्कान से विदा करोगी ,जो में दिल मे बसाकर रखूंगा और जब भी तुम्हारी याद आएगी ,उस मुस्कराते चेहरे को देख कर खुश होता रहुँगा ,तेजा ने काल की बात मानकर अपने चेहरे पर मुस्कान लाकर काल को विदा किया ,पर चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आसु लिये तेजा को देखकर काल के दिल मे जो इतने सालों से जलती आग और भड़का दिया था ,काल अपने आसु रोककर सबको प्यार से मिलकर समझा कर धरती पर लौट आया , काल जब धरती पर लौटा तो न भवानीगढ़ गया न मुंबई के अपने घर ,उसने अपने एक प्रतिरूप को अपनी जगह भेजकर खुद अपने भीकू वाले घर मे पहुँच गया ,जहा शिवा का बचपन गुजरा था आज उस घर मे काल आकर फर्श पर बैठ गया था ,तभी उसके अंदर से शेरा की आवाज आयी ,काल आप अभी तक अपने खयालो से बाहर नही आये ,
काल ,शेरा तुम तो सो रहें थे ना मेरे अंदर ,तुम कब नींद से जाग गए ,
शेरा ,भाई आप भूल गए शायद जब तक आप मुझे सोने की इजाज़त नही देते तब तक मे सो नहीं सकता ,आप ने आपकी शादी के दूसरे दिन मुझे गरुड़ लोक देखने के लिये बाहर निकाल लिया था ,उसके बाद में जब शाम को आपके अंदर वापीस आया तबसे न आपने मुझे महसूस किया या कोई मुझसे बात की ,इससे साफ जाहिर होता है ना कि आप को मेरे अपने अंदर आने के बाद इतना समय बिताकर भी आपने कभी मेरे ऊपर ध्यान नही दिया ,ना कभी मुझसे कोई बात की ,
काल ,कुछ नही शेरा में अपने अलग ही दुनिया मे जी रहा था ,शायद इस वजह से ऐसा हुवा होगा ,तुम सो जाओ थोड़ी देर बहुत वक्क्त से तुम सोए नही हो ,कुछ वक्त आराम कर लो ,
काल की बात सुनकर शेरा भी सो गया उसे पता था कि काल उसे कुछ नही बताने वाला ,काल ने अपनी आंखें बंद करली आज उसके आसु निकल रहे थे जो उसने 6 हजार साल में एक बार भी नही बहने दिए थे ,काल अपने आसु बहाता बैठा था कि उसके आसु किसने पोछकर कहा ,भाई आप रो रहे हो ,क्या बात है ,यह काल 2 था ,अपने सामने काल 2 को देखकर काल शिवा के रूप में आ गया ,शिवा ,बस कूछ बात है मेरे भाई जो मुझे रोने पर मजबूर कर रही थी ,
काल 2 ,भाई क्या में आपके रोने की वजह जान सकता हु ,आप मे इतनी शक्तिया है आपके लिए कुछ भी नामुमकिन नही है ,फिर भी आप ऐसे रो रहे हो अकेले बैठकर ,
शिवा ,यही ताकद तो रोने की वजह बन गयी है काल ,में कितना भी शक्तिशाली क्यो न हो जाऊं काल पर रहुँगा तो एक इंसान ही न ,मेरी ताकद से में किसी की भी मुश्किल सुलझा सकता हु ,उसके दर्द को दूर कर सकता हु ,पर में खुद की कुछ भी मदद नही कर सकता इस शक्तियो से ,ना यह मेरे किसी काम मे आएगी ,मुझमे इंसानो जैसी सारी भावना है ,जिसकी वजह से में भी चाहत रखता हूं कुछ पाने की ,सबके साथ हमेशा रहने की ,जो मुझे पता है कभी पूरी नही होगी ,पर यह दिल नही मानता उसे तो सबकुछ चाहिये ,वो कुछ भी खोने को तैयार ही नही है ,सबके प्यार को देखकर इसे लगता है उसे हमेशा वैसा ही प्यार मिलता रहे ,पर मेरे नसीब में यह नही है ना भाई ,और दिल मे वही आग भड़क रही है ,जिसमे वो मुझे अपने अंदर ही जला रहा है ,उसे ना ताकद चाहिये न कोई शक्तिया उसे बस उसके दिल मे बसने वालो का साथ चाहिये ,बचपन से अनाथ की जिंदगी जीने वाले को ,प्यार के शब्द को सुनने के लिये तरसने वाले दिल को जब इतना चाहने वाले मीले है ,जिनका साथ भी ज्यादा देर तक नही रहने वाला ,इस सच्चाई को ही इस समंझाने में लगा हु ,पर यह मेरी बात मान ही नही रहा ,इसे मेंनें बहुत समाझाया की हमारी मंजिल बहुत अलग है ,हमे सबका साथ नही मिलने वाला जिंदगी भर ,सब दिल मे रहने वालों को यही छोड़कर जाने की बात से वो खफा है शायद और उसका साथ यह आंखे भी दे रहीं है ,में अपनी मौत से नहीं डरता काल वो तो होनी है आज नही तो कल ,में भगवान से जिंदगी की भीख भी नही मांग रहा न कभी मांगूगा ,में तो बस चाहता हु मुझे प्यार करने वाले लोग और न मिले ,में उनके प्यार और चाहत से कमजोर हो जाता हूं ,बस अपने दायित्व को जल्दी से खत्म करना चाहता हु ,में अपने दिल मे इतना दर्द लेकर सबके सामने जाने से डरने लगा हु ,की कही उन्हें देखकर में रोने ने लग जाऊ ,मेरे आसु देखकर वो लोग भी बहुत दुखी होंगे ,इसीलिए थोड़ी देर यहा बैठकर अपने आसु बहाकर में चला जाऊंगा ,
काल2 शिवा की बात सुनकर कुछ नही बोला ,शिवा थोड़ी देर वही बैठकर मुंबई के अपने घर चला गया ,उसके गम में उसे यह तक याद नहीं रहा कि ,काल2 को जबतक वो नही बुलाता वो नही आ सकता शिवा के पास ,काल2 के पास भगवान शिवजी प्रकट हो गए ,उन्हें देखकर काल 2 ने अपने आंखों से बहते आसु पोछकर अपना रूप बदल लिया यह मा पार्वती ही थी जो काल2 बनकर शिवा को रोते देख उसके पास आ गयी थी ,उन्होंने शिवजी की तरफ देखकर कहा ,यह कैसी परीक्षा भोलेनाथ ,सिर्फ दुनिया भर के गम देकर आप शिवा के साथ सही नही कर रहे ,उसकी तो चाहत खुद के लिये कुछ नही मिलने पर भी आपका दिया दायित्व पूरा करने का ही लक्ष्य है ,क्या आप उसकी कुछ भी मदद नही करने वाले ,
भोलेनाथ, देवी शिवा के गम अभी शुरू भी नही हुवे ,उसकी बहुत ही कड़ी परीक्षा होने वाली है और ,उसे सब सहकर ही अपने दायित्व में भी यशस्वी होना पड़ेगा ,और इसमें उसकी कोई मदद नहीं करने वाले ,यह उसकी ही लड़ाई जो उसे खुद ही लड़नी है ,भोलेनाथ जी वहाँ से चले गए ,माता पार्वती भी वहां से गायब होकर मा लक्ष्मी और माँ सरस्वती के पास जा पहुंची ,तीनो देवियां एक जगह पर बैठ गई ,मा पार्वती ने दोनो से कहा ,हमे भुजंग को ऐसा वरदान नही देना चाहिये था ,हमारी वजह से सबसे ज्यादा तकलीफ और दर्द शिवा को ही मिलने वाला है ,हमे शिवा की मदद करनी होगी पर कैसे करे मदद हमे त्रिदेवो ने शिवा की कुछ भी मदद करने से रोक रखा है ,
दोनो देवियां ,आप सही कह रही है जो गलती हमसे हो गयी उसके वजह हम किसी निर्दोष और मासूम को सजा नही होने देँगे ,आप ही कुछ उपाय निकाल सकती है इसमें
मा पार्वती ,कुछ देर सोचकर ,हमे शिवा की मदद करने के लिये रोका गया है ना पर कोई और शिवा की मदद करे तो न हमारा वचन टूटेगा न शिवा को हम कुछ होने देंगे ,
दोनो देवियां हसकर ,आपको यू ही आदिशक्ति नहीं कहा जाता ,आपकी बात हम समझ गये है ,इसके साथ तीनो देवियों के बदन से एक अदृश्य शक्ति निकल कर एक हो गयी और धरती पर जाकर किसी लड़की में समा गई ,
उन तीनों की सब बातें और हरकत देखकर तीनो त्रिदेव हसने लगे थे ,भगवान विष्णु बोले ,भोलेनाथ आपकी लीला अगाध है ,आप ने यह बहुत सही किया है आज ,आपकी वजह से ही शिवा की एक मजबूत ढाल बन गई जो शिवा के सामने खड़ी होने वाली है ,
भोलेनाथ हसकर बोले ,आप अभी तक समझ नही रहे विष्णु जी ,शिवा को किसी की जरूरत नही है ,उसे जरूरत है खुद को पहचानने की जो अब तीनो देवी यो की बनी शक्ति करने वाली है ,भुजंग को अपनी चाल चलने दीजिये ,उसका सामना जब भी शिवा से होगा उसे समज आ जायेगा कि वरदान में मिली शक्तियो का इस्तेमाल धोका देने की लिये करने की क्या सजा होती है , ।
Behtreen update dost
 
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